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बिकने जा रही Bisleri, जानिए खरीदने की रेस में सबसे आगे कौन-सी कंपनी
कंपनी ने फिलहाल इसके लिए एक बड़े ब्रांड में हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्लीः देश की अग्रणी कंपनी टाटा संस जल्द ही बोतलबंद पानी के बाजार में कदम रख सकती है. कंपनी ने फिलहाल इसके लिए एक बड़े ब्रांड में हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है. इस ब्रांड का अभी पूरे देश में सबसे ज्यादा मार्केट शेयर है और बोतलबंद पानी के अलावा यह सॉफ्ट ड्रिंक के क्षेत्र में भी काम कर रही है.
बिसलेरी को दी है पेशकश
सूत्रों के मुताबिक रमेश चौहान के नेतृत्व वाली बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा समूह ने हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश दी है. इस ऑफर के जरिए टाटा समूह को बोतलबंद पानी के मार्केट में एंट्री-लेवल, मिड-सेगमेंट और प्रीमियम पैकेज्ड वॉटर कैटेगरी में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और रिटेल स्टोर्स, केमिस्ट, होटल, रेस्तरां और हवाई अड्डों सहित संस्थागत चैनल, थोक-पानी वितरण के अलावा रेडी-टू-मार्केट नेटवर्क में बड़े पैमाने पर पैर जमाने में मदद मिलेगी, क्योंकि बिसलेरी मिनरल वाटर इनमें से प्रत्येक चैनल में जाता है.
टाटा की है एफएमसीजी मार्केट में पकड़
टाटा समूह की एफएमसीजी मार्केट में टेटली चाय, Eight O' Clock कॉफी, Soulfull अनाज, नमक और दालें बेचने के अलावा स्टारबक्स कैफे के जरिए अच्छी पकड़ है. कंपनी के मुख्य कार्यकारी सुनील डिसूजा ने हाल ही में कमाई के बाद निवेशक कॉल में कहाथा कि अकार्बनिक विकास विकास रणनीति का 'महत्वपूर्ण हिस्सा' होगा. नरिशको (NourishCo) के तहत टाटा कंज्यूमर का अपना बोतलबंद पानी का व्यवसाय है, लेकिन यह एक विशिष्ट व्यवसाय है. कंपनी के सीईओ ने कहा, "टाटा या तो टाटा कंज्यूमर के माध्यम से या समूह स्तर पर हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तैयार हैं."
बिसलेरी के हैं 150 से अधिक प्लांट्स
पूरे देश में बिसलेरी के 150 से अधिक प्लांट्स है और इसके पास 4 हजार डिस्ट्रीब्यूटर्स व 5 हजार ट्रकों का नेटवर्क है. बिसलेरी ब्रांड के अलावा कंपनी फ्रैंचाइजी मॉडल के जरिए प्रिमियम वेदिका हिमालयन स्प्रिंग वॉटर भी बेचती है. कंपनी के पास पूरे मार्केट में 32 फीसदी की हिस्सेदारी है और इसकी मुख्य प्रतिस्पर्धा पेप्सी के एक्वाफिना और कोका कोला के किनले के अलावा अन्य छोटे ब्रांडों से होती है.
इन ब्रांड्स का भी मालिक है बिसलेरी
यह हैंड प्यूरीफायर के एक छोटे व्यवसाय के अलावा कार्बोनेटेड पेय लिमोनाटा और स्पाइसी, और सोडा और फलों के पेय भी बेचता है. उपभोक्ताओं को सीधे उत्पाद वितरित करने के लिए इसका अपना ऐप बिसलेरी@डोरस्टेप भी है, जिसमें थोक 20-लीटर पैक के साथ-साथ 250 मिलीलीटर से 1 लीटर तक की छोटी बोतलें शामिल हैं.
रिलायंस, नेस्ले ने भी लगाई थी दावेदारी
रमेश चौहान पहले ही कह चुके हैं कि अगर वो कंपनी में हिस्सेदारी को बेचेंगे तो वो किसी भारतीय को ही बेचेंगे. टाटा से पहले रिलायंस और नेस्ले जैसी कंपनियां भी उनको प्रस्ताव दें चुकी हैं. नेस्ले ने 2003 में कंपनी खरीदने का प्रस्ताव दिया था. रिलायंस रिटेल जो हाल ही में कई अधिग्रहणों के साथ खाद्य, पेय और पर्सनल केयर सहित अन्य सेगमेंट में अपने को आक्रामक रूप से आगे बढ़ा रहा है लगातार बिसलेरी को खरीदने की कोशिश में लगा हुआ है.
एक समय था शीतल पेय मार्केट में दबदबा
चौहान की बेटी व्यवसाय में लगी हुई है, लेकिन वह अपने हितों का भी पीछा करती है. चौहान ने 1993 में थम्स अप, लिम्का और गोल्ड स्पॉट जैसे प्रतिष्ठित शीतल पेय ब्रांडों को कोका-कोला को लगभग 60 मिलियन डॉलर में बेचा था. थम्स अप देश का सबसे अधिक बिकने वाला शीतल पेय ब्रांड बना हुआ है, जो कोक और पेप्सी से आगे कार्बोनेटेड शीतल पेय के भीतर सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी है.
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