जापान की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी तोशिबा कॉर्प बिकने जा रही है. इसके लिए जापान इंडस्ट्रियल पार्टनर्स (JIP) के नेतृत्व में एक समूह ने खरीदने के लिए बोली लगाई है.
नई दिल्लीः जापान की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी तोशिबा कॉर्प बिकने जा रही है. इसके लिए जापान इंडस्ट्रियल पार्टनर्स (JIP) के नेतृत्व में एक समूह ने तोशिबा कॉर्प को खरीदने के लिए बोली लगाई है. इसके लिए कंपनी की कीमत 2.4 लाख करोड़ येन यानी करीब 1.33 लाख करोड़ रुपये तय की गई है. इस आकलन के मुताबिक, यह संभावित डील इस साल एशिया में सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा.
नकदी संकट का कर रही है सामना
तोशिबा इस समय पूंजी संकट का सामना कर रही है. तोशिबा जापान का सबसे बड़ा औद्योगिक समूह है। भारत में कंपनी टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन और चिकित्सा उपकरणों जैसे उत्पादों का कारोबार करती है. जेआईपी के नेतृत्व वाला एक समूह इसके लिए पसंदीदा बोलीदाता के रूप में उभरा. 147 साल पुरानी कंपनी तोशिबा की स्थापना 1875 में तनाका हिसाशिंजे और इशिसुके फुजिओका ने की थी.
56 हजार करोड़ नकद पेशकश
समूह ने तोशिबा को ₹1 लाख करोड़ (56,000 करोड़ रुपये) नकद में खरीदने और शेष को बैंकों से वित्तपोषित करने का प्रस्ताव दिया.सौदे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि तोशिबा को 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की वर्किंग कैपिटल भी दिया जाएगा.
तोशिबा के शेयरों में 1.3% की गिरावट
तोशिबा के शेयरों में मंगलवार को टोक्यो में लगभग 1.3% की गिरावट आई. इस हिसाब से कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 1.29 लाख करोड़ रुपये थी. कंपनी को 1.33 लाख करोड़ रुपये की बोली के मुकाबले 3,082 रुपये प्रति शेयर की कीमत चुकानी होगी.
जेआईपी ने अभी तक अपने भागीदारों से इक्विटी प्रतिबद्धताओं को अंतिम रूप नहीं दिया है, जबकि बैंक बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं को लेकर सतर्क हैं. ब्लूमबर्ग न्यूज ने पहले बताया था कि जिप के नेतृत्व में कंसोर्टियम और राज्य समर्थित निवेश फंड जापान इन्वेस्टमेंट कॉर्प के नेतृत्व में एक प्रतिद्वंद्वी समूह दोनों को प्रतिबद्धता पत्रों को पूरा करने के लिए 7 नवंबर की समय सीमा को पूरा करना मुश्किल होगा.
अभी बातचीत के दौर में प्रक्रिया
लोगों ने कहा कि अभी भी विचार चल रहे हैं और इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि बातचीत से कोई लेन-देन होगा. उन्होंने कहा कि तोशिबा अभी भी कारोबार की पूरी बिक्री के बजाय कुछ परिसंपत्ति बिक्री का पता लगाने का फैसला कर सकती है.
जेआईपी और एसएमबीसी के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. तोशिबा के प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग न्यूज के एक प्रश्न के जवाब में कहा कि, एक सामान्य नियम के रूप में, वे सह-निवेशकों सहित उम्मीदवारों के बारे में जानकारी का जवाब नहीं दे सकते, क्योंकि यह एक निष्पक्ष प्रक्रिया को कमजोर कर सकता है.
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एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा जल्द ही इंडिया में लॉन्च होने वाली है, ये Jio और Airtel को कड़ी टक्कर देगी.
भारतीय को अभी जो इंटरनेट सेवा मिल रही है जल्द ही उससे भी अधिक हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलने जा रही है, क्योंकि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक को टेलिकॉम मिनिस्ट्री से प्रिंसिपल अप्रूवल मिल चुका है. इंडियन यूजर्स को इसका काफी समय से इंतजार था, जिसके बाद अब फाइनली स्टारलिंक की भारत में एंट्री हो सकती है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टारलिंक की फाइल अभी कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के पास है. अश्विनी वैष्णव सुरक्षा से जुड़े कुछ मुद्दों पर गृह मंत्रालय से फाइनल अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं. Starlink कंपनी कई देशों में हाईस्पीड, लो-इंटेसी ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती है.
स्टारलिंक का भारत में प्रभाव!
स्टारलिंक के भारत आने से देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी और प्रतिस्पर्धा में बड़ा बदलाव आने की संभावना है. स्टारलिंक उन दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचा सकता है जहां अभी भी टेलीकॉम कंपनियों की पहुंच नहीं है. इससे ग्रामीण भारत को डिजिटल क्रांति से जोड़ने में मदद मिलेगी. Star link के आने से इंटरनेट सेवाओं की कीमतों में कमी आ सकती है. जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अपनी कीमतों को कम करना होगा. Star link के आने से टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ग्राहकों को बेहतर स्पीड, कम डेटा ड्रॉप और अधिक विश्वसनीय कनेक्टिविटी मिल सकती है.
2022 से स्टारलिंक कर रहा है कोशिश
मस्क ने पहले भी भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने का प्रयास किया था. नवीनतम प्रयास नवंबर 2022 में किया गया था, जब स्टारलिंक ने जीएमपीसीएस लाइसेंस (GMPCS License) के लिए आवेदन किया था. हालांकि, उचित लाइसेंस के बिना पूर्व-आदेशों पर सरकार के साथ असहमति के कारण देश में नियोजित उपग्रह संचार सेवा परीक्षणों को रद्द कर दिया गया. सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दूरसंचार विधेयक 2023 पारित किया था, जो नीलामी में भाग लेने की जरूरत के बिना उपग्रह-आधारित सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की अनुमति देता है. यह कदम वनवेब, मस्क के स्टारलिंक और अमेजन के कुइपर जैसी कंपनियों के पक्ष में है.
भारत यात्रा पर आने वाले हैं एलन मस्क
इस साल के अंत में एलन मस्क पहली भारत यात्रा पर आ रहे हैं. वह पीएम मोदी से मुलाकात कर सकते हैं. वह अपनी दो कंपनियों इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली टेस्ला और सैटलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक का काम भारत में शुरू करना चाहते हैं. कयास लग रहे हैं कि मस्क भारत में 2 से 3 बिलियन डॉलर के इन्वेस्टमेंट की बात कर सकते हैं.
भारत सरकार की ओर से हाल ही में लाई गई ईवी पॉलिसी में कहा गया है कि किसी भी कंपनी को भारत में प्लांट लगाने के लिए कम से कम 500 मिलियन का निवेश करना होगा.
Tesla के मालिक एलन मस्क के भारत दौरे के टलने के बाद दुनिया की नामी ईवी कंपनी की ओर से बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. Tesla ने कई देशों में अपनी कार की कीमतों में कमी करने का ऐलान किया है. टेस्ला ने जिन देशों में दामों में कमी की है उनमें अमेरिका, चीन से लेकर जर्मनी जैसे देश शामिल हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या टेस्ला आने वाले समय में भारत में भी कीमतों में कमी लाएगी.
ये है दामों में कमी की वजह
दुनिया की नामी कंपनी टेस्ला की ओर से दामों में जो कमी की गई है उसकी सबसे बड़ी वजह इस क्षेत्र में लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा को माना जा रहा है. यही नहीं सेल्स के आंकड़ों में कमी को भी इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है. टेस्ला को इस प्रतिस्पर्धा का सामना चाइना की ईवी कंपनियों के कारण मिल रही है. इस प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए कंपनी की ओर से दामों में कमी की गई है. दरअसल पिछले चार सालों में पहली तिमाही में कार की सेल में कमी देखने को मिली है. इसे लेकर मस्क ने कहा है कि उत्पादन को मांग के बराबर बनाने के लिए कीमतों में उतार चढ़ाव बेहद जरूरी है.
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कितने कम किए गए हैं दाम?
अगर टेस्ला के कम किए गए दामों पर नजर डालें तो टेस्ला ने मॉडल 3 की कीमतों में चीन में 14000 यूआन की कमी कर दी गई है, जबकि जर्मनी में मॉडल 3 रियर व्हील ड्राइव की कीमत 40990 यूरो कर दी गई है. इसी तरह से कंपनी ने यूरोप, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में भी दामों में कमी कर दी गई है. इसी तरह से अमेरिका, में टेस्ला के मॉडल वाई, मॉडल एक्स, और मॉडल एस कारों के दाम 2000 डॉलर तक कम कर दिए गए हैं. इसी तरह से टेस्ला की ऑल टाइम हिट कार जो सेल्फ ड्राइव होती है उसके दामों में 8000 डॉलर तक की कमी कर दी गई है.
क्या भारत में भी कम होंगे दाम?
Tesla की ओर से ये खबर तक सामने आई है जब एलन मस्क का हाल ही में भारत का दौरा कैंसिल हुआ था. Tesla की भारत में एंट्री को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है. माना जा रहा है कि टेस्ला भारत में भी बड़े स्तर पर कारों के उत्पादन का काम शुरू करेगी. एलन मस्क के इंडिया दौरे को उसी से जोड़कर देखा जा रहा था. लेकिन उनके दौरे के कैंसिल होने के साथ फिलहाल टेस्ला के भारत आने की आधिकारिक घोषणा फिलहाल स्थगित होती हुई नजर आ रही है.
जानकार मान रहे हैं कि आने वाले समय में अगर टेस्ला भारत आती है तो उसके दामों में कमी हो सकती है, क्योंकि भारत में भी पहले से ही कई कंपनियां यहां के लोगों को उनके बजट में ईवी कार ऑफर कर रही हैं. सबसे दिलचस्प बात ये भी है कि हाल ही में आई भारत सरकार की ईवी पॉलिसी में विदेशी कार मेकर कंपनियों के लिए कई तरह की घोषणा की गई है. उसमें कहा गया है कि दुनिया की जो भी कंपनी निवेश करना चाह रही है उसे इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लांट लगाने के लिए कम से कम 4150 करोड़ का निवेश करना होगा.
अगर आप आईपीओ में निवेश करना पसंद करते हैं तो इस सप्ताह आपके पास शानदार मौका है. इस हफ्ते 4 नए आईपीओ खुलने जा रहे हैं. इन आईपीओ में निवेश करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.
यह सप्ताह आईपीओ से गुलजार रहने वाला है. इस हफ्ते 4 नई कंपनियों के आईपीओ (IPO) खुलने जा रहे हैं. इनमें निवेश करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. पिछले दिनों भी कई कंपनियां अपने आईपीओ लेकर बाजार में आई हैं, इनमें से बहुत से आईपीओ में निवेशकों को शानदार मुनाफा हुआ है. हालांकि कई आईपीओ में निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ा है. अगर आप आईपीओ में निवेश करना पसंद करते हैं तो इस सप्ताह आपके पास अच्छा मौका है.
ओपन होंगे 4 आईपीओ
प्राइमरी मार्केट में इस हफ्ते आपको पैसा लगाने के कई मौके मिलने वाले हैं. इस हफ्ते 1 मेनबोर्ड और 3 एसएमई आईपीओ (SME IPO) लॉन्च होने जा रहे हैं. आईपीओ बाजार ने वित्त वर्ष 2025 में धीमी गति से शुरुआत की है, लेकिन एक्सपर्ट्स आने वाले IPO को लेकर काफी पॉजिटिव हैं. इस हफ्ते जेएनके इंडिया (JNK India) का मेनबोर्ड IPO आ रहा है. इस आईपीओ से कंपनी करीब 649 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसके अलावा इस हफ्ते शिवम केमिकल्स (Shivam Chemicals), वरया क्रिएशंस (Varyaa Creations) और एमफोर्स ऑटोटेक (Emmforce Autotech) का एसएमई IPO लॉन्च होने वाले हैं.
वर्या क्रिएशन (Varyaa Creations) IPO
22 अप्रैल को SME सेगमेंट में वर्या क्रिएशन का आईपीओ (Varyaa Creations IPO) ओपन होने जा रहा है. सोना, चांदी और कीमती पत्थरों के होलसेल बिजनेस से जुड़ी इस कंपनी का आईपीओ 25 अप्रैल तक खुला रहेगा और निवेशक इसमें पैसे लगा सकते हैं. Varyaa Creations के IPO का आकार 20.10 करोड़ रुपये है और इसके लिए प्राइस बैंड 150 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. इस IPO के तहत कंपनी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 1,340,000 शेयरों की बिक्री की पेशकश करेगी. वर्या क्रिएशन लिमिटेड के शेयरों की संभावित लिस्टिंग बीएसई एसएमई पर 30 अप्रैल को हो सकती है. निवेश करने के इच्छुक इन्वेस्टर्स इस आईपीओ के तहत कम से कम 1000 शेयरों के लिए बोली लगा सकता है यानी इस हिसाब से उन्हें 1,50,000 रुपये का मिनिमम इन्वेस्ट करना होगा.
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शिवम केमिकल्स (Shivam Chemicals) IPO
SME सेगमेंट में अगला IPO मंगलवार 23 अप्रैल को ओपन होगा. ये इश्यू Shivam Chemicals Limited का है और इसका आईपीओ साइज 20.18 करोड़ रुपय है. इच्छुक निवेशक इस आईपीओ में 25 अप्रैल तक बोली लगा सकेंगे. साल 2010 में स्थापित Shivam Chemicals Ltd केमिकल सहित विभिन्न प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग से जुड़ी हुई है. शिवम केमिकल्स ने अपने IPO के लिए प्राइसबैंड 44 रुपये का सेट किया है और इस इश्यू के तहत कंपनी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 4,587,000 शेयरों की पेशकश करेगी. इसकी लिस्टिंग भी BSE SME पर होगी और इसके लिए संभावित तिथि 30 अप्रैल निर्धारित की गई है. इसमें लॉट साइज 3000 शेयरों का है और निवेशक को कम से कम 1,32,000 रुपये का इन्वेस्टमेंट करना होगा.
एमफोर्स ऑटोटेक (Emmforce Autotech) आईपीओ
ये भी एक SME सेगमेंट का आईपीओ है और 23 अप्रैल को खुलकर ये 25 अप्रैल को क्लोज होगा. Emmforce Autotech IPO का इश्यू साइज 53.90 करोड़ रुपये है और इसके लिए प्राइस बैंड 93-98 रुपये प्रति शेयर सेट किया गया है. कंपनी 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 5,499,600 शेयरों को बिक्री के लिए पेश करेगी. लॉट साइज की बात करें तो कंपनी के आईपीओ के एक लॉट के लिए निवेशक को कम से कम 1200 शेयरों के लिए बोली लगानी होगी और इसमें 1,17,600 रुपये का निवेश करना होगा. इस आईपीओ की संभावित लिस्टिंग डेट भी 30 अप्रैल 2024 है.
जेएनके इंडिया (JNK India Limited) IPO
अगले हफ्ते पेश होने वाला चौथा इश्यू एक मेनबोर्ड IPO है. JNK India IPO का साइज 649.47 करोड़ रुपये है. इसके तहत 2 रुपये की फेस वाल्यू वाले 16,015,988 शेयर बोली लगाने के लिए रखे जाएंगे. कंपनी ने आईपीओ के तहत प्राइस बैंड 395-415 रुपये का तय किया है और इसका लॉट साइज 36 शेयरों का है. इसका मतलब है कि निवेशक को एक लॉट की बोली के लिए कम से कम 14940 रुपये का निवेश करना होगा. कंपनी के शेयरों में 23 अप्रैल से 25 अप्रैल तक पैसे लगाए जा सकते हैं और इसकी BSE-NSE पर लिस्टिंग 30 अप्रैल को होगी.
जोमैटो (Zomato) ने पिछले सप्ताह ही एक नई सर्विस शुरू की थी और इस सप्ताह अपने ग्राहकों को झटका दे दिया है
अगर आप भी जोमैटो (Zomato) से खाना ऑर्डर करते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. कंपनी ने प्लेटफॉर्म फीस में इजाफा कर दिया है. कंपनी ने प्लेटफॉर्म फीस में 25 फीसदी का इजाफा कर दिया है. यानी अब इस फीस को बढ़ाकर को 5 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया गया है. इसके साथ ही कंपनी ने इंटरसिटी लेजेंड्स (Intercity Legends) सर्विस को भी बंद कर दिया है. जोमैटो ने यह फैसले मार्च तिमाही के नतीजे आने के पहले लिए हैं.
नए साल पर भी की थी बढ़ोतरी
दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और लखनऊ समेत कई प्रमुख मार्केट में प्लेटफॉर्म फीस में प्रति ऑर्डर फीस में इजाफा कर दिया गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जोमैटो प्रति दिन 2.0-2.2 मिलियन लोगों को ऑर्डर की सर्विस देता है. इसके अलावा बड़े ऑर्डर बेस के लिए 1 रुपये के इजाफे से एक तिमाही में कंपनी की इनकम में काफी इजाफा हो सकता है. बता दें कंपनी ने जनवरी में भी प्लेटफॉर्म फीस में इजाफा किया था. उस समय कंपनी ने इस फीस को 3 रुपये से बढ़ाकर 4 रुपये कर दिया था और अब इसको 5 रुपये कर दिया गया है.
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इंटरसिटी डिलीवरी को भी किया बंद
जोमैटो ने इंटरसिटी लेजेंड्स (Intercity Legends) सर्विस भी बंद कर दी है. इस सर्विस के तहत किसी अन्य शहर में स्थित टॉप रेस्तरां से दूसरे शहरों में रहने वाले ग्राहक भी खाना ऑर्डर कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर लीजेंड टैब होता है. कंपनी ने फिलहाल इस सर्विस को बंद कर दिया है. जोमैटो अपने ग्राहकों के लिए सब्सक्रिप्शन प्लान भी देती है, जिसमें डिलीवरी चार्ज नहीं लगता है. हालांकि, प्लेटफॉर्म फीस इसमें भी देनी पड़ती है.
अब शादी-पार्टी के ऑर्डर भी लेगा Zomato
ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो ने 50 लोगों तक की भागीदारी वाले कार्यक्रमों के लिए सामान पहुंचाने के लिए देश में पहली बार बड़े ऑर्डर लेने की घोषणा की है. जोमैटो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर अपने कई पोस्ट में इसकी जानकारी दी. गोयल ने कहा कि आज हम भारत का पहला बड़ा ऑर्डर दस्ता पेश करने के लिए रोमांचित हैं. यह दस्ता सामूहिक बड़े समूह, पार्टी और आयोजन जैसे आपके सभी बड़े ऑर्डर को आसानी से संभाल पाएगा. पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों पर आधारित यह दस्ता 50 लोगों तक के लिए ऑर्डर पहुंचाने के लिए बनाया गया है.
पिछले हफ्ते ही मिला है GST नोटिस
आपको बता दें कि जोमैटो को पिछले हफ्ते ही 11.81 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (GST) मांग और जुर्माने का आदेश मिला है. इसमें जुलाई 2017-मार्च 2021 की अवधि के लिए 5.9 करोड़ रुपये की जीएसटी मांग और 5.9 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है.
अमेरिकी कंपनी Apple चीन से ज्यादा अब भारत पर फोकस कर रही है. उसने भारत के लिए कुछ बड़ी योजनाएं बनाई हैं.
चीन से अपना ध्यान हटाकर भारत पर फोकस करने वाली Apple नौकरियों की बरसात करने वाली है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आईफोन (iPhone) बनाने वाली दिग्गज अमेरिकी कंपनी एप्पल अपने विक्रेताओं के माध्यम से भारत में बड़े पैमाने पर नौकरियां देने वाली है. कंपनी अगले 3 साल में पांच लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने की योजना पर काम कर रही है. Apple के विक्रेता और आपूर्तिकर्ता फिलहाल भारत में 1.5 लाख लोगों की जॉब की वजह बने हुए हैं.
बड़ी डील की तैयारी में टाटा
टाटा समूह (TATA Group) इस अमेरिकी कंपनी के लिए दो प्लांट संचालित करता है. समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स यह काम संभालती है और फिलहाल वह आईफोन से जुड़ी सबसे ज्यादा नौकरियां प्रदान कर रही है. टाटा अगले महीने iPhone को लेकर एक और बड़ी डील करने की तैयारी में है. टाटा समूह भारत में ताइवान की कंपनी पेगाट्रॉन की iPhone मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी में हिस्सेदारी खरीदने जा रहा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि TATA Group मई में यह डील फाइनल कर सकता है. इस डील के सील होते ही Bharat एक बड़ा आईफोन प्रोडक्शन वाला देश बन जाएगा.
प्रोडक्शन बढ़ाने पर है जोर
रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल भारत में नियुक्तियों में तेजी ला रही है. इसी के तहत कंपनी अपने विक्रेताओं और कलपुर्जे के आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से अगले तीन सालों में पांच लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी. इसके साथ ही Apple की योजना अगले कुछ सालों में भारत में प्रोडक्शन को पांच गुना से अधिक बढ़ाकर 40 अरब डॉलर करने की है. दरअसल, Apple का भारत में अब तक का प्रदर्शन शानदार रहा है. 2023 उसके लिए काफी अच्छा रहा, क्योंकि उसने पहली बार देश में सबसे अधिक राजस्व हासिल किया था. इसलिए वो यहां विस्तार को लेकर उत्साहित है.
ऐसे बढ़ेगा TATA का दबदबा
वहीं, टाटा की संभावित डील की बात करें, तो पेगाट्रॉन के साथ उसकी बातचीत आखिरी दौर में बताई जा रही है. अगले महीने इस संबंध में ऐलान हो सकता है. इस डील के सील होते ही टाटा को चेन्नई और तमिलनाडु में iPhone प्रोडक्शन फैसिलिटी मिल जाएगी. टाटा समूह ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन कॉर्प से उसकी कर्नाटक स्थित आईफोन फैक्ट्री पहले ही खरीद चुका है और वहां आईफोन की असेंबलिंग कर रहा है. इस डील से न केवल टाटा को फायदा होगा, बल्कि भारत में आईफोन का प्रोडक्शन और भी ज्यादा तेजी से हो सकेगा. जाहिर है इससे नई जॉब्स भी क्रिएट होंगी.
पिछले हफ्ते मार्केट में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन जरूर बाजर उछाल के साथ बंद हुआ.
शेयर बाजार (Stock Market) पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को उछाल के साथ बंद हुआ था. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 599.34 अंकों की तेजी के साथ 73,088.33 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 151.15 अंकों की बढ़त के साथ 22,147 के लेवल पर बंद हुआ था. तमात वैश्विक उथल-पुथल के बीच घरेलू बाजार का चढ़ना शुभ संकेत हैं. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
खबरों वाले इन शेयरों पर रखें नजर
MACD के संकेतों के बारे में जानने से पहले उन शेयरों पर नजर डालते हैं जो किसी न किसी वजह से खबरों में हैं. HDFC Bank ने शनिवार को चौथी तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित किए थे. बैंक का स्टैंडअलोन प्रॉफिट मार्च तिमाही में 37.1% की उछाल के साथ 16,511.85 करोड़ रुपए रहा है. इसी तरह, बैंक की ब्याज से आय 24.5% इजाफे के साथ 29,077 करोड़ रुपए हो गई है. नतीजों से उत्साहित बैंक ने वित्त वर्ष 2024 के लिए प्रति शेयर 19.5 रुपए का डिविडेंड देने का भी ऐलान किया है. वहीं, आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने एक बड़े अधिग्रहण की घोषणा की है. कंपनी ने बताया है कि वो इंडिया सीमेंट से 315 करोड़ रुपए में एक ग्राइंडिंग यूनिट खरीद रही है. इन दोनों ही खबरों का कुछ न कुछ असर कंपनियों के शेयरों पर पड़ सकता है. लिहाजा आज इन पर नजर रखें.
तेजी के साथ-साथ मंदी के मिले संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Linde India, Chennai Petroleum, HUL, Power Grid Corporation और Jindal Steel And Power में तेजी के संकेत दिए हैं. यानी इन शेयरों के भाव चढ़ सकते हैं. ऐसे में आपके पास दांव लगाकर मुनाफा कमाने का मौका भी रहेगा. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, MACD ने NYKAA, Karur Vysya Bank, Syngene International, Balkrishna Industries और BHEL में मंदी के संकेत दिए हैं.
ऐसे प्रभावित होगी बाजार की चाल
इस हफ्ते बाजार की चाल कैसी रहेगी, ये कई फैक्टर्स पर निर्भर करेगा. विदेशी निवेशक पिछले वक्त से बिकवाल बने हुए हैं. वे बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं. यदि यह क्रम जारी रहता है, तो मार्केट में सुस्ती बनी रहने की आशंका है. ऐसे ही कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर के बजाए रुपए की चाल, कंपनियों के तिमाही नतीजे और इजरायल-ईरान संघर्ष का असर भी बाजार पर देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर दो देशों के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो दुनियाभर के बाजार बुरी तरह प्रभावित होंगे और भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा. बता दें कि इस सप्ताह Maruti Suzuki, Tech Mahindra, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, HCL टेक्नोलॉजीज और Nestle के तिमाही नतीजे आएंगे.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने 19 अप्रैल को जो नामांकन किया उसके शपथ में दी गई जानकारी के अनुसार उनके पास कोई भी कार नहीं है जबकि उनके ऊपर 15 लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज है.
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने 19 अप्रैल को अपना नामांकन कर दिया. 59 साल के अमित शाह ने 19 अप्रैल को विजय मुहुर्त में नामांकन किया. इस मौके पर उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और कई अन्य नेता मौजूद रहे. चुनावी शपथ पत्र में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने 43.21 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. लेकिन उनके शपथ पत्र के अनुसार उनके पास कोई भी कार नहीं है.
इतने करोड़ की है अचल संपत्ति
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी शपथ पत्र में अपनी आय से लेकर संपत्ति की जो जानकारी दी है उसके अनुसार, उनके पास कुल 43.21 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इस संपत्ति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि उनके पास 20.34 करोड़ की चल संपत्ति और 16.32 करोड़ की अचल संपत्ति है. उनके द्वारा दी गई जानकारी में उनके पास मौजूद 43 करोड़ रुपये की संपत्ति में 6.55 करोड़ की संपत्ति उनकी पत्नी के पास है. अमित शाह के पास 770 ग्राम सोना, 7 कैरेट डायमंड ज्वैलरी, 25 किलो चांदी सहित 160 ग्राम खुद से अर्जित की गई ज्वैलरी शामिल है. उनकी पत्नी सोनल के पास 22.46 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है.इसमें 1620 ग्राम गोल्ड ज्वैलरी और 63 ग्राम गोल्ड डायमंड ज्वैलरी मौजूद है.
इतने लाख रुपये का है लोन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उनके ऊपर 15.77 लाख रुपये का लोन भी है. वहीं अगर उनके पास कैश की स्थिति देखें तो उनके पास 24164 रुपये है, जबकि 72 लाख रुपये के गहने भी हैं. इसमें उन्होंने 8.76 लाख रुपये के गहने खरीदे है जबकि उनकी पत्नी के पास 1.10 करोड़ रुपये के गहने हैं. वहीं अमित शाह की आय की बात करें तो उनकी सालाना आय 75.09 लाख रुपये है. जबकि उनकी पत्नी की सालाना आय 39.54 करोड़ रुपये है.
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गुजरात की सरकारी कंपनी गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (GFSC) 21 मई 2024 को होने वाली अपनी बोर्ड मीटिंग में तिमाही नतीजों के अलावा डिविडेंट की घोषणा कर सकती है.
गुजरात की सरकारी कंपनी गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (GFSC) जल्द ही अपने निवेशकों को डिविडेंड देने की घोषणा कर सकती है. अगले महीने कंपनी के बोर्ड एक मीटिंग होने वाली है, जिसमें तिमाही नतीजों के अलावा डिविडेंट की घोषणा भी हो सकती है. आपको बता दें, बीते शुक्रवार को कंपनी का शेयर 0.29 फीसदी गिरकर 222.65 रुपये के भाव पर बंद हुआ. वहीं इस कंपनी का मार्केट कैप 8,872.10 करोड़ रुपये है. तो चलिए आपको बताते हैं ये कंपनी अपने निवेशकों को कितना मालामाल कर चुकी है.
कंपनी ने क्या कहा?
गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल ने बताया है कि 21 मई 2024 को उनकी एक बैठक होगी. इसमें ऑडिटेड फाइनेंशियल रिजल्ट पर विचार और उसे अप्रुव करने पर चर्चा होगी. इसके साथ ही वह वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी के इक्विटी शेयरों पर डिविडेंड की घोषणा करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 12 महीने में कंपनी ने 10 रुपये प्रति शेयर के इक्विटी डिविडेंड का ऐलान किया है. 222.65 रुपये के मौजूदा शेयर मूल्य पर कंपनी का डिविडेंड यील्ड 4.49 प्रतिशत है.
निवेशकों को मिला इतना रिटर्न
आपको बता दें, इस कंपनी के शेयरों का 52 वीक हाई 322.45 रुपये और 52 वीक लो लेवल 122.20 रुपये है. पिछले 1 महीने कंपनी के शेयरों में 11 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है. पिछले 6 महीने में इसने निवेशकों को 17 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. हालांकि इस साल कंपनी के शेयर में 19 प्रतिशत तक की गिरावट आई है. बावजूद इसके कंपनी अपने निवेशकों को पिछले 1 साल में 80 प्रतिशत मुनाफा दे चुकी है. वहीं, पिछले 4 सालों में कंपनी निवेशकों को 416 प्रतिशत तक का रिटर्न देकर खूब मालामाल कर चुकी है.
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Bitcoin Halving Event क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़े बदलाव लेकर आएगा, जिसमें BTC के प्राइस में उछाल की संभावनाएं सबसे प्रबल हैं.
बिटकॉइन के शौकीनों के लिए ये साल काफी शानदार होने वाला है. इस साल की शुरुआत में बिटकॉइन ने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दिया है. मार्च में यह अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर भी पहुंच गई थी, जो 71,263.78 डॉलर है और अब इस साल ही चौथा 'हाविंग' इवेंट होने जा रहा है. हर चार में होने वाले बिटकॉइन के 'हाविंग' का असर इस बार क्या होगा ये तो आने वाले समय पर निर्भर है. 15 साल पहले क्रिप्टो करेंसी मार्केट की शुरुआत हुई और तब से लेकर अब तक जितने भी हाविंग इवेंट हुए हैं, उसमें बिटकॉइन की कीमतों में तगड़ी बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, क्या इस बार भी बिटकॉइन अपने पिछले ट्रेंड को दोहराएगा? इससे पहले आइए समझते हैं बिटकॉइन हाविंग क्या होता है?
क्या होती है बिटकॉइन हाविंग?
बिटकॉइन एक क्रिप्टो करेंसी है, जिसे रुपये या डॉलर की तरह कहीं फिजिकल रूप में नहीं बल्कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर किया जाता है. इसे टेक्निकल कंप्यूटर प्रोसेस का इस्तेमाल कर बनाया जाता है, जिसे माइनिंग कहां जाता है और जो ये करते हैं उन्हें 'माइनर्स' कहा जाता है. हर 4 साल में एक प्रोग्राम्ड इवेंट होता है, जिसमें माइनर्स का रिवार्ड आधा हो जाता है. इसका मतलब है कि बिटकॉइन माइनिंग करने वाले माइनर्स को अपने द्वारा किए गए माइनिंग प्रयासों के लिए कम बिटकॉइन प्राप्त होते हैं. इस इवेंट को ही 'हाविंग' के नाम से जाना जाता है.
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बिटकॉइन की हाविंग कब होती है?
बिटकॉइन हाविंग की कोई निश्चित तारीख तो नहीं है. लेकिन यह अमूमन चार साल बाद होती है. अगला इवेंट जल्द होने वाला है. यह बिटकॉइन के इतिहास में चौथा हाविंग इवेंट होगा. 2012 के शुरुआती पड़ाव में रिवॉर्ड 50 से घटकर 25 डॉलर हो गया था. अगर मौजूदा हाविंग इवेंट की बात करें, तो रिवॉर्ड और कम होकर 3.125 डॉलर हो जाएगा. यह इवेंट साल 2041 तक जारी रहने का अनुमान है. उस वक्त सिस्टम में मौजूद सारी बिटकॉइन की माइनिंग हो जाएगी.
हाविंग का असर
बिटकॉइन हाविंग इवेंट का क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर सकारात्मक असर होता है. दरअसल, हाविंग के बाद मार्केट में सप्लाई कम हो जाती है और फिर यहां आता है सप्लाई-डिमांड वाला फॉर्मूला, मतलब कि सप्लाई जितनी कम होगी, भाव उतना ही अधिक होगा. इस क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में नए निवेशकों की भी बहार आ जाती है. अगर पिछले सभी हाविंग इवेंट को देखें, तो हर बार कीमतों में ऐतिहासिक उछाल दिखा है. 2016 में हाविंग से पहले बिटकॉइन का भाव 780 डॉलर के करीब था. लेकिन, हाविंग इवेंट के बाद यह कुछ ही महीनों में 1,000 डॉलर के पार पहुंच गया.
हाविंग की हिस्ट्री
2009 में Bitcoin के लॉन्च होने के बाद इसमें तगड़े रिटर्न दिए हैं. अभी तक 3 बार बिटकॉइन हाविंग इवेंट हो चुके हैं. सबसे पहला हाविंग इवेंट साल 2012 में हुआ था, जब ब्लॉक रिवॉर्ड 50 बिटकॉइन से घटकर 25 बिटकॉइन हो गया था. इसके बाद 2016 में हुए हाविंग इवेंट में रिवॉर्ड 25 से घटकर 12.5 बिटकॉइन हो गया. वहीं, 2020 में हुए ब्लॉक रिवॉर्ड घटकर 6.25 बिटकॉइन हो गया और अब साल 2024 में भी ये होने जा रहा है. इस बार इसका रिवार्ड 6.25 से घटकर 3.12 बिटकॉइन रह जाएगा. बिटकॉइन हाविंग इवेंट से क्रिप्टो करेंसी मार्केट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता रहा है. ऐतिहासिक रूप से हर हाविंग इवेंट के बाद बिटकॉइन की कीमतों में तेजी भी देखने को मिलती है.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज अरविंद केजरीवाल को जेल में समाप्त करने की बड़ी साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि साजिश ये रही है कि वो गंभीर बीमार हों जाए और आने के बाद इलाज कराते रहें.
अरविंद केजरीवाल को जेल में इंसूलिन दिए जाने को लेकर आरोप प्रत्यारोपों का दौर तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस कड़ी में अब आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि जेल में अरविंद केजरीवाल को स्लो पॉयजन दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि केजरीवाल को जब इंसूलिन की सबसे ज्यादा जरूरत है उस वक्त में उन्हें इंसूलिन नहीं दिया जा रहा है, जिससे जब वो जेल से बाहर आएं तो इलाज कराते रहें और हमेशा बीमार रहें.
सौरभ भारद्वाज ने क्या लगाया आरोप
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि षडयंत्र किया जा रहा है कि एक तरह से अरविंद केजरीवाल की हत्या की जाए. अरविंद केजरीवाल को सबके सामने स्लो डेथ दी जा रही है. उन्होने जेल की रीडिंग के बारे में बताते हुए कहा कि 12 अप्रैल को सुबह उनकी रीडिंग 320 थी, जो रीडिंग 100 या 120 होनी चाहिए. रात के नौ बजे उनकी रीडिंग थी 260. उन्होंने दिल्ली के एलजी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सुन ले एलजी उन्होंने 6 अप्रैल को आम खाया था, उन्होंने कहा हमारे आपके सभी के घरों में हम कहते हैं एक आम खा लो पापा क्या हो जाएगा. इंसूलिन ले लेना. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा अरविंद ने 6 तारीख को आम खाया था तो क्या 12 तारीख को उनकी शुगर 320 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि एक आदमी को इंसूलिन की जरूरत है लेकिन ये लोग नहीं दे रहे हैं.
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प्रशासन कह रहा है इंसूलिन नहीं देंगे
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली जो बड़े आईएएस अधिकारी आज पानी, बिजली, सीवर की व्यवस्थाओं को ठप करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि आज ईडी और सीबीआई के अधिकारी एक एक विपक्षी नेता को पकड़कर जेल में डालने में लगे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आप उन पर विश्वास कर लीजिए कि अरविंद केजरीवाल उनके पास सुरक्षित और ठीक रहेंगे. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के सीएम को जेल में खत्म करने की एक साजिश है. उन्होंने कहा कि उनका मल्टी ऑर्गन डैमेज हो जाए, अलग अलग पार्ट में परेशानियां हो, कभी लीवर और हार्ट का इलाज करा रहे हों, किसी भी शुगर के पेसेंट से पूछ लीजिए अगर ये स्थिति हो और इंसुलिन न दी जाए तो क्या होगा.
शराब घोटाले में जेल में हैं अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के मनीष सिसोदिया मौजूदा समय में शराब घोटाले को लेकर जेल में हैं. उन पर इस शराब घोटाले में दिल्ली सरकार के रेवेन्यू को नुकसान पहुंचाने से लेकर 100 करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोप लगा है. इस मामले में मनीष सिसोदिया जहां डेढ साल से जेल में बंद हैं वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे. जबकि उनसे पहले गिरफ्तार हुए संजय सिंह को कोर्ट ने जमानत दे दी है.