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लागत कम करने के लिए देश की नामी कंपनी Reliance ने उठाया ये कदम
इसके पीछे जो वजह बताई गई है वो ये है कि कंपनी ने अभी हाल ही में जो दूसरी कंपनियों का अधिग्रहण किया है उसके कारण वो कर्मचारियों का दोहराव नहीं करना चाहती.
ललित नारायण कांडपाल 11 months ago
दुनियाभर की नामी कंपनियों में ये ट्रेंड साल की शुरुआत से ही देखने को मिल रहा है कि वो बड़े पैमाने पर ले ऑफ कर रही हैं. अब तक कई कंपनियां हजारों कर्मचारियों को बाहर निकाल चुकी है. अब इसी कड़ी में देश की सबसे बड़ी कंपनियों में एक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी अपने रिटेल और टेलीकॉम सेक्टर को लेकर एक अहम कदम उठाया है. रिलायंस ने अपनी इन दोनों कंपनियों में हायरिंग को स्लो कर दिया है. कंपनी का मानना है कि वो कर्मचारियों का रिपीटेशन नहीं करना चाहती है.
रिटेल और टेलीकॉम में क्यों लिया ये फैसला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दरअसल रिटेल में कंपनी ने हाल ही में दूसरी कंपनियों का अधिग्रहण किया है. ऐसे में वो किसी एक ही पोस्ट पर नई हायरिंग करके कर्मचारियों का रिपीटेशन नहीं करना चाहती है. ऐसे में उसने इस कारण इस सेक्टर में नई भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया है. वहीं दूसरी ओर टेलीकॉम कंपनियों को लेकर मीडिया रिपोर्ट कहती है कि पूरे देश में उसका 5 जी का रोलआउट लगभग पूरा हो गया है. ऐसे में उसे नए कर्मचारियों की जरूरत नहीं है.
काम न करने वालों को चुकानी पड़ सकती है कीमत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा अपनी यूनिट रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो इंफोकॉम में लगातार कॉस्ट कटिंग का अभियान चलाया जा रहा है. इसके चलते रिलायंस इंडस्ट्रीज ने खुदरा, दूरसंचार डिवीजनों में भर्ती को नरम तो कर ही दिया है साथ ही कई और कदम भी उठाए हैं. मीडिया रिपोर्ट ने एक वरिष्ठ सलाहकार हवाला देते हुए कहा है कि रिपोर्ट कहती है कि दोनों कंपनियों ने अपने भर्ती प्रयासों को धीमा कर दिया है और केवल जरूरत के आधार पर लोगों को काम पर रखने को कहा है. इसमें नई भर्तियों को कम करना, कर्मचारियों को मिलने वाले मुआवजा बेंचमार्क की समीक्षा करना और खराब प्रदर्शन करने वालों को निकालने जैसी चीजें शामिल हैं.
पिछले साल कंपनी ने जमकर की थी हायरिंग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के एक एग्जिक्यूटिव के मुताबिक, दोनों डिविजन ने पिछले साल काफी बड़े पैमाने पर हायरिंग की थी. रिलायंस रिटेल और जियो ने सामान्य से अधिक बाजार मूल्य पर कर्मचारियों की भर्ती की थी और लेकिन अब टॉप लीडरशिप द्वारा इन्हें कम करने के लिए कहा गया है. इन परिस्थितियों के बीच जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन अप टू द स्केल नहीं है उन लोगों की छंटनी हो सकती है. रिलायंस रिटेल से करीब 4,18,000 लोग जुड़े हैं, जबकि रिलायंस जियो से 80,000 से ज्यादा लोग जुड़े हैं.
कंपनी ने पिछले साल किए हैं कई अधिग्रहण
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने पिछले साल कुल 2,850 करोड़ रुपये में 31 थोक स्टोर सहित मेट्रो एजी के भारत के कारोबार का अधिग्रहण किया और इससे पहले कई बिग बाजार आउटलेट्स को लीज पर लिया था. बिग बाजार कर्ज से लदी फ्यूचर रिटेल ग्रुप का वेंचर है. इसकी नीलामी की प्रक्रिया आने वाले कुछ दिनों में होने वाली है. कंपनी दिवालिया हो चकी है. इस अधिग्रहण के बाद 31 मार्च, 2023 तक रिलायंस के रिटेल ग्रुप और जिसमें Jio मोबिलिटी और कम्युनिकेशन के 18,040 स्टोर शामिल थे. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्च तिमाही के लिए शुद्ध लाभ में 19.10 प्रतिशत सालाना (YoY) छलांग लगाते हुए 19,299 करोड़ रुपये की छलांग लगाई, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 16,203 करोड़ रुपये का मुनाफा था.
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