एक तरफ जहां 1947 में अंग्रेज भारत को बंटवारे के दंश के साथ ही खजाना खाली कर गए थे, वहीं अब भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
नई दिल्लीः आजादी के 75 साल कल सोमवार को पूरे हो जाएंगे. 15 अगस्त 1947 में जो भारत हमको मिला था और सात दशक बाद आज के भारत में जमीन-आसमान का अंतर है. इकोनॉमी से लेकर के हर सेक्टर में भारत दुनिया में कमाल कर रहा है. एक तरफ जहां 1947 में अंग्रेज भारत को बंटवारे के दंश के साथ ही खजाना खाली कर गए थे, वहीं अब भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
भारत के हेल्थ सेक्टर ने पकड़ी रफ्तार
भारत की इकोनॉमी जो 1947 में एक खस्ताहाल इकोनॉमी थी, लोगों के पास काम नहीं था, अनाज की कमी से लोग भूखे मर रहे थे, हैजा व मलेरिया जैसी बीमारियों से लोग ग्रसित थे, उसने सभी पर काबू पा लिया है. इतना ही नहीं भारत अब हेल्थ सेक्टर में भी झंडे गाढ़ रहा है. भारत में पोलियो, चेचक जैसी बीमारियां न के बराबर हैं, कोविड वैक्सीनेशन किया गया और दुनिया भर में भारतीय कंपनियां दवाइयों का निर्यात करने लगी हैं.पोलियो का समूल नाश करने वाले देशों में भारत सबसे अगली पंक्ति में खड़ा था. देश में चेचक जैसी महामारियों की वजह से लोगों की जान जाना कभी आम बात थी. आज यह खत्म हो चुका है. महामारियां अब भारत में वैसा कहर नहीं बरपा पातीं, जैसा 75 साल पहले था. दुनियाभर के लोग इलाज के लिए भारतीय अस्पतालों में आते हैं, क्योंकि विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं यहां सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं.
भारत आर्थिक शक्ति बनने की ओर
किसी देश का यह कह पाना ही बहुत बड़ी बात है कि वह पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहता है. आर्थिक शक्ति की बात चलते ही हर देश चीन के बाद भारत की ओर देखने लगता है. महज सात दशक में भूखा, गरीब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. आज भारत के नौजवान न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपना परचम लहराए हुए हैं. विश्व की प्रमुख टेक कंपनियों की कमान भी भारतीयों के पास ही है.
तीन क्रांतियों ने लाया बदलाव
अंग्रेजों ने कृषि व्यवस्था को इस हाल में पहुंचा दिया था कि आजादी के समय देश के पास न तो पर्याप्त अनाज था और न ही अनाज उत्पादन के लिये आधारभूत सुविधाएं थीं. साल 1950-51 में केवल 5 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन होता था जो कि देश की 35 करोड़ जनसंख्या का पेट भरने के लिये पर्याप्त नहीं था. देश में आजादी के बाद हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और औद्योगिक क्रांति लाई गईं, जिससे देश में अनाज व दूध का उत्पादन बढ़ा और उद्योगों का जाल सा बिछ गया. 1965 के भारत-पाक युद्ध के वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने लोगों से व्रत रखने को कहा था ताकि सैनिकों को खाने की कमी ना हो. आज भारत कई अनाजों में दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों में से है. नतीजा यह हुआ कि आज भारत न सिर्फ अपनी समूची जनसंख्या को खाद्यान्न उपलब्ध करवाता है बल्कि कृषि उत्पादों का निर्यात भी करता है. वर्तमान में भारत खाद्य उत्पादन के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है.
आय में इजाफा, गरीबी भी कम हुई
इकोनॉमी के लिहाज से प्रति व्यक्ति आय में भी काफी इजाफा हुआ है. जहां 1947 में एक आदमी की आय मात्र 231 डॉलर थी, वहीं अब यह बढ़कर के 1900 डॉलर से अधिक हो गई है. टाटा-बिरला से शुरू हुआ सफर आज के दौर में मुकेश अंबानी और गौतम अडानी पर आ गया है. अंबानी और अडानी समेत कई भारतीय दुनिया के सबसे धनी लोगों की सूची में हैं. सबसे ज्यादा नए करोड़पति भारत से आ रहे हैं. लेकिन यह उपलब्धि आधी है क्योंकि भारत आज भी अमीर लोगों का गरीब देश है. इतने धनी लोगों के बावजूद भारत में गरीबों की संख्या 75 साल में कम नहीं हुई है. 1947 में 80 प्रतिशत भारतीय गरीब थे, आज 22 प्रतिशत हैं. लेकिन उनकी संख्या लगभग बराबर है.
चांद पर लहराया तिरंगा
भारत में आधुनिक अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक डॉक्टर विक्रम साराभाई को माना जाता है. उन्होंने 15 अगस्त 1969 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो; ISRO) की स्थापना की और जल्द ही उसे नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया. देश का पहला उपग्रह 'आर्यभट्ट' था जिसे 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया था. पहले उपग्रह के सफलतापूर्वक प्रक्षेपित होने के बाद भारत ने एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित करने शुरू किए. 7 जून 1979 को भारत का दूसरा उपग्रह 'भास्कर' पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया.
इसके अलावा 22 अक्टूबर 2008 को इसरो द्वारा चंद्रयान-1 भेजा गया जो 14 नवंबर 2008 को चंद्रमा की धरती पर पहुंचा. चंद्रयान-1 ने चांद पर भारतीय तिरंगा लहराकर इतिहास रच दिया और चंद्रमा पर अपना झंडा लगाने वाला चौथा देश बन गया. यह जानकर गर्व होगा कि चंद्रयान-1 ने ही चांद पर पानी की खोज की थी.
शिक्षा और डिजिटल इंडिया
स्वतंत्रता के बाद से भारत अपने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है. भारत की वर्तमान साक्षरता दर 74.04% है. स्वतंत्रता के समय यह मात्र 12% थी. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% और महिलाओं की साक्षरता दर 65.46% है.
आईटी की ताकत
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की बात हो और भारत का जिक्र ना आए, ऐसा दुनिया में कहीं नहीं होता. कहते हैं कि दुनिया में जितने भी सॉफ्टवेयर काम कर रहे हैं, उनमें कहीं ना कहां किसी भारतीय का योगदान जरूर होगा.
VIDEO: अब दालें तेजी से छू रही आसमान
टाटा समूह में इस रॉयल्टी फीस की शुरुआत 1995 से हुई थी तब रतन टाटा ने इसे शुरू किया था. उसके बाद समूह में जितने भी चेयरमैन बदले सभी ने इसमें कोई बदलाव जरूर किया.
Tata समूह ने अपनी रॉयल्टी फीस में बड़ा इजाफा कर दिया है. टाटा समूह ने इस फीस में दोगुना इजाफा कर दिया है. अब टाटा की सब्सिडियरी कंपनी टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा पावर जैसी कंपनियों को इस नाम के लिए मोटी रायल्टी फीस देनी होगी. सबसे दिलचस्प बात ये है कि टाटा समूह ने पांच साल पहले इस फीस को 100 करोड़ रुपये किया था. लेकिन अब समूह ने उसे दोगुना कर दिया है.
आखिर कहां हुई थी इसकी शुरुआत
टीसीएस (Tata Consultancy Services) ने एक्सचेंज के माध्यम से ये जानकारी दी है कि टाटा कंसल्टेंसी कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 200 करोड़ रुपये की रायल्टी फीस दी है. दरअसल रतन टाटा ने अपने समूह में 1996 में इस सब्सक्रिप्शन की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत टाटा के नाम का इस्तेमाल करने वालों को या तो उन्हें अपने रेवेन्यू का 0.25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा या उन्हें अपने प्री टैक्स प्रॉफिट का 5 प्रतिशत जो भी कम हो वो देना होगा. टाटा संस ने 2023 में इसी रॉयल्टी फीस से 1008 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट किया है.
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2015 में हुआ बड़ा बदलाव
टाटा समूह में रतन टाटा के बनाए नियम को 2015 में सायरस मिस्त्री ने इस ब्रैंड सब्सक्रिप्शन फीस को अधिकतम 75 करोड़ रुपये तक तय कर दिया था. लेकिन बाद में उनके बाद टाटा समूह के चेयरमैन बने एन चंद्रशेखरन ने इस फीस को 33 प्रतिशत तक बढ़ा दिया. टीसीएस ने इसी आधार पर वित्त वर्ष 2022 और 2023 में 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि इस बार समूह ने इसे बढ़ाकर जो 200 करोड़ रुपये किया है उसमें प्री टैक्स प्रॉफिट को हटा दिया है. अब समूह की कंपनियों को रॉयल्टी फी के लिए मुनाफे का 0.25 प्रतिशत देना होगा जो अधिकतम 200 करोड़ रुपये हो सकता है.
पिछले कुछ सालों में टाटा समूह ने इतना कमाया रेवेन्यू
टाटा समूह की रॉयल्टी से कमाई गई आय पर नजर डालें तो 2022 में जहां कंपनी ने इससे 820 करोड़ रुपये कमाए वहीं 2023 में कंपनी ने इससे 1008 करोड़ रुपये कमाए. 2023 में 2022 के मुकाबले इससे होने वाली आय में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. टाटा समूह रॉयल्टी फीस का इस्तेमाल समूह की सुरक्षा और उसके प्रमोशन में लगाता है. टाटा समूह की संपत्ति पर नजर डालें तो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये 365 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
एयर इंडिया एक्सप्रेस और कर्मचारियों के बीच सहमति बन गई है. कर्मचारी अब काम पर लौटेंगे.
एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के 'बीमार' कर्मचारियों की तबीयत अब ठीक हो गई है और वे काम पर लौटने को तैयार हैं. दरअसल, टाटा समूह की एयरलाइन और कर्मचारियों के बीच समझौता हो गया है. एयरलाइन ने जहां 25 केबिन क्रू सदस्यों को भेजे गए टर्मिनेशन लेटर वापस लेने पर सहमति जताई है. वहीं, केबिन क्रू के सदस्य हड़ताल वापस लेने को तैयार हो गए हैं. अपनी तमाम मांगों को लेकर एयर इंडिया एक्सप्रेस के कर्मचारी सामूहिक रूप से सिक लीव पर चले गए थे, जिसके चलते कंपनी को कम से कम 90 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं.
100 से ज्यादा हुए थे 'बीमार'
एयर इंडिया एक्सप्रेस के केबिन क्रू सदस्य वेतन, भत्ते और काम की स्थिति से जुड़ी कई मांगों को लेकर प्रबंधन से नाराज चल रहे थे. इसी के चलते 7 मई की रात को 100 से ज्यादा केबिन क्रू मेम्बर्स ने बीमार होने का दावा करते हुए काम पर आना बंद कर दिया था. इसके बाद एयरलाइन ने कुछ कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें टर्मिनेशन लेटर भेजे थे. हालांकि, अब कंपनी का कहना है कि सबकुछ ठीक है. लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई सभी मुद्दे सुलझ गए हैं? क्या भविष्य में कर्मचारी फिर से 'बीमार' नहीं पड़ेंगे?
अभी बनी रहेगी ये आशंका
कल यानी गुरुवार को दोनों पक्ष बातचीत के बाद समझौते पर पहुंच गए. एयरलाइन ने टर्मिनेशन लेटर वापस लेने पर सहमति जताई है. जबकि केबिन क्रू ने हड़ताल वापस ले ली है. उन्होंने अपनी मांगों पर विचार करने के लिए एयरलाइन प्रबंधन को समय दिया है. गौर करने वाली बात ये है कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अभी कर्मचारियों की मांगें मानी नहीं हैं, प्रबंधन उन पर विचार करेगा. यानी कि यह खतरा अभी भी बना हुआ है कि अगर मैनेजमेंट कर्मचारियों की मांगों पर सहमत नहीं हुआ, तो कर्मचारी फिर से 'बीमार' पड़ सकते हैं. हालांकि, ये बात अलग है कि एयरलाइन और केबिन क्रू ने अब मिलकर काम करने और मुद्दों का समाधान निकालने की इच्छा दर्शाई है.
यात्रियों से मांगी माफी
एयर इंडिया एक्सप्रेस का कहना है कि हम बैठक में हुई प्रगति से खुश हैं और केबिन क्रू सहयोगियों का काम पर वापस लौटने का स्वागत करते हैं. इससे कंपनी को अपनी सेवाओं को तेजी से बहाल करने में मदद मिलेगी. टाटा समूह की इस एयरलाइन ने यात्रियों से माफी भी मांगी है. उसने कहा कि हम इन अनपेक्षित व्यवधानों से हुई असुविधा के लिए यात्रियों से ईमानदारी से माफी मांगते हैं. यह हमारे सामान्य सेवा मानकों के अनुरूप नहीं है. जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हम आंतरिक रूप से इसकी समीक्षा भी करेंगे.
जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कंपनी की नई सर्विस के बारे में सोशल मीडिया पर बताया है.
बिजनेस में बने रहने के लिए कुछ नया करते रहना ज़रूरी है और जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल (Zomato CEO Deepinder Goyal) इसमें माहिर हैं. फूड डिलीवरी कंपनी Zomato अब एक नए आइडिया के साथ सामने आई है. कंपनी ने कस्टमाइज्ड फोटो केक सर्विस शुरू की है. कहने का मतलब है कि यदि आप चाहते हैं कि केक पर किसी का फोटो लगा हो, तो Zomato आपकी यह इच्छा भी पूरी कर देगी. जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है.
लॉन्च की टाइमिंग अहम
कंपनी ने इस सर्विस को सही टाइम पर लॉन्च किया है. दरअसल, मदर्स डे आने वाला है और इस मौके पर केक आदि की डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे में घर बैठे फोटो वाले केक का विकल्प मिलने पर बड़ी संख्या में लोग इसका फायदा उठा सकते हैं. आमतौर पर कस्टमाइज्ड केक तैयार करवाने के लिए आपको शॉप पर जाना पड़ता है, जाहिर है इस पूरी कवायद में समय भी खर्च होता है. लेकिन Zomato से सबकुछ घर पर बैठे-बैठे ही हो जाएगा. फिलहाल इस सर्विस को लेकर चुनिंदा इलाकों में ही शुरू किया गया है, बाद में इसका विस्तार किया जा सकता है.
A more light hearted update for today – we just launched Photo Cakes on @zomato – now you can upload your picture and get a customized cake delivered in about 30 minutes.
— Deepinder Goyal (@deepigoyal) May 9, 2024
Tested the feature myself to congratulate Aashna on completing 10 yrs at @zomato. She joined Zomato a few… pic.twitter.com/wmgb5gO7bA
30 मिनट में डिलीवरी
दीपिंदर गोयल ने ट्विटर (अब X) पर नयी सर्विस की जानकारी देते हुए लिखा है - आज के लिए एक और हल्का-फुल्का अपडेट - हमने अभी @जोमैटो पर फोटो केक्स लॉन्च किया है. अब आप अपनी तस्वीर अपलोड करके सिर्फ 30 मिनट में कस्टमाइज्ड केक मंगवा सकते हैं. अभी यह सुविधा दिल्ली NCR के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही उपलब्ध है, लेकिन जल्द ही इसे अन्य शहरों में भी शुरू किया जाएगा. गोयल ने खुद इस सर्विस का इस्तेमाल करके अपनी एक कर्मचारी की वर्क एनिवर्सरी सेलिब्रेट करने के लिए फोटो केक ऑर्डर किया.
ऐसा है स्टॉक का हाल
गोयल ने इस सर्विस को संभव बनाने के लिए जोमैटो के साथ साझेदारी करने वाले रेस्टोरेंट्स को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मदर्स डे की तैयारी में इस लॉन्च के लिए हमारे साथ काम करने के लिए हमारे भागीदारों को बहुत-बहुत धन्यवाद. वहीं, Zomato के स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन पर नजर डालें, तो कंपनी के शेयर कल के गिरावट वाले बाजार में बढ़त के साथ 195.75 रुपए पर बंद हुए थे. हालांकि, इस साल अब तक ये शेयर 57.23% का शानदार रिटर्न दे चुका है. इसका 52 वीक का हाई लेवल 202 रुपए है.
यदि आपके पास भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड के शेयर हैं, तो कंपनी ने आपको खुश होने का मौका दिया है.
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने वार्षिक आधार पर अब तक सबसे अधिक स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. कंपनी की तरफ से बताया गया है कि उसने वित्त वर्ष 22-23 में 1,870.10 करोड़ का मुनाफा कमाया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 26,673.50 करोड़ रुपए हो गया है. इसी के साथ कंपनी का EBITDA भी पहले के मुकाबले बढ़ा है. फाइनेंशियल ईयर 22-23 में यह 11,780.66 करोड़ रुपए था और 2023-24 में बढ़कर 44,771.49 करोड़ हो गया है. शानदार सालाना नतीजों से उत्साहित कंपनी ने बोनस शेयर और डिविडेंड का भी ऐलान किया है.
इतना है ऑपरेशनल रिवेन्यु
हालांकि, वित्त वर्ष 23-24 की चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 4,224.18 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्त वर्ष 22-23 की इसी तिमाही में यह 6,477.74 करोड़ रुपए था. यानी तिमाही आधार पर कंपनी के प्रॉफिट में कमी आई है. 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए कंपनी का परिचालन से राजस्व 5,06,911.36 करोड़ रुपए रहा है. जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 5,33,467.55 करोड़ था. जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में BPCL का ऑपरेशनल रिवेन्यु 1,32,084.86 करोड़ रुपए है. पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 1,33,413.81 करोड़ रुपए रहा था.
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मिलेगा इतना डिविडेंड
BPCL की नेटवर्थ 31 मार्च 2024 को बढ़कर 74,674.80 करोड़ रुपए हो गई है, जो 31 मार्च 2023 को 51,996.34 करोड़ थी. कंपनी के बोर्ड ने 21 रुपए के अंतिम लाभांश यानी डिविडेंड की सिफारिश की है. इसके अलावा, कंपनी 10 रुपए प्रति इक्विटी शेयर के साथ एक बोनस शेयर भी देने जा रही है. बोनस शेयर के लिए कंपनी ने 22 जून 2024 रिकॉर्ड डेट तय की है. वहीं, BPCL के शेयर के प्रदर्शन की बात करें, तो कल करीब 5% की गिरावट के साथ 592.25 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 सत्रों में यह शेयर 7.12% लुढ़क चुका है, लेकिन इस साल अब तक इसने 31.01% का रिटर्न भी दिया है.
शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है और आज कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.
लोकसभा चुनाव के परिणाम भले ही लगभग स्पष्ट हों, लेकिन इसके बावजूद निवेशक कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहते. वह बड़े निवेश से फिलहाल बच रहे हैं. घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक भी खरीदारी में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. यही वजह है कि हमारा शेयर बाजार (Stock Market) लगातार गिर रहा है. गुरुवार को बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाले सेंसेक्स 1,062.22 अंक फिसलकर 72,404.17 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 345 अंक लुढ़ककर 1,957.50 पर पहुंच गया. चलिए जानते हैं कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
MACD से मिले ये संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए केवल 4 शेयरों पर तेजी का रुख दर्शाया है. इसमें Bosch के साथ-साथ Zydus Wellness, Nesco और Mahaan Foods का नाम शामिल है. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव आज चढ़ सकते हैं और ऐसे में आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, MACD ने आज Inox Wind Energy, Apar Industries, Eicher Motors, SKF India और Linde India में मंदी के संकेत दिए हैं.
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इन पर बनाए रखें नजर
अब उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में SBI, M&M, राधाकिशन दमानी की कंपनी Avenue Supermart, Vijaya Diagnostic, Timken India, Jupiter Wagons और Eicher Motors शामिल हैं. इनमें से कुछ शेयरों ने अपना 52 हफ्ते का उच्च स्तर पार कर लिया है. SBI के शेयर कल के गिरावट वाले बाजार में भी एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे थे. वहीं, Berger Paints, Asian Paints, Syngene International, Ramco Cements, HDFC Life, Zee Entertainment Enterprises और Dalmia Bharat उन शेयरों में शुमार हैं जिनमें बिकवाली का दबाव नजर आ रहा है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधानी बरतें.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल महीने में लार्जकैप स्कीमों में आने वाला निवेश कम हुआ है.
म्यूचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए आने वाला निवेश अप्रैल महीने में पहली बार 20 हजार करोड़ रुपये के आंकड़ों को पार कर गया और कुल 20,371 करोड़ रुपये रहा. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने गुरुवार 9 मई को म्यूचुअल फंड्स के आंकड़ों की एक रिपोर्ट जारी की है. आंकड़ों के अनुसार मार्च में यह निवेश 19,271 करोड़ रुपये और फरवरी में 19,187 करोड़ रुपये था. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट अप्रैल 2024 के अंत में 57.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
अप्रैल में 2.29 लाख करोड़ का शुद्ध निवेश
म्यूचुअल फंड्स में मार्च महीने के दौरान 1.59 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी हुई थी. हालांकि, डेट फंड और इक्विटी फंड में अप्रैल के दौरान निवेश बढ़ने के कारण इसमें 2.29 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया. आंकड़ों के अनुसार इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (EMF) में अप्रैल महीने के दौरान करीब 18.917.08 करोड़ रुपये का निवेश आया. वहीं, डेट फंड में अप्रैल महीने के दौरान 1.90 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश देखा गया, जबकि इससे पहले मार्च महीने के दौरान 1.98 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गई थी.
लार्जकैप में घटा, मिडकैप और स्मॉलकैप में बढ़ा निवेश
आंकड़ों के अनुसरा खासतौर से लार्जकैप स्कीमों में आने वाला निवेश कम हुआ है. लार्जकैप स्कीमों में शुद्ध निवेश अप्रैल महीने के दौरान 83 प्रतिशत घटकर 358 करोड़ रुपये रहा. वहीं, मिडकैप फंड्स में शुद्ध निवेश 76.19 प्रतिशत बढ़कर 1,793 करोड़ रुपये रहा. इसके अलावा स्मॉलकैप फंड्स में अप्रैल महीने के दौरान करीब 2,208.70 करोड़ रुपये का निवेश आया. इससे पहले मार्च महीने के दौरान स्मॉलकैप फंड्स से थोड़ी निकासी देखी गई थी
भारत के नाम सिर्फ यही उपलब्धि ही दर्ज नहीं हुई है बल्कि भारत मौजूदा समय में पूरी दुनिया में सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन भी कर रहा है.
5 ट्रिलियन इकोनॉमी का सपना पालने वाले भारत के सामने इस मुकाम पर पहुंचने के लिए अभी दो पड़ाव और पार करने बाकी हैं. लेकिन उससे पहले भारत के लिए गुरुवार को एक खुशखबरी निकलकर सामने आई. भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पीछे कर तीसरा नंबर सुरक्षित कर लिया है. 2015 में भारत इस सूची में नौवें स्थान पर था जबकि अब भारत तीसरे नंबर पर आ गया है. अब भारत से आगे अमेरिका और चीन जैसे देश ही हैं.
आखिर भारत में कितना बढ़ा सोलर ऊर्जा का उत्पादन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोलर ऊर्जा के उत्पादन को लेकर शोध संस्थान एंबर की रिपोर्ट कह रही है कि दुनियाभर में सोलर उत्पादन वैश्विक बिजली उत्पादन का 5.5 फीसदी सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ था. जबकि अकेले भारत में 5.8 फीसदी ऊर्जा का उत्पादन हुआ था. वहीं अगर इसी आंकड़े की तुलना 2015 से करें तो ये सिर्फ 0.5 प्रतिशत था. यही नहीं सबसे खास बात ये है कि भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जो सबसे सस्ता ऊर्जा का उत्पादन करता है.
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इस साल शुरू की है सौर ऊर्जा उत्पादन की योजना
पीएम मोदी ने भारत में इस साल 2 करोड़ लोगों को सौर ऊर्जा देने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत सरकार की ओर सौर ऊर्जा से जुड़ने पर सब्सिडी दी जा रही है. सरकार की ओर से इस योजना को ‘पीएम सूर्यघर योजना’ नाम दिया गया है. इस योजना के तहत आपके सौर ऊर्जा प्लांट से पैदा होने वाली बिजली को सरकार ले लेगी और उसके बदले आपकी खपत से परे आप इससे कमाई भी कर सकते हैं.
सबसे सस्ता सोलर उत्पादन कर रहा है भारत
जानकारों का कहना है कि भारत दुनिया में ऐसा अकेला देश है जो सौर ऊर्जा का सबसे सस्ता उत्पादन कर रहा है. वहीं अगर सबसे महंगा उत्पादन करने वाले पर नजर डालें तो वो कनाडा है. वर्ष 2023 में भारत में सोलर ऊर्जा में बड़ी संख्या में इजाफा हुआ है. ये दुनिया की चौथी सबसे बड़ी बढ़ोतरी है. इस साल अडानी ने भी गुजरात में अपना सोलर ऊर्जा का उत्पादन 775 मेगावॉट तक शुरू कर दिया है. जबकि 2030 तक अडानी समूह ने इसे 45 गीगावॉट तक ले जाने का लक्ष्य रखा है. सबसे बड़ी बात ये है कि अडानी समूह देश के कई और राज्यों जैसे राजस्थान में भी कर रहा है. समूह यहां 180 मेगावॉट सोलर प्लांट लगा रहा है, जिससे जल्द ही उत्पादन शुरू हो जाएगा.
डीएलएफ (DLF) ने गुरुग्राम में 3 दिन के अंदर अपने सभी 795 लग्जरी फ्लैट बेच दिए हैं.
रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी डीएलएफ (DLF) ने गुरुग्राम में नया लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. लॉन्चिंग के तीन दिन के अंदरप ही डीएलएफ ने सभी 795 फ्लैट बेच दिए हैं. इस खबर के बाद डीएलएफ के शेयर में भी 3 प्रतिशत तक की उछल देखने को मिली. गुरुवार को कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर की कीमत 871.15 रुपये तक पहुंच गई. हालांकि, कुछ ही देर में मुनाफावसूली के कारण शेयर रेड जोन में कारोबार करते दिखे.
कंपनी को इतना हुआ मुनाफा
कंपनी ने गुरुवार को एक नियामक फाइलिंग में अपने नवीनतम लग्जरी आवासीय प्रोजेक्ट 'डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट' के सफल लॉन्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 3 दिनों के अंदर उन्होंने लगभग 5,590 करोड़ रुपये के फ्लैट्स बेचे. ये नया प्रोजेक्ट 12.57 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 795 अपार्टमेंट हैं और एक फ्लैट की कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये है.
जनवरी में कमाए थे 7,200 करोड़ रुपये
इस साल जनवरी में कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट 'डीएलएफ प्रिवाना साउथ' के लॉन्च के तीन दिनों के अंदर गुरुग्राम में 7,200 करोड़ रुपये में 1,113 लग्जरी अपार्टमेंट बेचे थे. ये अपार्टमेंट 25 एकड़ में फैला हुआ है. बता दें कि डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट और डीएलएफ प्रिवाना साउथ, दोनों ही हरियाणा के गुरुग्राम में सेक्टर 76 और 77 में स्थित 116 एकड़ में फैली टाउनशिप डीएलएफ प्रिवाना का हिस्सा हैं.
कई एनआरआई ने भी खरीदे अपार्टमेंट
डीएलएफ के अधिकारियों अनुसार डीएलएफ प्रिवाना प्रोजेक्ट डीएलएफ प्रिवाना साउथ की जबरदस्त सफलता के बाद, डीएलएफ प्रिवाना वेस्ट को भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने बताया कि इस नए प्रोजेक्ट में कई अपार्टमेंट एनआरआई (NRI) ने खरीदे हैं. बता दें कि गुरुग्राम हाउसिंग मार्केट में आवासीय संपत्तियों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे कीमतों में तेज वृद्धि हुई है। कीमतों में भारी वृद्धि के बावजूद मांग अभी तक बनी हुई है
भारत के Ride-Hailing बिजनेस में Ola की हिस्सेदारी 59% है. जबकि Uber का मार्केट शेयर 41% है.
पिछले कुछ समय से मुश्किलों में घिरी फिनटेक कंपनी पेटीएम (Paytm) अब ओला (Ola) और उबर (Uber) की परेशानी बढ़ाने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेटीएम अपने ग्राहकों को ऑटो रिक्शा बुक करने की सुविधा देने वाली है. इसके लिए कंपनी ने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) से हाथ मिलाया है. जाहिर है ऐसे में इस सेक्टर की लीडिंग कंपनियों - ओला और उबर को चुनौती मिलना तय है.
कई कैटेगरीज में पहले ही एंट्री
Paytm फिलहाल यह सुविधा केवल दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई में उपलब्ध कराएगी. बाद में इसे देश के दूसरे शहरों में भी शुरू किया जा सकता है. पेटीएम ऐप पर अभी यह फीचर टेस्टिंग मोड में है और कुछ ही यूजर्स को दिखाई दे रहा है. बता दें कि इससे पहले Paytm ओएनडीसी के रास्ते फूड डिलीवरी, ग्रॉसरी, फैशन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी ई-कॉमर्स कैटेगरीज में एंट्री ले चुकी है. Paytm पर ऑटो रिक्शा बुक करने की सुविधा मिलने से लोगों के पास एक और विकल्प हो जाएगा.
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कैब बुकिंग भी होगी जल्द
पेटीएम ऐप के जरिए ऑटो बुक कराने पर यह संदेश नजर आता है कि फीचर ‘Powered by Namma Yatri’. इसका मतलब है कि Paytm ने राइड-हेलिंग बिजनेस में एंट्री के लिए नम्मा यात्री से भी हाथ मिलाया है. नम्मा यात्री इस लेन-देन में सेलर साइड ऐप के तौर पर काम कर रही है. पिछले दो साल में Namma Yatri ने दिल्ली सहित 7 शहरों में 3.73 करोड़ राइड्स कराई हैं, जिसमें सबसे अधिक ऑटो राइड्स थीं. अब कंपनी कैब बुकिंग भी शुरू कर रही है और पेटीएम पर भी यह फीचर जल्द देखने को मिल सकता है.
किसका, कितना मार्केट शेयर?
सरकारी प्लेटफॉर्म ONDC की बात करें तो यह UPI की तरह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो बायर और सेलर को ऑनलाइन मार्केटप्लेस मुहैया कराता है. ONDC का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ओला, PhonePe और मीशो जैसी कंपनियां भी यहां आ चुकी हैं. पिछले छह महीने में इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर मासिक रिटेल खरीदारी 6 गुना बढ़कर मार्च में 36 लाख पर पहुंच गई. 2022 के आंकड़ों के अनुसार, भारत के Ride-Hailing बिजनेस में Ola की हिस्सेदारी 59% है. जबकि Uber का मार्केट शेयर 41% है. इस सेक्टर में Rapido ने भी पिछले कुछ वक्त में अच्छा नाम कमा लिया है.
देश की प्रमुख सरकारी बैंक SBI ने जबरदस्त नतीजे पेश किए हैं. बैंक ने मुनाफे और ब्याज से इनकम में तो बढ़ोतरी पेश की ही है, इसका नेट NPA भी घटा है. कंपनी ने डिविडेंड का भी ऐलान किया है.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज FY24 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक के नेट प्रॉफिट में 24 फीसदी का उछाल आया है. बैंक ने इस अवधि में 20,698 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. पिछले साल की समान तिमाही में बैंक का मुनाफा 16695 करोड़ रुपये था, बैंक का मुनाफा मजबूत लोन डिमांड के चलते बढ़ा है. बैंक ने अपने शेयरधारकों के लिए डिविडेंड की घोषणा भी की है.
अनुमान से बेहतर रहे SBI के नतीजे
PSU Bank का मुनाफा 20,698 करोड़ रुपये रहा है, जबकि अनुमान 14,590 करोड़ का था. ईयर-ऑन-ईयर मुनाफा 16,695 करोड़ रुपये से बढ़कर 20,698 करोड़ पर पहुंचा है. कंपनी का NII 41,655 करोड़ रुपये पर रहा है. अनुमान 40,900 करोड़ ता था. ईयर ऑन ईयर NII 40,393 करोड़ से बढ़कर 41,655 करोड़ रुपये पर आया है.
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NPA भी घटा
ग्रॉस NPA 2.42% से घटकर 2.24% (QoQ) हो गया है. नेट NPA 0.64% से घटकर 0.57% (QoQ) पर आया है. बैंक का प्रोविजन 1278 करोड़ रुपये से बढ़कर 3294 करोड़ रुपये (YoY) पर है. और तिमाही के लिहाज से देखें तो प्रोविजन 1757 करोड़ रुपये से बढ़कर 3294 करोड़ रुपये पर है.
SBI ने की डिविडेंड की घोषणा
एसबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने 31/03/2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए 13.70 प्रति इक्विटी शेयर (1370%) का डिविडेंड घोषित किया है. इक्विटी शेयरों पर डिविडेंड प्राप्त करने के हकदार सदस्यों की पात्रता निर्धारित करने की रिकॉर्ड तिथि बुधवार, 22 मई है और डिविडेंड पेमेंट की तारीख 05 जून, 2024 निर्धारित की गई है.