ऐसा क्या हुआ कि Bullet Train की रफ्तार से दौड़ने लगा RVNL का शेयर?

रेल विकास के निगम यानि RVNL के शेयरों में पिछले पांच दिनों से तेजी का रुख देखने को मिल रहा है.

Last Modified:
Tuesday, 25 April, 2023
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रेल विकास के निगम (Rail Vikas Nigam Ltd) का शेयर तेज रफ्तार से दौड़ लगा रहा है. आज यानी मंगलवार को मार्केट खुलने के साथ ही इस शेयर में जबरदस्त उछाल रिकॉर्ड किया गया है. खबर लिखे जाने तक यह 9.34% की तेजी के साथ 95.95 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. जबकि सोमवार को यह 87.15 रुपए के लेवल पर बंद हुआ था. अब सवाल ये उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि RVNL ने बुलेट ट्रेन सरीखी रफ्तार पकड़ ली?

शानदार है पिछला रिकॉर्ड
RVNL का पिछला रिकॉर्ड बेहद शानदार है. बीते 5 कारोबारी सत्रों में इसने 27.29% और एक महीने में 44.14% का रिटर्न दिया है. पिछले छह महीने की बात करें, तो यह आंकड़ा 142.97% पहुंच गया है. आज बाजार खुलने के साथ इस शेयर को खरीदने की होड़ मची हुई है, जिसके चलते यह लगातार ऊपर की तरफ दौड़ रहा है. एक्सपर्ट्स पहले से ही इस शेयर के बुलिश रहने के संकेत दे रहे हैं.    

ये ऐलान है वजह 
रेल विकास निगम (RVNL) के शेयरों में इस तेजी की प्रमुख वजह मोदी सरकार का एक ऐलान है. दरअसल, सरकार ने इस साल अगस्त तक 120 एडवांस्ड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का प्रोडक्शन शुरू करने का ऐलान किया है. मोदी सरकार ने लातूर में कोच फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 600 करोड़ रुपए मंजूर भी कर दिए हैं. इसके लिए रूस और RVNL के एक संघ के साथ कॉन्ट्रैक्ट प्रोसेस में है. निवेशकों को लग रहा है कि इस प्रोजेक्ट के हाथ आने से RVNL की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और इसका असर उसके शेयरों पर भी पड़ेगा. इसलिए RNVL के शेयरों की खरीदारी हो रही है.

हाथ लगे कई प्रोजेक्ट
कुछ वक्त पहले खबर आई थी कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी RVNL को मालदीव में एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना में सफल बोलीदाता घोषित किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत UTF (Uthuru Thila Falhu-Island) हार्बर का विकास किया जाएगा. यह भारत सरकार का एक स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट है और इसकी अनुमानित परियोजना लागत 1544.60 करोड़ रुपए है. पिछले साल 4 नवंबर को RVNL को पूर्व मध्य रेलवे के तहत धनबाद डिवीजन से जुड़ा के बड़ा प्रोजेक्ट मिला था. जबकि 20 अक्टूबर को, कंपनी की तरफ से बताया गया था कि उसे एएमसी क्षेत्र पैकेज 2 और 3 में खारीकट नहर के विकास के लिए एक ठेका मिला है, जिसकी कुल लागत 484 करोड़ रुपए है.  

कौन हैं कंपनी के क्लाइंट?
RVNL का मुख्य क्लाइंट इंडियन रेलवे है. इसके अलावा, कंपनी के अन्य ग्राहकों में विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों के मंत्रालय, विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम शामिल हैं. आरवीएनएल ने प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से मेट्रो, राजमार्ग और अन्य बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में भी भाग लेना शुरू कर दिया है. आरवीएनएल ने अपनी FY22 वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी गुणवत्ता से कोई समझौता किए बिना लागत नियंत्रण और परियोजनाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रही है.
 


सिंगापुर, हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

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Saturday, 18 May, 2024
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भारतीय मसालों पर सिंगापुर हांगकांग से शुरू हुआ संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इन सरकारों के बैन लगाने के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल ने भी कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है. नेपाल फूड टेक्‍नोलॉजी और क्‍वॉलिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बाबत गाइडलाइन जारी की है. नेपाल वो देश है जिसे पेट्रोल, डीजल से लेकर कई बुनियादी सामान भारत सप्‍लाई करता है. सिंगापुर-हांगकांग ने इन मसालों पर बैन इसलिए लगाया था क्‍योंकि वहां एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड पाया गया था. 

नेपाल ने किन मसालों पर लगाया है बैन 
नेपाल सरकार की ओर से उन मसालों पर बैन नहीं लगाया है जिन पर सिंगापुर और हांगकांग ने बैन लगाया था. नेपाल ने जिन मसालों पर बैन लगाया है इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्‍स मसाला करी पाउडर के साथ साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्‍ट शामिल हैं. नेपाल सरकार के फूड विभाग की जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा तय सीमा से ज्‍यादा पाई गई है. इसलिए वहां की सरकार ने इनके इंपोर्ट और सेल में बैन लगा दिया है. नेपाल की फूड क्‍वॉलिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोटर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्‍ट को वापस लेने को कहा है. 

ये भी पढ़ें: जानते हैं Google CEO को पसंद है दिल्‍ली,मुंबई और बेंगलुरु का कौन सा खाना? ये है इसका जवाब

भारतीय मसाला बोर्ड भी कर रहा है कार्रवाई 
हांगकांग और सिंगापुर का मामला सामने आने के बाद भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एफएसएसएआई देश में रैंडम तरीके से मसालों की जांच कर रहा है, जिससे इस प्रकार के मामलों की कभी भविष्‍य में पुनरावृत्ति ना हो सके. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने कुछ कंपनियों को मसालों को एक्‍सपोर्ट करने से भी मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा है उनमें से ज्‍यादातर का कहना है कि उनके प्रोडक्‍ट पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है भारत 
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है. दुनियाभर में 109 मसाले हैं जिनका अलग-अलग देशों में इंपोर्ट एक्‍सपोर्ट होता है. उनमें से अकेले 75 का उत्‍पादन अकेले भारत करता है. पिछले साल भारत ने 75 हजार करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात किया है. 
 


सिंगापुर हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

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Saturday, 18 May, 2024
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भारतीय मसालों पर सिंगापुर हांगकांग से शुरू हुआ संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इन सरकारों के बैन लगाने के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल ने भी कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है. नेपाल फूड टेक्‍नोलॉजी और क्‍वॉलिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बाबत गाइडलाइन जारी की है. नेपाल वो देश है जिसे पेट्रोल, डीजल से लेकर कई बुनियादी सामान भारत सप्‍लाई करता है. सिंगापुर-हांगकांग ने इन मसालों पर बैन इसलिए लगाया था क्‍योंकि वहां एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड पाया गया था. 

नेपाल ने किन मसालों पर लगाया है बैन 
नेपाल सरकार की ओर से उन मसालों पर बैन नहीं लगाया है जिन पर सिंगापुर और हांगकांग ने बैन लगाया था. नेपाल ने जिन मसालों पर बैन लगाया है इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्‍स मसाला करी पाउडर के साथ साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्‍ट शामिल हैं. नेपाल सरकार के फूड विभाग की जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा तय सीमा से ज्‍यादा पाई गई है. इसलिए वहां की सरकार ने इनके इंपोर्ट और सेल में बैन लगा दिया है. नेपाल की फूड क्‍वॉलिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोटर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्‍ट को वापस लेने को कहा है. 

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भारतीय मसाला बोर्ड भी कर रहा है कार्रवाई 
हांगकांग और सिंगापुर का मामला सामने आने के बाद भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एफएसएसएआई देश में रैंडम तरीके से मसालों की जांच कर रहा है, जिससे इस प्रकार के मामलों की कभी भविष्‍य में पुनरावृत्ति ना हो सके. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने कुछ कंपनियों को मसालों को एक्‍सपोर्ट करने से भी मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा है उनमें से ज्‍यादातर का कहना है कि उनके प्रोडक्‍ट पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है भारत 
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है. दुनियाभर में 109 मसाले हैं जिनका अलग-अलग देशों में इंपोर्ट एक्‍सपोर्ट होता है. उनमें से अकेले 75 का उत्‍पादन अकेले भारत करता है. पिछले साल भारत ने 75 हजार करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात किया है. 
 

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चुनाव को लेकर रतन टाटा ने की अपील, कही बड़ी बात, वायरल हुई पोस्ट

पांचवें चरण का मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मुंबई स‍िटी और मुंबई सबअर्बन में छह लोकसभा सीटें हैं, इन सभी पर सोमवार को मतदान होगा.

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Saturday, 18 May, 2024
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सात चरणों के दौरान लोकसभा चुनाव की प्रक्र‍िया देशभर में चल रही है. चार चरणों का मतदान हो चुका है, इसके बाद पांचवें चरण की वोट‍िंग 20 मई को होनी है. 20 मई को ही मुंबई की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. उससे पहले रतन टाटा ने मुंबई वालों को एक्‍स (X) पोस्‍ट के जर‍िये विशेष संदेश द‍िया है. उन्होंने सभी मुंबई वालों से मतदान करने और अपने संवैधान‍िक अधिकार का इस्‍तेमाल करने का आग्रह किया. रतन टाटा की तरफ से की गई यह पोस्‍ट वायरल हो गई है.

रतन टाटा ने की अपील

मुंबई में 20 मई को पांचवें चरण के लिए होने वाले मतदान से पहले, उद्योगपति रतन टाटा ने सभी मुंबईवासियों से घर से बाहर निकलने और जिम्मेदारी से मतदान करने का आग्रह किया. रतन टाटा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सोमवार को मुंबई में मतदान का दिन है, मैं सभी मुंबईवासियों से बाहर निकलने और जिम्मेदारी से मतदान करने का आग्रह करता हूं. पांचवें चरण का मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मुंबई स‍िटी और मुंबई सब अर्बन में 6 लोकसभा सीटें हैं, इन सभी पर सोमवार को मतदान होगा.

 

सबसे कम उम्र में PSU बैंक के चेयरमैन बनने वाले Narayanan Vaghul का निधन

बॉलीवुड सितारों ने भी की अपील  

शाहरुख खान ने भी अपने फैन्स से एक अपील करते हुए ट्वीट किया है.  शाहरुख खान ने एक्स पर लिखा कि इस सोमवार को एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अपने राइट टू वोट को यूटिलाइज करना चाहिए और वोट डालना चाहिए. हमें अपनी इस ड्यूटी को निभाना चाहिए और सोच-समझकर उसे चुनना चाहिए जो देश के हित के लिए सबसे बढ़िया लीडर हो. जाइये और वोट डालने के हम सबके इस अधिकार को प्रमोट करिए. इससे पहले सलमान खान ने भी अपने फैन्स से खास अपील की थी और वोट डालने को कहा था.

मुंबई से मैदान में हैं देश के बड़े नाम 

देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में कुल 6 सीट आती हैं. इनमें मुंबई नॉर्थ, मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, मुंबई साउथ और मुंबई साउथ सेंट्रल शामिल हैं. इसके अलावा मुंबई महानगर क्षेत्र में ठाणे, कल्याण, भिवंडी और पालघर की सीटें भी आती हैं. इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा, NCP (अजित पावर) एवं शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और सेना (UBT), एनसीपी (शरद पवार) एवं कांग्रेस गठबंधन के बीच है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल मुंबई नॉर्थ, उज्ज्वल निकम मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और कल्याण से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे बड़े नामों में शामिल हैं.
 


सबसे कम उम्र में PSU बैंक के चेयरमैन बनने वाले Narayanan Vaghul का निधन

बैंकिंग इंडस्ट्री के दिग्गज नारायणन वाघुल का निधन हो गया है. उन्होंने आज चेन्नई के अस्पताल में आखिरी सांस ली.

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Saturday, 18 May, 2024
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दिग्गज बैंकर और फाइनेंशियल ग्रुप ICICI की नींव रखने वाले नारायणन वाघुल (Narayanan Vaghul) अब हमारे बीच नहीं हैं. शनिवार को उनका 88 साल की उम्र में निधन हो गया. गिरकर बेहोश के चलते उन्हें चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां पिछले दो दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे. नारायणन वाघुल ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत की थी. महज 44 साल की उम्र में वह बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन बन गए थे. वाघुल किसी सरकारी बैंक (PSU) के चेयरमैन बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे. 

इसलिए तोड़ लिया था नाता
नारायणन वाघुल को राजीव गांधी सरकार के दौरान उन्हें ICICI बैंक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वाणिज्य और व्यापार के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. ICICI Bank आज जिस मुकाम पर है, उसमें वाघुल की महत्वपूर्ण भूमिका है. कहा जाता है कि आईसीआईसीआई की सफलता से प्रेरित होकर ही IDBI UTI और SBI ने फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री के अलग-अलग क्षेत्रों में अपना विस्तार किया. बैंकिंग सेक्टर के एक और दिग्गज के वी. कामत की स्वदेश वापसी का श्रेय भी नारायणन वाघुल को ही जाता है. बैंकिंग सेक्टर से बेहद प्यार करने वाले वाघुल ने ब्यूरोक्रेट्स के हस्तक्षेप से तंग आकर इस सेक्टर से नाता तोड़ लिया था. 


जानते हैं Google CEO को पसंद है दिल्‍ली,मुंबई और बेंगलुरु का कौन सा खाना? ये है इसका जवाब

सुंदर पिचई ने एआई जैसे गंभीर मामले पर बात करते हुए उसे बेहद सहज तरीके से आम आदमी के सामने रखा. उन्‍होंने कहा कि बहुत जल्‍द कंटेट आपकी भाषा में उपलब्‍ध होगा. 

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Saturday, 18 May, 2024
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मार्केट कैप के मामले में टॉप 5 कंपनियों में शामिल Google के सीईओ सुंदर पिचई कितना कमाते होंगे ये तो आप google से आसानी से पता कर सकते हैं. लेकिन पहली बार गूगल सीईओ ने एक पॉडकास्‍ट के दौरान जिसमें वो एआई तकनीक को लेकर बात कर रहे थे, उसमें बताया कि उन्‍हें भारत का कौन सा खाना पसंद है.

एआई को लेकर सुंदर पिचई ने कही ये बात 
गूगल सीईओ सुंदर पिचई एक पॉडकास्‍ट में वरूण माया के साथ बात कर रहे थे. उन्‍होंने एआई को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्‍होंने कहा कि हम एआई को लेकर कहा कि हम लगातार बैरियर को तोड़ने की कोशिश कर रहे है. अब जो भी तकनीक  बन रही है वो मल्‍टीमॉडल बन रही है. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आप कोई वीडियो देख रहे हैं तो आने वाले समय में आप उसे अपनी पसंद की भाषा में आसानी से देख पाएंगे. उन्‍होंने कहा कि किसी भी टेक्‍नोलॉजी को समझने के लिए आपको उसे डीपर तरीके से जानना होगा. उन्‍होंने इसके लिए आमिर खान की 3 इडियट फिल्‍म का उदाहरण देकर कहा कि उसमें आपने देखा होगा कि जब उनसे मोटर के बारे में पूछा जाता है तो उस वक्‍त वो किस तरह से बताते हैं. उन्‍होंने कहा कि हमें चीजों को आसानी से समझने की जरूरत है. 

ये भी पढ़ें: HDFC के बाद अब इस बैंक में मर्ज होने जा रही है उसकी ही एक कंपनी, जानते हैं कौन है ये

आखिर पिचई को पसंद है कहां का खाना
इस इंटरव्‍यू में जब सुंदर पिचई से पूछा गया कि आपको इंडिया का कौन सा खाना पसंद है तो वो कहते हैं कि मुझे बेंग्‍लुरु का मसाला डोसा काफी पसंद है, अगर मैं दिल्‍ली में होता हूं तो वहां छोले भटूरे खाना पसंद करता हूं और अगर मुंबई होता हूं तो वहां की पाव भाजी काफी पसंद करता हूं. सुंदर पिचई का जन्‍म तमिलनाडु में हुआ था और उनकी पढ़ाई चेन्‍नई में हुई. उसके बाद उन्‍होंने मास्‍टर्स स्‍टैंडफोर्ट यूनिवर्सिटी से किया. 

पिचई का पूरा नाम है पिचाई सुंदरराजन 
Google के सीईओ के तौर पर पहचाने जाने वाले सुंदर पिचाई गूगल Inc के CEO (chief executive officer) हैं. वे गूगल की पेरेंट कंपनी Alphabet Inc के भी हेड हैं. सुंदर पिचई का पूरा नाम पिचाई सुंदरराजन, सुंदर पिचाई है. सुंदर पिचाई के पिता का नाम लक्ष्मी नारायणन और माता का नाम ललिता पिचाई है. पिचई की स्कूली शिक्षा Jawahar Vidyalaya Senior Secondary School, अशोक नगर चेन्नई से हुई. 12वीं Vana Vani स्कूल IIT मद्रास से की. उसके बाद मास्‍टर्स उन्‍होंने स्‍टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से किया. 


20 मई को बंद रहेगा शेयर बाजार, नहीं होगा कारोबार, जानिए क्यों?

शेयर बाजार में आज दो स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन हुए. डिजास्टर रिकवरी साइट को टेस्ट करने के लिए ऐसा किया गया.

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Saturday, 18 May, 2024
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लोकसभा चुनाव के चलते 20 मई (सोमवार) को शेयर बाजार बंद रहेंगे. यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज ऑपरेटर NSE और BSE ने दी है. NSE ने कहा कि मुंबई में 20 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. ऐसे में इस दिन शेयर बाजार में कारोबार नहीं होगा. नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 के सेक्शन 25 के तहत चुनावों में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. 

NSE ने जारी किया सर्कुलर

NSE ने एक सर्कुलर में कहा कि सोमवार, 20 मई 2024 को मुंबई में संसदीय चुनावों के कारण ट्रेडिंग हॉलिडे होगा. सर्कुलर के मुताबिक, उस दिन इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स और सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग सेगमेंट में कोई कारोबार नहीं होगा. 20 मई को धुले, डिंडोरी, नासिक, भिवंडी, कल्याण, ठाणे, मुंबई नॉर्थ, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई साउथ, मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और पालघर लोकसभा सीटों पर वोटिंग होगी.

HDFC के बाद अब इस बैंक में मर्ज होने जा रही है उसकी ही एक कंपनी, जानते हैं कौन है ये

आज भी शेयर बाजार में कारोबार हुआ

शेयर बाजार में आज शनिवार (18 मई) को छुट्‌टी के दिन भी कारोबार हुआ. आज बाजार में मामूली तेजी देखने को मिली. सेंसेक्स 88 अंक की बढ़त के साथ 74,005 पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी में भी 35 अंक की तेजी रही. ये 22,502 के स्तर पर बंद हुआ. सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 में तेजी और 9 में गिरावट देखने को मिली. हालांकि, रविवार को शेयर बाजार हमेशा की तरह छुट्‌टी के चलते बंद ही रहेगा.

आज बाजार में हुए दो स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन 

शेयर बाजार में आज दो स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन हुए. पहला फेज 45 मिनट का सेशन तक चला जो सुबह 9:15 बजे शुरू होकर 10:00 बजे तक चला. वहीं दूसरा स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन सुबह 11:45 बजे शुरू हुआ और दोपहर 12:30 बजे तक चला. डिजास्टर रिकवरी साइट को टेस्ट करने के लिए ऐसा किया गया. स्टॉक एक्सचेंज के अनुसार, इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में प्राइमरी साइट से डिजास्टर रिकवरी साइट पर इंट्रा-डे स्विच के साथ यह स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन आयोजित किया गया है. ऐसा करके प्राइमरी साइट के मेजर डिसरप्शन और फेल्योर को हैंडल करने के लिए तैयारियों की जांच की गई. स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन में प्राइमरी साइट (PR) से डिजास्टर रिकवरी (DR) साइट पर इंट्रा-डे स्विच होगा. 
 


HDFC के बाद अब इस बैंक में मर्ज होने जा रही है उसकी ही एक कंपनी, जानते हैं कौन है ये

इस बैंक के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्‍टर्स ने पिछले साल जुलाई में ही इस मर्जर को अनुमति दे दी थी. इसे आरबीआई की अनुमति मिल चुकी है. 

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Saturday, 18 May, 2024
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HDFC समूह की दो कंपनियों के सफल मर्जर के बाद अब IDFC बैंक में IDFC Ltd का मर्जर होने जा रहा है. कंपनी के शेयर होल्‍डरों ने इसके लिए सहमति दे दी है. आईडीएफसी की ओर से इसकी जानकारी शेयर बाजार को दे दी गई है. विशेष बात ये है कि आरबीआई इस मर्जर को पहले ही अनुमति दे चुका है जबकि एनसीएलटी से भी जल्‍द ही अनुमति मिलने की उम्‍मीद है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
दरअसल 2023 में आईडीएफसी (IDFC) समूह की कंपनियों में मर्जर के प्रस्‍ताव की शुरुआत हुई थी. इसमें IDFC limited, IDFC FHCL, का IDFC Bank में मर्जर होना है. पिछले साल जुलाई में आईडीएफसी के डॉयरेक्‍टर ने इनके मर्जर को अनुमति दे दी थी. IDFC बैंक और Bandhan बैंक को एक साथ 2014 में लाइसेंस मिला था. लेकिन उसके बाद IDFC बैंक और कैपिटल फर्स्‍ट लिमिटेड का मर्जर हो गया जिससे आईडीएफ बैंक आईडीएफसी फर्स्‍ट बैंक बन गया. 

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मर्जर के बाद कितनी हो जाएगी हिस्‍सेदारी 
IDFC बैंक अपनी नॉन फाइनेंशियल कंपनी के माध्‍यम से IDFC फर्स्‍ट बैंक में 39.93 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है. इस मर्जर के बाद  बैंक का प्रति शेयर बुक वैल्यू 4.9 प्रतिशत बढ़ जाएगा. इससे पहले बैंक की ओर से स्‍टॉक एक्‍सचेंज को बताया गया है कि इस मर्जर से सरलीकरण होगा. आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी, आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की कॉर्पोरेट संरचना को एक कंपनी में मिलाकर इन संस्थाओं के रेग्‍यूलेटरी कंप्‍लाइसेंस को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी. 

क्‍या कहते हैं तीसरी तिमाही के नतीजे? 
वहीं आईडीएफसी बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजों पर नजर डालें तो 27 मई को जो नतीजे सामने आए उसमें नेट प्रॉफिट में 10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली थी जिसके बाद कंपनी का मुनाफा 724 करोड़ रुपये रहा था. पिछले साल कंपनी ने 803 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. वहीं कंपनी की टोटल इनकम पर नजर डालें तो वो 9861 करोड़ रुपये रही जबकि पिछले साल यही इनकम 7822 करोड़ रुपये रही थी. जबकि ब्‍याज आय में इजाफा देखने को मिला है और ये 8219 करोड़ रुपये रही है. जबकि पिछले साल इसी क्‍वॉर्टर में ये इनकम 6424 करोड़ रुपये रही थी.  


 


जल्द खत्म नहीं होगा OYO के आईपीओ का इंतजार, अब सामने आई ये जानकारी 

रितेश अग्रवाल की OYO ने पहले 2021 में आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज सेबी के पास दाखिल किए थे.

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Saturday, 18 May, 2024
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हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी OYO के आईपीओ का इंतजार और लंबा हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी IPO के लिए अपने ड्राफ्ट-रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को फिर से दाखिल करने की तैयारी कर रही है. OYO ने इससे पहले सितंबर 2021 बाजार नियामक सेबी के पास आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज जमा किए थे. अब कंपनी नए सिरे से DRHP दाखिल करेगी, तो इससे आईपीओ का इंतजार और बढ़ जाएगा. 

क्या है कंपनी की योजना?
दरअसल, सॉफ्टबैंक समर्थित OyO डॉलर बॉन्ड बिक्री के माध्यम से 450 मिलियन डॉलर जुटाने की अपनी योजना को अंतिम रूप दे रही है. जेपी मॉर्गन (JP Morgan) 9 से 10 प्रतिशत प्रति वर्ष की अनुमानित ब्याज दर पर डॉलर बॉन्ड के ऐवज में कंपनी की इसमें मदद कर सकता है. ओयो ने री-फाइनेंस की तैयारी के लिए अपने वर्तमान DRHP को वापस लेने के लिए सेबी के समक्ष अपना आवेदन पेश किया है. 

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इस वजह से किया ऐसा
OYO की मूल कंपनी Oravel Stays बॉन्ड जारी होने के बाद DRHP के अपडेटेड एडिशन को फिर से दाखिल करेगी. रीफाइनेंस के बाद कंपनी के वित्तीय विवरणों में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे. इसलिए मौजूदा नियमों के अनुसार OYO को बाजार नियामक के साथ अपनी फाइलिंग को संशोधित करने की आवश्यकता होगी. इससे पहले, कंपनी ने बायबैक प्रक्रिया के माध्यम से 1620 करोड़ रुपए के अपने कर्ज का एक बड़ा हिस्सा समय से पहले चुका दिया था. बायबैक में 660 मिलियन डॉलर के बकाया टर्म लोन B का 30% बायबैक शामिल था.

पहले इसलिए हुई थी देरी 
ओयो ने सितंबर 2021 में 8430 करोड़ रुपए के आईपीओ के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के समक्ष प्रारंभिक आईपीओ दस्तावेज दाखिल किए थे. लेकिन अस्थिर बाजार के चलते कंपनी आईपीओ लाने से बचती रही. देश के सबसे कम उम्र के अरबपति कारोबारी का खिताब पाने वाले रितेश अग्रवाल की यह कंपनी पहली बार पिछले साल मुनाफे में आई थी. कंपनी ने वित्त वर्ष 23-24 की सितंबर तिमाही में 16 करोड रुपए का मुनाफा दर्ज किया था. 


New EV Policy के लिए विस्तृत दिशानिर्देश होंगे जारी, अब कोई भी फर्म लगा सकेगी कारखाना

भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) विस्तृत दिशानिर्देश तैयार कर रहा है, जिसमें इससे जुड़ा पूरा ब्योरा स्पष्ट किया जाएगा और जल्द इसकी घोषणा भी की जाएगी.

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Saturday, 18 May, 2024
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देश में पहले से वाहन बना रही कंपनियों समेत सभी कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बनाने के लिए नई परियोजना या संयंत्र में निवेश की इजाजत दी जा सकती है. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार हाल में मंजूर नई ईवी नीति (New EV Policy) के तहत कंपनियों को नए निवेश के लिए अनुमति देने की योजना बना रही है.

मार्च में घोषित ईवी पॉलिसी

आपको बता दें, मार्च में घोषित ईवी पॉलिसी में उन विनिर्माण कंपनियों के लिए आयात शुल्क कम करने की बात कही गई है, जो कम से कम 50 करोड़ डॉलर निवेश का वादा करेंगे और 3 साल के भीतर देश में कारखाना लगाएंगे. उन्हें काम शुरू करने के 3 साल के भीतर भारत में ही 25 प्रतिशत मूल्यवर्द्धन शुरू करना होगा. 5वें साल तक इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करना होगा. इस पॉलिसी का मकसद टेस्ला, विनफास्ट, बीवाईडी जैसी प्रमुख अतंरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. वहीं, अब इसे लेकर सरकार फिर से दिशानिर्देश जारी करने वाली है.

ये होंगे दिशा निर्देश
जानकारी के अनुसार नई ईवी पॉलिसी के तहत सरकार अब हर फर्म को देश में कारखाना लगाने की अनुमति देने वाली है. सरकार जल्द इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिसमें आवेदन पोर्टल लिंक और परियोजना निगरानी एजेंसी (PMA) के बारे में जानकारी शामिल होगी. 15 मार्च को सरकार ने एक इलेक्ट्रिक-वाहन नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत 500 मिलियन अमेरिकी डालर के न्यूनतम निवेश के साथ देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क रियायतें दी जाएंगी.
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ये है सरकार का प्लान
15 मार्च को सरकार ने एक इलेक्ट्रिक-वाहन नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत 500 मिलियन अमरीकी डालर के न्यूनतम निवेश के साथ देश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क रियायतें दी जाएंगी, इस कदम का उद्देश्य यूएस-आधारित टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करना है. नीति के अनुसार, किसी कंपनी को भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने, ई-वाहनों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने और अधिकतम पांच वर्षों के भीतर 50 प्रतिशत घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) तक पहुंचने के लिए 3 वर्ष का समय मिलेगा.

पैसेंजर इलेक्ट्रिक कारों के लिए ये नियम

पैसेंजर इलेक्ट्रिक कारों के लिए मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा अनुमोदन पत्र जारी करने की तिथि से 5 वर्षों के लिए 35,000 अमेरिकी डॉलर और उससे अधिक कीमत वाले वाहनों पर 15 प्रतिशत के कम सीमा शुल्क/आयात शुल्क पर सीमित संख्या में कारों का आयात करने की अनुमति दी जाएगी.


आखिर कौन हैं ये तीन युवा जिन्‍होंने अपनी कामयाबी से Forbs की इस सूची में बनाई है जगह

इन तीनों युवाओं ने अपनी कंपनी के द्वारा किए गए इनोवेशन से उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश की है जिनके लिए आज तक उस सुविधा के दरवाजे बंद थे. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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फोर्ब्‍स पत्रिका ने अपने 30 अंडर 30 के युवा कारोबारियों के 9वें एडिशन को लॉन्‍च कर दिया है. फोर्ब्‍स की इस सूची में भारत के तीन युवा अपने हुनर और काबिलियत के दम पर जगह बनाने में कामयाब हुए हैं. ये तीनों युवा इनोवेशन को लेकर काम कर रहे हैं एशिया प्रशांत क्षेत्र लगातार नई तकनीक ला रहे हैं. अपनी इस स्‍टोरी में हम आपको इनके बारे में विस्‍तार से बताने जा रहे हैं.

आखिर कौन हैं ये तीन युवा 
इस सूची में शामिल हैं Couple के फाउंडर को-फाउंडर श्रीनिवास सरकार. श्रीनिवास सरकार इंडियन इंस्‍टीटयूट ऑफ एस्‍ट्रोफिजिक्‍स में बतौर रिसर्चर काम कर रहे हैं. उसके बाद Organizer में काम किया जहां उन्‍हें 20 लोगों की टीम को लीड करने का मौका मिला. इसके बाद 2020 से लेकर 2021 तक वो Inaraa Healthcare के को फाउंडर के तौर पर काम करते रहे. इसके बाद 2021 में उन्‍होंने EY ज्‍वॉइन कर ली यहां उन्‍हें बतौर कंसल्‍टेंट के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्‍होंने Entrepreneur First में भी काम किया जहां वो बतौर फाउंडर रेजीडेंट के तौर पर काम करते रहे. इसके बाद 2022 में उन्‍होंने Couple की शुरूआत की जिसकी बदौलत आज वो फोर्ब्‍स में जगह बना चुके हैं. ये एक वाई कॉम्बिनेटर समर्थित उपभोक्ता फिनटेक स्टार्टअप है. ये कंपनी अपने डिजिटल ज्‍वॉइंट खाते का इस्‍तेमाल करके कपल को अपने साझा खर्चों को प्रबंधित करने का सबसे आसान तरीका प्रदान करते हैं. 

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कौन हैं ट्रांजेक इंडिया के यीशू अग्रवाल 
फोर्ब्‍स की सूची में ट्रांजेक इंडिया के फाउंडर यीशू अग्रवाल को भी जगह मिली है. येशु अग्रवाल ट्रांसक के सह-संस्थापक हैं, जो एक वेब3 भुगतान गेटवे है जो लोगों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी खरीदने और बेचने के तरीके को सरल बनाता है. लोग क्रेडिट कार्ड या बैंक ट्रांसफर जैसी विभिन्न पेमेंट तरीकों से ट्रांसैक का उपयोग करके ऐप्स के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं. हाल ही में, ट्रांसैक ने वीज़ा के साथ साझेदारी की घोषणा की जो उपयोगकर्ताओं को क्रिप्टोकरेंसी को वॉलेट से सीधे वीजा डेबिट कार्ड में ट्रांसफर करने की अनुमति देती है. पिछले साल मई में, ट्रांसैक ने सीई इनोवेशन कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज ए फंडिंग राउंड में 20 मिलियन डॉलर जुटाए थे. 

एक इंटरव्‍यू के दौरान यीशू ने बताया था कि Transac की शुरूआत में वो दो लोग काम करते थे. वो कंपनी का टैक्‍नोलॉजी पार्ट देखते थे जबकि उनके दोस्‍त सामी उनकी कंपनी के लिए सेल्‍स का काम देखते थे. Transac की सबसे पहली पार्टनरशिप MetaMAsk के साथ हुई थी. लेकिन बाद में Sendwyre के बंद होने के बाद Transac को अच्‍छा मौका मिला. 2020 कंपनी के लिए काफी बेहतर रहा है उसमें कंपनी ने हर हफ्ते एक नया फीचर लॉन्‍च किया. कंपनी की इसी परफॉर्मेंस का नतीजा है कि आज Transac के फाउंडर यीशू अग्रवाल फोर्ब्‍स की सूची में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. 

तीसरा नाम है आलेश अलवानी 
जिन तीन युवाओं ने फोर्ब्‍स की सूची में जगह बनाई है उनमें तीसरा नाम आलेश अलवानी का है. आलेश क्रेडिट वाइज कैपिटल के फाउंडर रहे हैं.  क्रेडिट वाइज टू व्‍हीलर लोन देने वाली कंपनी है. इस कंपनी के सह-संस्थापक आलेश अवलानी हैं जिन्‍होंने इसे 2019 में स्थापित किया था, CWC ने एक साल बाद सीड फंडिंग में $6 मिलियन का फंड जुटाने में कामयाबी हासिल की.  क्रेडिट स्कोरिंग के लिए व्हाट्सएप बॉट जैसी तकनीक का उपयोग करते हुए, सीडब्ल्यूसी आवेदन प्रक्रिया को कम करता है और बिना क्रेडिट इतिहास वाले लोगों के लिए ऋण लेना आसान करता है। अवलानी कहते हैं, "इसने कई पहली बार ऋण खरीदने वालों को 2-पहिया वाहन खरीदने में सक्षम बनाया है, जिससे कृषि, आजीविका और शिक्षा और कौशल विकास के अवसरों में सुधार हुआ है।" सीडब्ल्यूसी के ग्राहक मुख्य रूप से देश के टियर-2, 3 और 4 शहरों में हैं। कंपनी व्यक्तिगत ऋण और स्वास्थ्य सेवा बीमा में भी विस्तार कर रही है।