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सस्ते रूम्स पर GST: बिगड़ेगा होटल मालिकों का ‘गणित’, समझें इसके मायने
GST मंत्री समूह की सिफारिश है कि 1,000 रुपए प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल रूम्स पर 12% की दर से टैक्स लगाया जाए. मौजूदा व्यवस्था के तहत इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
GST काउंसिल की बैठक में जीएसटी मंत्री समूह ने होटल रूम्स को लेकर जो सुझाव दिया है, उससे आने वाले दिनों में सस्ते होटल भी महंगे हो जाएंगे. समूह की सिफारिश है कि 1,000 रुपए प्रतिदिन से कम किराए वाले होटल रूम्स पर 12% की दर से टैक्स लगाया जाए. मौजूदा व्यवस्था के तहत इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है. ऐसे में टैक्स के दायरे में आते ही ये रूम महंगे हो जाएंगे.
सहयोग की दरकार
भारत में टूरिज्म इंडस्ट्री के 2027 तक 75 बिलियन डॉलर का होने की उम्मीद है. कोरोना महामारी के चलते इस सेक्टर को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक, इस दौरान पर्यटन उद्योग को 15 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. अब जब स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है, तो इंडस्ट्री से जुड़े लोग मुनाफे की आस लगाए बैठे हैं. ऐसे में उन्हें सरकार के सहयोग की ज़रूरत है.
लंबे स्टे पर असर
होटलों में सबसे ज्यादा सस्ते रूम बुक होते हैं. मिडिल क्लास फैमिली के बजट में ‘बजट रूम्स’ ही फिट होते हैं. वैसे कहने को 1000 रुपए के रूम पर 12% टैक्स से कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं होगी, लेकिन जब स्टे लंबा हो तो यह खास न लगने वाला इजाफा भी ज्यादा लगने लगेगा. यही वजह है कि होटल मालिक चिंतित हैं. उनका मानना है कि सस्ते रूम महंगे होने से उनकी डिमांड पर असर पड़ सकता है. पर्यटक ज्यादा के बजाए कम दिन रुकेंगे, जिससे उनकी कमाई प्रभावित होगी.
छोटे होटलों की मुश्किल
इनकी सबसे ज्यादा डिमांड
गुप्ता ने आगे कहा, ‘500 से 800 रुपए के होटल रूम सबसे ज्यादा डिमांड में रहते हैं. ऐसे में GST के दायरे में आने से होटल मालिकों की आय पर असर होगा. सरकार को चाहिए कि वो होटल इंडस्ट्री के प्रति अपनी प्रोत्साहन नीति को बरकरार रखे. पहले इंडस्ट्री को कोरोना महामारी के प्रभाव से पूरी तरह बाहर निकलने दे, हमारा बिज़नेस फ्लो पर आ जाए, फिर यदि ऐसे फैसले लिए जाएं तो ठीक रहेगा’.
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