अडानी ग्रुप की VCPL को ओपन ऑफर के जरिए NDTV में मिली 8.27% हिस्सेदारी

अडानी समूह NDTV में अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 22 नवंबर को ओपन ऑफर लेकर आया था.

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Tuesday, 20 December, 2022
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नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) और अडानी समूह को लेकर एक और खबर सामने आई है. NDTV का कहना है कि अडानी समूह की विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) ने ओपन ऑफर के जरिए कंपनी में 5,330,792 इक्विटी शेयरों के साथ 8.27% की हिस्सेदारी प्राप्त कर ली है. इसके साथ ही NDTV में अडानी समूह की कुल शेयरहोल्डिंग बढ़कर 37.45% हो गई है.

22 को आया था ओपन ऑफर
अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी समूह 22 नवंबर को NDTV में अतिरिक्त 26% हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर लेकर आया था, जो 5 दिसंबर को समाप्त हुआ था. पहले ओपन ऑफर के लिए 17 अक्टूबर से एक नवंबर की तारीख तय की गई थी, लेकिन बाद में उसे बदलकर 22 नवंबर कर दिया गया. बता दें कि NDTV की प्रमोटर फर्म आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPR Holding Private Limited) ने अपनी 99.5% इक्विटी अडानी के स्वामित्व वाली विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) को हस्तांतरित कर दी थी, जिसके बाद ओपन ऑफर की पेशकश गई थी.

किसके पास कितनी हिस्सेदारी
जानकारी के मुताबिक, NDTV के संस्थापक प्रणय रॉय और राधिका रॉय के पास अब कंपनी में क्रमश: 15.94% और 16.32% की हिस्सेदारी है. वहीं, आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की एक अप्रत्यक्ष सहायक कंपनी) के पास 29.18% और वीसीपीएल के पास 8.27% की हिस्सेदारी हो गई है.


एक साथ आए Reliance और Disney इस तरह बाजार में मचाएंगे तहलका

रिलायंस और डिज्नी ने एक बाइंडिंग पैक्ट यानी बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Monday, 26 February, 2024
Last Modified:
Monday, 26 February, 2024
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और वॉल्ट डिज्नी ने एक बड़ी डील की तरफ कदम बढ़ाया है. वॉल्ट डिज्नी ने अपने भारत में मीडिया ऑपरेशन को मर्ज करने के लिए RIL के साथ एक बाइंडिंग पैक्ट यानी बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ब्लूमबर्ग के हवाले से आई इस रिपोर्ट के मुताबिक, मर्ज की गई यूनिट में रिलायंस और उसके पार्टनर्स की मीडिया यूनिट की कम से कम 61% प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि शेष हिस्सेदारी डिज्नी के पास रहेगी. हालांकि, इस पैटर्न में बदलाव भी संभव है. डील क्लोज होने तक डिज्नी के अन्य लोकल एसेट्स को मर्जर में कैसे शामिल किया जाता है, उसके आधार पर हिस्सेदारी में बदलाव हो सकता है.

इसी हफ्ते होगी घोषणा
RIL और डिज्नी ने इस समझौते के बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसी सप्ताह डील की घोषणा हो सकती है. पिछले महीने ZEE-Sony डील टूटने के बाद RIL और डिज्नी की डील को भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है. डिज्नी की टाटा समूह ले ब्रॉडकास्ट सर्विस प्रोवाइडर 'टाटा प्ले लिमिटेड' में भी हिस्सेदारी है. रिलायंस इस हिस्सेदारी को भी खरीद सकती है. गौरतलब है कि डिज्नी को भारत में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उसकी स्थिति मजबूत है. वहीं, रिलायंस मीडिया एवं एंटरटेनमेंट सेक्टर में मजबूती से पैर जमाने में लगी है. ऐसे में ऐसे में रिलायंस और डिज्नी मीडिया सेक्टर में तहलका मचा सकते हैं.  

इतने वैल्यूएशन पर होगी डील 
हाल ही में डिज्नी ने अपने भारतीय बिजनेस का 60% हिस्सा वायाकॉम 18 को करीब 33,000 करोड़ रुपए के वैल्यूएशन पर बेचने पर सहमति व्यक्त की थी. वायाकॉम-18 के मालिक रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी हैं. पिछले साल अक्टूबर में रिलायंस द्वारा डिज्नी के इंडिया एसेट्स के वैल्यूएशन की खबर सामने आई थी, जिसमें डिज्नी+हॉटस्टार स्ट्रीमिंग सर्विस और स्टार इंडिया शामिल है. पिछले महीने यह बात सामने आई थी कि डिज्नी स्टार और वायाकॉम-18 आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 में एडवरटाइजिंग राइट्स हासिल करने की तैयारी कर रहे हैं.

लगातार बढ़ रहा है बाजार
भारत के वीडियो स्ट्रीमिंग मार्केट की बात करें, तो यह लगातार बड़ा होता जा रहा है. 2021 में यह बाजार 5390 करोड़ रुपए का था. 2022 में बढ़कर 6850 करोड़, 2023 में 7333 करोड़ रुपए का रहा और अगले साल यानि 2025 तक इसके 9120 करोड़ रुपए का होने का अनुमान है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि रिलायंस और डिज्नी की डील दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद रहेगी. डिज्नी को जहां रिलायंस की मजबूत उपस्थिति से फायदा होगा. वहीं, रिलायंस को डिज्नी के रूप में एक बना-बनाया प्लेटफॉर्म मिलेगा. उनका यह भी कहना है कि दोनों कंपनियां मिलकर इंडस्ट्री में तूफान ला सकती हैं.  


रजनीश आहूजा ने ZEE News में अपनी पारी को दिया विराम, Editor का पद छोड़ा

जी न्यूज के साथ पिछले काफी समय से जुड़े रहे रजनीश आहूजा ने संपादक के पद से इस्तीफा दे दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 21 February, 2024
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Wednesday, 21 February, 2024
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जी न्यूज (ZEE News) के संपादक रजनीश आहूजा (Rajnish Ahuja) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आहूजा पिछले 2 सालों से यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे. विश्‍वसनीय सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट e4m से इसकी पुष्टि की है. हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि आहूजा अपनी नई पारी कहां से शुरू करेंगे.

25 सालों का अनुभव
रजनीश आहूजा के पास विभिन्न संपादकीय टीमों में पत्रकारिता का 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है. ZEE का हिस्सा बनने से पहले वह ABP न्यूज में वरिष्ठ उपाध्यक्ष - कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस के रूप में कार्यरत थे. इससे पहले, वह इसी कंपनी में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कंटेंट और संपादकीय टीम का नेतृत्व कर रहे थे. 

रजनीश आहूजा ANI रॉयटर्स टीवी के साथ न्यूज ऑपरेशंस के प्रमुख के रूप में भी जुड़े रहे हैं. साथ ही उन्होंने TV टुडे और DD न्यूज में भी अपनी सेवाएं दी हैं.  
 


ZEE के अनुरोध पर क्या बढ़ेगी Merger की डेडलाइन? आ गया Sony का जवाब

ZEE और Sony के मर्जर की फाइनल डेट क्या होगी, इस पर अब तक संशय बना हुआ है. ZEE ने डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है, लेकिन सोनी अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 19 December, 2023
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Tuesday, 19 December, 2023
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जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के डेडलाइन बढ़ाने के अनुरोध पर सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है. सोनी की तरफ से मंगलवार को बताया गया कि मर्जर की डेडलाइन बढ़ाने के ZEEL के अनुरोध पर अभी तक सहमत नहीं बनी है. बता दें कि 10 अरब डॉलर की नई मीडिया एवं एंटरटेनमेंट कंपनी बनाने के लिए ZEE और Sony मर्जर की मौजूदा समय सीमा 21 दिसंबर है. 

Punit Goenka को है उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसने ZEEL के अनुरोध पर अब तक कोई फैसला नही लिया है. हम ZEE से उसके प्रस्ताव और योजनाओं के बारे में जानेंगे कि उसका लक्ष्य शेष महत्वपूर्ण समापन शर्तों को कैसे पूरा करना है. जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के अनुरोध और उस पर अब Sony के इस जवाब से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ZEE-Sony मर्जर जल्द पूरा होने की संभावना बेहद कम है. रविवार को Zeel ने Sony से मर्जर प्लान को प्रभावी बनाने के लिए 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था. ZEEL के सीईओ पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने उम्मीद जताई है कि सोनी इस अनुरोध की समीक्षा करेगा. 

2021 में बनी थी मर्जर की सहमति
Zee और Sony ने 22 दिसंबर, 2021 को एक मर्जर एग्रीमेंट समझौता किया था, लेकिन तमाम कारणों के चलते ये मर्जर अब तक पूरा नहीं हो सका है. ZEEL ने सोनी, जिसे अब कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के नाम से जाना जाता है, से डेडलाइन बढ़ाने को कहा है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि उसने मर्जर की डेडलाइन कितने समय के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है. दोनों कंपनियों के मर्जर की प्रक्रिया कई वजहों से कई बार अटकी है. इसमें रेगुलेटरी जांच, कानूनी मुकदमे, SEBI की सख्ती आदि प्रमुख रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा था कि 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन को पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अब मामला एक फिर लटक गया है.  

नेतृत्व को लेकर है विवाद?
कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि Zee और Sony के बीच मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के नेतृत्व को लेकर भी विवाद है. जहां सोनी के पास विलय की गई इकाई पर बोर्ड के अधिकांश सदस्यों को नामांकित करने का अधिकार है. वहीं, अग्रीमेंट में एक शर्त यह भी जोड़ी गई है कि पुनीत गोयनका नई कंपनी के MD और CEO होंगे. चूंकि, गोयनका को सेबी की जांच का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सोनी उन्हें नई कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त करने को लेकर सावधान है. 


निर्धारित डेडलाइन पर नहीं होगा Zee-Sony Merger, सामने आई ये बड़ी खबर! 

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के मर्जर की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ने वाली है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Monday, 18 December, 2023
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Monday, 18 December, 2023
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जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के मर्जर (Zee-Sony Merger) की डेडलाइन एक बार फिर बढ़ने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Zeel ने सोनी से मर्जर प्लान को प्रभावी बनाने के लिए 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन आगे बढ़ाने के लिए कहा है. ZEEL के सीईओ पुनीत गोयनका (Punit Goenka) ने उम्मीद जताई है कि सोनी इस अनुरोध की समीक्षा करेगा. बता दें कि Zee और Sony ने 22 दिसंबर, 2021 को एक मर्जर एग्रीमेंट समझौता किया था, लेकिन तमाम कारणों के चलते ये मर्जर अब तक पूरा नहीं हो सका है.

कई वजहों से अटकी प्रक्रिया
ZEEL ने सोनी, जिसे अब कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट के नाम से जाना जाता है, से डेडलाइन बढ़ाने को कहा है, लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि उसने मर्जर की डेडलाइन कितने समय के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया है. दोनों कंपनियों के मर्जर की प्रक्रिया कई वजहों से कई बार अटकी है. इसमें रेगुलेटरी जांच, कानूनी मुकदमे, SEBI की सख्ती आदि प्रमुख रहे हैं. हालांकि, माना जा रहा था कि 21 दिसंबर, 2023 की डेडलाइन को पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अब मामला एक फिर लटक गया है. अब देखने वाली बात ये होगी कि ZEEL के इस अनुरोध पर सोनी की क्या प्रतिक्रिया होती है.

दोनों कंपनियों में विवाद!
कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया है कि Zee और Sony के बीच मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी के नेतृत्व को लेकर भी विवाद है. जहां सोनी के पास विलय की गई इकाई पर बोर्ड के अधिकांश सदस्यों को नामांकित करने का अधिकार है. वहीं, अग्रीमेंट में एक शर्त यह भी जोड़ी गई है कि पुनीत गोयनका नई कंपनी के MD और CEO होंगे. चूंकि, गोयनका को सेबी की जांच का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सोनी उन्हें नई कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त करने को लेकर सावधान है. 

ये भी पढ़ें - मीडिया सेक्टर पर मजबूत पकड़ चाहते हैं Adani, इसलिए IANS पर लगाया दांव

NCLAT से मिली है राहत
हाल ही में जी-सोनी मर्जर (Zee-Sony Merger) को लेकर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से एक बड़ी खबर आई थी. NCLAT ने इस मर्जर पर रोक लगाने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है. Axis Finance और IDBI बैंक ने 10 बिलियन डॉलर की दिग्गज मीडिया कंपनी बनाने के इस मर्जर पर रोक के लिए NCLAT का दरवाजा खटखटाया था. याचिका पर सुनवाई के दौरान, आईडीबीआई बैंक की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने तर्क दिया कि जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) ने Essel एंटिटी को दिए गए कर्ज के लिए गारंटी दी थी और यदि मर्जर होता है, तो बैंक कर्ज की वसूली नहीं कर पाएगा. इसलिए मर्जर की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए. 

अधिकार पर ही उठाए सवाल
वहीं ZEEL की तरफ से पेश वकीलों ने कहा था कि मर्जर पर रोक का कोई आधार नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कानून के अनुसार एक्सिस फाइनेंस और IDBI बैंक इसके खिलाफ याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं रखते. NCLAT ने कहा कि चूंकि ये मर्जर अदालत के आदेशों के अधीन है, लेकिन वे मेरिट के आधार पर मामले की सुनवाई किए बिना इस पर रोक नहीं लगा सकते. इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई को 8 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया.


मीडिया सेक्टर पर मजबूत पकड़ चाहते हैं Adani, इसलिए IANS पर लगाया दांव

अडानी समूह अब काफी हद तक हिंडनबर्ग के प्रभाव से बाहर निकल आया है. समूह अब अपनी विस्तार योजनाओं पर फोकस कर रहा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 16 December, 2023
Last Modified:
Saturday, 16 December, 2023
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गौतम अडानी (Gautam Adani) विस्तार की योजनाओं पर वापस लौट चुके हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते उन्हें कुछ समय के लिए इन योजनाओं पर ब्रेक लगाना पड़ा था. अब जब हिंडनबर्ग का प्रभाव लगभग खत्म हो चुका है, अडानी ने 'ब्रेक' से पैर हटाकर 'एक्सीलेटर' पर रख लिया है. अडानी समूह (Adani Group) के चेयरमैन गौतम अडानी इस समय दो सेक्टर्स पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. पहला सीमेंट और दूसरा मीडिया. कुछ दिन पहले ही उन्होंने सीमेंट सेक्टर की कंपनी सांघी सीमेंट (Sanghi Cement) का अधिग्रहण किया है और अब मीडिया कंपनी IANS को भी अपना बना लिया है.

1986 में हुई थी स्थापना
आईएएनएस यानी Indo-Asian News Service एक प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी है. इसकी स्थापना 1986 में भारतीय अमेरिकी पब्लिशर Gopal Raju ने India Abroad News Service के रूप में की थी, बाद में इसका नाम बदल दिया गया. IANS अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी समाचार उपलब्ध कराती है. इसकी हिंदी सेवा की शुरुआत 1995 में हुई थी. हिंदी सेवा के तहत हर रोज करीब 150 स्टोरी तैयार की जाती हैं. अडानी समूह के इस न्यूज एजेंसी को अपना बनाने की खबर अचानक ही सामने आई है. हालांकि, फिलहाल ये साफ नहीं है कि अडानी ने यह सौदा कितने में किया है. 

इन्हें भी बनाया है अपना
उद्योगपतियों का मीडिया से प्यार कोई नया नहीं है. मीडिया अपने साथ तमाम तरह के फायदे लाता है और साथ ही इसमें अपार संभावनाएं भी मौजूद हैं. इसलिए गौतम अडानी भी खुद को इस सेक्टर में मजबूत करना चाहते हैं. IANS के अधिग्रहण के साथ उनके मीडिया पोर्टफोलियो में कंपनियों की संख्या बढ़कर 3 हो गई है. पिछले साल मार्च में अडानी ने क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया (Quintillion Business Media) का अधिग्रहण किया था. क्विंटिलियन डिजिटल प्लेटफॉर्म BQ प्राइम का संचालन करता है. इसी तरह, अडानी ग्रुप एनडीटीवी (NDTV) को भी अपना बना चुका है. NDTV के अधिग्रहण को लेकर देश में काफी बवाल मचा था, लेकिन अडानी ने बड़े आराम से डील पूरी कर ली. 

और भी हो सकती हैं डील!
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अडानी समूह मीडिया सेक्टर में मजबूती से पैर जमाने की स्थिति में आ गया है. उसके पास NDTV जैसा बड़ा मीडिया हाउस है और IANS जैसी दिग्गज न्यूज़ एजेंसी. उनका यह भी कहना है कि गौतम अडानी आने वाले समय में कुछ और मीडिया कंपनियों को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं. अडानी के NDTV के अधिग्रहण से ही यह साफ हो गया था कि उन्होंने इस सेक्टर को लेकर बड़ा प्लान बना रखा है. अब IANS की डील लॉक करके उन्होंने फिर यह साबित कर दिया है. बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में आईएएनएस का रिवेन्यु 11.86 करोड़ रुपए रहा था.


ENBA Awards: डिजिटल मीडिया को लेकर टेक्‍नोलॉजी तेजी से बदल रही है: बरखा दत्‍त 

उन्‍होंने कहा कि हमने तीन तरह का मीडिया देखा है जिसमें पहला शुरुआती दौर था दूसरा वो दौर था जब मार्केट के अनुसार पैसा खर्च हो रहा था तीसरा वो था जब हम डिजिटल का दौर देख रहे हैं. 

Last Modified:
Sunday, 27 August, 2023
Barkha Datt

एक्‍सचेंज4मीडिया द्वारा कराए जाने वाले ENBA अवॉर्ड इस बार नोएडा में आयोजित किए गए. ENBA अवॉर्ड के 15 वें संस्‍करण में Mojo Story की फाउंडर एडिटर बरखा दत्‍त ने कई अहम बातें कहीं. उन्‍होंने कहा कि हमें टीवी के पोटेंशियल को लेकर ये नहीं कहना चाहिए कि ये ऐसा नहीं होना चाहिए, कल ऐसा हो जाएगा आने वाले समय में ऐसा हो जाएगा. उन्‍होंने कुछ स्‍टोरी का उदाहरण देकर समझाने की कोशिश की कि आखिर कैसे कई अहम मौकों पर टेलीविजन न्‍यूज की मौजूदगी जीरो हो जाती है. उन्‍होंने अपनी बात रखते हुए कई और अहम बातें कहीं. 

मैं राजदीप के इस विचार से असहमत हूं
Mojo Story की फाउंडर एडिटर बरखा दत्‍त ने कहा कि मेरी राजदीप के कुछ विचारों से अहमति है, मैं जब भी अपने आप को टीवी का स्‍टूडेंट कहती हूं, जब टेलीविजन न्‍यूज वास्‍तव में आया, क्‍या आप में से कोई बता सकता है कि आखिर टेलीविजन न्‍यूज कब आया. 1995 में इंडिया टूडे और एनडीटीवी ने आधे घंटे के हिंदी और अंग्रेजी न्‍यूज बुलेटिन की शुरुआत की थी. उस वक्‍त स्क्रिप्‍ट ब्रॉडकास्‍टिंग मिनिस्‍ट्री में जाया करती थी, वहां से अप्रूवल मिलने के बाद ही न्‍यूज ऑन एयर हुआ करती थी. उस वक्‍त हम जैसे जितने लोग अखबार से टीवी मीडियम में आए वो लोग इसकी ताकत को समझ रहे थे.

एक टीवी की स्‍टूडेंट और एक डिजिटल एंटटी की होल्‍डर होने के नाते मैं राजदीप के एक विचार से असहमत हूं.  हम टीवी को लेकर जो अलग-अलग बात कहते हैं कि टीवी में टेंशन है, टीवी ऐसा बन सकता है टीवी वैसा बन सकता है, ये सबकुछ सही हो सकता है. लेकिन सवाल ये पैदा होता है कि हमने टीवी न्‍यूज को आज क्‍या बनाया है. मेरे साथ राजदीप ने दो स्‍टोरी का यहां जिक्र किया है, बीजेपी एमएलए मिस्‍टर वाल्‍टे को लेकर स्‍टोरी का जिक्र किया, जिसमें एक मॉब ने उनके ऊपर हमला कर दिया था. वो स्‍टोरी सबसे पहले द हिंदू ने पब्लिश की और उसके बाद मोजो ने उस स्‍टोरी को पब्लिश की. उसके बाद सभी टेलीविजन चैनलों ने उस स्‍टोरी को चलाया. जब हम टेलीविजन के पोटेंशियल की बात करते हैं तो वो आखिर इस स्‍टोरी में टेलीविजन कहां था. जब मैंने उस एमएलए का इंटरव्‍यू किया उसके 48 घंटों के बाद टेलीविजन वहां आया. उसके बाद टेलीविजन ने उसके इंटरव्‍यू को एक्‍सक्‍लूजिव कहकर चलाया.


आखिर क्‍या है एक्‍सक्‍लूजिव की परिभाषा? 
 Mojo Story की फाउंडर एडिटर बरखा दत्‍त ने इस जिक्र को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक्‍सक्‍लूजिव की परिभाषा ये है कि अगर किसी और का माइक ना हो तो वो एक्‍सक्‍लूजिव है. ये टेलीविजन न्‍यूज में अजीब सा टर्म है. उसके बाद राजदीप ने मणिपुर को लेकर जो बात कही, मुझे इस बात की खुशी है कि वो मणिपुर चुनाव को कवर करने के लिए वहां गए थे. मैं आपको बताना चाहूंगी कि मणिपुर चुनावों की कवरेज के लिए वहां की लोकल मीडिया को अगर छोड़ दें तो सबसे ज्‍यादा संख्‍या लोकल डिजिटल प्‍लेटफॉर्म की थी. मैंने टेलीविजन न्‍यूज को नहीं देखा जबकि जितना टेलीविजन ने उस वायरल वीडियो को लेकर कवरेज किया.  उससे पहले मैंने किसी भी तरह की कवरेज नहीं देखी. मैं ये कहना चाहती हूं कि आप टेलीविजन के पोटेंशियल को लेकर ये बातें करना बंद कर दीजिए. 

मैंने आखिर क्‍यों छोड़ा टेलीविजन न्‍यूज? 
Mozo Story की फाउंडर एडिटर बरखा दत्‍ता ने अपने टीवी छोड़ने को लेकर कारणों के बारे में बताते हुए कहा कि आखिर हम लोगों ने डिसाइड क्‍यों किया कि अब टेलीविजन हमारे लिए और ज्यादा ठीक नहीं है. इसके कारण बेहद कठिन हैं. मेरे मामले में मैं 20 साल से कर्मचारी की तरह काम करते हुए थक रही थी तो मैं चाहती थी कि मेरा अपना कुछ होना चाहिए. दूसरा इसका कारण ये है कि न्‍यूज को लेकर मेरी मेरे न्‍यूज मैनेजर से सहमति नहीं हो रही थी. आप किसी भी पत्रकार से पूछ लीजिए वो उसकी सुझाई अच्‍छी खबरों के लिए कभी न्‍यूज रूम के पास स्‍पेस नहीं होता है.  

इसका कारण हमेशा पॉलिटिक्‍स नहीं होती है, इसका कारण रेटिंग भी हो सकती है, इसका कारण विज्ञापनदाता भी हो सकते हैं या कुछ भी हो सकता है.  उन्‍होंने अपनी कोविड यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि मैने मोजो स्‍टोरी को अपने घर के बेसमेंट से शुरू किया. जहां मेरे ड्राइवर से बाकी लोगों तक चार लोग थे. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि ज्‍यादातर एयरपोर्ट बंद थे तो हमने रोड से सफर किया. उसके बाद हमने दिल्‍ली से लेकर केरल तक रोड से सफर किया. हमने जो स्‍टोरी की उन्‍हें लोकल से लेकर नेशनल मीडिया ने तक कवर किया. 


ENBA Awards: बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं कई प्रोफेशनल: डॉ. अनुराग बत्रा 

डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा कि मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि प्रोफेशनल, एडिटर और प्रमोटर जो भी हो वो लोग बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में काम करते हैं.

Last Modified:
Sunday, 27 August, 2023
Dr. Anurag Batra

एक्‍सचेंज4मीडिया के द्वारा कराए जाने वाले ENBA अवॉर्ड इस बार नोएडा में आयोजित किए गए. ENBA  अवॉर्ड के 15 वें संस्‍करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए एक्‍सचेंज फॉर मीडिया के संस्‍थापक और बिजनेस वर्ल्‍ड समूह के एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने कई अहम बातें कहीं. उन्‍होंने कहा कि कई लोग मुझसे पूछते हैं की मीडिया में ऐसा क्‍या अच्‍छा हो रहा है कि आप इन अवॉर्ड को आयोजित कराते हो. इस पर डॉ. बत्रा ने कहा कि मैं जानता हूं कि कई लोग विपरीत और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कैसे काम करते हैं. उनके लिए हम ये अवॉर्ड शो सम्‍मानित करते हैं. 

ENBA का है ये 15वां संस्‍करण 
डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा कि  हमने एक्‍सचेंज फॉर मीडिया की शुरुआत 27 साल पहले की थी. इसका मकसद ये था कि मीडिया कम्‍युनिकेशन के क्षेत्र में B टू B  इकोसिस्‍टम को डेवलप किया जाए. पिछले 27 सालों में हमारी वेबसाइट ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. हमने News Next  की शुरुआत 1 साल पहले की और हमने ENBA (Exchange For Media Broadcasting Award) की शुरुआत 15 साल पहले की थी. आज शाम को 6 बजे ये अवॉर्ड होने जा रहे हैं. मैं अपनी पूरी टीम का बहुत स्‍वागत करता हूं जिन्‍होंने इस कार्यक्रम के लिए कड़ी मेहनत की है. प्रियंका भदौरिया पिछले 6 सालों से मेरे साथ काम कर रही हैं. 

कई बड़े नाम आज हमारे बीच में हैं
डॉ. अनुराग बत्रा ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत खुशी की बात है कि आज हमारे बीच में मीडिया की दुनिया के कई नामी और अनुभवी चेहरे हैं. उन्‍होंने वहां मौजूद राजदीप सरदेसाई का स्‍वागत करते हुए कहा कि वो बेहद ऊर्जावान आदमी हैं. उनके लिए कहा जाता है कि अगर वो न्‍यूजरूम में नहीं हैं तो इसका मतलब है कि वो कुछ नया कर रहे होंगे. राजदीप सरदेसाई का पत्रकारिता का सफर प्रिंट से शुरू हुआ जो टीवी तक पहुंचा.

वो इससे पहले सीएनएन आईबीएन को भी लीड कर चुके हैं, और पिछले कई सालों से वो इंडिया टुडे के साथ काम कर रहे हैं. मैं आज की इस कांफ्रेंस में विक्रम चंद्रा का भी स्‍वागत करना चाहूंगा. टाइम्‍स ग्रुप के विनीत जैन जिन्‍हें कि आज के कार्यक्रम में आना था लेकिन वो आ नहीं पाए. लेकिन उन्‍होंने अपना रिकॉर्डेड संदेश हमें भेजा है. 

आप क्‍यों करते हैं ये अवॉर्ड? 
डा अनुराग बत्रा ने कहा कि बहुत सारे लोग मुझसे कहते हैं कि आप ये अवॉर्ड क्‍यों करते हैं. न्‍यूज ब्रॉडकास्‍ट करने वाले लोग आखिर सही कर क्‍या रहे हैं. मैं उन्‍हें कहता हूं कि मैं इस फील्‍ड को बहुत अच्‍छे से जानता हूं जहां कई प्रोफेशनल बहुत विपरीत परिस्थिति में बहुत कुछ अच्‍छा करते हैं. पहला वो है जिसमें न्‍यूज ब्रॉडकास्‍ट का बिजनेस मॉडल है, दूसरा डिजिटल है जिसमें थ्रेट भी है और चुनौती भी है और तीसरा ऐसा वातावरण है, जिसमें ईमानदार खबर को कभी भी सराहना नहीं मिलती है. अब वो भले ही किसी की भी हो.

मैं अंत में ये भी कहना चाहूंगा कि जो लोग आज इस काम को कर रहे हैं वो कभी-कभी न्‍यूज के साथ इंटरटेनमेंट को भी परोसते हैं जो सही भी है और गलत भी है. मुझे लगता है कि इन दोनों की मशक्‍कत के पीछे डिजिटल मीडिया ऐसा है जो एक सकारात्‍मक रवैये से आगे बढ़ रहा है. आज इंग्लिश मीडिया के लिए बड़ी चुनौती ये भी है कि वो अपनी ऑडियंस के नंबर को कैसे बढ़ाए. आज हम देख रहे हैं कि सब्‍सक्राइब न्‍यूज का जमाना आ गया है. उन्‍होंने कहा कि मेरा मानना है कि आज भी कई प्रोफेशनल बहुत ईमानदार कोशिश कर रहे हैं. मैं आखिरी में यही कहना चाहूंगा कि आज शाम को हमारे बीच में इस अवॉर्ड से जुड़े हुए ज्‍यूरी के सदस्‍य भी मौजूद होंगे.
 


SEBI की कार्रवाई के खिलाफ सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने SAT से लगाई गुहार

SEBI ने सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद पर बने रहने पर रोक लगा दी है. 

Last Modified:
Tuesday, 13 June, 2023
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बाजार नियामक सेबी (SEBI) की कार्रवाई के खिलाफ Zee Entertainment Enterprises Ltd (ZEEL) एक्शन मोड में आ गया है. पहले ZEEL के चेयरमैन आर. गोपालन की तरफ से आवश्यक कानूनी कदम उठाने की बात कही गई और इसके कुछ ही देर बाद डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका सेबी के फैसले के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) पहुंच गए. 

कोई नोटिस नहीं दिया
चंद्रा और गोयनका की तरफ से न्यायाधिकरण में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता वकील ने तर्क दिया कि सेबी की तरफ से कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया है. प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका का पक्ष सुनने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 15 जून की तारीख तय की है. बता दें कि SEBI ने एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पुनीत गोयनका पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) पर बने रहने पर रोक लगा दी है. 

फंड की हेराफरी का मामला
SEBI ने यह कार्रवाई ZEEL के फंड को दूसरी कंपनियों में लगाए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर की गई है. सेबी के अनुसार, नियमों के कथित उल्लंघन के समय ZEEL के चेयरमैन चंद्रा और निदेशक गोयनका ने अहम प्रबंधकीय पद पर रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया और अपने निजी लाभ के लिए कंपनी के फंड दूसरी कंपनियों में लगा दिया. इस कार्रवाई के बाद ZEEL की तरफ से बयान जारी किया गया.  ZEEL के चेयरमैन आर. गोपालन ने अपने बयान में कहा कि ZEEL का निदेशक मंडल डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका के संबंध में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी अंतरिम एकपक्षीय आदेश से अवगत है. बोर्ड विस्तृत आदेश की समीक्षा कर रहा है और आवश्यकतानुसार अगला कदम उठाने के लिए उचित कानूनी सलाह मांगी जा रही है.

लाभ के बाद भी गिरे शेयर 
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि नियमों के कथित उल्लंघन के समय सुभाष चंद्रा और गोयनका ने अहम प्रबंधकीय पद पर रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया. निजी लाभ के लिए ZEEL के फंड को महज दो दिन में ही 13 कंपनियों में लगाया गया. ZEEL के शेयरों का मूल्य 2018-19 में 600 रुपए था. 2022-23 तक यह गिरकर 200 रुपए के करीब आ गया. कंपनी के लाभ में होने के बावजूद शेयर मूल्य में आई गिरावट से पता चलता है कि कंपनी में सब कुछ ठीक नहीं था.


SEBI की कार्रवाई पर Zee Entertainment Enterprises ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात

सेबी ने ZEEL के फंड को दूसरी कंपनियों में लगाए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका पर कार्रवाई की है.

Last Modified:
Tuesday, 13 June, 2023
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बाजार नियामक सेबी (SEBI) की कार्रवाई पर Zee Entertainment Enterprises Ltd- ZEEL की तरफ से बयान सामने आया है. ZEEL के चेयरमैन आर. गोपालन की तरफ से कहा गया है कि ZEEL का निदेशक मंडल डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका के संबंध में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा जारी अंतरिम एकपक्षीय आदेश से अवगत है. बोर्ड विस्तृत आदेश की समीक्षा कर रहा है और आवश्यकतानुसार अगला कदम उठाने के लिए उचित कानूनी सलाह मांगी जा रही है.

क्या है सेबी की कार्रवाई?
SEBI ने एस्सेल समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पुनीत गोयनका पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) पर बने रहने पर रोक लगा दी है. यह कार्रवाई ZEEL के फंड को दूसरी कंपनियों में लगाए जाने के मामले में दोषी पाए जाने पर की गई है. सेबी के अनुसार, नियमों के कथित उल्लंघन के समय ZEEL के चेयरमैन चंद्रा और निदेशक गोयनका ने अहम प्रबंधकीय पद पर रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया और अपने निजी लाभ के लिए कंपनी के फंड दूसरी कंपनियों में लगा दिया.

बयान में कही ये बात
अब ZEEL ने सेबी की इस कार्रवाई पर चुप्पी तोड़ते हुए आधिकारिक बयान जारी किया है. आर. गोपालन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी आवश्यकतानुसार अगला कदम उठाने के लिए उचित कानूनी सलाह हासिल कर रही है. बयान में आगे कहा गया है कि साल-दर-साल शेयरधारक मूल्य बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ, कंपनी के बोर्ड ने भविष्य के लिए अपने रणनीतिक लक्ष्यों और प्राथमिकताओं के प्रति प्रबंधन का मार्गदर्शन करना जारी रखा है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कंपनी और उसके सभी मूल्यवान शेयरधारकों के हितों को सबसे पहले रखा जाए, सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.

13 कंपनियों में लगाया पैसा
कंपनी के आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि बोर्ड कंपनी के संस्थापक के रूप में डॉ. सुभाष चंद्रा द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान और पुनीत गोयनका द्वारा प्रदर्शित विकास और मूल्य सृजन केंद्रित नेतृत्व से भलीभांति परिचित है. बोर्ड को विश्वास है कि कंपनी निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना जारी रखेगी. गौरतलब है कि सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि नियमों के कथित उल्लंघन के समय सुभाष चंद्रा और गोयनका ने अहम प्रबंधकीय पद पर रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया. निजी लाभ के लिए ZEEL के फंड को महज दो दिन में ही 13 कंपनियों में लगाया गया. ZEEL के शेयरों का मूल्य 2018-19 में 600 रुपए था. 2022-23 तक यह गिरकर 200 रुपए के करीब आ गया. कंपनी के लाभ में होने के बावजूद शेयर मूल्य में आई गिरावट से पता चलता है कि कंपनी में सब कुछ ठीक नहीं था.

 


सबसे तेज चैनल 'आज तक' की कंपनी TV Today के प्रॉफिट को लगा तगड़ा झटका!

कंपनी की कुल कमाई में सालाना आधार पर 11% की गिरावट देखने को मिली है जिसके बाद कंपनी की कमाई 225.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.

Last Modified:
Wednesday, 17 May, 2023
tv today network

हाल ही में TV Today Network ने वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर के लिए अपने नतीजों की घोषणा की है. इस क्वार्टर के दौरान TV Today Network को ऑपरेशंस से 217.14 करोड़ रुपये की कमाई हुई है जो पिछले साल के मुकाबले 10.4% कम है. पिछले साल इसी क्वार्टर में कंपनी को ऑपरेशंस से 242.26 करोड़ रुपयों की कमाई हुई थी. 

कमाई में हुई भयानक गिरावट
31 मार्च 2023 को खत्म हुए क्वार्टर के दौरान कंपनी की कुल कमाई में सालाना आधार पर 11% की गिरावट देखने को मिली है जिसके बाद कंपनी की कमाई 225.01 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. वहीं दूसरी तरफ, कंपनी का खर्च 1.1% बढ़कर 207.36 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल इसी क्वार्टर के दौरान यह 205.17 करोड़ रुपयों पर पहुंच गया है. पिछले साल इसी क्वार्टर के दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 35.88 करोड़ रुपये हुआ करता था जो 85% की गिरावट के बाद वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर में 5.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. 

रेडियो ब्रॉडकास्टिंग में भी हुई गिरावट
31 मार्च 2023 को खत्म हुए क्वार्टर के दौरान कंपनी को टेलीविजन और अन्य मीडिया ऑपरेशंस से 213.25 करोड़ रुपये की कमाई हुई जबकि पिछले साल यह 236.13 करोड़ रुपये हुआ करती थी. साथ ही कंपनी को अपने रेडियो ब्रॉडकास्टिंग रिजल्ट्स में गिरावट देखने को मिली है. वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर में कंपनी को रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के माध्यम से 3.89 करोड़ रुपयों की कमाई हुई थी जबकि पिछले साल इस सेगमेंट से कंपनी को 6.13 करोड़ रुपयों की कमाई हुई थी. 

क्या है TV Today Network?
एनालिस्ट फर्म Elara Securities के करन तौरानी के अनुसार, वित्त वर्ष 23 के दौरान टेलीविजन सेगमेंट ने 18.8% के अच्छे EBITDA मार्जिन पर ऑपरेट किया है लेकिन कोई बहुत बड़ी छलांग देखने को नहीं मिली है. वित्त वर्ष 24 में TV Today Network की कमाई में 20% की वृद्धि होने की उम्मीद है. ऐसा वित्त वर्ष 23 के दूसरे हाफ के दौरान त्यौहारों की वजह से संभव हो सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Aajtak, Good News Today, Aaj Tak HD, India Today जैसे 24 घंटे चलने वाले न्यूज चैनलों की ब्रॉडकास्टिंग TV Today Network के द्वारा ही की जाती है. इसके साथ ही कंपनी का एक रेडियो स्टेशन भी है जिसका नाम 104.8 FM इश्क है. इस रेडियो को दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में सुना जा सकता है. 
 

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