Export बढ़ाने के लिए सरकार हर जिले में खोलेेगी ये सेंटर, जारी हुई नई विदेश व्‍यापार नीति 

सरकार का मकसद है कि देश के हर जिले में एक्‍सपोर्ट की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए. सरकार सिर्फ सेंटर खोलने की नहीं बल्कि उनकी मॉनिटरिंग करने की भी योजना बना रही है. 

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Friday, 31 March, 2023
minister Piyush Goyal with MOS Anupriya Patel and Sectretry Sunil Barthwal.

केन्‍द्र सरकार के कॉमर्स मंत्रालय ने अलगे पांच सालों के लिए नई विदेश नीति को जारी कर दिया है. सरकार की नई विदेश नीति के अनुसार वर्ष 2022-23 में एक्‍सपोर्ट 760 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया है, वहीं देश की ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत रहने की बात कही गई है. सरकार ने अपनी इस नई पॉलिसी में जहां हर जिले में एक्‍सपोर्ट सेंटर खोले जाने की बात कही है वहीं मौजूदा इंसेटिव से इसे रेमीशन की ओर ले जाने का भी लक्ष्‍य रखा है. 

क्‍या कहती है नई विदेश नीति 
केन्‍द्र सरकार कि मौजूदा विदेश व्‍यापार नीति वर्ष 2020 में ही खत्‍म हो गई थी. लेकिन कोरोना का प्रभाव बढ़ने के कारण इसे लगातार तीन साल तक आगे बढ़ाया गया. लेकिन अब सरकार ने आज नई विदेश व्‍यापार नीति जारी कर दी है. सरकार ने इस साल की ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि एक्‍सपोर्ट के 760 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने की बात कही है. सरकार ने 23-24 के लिए भी ग्रोथ रेट का आंकड़ा जारी किया है जो 6.5 प्रतिशत रहने की आशंका है. सरकार देश में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ावा देने को लेकर कई कदम उठाने की बात कर रही है. 

कैसे होगा इज ऑफ डूइंग बिजनेस 
सरकार ने अपनी विदेश व्‍यापार नीति में कई नए बदलाव कर दिए हैं. इस नए बदलावों के तहत अब तक जिन परमिशन या क्‍लीयरेंस के लिए 3 से 7 दिनों का समय लगता है आने वाले दिनों में उसे 1 दिन में दिया जाएगा. जैसे एडवांस ऑथराईजेशन जैसे मामले, इनमें मौजूदा समय में 3 से 7 दिन का समय लगता है लेकिन आने वाले दिनों में ये 1 दिन में ही हो सकेगा. इसी तरह EPCG, Revalidation of Authrization, Export Obligation Period Extension Application जैसे मामलों को भी सरकार 1 दिन में क्‍लीयर करने का सिस्‍टम डेवलप करने जा रही है. इसे लेकर सरकार ने पॉयलट प्रोजेक्‍ट शुरू भी कर दिया है. 

एक्‍सपोर्ट में बढ़े रुपये का इस्‍तेमाल 
सरकार ने अपनी इस नई विदेश व्‍यापार नीति में अन्तर्राष्ट्रीय कारोबार में रुपये के इस्‍तेमाल को बढ़ाने का मसौदा भी शामिल किया है. इससे देश के एक्‍सपोर्टरों को फायदा होगा. विदेश व्‍यापार नीति में पहली बार मर्चेंटिंग ट्रेड को भी बढ़ावा देने की बात की है. मर्चेंटिंग ट्रेड वो होता है जहां सामान भारत की सीमा को नहीं छूता और एक देश से दूसरे देश में सप्‍लाई कर दिया जाता है. सरकार इस तरह के कारोबार को भी बढ़ावा देना चाहती है. सरकार ने 4 नए शहरो को टाउन ऑफ एक्‍सपोर्ट एक्‍सीलेंस में शामिल किया है. इसमें फरीदाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर और मुरादाबाद शामिल हैं. 

हर जिले में बनेगा एक्‍सपोर्ट हब 
इस नई विदेश नीति के तहत सरकार हर राज्‍य के हर जिले में एक्‍सपोर्ट हब बनाने जा रही है. इसके लिए सरकार हर जिले में बनने वाले प्रोडक्‍ट की जानकारी जुटाएगी, इसके लिए राज्‍यों में SEPC/DEPC बनाई जाएगी. सरकार इसके लिए हर जिले में District Export Action Plan को भी लागू करने की तैयारी कर रही है. सरकार इसके लिए एक निगरानी तंत्र भी बनाएगी जिससे हर राज्‍य की एक्टिविटी पर नजर रखी जाए. सरकार का लक्ष्‍य ये भी है कि वो रूपये को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा बनाने को लेकर काम करे.
 


आ गया जूते की नाप का भारतीय साइज सिस्टम, जानिए कौन सा नंबर आपको है फिट

एक लाख से ज्यादा भारतीय उपयोगकर्ताओं के पैर के आकर के लिए 3-D फुट स्कैनर का उपयोग किया गया था. कुल मिलाकर, भारतीयों के पैर यूरोपीय या अमेरिकियों की तुलना में अधिक चौड़े पाए गए.

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Tuesday, 23 April, 2024
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जब भी हम कोई जूता लेते हैं तो उसके लिए हमे हमारे पैर का साइज बताना पड़ता है. ये यूके और यूएस साइज होता है. हालांकि, जूते के लिए भारतीय साइज सिस्टम भी आ गया है. हाल ही में भारतीयों के पैरों के आकार पर सर्वे हुआ है. भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसे ‘भा’ (Bha) नाम देने का प्रस्ताव है. यह भारत में जूते बनाने का एक बेस बन सकता है. अगर ये आ जाता है, तो मौजूदा यूके-यूरोपीय और यूएस साइज सिस्टम का स्थान ले लेगा.

सर्वे में क्या पाया गया?

शुरुआत में, यह सोचा गया था कि भारतीयों के लिए अलग-अलग पैर के साइज को शामिल करने के लिए कम से कम पांच फुटवियर साइज की जरूरत होगी. सर्वेक्षण से पहले, यह माना जाता था कि पूर्वोत्तर भारत के लोगों के पैरों का आकार बाकि के क्षेत्रों में रह रहे लोगों की तुलना में औसतन छोटा होता है. इसे लेकर दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच एक सर्वेक्षण किया गया था. इसमें 5 भौगोलिक क्षेत्रों में 79 स्थानों पर रहने वाले करीब 1,01,880 लोगों को शामिल किया गया. इतना ही नहीं बल्कि भारतीय पैर के आकार, आयाम और संरचना को समझाने के लिए 3D फुट स्कैनिंग मशीनें तैनात की गईं. इसमें पाया गया कि एक औसत भारतीय महिला के पैर के आकार में बदलाव 11 साल की उम्र पर होता है जबकि पुरुष के पैर के आकार मे लगभग 15 या 16 साल में होता है.

क्यों हुई ‘भा’ (Bha) की जरूरत

भारतीय स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों ने भारत में यूके आकार की शुरुआत की. इसके मुताबिक, एक औसत भारतीय महिला 4 से 6 साइज के जूते पहनती है और एक औसत पुरुष 5 से 11 साइज के जूते पहनता है. चूंकि भारतीयों के पैरों की संरचना, आकार, आयाम पर कोई डेटा मौजूद नहीं था, इसलिए भारतीय प्रणाली विकसित करना मुश्किल था और इसे कभी शुरू नहीं किया गया था. एक भारतीय उपयोगकर्ता के पास अब औसतन 1.5 फुटवियर हैं और भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, यह दुनिया के सबसे बड़े बाजारों और जूतों के निर्माताओं में से एक है. उद्योग हितधारकों ने यह भी कहा कि ऑनलाइन ऑर्डर किए गए अनुमानित 50 प्रतिशत जूते ग्राहकों द्वारा अस्वीकार कर दिए गए थे. भा के साथ, उपयोगकर्ताओं और फुटवियर निर्माताओं दोनों को लाभ हो सकता है. 

सर्वेक्षण की सिफ़ारिशें

भा (Bha) आठ फुटवियर आकार प्रस्तावित करता है:
I – शिशु (0 से 1 वर्ष) 
II – शिशु (1 से 3 वर्ष)
III – छोटे बच्चे (4 से 6 वर्ष) 
IV – बच्चे (7 से 11 वर्ष)
V – लड़कियाँ (12 से 13 वर्ष) 
VI – लड़के (12 से 14 वर्ष)
VII – महिलाएं (14 वर्ष और अधिक) और 
VIII – पुरुष (15 वर्ष और अधिक).

व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए, शुरुआत में III-VIII आकार के फुटवियर का निर्माण पर्याप्त होगा. भा (Bha) के अनुसार निर्मित जूते देश की लगभग 85 प्रतिशत आबादी को सही फिटिंग और बेहतर आराम दे सकते हैं. भा को अपनाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फुटवियर निर्माताओं को वर्तमान 10 आकार (अंग्रेजी प्रणाली) और सात आकार (यूरोपीय प्रणाली) के मुकाबले केवल आठ आकार विकसित करने की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, आधे आकार की आवश्यकता नहीं होगी. जूते के अंतिम आकार की अतिरिक्त लंबाई 5 मिमी फुट होगी. वर्तमान में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध फुटवियर की तुलना में भा प्रणाली का दायरा भी व्यापक होगा.

भा (Bha) की वर्तमान स्थिति

चेन्नई स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (CSIR-CLRI) ने सर्वेक्षण किया. इसने अपनी सिफारिशें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) को सौंपी, जो केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है. डीपीआईआईटी ने उन्हें अनुमोदन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के पास भेज दिया है, जो इस आकार प्रणाली को लागू करने के लिए भारतीय प्राधिकरण है. चूंकि भा मौजूदा आकार प्रणालियों को पूरी तरह से बदल देगा, इसलिए विभागों ने सुझाव दिया है कि भा (Bha) आकार मानकों के अनुसार निर्मित जूते उपयोगकर्ताओं को परीक्षण, परीक्षण और प्रतिक्रिया के लिए दिए जाने चाहिए. भा के 2025 में किसी समय लागू होने की उम्मीद है.
 


Mahindra Finance में 150 करोड़ की धोखाधड़ी, क्या आपका पैसा भी तो नहीं फंसा?

NBFC ने बताया है कि आज जो होने वाली बैठक है, उसमें अब केवल बॉरोइंग लिमिट को बढ़ाने और NCD के जरिये फंड जुटाने पर विचार करेंगे.

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Tuesday, 23 April, 2024
Mahindra Finance

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (M&M Finance) ने FY24 के अपने चौथी तिमाही के नतीजों (Q4 Results) को रोक दिया है. ऐसा कंपनी में 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद किया गया है. कंपनी ने शेयर मार्केट की फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी. बीएसई फाइलिंग में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज की तरफ से जानकारी दी गई है. कंपनी के अनुसार 23 अप्रैल यानी आज बोर्ड बैठक होने वाली थी. जिसमें मार्च 2024 को समाप्त तिमाही के वित्तीय परिणामों पर चर्चा की जाती.

मार्च तिमाही का नतीजा टला

M&M फाइनेंस ने कहा कि इस अप्रत्याशित मामले को देखते हुए कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजों और डिविडेंड की सिफारिश को आगे की तारीख के लिए टाला जा रहा है. साथ ही सालाना अर्निंग कॉन्फ्रेंस को भी टाल दिया गया है. बता दें कि M&M फाइनेंस ने अपने मार्च तिमाही के नतीजों को मंजूरी देने और अन्य विषयों पर फैसले के लिए 23 अप्रैल को बोर्ड की बैठक बुलाई थी. कंपनी ने कहा कि आज की बोर्ड बैठक में ऑडिट समिति अब नतीजों के अलावा दूसरे विषयों पर चर्चा करेगी. इसमें बॉरोइंग लिमिट को बढ़ाना और नॉन-कनवर्टिबल डेबेंचर (NCD) जारी करके फंड जुटाना आदि शामिल है.

क्या है मामला?

कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि बताया कि ये धोखाधड़ी कंपनी द्वारा दिए जाने वाले रिटेल व्हीकल लोन से जुड़ी है. जिसमें KYC के लिए दस्तावेजों जमा करने में जालसाजी की गई. जिसके कारण कंपनी के करोड़ों रुपये का गबन हुआ. महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज की नॉर्थ ईस्ट की ब्रांच से यह फ्रॉड का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी करीब 150 करोड़ रुपये की है. जिसके बारे में जांच जारी है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इसी कारण कंपनी ने अपने तिमाही के नतीजे को अभी टाल दिया है.

शेयर में भारी गिरावट

शेयर बाजार को मिली इस जानकारी के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट दर्ज हो रही है. मंगलवार को शुरुआती कारोबार में ही शेयर 7 प्रतिशत से अधिक गिर गए. बीएसई पर महिंद्रा फाइनेंस के शेयर में 7.88 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई. जिसके बाद ये 256.85 रुपये पर पहुंच गए. सोमवार को ये स्टॉक 1.55 प्रतिशत यानी 4.40 रुपये की गिरावट के बाद 278.85 रुपये पर बंद हुआ था.
 


कल तक भाव दिखा रहे सोने की चमक कैसे हो गई कम, क्या है कीमतों में गिरावट की वजह?

,शेयर बाजार में जहां लगातार तेजी आ रही है, वहीं, सोने-चांदी के बाजार में फिलहाल नरमी का रुख है.

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Tuesday, 23 April, 2024
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यदि आप सोने यानी Gold में निवेश करना चाहते हैं, अच्छा समय आ गया है. सोने की कीमतों में नरमी का माहौल है. सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी गिरावट आई है. MCX एक्सचेंज पर आज यानी मंगलवार को सोना 732 रुपए की गिरावट के साथ 70,465 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. आज बाजार खुलने के साथ ही सोने के भाव में नरमी दिखाई दे रही है. इसी तरह, चांदी 748 रुपए की गिरावट के साथ 79,831 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर मिल रही है.

वैश्विक कीमतों में भी गिरावट
घरेलू के साथ-साथ सोने की वैश्विक कीमतों में भी गिरावट आई है. कॉमेक्स पर सोने का वैश्विक वायदा भाव 1.31% या 30.80 डॉलर की गिरावट के साथ 2,315.60 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया है. इसी तरह, चांदी वायदा भाव 0.29 डॉलर लुढ़ककर 27.24 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है. सोने और चांदी की कीमतों में पिछले दो दिनों से गिरावट आ रही है. कुछ वक्त पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि सोने-चांदी में और निखार आ सकता है. वैसे, ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैक्स को लगता है कि इस साल के अंत तक सोना 2,700 डॉलर प्रति औंस के पार जा सकता है. पहले यह अनुमान 2,300 डॉलर का था. जबकि कुछ विशेषज्ञ इसके 3000 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे थे. 

फायदे का सौदा हो सकता है निवेश
सोने-चांदी की कीमतों में आज भले ही गिरावट का माहौल है, लेकिन जिस तरह का इनका रिकॉर्ड उसके मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि इनकी कीमतें फिर से रफ़्तार पकड़ सकती हैं. ऐसे में यदि आप Gold खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा समय सबसे सही रहेगा. इससे एक तो आपको सस्ते में सोना मिल जाएगा और जब दाम फिर से बढ़ने लगेंगे तो आप उसे बेचकर मुनाफा भी कमा सकते हैं. सोना और चांदी ने अब तक अपने निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न दिया है.   

इसलिए आ रही है गिरावट 
अब यह भी जान लेते हैं कि जिस सोने के भाव बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, वो अचानक सस्ता कैसे हो गया? ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ने की आशंका के चलते सोने-चांदी के दाम बढ़ रहे थे. दरअसल, सोने को निवेश का बेहतरीन विकल्प माना जाता है, इसलिए जब भी युद्ध या किसी अन्य संकट की स्थिति उत्पन्न होती है, तो लोग बड़े पैमाने पर सोने में निवेश करने लगते हैं. वह जानते हैं कि स्टॉक मार्केट भले ही क्रैश हो जाए, लेकिन गोल्ड में किया हुआ निवेश कुछ न कुछ देकर ही जाएगा. इसलिए दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ने से दाम चढ़ रहे थे. अब स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है. ईरान के मिसाइल हमले का इजरायल ने कोई जवाब नहीं दिया है और उसके रुख से लगता है कि वो किसी जवाबी कार्रवाई के मूड में नहीं है. इससे युद्ध की चिंता कम हो गई है. लिहाजा, निवेशक दूसरे बाजारों से पैसा निकालकर सोने में निवेश करने की जल्दबाजी में नहीं हैं. सोने की डिमांड में खास उछाल नहीं आया है, इसलिए दाम भी नहीं बढ़ रहे हैं.
 


Nestle के बाद अब देशभर में शुरू हुई इन प्रोडक्‍ट की जांच, ये है इसका मकसद 

भारत की मसाला कंपनियों के प्रोडक्‍ट को लेकर सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों ने सवाल उठाया है. उनकी समस्‍याओं को देखते हुए इनकी जांच का निर्णय लिया है. 

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Tuesday, 23 April, 2024
Nestle

Nestle विवाद के सामने आने के बाद अब FSSAI ने देशभर भर में अलग-अलग कंपनियों के बेबी फूड से लेकर मसालों की सैंपलिंग करने का निर्णय लिया है. इस सैंपलिंग का मकसद दूसरी कंपनियों के द्वारा बनाए जा रहे प्रोडक्‍ट की जांच करना है, जिससे इस बात को लेकर आश्‍वस्‍त हुआ जा सके कि जो प्रोडक्‍ट बिक रहा है वो सही बिक रहा है.मसालों को लेकर कई दूसरे देशों ने चिंता जताई है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,FSSAI (Food Safety and Standard Authority Of india) ने अपनी जांच के दायरे को Nestle से बढ़ाते हुए कई और ब्रैंड तक उसका विस्‍तार कर दिया है. एफएसएसआई बेबी प्रोडक्‍ट बनाने वाली सभी कंपनियों के बेबी प्रोडक्‍ट की जांच कर रहा है. यही नहीं जांच एजेंसी ने देशभर में मसाले से लेकर दूसरे कई प्रोडक्‍ट की जांच को लेकर अपना अभियान तेज कर दिया है. एफएसएसएआई ने जिन मसाला कंपनियों की जांच करने का निर्णय लिया है उनमें प्रमुख रूप से कई नामी कंपनियां शामिल हैं. मसाला कंपनियों के खिलाफ जांच का कार्यक्रम सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों के इन्‍हें लेकर चिंता जताए जाने के बाद हुआ है. 

Nestle के मामले की तेजी से हो रही है जांच 
वहीं Nestle के बेबी फूड में शुगर मिलाए जाने के आरोपों के बाद एफएसएसएआई की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है. माना जा रहा है कि एक महीने में इस पूरे मामले की रिपोर्ट आ सकती है. ये पूरी जांच स्विटजरलैंड की दूसरी कंपनी पब्लिक आई के द्वारा की गई थी. स्विस कंपनी की रिपोर्ट आने के बाद कंज्‍यूमर अफेयर मिनिस्‍ट्री के इस मामले के संज्ञान लेने के बाद शुरू हुई है. इसमें नेस्‍ले के बेबी प्रोडक्‍ट की हर लेवल पर जांच हो रही है. 

नेस्‍ले पर लगा है भारत में ज्‍यादा चीनी मिलाने का आरोप 
स्विटजरलैंड की दूसरी कंपनी पब्लिक आई ने इस मामले में आरोप लगाया है कि नेस्‍ले बेबी प्रोडक्‍ट बनाने को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का पालन नहीं कर रही है. कंपनी के भारत में बेचे जाने वाले प्रोडक्‍ट में चीनी मिली है. जबकि कंपनी दुनिया के वि‍कसित देशों अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में इस प्रोडक्‍ट को बिना चीनी के बेच रही है. लेकिन भारत में हर सर्विंग में कंपनी 3 ग्राम तक चीनी मिला रही है. वहीं कंपनी ने इस मामले में कहा है कि वो सभी नियमों का पालन कर रही है. 

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Reliance Industries ने बनाया नया रिकॉर्ड, ऐसा करने वाली देश की पहली कंपनी बनी

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे सामने आ गए हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कंपनी की ओर से किस तरह के आंकड़ें पेश किए गए हैं.

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Tuesday, 23 April, 2024
Reliance

देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी तिमाही में ताबड़तोड़ कमााई की है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड सालाना आधार पर 1 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. रिलायंस सालाना कर-पूर्व मुनाफा (annual pre-tax profit) कमाने में 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी का शुद्ध मुनाफा एक साल पहले की तुलना में 7 प्रतिशत बढ़कर 79,020 करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा, कंपनी ने कंज्यूमर बिजनेस और अपस्ट्रीम बिजनेस में निरंतर विकास गति के चलते 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड वार्षिक कंसोलिडेटेड रेवन्यू हासिल किया.

Reliance ने बना दिया ये रिकॉर्ड

अरबपति मुकेश अंबानी की Reliance Industries Ltd ने अपनी चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान करते हुए बताया कि वित्त वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है और ऐसा करने वाली RIL पहली भारतीय कंपनी बन गई है. समीक्षाधीन वर्ष के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का टर्नओवर 2.6 फीसदी के इजाफे के साथ बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2022-23 में 9.74 लाख करोड़ रुपये था. इसके अलावा 31 मार्च को समाप्त फाइनेंशियल ईयर में रिलायंस इंडस्ट्रीज का EBITDA 16.1 फीसदी बढ़कर 1.79 लाख करोड़ रुपये हो गया.

नतीजों पर क्या बोले चेयरमैन मुकेश अंबानी?

Reliance Chairman-MD मुकेश अंबानी ने कहा कि आरआईएल द्वारा की गई पहलों ने भारत की अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर्स की ग्रोथ में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सभी सेगमेंट्स में मजबूत वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन किया है. इससे कंपनी को कई उपलब्धियां हासिल करने में मदद मिली है. इसका उदाहरण है कि Reliance कर-पूर्व मुनाफे में 100,000 करोड़ रुपये की सीमा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है.

एक साल में कमाया इतना मुनाफा

अगर बात पूरे वित्त वर्ष की करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुनाफे में अच्छा इजाफा देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2023-24 में रिलायंस ने 69,621 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड मुनाफा जेनरेट किया है. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 66,702 करोड़ रुपए देखने को मिला था. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले वित्त वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपए का कारोबार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. समीक्षाधीन वर्ष में कंपनी का कारोबार 2.6 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 9.74 लाख करोड़ रुपए था.

कंपनी के शेयरों में मामूली इजाफा

अगर बात कंपनी के शेयरों की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में मामूली इजाफा देखने को मिला है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 19 रुपए की मामूली तेजी के साथ 2960.60 रुपए पर बंद हुआ. वैसे कंपनी का शेयर सोमवार को 2,950 रुपए पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 2964.30 रुपए पर आ गया था. वैसे मौजूदा साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 14 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.जबकि बीते एक साल में कंपनी के शेयर 25 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप एक बार फिर से 20 लाख करोड़ रुपए के पार चला गया है.
 


Amit Shah ही नहीं, वाइफ ने भी शेयर बाजार से कमाया है खूब पैसा; ऐसा है पोर्टफोलियो 

अमित शाह की वाइफ सोनल शाह की नेटवर्थ में शेयर बाजार से हुई कमाई का बड़ा योगदान है.

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Tuesday, 23 April, 2024
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ-साथ उनकी पत्नी सोनल शाह (Sonal Shah) ने भी स्टॉक मार्केट से अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में सोनल शाह का स्टॉक पोर्टफोलियो 4.36 करोड़ रुपए का था, जो अब बढ़कर 20 करोड़ रुपए हो गया है. इस दौरान उनकी कुल नेटवर्थ 9.21 करोड़ से 29.01 करोड़ रुपए हो गई है. 

किस कंपनी के कितने शेयर?
अमित शाह की पत्नी के पोर्टफोलियो में कई कंपनियों के शेयर हैं. इसमें The Karur Vysya Bank के एक लाख शेयर, TV18 Broadcast के 40,000 शेयर, Canara Bank के 50,000 शेयर, Tata Steel के 30,890 शेयर, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड के 20,000 शेयर, NCC के 30,000 शेयर और सन फार्मा एडवांस्ड रिसर्च के 17,500 शेयर शामिल हैं. अमित शाह के स्टॉक पोर्टफोलियो में जहां 180 कंपनियों के शेयर हैं. जबकि सोनल अमितभाई शाह ने करीब 80 कंपनियों में पैसा लगाया है. 

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वाइफ के पास है इतना सोना
सोनल शाह के पास 1,620 ग्राम सोना और 63 कैरेट के हीरे भी हैं, जिनका बाजार मूल्य करीब 1.1 करोड़ रुपए है. वहीं, अमित शाह के पोर्टफोलियो की बात करें, तो उनके पास Hindustan Unilever, MRF, Colgate-Palmolive, Procter & Gamble Hygiene and ABB India, ITC, VIP Industries, Infosys, Grindwell Norton, Cummins India, Kansai Nerolac Paints, सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड, NMDC स्टील लिमिटेड, वेस्टर्न इंडिया शिपयार्ड लिमिटेड, साउथ इंडियन बैंक, टीएआरसी लिमिटेड और प्रिनो केमिकल्स लिमिटेड के शेयर हैं. 

रिलायंस के भी 117 शेयर 
शाह दंपति ने लिस्टेड और नॉन-लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में करीब 37.47 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है, जो इनकी कुल नेटवर्थ का लगभग 57%  है. अमित शाह के पास 900 ग्राम से अधिक सोना, 7 कैरेट हीरे और 25 किलोग्राम चांदी भी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने चुनाव आयोग को दी जानकारी में बताया था कि उनके पास Reliance Industries के 8 लाख रुपए से अधिक मूल्य के 2,450 शेयर हैं. लेकिन उनके 2024 के पोर्टफोलियो में Reliance शामिल नहीं है. जबकि उनकी वाइफ के पास जरूर रिलायंस के 117 शेयर हैं, जिनका बाजार मूल्य 3.4 लाख रुपए है. 


चढ़ते पारे की तरह आज चढ़ सकते हैं इन शेयरों के भाव, दांव लगाकर भुनाएं मौका! 

शेयर बाजार की चाल आज कैसी रहेगी सटीक तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है, लेकिन कुछ शेयरों में तेजी के संकेत जरूर मिले हैं.

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Tuesday, 23 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के लिए इस हफ्ते की शुरुआत अच्छी रही है. सोमवार को मार्केट तेजी के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 560.29 अंकों की उछाल के साथ 73648.62 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 189.40 अंक चढ़कर 22336.40 पर पहुंच गया. विदेशी बाजारों में तेजी, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी निवेशकों के फिर से लिवाल बनने से घरेलू शेयर बाजार को मजबूती मिली. आज बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

MACD ने दिए हैं ये संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए HUL, Power Grid, Chennai Petroleum, Kalpataru Power, JSPL और Natco Pharma में तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में मुनाफा कमाने का मौका बन सकता है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. MACD ने कुछ शेयरों में मंदी का रुख भी दर्शाया है, इसमें HFCL, Biocon, YES Bank, KRBL और BLS International Services शामिल हैं. लिहाजा इन शेयरों में निवेश को लेकर सावधान रहें. 

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ये हैं मजबूत खरीदारी वाले Stock
अब बात करते हैं उन शेयरों की, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Motilal Oswal, Voltas, Hind Copper, Jio Financial Services, DOMS Industries, Nippon Life AMC और Siemens शामिल हैं. मोतीलाल ओसवाल के शेयर कल 5 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,344 रुपए पर बंद हुए थे. टाटा समूह की कंपनी वोल्टास के लिए तो कल का दिन शानदार रहा. इस दौरान कंपनी का शेयर छह प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 1,379.50 रुपए पर पहुंच गया. Jio Financial के शेयर में सोमवार को करीब 4 प्रतिशत की मजबूती आई और यह 383 रुपए पर बंद हुआ. वहीं, Himadri Speciality के शेयर में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


ये कंपनी बाँटने जा रही है ताबड़तोड़ डिविडेंट क्या आपने भी किया है निवेश?

टाटा ग्रुप (Tata Group) की एक कंपनी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड बांटने जा रही है. इसके शेयर निवेशकों के लिए एक साल में मल्टीबैगर साबित हुए हैं और निवेशकों को ताबड़तोड़ रिटर्न मिला है. 

Last Modified:
Monday, 22 April, 2024
Benaras Hotels

टाटा ग्रुप की एक कंपनी बनारस होटल्स (Benaras Hotels) अपने शेयर होल्डर्स को डिविडेंड (Dividend) बांटने जा रही है. इसके शेयर पिछले 1 साल में मल्टीबेगर साबित हुए हैं और इसने निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया है. वहीं, अब कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को हर शेयर पर 25 रुपये का डिविडेंड बांटने जा रही है. 10 रुपये की फेस वैल्यू के हिसाब से यह डिविडेंड 250 प्रतिशत होगा. आपको बता दें, सोमवार यानी 22 अप्रैल 2024 को इसके शेयर की कीमत 9,250 पर बंद हुई थी.   

निवेशकों को हर बार दिया तगड़ा रिटर्न
बनारस होटल्स का डिविडेंड बांटने का शानदार रिकॉर्ड रहा है. 2001 से लेकर अब तक सिर्फ एक बार ऐसा हुआ है, जब इसने फाइनल डिविडेंड नहीं दिया था. वर्ष 2021 में इसने कोई फाइनल डिविडेंड नहीं दिया था. वहीं, 2020 में इसने हर शेयर पर 75 रुपये, 2022 में 100 रुपये और फिर 2023 में 200 रुपये के फाइनल डिविडेंड की घोषणा की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार कंपनी ने 25 रुपये के ही फाइनल डिविडेंड की घोषणा की है. जिस पर अभी शेयर होल्डर्स की मंजूरी लेनी बाकी है.

शेयरों का प्रदर्शन
बनारस होटल्स के शेयर पिछले साल 20 अप्रैल 2023 को 3415 रुपये पर थे. यह इसके शेयरों का एक साल का नीचला स्तर था. इसके बाद 10 महीने से भी कम समय में यह 194 से उछलकर 1 फरवरी 2024 को 10051 रुपये पर पहुंच गया. यह इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है. फिलहाल कंपनी के शेयर की कीमत 3 प्रतिशत की बढ़त के साथ  9,250 रुपये पर पहुंच गई है. 

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Personal Loan लेकर चुकाई कर्मचारियों की सैलरी, जानते हैं कौन है वो बॉस?

मुश्किलों के भंवर में फंसी इस कंपनी के कर्मचारियों को मार्च के आंशिक वेतन का भुगतान किया गया है.

Last Modified:
Monday, 22 April, 2024
Photo Credit: GQ India

एडटेक कंपनी (Edtech Firm) बायजू के कर्मचारियों को सैलरी के मोर्चे पर कुछ राहत मिली है. बायजू का संचालन करने वाली 'थिंक एंड लर्न' ने अपने कर्मचारियों को मार्च महीने के आंशिक वेतन का भुगतान कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कंपनी के फाउंडर एवं सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने पर्सनल लोन लेकर कर्मचारियों को सैलरी दी है.  

ऑफिस पर लग चुका है ताला
Byju's पिछले काफी समय से आर्थिक संकट से गुजर रही है. हालात ये हो चले हैं कि कंपनी को अपने लगभग सभी ऑफिस खाली करके कर्मचारियों को घर से काम करने को कहना पड़ा है. बायजू के पास सैलरी चुकाने के भी पैसे नहीं हैं. मार्च की आंशिक सैलरी (Partial Payouts) अब जाकर हो पाई है. इसके लिए भी कंपनी के सीईओ को खासी मशक्कत करनी पड़ी है. उन्होंने मार्च के वेतन का भुगतान करने के लिए अपनी व्यक्तिगत क्षमता में कर्ज उठाया है.

सैलरी पर इतना आया है खर्चा
बायजू के कर्मचारियों के आंशिक वेतन भुगतान पर करीब 25-30 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. कर्मचारियों के अकाउंट में 20 अप्रैल को मार्च का आधा वेतन जमा किया गया. सूत्रों का कहना है कि मार्च वेतन चुकाने के लिए बायजू रवींद्रन ने अपनी पर्सनल कैपिसिटी में कर्जा उठाया है. इसकी वजह यह है कि राइट्स इश्यू का पैसा NCLT के आदेश के चलते खर्च नहीं किया जा सकता है. दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 27 फरवरी के अपने आदेश में Byju's को निर्देश दिया था कि उसे राइट्स इश्यू से मिलने वाली रकम को एस्क्रो खाते में रखना होगा. इसका मतलब है कि कंपनी इस पैसे को तब तक नहीं निकाल सकती, जब तक ​कि पूरा मामला सुलझ नहीं जाता. 

निवेशकों की नाराजगी कायम
बायजू के चार निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ दमन और कुप्रबंधन का मुकदमा NCLT में दायर किया है. साथ ही बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है. बायजू में 15 हजार के आसपास कर्मचारी हैं और सभी सैलरी को लेकर पिछले कुछ वक्त से परेशानियों का सामना कर रहे हैं. बायजू रवींद्रन रूठे निवेशकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है. नाराज निवेशकों का कहना है कि कंपनी मैनेजमेंट के काम करने के तरीके, जानकारियों, वित्तीय पारदर्शिता और गवर्नेंस कंट्रोल्स की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है. मुख्य तौर पर Peak XV Partners, General Atlantic, Chan-Zuckerberg Initiative और प्रोसुस बायजू की कार्यप्रणाली से नाराज हैं.  
 


Can i Present in Hindi बोलने पर इस बिजनेसमैन ने क्‍यों कहा Yes Of Cource

दरअसल कारोबार की दुनिया में हिंदी को दूसरी नजरों से देखा जाता है. लेकिन कुनाल बहल की कोशिश ने उन लोगों को हिम्‍मत दी है जो हिंदी के साथ इस दुनिया में आगे बढ़ना चाहते हैं. 

Last Modified:
Monday, 22 April, 2024
Kunal Bahal

क्‍या आप कहीं जाने पर किसी से बात करने पर हिंदी भाषा में बोलना ज्‍यादा सहज महसूस करते हैं. या आपको भी अंग्रेजी न आने पर कई जगह झिझक होती है. अगर हां तो इस खबर को पढ़कर आपको भी बेहद अच्‍छा महसूस होगा. दरअसल स्‍नैपडील और टाइटन कैपिटल के को फाउंडर कुनाल बहल ने एक ऐसा वाकया एक्‍स पर साझा किया है जिसे सुनकर और पढ़कर आप खुश हो जाएंगे. उन्‍होंने कुछ दिन पहले उनके साथ हुए एक अनुभव को लेकर अपनी बात कही, जिसमें जब एक स्‍टार्टअप ओनर ने उनसे कहा कि can I Present in Hindi. इस पर कुनाल बहल ने कहा Yes Of Course. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
कुनाल बहल ने एक्‍स पर एक वाकिया शेयर करते हुए कहा है कि कुछ दिन पहले उनसे एक स्‍टार्टअप ओनर ने उनसे पूछा कि क्‍या वो अपने बिजनेस का प्रपोजल उन्‍हें हिंदी में दिखा सकता है, क्‍योंकि इसमें वो अधिक सहज होगा. इस पर कुनाल ने उन्‍हें जवाब दिया, Yes Of course. वो अपने इस ट्वीट में आगे कहते हैं कि दो लोग जो अपनी भाषा में बोल सकते हैं और समझ सकते हैं, इस पर बात कर रहे हैं कि क्‍या वो अपनी भाषा में प्रजेंटेशन दे सकते हैं जिसे वे सबसे अच्‍छी तरह से जानते हैं.  

अंग्रेजी न आना कोई मायने नहीं रखता  
कुनाल बहल आगे कहते हैं कि लेकिन मुझे लगता है कि कई स्‍टार्टअप फाउंडर सोच रहे होंगे कि निवेशक उनसे बहुत विनम्र और धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलने की उम्मीद करते हैं. कम से कम मेरे दृष्टिकोण से, इससे बिल्कुल कोई फर्क नहीं पड़ता. बिल्‍कुल जीरो. अपनी बात को, उसके पूर्ण और प्रामाणिक सार तक पहुंचाना, उस औपनिवेशिक मानसिकता से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि यदि यह एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक प्रस्तुति है, तो इसे अंग्रेजी में किया जाना चाहिए.
भले ही हम अंग्रेजी में पारंगत हों या नहीं, हमें बिजनेस इकोसिस्‍टम में अपनी मातृभाषा बोलने में पूर्ण आत्मविश्वास महसूस करना चाहिए, जैसे हम सामाजिक परिवेश में करते हैं.
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आखिर कौन हैं कुनाल बहल? 
कुनाल बहल ऑनलाइन ई कॉमर्स कंपनी स्‍नैपडील और टाइटन कैपिटल के प्रमुख हैं. कुनाल मूल से रूप से दिल्‍ली के रहने वाले हैं और उनका जन्‍म 13 अक्‍टूबर 1983 को हुआ है. अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्‍होंने 2010 में रोहित बहल के साथ मिलकर स्‍नैपडील की स्‍थापना की जो शुरुआत में एक ई कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म था लेकिन बाद में एक बड़ा ऑनलाइन मार्केटप्‍लेस बन गया. उनकी कंपनी स्‍नैपडील के शुरुआती दिन बड़े चुनौतीपूर्ण थे. इस कारोबार को सेटल करने में उन्‍हें बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. एक छोटी कंपनी से स्‍नेपडील आज 6.5 बिलियन की कंपनी बन गई है.