अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया है कि मदद केवल रखरखाव और मरम्मत के लिए है. पाक को कोई भी नया हथियार नहीं दिया जा रहा है.
अमेरिका ने पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद का ऐलान किया है. यह मदद एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के रखरखाव के लिए है. भारत ने अमेरिका के इस कदम पर तीखा ऐतराज जताया है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए पाकिस्तान की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है.
अमेरिकी समकक्ष से जताई नाराज़गी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष से फोन पर इस संबंध में बात की. इस बातचीत के विषय में बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को पैकेज देने से संबंधित अमेरिकी सरकार के फैसले को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हमने तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने के तरीकों एवं महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में सहयोग की संभावना पर भी चर्चा की. सिंह ने कहा कि वह भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने के लिहाज से अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन के साथ बातचीत जारी रखने के लिए आशान्वित हैं.
पहले भी जताया था विरोध
पिछले हफ्ते, भारत ने अमेरिकी अधिकारी डोनाल्ड लू से भी इस बारे में आपत्ति जताई थी. डोनाल्ड लू क्वाड सीनियर ऑफिसर्स मीटिंग के लिए इंडो-पैसिफिक सिक्योरिटी अफेयर्स के सहायक रक्षा सचिव एली रैटनर के साथ नई दिल्ली आए थे. बता दें कि विमानों कि मरम्मत के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद देने के फैसले को मंजूरी दी है. यूएस सरकार का का कहना है कि यह अमेरिका और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों का अहम हिस्सा है. इससे पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ अभियान चलाने में मदद मिलेगी. अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया है कि मदद केवल रखरखाव और मरम्मत के लिए है. पाक को कोई भी नया हथियार नहीं दिया जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप ने लगाई थी रोक
भारत अब तक कई बार अमेरिका के इस फैसले पर आपत्ति जाता चुका है. हालांकि ये बात अलग है कि यूएस प्रेसिडेंट कुछ सुनने को तैयार नहीं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अमेरिका के इस फैसले का असर भारत की सुरक्षा पर पड़ सकता है. गौरतलब है कि 2018 में डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को झटका देते हुए तीन अरब डॉलर के सहयोग को रद्द कर दिया था. ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने में नाकाम रहा है, इसलिए उसको सहायता नहीं दी जा सकती.