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अमेरिकी अखबार की शर्मनाक हरकत, FM निर्मला सीतारमण को लेकर छापा ऐसा ऐड; भारत ने दिया जवाब
विज्ञापन में यह भी लिखा है कि ग्लोबल मैगनिटस्की ह्यूमन राइट्स अकाउंटिबिलिटी एक्ट के तहत भारत पर आर्थिक और वीजा को लेकर प्रतिबंध लगाया जाए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक शर्मनाक हरकत की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दौरे के दौरान उसने अपने फ्रंट पेज पर एक ऐसा विवादित विज्ञापन छापा, जिसमें भारतीय वित्त मंत्री पर बैन लगाने की मांग की जा रही है. अखबार के पहले पेज यह विज्ञापन एक संगठन ने छपवाया है.
विज्ञापन की हेडलाइन WANTED
इस विज्ञापन की हेडलाइन WANTED है और उसमें भारत को निवेश करने के लिए असुरक्षित स्थान बताया गया है. उस विज्ञापन में निर्मला सीतारमण को फोटो भी दी गई है और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार बताया गया है. इस विज्ञापन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ-साथ 11 लोगों के नाम भी दिए गए हैं.
विज्ञापन में 11 लोगों के हैं नाम
विज्ञापन में विवादित टिप्पणी करते हुए इन 11 लोगों को जिम्मेदार बताते हुए कहा गया है कि ये ही वे लोग हैं, जो राजनीतिक और उद्योग जगत के विरोधियों के खिलाफ भारत की संवैधानिक संस्थाओं को हथियारों की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. फ्रंट पेज विज्ञापन के जरिए निवेशकों से अपील किया गया है कि वे भारत से दूरी बनाकर ही रखें क्योंकि भारत निवेश करने के लिए अब सबसे असुरक्षित स्थान है.
भारत पर आर्थिक और वीजा बैन की भी मांग
इतना ही नहीं, विज्ञापन में यह भी लिखा है कि ग्लोबल मैगनिटस्की ह्यूमन राइट्स अकाउंटिबिलिटी एक्ट के तहत भारत पर आर्थिक और वीजा को लेकर प्रतिबंध लगाया जाए. आपको बता दें कि इसी कानून के तहत अमेरिकी सरकार किसी विदेशी नेता या विदेशी अधिकारी पर प्रतिबंध लगाता है और अमेरिका में उसके लिए No Entry हो जाती है.
विज्ञापन में किन 11 लोगों के नाम हैं?
इस विज्ञापन में निर्मला सीतारमण के अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन, सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता और वी रामसुब्रमण्यम, विशेष न्यायाधीश चंद्रशेखर, ईडी के संजय कुमार मिश्रा, ईडी के सहायक निदेशक आर राजेश, सीबीआई के डीएसपी आशीष पारीक, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण और ईडी के उप निदेशक ए सादिक मोहम्मद का नाम दिया गया है.
भारत ने क्या दिया रिएक्शन?
इस विवादित विज्ञापन पर भारत सरकार का रिएक्शन भी सामने आ चुका है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार कंचन गुप्ता ने इस विवादित विज्ञापन पर जवाब देते हुए कहा, "धोखेबाजों द्वारा अमेरिकी मीडिया का शर्मनाक शस्त्रीकरण है. यह भारत की संप्रभुता के खिलाफ एक अभियान है. क्या आप यह जानते हैं कि इस विज्ञापन और इस जैसे विज्ञापन के पीछे कौन है? यह विज्ञापन देवास के भगोड़े सीईओ रामचंद्र विश्वनाथन द्वारा दिया गया है."
Shameful weaponisation of American media by fraudsters.
— Kanchan Gupta ?? (@KanchanGupta) October 15, 2022
This shockingly vile ad targeting #India and its Government appeared in @WSJ .
Do you know who is behind this and similar ads?
This ad campaign is being run by fugitive Ramachandra Vishwanathan, who was the CEO of Devas.
n1 pic.twitter.com/o7EWFmMsSR
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