बीजेपी का दामन थामने वाले AAP के पूर्व विधायक है करोड़ों के मालिक, इतनी है नेटवर्थ

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और मंत्री राजकुमार आनंद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बीएसपी में शामिल हुए थे.

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Wednesday, 10 July, 2024
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दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विधानसभा चुनाव से पहले दोहरा झटका लगा है. दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक करतार सिंह तंवर और पूर्व विधायक राज कुमार आनंद भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आनंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मंत्री थे. आबकारी मामले में AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.

2024 में सांसद का लड़ा चुनाव

राजकुमार आनंद ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. चुनावी रण में उन्हें सिर्फ 5629 वोट मिले थे. इस सीट से बीजेपी की बांसुरी स्वराज ने 78370 वोटों से जीत दर्ज की. उन्हें 453185 वोट मिले. पटेल नगर से पूर्व विधायक राज कुमार आनंद, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली कैबिनेट में समाज कल्याण और एससी/एसटी मंत्री भी रह चुके हैं. मंत्रीमंडल से इस्तीफा देते हुए आनंद ने कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह अपना नाम चल रहे 'भ्रष्टाचार' से नहीं जोड़ सकते थे. चलिए अब आपको बताते हैं बीजेपी का दामन थामने वाले राजकुमार आनंद की कितनी है नेटवर्थ 

राजकुमार के पास 78 करोड़ से अधिक की संपत्ति

लोकसभा चुनाव 2024 में नई दिल्ली सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे उस समय उन्होंने अपने एफिडेविट में 78 करोड़ से अधिक की संपत्ति बताई थी. साथ ही करीब 32 करोड़ की देनदारियों की जानकारी दी थी. बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले राजकुमार के पास अकूत दौलत है. अलग-अलग बैंकों में 54 लाख रुपये की रकम उन्होंने बताई थी. कई कंपनियों में बांड, डिबेंचर और शेयर मार्केट में उन्होंने करीब 2 करोड़ से अधिर का इन्वेस्टमेंट कर रखा है.

आगरा, हरियाणा, मथुरा और दिल्ली में कई इमारतें

91 लाख की NSS और पोस्टल सेविंग भी है. 8 लाख का बीमा और 14 करोड़ का लोन अमाउंट भी है. उन्होंने अपने एफिडेविट में बताया था कि उनके पास एक फॉर्च्यूनर कार है. इसकी कीमत करीब 70 लाख रुपये है. 19 लाख के जेवरात और 56 लाख की अन्य संपत्ति की भी जानकारी शेयर की थी. साथ ही उनके पास 90 लाख की कृषि योग्य जमीन और 22 करोड़ की कॉमर्शियल बिल्डिंग्स है, जो कि आगरा और दिल्ली में हैं. इसके साथ ही आगरा, हरियाणा, मथुरा और दिल्ली में कई रिहायशी इमारतें हैं.
 


महागठबंधन में सबकुछ नहीं ठीक, उद्धव ठाकरे के इस बयान के क्या हैं मायने?

महा विकास आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं. जबकि महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी शामिल है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 19 October, 2024
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Saturday, 19 October, 2024
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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. दरअसल, हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के बुरे हाल से शिवसेना और एनसीपी जैसी सहयोगी पार्टियां ज्यादा सीटों की मांग कर रही हैं, जबकि कांग्रेस खुद को सबसे बड़ा साबित करने में जुटी है. इस वजह से ऐसी आशंका उत्पन्न हो गई है कि जनता के राज्य की सरकार का फैसला करने से पहले इस महागठबंधन की गांठ खुल सकती है.  

टूटना नहीं चाहिए रिश्ता
राज्य में एक ही चरण में 20 नवंबर को ही चुनाव होना है. भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति में सीट शेयरिंग को लेकर लगभग सहमति बन गई है. लेकिन महाविकास अघाड़ी में गतिरोध बरकरार है. इस बीच, शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक बयान से इस गठबंधन में चल रही खींचतान खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने कहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन नहीं टूटना चाहिए.

राउत ने कसा तंज 
उधर, उद्धव की पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा है कि कांग्रेस में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है. राउत ने महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) में सीट बंटवारे को लेकर हो रही देरी पर नाराज़गी जताई. साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की प्रदेश इकाई के नेता फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं. राउत ने कहा कि एमवीए के घटक दलों में महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीट में से 200 पर आम सहमति कायम हो गई है. इसका मतलब है कि अभी भी 88 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है.

कौन, किसका हिस्सा?
महा विकास आघाडी में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं. जबकि महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी शामिल है. लोकसभा चुनाव में महायुति का महाराष्ट्र में प्रदर्शन बेहद खराब था. जनता ने MVA पर ज्यादा भरोसा जताया था. खासकर, उद्धव ठाकरे की पार्टी को काफी वोट मिले थे. इसी को ध्यान में रखते ही विपक्षी दलों को भरोसा है कि इस बार राज्य में उनकी सरकार बनेगी.  ठाकरे ने हाल ही में कहा था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है और लोगों ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी एमवीए को सत्ता में लाने का फैसला किया है.


क्या गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाएंगे ठाकरे बंधु? सामने आई बड़ी खबर 

महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव कराए जाएंगे. 20 नवंबर को महाराष्ट्र की जनता अपनी सरकार का चुनाव करेगी और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी.

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Friday, 18 October, 2024
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महाराष्ट्र में विधासनभा चुनाव की तारीख सामने आने के बाद सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं. भाजपा जहां हरियाणा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित है. वहीं, विपक्षी  दलों के गठबंधन महाविकास अघाड़ी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी उसका प्रदर्शन शानदार रहेगा. इस बीच, ठाकरे बंधुओं का पारिवारिक झगड़ा खत्म होने के भी संकेत मिल रहे हैं. खबर है कि इस गृह-युद्ध के समाप्ति के लिए उद्धव ठाकरे पहल कर सकते हैं. 

फैसला होना बाकी  
एक रिपोर्ट के अनुसार, उद्धव ठाकरे अपने  चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बड़ा कदम उठा सकते हैं. इसके तहत उद्धव, राज के बेटे अमित ठाकरे के खिलाफ कैंडिडेट नहीं उतारेंगे. यदि ऐसा होता है तो ठाकरे परिवार में करीब डेढ़ दशक से चल रही जंग कुछ धीमी पड़ सकती है. अमित ठाकरे मनसे की टिकट पर माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वह महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के अध्यक्ष हैं. हालांकि, अभी अमित की उम्मीदवारी पर फाइनल फैसला नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग के मद्देनजर राज ठाकरे अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं.

लग चुके हैं कई झटके
राज्य के सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि यदि अमित ठाकरे को टिकट मिला, तो उद्धव उनके सामने कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी. गौर करने वाली बात यह है कि 2019 में जब आदित्य ठाकरे वरली सीट से चुनाव लड़ा था, तो मनसे ने भी उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था. उद्धव ठाकरे भी ऐसा ही कर सकते हैं. उद्धव ठाकरे को पिछले कुछ समय में काफी झटके लगे हैं. उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी, पार्टी भी उनके हाथ से चली गई ऐसे में वह पारिवारिक रिश्ते सुधारने पर ध्यान दे रहे हैं. वैसे भी महाराष्ट्र के वोटर्स शुरुआत से यही चाहते रहे हैं कि दोनों भाई साथ मिलकर चुनाव लड़ें. 


हरियाणा में नायब सैनी की ताजपोशी, दूसरी बार बने सीएम, करोड़ों के मालिक, इतनी है नेटवर्थ

नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. प्रदेश में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 17 October, 2024
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Thursday, 17 October, 2024
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नायब सिंह सैनी ने आज हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ ले ली. पंचकूला में आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेतृत्व के अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के अन्य नेता भी शामिल थे. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सैनी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. सैनी लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने हैं. इस दौरान सैनी के मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बीजपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और केंद्रीय मंत्री मौजूद थे. दोबारा हरियाणा के सीएम बने नायब सैनी की संपत्ति की बात करें, तो ये करोड़ों में है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

5 करोड़ से ज्यादा संपत्ति के मालिक सीएम

नायब सिंह सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े रहे हैं. उनकी संपत्ति करोड़ों में है और इसका ब्योरा उन्होंने चुनाव आयोग में जमा कराए गए हलफनामे में दिया था. इसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 5,80,52,714 रुपये है, जबकि उनके ऊपर 74,82,619 रुपये का कर्ज है. साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान जमा कराए गए हलफनामे से तुलना करें तो उनकी संपत्ति में बड़ा इजाफा हुआ है, उस समय उन्होंने अपनी कुल नेटवर्थ 3,57,85,621 रुपये घोषित की थी, जबकि उनके ऊपर करीब 57,34,878 रुपये का कर्ज भी है.

पत्नी-बच्चों समेत खुद के अकाउंट में इतनी रकम

MyNeta.info पर शेयर किए गए चुनावी हलफनामे पर नजर डालें, तो उन्होंने संपत्ति का ब्योरा देते हुए बताया था कि उनके पास विधानसभा चुनाव से पहले 1.75 लाख रुपये का कैश था, उनकी पत्नी के पास 1.40 लाख रुपये की नकदी थी. वहीं तमाम बैंकों में उनके व पत्नी और बच्चों के खुले अकाउंट्स में 36 लाख रुपये से ज्यादा जमा थे. निवेश की बात करें, तो उन्होंने अपने या पत्नी के नाम पर शेयर, बॉन्ड में किसी भी तरह का कोई निवेश नहीं किया है.

PPF-LIC से ज्वेलरी तक की डिटेल

चुनावी हलफनामे के मुताबिक, हरियाणा के नए सीएम बने नायब सिंह सैनी के पास एक PPF Account है, जिसमें 8,85,592 रुपये का इन्वेस्टमेंट किया गया है. इसके अलावा उनके नाम पर एक 2 लाख रुपये की LIC Policy भी चल रही है. ज्वेलरी की बात करें, तो नायब सिंह सैनी के पास 30 ग्राम Gold (कीमत करीब 2 लाख रुपये), पत्नी के पास 100 ग्राम गोल्ड (कीमत करीब 6.50 लाख रुपये) और बच्चों के पास मौजूद ज्वेलरी की कीमत करीब 3 लाख रुपये है.

करोड़ों की अचल संपत्ति के मालिक

कार कलेक्शन की बात करें, तो चुनावी हलफनामे के मुताबिक, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम पर तीन कारें हैं, इनमें दो टोयोटा इनोवा और एक Qualis कार शामिल है. इनकी कुल कीमत 20 लाख रुपये के आस-पास है. उनके नाम पर करीब 65 लाख रुपये की एग्रीकल्चर लैंड दर्ज है, जबकि उनके व पत्नी के नाम पर जो घर हैं, उनकी कुल कीमत 4.20 करोड़ रुपये है.
 


J&K के 14वें मुख्यमंत्री बने उमर उब्दुल्ला, पहले भी रह चुके हैं सीएम, इतनी है नेटवर्थ

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद जनता सरकार चुन कर लाई है. अनुच्छेद-370 हटने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बने हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 16 October, 2024
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Wednesday, 16 October, 2024
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नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला और पांच मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 के 2019 में निरस्त होने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में NC की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला ने बुधवार (16 अक्टूबर) को केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

उपराज्यपाल ने दिलाई सीएम पद की शपथ

श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने पद की शपथ ली. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. अधिकारियों ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह स्थल के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. सिन्हा ने पिछले सप्ताह सोमवार को एनसी के उपाध्यक्ष उमर को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था. उप राज्यपाल ने यह न्योता केंद्र शासित प्रदेश से केंद्र द्वारा राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के एक दिन बाद दिया गया.

उमर अब्दुल्ला की नई कैबिनेट में 5 मंत्री शामिल

उमर अब्दुल्ला के साथ केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की नई सरकार में पांच मंत्रियों ने भी शपथ ली. इनमें सकीना इटू, जावेद राणा, सुरिंदर चौधरी, जावेद डार और सतीश शर्मा शामिल हैं. शपथ समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसके आईसीसी) में आयोजित किया गया. जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीट के लिए तीन चरणों में हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीट पर जीत हासिल की. जबकि गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को छह सीट मिलीं. हालांकि 95 सदस्यीय सदन में दोनों पार्टियों के पास बहुमत है. लेकिन चार निर्दलीय और आम आदमी पार्टी (AAP) के एकमात्र विधायक ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया.

पहले भी रह चुके हैं मुख्यमंत्री

कश्मीर के प्रसिद्ध अब्दुल्ला राजनीतिक वंश से ताल्लुक रखने वाले उमर अब्दुल्ला क्षेत्र की राजनीति में एक प्रमुख नाम रहे हैं। वह इससे पहले 2009 से 2015 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत थे। यूनाइटेड किंगडम के रोचफोर्ड में जन्मे उमर अब्दुल्ला का एक शानदार राजनीतिक जीवन रहा है। उन्होंने 28 साल की छोटी उम्र में संसद सदस्य (MP) के रूप में अपनी यात्रा शुरू की थी। आप जानते हैं कि उमर अब्दुल्ला का नेटवर्थ कितना है? यदि आप नहीं जान रहे हैं तो हम बता रहे हैं।

उमर उब्दुल्ला की नेटवर्थ

चुनाव हलफनामे के मुताबिक उनकी घोषित कुल संपत्ति 54.45 लाख रुपये की है,  इसमें मात्र 95,000 रुपये की नकदी है. उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा विभिन्न बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में है. उन्होंने जिन बैंकों पर भरोसा जताया है, उनमें एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, और जेएंडके बैंक का नाम शामिल हैं। इन बैंकों में उनकी लगभग 23.50 लाख रुपये की एफडी है.इसके अतिरिक्त, उनके पास 30 लाख रुपये मूल्य के आभूषण हैं.

कहां से होती है आमदनी?

उमर अब्दुल्ला की आय का स्रोत मुख्य रूप से पूर्व विधायक और सांसद के रूप में उनकी पेंशन है, जो क्रमशः 7.92 लाख और 19.39 लाख रुपये सालाना है. उमर अब्दुल्ला का निजी जीवन भी लोगों की नज़रों में रहा है, खास तौर पर 1994 में पायल नाथ से उनकी शादी, जो उनकी प्रेम कहानी के कारण काफ़ी चर्चित रही. सेवानिवृत्त सेना अधिकारी की बेटी पायल नाथ और अब्दुल्ला के दो बेटे ज़ाहिर और ज़मीर हैं. हालांकि, यह जोड़ा 2009 से अलग रह रहा है, और अब्दुल्ला वर्तमान में अपनी पत्नी के साथ तलाक की कार्यवाही में लगे हुए हैं.
 

 

महाराष्ट्र और झारखंड की जनता कब चुनेगी अपनी सरकार? चुनाव आयोग ने बता दी डेट

महाराष्ट्र और झारखंड का चुनावी कार्यक्रम सामने आ गया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करके दोनों राज्यों में मतदान की तारीखों का ऐलान किया.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 15 October, 2024
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Tuesday, 15 October, 2024
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हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के बाद अब महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने आज दोनों राज्यों के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव कराए जाएंगे. 20 नवंबर को महाराष्ट्र की जनता अपनी सरकार का चुनाव करेगी और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी. वहीं, झारखंड में दो चरण में चुनाव होंगे. पहले चरण में 13 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी. चुनाव आयोग ने केरल के वायनाड में होने वाले लोकसभा उपचुनाव की तारीख का भी ऐलान कर दिया है. वायनाड में 13 नवंबर को मतदान होगा. राहुल गांधी यूपी की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़े थे. दोनों जगहों से जीतने के बाद उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी थी, जिसके चलते यहां उपचुनाव हो रहा है.

रिकॉर्ड बना रहा भारत
झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हर चुनाव में भारत रिकॉर्ड बना रहा है.  इस चुनाव में भी हम नया इतिहास लिखने वाले हैं. झारखंड में इस बार 2.6 करोड़ वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि इन दोनों चुनावों को लंबे समय तक याद रखा जाएगा. जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान कही से भी हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई. 

ऐसा है राज्यों का हाल
प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार 9.63 करोड़ लोग वोट डालेंगे. राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर वोटिंग के लिए 1 लाख 186 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल इसी साल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. जबकि वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म होगा. महाराष्ट्र में फिलहाल महायुति गठबंधन की सरकार है, जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार गुट की NCP शामिल है. दूसरी तरफ, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार है.  


हरियाणा के नतीजों ने मुश्किल की कांग्रेस की राह, दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी AAP

आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव वह अकेले ही लड़ेगी. कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा.

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Published - Wednesday, 09 October, 2024
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Wednesday, 09 October, 2024
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हरियाणा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए तमाम तरह की मुश्किलें लेकर आए हैं. हरियाणा में सरकार बनाने का उसका सपना तो टूटा ही है, भविष्य की योजनाओं पर भी सवालिया निशान लग गया है. इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने साफ कर दिया है कि वह आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. 

काम पर मांगेंगे वोट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आज कहा कि पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ अति आत्मविश्वासी कांग्रेस है और दूसरी तरफ अहंकारी भाजपा. हम पिछले 10 सालों में किए अपने काम को खुद बोलने देंगे. बता दें कि हरियाणा में कांग्रेस क्लीन स्वीप के उम्मीद लगाए बैठी थी. एग्जिट पोल भी उसकी उम्मीद को सही साबित होता दर्शा रहे थे, लेकिन नतीजे एकदम उलट आये. भाजपा ने राज्य में लगातार तीसरी बार बड़ी जीत हासिल की है.  

अलग होगा चुनाव
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरूआत में हो सकते हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं. इस बार का चुनाव काफी अलग रहने वाला है. अरविंद केजरीवाल कथित शराब नीति घोटाले में जमानत पर बाहर चल रहे हैं. उन्होंने इस पूरे मामले को साजिश करार दिया है. लिहाजा, यह देखना होगा कि क्या दिल्ली के दिल में अभी भी केजरीवाल हैं या नहीं.    

कांग्रेस पर तंज
पूर्व दिल्ली CM और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी हरियाणा चुनाव के नतीजों को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा है.उन्होंने कहा कि हरियाणा के नतीजों से मिली सबसे बड़ी सीख यह है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करने का अनुरोध किया. केजरीवाल ने कल दिल्ली में आप पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं. चुनावों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. हरियाणा चुनाव से सबसे बड़ी सीख यह मिली है कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए.  


J&K में चली NC की आंधी, दूसरे नंबर पर रही BJP, फारूक अब्दुल्ला बोले- उमर होंगे सीएम

साल 2019 में आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद से केंद्र शासित प्रदेश को अपनी पहली निर्वाचित सरकार मिलने जा रही है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 08 October, 2024
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Tuesday, 08 October, 2024
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जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनाव में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने जीत का परचम लहराया था. 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) प्रचंड जीत दर्ज की है. 2010 के विधानसभा चुनाव में एनसी को 15 सीटें मिली थीं. इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी 42 सीटों पर जीत मिली है. यानी पिछली बार से करीब तीन गुना ज्यादा सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती है. वहीं 29 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. पीडीपी को 3 और कांग्रेस को 6 सीट मिली. एक-एक सीट आम आदमी पार्टी और जेपीसी के खाते में आई. 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है.

क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?

इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा- उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले CM होंगे, उमर अब्दुल्ला दो सीट पर चुनाव लड़े. बडगाम में उन्हें जीत मिली है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से हार गईं. उन्होंने कहा- मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करती हूं. उधर भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना नौशेरा सीट से हार गए हैं. जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक 3 फेज में 63.88% वोटिंग हुई थी. 10 साल पहले 2014 में हुए चुनाव में 65% वोटिंग हुई थी, इस बार 1.12% कम वोटिंग हुई.

'बीजेपी का ये अब तक की सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है'

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं और हमारे मतदाताओं को बधाई. बीजेपी का ये अब तक की सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है. ये चुनाव हमने मात्र और मात्र विकास के मुद्दे को लेकर लड़ा था. दूसरी ओर INDIA गठबंधन की ओर से उसमें ध्रुवीकरण की भी बात हुई, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए एक ही निष्कर्ष निकलेगा कि जिस प्रकार से उनकी सफाई हरियाणा में हुई थी वैसी ही सफाई उनकी यहां भी हुई है. हमारी लड़ाई मुख्य तौर पर कांग्रेस पार्टी के साथ थी और जिस तरह का ट्रेंड पूरे देश में देखने को मिल रहा है (कांग्रेस के प्रति) उसी तरह का जम्मू-कश्मीर में भी देखने को मिला.

AAP ने जम्मू-कश्मीर में दर्ज की पहली जीत

आम आदमी पार्टी (AAP) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मंगलवार को अपनी पहली जीत दर्ज की, जब उसके उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 4,538 मतों के अंतर से हराया. जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य मलिक को 23,228 वोट मिले, जबकि भाजपा के गजय सिंह राणा को 18,690 वोट मिले. आप ने जम्मू कश्मीर के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से सात पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को पिछले साल सितंबर में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था, गुजरात और गोवा में भी पार्टी के विधायक हैं.
 

 

देश की सबसे अमीर महिला की जीत, बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के कारण लड़ा निर्दलीय चुनाव

इस बिजनेसवुमन के पास भारत की सबसे अमीर महिला का खिताब हासिल है और इनके पास 4280 करोड़ डॉलर की नेटवर्थ है.

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Published - Tuesday, 08 October, 2024
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Tuesday, 08 October, 2024
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देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल सिर्फ दौलत के मामले में नहीं, बल्कि राजनीति में भी महिलाओं की भागीदारी दिखाने के मामले में आगे चल रही हैं. हरियाणा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और इसके हिसार जिले से सावित्री जिंदल ने बाजी मार ली है. भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने इस सीट पर जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राम निवास रारा को 18,941 वोटों से हराया है. फोर्ब्स के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 तक सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 3.65 लाख करोड़ रुपये थी.

निर्दलीय दर्ज की जीत

सावित्री जिंदल, जिंदल ग्रुप की एमिरेट्स चेयरपर्सन हैं और दिवगत उद्योगपति ओपी जिंदल की पत्नी हैं. BJP से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार किस्मत आजमाया. उन्होंने चुनाव के दौरान एक इंटरव्यू में कहा था कि कि वह हिसार की जनता की मांग पर चुनाव लड़ रही हैं और अगर चुनीं जाती है तो वह सदन में उनकी आवाज मजबूती से उठाएंगी.

सावित्री जिंदल की नेटवर्थ कितनी है?

बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने के सवाल पर 74 वर्षीय सावित्री ने कहा कि यह उनका चुनाव नहीं है बल्कि हिसार की जनता का चुनाव है. बता दें कि सावित्री जिंदल पहले भी 2 बार दो बार हिसार विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी है, वह हरियाणा की पूर्व शहरी निकाय मंत्री भी रही हैं. फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक सावित्री जिंदल 29.1 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति के साथ भारत की सबसे अमीर महिला हैं.

सावित्री जिंदल ने क्या कहा?

हरियाणा की पूर्व शहरी निकाय मंत्री सावित्री ने कहा कि लोग महसूस करते हैं कि उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए. सावित्री ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा था, "मैंने हिसार के विकास और बदलाव के लिए सेवा करने का संकल्प लिया है. हिसार की जनता मेरा परिवार है और ओम प्रकाश जिंदल जी ने मेरा रिश्ता मेरे परिवार के साथ स्थापित किया था. जिंदल परिवार ने हमेशा हिसार की सेवा की है. मैं खुद को लोगों की उम्मीद के अनुरूप समर्पित कर दूंगी और उनके विश्वास को बनाए रखूंगी."
 


केजरीवाल के एक और सांसद पर पड़ गया ED का छापा, भड़क उठी AAP, जानिए कौन है वो?

ईडी ने AAP के सांसद संजीव अरोड़ा के ठिकानों पर रेड मारी है. उनके एसोसिएट्स हेमंत सुद के घर भी ईडी ने छापेमारी की है. इसपर आप नेता संजय सिंह ने बीजेपी को घेरा है.

Last Modified:
Monday, 07 October, 2024
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आम आदमी पार्टी के एक और सांसद पर ईडी की गाज गिरी है, जहां सोमवार को आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के घर पर रेड पड़ी. आप सांसद संजीव पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके से जमीन अपनी कंपनी के नाम कर दी. ईडी की टीमें जालंधर में संजीव अरोड़ा के एक पते पर छापेमारी की. संजीव अरोड़ा ने एक्स पर अपने घर पर पड़ी छापेमारी को लेकर लिखा, “मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं. तलाशी की क्या वजह है. इस बात का जानकारी मुझे नहीं है लेकिन एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करूंगा और उनके सभी सवालों का जवाब दूंगा.”

17 लोकेशन पर की गई छापेमारी

ईडी सूत्रों के मुताबिक, 17 लोकेशन पर ये छापेमारी की गई है, जिसमें दिल्ली भी शामिल है. संजीव अरोड़ा के एसोसिएट्स हेमन्त सुन्द के ठिकाने भी ED की रेड्स पर हैं. हेमंत एक रीयल स्टेट के बड़े कारोबारी हैं. साथ ही चंदशेखर अग्रवाल के ठिकानों पर भी जालंधर में छापेमारी हुई है. महादेव एप मामले में भी उनका नाम सामने आया था. रॉयल इंडस्ट्रीज कंपनी और रितेश प्रोपर्टी पर छापेमारी चल रही है. दोनों कंपनियों पर ED रेड्स पर हैं, जिनमें से रितेश प्रोपर्टी संजीव अरोड़ा की कंपनी है.

कौन हैं संजीव अरोड़ा?

61 वर्षीय संजीव अरोड़ा 1986 से व्यवसाय में रहे हैं. रितेश इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से उन्होंने एक सफल एक्सपोर्ट हाउस चलाया है. उन्होंने अमेरिका के वर्जीनिया में अपना एक्सपोर्ट ऑफिस खोलकर अपना काम शुरू किया था. उन्होंने लुधियाना में भी एक अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क विकसित किया था.

मेक इन इंडिया योजना के तहत 2019 में उन्होंने सुजूकी मोटर्स गुजरात प्लांट के साथ टाई-अप किया और लौह धातु व्यवसाय में भी कदम रखा. इसके अलावा उनकी ओर से महिलाओं के कपड़े बनाने वाले ब्रांड फेमेला फैशन लिमिटेड को भी लांच किया गया. वे कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट भी चलाते हैं. ब्रेस्ट कैंसर की मरीजों का इसमें इलाज होता है. उनके परिवार में उनकी पत्नी, बेटा और बेटी हैं. 

ईडी की रेड पर क्या बोले संजय सिंह?

संजीव अरोड़ा के आवास पर ईडी की रेड को लेकर सांसद संजय सिंह की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "एक और सुबह, एक और रेड. आप सांसद संजीव अरोड़ा के घर ED वाले पहुंचे हैं. पीएम मोदी की फर्जी केस बनाने वाली मशीन 24 घंटे आम आदमी पार्टी के पीछे पड़ी हुई है. SC ने भी कई बार इनको लताड़ा की झूठे केस बनवाना बंद करो, लेकिन फिर भी ED को समझ नहीं आ रहा. ये एजेंसियों कोर्ट को नही मानती, सिर्फ अपने आका की मानती है. लेकिन, पीएम मोदी का अहंकार आम आदमी पार्टी के नेताओं के हौसलों के सामने बिल्कुल फेल है. फर्जी केस और रेड वाले हथकंडों से आप एक कट्टर ईमानदार पार्टी को तोड़ नहीं सकते पीएम मोदी."
 

 

आखिर ऐसा क्या हुआ कि PM मोदी का मंदिर बनवाने वाले ने ही छोड़ दी भाजपा?

खुद को पीएम मोदी का कट्टर समर्थक बताने वाले मयूर मुंडे ने भाजपा छोड़ दी है. मयूर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 05 October, 2024
Last Modified:
Saturday, 05 October, 2024
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करीब तीन साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मान देने के लिए भाजपा के एक कार्यकर्ता ने पुणे में मोदी मंदिर बनवाया था. अब खबर है कि उसी कार्यकर्ता ने भाजपा छोड़ दी है. महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले मयूर मुंडे ने साल 2021 में 'मोदी मंदिर' का निर्माण करवाया, जो काफी सुर्खियों में रहा था.  पुणे के औंध इलाके में बने इस मंदिर का उद्घाटन मयूर ने एक बुजुर्ग के हाथों करवाया था. इस मंदिर में PM मोदी की मूर्ति लगी है.

विधायकों पर साधा निशाना
मयूर मुंडे भाजपा में बाहरी लोगों को तवज्जो देने और अपनों को दरकिनार करने की नीति से नाराज हैं. इसीलिए उन्होंने भाजपा की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, महाराष्ट्र में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की पुणे यूनिट में मतभेद स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है. कोथरुड और खडकवासला के मौजूदा विधायकों पर उम्मीदवार चयन प्रक्रिया में दखल देने की कोशिश का आरोप है. यह भी कहा जा रहा है कि शिवाजीनगर विधायक सिद्धार्थ शिरोले वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं. 

बैठकों में भी नहीं बुलाते
श्री नमो फाउंडेशन के मयूर मुंडे ने वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं को नज़रंदाज करने पर नाराज़गी जताई है. मुंडे ने कहा कि भाजपा वफादार कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रही है और दूसरे राजनीतिक दलों से पार्टी में आने वालों को अधिक महत्व दिया जा रहा है.  उन्हें विभिन्न पद दिए जा रहे हैं. मुंडे ने आरोप लगाया कि BJP में पुराने पदाधिकारियों का अपमान हो रहा है, अब उन्हें पार्टी की बैठकों में भी नहीं बुलाया जाता. यहां तक कि उनकी राय तक नहीं सुनी जा रही और उन्हें चुनाव प्रक्रिया से दूर कर दिया गया है.

विकास निधि खर्च में पक्षपात
मुंडे का कहना है कि उन्होंने भले ही भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन वह आज भी पीएम मोदी के कट्टर समर्थक हैं. मयूर मुंडे ने आगे कहा कि मौजूदा विधायक उन लोगों के इलाकों में विकास निधि खर्च कर रहे हैं, जो दूसरी पार्टियों से BJP में आए हैं. जबकि वफादार पार्टी कार्यकर्ताओं के क्षेत्र के लिए कुछ नहीं दिया जा रहा. बता दें कि अब तक बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भाजपा का दमन थाम चुके हैं और यह सिलसिला जारी है. मुड़े की तरह ही दूसरे राज्यों में भी भाजपा कार्यकर्ता 'अपनों' की उपेक्षा से नाराज हैं.