CAIT का कहना है कि इस साल होली से जुड़े उत्पादों की बिक्री बीते साल की तुलना में 25 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है.
रंगों के त्योहार होली (Holi) पर इस बार चीनी 'रंग' नहीं चढ़ा है. बाजारों में देसी उत्पादों की जबरदस्त डिमांड है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का कहना है कि देश में इस बार चाइनीज कलर और पिचकारियों की जगह देश में बने उत्पादों की मांग अधिक है. वहीं, बाजारों में भी अच्छी-खासी भीड़ नजर आ रही है. कोरोना के खौफ से निकल चुके लोग पिछले सालों की कमी को इस बार पूरा करना चाहते हैं. उनके इस उत्साह के चलते कारोबारियों को भी 'अच्छे दिनों' की आस है.
25% अधिक रहेगा कारोबार
इस साल होली की डेट को लेकर कन्फ्यूजन रहा है. महाराष्ट्र सहित देश के कुछ हिस्सों में जहां Holi आज 7 मार्च को खेली जा रही है. वहीं, बाकी जगहों पर होली 8 मार्च को होगी. होली को लेकर कुछ दिन पहले से ही बाजारों में रौनक दिखाई देने लगी थी. ग्राहकों की भीड़ देखकर देशभर के ट्रेडर्स काफी उत्साहित हैं. उनका अनुमान है कि इस होली कारोबार बीते साल की तुलना में 25 फीसदी अधिक रहने वाला है.
पहले होता था बड़ा आयात
मीडिया रिपोर्ट्स में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के हवाले से बताया गया है कि इस साल होली से जुड़े उत्पादों की बिक्री बीते साल की तुलना में 25 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है. अकेले दिल्ली में 1,500 करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है. कारोबारियों का कहना है कि हर साल करीब 10,000 करोड़ का माल होली के लिए आयात होता था, जो इस बार न के बराबर रहा है. यानी इस बार होली पर चीनी रंग नहीं चढ़ पाया है.
बायकॉट का असर
खंडेलवाल का कहना है कि चीन के सामान के बहिष्कार की मांग का असर होली पर भी दिखाई दे रहा है. लोग केवल भारत में ही बने हर्बल रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे आदि की खरीदारी कर रहे हैं. गौरतलब है कि कुछ साल पहले तक लगभग हर फेस्टिवल में चीनी उत्पादों की काफी ज्यादा डिमांड रहती थी, लेकिन गलवान हिंसा के बाद से इसमें कमी देखने को मिली है.
यदि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है, तो कुछ खास सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाएगा.
मोदी सरकार (Modi Government) के अब तक के कार्यकाल में शेयर बाजार (Stock Market) ने ऊंची उड़ान भरी है. इस उड़ान का सीधा संबंध विश्वास से है. मौजूदा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे निवेशकों का भारत पर विश्वास मजबूत हुआ है. हमारी इकॉनमी को लेकर लगातार सामने आ रहीं पॉजिटिव खबरें इसका सबूत हैं कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में यदि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आती है, तो इस विश्वास का और मजबूत होना तय है.
अपडेट करें अपना पोर्टफोलियो
हमारी अर्थव्यवस्था पर विश्वास और बढ़ेगा, तो हमारे शेयर बाजार में भी मजबूती आएगी. खासतौर पर कुछ सेक्टर्स ऐसे हैं, जो Modi 3.0 में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल कर सकते हैं. सरकार ने विकसित भारत @2047 के अपने डॉक्यूमेंट में कुछ सेक्टर्स का उल्लेख किया है. अगर मोदी सत्ता में लौटते हैं, तो उन सेक्टर्स पर ज्यादा तेजी से काम किया जाएगा. ऐसे में संबंधित सेक्टर्स से जुड़ी कंपनियों की आर्थिक सेहत बेहतर होगी और उसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ेगा. लिहाजा, यदि आप भविष्य में अपने पोर्टफोलियो को मजबूत होते देखना चाहते हैं, तो उसे @2047 के विजन डॉक्यूमेंट के हिसाब से अभी से अपडेट करना शुरू कर दें.
इन सेक्टर्स पर रहेगा फोकस
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में मैन्युफैक्चरिंग, लेबर रिफॉर्म एवं एग्रीकल्चर रिफॉर्म, फूड प्रोसेसिंग, पावर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर्स पर खासा जोर रहेगा. सरकार भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. कृषि और लेबर रिफॉर्म भी उसकी प्राथमिकता में शुमार है. प्रधानमंत्री मोदी कई मौकों पर कृषि सुधारों की बात कर चुके हैं. पिछले साल एक कार्यक्रम में PM मोदी ने कहा था कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़ा ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसमें भारत ने तरक्की न की हो. हमारा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर एक नई इंडस्ट्री के रूप में उभरा है. पिछले 9 सालों से इस सेक्टर में 50 हजार करोड़ का विदेशी निवेश आया है. कृषि निर्यात में प्रोसेस्ड फूड की भागीदारी 13% से बढ़कर 23% हो गई है. हम एग्रो एक्सपोर्ट के मामले में दुनिया में 7वें नंबर पर आ गए हैं. इसके साथ ही सरकार पावर और ग्रीन एनर्जी पर भी काफी काम कर रही है.
इंफ़्रा-एग्री के टॉप स्टॉक्स
यदि मोदी 3.0 सरकार बनती है, तो इन सेक्टर्स में सुधार से जुड़ी योजनाओं को पंख लग जाएंगे. Infrastructure Sector के कुछ प्रमुख स्टॉक्स की बात करें, तो इसमें Larsen & Toubro, Reliance Infrastructure, GMR Airports Infrastructure, IRB Infrastructure Developers, Hindustan Construction Company, Hindalco, ITC, का नाम शामिल है. IRB इन्फ्रास्ट्रक्चर का शेयर काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. 100 रुपए से कम कीमत वाले स्टॉक में इस साल अब तक 65.95% का उछाल आ चुका है. इसी तरह, एग्रीकल्चर सेक्टर में Coromandel International, Chambal Fertilizers, Bayer CropScience, Gujarat Narmada Valley Fertilizers Chemicals और Bombay Burmah Trading Corporation के शेयर अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं.
फूड-पावर के टॉप स्टॉक्स
वहीं, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के प्रमुख स्टॉक्स की बात करें, तो इसमें Britannia Industries, Jubilant Foodworks, Godrej Agrovet, ADF Foods Ltd और Hindustan Foods शामिल हैं. जुबिलेंट फूडवर्क्स एक भारतीय कंपनी है, जो भारत में Domino's Pizza चलाती है. पावर और ग्रीन एनर्जी सेक्टर की कई कंपनियां स्टॉक मार्केट में लिस्टेड हैं और उन्होंने अच्छा-खासा रिटर्न दिया है. उदाहरण के तौर पर Suzlon Energy ने पिछले एक साल में 406.71% का रिटर्न दिया है. दिवंगत कारोबारी तुलसी तांती की इस कंपनी का पोर्टफोलियो काफी मजबूत है. इन सेक्टर्स की प्रमुख कंपनियों में JSW Energy, Adani Green Energy, NTPC, Adani Power, Power Grid Corporation of India, Tata Power, NHPC और BF Utilities का नाम भी शामिल है.
BMW की इस लग्जरी कार में सनरूफ से लेकर 4 जोन क्लाइमेट कंट्रोल, 360 डिग्री कैमरा, और वेगांजा में तैयार स्पोर्टस सीटें मिलती हैं.
BMW ने भारत में अपनी एक और इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर दी है. BMW ने इस इलेक्ट्रिक कार i5 को भारत में CBU रूट से उतारा है. इस कार में कंपनी ने कई नई तकनीक का इस्तेमाल किया है. ये कार भारत में केवल M60*Drive के साथ भारत में ग्राहकों के लिए मौजूद होगी. इससे पहले कंपनी के पास भारत में इलेक्ट्रिक कार के चार मॉडल मौजूद हैं. इस नए मॉडल के साथ अब कंपनी के पास कुल पांच इलेक्ट्रिक मॉडल हो गए हैं.
क्या है इस कार के खास फीचर?
इलेक्ट्रिक कार का सबसे बड़ा फीचर होता है उसका बैटरी पैक. इस बैटरी पैक को पावरफुल बनाते हुए कंपनी ने उसे 83.9 KWH की ताकत वाला बनाया है. लेकिन इसे इस्तेमाल करने वाला 81.2 KWh तक ही इस्तेमाल कर पाएगा. ये कार एक बार में चार्ज होने पर 516 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. इस कार में कंपनी ने दो इलेक्ट्रिक मोटर दिए हैं. कार के हर एक्सल पर एक मोटर जिसका ज्वॉइंट आउटपुट करीब 601 hp है. जबकि कार के टॉर्क 795 NM का होगा.
सिर्फ 3.8 सेकेंड में हासिल कर लेती है 100 km की स्पीड
अब अगर कार की स्पीड या उसकी पॉवर की बात करें तो ये कार सिर्फ 3.8 सेकेंड में 0-100 किलोमीटर तक की स्पीड हासिल कर सकती है. जबकि इस कार की टॉप स्पीड की बात करें तो वो 230 KPH है. कंपनी कार के साथ 11 KW तक का चार्जर भी दे रही है. इसके अलावा कंपनी 22 किलोवॉट का एसी चार्जर भी मुहैया करा रही है. BMW का कहना है कि 250 KW की डीसी चार्जिंग क्षमता मिलती है. इसे 10 से 80 प्रतिशत तक चार्ज होने में सिर्फ 30 मिनट से कम समय लगता है.
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इतनी है कार की कीमत
BMW की ओर से लॉन्च की गई इस कार की कीमत 12.5 करोड़ रुपये कंपनी की ओर से तय की गई है. कंपनी भारत में इसे कलर में पेश कर रही है. इस कार को कंपनी ने भारत में, अल्पाइन व्हाइट फिनिश में पेश करेगी. मेटैलिक एक्सटीरियर पेंट शेड्स में ऑक्साइड ग्रे और मिनरल व्हाइट, केप यॉर्क ग्रीन, फाइटोनिक ब्लू, ब्लैक सैफायर, सोफियोस्टो ग्रे, जैसे कलर शामिल हैं. कंपनी के इंटीरियर की बात करें तो इसमें 12.3 इंच का डिजिटल इंस्ट्रूमेंट दिया गया है, और 14.9 इंच का इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन दिया है. ये BMW के लेटेस्ट आईड्राइव 8.5 आईएस पर काम करता है.
साउथ कोरिया की एक महिला एलन मस्क (Elon Musk) से दोस्ती के चक्कर में धोखाधड़ी का शिकार हो गई.
आजकल लोग ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) और डीपफेक ()DeepFake का तेजी के शिकार हो रहे हैं. डीपफेक से जुड़ा ऐसा ही एक मामला अब टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) के नाम पर भी हो गया है. साउथ कोरिया की एक महिला नकली एलन मस्क से दोस्ती के चक्कर में धोखाधड़ी की शिकार हो गई. तो चलिए आपको बताते हैं क्या है ये पूरा मामला?
इंस्टाग्राम से हुई शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक फर्जी एलन मस्क ने साउथ कोरिया की एक महिला से दोस्ती की और उससे करीब 50,000 डॉलर (करीब 42 लाख रुपये) का चूना लगाया हैं. महिला ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जुलाई 2023 में एलन मस्क ने उसे इंस्टाग्राम पर जोड़ा था. महिला ने बताया कि वह मस्क की बहुत बड़ी प्रशंसक रही है, इसलिए उसे उनके साथ इंस्टाग्राम पर जुड़कर बहुत खुशी हुई, हालांकि उसे थोड़ा संदेह भी हुआ था, लेकिन उसकी चिकनी-चुपड़ी बातें में वह फंस गई. नकली मस्क ने अपनी पहचान के लिए उसे अपना आईडी कार्ड और अपने ऑफिस की कुछ तस्वीरें भी भेजी थी, जिसे देखकर वह उस पर भरोसा करने लगी.
मस्क ने ऐसे अपनी बातों में फंसाया
मस्क ने महिला को गीगाफैक्ट्री, काम पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर की सवारी और उसे अमीर बनाने का वादा किया. महिला ने कहा कि नकली मस्क ने अपने बच्चों के बारे में भी बात की थी. साथ ही ये बताया था कि कैसे उन्होंने टेस्ला में काम करने के लिए हेलीकॉप्टर लिया. उसने यह भी बताया कि वह प्रशंसकों से खुद ही संपर्क करते हैं. उसने भरोसा बढ़ाने के लिए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति से अप्रैल 2023 में हुई एक बैठक के बारे में भी बात की और बताया कि राष्ट्रपति ने उसे साउथ कोरिया में टेस्ला कारखाने बनाने के लिए कहा है.
वीडियो कॉल के दौरान किया प्यार का किया इजहार
नकली मस्क महिला को वीडियो कॉल भी करता था, जोकि एक डीपफेक वीडियो था. महिला ने बताया कि एक दिन वीडियो कॉल में मस्क' ने यह तक कहा था कि ' तुम्हें पता है, मैं तुमसे प्यार करता हूं?'
अमीर बनने सपना दिखाया
महिला का भरोसा जीतने के बाद नकली मस्क ने उससे अपने कोरियाई कर्मचारी के स्थानीय बैंक खाते में 70 मिलियन कोरियाई वोन (लगभग 50,000 डॉलर) ट्रांसफर करने के लिए कहा. उसने कहा कि इस पैसे को निवेश करके वह उसे अमीर बना देगा. आपको बता दें, इससे पहले एक और नकली एलन मस्क ने असली एलन मस्क का ध्यान खींचा था. 2022 में, चीन में एक व्यक्ति मस्क होने का दिखावा करते हुए टिकटॉक वीडियो पोस्ट कर रहा था. उस समय मस्क ने कहा था कि अगर वह लड़का असली है तो वह उससे मिलना चाहेंगे क्योंकि इन दिनों डीपफेक के साथ असली और नकली का अंतर बताना मुश्किल हो गया है.
रेमंड समूह की तीन कंपनियों ने गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी को बोर्ड से बाहर कर दिया है.
रेमंड ग्रुप (Raymond Group) के मालिक गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी (Gautam Singhania & Nawaz Modi) के बीच चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. रेमंड ग्रुप की तीन कंपनियों - JK इन्वेस्टर्स, रेमंड कंज्यूमर केयर और स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व ने नवाज को अपने बोर्ड से बाहर कर दिया है. पिछले महीने हुई EGM में यह फैसला लिया गया था, लेकिन कंपनियों ने इसकी जानकारी अभी दी है.
यह कंपनी भी कर सकती है बाहर
समूह की लिस्टेड कंपनी Raymond ने अब तक नवाज मोदी को अपने बोर्ड से बाहर करने के लिए कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही वो भी बाकी तीन कंपनियों की राह पर चल सकती है. नवाज मोदी ने पिछले साल अपने पति पर मारपीट सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से वह अलग रह रही हैं. गौतम सिंघानिया और नवाज ने पिछले साल ही तलाक लेने की भी घोषणा की थी.
नाराज नवाज ने कही ये बात
नवाज मोदी को जून 2015 में JK इन्वेस्टर्स का डायरेक्टर बनाया गया था. जबकि दिसंबर 2020 में उन्हें रेमंड कंज्यूमर केयर और अक्टूबर 2017 में स्मार्ट एडवाइजरी एंड फिनसर्व के बोर्ड में शामिल किया गया था. नवाज ने तीनों कंपनियों के बोर्ड से हटाये जाने पर नाराजगी जाहिर की है. एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने सिंघानिया के कारनामों की पोल खोलनी शुरू की है, तब से उनके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है. पहले उनके साथ मारपीट हुई और अब उन्हें कंपनियों के बोर्ड से बेदखल कर दिया गया है.
मांगी है इतनी हिस्सेदारी
जानकारी के मुताबिक, तीनों कंपनियों के शेयरहोल्डर्स ने लिखा था कि वे डायरेक्टर के रूप में नवाज मोदी का भरोसा खो चुके हैं. उन्होंने कंपनियों के बोर्ड से शेयरहोल्डर मीटिंग बुलाकर नवाज को बाहर करने की मांग की थी. इसके मद्देनजर 31 मार्च को मीटिंग बुलाई गई और उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए नवाज को इन कंपनियों के बोर्ड से हटा दिया गया. पिछले साल यह खबर आई थी कि नवाज मोदी ने अपने पति से कानूनी रूप से अलग होने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है. नवाज ने गौतम सिंघानिया की 1.4 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपए) की कुल संपत्ति में 75% हिस्सेदारी मांगी है. गौतम सिंघानिया अपनी वाइफ की शर्त से कुछ हद तक सहमत हैं, लेकिन उन्होंने एक फैमिली ट्रस्ट बनाने का सुझाव दिया है. हालांकि, नवाज मोदी इसके लिए तैयार नहीं हैं.
बैंक की ओर से कहा गया है जिनके भी क्रेडिट कार्ड इसमें ब्लॉक हुए हैं उन्हें जल्द ही नया कार्ड जारी कर दिया जाएगा. इन कार्ड की सुरक्षा में सेंध लगी है.
देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में शामिल आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने 17000 क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया है. बैंक की ओर से कहा गया है कि जिसके भी क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक किया गया है उन्हें नए कार्ड जल्द जारी किए जाएंगे. बैंक की ओर से ये कदम इनकी जानकारी के गलत हाथों में लगने के कारण बैंक को ऐसा कदम उठाना पड़ा है.
आखिर क्या रही है इसकी वजह?
बैंक के प्रवक्ता ने इसे लेकर कहा है कि पिछले कुछ दिनों में जारी किए गए 17000 क्रेडिट कार्ड हमारे डिजिटल चैनलों में गलत हाथों में मैप हो रहे थे. इन क्रेडिट कार्ड की जानकारी गलत हाथों में पहुंचने के कारण बैंक को इस तरह का कदम उठाना पड़ा है. 17000 बैंक के कुल क्रेडिट कार्ड का 0.1 प्रतिशत है. आईसीआईसी देश के टॉप फाइव बड़े प्राइवेट बैंकों में शामिल है.
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आखिर कैसे सामने आया ये पूरा मामला?
दरअसल ये पूरा मामला आईसीआईसीआई के आईमोबाइल पे ऐप के जरिए हुई. बैंक के कस्टमर ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि ऐप पर कई लोगों के क्रेडिट कार्ड की सुरक्षा को लेकर आशंका जाहिर की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूजरों ने ये भी बताया कि कार्ड के अंदर की जानकारी जैसे सीवीवी जैसी जानकारी को आसानी से देखा जा सकता है. जानकारी को आसानी से देखा जा सकता है. कोई भी किसी की डिटेल तक आसानी से पहुंच सकता है. यही नहीं लोगों ने ये भी शिकायत की कि वो किसी भी वयक्ति के पेमेंट ऐप पर पहुंच सकते हैं. लोगों की शिकायत के बाद इन क्रेडिट कार्ड को तुरंत बंद कर दिया है.
इस्तेमाल होने पर बैंक देगा मुआवजा
बैंक की ओर से कहा गया है कि अगर किसी का क्रेडिट कार्ड ऐसे गलत इस्तेमाल होता है तो उसे बैंक की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. हालांकि बैंक ने ये भी कहा है कि अभी तक किसी भी तरह के गलत इस्तेमाल का मामला सामने नहीं आया है. एक यूजर ने तो यहां तक लिखा कि वो इसके जरिए अमेजन पे पर मौजूद क्रेडिट कार्ड की डिटेल तक आसानी से पहुंच पा रहे हैं. उन्होंने ये भी लिखा कि ओटीपी के बावजूद इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन तक संभव है.
बाजार में बड़े इनवेस्टर्स जहां लोकसभा चुनावों के नतीजे आने तक इंतजार करना चाहते हैं. वही, छोटे इनवेस्टर्स जमकर निवेश कर रहे हैं.
लोकसभा चुनाव(LOKSABHA ELECTION 2024) के नतीजे आने में अभी एक महीने से ज्यादा समय बाकी है. ऐसे में आम धारणा यह है कि मार्केट सीमित दायरे में बना रहेगा या थोड़ी कमजोरी दिखा सकता है. वहीं, ऐसी स्थिति में भी छोटे इनवेस्टर्स जमकर निवेश कर रहे हैं. तो चलिए आपको जानकारी देते हैं कि ये कहां और क्यों निवेशक कर रहे हैं?
छोटे इनवेस्टर कर रहे भारी निवेश
बाजार के ट्रेंड को लेकर मार्केट पार्टिसिपेंट कन्फ्यूज्ड हैं. इसकी वजह छोटे निवेशकों की ओर से होने वाला भारी निवेश है. मार्च में स्मॉलकैप और मिडकैप में बड़ी गिरावट के तुरंत बाद यह माना गया था कि ज्यादातर इनवेस्टर्स सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे और लार्जकैप में अपने निवेश को शिफ्ट करेंगे. लेकिन कुछ ही निवेशकों ने ऐसा किया. अच्छी क्वालिटी वाले स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रहा है, लेकिन इससे वह काफी महंगे हो गए हैं, लेकिन इसका स्मॉलकैप और मिडकैप वाले निवेशकों पर कोई असर नहीं पड़ा है.
म्य़ूचुल फंड और सीधे शेयरों में निवेश
बड़े इन्वेस्टर्स चुनावों के नतीजों के बाद की तस्वीर का इंतजार करना चाहते हैं क्योंकि अभी वैल्यूएशन ज्यादा है. हालांकि यह चीज मार्केट को ऊपर जाने से रोक नहीं पा रही है. इसकी बड़ी वजह छोटे इनवेस्टर्स का उत्साह है, जो म्य़ूचुअल फंडो के जरिए और सीधे शेयरों में पैसा लगा रहे हैं.
इंडिया नेस्टले का दूसरा सबसे बड़ा बाजार
नेस्ले इंडिया (NESTLE INDIA) के चौथी तिमाही के नतीजे एनालिस्ट्स की उम्मीद से बेहतर आए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि किटकैट (KITKAT) की वजह से कंपनी के कनफेक्शनरी सेगमेंट की ग्रोथ स्ट्रांग रही है. इस ग्रोथ की बदौलत इंडिया नेस्ले के ग्लोबल बिजनेस में दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है. कंपनी के मिल्कमेड सहित दूध आधारित प्रोडक्ट्स का प्रद्र्शन बुहुत अच्छा रहा है. खास बात यहा है कि इनफ्लेशनरी प्रेशर के बावजूद ऐसा प्रदर्शन देखने को मिला है.
जोमेटो में भारी निवेश
जोमेटे कंपनी का स्टाक अब तक 258 फीसदी बढ़ गया है. इसके स्टाक में लगभग 17 लाख छोटे निवेशकों ने 11, 550 करोड़ रुपये लगाए हैं. पिछले 6 महीने में इसके स्टाल में 73 प्रतिशत की तेजी आई है. शुक्रवार को भी खबर लिखने तक 2 प्रतिशत की उछाल के साथ इसकी कीमत 188.40 रुपये पर थी.
इंडसइंड बैंक(INDUSIND BANK ) का प्रदर्शन
बेहतर नतीजों की उम्मीद में इंडसइंड के शेयरों में 25 अप्रैल को करीब 2 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली थी. वहीं शुक्रवार को इसके शेयर 1 प्रतिशत गिरकर नीचे आ गए हैं. बैंक का प्रॉफिट चौथी तिमाही में साल दर साल आधार पर 15 प्रतिशत बढ़ा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रतिद्वंदी बैंकों के मुकाबले इस बैंक की कमाई थोड़ी नरम रही है, लेकिन बैंक की असेट क्वालिटी इंप्रूव हुई है. इसमें आगे और इंप्रुवमेंट होगी.
इस कंपनी के प्रोडक्ट की हाई डिमांड
2024 की चौथी तिमाही में किरलोस्कर प्लेमॉटिक(KIRLOSKER PNEUMATIC)
कंपनी का प्रॉफिट करीह 2 गुना हो गया, जिसका असर कंपनी के स्टॉक्स पर भी पड़ा है एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कंपनी के प्रोडक्ट्स के लिए डिमांड स्ट्रांग है. इस साल नए ऑर्डर की बुकिंग 1,770 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई है. यह पिछले साल के मुकाबले करीब 500 करोड़ रुपये ज्यादा है. इसका टोटल एक्सपेंस 27 प्रतिशत बढ़कर 406.81 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसकी वजह रॉ मैटेरियल की ऊंची कीमते हैं.
ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर एक ओर जहां सुरक्षा को लेकर आशंका जताई जा रही है, वहीं दूसरी ओर उससे नौकरियां जाने की बात भी कही जा रही है.
दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही एआई तकनीक को लेकर ये तो आशंका जताई ही जा रही है कि इससे नौकरी जाएगी. लेकिन अब टाटा कंसेल्टेंसी के सीईओ ने बीपीओ इंडस्ट्री को लेकर जो बात कही है उसने इस सेक्टर के लोगों को चिंता में डाल दिया है. टीसीएस के सीईओ ने कहा है कि आने वाले समय में इनकमिंग कॉल वाले बीपीओ के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. क्योंकि तकनीक ऐसे सॉफ्टवेयर को लेकर काम कर रही है कि जिसमें चैटबोट ही सभी समस्याओं का समाधान करने की स्थिति में होंगे.
आखिर कैसे पड़ेगा इसका कॉल सेंटर इंडस्ट्री पर असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टीसीएस के सीईओ कृतिवासन ने कहा कि जेनरेटिव एआई इस तकनीक में सक्षम है कि वो इंसान के काम को चैटबोट को जरिए कर सके. उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में ऐसी तकनीक पर काम हो रहा है जिसमें इनकमिंग कॉल के लिए चैटबोट को इन सुविधाओं से लैस किया जा सके जो उनके जवाबों का हल दे सकें. इसलिए अगर ऐसा होता है तो ये अपने आप में इस सेक्टर के लिए एक बड़ा बदलाव होगा.
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नौकरियों पर होगा क्या असर?
टीसीएस सीईओ से जब इस पूरी तकनीक के आने का नौकरियों पर असर को लेकर बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि टेक्नीकल वर्कफोर्स की ज्यादा जरूरत होगी, ऐसे में हमें अपनी वर्कफोर्स को ज्यादा प्रशिक्षित करना होगा. मौजूदा समय में टीसीएस सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाली एक बड़ी कंपनी है जिसके पास 6 लाख से ज्यादा वर्कफोर्स है, और कंपनी का रेवेन्यू 30 अरब डॉलर के आसपास है. उनका ये भी मानना है कि एआई का तत्कालिक लाभ से ज्यादा दीर्घकालिक लाभ होगा. आंकड़े बता रहे हैं कि देश में 15 लाख इंजीनियरिंग छात्रों में से केवल 20 प्रतिशत यानी 3 लाख प्रोफेशनल ही नौकरी पाने में सक्षम होते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों में जाना होगा जिससे ग्लोबल डिमांड को पूरा कर पाएंगे.
भारत के बीपीओ सेक्टर की ये है स्थिति
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कारोबार का मकसद है किसी भी कंपनी को उसकी तकनीक, डेटा या दूसरे समाधानों को सस्ती दरों पर मुहैया कराना. सबसे बड़ी बात ये है कि भारत में ये इंडस्ट्री 1990 से काम कर रही है. इस सेक्टर में 30 लाख से ज्यादा युवा काम कर रहे हैं. ये कई तरह की सर्विसेज को मुहैया कराता है इसमें बैक ऑफिस संचालन, ग्राहक सेवा, डेटा एंट्री, सामाग्री मॉडरेशन, तकनीकी सहायता, जैसे क्षेत्र हैं. इस सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में विप्रो(Wipro), टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), सन टेक इंडिया (Sun tech india), फ्लैटवर्ल्ड सॉल्यूशन (Flatworld Solution), फॉयरसोर्स सॉल्यूशन (firesource Solution), हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशन (Hinduja Global Solution), फ्यूजन बीपीओ(Fusion BPO) जैसी कंपनियां काम कर रही हैं.
शेयर बाजार के लिए यह सप्ताह अब तक अच्छा गया है . लगातार 5 सत्रों से बाजार में रौनक बनी हुई है.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दूसरे चरण के लिए आज वोट डाले जाएंगे. इस दौरान, 13 राज्यों की कुल 88 सीट के प्रत्याशियों की किस्मत EVM में बंद होगी. दूसरे चरण में केरल की चर्चित वायनाड लोकसभा सीट भी शामिल है. चुनाव और शेयर बाजार (Stock Market) के बीच एक अलग ही रिश्ता रहा है. लिहाजा ये देखने वाली बात होगी कि आज बाजार की चाल कैसी रहती है. वैसे, कल यानी गुरुवार को बाजार लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी के साथ बंद हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 486.50 अंक उछलकर 74,339.44 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 167.95 अंकों की बढ़त के साथ 22,570.35 पर पहुंच गया.
MACD के ये हैं संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Bajaj Finance, Dixon Technologies, Kirloskar Industries, Craftsman Automation और Cummins India में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों में आज उछाल आ सकता है. इसी तरह, MACD ने M&M, Bharat Bijlee, JSW Energy, Tata Power और Symphony में मंदी का रुख दर्शाया है. यानी इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा, इनमें निवेश को लेकर सावधानी बरतें. बजाज फाइनेंस के शेयर कल गिरावट के साथ 7,296 रुपए पर बंद हुए थे. लेकिन बीते 5 दिनों में ये शेयर करीब 7 प्रतिशत चढ़ा है.
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इन पर भी रखें नजर
अब उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में आईसीआईसीआई बैंक के साथ ही SBI, JSW Steel, Hindalco और Eicher Motors का नाम शामिल है. ICICI बैंक के शेयर कल एक प्रतिशत से अधिक के उछाल के साथ 1,110.90 रुपए पर बंद हुए थे. इस साल अब तक ये शेयर करीब 12 प्रतिशत चढ़ चुका है. SBI के शेयरों में कल शानदार 5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली. 812 रुपए के भाव पर मिल रहा शेयर बीते 5 दिनों में ही 10% से ज्यादा मजबूती हासिल कर चुका है. JSW स्टील कल 2.31% की बढ़त के साथ 903.10, हिंडाल्को एक प्रतिशत से ज्यादा की तेजी के साथ 644.20 और आइशर मोटर्स 1.34% की मजबूती के साथ 4,591.60 रुपए पर बंद हुआ. वहीं, Kotak Mahindra Bank में बिकवाली का दबाव नजर आ रहा है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
यूजर्स ने शिकायत की है कि iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहकों के ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दिख रही है.
आईसीआईसीआई बैंक की मोबाइल एप्लीकेशन आईमोबाइल Pay में गड़बड़ी (ICICI Bank iMobile Glitch) की बात सामने आई है. कुछ यूजर्स ने दावा किया है कि वो इस प्लेटफॉर्म पर दूसरों के क्रेडिट कार्ड की संवेदनशील जानकारी देख सकते हैं. यूजर्स ने आशंका जताई है कि इस जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है. साथ ही उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से इस मामले में तुरंत कदम उठाने की मांग भी की है.
सिस्टम की हो समीक्षा
TechnoFino के फाउंडर सुमंता मंडल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) इस बारे में एक पोस्ट किया है. आईसीआसीआई बैंक और RBI को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है कि ICICI बैंक के iMobile ऐप में बड़ी सुरक्षा खामी सामने आई है. कई यूजर्स ने शिकायत की है कि उनके iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहकों के ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दिख रही है. iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहक का पूरा कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और CVV नंबर दिख रहा है और उसके इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन की सेटिंग को भी मैनेज किया जा सकता है. ऐसे में इस जानकारी का दुरुपयोग करके इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करना काफी आसान है. उन्होंने ICICI से इस दिक्कत को जल्द से जल्द दूर करने और RBI से बैंक के सिक्योरिटी सिस्टम की समीक्षा करने का आग्रह किया है.
Serious Security Glitch in ICICI Bank's iMobile Alert!!!
— Sumanta Mandal (@karna_ocw) April 25, 2024
Several users have reported being able to view other customers' ICICI Bank credit cards on their iMobile app. Since the full card number, expiry date, and CVV are visible on iMobile, and one can manage international…
हरकत में आया बैंक
वहीं, मामला सामने आने के बैंक ने कुछ कदम उठाए हैं. सुमंत मंडल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि शायद बैंक ने ग्लिच को दूर करने के लिए आईमोबाइल ऐप पर क्रेडिट कार्ड इंफॉरमेशन के एक्सेस को रोक दिया है. बता दें कि आजकल RBI इस तरह के मामलों को बेहद गंभीरता से ले रहा है. ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए उसने कई कदम उठाए हैं. ऐसे में यदि आगे भी iMobile ऐप पर दूसरे ग्राहकों की महत्वपूर्ण जानकारी दिखाई देने के मामले सामने आते हैं, तो बैंक RBI के रडार पर आ सकता है.
तेजी के साथ बंद हुए शेयर
आईसीआईसीआई बैंक के शेयर की बात करें, तो आज यह एक प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ 1,110.90 रुपए पर बंद हुआ. बीते 5 कारोबारी सत्रों में यह 5 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है. जबकि इस साल अब तक ये आंकड़ा 11.16% रहा है. इस लिहाज से देखें, तो 2024 में इस शेयर का रिटर्न रेट धीमा है. इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 1,125.65 रुपए और लो लेवल 899 रुपए है. अब इस ग्लिच की खबर का बैंक के स्टॉक पर क्या असर होता है, यह कल देखने को मिलेगा.
आज मसालों के टॉप ब्रांड में शामिल एवरेस्ट भले सवालों के बीच खड़ा हो. उसपर गंभीर आरोप लगे हो, हांगकांग और सिंगापुर ने एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों को बैन कर दिया है.
हांगकांग और सिंगापुर में एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों पर प्रतिबंध लगाया गया है. बाजार से इन मसालों की वापसी का आदेश दिया गया है क्योंकि सिंगापुर और हांगकांग में जांच के बाद इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा मिली है. इस प्रतिबंध के बाद भारत सरकार ने भी इन मसालों की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं. देश में दूसरी कंपनियों के मसालों की भी जांच की जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं एवरेस्ट मसालों की शुरुआत कैसे हुई थी. कंपनी का फाउंडर कौन है. एक छोटी सी दुकान से आज एक बड़ा ब्रांड कैसे बना एवरेस्ट? आईए आपको बताते हैं एवरेस्ट मसालों की पूरी कहानी.
कैसे हुई एवरेस्ट मसाले की शुरुआत
पिता की 200 स्क्वेयर फीट की मसाले की दुकान पर काम करने वाले वाडीलाल शाह ने देखा कि महिलाएं मसाले खरीदते समय खास कॉम्बिनेशन का ध्यान नहीं रखती हैं. उन्होंन इसी कमी को पकड़ते हुए सही मात्रा में मसालों का कॉम्बिनेशन तैयार कर उसे पैक कर कम्पलीट मसाला तैयार करने का फैसला किया. वो चाहते थे कि पैकेट का कॉम्बिनेशन और स्वाद हमेशा एक-सा रहे. इसी आइडिया के साथ उन्होंने एवरेस्ट की शुरुआत की और कुछ ही सालों में मसाला किंग बन गए.
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दुकान को बनाया करोड़ों का ब्रांड
वाडीलाल ने साल 1967 में कंपनी बना ली, जिसका नाम उन्होंने एवरेस्ट मसाले रखा गया. वो खुद ब्लेंड कर मसाले तैयार करते थे. सबसे पहले उन्होंने केसरी मिल्क मसाला तैयार किया और उसे पिता की दुकान पर बेचना शुरू किया. लोगों को उनका ये मसाला पसंद आता. फिर उन्होंने धीरे-धीरे चाय मसाला और फिर दूसरे मसाले तैयार करना शुरू किया. शुरुआत में उनका मसाला सिर्फ पिता के दुकान पर ही बिकता था. उन्हें इस बात की चिंता सताने लगी. प्रोडक्ट तो बन चुका था, लेकिन सप्लाई में दिक्कत आ रही थी. वो जानते थे कि भारत मसालों की बड़ी मार्केट है, देशभर में पैक मसालों की डिमांड होग, लेकिन वो सप्लाई चेन को क्रैक नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने सप्लाई बढ़ाने के लिए अपने मसाले उठाए और अलग-अलग शहर में घूमना शुरू किया. वो लोगों को मसाले की कॉम्बिनेशन के बारे में बताते थे, उन्हें एक बार खरीदने और ट्राई करने के लिए कहते. दुकानदारों को अपना मसाला रखने के लिए मनाया. इस तरह से उन्होंने देशभर में अपने मसालों की पहुंच बढ़ा दी.
मुंबई में खोली पहली फैक्ट्री
धीरे-धीरे दूसरे शहरों तक उनका मसाला पहुंचने लगा. डिमांड को पूरा करने के लिए साल 1982 में उन्होंने मुंबई के विखरोली में अपनी पहली फैक्ट्री लगा दी. उन्होंने डिलर्स और स्पलायर्स को अपनी फैक्ट्री में बुलाया. उन्हें पूरे देश में एवरेस्ट मसालों को पहुंचाने की जिम्मेदारी की. मेहनत रंग लाई और लोगों को उनका मसाला पंसद आने लगा.
सालाना टर्नओवर 2,500 करोड़ से ज्यादा
वाडीलाल शाह की कड़ी मेहनत नजर आने लगी. सेल बढ़ने लगा. टीवी, अखबार में विज्ञापनों ने बड़ा रोल निभाया. कंपनी का सालाना टर्नओवर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया. एवरेस्ट की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी सालभर में 370 करोड़ पैकेट्स मसाले बेचती है. एवरेस्ट चाय मसाला, गरम मसाला, चिकन मसाला, सांभर मसाला जैसी कई वेराइटी कंपनी के पास है.