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ऐसा क्या हुआ कि Twitter को अपना बनाने से पीछे हट गए एलन मस्क, अब क्या होगा आगे?
एलन मस्क ने ट्विटर के साथ 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से लगभग 44 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण समझौता किया था.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ट्विटर को अपना बनाने से पीछे हट गए हैं. उन्होंने डील रद्द करने की घोषणा करते हुए ट्विटर पर अगीमेंट के कई प्रावधान तोड़ने का आरोप लगाया है. वहीं, ट्विटर डील रद्द करने के लिए अब एलन मस्क को अदालत में घसीटने की तैयारी कर रही है.
ये है पीछे हटने की वजह
तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि जिस ट्विटर को अपना बनाने के लिए एलन मस्क बेताब थे, उसी को उन्होंने खुद से दूर करने का फैसला लिया. दरअसल, ट्विटर के साथ 44 बिलियन डॉलर में डील करने के बाद से एलन मस्क कई मुद्दों को लेकर परेशान चल रहे थे. जिसमें से सबसे प्रमुख है फेक अकाउंट्स. उन्होंने पहले भी कहा था कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकला तो वह डील रद्द कर देंगे. अब उनका कहना है कि कंपनी नकली खातों की संख्या के बारे में पर्याप्त जानकारी मुहैया कराने में विफल रही है, इसलिए वह डील के साथ आगे नहीं बढ़ सकते.
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होल्ड पर रखी थी डील
अप्रैल में मस्क ने ट्विटर के साथ 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से लगभग 44 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण समझौता किया था. लेकिन, बाद में उन्होंने डील को होल्ड कर रख दिया था. क्योंकि वह ट्विटर के इस दावे की सत्यता की समीक्षा करना चाहते थे कि प्लेटफॉर्म पर 5% से कम खाते बॉट या स्पैम अकाउंट्स हैं. टेस्ला प्रमुख की तरफ से ट्विटर को एक पत्र भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि चूंकि ट्विटर ने समझौते की कई शर्तों का उल्लंघन किया है, इसलिए वह डील रद्द कर रहे हैं. अब इस मामले के अदालत में जाने की पूरी संभावना है, क्योंकि ट्विटर ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. ऐसे में जो भी पक्ष खुद को सही साबित नहीं कर पाता उसे पेनाल्टी भी करनी पड़ सकती है.
क्या होते हैं स्पैम-बॉट्स?
अब ये भी समझ लेते हैं कि एलन मस्क ने जिस वजह से ट्विटर के साथ डील रद्द की, वो वास्तव में है क्या. यानी बॉट्स या स्पैम अकाउंट्स. दरअसल ऐसे अकाउंट किसी यूजर या उसकी पहचान से जुड़े नहीं होते. इनकी मदद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत ढंग से किसी एक्टिविटी को बूस्ट किया जा सकता है. ऐसे खाते बल्क में किसी ट्रेंड या एक्टिविटी को सपोर्ट कर असली यूजर्स को भ्रमित कर सकते हैं. आमतौर पर ऐसी एक्टिविटी को प्लेटफॉर्म मैन्युपिलेशन कहा जाता है. इस स्थिति में यूजर्स के लिए असली या नकली में अंतर करना मुश्किल हो जाता है.
क्या खुश हैं कर्मचारी?
एलन मस्क ने जब से ट्विटर को अपना बनाने की बात कही थी, कंपनी के कर्मचारियों में डर का माहौल निर्मित हो गया था. ट्विटर के सीईओ पराग मस्क के निशाने पर थे, इसके अलावा भी कंपनी में बड़े स्तर पर बदलाव होना तय माना जा रहा था. अधिग्रहण के बीच ही करीब 30% कर्मचारियों की छंटनी की बात भी सामने आई थी. ऐसे में मस्क के ट्विटर का बॉस न बनने से उसके कर्मचारी निश्चित तौर पर कुछ राहत महसूस कर रहे होंगे.
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