दूध और चीनी का जिक्र कर Vedanta के चेयरमैन ने बताई अपनी सफलता की कहानी

वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि वो कैसे अपने बिजनेस को लगातार बढ़ा रहे हैं.

Last Modified:
Thursday, 01 December, 2022
Photo: twitter.com/AnilAgarwal_Ved

ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट लगा रहे वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की सफलता सभी को आकर्षित करती है. बीते कुछ सालों में उन्होंने कारोबारी दुनिया में अपनी एक अलग जगह बनाई है. लिहाजा, लोग यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि वह लगातार अपना बिजनेस कैसे बढ़ा रहे हैं? अब उन्होंने खुद ही इसका जवाब दे दिया है. अनिल अग्रवाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उदाहरण के साथ अपनी सफलता के मंत्र के बारे में बताया है.

अग्रवाल देते हैं ये दो सलाह 
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन ने अपनी Linkedin पोस्ट में लिखा है, 'अक्सर एंटरप्रेन्योर्स मुझसे पूछते हैं कि बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाएं? मैं उन्हें केवल दो सलाह देता हूं. पहली - युवा टैलेंट को मौका दें और दूसरी - स्थानीय लोगों को बिजनेस चलाने की आजादी दें'. इस दौरान उन्होंने 1990 में एक दिवालिया कंपनी के अधिग्रहण और सफलता की कहानी का भी जिक्र किया है.   

अंग्रेजी कमजोर, ज्ञान का अंबार 
उन्होंने लिखा है, '1990 में मुझे ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी के दिवालिया होने के बारे में पता चला. जिसका नाम था कॉपर माइंस ऑफ तस्‍मानिया. मैं भी उस कंपनी को खरीदना चाहता था और इसलिए ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया. हालांकि, मुझे सुझाव दिया गया कि ये सौदा जोखिम भरा हो सकता है, मगर मेरा भरोसा बहुत मजबूत था. इस डील को फाइनल करने के लिए मैं तस्‍मानिया के प्रधानमंत्री से भी मिला. मेरी अंग्रेजी ज्यादा अच्छी नहीं थी, लेकिन मेरे पास फुलप्रूफ प्लान था और मैं उन्हें अपनी बात समझाने में सफल रहा'.

युवा लड़के पर जताया भरोसा
अनिल अग्रवाल की योजना से प्रभावित होकर तस्‍मानिया के प्रधानमंत्री ने उन्हें यह प्लांट देने का फैसला किया और 25 लाख डॉलर में डील फाइनल हो गई. अग्रवाल ने अपनी पोस्ट में लिखा है - प्लांट खरीदने के बाद मैंने दो काम किए. पहला- प्‍लांट के जनरल मैनेजर को ही कंपनी का प्रमुख बनाया. क्योंकि मैं उस युवा लड़के को अपने तरीके से काम करने की आजादी देना चाहता था. जिस लगन और समर्पण के साथ उसने काम किया, वैसी लगन मुझे कंपनी के किसी भी टॉप अधिकारी में नजर नहीं आई थी. वह मेरे फैसले पर खरा उतरा और कंपनी को नई ऊंचाईयों पर ले गया. कंपनी ने 25 मिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया और अगले 10 वर्षों तक लगातार मुनाफा कमाती रही.  

ऐसे मिले बेहतर परिणाम
दूसरा- मैंने सीनियर लीडरशिप को केवल 3 लोगों तक सीमित करते हुए कंपनी का पूरा कामकाज स्‍थानीय लोगों को सौंप दिया. जैसे दूध में चीनी मिलाने पर उसकी मिठास बढ़ जाती है, बिल्‍कुल वैसे ही, जब आप अपने घर से दूर किसी दूसरे देश में व्यापार स्‍थापित करते हैं, तो आपको बेहतर परिणाम के लिए स्‍थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करना होगा. अग्रवाल ने आगे कहा, 'हमने स्थानीय लोगों पर भरोसा किया और युवा प्रतिभाओं को अपने ढंग से काम करने की आजादी दी. ऑस्‍ट्रेलिया में हमारी सफलता ने आगे बढ़ने का रास्ता खोल दिया'.


40 साल बाद फिर अंतरिक्ष पहुंचा भारतीय, जानिए कौन हैं वो शख्स और क्या है मिशन?

जेफ बेजॉस ने अपने स्पेस टूरिज्म बिजनेस को एक बार फिर शुरू किया है. 6 लोगों को न्यू शेपर्ड रॉकेट से स्पेस भेजा है. इन 6 लोगों में से एक आंध्र प्रदेश के गोपी थोटाकुरा भी हैं.

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Monday, 20 May, 2024
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बिजनेसमैन और पायलट गोपी थोटाकुरा, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस के ब्लू ओरिजिन के एनएस -25 मिशन पर एक पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बन गए. थोटाकुरा को एनएस-25 मिशन के लिए चालक दल के छह सदस्यों में से एक के रूप में चुना गया था, जिससे वह 1984 में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक और दूसरे भारतीय बन गए.

गोपी थोटाकुरा के साथ 5 और लोग गए

गोपी थोटाकुरा के अलावा ब्लू ओरिजिन ने 5 और लोगों को स्पेस में घूमने के लिए भेजा है. इनमें मेसन एंजेल, सिल्वेन चिरोन, केनेथ एल. हेस, कैरोल स्कॉलर, गोपी थोटाकुरा और अमेरिका में पूर्व एयरफोर्स कैप्टन एड ड्वाइट शामिल हैं. कंपनी ने सोशल मीडिया पर बताया कि ब्लू ओरिजिन की सातवीं ह्यूमन स्पेसफ्लाइट NS-25 रविवार सुबह पश्चिम टेक्सास में लॉन्च साइट वन से रवाना हुई. इसके पहले भी ब्लू ऑरिजिन ने न्यू शेपर्ड रॉकेट पर 31 लोगों को स्पेस की सैर कराई है. इस रॉकेट का नाम पहले अंतरिक्ष में जाने वाले अमेरिकी यात्री एलन शेपर्ड के नाम पर रखा गया था.   

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कौन हैं गोपी थोटाकुरा?

गोपी स्पेस में बतौर टूरिस्ट बनकर जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. वह 1984 में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय भी बन चुके हैं. थोटाकुरा पेशे से एक बिजनेसमैन हैं और एक पायलट हैं. वह प्रिजर्व लाइफ कॉर्प नाम की कंपनी के को-फाउंडर हैं. अमेरिका के जॉर्जिया की यह कंपनी वेलनेस और हेल्थ के क्षेत्र में काम करती है. गोपी अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में काम कर चुके हैं.

कहां से पढ़ें हैं गोपी थोटाकुरा

गोपी थोटाकुरा ने बेंगलुरु स्थित प्राइवेट स्कूल सरला बिड़ला अकादमी में पढ़ाई की. स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने फ्लोरिडा के डेटोना बीच में एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल साइंस में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की. इसके साथ उन्होंने दुबई में एमिरेट्स एविएशन यूनिवर्सिटी में एविएशन मैनेजमेंट की पढ़ाई की है. ब्लू ओरिजिन के अनुसार, कॉमर्शियल जेट के अलावा गोपी बुश, एरोबेटिक और सीप्लेन, ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून भी उड़ाते हैं.

पहले भी बिजनेस मैन कर चुके है अंतरिक्ष यात्रा 

ब्लू ऑरिजिन से लोगों को स्पेस का टूर कराने वाले अरबपति और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस 20 जुलाई 2021 में खुद स्पेस ट्रैवल करके आए थे. बेजोस के साथ उनके भाई मार्क, 18 साल के डच टीनेजर ओलिवर डेमेन और 82 साल की वैली फैंक शामिल थीं. ये लोग 10 से 12 मिनट तक स्पेस में रहे थे. इस उड़ान के बाद उन्होंने स्पेस टूरिज्म की शुरूआत की थी. इसके अलावा ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैन्सन के वर्जिन स्पेस शिप (VSS) यूनिटी स्पेसप्लेन की फ्लाइट सफल रही थी, वे 85 किमी तक गए थे.
 

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‘आइसक्रीम मैन’ ने दुनिया को कहा अलविदा, पीछे छोड़ गए हैं करोडों की दौलत

कर्नाटक के छोटे से शहर मुल्की में फल बेचने वाले रघुनंदन कामत ने मुंबई आकर रेस्टोरेंट में काम किया. फिर पाव भाजी और आइसक्रीम बेचकर आज 400 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी है.

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Monday, 20 May, 2024
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देश के आइसक्रीम मैन नाम से मशहूर रघुनंदन कामथ का निधन हो गया. वह देश की बड़ी आइसक्रीम चेन Naturals Ice Cream के मालिक और फाउंडर थे. उनकी उम्र 75 साल थी. बीते कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे. शुक्रवार को उन्होंने मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में अंतिम सांस ली. रघुनंदन कामथ के निधन की जानकारी कंपनी के सोशल मीडिया हैंडल से शनिवार रात को दी गई. कंपनी की ओर से किए गए पोस्ट में कहा गया है कि नेचुरल्स आइसक्रीम के फाउंडर, रघुनंदन कामथ का निधन हो गया है. वास्तव में यह हमारे लिए बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण दिन है.

कहां हुआ था जन्म

रघुनंदन कामथ का जन्म कर्नाटक के मंगलुरु के एक गांव में हुआ था. वह 6 भाई बहनों में एक थे. उनके पिता एक फल विक्रेता थे.छोटी ही उम्र में उन्होंने अपने पिता का साथ देना शुरू कर दिया था. जहां उन्होंने फलों को लेकर कई बारीकियां अपने पिता से सीखी, जो उनके लिए आने वाले समय में काफी काम आईं. 14 साल की उम्र में, उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. मुंबई आकर अपने भाई के रेस्तरां में काम करना शुरू कर दिया. उसके कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपनी राह को अलग कर लिया.

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ऐसे बनें देश के आइसक्रीम मैन

14 फरवरी 1984 को उन्होंने कुछ लोगों के साथ मिलकर आइसक्रीम का बिजनेस शुरू किया. उन्होंने जुहू में एक आइसक्रीम पार्लर की शुरूआत की. सबसे पहले उन्होंने 12 फ्लेवर्स की आइसक्रीम रखी. जल्द ही आइसक्रीम की डिमांड में बढ़ती गई. करीब 10 साल के बाद उन्होंने 1994 में 5 और आउटलेट ओपन किए. मौजूदा समय में नेचुरल आइसक्रीम के 15 शहरों में 165 से अधिक आउटलेट हैं. खास बात तो ये है कि उन्होंने आइसक्रीम बनाने की तकनीक अपनी मां से सीखी थी. कामथ ने प्रोडक्शन को बेहतर करने के लिए नई मशीनें भी तैयार कराई थी. जिसका उन्हें काफी फायदा हुआ.

नेचुरल स्वाद बना ग्राहकों की पहली पसंद

अपने फ्लवेर की सफलता और जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर, रघुनंदन श्रीनिवास ने खुद को पूरी तरह से आइसक्रीम इंडस्ट्री के लिए समर्पित करने का फैसला किया. इस दौरान उन्होंने अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता में काफी सुधार किया. समय के साथ, नेचुरल्स एक सिंगल स्टोर से पूरे देश में फैल गया. 2020 तक भारत भर में 135 स्थानों पर नेचुरल्स आइसक्रीम पहुंच गई थी. नेचुरल्स आइसक्रीम की सफलता का एक प्रमुख कारण आर्टिफिशियल टेस्ट की जगह नेचुरल स्वाद है. इसी वजह से ये आइसक्रीम पसंद करने वालों की पहली चॉइस हो गई.

400 करोड़ रुपये की हो गई कंपनी

कंपनी का रेवेन्यू लगभग 400 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया था. अपने प्रोडक्ट्स में आर्टिफिशियल टेस्ट की जगह नेचुरल स्वाद पेश करने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामथ के आइसक्रीम ब्रांड की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फल विक्रेता के बेटे को देश में 'आइसक्रीम मैन ऑफ इंडिया' के नाम से पहचाना जाने लगा. बहरहाल अब, रघुनंदन दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, लेकिन उन्होंने नेचुरल्स आइसक्रीम के जरिए जो स्वाद लोगों को दिया, वो हमेशा उनकी याद दिलाता रहेगा.
 


4 जून तक घटती-बढ़ती रहेगी बाजार की चाल, ऐसे बनाएं निवेश की रणनीति

शेयर बाजार में 18 मई को उछाल देखने को मिला, जबकि 11 मई को खत्म सप्ताह में इसमें गिरावट आई थी.

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Monday, 20 May, 2024
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चुनावी मौसम में शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव जारी है. कभी बाजार गोता लगाता है, तो कभी तेजी से भागने लगता है. शनिवार को स्पेशल सेशन के दौरान मार्केट में तेजी देखने को मिली. सेंसेक्स 342.22 अंक उछलकर 74,005.94 और निफ्टी 98.15 अंकों की मजबूती के साथ 22,502 पर पहुंच गया. आज यानी सोमवार को लोकसभा चुनाव के चलते बाजार में छुट्टी है. अब मंगलवार को पता चलेगा कि शनिवार की तेजी बरकरार रहती है या नहीं. बाजार में लगातार आ रहे इस उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को कन्फ्यूज कर दिया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि पैसा लगाया जाए या नहीं? 

उतार-चढ़ाव सामान्य बात है
बाजार के जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रमुख सूचकांकों में उतार-चढ़ाव सामान्य है और ऐसा अभी जारी रहेगा. चुनाव के नतीजों के बाद ही बाजार की दिशा का पता चल सकेगा. 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल बना रहने की संभावना काफी ज्यादा है. हालांकि, चुनाव के नतीजे लगभग तय माने जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद बाजार में कुछ हद तक स्थिरता परिणाम घोषित होने के बाद ही देखने को मिलेगी. 

घबराने वाली बात नहीं है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को इस उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए निवेश रणनीति तैयार करनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि भारतीय बाजार को लेकर कोई बड़ी चिंता नहीं दिख रही है, इसलिए घबराने वाली कोई बात नहीं है. यदि भाजपा गठबंधन की सरकार अगर फिर से बनती है, तो इससे मार्केट को बूस्ट मिलेगा. क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों से बिकवाली कर रहे विदेशी निवेशक फिर से मार्केट में खरीदारी शुरू करेंगे. लेकिन यदि चुनाव के नतीजे अनुमान से उलट आते हैं, तो बाजार को झटका लगेगा मगर मार्केट इस झटके से 2-3 हफ्तों में उबर जाएगा.

शॉर्ट टर्म के बारे में न सोचें
विशेषज्ञ निवेशकों को फिलहाल शॉर्ट टर्म के लिए निवेश नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. उनका कहना है कि इस समय लंबी अवधि के लिए ही निवेश करना उचित होगा. खासकर ऐसी कंपनियों में पैसा लगाया जा सकता है जिनकी वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लेवल पर है. इसके अलावा, निवेशकों को एकमुश्त में निवेश करने से बचना चाहिए. यानी कि उन्हें एक साथ अपने पूरे पैसे नहीं लगाने चाहिए, बल्कि धीरे-धीरे निवेश करना चाहिए. साथ ही किसी एक स्टॉक में पूरा पैसा लगाने से बेहतर होगा कि अलग-अलग स्टॉक्स में निवेश किया जाए. 


विभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद सामने आए केजरीवाल बोले, कल 12 बजे आ रहा हूं

इस पूरे प्रकरण के बाद से अभी तक केजरीवाल का कोई बयान नहीं आया था. यही नहीं लखनऊ में उन्‍होंने जिस तरह से माइक को अपने से दूर किया उसे लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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केजरीवाल के पीए विभव कुमार की अपनी ही पार्टी की राज्‍यसभा सांसद स्‍वाति मालीवाल से मारपीट के बाद हुई गिरफ्तारी के मामले में अब केजरीवाल सामने आए हैं. केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कभी किसी को जेल में डाल रहे हैं कभी किसी को जेल में डाल रहे हैं. अब मेरे पीए को जेल में डाल दिया है. केजरीवाल ने कहा है कि वो कल अपने सभी नेताओं के साथ बीजेपी दफ्तर आ रहे हैं बीजेपी जितनों को चाहे उतनों को गिरफ्तार कर सकती है. 

आप के पीछे पड़ गई है बीजेपी 
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये हमारे पीछे पड़ गए हैं. उन्‍होंने कहा कि पहले सतेन्‍द्र जैन को जेल भेजा उसके बाद मनीष को फिर संजय को और उसके बाद मुझे जेल भेज दिया. लेकिन इनका मन अभी भी नहीं भरा है. अब इन्‍होंने मेरे पीए को भी जेल में डाल दिया. उन्‍होंने कहा कुछ दिन बाद ये राघव को जेल में डाल देंगे और उसके बाद सौरभ को फिर आतिशि को जेल भेज देंगे. 

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हमने 24 घंटे बिजली दी इसीलिए हो रही है कार्रवाई 
उन्‍होंने कहा कि हमारे खिलाफ बीजेपी वाले इसलिए कार्रवाई कर रहे हैं क्‍योंकि हमने दिल्‍ली की जनता को फ्री अस्‍पताल दिए, 24 घंटे बिजली दी और उसके बाद अच्‍छे स्‍कूल बनाकर दिए. उन्‍होंने कहा कि पहले दिल्‍ली में 10 घंटे का पावर कट हुआ करता था लेकिन आज 24 घंटे बिजली आ रही है. अब ये किसी राज्‍य में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो इसलिए ये दिल्‍ली के मोहल्‍ल क्‍लीनिक अस्‍पताल और इलाज को रोकना चाहते हैं. 

कल 12 बजे आ रहा हूं बीजेपी हेडक्‍वॉर्टर 
उन्‍होंने कहा कि मैं पीएम से कहना चाहता हूं कि आप जेल जेल खेल रहे हैं. कभी आप मुझे जेल में डालते हैं कभी सतेन्‍द्र को तो कभी मनीष को जेल में डाल रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि मैं कल को अपने सभी सांसदों और विधायकों के साथ बीजेपी हेडक्‍वॉर्टर आ रहा हूं. जिस जिस को आप जेल में डालना चाहते हो जेल में डाल दो, एक साथ सभी को जेल में डाल दो. 
 

 


अब मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, Jio का ये का ऐप करेगा मदद 

Jio के Rail App की मदद से ट्रेन टिकट बुकिंग से लेकर पीएनआर स्टेटस तक चेक किया जा सकता है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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जियो (Jio) ने पूरी टेलीकॉम इंडस्ट्री को ही पलटकर रख दिया है. वहीं, मुकेश अंबानी की कंपनी जिये अब ट्रेन बुकिंग की सुविधा भी दे रही है. दरअसल, जिलो ने Jio Rail App लॉन्च किया था, लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. इस ऐप का इस्तेमाल ट्रेन की टिकट बुकिंग के लिए होता है. केवल बुकिंग ही नहीं ये आपको कंफर्म ट्रेन टिकट दिलाने में मदद करता है. तो चलिए जानते हैं कैसे इस ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है?

कौन कर सकता है Jio Rail App का इस्तेमाल?
आपको बता दें, Jio Rail App का यूज हर कोई नहीं कर पाता है. इस ऐप को अभी केवल जियो फोन यूजर्स के लिए ही रोलआउट किया गया है. साथ ही इसने IRCTC के साथ हाथ भी मिलाया है. ट्रेन की टिकट बुक करने के लिए इस ऐप में बहुत सारे ऑप्शन, लेकिन सबसे खास इसमें ये है कि आपको बिना मेहनत किए कंफर्म टिकट मिल जाता है. 

पीएनआर स्टेटस भी कर सकते हैं चेक
बुकिंग के अलावा यूजर्स को अन्य बहुत सारे ऑप्शन दिए जाते हैं. जैसे आप इसी ऐप में PNR Status की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं. यानी आपको ट्रेन का समय से लेकर हर जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर मिल जाएगी. पीएनआर स्टेटस चेक करने के लिए आपको पहले टिकट बुकिंग करनी होगी. ऐसा करने के बाद आप आसानी से सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

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जियो यूजर्स ऐसे करें बुकिंग 
इस ऐप को सभी जियो फोन में रोलआउट किया गया है. ऐसे में आपको सबसे पहले Jio Phone में 'Jio Rail App' में जाना होगा. यहां जाने के बाद आपको स्टेशन का चयन करना होगा. यानी किस स्टेशन से लेकर आप किस स्टेशन तक यात्रा करना चाहते हैं और इसके बाद आपको तारीख का चयन करना होगा. एक बार सभी चीजें चुनने के बाद आपको ट्रेन और सीट भी चुननी होगी. इसके बाद आसानी से आपको कंफर्म टिकट मिल जाएगा. 

कैंसिल का भी ऑप्शन
सबसे अहम बात ये भी है कि इस ऐप की मदद से यूजर टिकट बुक करने के साथ ही कैंसिल भी कर सकते हैं. साथ ही रेल टिकट बुकिंग का भुगतान करने के लिए यूजर डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
 


सिंगापुर, हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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भारतीय मसालों पर सिंगापुर हांगकांग से शुरू हुआ संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इन सरकारों के बैन लगाने के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल ने भी कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है. नेपाल फूड टेक्‍नोलॉजी और क्‍वॉलिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बाबत गाइडलाइन जारी की है. नेपाल वो देश है जिसे पेट्रोल, डीजल से लेकर कई बुनियादी सामान भारत सप्‍लाई करता है. सिंगापुर-हांगकांग ने इन मसालों पर बैन इसलिए लगाया था क्‍योंकि वहां एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड पाया गया था. 

नेपाल ने किन मसालों पर लगाया है बैन 
नेपाल सरकार की ओर से उन मसालों पर बैन नहीं लगाया है जिन पर सिंगापुर और हांगकांग ने बैन लगाया था. नेपाल ने जिन मसालों पर बैन लगाया है इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्‍स मसाला करी पाउडर के साथ साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्‍ट शामिल हैं. नेपाल सरकार के फूड विभाग की जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा तय सीमा से ज्‍यादा पाई गई है. इसलिए वहां की सरकार ने इनके इंपोर्ट और सेल में बैन लगा दिया है. नेपाल की फूड क्‍वॉलिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोटर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्‍ट को वापस लेने को कहा है. 

ये भी पढ़ें: जानते हैं Google CEO को पसंद है दिल्‍ली,मुंबई और बेंगलुरु का कौन सा खाना? ये है इसका जवाब

भारतीय मसाला बोर्ड भी कर रहा है कार्रवाई 
हांगकांग और सिंगापुर का मामला सामने आने के बाद भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एफएसएसएआई देश में रैंडम तरीके से मसालों की जांच कर रहा है, जिससे इस प्रकार के मामलों की कभी भविष्‍य में पुनरावृत्ति ना हो सके. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने कुछ कंपनियों को मसालों को एक्‍सपोर्ट करने से भी मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा है उनमें से ज्‍यादातर का कहना है कि उनके प्रोडक्‍ट पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है भारत 
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है. दुनियाभर में 109 मसाले हैं जिनका अलग-अलग देशों में इंपोर्ट एक्‍सपोर्ट होता है. उनमें से अकेले 75 का उत्‍पादन अकेले भारत करता है. पिछले साल भारत ने 75 हजार करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात किया है. 
 


सिंगापुर हांगकांग के बाद अब  इस पड़ोसी देश ने इन मसालों पर लगाया बैन, बताई ये वजह 

भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का निर्यात करता है. भारत ने पिछले साल 75 हजार करोड़ रुपये का निर्यात किया है. 

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Saturday, 18 May, 2024
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भारतीय मसालों पर सिंगापुर हांगकांग से शुरू हुआ संकट खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. इन सरकारों के बैन लगाने के बाद अब भारत के पड़ोसी नेपाल ने भी कुछ मसालों पर बैन लगा दिया है. नेपाल फूड टेक्‍नोलॉजी और क्‍वॉलिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बाबत गाइडलाइन जारी की है. नेपाल वो देश है जिसे पेट्रोल, डीजल से लेकर कई बुनियादी सामान भारत सप्‍लाई करता है. सिंगापुर-हांगकांग ने इन मसालों पर बैन इसलिए लगाया था क्‍योंकि वहां एमडीएच और एवरेस्‍ट मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड पाया गया था. 

नेपाल ने किन मसालों पर लगाया है बैन 
नेपाल सरकार की ओर से उन मसालों पर बैन नहीं लगाया है जिन पर सिंगापुर और हांगकांग ने बैन लगाया था. नेपाल ने जिन मसालों पर बैन लगाया है इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्‍स मसाला करी पाउडर के साथ साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्‍ट शामिल हैं. नेपाल सरकार के फूड विभाग की जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्‍साइड की मात्रा तय सीमा से ज्‍यादा पाई गई है. इसलिए वहां की सरकार ने इनके इंपोर्ट और सेल में बैन लगा दिया है. नेपाल की फूड क्‍वॉलिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोटर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्‍ट को वापस लेने को कहा है. 

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भारतीय मसाला बोर्ड भी कर रहा है कार्रवाई 
हांगकांग और सिंगापुर का मामला सामने आने के बाद भारतीय मसाला बोर्ड ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एफएसएसएआई देश में रैंडम तरीके से मसालों की जांच कर रहा है, जिससे इस प्रकार के मामलों की कभी भविष्‍य में पुनरावृत्ति ना हो सके. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारतीय मसाला बोर्ड ने कुछ कंपनियों को मसालों को एक्‍सपोर्ट करने से भी मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्‍ट पर बैन लगा है उनमें से ज्‍यादातर का कहना है कि उनके प्रोडक्‍ट पूरी तरह से सुरक्षित हैं. 

सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है भारत 
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे ज्‍यादा मसालों का एक्‍सपोर्ट करता है. दुनियाभर में 109 मसाले हैं जिनका अलग-अलग देशों में इंपोर्ट एक्‍सपोर्ट होता है. उनमें से अकेले 75 का उत्‍पादन अकेले भारत करता है. पिछले साल भारत ने 75 हजार करोड़ रुपये के मसालों का निर्यात किया है. 
 


चुनाव को लेकर रतन टाटा ने की अपील, कही बड़ी बात, वायरल हुई पोस्ट

पांचवें चरण का मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मुंबई स‍िटी और मुंबई सबअर्बन में छह लोकसभा सीटें हैं, इन सभी पर सोमवार को मतदान होगा.

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Saturday, 18 May, 2024
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सात चरणों के दौरान लोकसभा चुनाव की प्रक्र‍िया देशभर में चल रही है. चार चरणों का मतदान हो चुका है, इसके बाद पांचवें चरण की वोट‍िंग 20 मई को होनी है. 20 मई को ही मुंबई की सभी लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. उससे पहले रतन टाटा ने मुंबई वालों को एक्‍स (X) पोस्‍ट के जर‍िये विशेष संदेश द‍िया है. उन्होंने सभी मुंबई वालों से मतदान करने और अपने संवैधान‍िक अधिकार का इस्‍तेमाल करने का आग्रह किया. रतन टाटा की तरफ से की गई यह पोस्‍ट वायरल हो गई है.

रतन टाटा ने की अपील

मुंबई में 20 मई को पांचवें चरण के लिए होने वाले मतदान से पहले, उद्योगपति रतन टाटा ने सभी मुंबईवासियों से घर से बाहर निकलने और जिम्मेदारी से मतदान करने का आग्रह किया. रतन टाटा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सोमवार को मुंबई में मतदान का दिन है, मैं सभी मुंबईवासियों से बाहर निकलने और जिम्मेदारी से मतदान करने का आग्रह करता हूं. पांचवें चरण का मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा. मुंबई स‍िटी और मुंबई सब अर्बन में 6 लोकसभा सीटें हैं, इन सभी पर सोमवार को मतदान होगा.

 

सबसे कम उम्र में PSU बैंक के चेयरमैन बनने वाले Narayanan Vaghul का निधन

बॉलीवुड सितारों ने भी की अपील  

शाहरुख खान ने भी अपने फैन्स से एक अपील करते हुए ट्वीट किया है.  शाहरुख खान ने एक्स पर लिखा कि इस सोमवार को एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अपने राइट टू वोट को यूटिलाइज करना चाहिए और वोट डालना चाहिए. हमें अपनी इस ड्यूटी को निभाना चाहिए और सोच-समझकर उसे चुनना चाहिए जो देश के हित के लिए सबसे बढ़िया लीडर हो. जाइये और वोट डालने के हम सबके इस अधिकार को प्रमोट करिए. इससे पहले सलमान खान ने भी अपने फैन्स से खास अपील की थी और वोट डालने को कहा था.

मुंबई से मैदान में हैं देश के बड़े नाम 

देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में कुल 6 सीट आती हैं. इनमें मुंबई नॉर्थ, मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, मुंबई साउथ और मुंबई साउथ सेंट्रल शामिल हैं. इसके अलावा मुंबई महानगर क्षेत्र में ठाणे, कल्याण, भिवंडी और पालघर की सीटें भी आती हैं. इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा, NCP (अजित पावर) एवं शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और सेना (UBT), एनसीपी (शरद पवार) एवं कांग्रेस गठबंधन के बीच है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल मुंबई नॉर्थ, उज्ज्वल निकम मुंबई नॉर्थ सेंट्रल और कल्याण से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे बड़े नामों में शामिल हैं.
 


सबसे कम उम्र में PSU बैंक के चेयरमैन बनने वाले Narayanan Vaghul का निधन

बैंकिंग इंडस्ट्री के दिग्गज नारायणन वाघुल का निधन हो गया है. उन्होंने आज चेन्नई के अस्पताल में आखिरी सांस ली.

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
BWHindia

दिग्गज बैंकर और फाइनेंशियल ग्रुप ICICI की नींव रखने वाले नारायणन वाघुल (Narayanan Vaghul) अब हमारे बीच नहीं हैं. शनिवार को उनका 88 साल की उम्र में निधन हो गया. गिरकर बेहोश के चलते उन्हें चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां पिछले दो दिनों से वह वेंटिलेटर पर थे. नारायणन वाघुल ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत की थी. महज 44 साल की उम्र में वह बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन बन गए थे. वाघुल किसी सरकारी बैंक (PSU) के चेयरमैन बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे. 

इसलिए तोड़ लिया था नाता
नारायणन वाघुल को राजीव गांधी सरकार के दौरान उन्हें ICICI बैंक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वाणिज्य और व्यापार के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. ICICI Bank आज जिस मुकाम पर है, उसमें वाघुल की महत्वपूर्ण भूमिका है. कहा जाता है कि आईसीआईसीआई की सफलता से प्रेरित होकर ही IDBI UTI और SBI ने फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री के अलग-अलग क्षेत्रों में अपना विस्तार किया. बैंकिंग सेक्टर के एक और दिग्गज के वी. कामत की स्वदेश वापसी का श्रेय भी नारायणन वाघुल को ही जाता है. बैंकिंग सेक्टर से बेहद प्यार करने वाले वाघुल ने ब्यूरोक्रेट्स के हस्तक्षेप से तंग आकर इस सेक्टर से नाता तोड़ लिया था. 


जानते हैं Google CEO को पसंद है दिल्‍ली,मुंबई और बेंगलुरु का कौन सा खाना? ये है इसका जवाब

सुंदर पिचई ने एआई जैसे गंभीर मामले पर बात करते हुए उसे बेहद सहज तरीके से आम आदमी के सामने रखा. उन्‍होंने कहा कि बहुत जल्‍द कंटेट आपकी भाषा में उपलब्‍ध होगा. 

Last Modified:
Saturday, 18 May, 2024
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मार्केट कैप के मामले में टॉप 5 कंपनियों में शामिल Google के सीईओ सुंदर पिचई कितना कमाते होंगे ये तो आप google से आसानी से पता कर सकते हैं. लेकिन पहली बार गूगल सीईओ ने एक पॉडकास्‍ट के दौरान जिसमें वो एआई तकनीक को लेकर बात कर रहे थे, उसमें बताया कि उन्‍हें भारत का कौन सा खाना पसंद है.

एआई को लेकर सुंदर पिचई ने कही ये बात 
गूगल सीईओ सुंदर पिचई एक पॉडकास्‍ट में वरूण माया के साथ बात कर रहे थे. उन्‍होंने एआई को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्‍होंने कहा कि हम एआई को लेकर कहा कि हम लगातार बैरियर को तोड़ने की कोशिश कर रहे है. अब जो भी तकनीक  बन रही है वो मल्‍टीमॉडल बन रही है. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आप कोई वीडियो देख रहे हैं तो आने वाले समय में आप उसे अपनी पसंद की भाषा में आसानी से देख पाएंगे. उन्‍होंने कहा कि किसी भी टेक्‍नोलॉजी को समझने के लिए आपको उसे डीपर तरीके से जानना होगा. उन्‍होंने इसके लिए आमिर खान की 3 इडियट फिल्‍म का उदाहरण देकर कहा कि उसमें आपने देखा होगा कि जब उनसे मोटर के बारे में पूछा जाता है तो उस वक्‍त वो किस तरह से बताते हैं. उन्‍होंने कहा कि हमें चीजों को आसानी से समझने की जरूरत है. 

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आखिर पिचई को पसंद है कहां का खाना
इस इंटरव्‍यू में जब सुंदर पिचई से पूछा गया कि आपको इंडिया का कौन सा खाना पसंद है तो वो कहते हैं कि मुझे बेंग्‍लुरु का मसाला डोसा काफी पसंद है, अगर मैं दिल्‍ली में होता हूं तो वहां छोले भटूरे खाना पसंद करता हूं और अगर मुंबई होता हूं तो वहां की पाव भाजी काफी पसंद करता हूं. सुंदर पिचई का जन्‍म तमिलनाडु में हुआ था और उनकी पढ़ाई चेन्‍नई में हुई. उसके बाद उन्‍होंने मास्‍टर्स स्‍टैंडफोर्ट यूनिवर्सिटी से किया. 

पिचई का पूरा नाम है पिचाई सुंदरराजन 
Google के सीईओ के तौर पर पहचाने जाने वाले सुंदर पिचाई गूगल Inc के CEO (chief executive officer) हैं. वे गूगल की पेरेंट कंपनी Alphabet Inc के भी हेड हैं. सुंदर पिचई का पूरा नाम पिचाई सुंदरराजन, सुंदर पिचाई है. सुंदर पिचाई के पिता का नाम लक्ष्मी नारायणन और माता का नाम ललिता पिचाई है. पिचई की स्कूली शिक्षा Jawahar Vidyalaya Senior Secondary School, अशोक नगर चेन्नई से हुई. 12वीं Vana Vani स्कूल IIT मद्रास से की. उसके बाद मास्‍टर्स उन्‍होंने स्‍टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी से किया.