इस मामले में आयकर विभाग की ओर ट्रिब्यूनल में जब शिकायत की गई तो उन्होंने पार्टी के खाते सीज करने पर रोक लगा दी थी.
आयकर विभाग की ओर से कांग्रेस पार्टी को 210 करोड़ की रिकवरी का नोटिस जारी करने के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस मामले की सुनवाई के बावजूद उसके खातों से 65 करोड़ रुपये निकाल लिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी ने ये भी कहा कि सबसे दिलचस्प बात ये है कि ये कार्रवाई उनके खिलाफ तब हुई है जब उनका मामला अभी अदालत में विचाराधीन है. ऐसे में ये कार्रवाई गलत है. इसमें कांग्रेस के खाते से 60 करोड़ और आईवाईसी के खाते से 5 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं.
Yesterday, the Income Tax Department mandated banks to transfer over ₹65 crores from @INCIndia, IYC, and NSUI accounts to the government—₹5 crores from IYC and NSUI, and ₹60.25 crores from INC, marking a concerning move by the BJP Government.
— Ajay Maken (@ajaymaken) February 21, 2024
Is it common for National… pic.twitter.com/eiObPTtO1D
ट्रिब्यूनल ने 210 करोड़ के नोटिस पर दिया स्टे
कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि आयकर विभाग की ओर से उनकी पार्टी को जो 210 करोड़ रुपये का नोटिस दिया गया था, उस मामले में ट्रिब्यूनल पहले ही स्टे दे चुकी है. उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में ग्रहणाधिकार (Lien) भी दर्ज कर लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि फिर भी विभाग ने पार्टी खातों से पैसे निकालकर गैर लोकतांत्रिक कार्रवाई की है. इससे देश की बहुदलीय व्यवस्था को खतरा हो सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस मामले में न्यायपालिका ने हस्तक्षेप नहीं किया तो लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा.
आईटी ट्रिब्यूनल ने दी थी पार्टी को दी थी राहत
आयकर विभाग की ओर से पार्टी को दिए गए 210 करोड़ रुपये के नोटिस के मामले में कांग्रेस पार्टी के द्वारा ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाए जाने के बाद उसे वहां से राहत मिल गई थी. ट्रिब्यूनल ने पैसों की जब्ती पर भी राक लगा दी थी. इस मामले में कांग्रेस पार्टी को 115 करोड़ रुपये रोककर बाकी रकम खर्च करने की अनुमति दे दी है. कांग्रेस पार्टी के वकील ने बताया कि खातों को सीज किए जाने के बाद पार्टी लोकतंत्र के पर्व चुनावों में भाग नहीं ले पाएगी.
अजय माकन ने लगाया ये आरोप
कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अगर जांच एजेंसियों की कार्रवाई इसी तरह से जारी रही तो आने वाले समय में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को न्यायपालिका पर पूरी तरह से विश्वास है.
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कांग्रेस के इस युवा उम्मीदवार ने बाजार में कई कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है, यही नहीं कई फंड्स में भी पैसा लगाया है. जबकि उनके पास कैश केवल 27 हजार रुपये है.
सूरत लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद अब मध्य प्रदेश में एक और कांग्रेस पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इस बार खबर आई है इंदौर से, जहां कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उनके बीजेपी ज्वॉइन करने की जानकारी मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के पूर्व महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स के माध्यम से दी. करोड़ों की कमाई करने वाले अक्षय कांति ने 2022-23 के लिए अपनी आय 2 करोड़ रुपये से ज्यादा शो की है. उनकी पत्नी की लखपति हैं.
आखिर कितनी है अक्षय कांति के पास संपत्ति
अक्षय कांति के पास संपत्ति की जानकारी उन्होंने अपने शपथपत्र में दी है जो उन्होंने चुनाव आयोग में दाखिल किया था. उस शपथ पत्र में उन्होंने जो जानकारी दी है उसके अनुसार 2022-23 में उन्होंने 26488955 करोड़ रुपये की कमाई की है. वहीं 2021-22 में अगर उनकी आय की स्थिति देखें तो वो 25215978 करोड़ रुपये रही थी. उनकी पत्नी की आय भी लाखों रुपये में है. उनकी पत्नी रिचा बम ने 2022-23 में 1876978 रुपये की आय पर आईटीआर भरा है. वहीं 2021-22 में उनकी आय देखें तो वो 2595357 करोड़ रुपये दिखाई गई है. वहीं अक्षय के पास 27 हजार रुपये कैश और उनकी फर्म समृिद्ध हॉस्टल के पास 3823200 रुपये हैं. वहीं उनकी पत्नी के पास 9 लाख 70 हजार रुपये कैश हैं.
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इन शेयरों में किया है अक्षय ने निवेश
वहीं अक्षय क्योंकि युवा उम्मीदवार हैं तो ऐसे में उन्होंने बाजार में बड़ी संख्या में निवेश भी किया है. अक्षय ने जिन शेयरों में निवेश किया है उनमें GTB Ltd. के 250 शेयर जिनकी कीमत 8237 रुपये है, LIC India के 15 शेयर जिनकी कीमत 14619 रुपये है, Network 18 media का एक शेयर जिसकी कीमत 87 रुपये, इसी तरह 3990 शेयर Economics Remidies के जिनकी कीमत 39900 रुपये, 124000 शेयर Ratan icon Estate Pvt Ltd के हैं जिनकी कीमत 124000 रुपये हैं. इसके अलावा उनके पोर्टफोलियो में कई म्यूचुवल फंड भी शामिल हैं. इनमें Axis Flexi Fund, HDFC Multicap Fund, Kotak Small Cap Fund, सहित कई लाफ इंश्योरेंस पॉलिसी भी शामिल हैं. उनके निवेश, लोन, ज्वेलरी, से लेकर घर के सामान की कुल कीमत 8 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसी तरह उनकी पत्नी के पास मौजूद निवेश और दूसरी संपत्ति की कुल कीमत 4 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर दी जानकारी
अक्षय कांति बम के बीजेपी का दामन थामने की खबर की जानकारी मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर दी. उन्होंने एक्स पर लिखा
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष @JPNadda, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है.
मध्य प्रदेश में 25 अप्रैल तक नामांकन भरे गए थे. नाम वापसी के लिए 29 अप्रैल का दिन आखिरी दिन था, मध्य प्रदेश में 13 मई को चुनाव होना है. जबकि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे.
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। pic.twitter.com/1isbdLXphb
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) April 29, 2024
बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार व विधायक रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिंग लेने का एक बड़ा आरोप लगा है.
बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे विधायक रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिंग लेने का एक बड़ा आरोप लगा है. इस आरोप के साथ रविंद्र भाटी के लंदन दौरे की एक तस्वीर वायरल हो रही है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला?
ये है आरोप
राजस्थान की बाड़मेर जैसलमेर (Barmer) लोकसभा सीट निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) के कारण एक हॉट सीट बन गई है. भाटी को एक ओर खूब जन समर्थन मिल रहा है. वहीं, इस लोकप्रियता के बीच अब रविंद्र सिंह भाटी पर देश विरोधी ताकतों के मिलने और उनसे फंडिंग लेने का संगीन आरोप भी लग गया है. भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिग लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने का आरोप लगा है, इसे लेकर वह सोशल मीडिया पर भी खूब ट्रोल हो रहे हैं.
भाटी के लंदन दौरे पर उठ रहे सवाल
रविंद्र भाटी पर देश विरोधी विदेशी ताकतों से फंडिग लेने का यह आरोप बीते 2-3 दिन से लगाया जा रहा है. चुनावी सभाओं के साथ-साथ नुक्कड़ रैलियां और सोशल मीडिया के जरिए भी यह सवाल उठाया जा रहा है. दरअसल भाटी फरवरी में लंदन की यात्रा पर गए थे. फरवरी की लंदन यात्रा के दौरान रविंद्र भाटी ने स्थित वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेमोक्रेसी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों के रीडर और प्रोफेसर दिब्येश आनंद, एनपी बॉब ब्लैकमैन समेत कई चर्चित लोगों से मुलाकात की थी. प्रोफेसर दिब्येश कश्मीर को लेकर भारत विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. भाजपा के कई नेता उस मुलाकात के फोटो पर एक्स पर शेयर करते हुए सवाल उठाते हुए उनके देश विरोधी ताकतों का समर्थन करने और उनके चुनाव में ऐसे लोगों फंडिग लेने के आरोप लगा रहे है.
बाड़मेर करारा जवाब देगा इस DESHDROHI को ।#AntiIndiaRavindraBhati pic.twitter.com/zxk2ttg0yj
— Arun Yadav ?? (मोदी का परिवार) (@beingarun28) April 16, 2024
सोशल मीडिया पर छाया बवाल
भाटी की लंदन यात्रा और इस यात्रा के दौरान उनकी मुलाकातों को लेकर 2- 3 दिन से एक वीडियो तेजी से वायरल होने के बाद उनकी एक पुरानी तस्वीर X पर #AntiIndiaRavindraBhati के साथ ट्रेंड हो रही है. वहीं, भाटी के समर्थकों ने लाखों ट्वीट कर #आएगा_तो_भाटी_ही #भाटी_दिल्ली_जायेगा और #shamopbjp हैशटैग को ट्रेंडिंग में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है और इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम का आरोप भाजपा आईटी सेल पर लगाते हुए पार्टी के समर्थन में प्रदेश भर में लोगों ने भाजपा की सदस्यता और पदों से इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू कर दिया.
आरोप सच हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति
रविंद्र सिंह भाटी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है. भाटी ने कहा है कि अगर से आरोप साबित हो जाएंगे, तो वह राजनीति छोड़ देंगे. बता दें, रविंद्र भाटी बाड़में-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने भाजपा से कैलाश चौधरी, जो केंद्र में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री हैं और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल हैं.
रविंद्र कुमारी भाटी के पास है इतनी दौलत
भाटी के नामांकन पत्र के अनुसार उनतके पास 5 लाख 33 हजार 45 रुपये की संपत्ति है. उनके नाम न ही कोई जमीन है औरन ही कोई मकान है. वहीं, उनकी पत्नी धाऊ कंवर के पास 20 लाख 32 हजार 340 की संपत्ति है, जिसमें 19 हजार 32 हजार के गहने व बैंक जमा 340 और हाथ में नकदी एक लाख रुपए शामिल हैं.
ऐसे बढ़ी भाटी की लोकप्रियता
भाटी पहली बार 2019 में उस समय पॉपुलर हुए, जब वे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में विपक्षी उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए और भारी वोटों से जीते. भाटी उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विद्यार्थी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे. उनकी टिकट के लिए दावेदारी थी, लेकिन एबीवीपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. भाटी ने फिर निर्दलीय चुनाव लड़ा और वह 1300 वोटों से जीत भी गए.
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के चुनिंदा आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के आदेश दिए हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान के लिए अब केवल 2 दिन बच गए हैं. वहीं, चुनाव से दो दिन पहले ही राजनीतिक दल व नेताओं ने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी पोस्ट पर शेयर दी, जिसके खिलाफ चुनाव आयोग ने एक बड़ी कार्रवाई कर दी है. तो चलिए आपतो बताते हैं, इन राजनीतिक दल व नेताओं के खिलाफ क्यों और क्या कार्रवाई हुई है?
इन नेतओं की पोस्ट हटाई
एक्स ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी(Yuvajana Sramika Rythu Congress Party) , आम आदमी पार्टी(Aam Admi Party), आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के कुछ चुनिंदा आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के आदेश दिए. एक्स ने बताया कि इन पोस्टों को हटा दिया है. आचार संहिता उल्लंघन करने वाले इन पोस्टों को हटाने के आदेश दो अप्रैल और तीन अप्रैल को जारी किए गए थे.
आचार संहिता का उल्लंघन के तहत पोस्ट हटाने के दिए आदेश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन करने वाले इन पोस्टों को हटाने के आदेश 2 अप्रैल और 3 अप्रैल को जारी किए थे. इन पोस्टों को न हटाने पर चुनाव आयोग ने 'एक्स' को 10 अप्रैल को फिर ईमेल भेजे थे. एक्स ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने निर्वाचित राजनेताओं, राजनीतिक दलों और कार्यालय के उम्मीदवारों द्वारा साझा किए गए, राजनीतिक भाषण वाले पोस्ट पर कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी किए हैं. आयोग ने कहा था कि ये आपत्तिजनक पोस्ट आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था.
कार्रवाई से सहमत नहीं एक्स
Elon Musk के स्वामित्व वाली कंपनी एक्स ने कहा है कि चुनाव आयोग के आदेशों के अनुपालन में उन्होंने शेष चुनाव अवधि के लिए इन पोस्टों को रोक दिया है. एक्स ने कहा है कि वह इस कार्रवाई से असहमत है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहते हैं. उन्होंने इस आदेश से प्रभावित यूजर्स को पोस्ट हटाने से पूर्व सूचित भी कर दिया है और पारदर्शिता को देखते हुए वह टेकडाउन के आदेश को यहां प्रकाशित भी कर रहे हैं. साथ ही चुनाव आयोग से भी ये अपील कर रहे हैं कि वे भी पने सभी टेकडाउन आदेशों को पारित करें. बता दें, देश में 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू होने जा रहे हैं. यह चुनाव 7 चरणों में होगा और करीब 44 दिन तक चलेगा. वहीं, 4 जून को मतदान का परिणाम घोषित होगा.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम को थम जाएगा और 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसके बाद राजनीतिक दल दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान तेज करेंगे.
लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा. इस चरण में 309 उम्मीदवार करोड़पति हैं जिनकी औसतन संपत्ति 5 करोड़ से ज्यादा है. दरअसल एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण किया है. दूसरे चरण में कुल 1198 उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से 1192 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया है.
उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹5.17 करोड़
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने मंगलवार को जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि दूसरे चरण में 1192 उम्मीदवारों से 250 (21%) पर आपराधिक मामले चल दर्ज हैं. वहीं 390 (33%) उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति ₹5.17 करोड़ है. आइये जानते हैं कि एडीआर की रिपोर्ट में क्या-क्या है?
भाजपा के 93% और कांग्रेस के 91% उम्मीदवार करोड़पति
रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण में 33% यानी 390 उम्मीदवार करोड़पति हैं. जिन्होंने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से ज्यादा घोषित की है. भाजपा के 69 में से 64 (93%), कांग्रेस के 68 में से 62 (91%) उम्मीदवार करोड़पति हैं. जेडीयू (JDU) के 5, टीएमसी (TMC) के 4, शिवसेना (उद्धव गुट) के 4, शिवसेना (शिंदे गुट) के 3, सीपीआईएम (CPIM) के 12 व सीपीआई (CPI) के 2, सपा के 4 उम्मीदवार करोड़पति हैं.
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वेंकटरमण गौड़ा सबसे अमीर उम्मीदवार
दूसरे चरण में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों में पहले स्थान वेंकटरमन गौड़ा हैं. कर्नाटक की मांड्या सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गौड़ा के पास 622 करोड़ से अधिक की चल और अचल संपत्ति है. दूसरे स्थान पर कर्नाटक की बेंगलूरू ग्रामीण सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डी.के. सुरेश हैं, जिनके पास 593 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. तीसरी सबसे धनी प्रत्याशी हेमा मालिनी हैं. मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी के पास 278 करोड़ से अधिक की चल और अचल संपत्ति है.
तीन उम्मीदवारों की संपत्ति 500 से 1,400 रुपये
6 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है. वहीं तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 500 से 1,400 रुपये के बीच की बताई है. 500 रुपये के साथ लक्ष्मण नागोराव पाटिल सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार हैं. वह महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, केरल के कासरगोड लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार राजेश्वरी के.आर. ने अपनी संपत्ति महज 1,000 रुपये की घोषित की है. इसके अलावा, महाराष्ट्र की अमरावती सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पृथ्वीसम्राट मुकिंदराव ने अपनी संपत्ति 1,400 रुपये घोषित की है.
राज्यवार करोड़पति उम्मीदवार
करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या के मामले में कर्नाटक सबसे आगे है, जिसके 32 प्रतिशत उम्मीदवार इस श्रेणी में आते हैं, उसके बाद महाराष्ट्र (29 प्रतिशत) और केरल (33 प्रतिशत) का स्थान है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में चुनाव लड़ने वाले करोड़पति उम्मीदवारों का प्रतिशत काफी अधिक है.
डेलीहंट (Dailyhunt) 'ट्रस्ट ऑफ नेशन' ने देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन पोल किया है. इस पोल में 77 लाख लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 63.6 प्रतिशत लोगों ने पीएम मोदी की लीडरशिप पर भरोसा दिखाया है.
न्यूज प्लेटफॉर्म Dailyhunt ने मंगलवार को अपने ‘ट्रस्ट ऑफ द नेशन 2024’सर्वे के नतीजे जारी किए. इस ऑनलाइन सर्वे में 77 लाख से अधिक लोगों से बात की गई और 2024 के आम चुनावों से पहले जनता के मन को टटोलने का प्रयास किय़ा. डेलीहंट के मुताबिक ये सर्वे मौजूदा सरकार के काम-काज के बारे में जनता की धारणा को समझने के उद्देश्य से किया गया, जिसमें 61 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कार्यकाल को लेकर संतुष्टि जाहिर की. रिपोर्ट के मुताबिक 63 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इन चुनाव में बीजेपी-एनडीए गठबंधन की जीत होगी.
पीएम के रूप में कौन हैं मतदाताओं की पसंद?
1.5 में से 3 लोग (64%) नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने के पक्ष में हैं, 21.8 प्रतिशत लोग राहुल गांधी के पक्ष में हैं.
2. 3 में से लगभग 2 (63%) का मानना है कि आगामी चुनाव भाजपा/एनडीए गठबंधन जीतेगा.
3. दिल्ली में पीएम मोदी को 57.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए. वहीं, राहुल गांधी को 24.2 प्रतिशत वोट मिले, जबकि योगी आदित्यनाथ को 13.7 प्रतिशत वोट मिले.
4. उत्तर प्रदेश में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी पहली पसंद बने, उन्हें 78.2 प्रतिशत वोट मिले. जबकि, राहुल गांधी को सिर्फ 10 प्रतिशत वोट मिले.
5.पश्चिम बंगाल में भी पीएम मोदी 62.6 प्रतिशत वोट पीएम पद की पहली पसंद है. जबकि ममता बनर्जी राहुल गांधी से भी पीछे हैं
दक्षिणी राज्यों में कड़ा मुकाबला
1. तमिलनाडु में राहुल गांधी 44.1 प्रतिशत वोट के साथ आगे रहे, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी 43.2 प्रतिशत वोट के साथ उनसे पीछे रहे.
2. हालांकि, केरल में कड़ी टक्कर दिखी, जिसमें पीएम मोदी को 40.8 प्रतिशत और राहुल गांधी को 40.5 प्रतिशत वोट मिले हैं.
3.तेलंगाना में पीएम नरेंद्र मोदी को 60.1 प्रतिशत वोट मिले. वहीं, राहुल गांधी को 26.5 प्रतिशत वोट मिले, जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू 6.6 प्रतिशत वोट से पीछे रहे.
4. आंध्र प्रदेश में पीएम मोदी को 71.8 प्रतिशत वोट मिले. राहुल गांधी को 17.9 प्रतिशत वोट मिले जबकि एन. चंद्रबाबू नायडू 7.4 प्रतिशत पर पीछे रहे.
दिल्ली की नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट सबसे हॉट सीट बन चुकी है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार मशहूर हैं और अक्सर चर्चा में रहते हैं.
कांग्रेस पार्टी ने जब से दिल्ली की नॉर्थ ईस्ट सीट से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के नाम का ऐलान किया है तब से ये सीट हॉट सीट में बदल गई है. हर कोई इसी का जिक्र कर रहा है. हालांकि इस सीट पर जनता किसे चुनेगी ये तो 4 जून को ही पता चलेगा लेकिन एक मामले में कन्हैया कुमार चुनाव की ये जंग पहले ही हार चुके हैं. कन्हैया और मनोज तिवारी की दौलत का जो अंतर है उसमें कन्हैया अपनी जमानत बचाते भी नहीं दिख रहे हैं.
आखिर मनोज तिवारी के पास है कितनी दौलत
मनोज तिवारी इस सीट से मौजूदा समय में सांसद हैं. वो इससे पहले 2019 में जब इस सीट से चुनाव लड़े थे उस वक्त उन्होंने अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया था उसके अनुसार, उनके पास 24 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है वहीं दूसरी ओर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी भी है. उनके पास 3 लाख 50 हजार रुपये का कैश है जबकि 20 से ज्यादा बैंकों में उनके पास 7,35,74,960 करोड़ रुपये हैं. इसी तरह से उनकी निवेश की हुई राशि पर नजर डालें तो एलआईसी की 12 लाख 50 हजार की पॉलिसी, रिती प्रोडक्शन के नाम पर 9,32,635 लाख का पर्सनल लोन, 4 लाख की ज्वैलरी, 45 लाख की दूसरी संपत्ति सहित ऑडी, इनोवा, मर्सिडीज और होंडा सिटी सहित फॉर्चुनर कार की कीमत 54 लाख 3 हजार 436 रुपये है. कुल मिलाकर उनके पास 8 करोड़ 64 लाख 11 हजार 31 रुपये की संपत्ति है. इसी तरह से 15 करोड़ 76 लाख 56 हजार रुपये की अचल संपत्ति है. इसी तरह से उनके उपर 1 करोड़ 36 लाख 18 हजार 755 रुपये की देनदारी है.
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कन्हैया कुमार की कितनी है संपत्ति?
वहीं कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की संपत्ति पर नजर डालें तो उनके पास 5 लाख रुपये की संपत्ति है. जबकि किसी भी तरह की देनदारी नहीं है. कन्हैया कुमार की ओर से जो आईटीआर फाइल की गई है उसके अनुसार, 2017-18 में 6,30,360 रुपये की आईटीआर फाइल की गई है जबकि 2018-19 में 2,28,290 रुपये की आईटीआर फाइल की गई है. उनके पास 24000 रुपये कैश हैं जबकि बैंक में 1,63,698 रुपये हैं. 1,70,150 रुपये उन्होंने एलआईसी में निवेश किया है जबकि कुल मिलाकर उनके पास 357848 रुपये की चल संपत्ति है. जबकि 2 लाख रुपये गैर कृषि योग्य भूमि है.
नॉर्थ दिल्ली बनी हाई प्रोफाइल सीट
दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें चार सीटों पर आम आदमी चुनाव लड़ रही है जबकि तीन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. मनोज तिवारी नॉर्थ दिल्ली से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं जबकि कन्हैया कुमार इससे पहले बेगुसराय से चुनाव लड़ चुके हैं. कन्हैया कुमार राहुल गांधी की न्याय यात्रा में भी काफी सक्रिय रहे थे. मनोज तिवारी एक ओर जहां अभिनेता से लेकर गायक के तौर पर मशहूर हैं वहीं दूसरी ओर कन्हैया कुमार जेएनयू मामले को लेकर चर्चा में आए थे.
भाजपा का घोषणा पत्र विकसित भारत के लिए मोदी की गारंटी पर केंद्रित है. जिसमें महिला, युवा, गरीब और किसानों के उत्थान पर जोर दिया गया है.
भाजपा ने संकल्प पत्र के नाम से जो घोषणा पत्र जारी किया, उस पर अन्य दलों के घोषणा पत्रों के मुकाबले अधिक ध्यान दिया जाना और चर्चा होना इसलिए स्वाभाविक है, क्योंकि एक तो वह सत्ता में है और दूसरे, तीसरी बार सरकार बनाने के लिए आश्वस्त दिख रही है. भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से न केवल विकसित भारत का खाका पेश किया है, बल्कि देश को आत्मनिर्भर और विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का भरोसा भी दिलाया है. अपने इन वादों को महत्व देने के लिए उसने उन्हें मोदी की गारंटी के रूप में इसे पेश किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जारी किया गया यह चुनावी घोषणा पत्र गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित है. लोकसभा चुनाव-2024 के संकल्प पत्र को जारी करने के दौरान पीएम मोदी ने इन चार वर्गों से एक-एक व्यक्ति को ये संकल्प पत्र सौंपा. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में '400 पार' का नारा दिया है, यानि कि पार्टी 400 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाना चाहती है. क्या इन वादों से बीजेपी फिर से तीसरी बार सस्ता में वापसी कर पाएगी. आइए जानते हैं, बीजेपी के 'संकल्प पत्र' की प्रमुख बातें
- 5 साल के लिए फ्री राशन
केंद्र सरकार साल 2020 से 80 करोड़ से ज्यादा परिवारों को फ्री राशन दे रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह योजना आने वाले पांच साल तक जारी रहेगी. उन्होंने कहा, 'हम सुनिश्चित करेंगे कि गरीब के खाने की थाली पोषणयुक्त हो. साथ ही मन को संतोष देने वाली और सस्ती हो.
- जीरो बिजली बिल
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से हर महीने मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे बिजली बिल जीरो हो जाएगा.
- लखपति दीदी
एक करोड़ ग्रामीण औरतों को लखपति दीदी बनाकर सशख्त किया. अब 3 करोड़ महिलाओं क लखपति बनाएंगे.
- कामकाजी महिलाओं के लिए सुविधाएं
औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा. जिलमें शिशुगृह की सुविधा होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आने वाले पांच साल नारीशक्ति नई भागीदारी के होंगे.
- 70 साल के ऊपर के लोगों को आयुष्मान योजना
बीजेपी ने संकल्प लिया है कि 70 साल से ऊपर के हर वृद्ध को आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. उन्हें पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.
- बुलेट ट्रेन
हम बुलेट ट्रेन कॉरिडोर विकसित कर रहे हैं. बुलेट ट्रेन नेटवर्क के विस्तार के लिए उत्तर, दक्षिण और पूर्व में कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी अध्ययन करेंगे.
- तीन करोड़ घर बनाने का संकल्प
बीजेपी सरकार ने गरीबों को पक्के मकान बनाकर दिए हैं. अब जो जानकारियां राज्य सरकार को मिल रही हैं. उन परिवारों के लिए तीन करोड़ घर बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे. अभी हमने घर-घर सिलेंडर पहुंचाए हैं. अब पाइपलाइन से सस्ती रसोई गैस पहुंचाने के लिए काम करेंगे.
- वन नेशन, वन इलेक्शन
एक देश, एक चुनाव संबंधित मुद्दों की परीक्षण के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है. उनकी सिफारिशों के सफल कार्यान्वयन की दिशा में काम किया जाएगा.
- मेडिकल एजुकेशन में सीट बढ़ेगी
नए एम्स और विभिन्न नए जिला-स्तरीय में मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से यूजी और पीजी मेडिकल में सीट बढ़ाई जाएंगी.
- समान नागरिक संहिता कानून
समान नागरिक संहिता देश के संविधान के अनुच्छेद में राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में दर्ज है. बीजेपी का मानना है कि जब तक समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाएगा, तब तक महिलाओं को समान अधिकार नहीं मिल सकता.
दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा देने के साथ आम आदमी पार्टी का साथ भी छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी में दलित विधायक और मंत्री का कोई सम्मान नहीं है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ चल रही खींचतान के बीच अब आम आदमी के एक मंत्री ने बड़ा झटका दे दिया है. दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा से दिया है. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी का दामन भी छोड़ दिया है. आपको बता दें, हाल में ईडी ने राजकुमार आनंद के घर पर भी छापेमारी की थी. राजकुमार आनंद पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और पेशे से एक व्यापारी हैं. क्या आप जानते हैं इस मंत्री के पास कितनी संपत्ति है, तो चलिए हम आपको उनके पार्टी छोड़ने के कारण से लेकर उनकी संपत्ति तक पूरी जानकारी यहां देते हैं.
क्यों दिया इस्तीफा?
राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी पर बहुत ही संगीन आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि पार्टी में इनके अग्रिम नेताओं में कोई भी दलित नहीं है, किसी राज्य का प्रभारी दलित नहीं है, ऐसे हालात में सभी दलित नेता और कार्यकर्ता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में दलित विधायकों या पार्षदों का कोई सम्मान नहीं होता है. दलितों को प्रमुख पदों पर जगह नहीं दी जाती है. वह बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांत पर चलने वाला व्यक्ति हैं, अगर दलितों के लिए ही काम नहीं कर पाए, तो फिर पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है.
पार्टी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
इस्तीफा देते समय राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार में डूब गई है अब वह इस पार्टी में नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है. उनके लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है, इसलिए अब वह पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं और भ्रष्टाचार से खुद को दूर ऱखना चाहते हैं.
ईडी ने घर पर की थी छापेमारी
आपको बता दें, राजकुमार आनंद दिल्ली में समाज कल्याण मंत्रालय संभालते थे. हाल ही में राजकुमार आनंद के घर भी ईडी की रेड पड़ी थी. पिछले साल नवंबर महीने में राजकुमार आनंद के घर पर ईडी की टीम छापेमारी करने पहुंची थी और उनसे जुड़े कुल एक दर्जन से ज्यादा परिसरों पर ईडी ने छापेमारी की थी. वहीं, ईडी के शिकंजे में फंसकर मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन और खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी जेल जदाना पड़ा है, ऐसे में शायद खुद को बचाने के लिए उन्होंने खुद को इस पार्टी से ही दूर कर लिया है.
करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं राजकुमार आनंद
53 वर्षीय राज कुमार आनंद पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. पेशे से वह एक व्यापारी हैं. उन्होंने 1989 में बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, झांसी से पोस्ट ग्रेजुएट मास्टर ऑफ आर्ट्स (राजनीति विज्ञान) की पढ़ाई की हई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2020 में उनके पास कुल संपत्ति करीब 78 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें से चल संपत्ति करीब 18 करोड़ रुपये और अंचल संपत्ति 60 करोड़ रुपये है. उन्होंने 2 करोड़ रुपये का निवेश कंपनी के ब्रैंड, शेयर और डिबेंचर में किया हुआ है. उनके पास 7,50,000 की टोयोटा फॉर्च्यूनर कार भी है. साथ ही करीब 19,20,000 लाख रुपये के गोल्ड और डायमंड के आभूषण भी हैं.
इस्तीफे से पहले केजरीवाल के समर्थन में किया था पोस्ट
राजकुमार आनंद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सीएम अरविंद केजरीवाल के समर्थन में पोस्ट भी किया था. उन्होंने संजय सिंह की प्रेस कांफ्रेंस का एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा था, कितनी हास्यास्पद बात है कि एक चुने हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान और एक सांसद को मुलाकात के लिए टोकन नंबर दिया जाता है. फिर मुलाकात को कैंसिल कर दिया जाता है. तिहाड़ जेल के अधिकारी मोदी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं. लेकिन अब उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है.
हैदराबाद से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. माधवी लता लगातार हिंदुत्व के लिए अपनी आवाज उठाती रहती हैं.
हैदराबाद से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता को Y+ सिक्योरिटी गई है. दरअसल, माधवी असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहीं हैं. वो हिंदुत्व के लिए मुखरता से अपनी आवाज उठाती हैं. साथ ही हैदराबाद में सामाजिक कामकाज के लिए जानी जातीं हैं. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इनकी खूब तारीफ की है, जिससे ये सुर्खियों में आ गई हैं. क्या आप जानते हैं इस प्रखर सनातनी महिला के पास कितनी संपत्ति है, नहीं तो आपको इनकी नेटवर्थ और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ जानकारी देते हैं.
कौन हैं माधवी लता, कितनी है इनके पास संपत्ति?
डॉ. माधवी विरिंची हॉस्पिटल्स (Virinchi Hospitals) की चेयरपर्सन हैं. हैदराबाद में इनके तीन अस्पताल हैं. माधवी हिंदुत्व के लिए मुखरता से अपनी आवाज उठाती हैं.
माधवी लता ने निज़ाम कॉलेज से लोक प्रशासन में ग्रेजुएशन और उस्मानिया विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की है. माधवी लता भरतनाट्यम डांसर भी हैं, वो हैदराबाद में सामाजिक कामकाज के लिए जानी जातीं हैं. वह लोपामुद्रा चैरिटेबल ट्रस्ट और लतामा फाउंडेशन की प्रमुख हैं, जोकि हेल्थकेयर और शिक्षा पर काम करती हैं. 1 मार्च, 2023 को दायर कॉर्पोरेट शेयरहोल्डिंग के अनुसार माधवी लता के पास सार्वजनिक रूप से करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति के साथ 2 स्टॉक हैं.
इसलिए मिली Y+ सुरक्षा
हैदराबाद लोकसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी को चुनौती दे रहीं भाजपा उम्मीदवार माधवी लता की सुरक्षा बढ़ाई गई है, उन्हें Y+ कैटगरी की सुरक्षा दी गई है. गृह मंत्रालय ने आईबी की थ्रेट रिपोर्ट का आधार पर माधवी लता को यह सुरक्षा दी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, Y+ कैटगरी की सुरक्षा में 11 कमांडो तैनात किए जाते हैं. वहीं, पांच पुलिस के स्टैटिक जवान वीआईपी की सुरक्षा के लिए उनके घर के आसपास मौजूद रहते हैं. छह पीएसओ तीन शिफ्ट में संबंधित वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करते हैं.
पीएम ने की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माधवी लता की खूब प्रशंसा करते हैं. वह लगातार हिंदुत्पीव के लिए अपनी आवाज उठाती रहती हैं. वह समाजसेवा के भी कार्य करती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया पर टीवी शो का जिक्र करते हुए कहा कि माधवी लता जी, आपका 'आप की अदालत' एपिसोड असाधारण है. आपने बहुत ठोस मुद्दे उठाए हैं और तर्क और जुनून के साथ ऐसा किया है. आपको मेरी शुभकामनाएं.
Madhavi Latha Ji, your ‘Aap Ki Adalat’ episode is exceptional. You’ve made very solid points and also done so with logic and passion. My best wishes to you.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 7, 2024
I also urge everyone to watch the repeat telecast of this programme at 10 AM or 10 PM today. You all will find it very…
हैदराबाद से पहली बार भाजपा ने महिला को दिया टिकट
हैदराबाद ओवैसी परिवार का गढ़ है. पहले असद्दुदीन के पिता सुल्तान 1984 से 2004 तक यहां से सांसद रहे. उसके बाद 2004 से अब तक असद्दुदीन यहां से सांसद हैं. भाजपा ने हैदराबाद से पहली बार एक महिला उम्मीदवार पर दांव खेला है. इससे पहले पार्टी ने भगवत राव को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, भगवत को ओवैसी से लगभग 3 लाख वोटों से हार झेलनी पड़ी थी. इस बार भाजपा ने महिला उम्मीदवार को उतारकर मुकाबला कड़ा करने की कोशिश की है.
मुस्लिम बेटियों की पढ़ाई के लिए करती हैं काम
माधवी लता पुराने हैदराबाद में गरीब मुस्लिम परिवारों की बेटियों की शिक्षा पर काम करती हैं. उहोंने तीन तलाक के खिलाफ भी खूब लड़ाई लड़ी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार माधवी '20 साल से समाज सेवा कर रही हैं. उनेहोंने 8-10 महीने पहले हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र में फ्री में 1008 नॉर्मल डिलिवरी करवाने का ऐलान किया था, उनके इस काम को देखते हुए मोदी जी ने सांसद का टिकट दिया है.
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. घोषणा पत्र में 5 न्याय और 25 गारंटियों पर फोकस किया गया है.
लंबे समय से जिस GST में बदलाव करने की बात कर कांग्रेस कर रही है, आज लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणा पत्र में इसको लेकर बड़ा वादा किया है. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि सरकार में आने के बाद जीएसटी के कानूनों में बदलाव किया जाएगा. इसके अलावा एंजल टैक्स व्यवस्था को भी खत्म करने की बात कही गई है. साथ ही घोषणापत्र में रोजगार और टैक्स सिस्टम से जुड़े कई वादे किए हैं.
इनकम टैक्स की दरें होंगी स्थिर, खत्म होगा एंजेल टैक्स
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लिखा, कांग्रेस एक डायरेक्ट टैक्स कोड बनाएगी जो डायरेक्ट टैक्स की ट्रांसपेरेसी, समानता, स्पष्टता और निष्पक्ष कर प्रशासन के युग की शुरूआत करेगी. कांग्रेस अपने पूरे कार्यकाल के दौरान व्यक्तिगत आयकर दरों को स्थिर बनाए रखेगी। इससे वेतन प्राप्त करने वाले वर्ग को बढ़ती कर की दरों का सामना नहीं करना पड़ेगा और उन्हें मध्यम से लंबी अवधि में अपने वित्त की योजना बनाने में स्पप्टता मिलेगी. कांग्रेस एंजेल टैक्स और निवेश को बाधित करने वाली अन्य सभी शोषणकारी कर योजनाओं को खत्म करेगी.
MSME पर कम होगा टैक्स का बोझ, सरचार्ज को किया जाएगा खत्म
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में आगे लिखा कांग्रेस व्यक्तिगत (प्रोप्राइटरशिप) और साझेदारी फर्मों के स्वामित्व वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.ई.) पर कर का बोझ कम करेगी. कांग्रेस केंद्रीय उपकर और अधिभार को सकल कर राजस्व के 5 प्रतिशत तक सीमित करने के लिए एक कानून लाएगी. इस कानून के माध्यम से राज्यों को उनके कर राजस्व के उचित हिस्से से वंचित करने के लिए मोदी सरकार के दोहरे "उपकर"राज को समाप्त किया जाएगा.
जीएसटी में किया जाएगा बदलाव
हम राज्यों को टैक्स रिवेन्यू में उनके उचित हिस्से से वंचित करने के मोदी सरकार के सेस को समाप्त करेंगे, इसके लिए हम एक कानून लाएंगे, जिसके तहत केंद्रीय सेस और सरचार्ज को ग्रोस रिवेन्यू टैक्स को 5 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा. कांग्रेस भाजपा/एनडीए सरकार द्वारा बनाए गए जीएसटी कानूनों को जीएसटी 2.0 से बदल देगी. कृषि इनपुट पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. जीएसटी रिवेन्यू का एक हिस्सा पंचायतों और नगर पालिकाओं को आवंटित किया जाएगा.
घोषणा पत्र में 5 न्याय का जिक्र
घोषणा पत्र में पांच तरह के न्याय का जिक्र किया है. न्यूनतम मजदूरी 400 रुपए, 40 लाख सरकारी नौकरियां, गरीब महिलाओं को एक लाख की मदद, ट्रेनिंग के लिए एक लाख की मदद, शहरी रोजगार गारंटी स्कीम लाने का वादा किया है. राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई चिरंजीवी योजना के तर्क पर देशभर में 25 लाख रुपए तक निशुल्क इलाज के लिए कैशलेस बीमा योजना लागू की जाएगी. परिवार की सबसे बुजुर्ग महिलाओं को महालक्ष्मी योजना के तहत 1 लाख सालाना दिया जाएगा.
30 लाख सरकारी नौकरी का वादा
पार्टी ने 'युवा न्याय' के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है. पार्टी ने 'हिस्सेदारी न्याय' के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की 'गारंटी' दी है. उसने 'किसान न्याय' के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है.
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श्रमिकों और महिलाओं के लिए वादे
कांग्रेस ने 'श्रमिक न्याय' के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपये प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है. उसने 'नारी न्याय' के अंतर्गत 'महालक्ष्मी' गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं. वहीं कांग्रेस 2025 से महिलाओं के लिए केंद्र सरकार की आधी (50 प्रतिशत) नौकरियां आरक्षित करेगी. इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन राशि को बढ़ाकर न्यूनतम 1,000 रुपए प्रति माह किया जाएगा.
युवाओं के लिए गए वादे
कांग्रेस 25 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमा धारक या कॉलेज स्नातक को निजी या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में एक साल की ट्रेनिंग ने के लिए नए राइट टू अप्रेंटिसशिप एक्ट की गारंटी देती है. प्रशिक्षुओं को प्रति वर्ष 1 लाख मिलेंगे. ट्रेनिंग से स्किल मिलेगी, रोजगार क्षमता बढ़ेगी और लाखों युवाओं को पूर्णकालिक नौकरी के अवसर प्रदान करेगी. कांग्रेस स्टार्ट-अप के लिए फंड ऑफ फंड्स योजना का पुनर्गठन करेगी और 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और रोजगार के लिए जहां तक संभव हो- सभी जिलों में समान रूप से उपलब्ध फंड का 50 प्रतिशत आवंटित किया जाएगा.