Tata Group और Noida International Airport के बीच एक बड़ी डील हुई है. इस डील के अनुसार टाटा पावर नोएडा एयरपोर्ट को विंड और सोलर पावर सप्लाई करेगी.
अगर आप नोएडा में रहते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण जल्द शुरू होने वाला है. इस बीच एयरपोर्ट को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. टाटा ग्रुप (Tata Group) की कंपनी टाटा पावर दिल्ली के करीब जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) में 550 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. तो आइए जानते हैं कंपनी पूरी योजना क्या है?
यहां खर्च होगा पैसा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टाटा पावर और नोएडा एयरपोर्ट के बीच आज विंड और सोलर एनर्जी सप्लाई से जुड़े दो बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. इसके तहत टाटा पावर की इकाई टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड (TPTCL) टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (TPREL) की सिक्योर्ड एसेट के साथ एयरपोर्ट को 10.8 मेगावाट विंड एनर्जी की सप्लाई करेगी. साथ ही टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी, एयरपोर्ट की टोटल एनर्जी आवश्यकताओं में योगदान देने के लिए 13 मेगावाट की ऑनसाइट सोलर एनर्जी क्षमता का विकास, संचालन और रखरखाव भी करेगी. साथ ही कंपनी एयरपोर्ट में क्रिटिकल ड्राई युटिलिटीज और स्मार्ट एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर भी विकसित करेगी. यह समझौता 25 साल के लिए किया गया है. यह सहयोग नेट जीरो एयरपोर्ट के विकास को सपोर्ट करेगा, लाखों भारतीयों की सेवा करेगा और देश के हरित भविष्य की ओर बढ़ने के मार्ग को गति देगा.
एयरपोर्ट का पहला चरण
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में एक रनवे और एक टर्मिनल होगा, जिसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की आवाजाही को संभालने की होगी. पहला चरण अगले साल अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है. इसका विकास चार चरणों में किया जाएगा. सभी चरणों के पूरा होने पर एयरपोर्ट सालाना सात करोड़ पैसेंजर्स को हैंडल कर सकता है.
बेंगलुरु में नया ऑफिस भारत की कंपनियों को क्लाउड खर्च कम करने, एप्लिकेशन की परफॉर्मेंस सुधारने और DevOps की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा.
Kubernetes ऑटोमेशन में लीडिंग प्लेटफॉर्म CAST AI ने भारत में अपना विस्तार करने की घोषणा की है. कंपनी ने बेंगलुरु में अपना नया ऑफिस खोला है. यह कदम भारतीय बाजार में CAST AI की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में अपने विस्तार की महत्वाकांक्षा को जाहिर करता है.
भारत में Kubernetes का तेजी से बढ़ता उपयोग और यहां के डेवलपर्स और DevOps समुदायों की उन्नति ने भारत को CAST AI की वैश्विक वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बना दिया है. भारत में 6Sense, ShareChat और Yubi जैसी कंपनियों की मांग बढ़ने से कंपनी को क्लाउड लागत कम करने और संचालन कुशलता में सुधार के लिए अपने समाधान उपलब्ध कराने का प्रोत्साहन मिला है.
बेंगलुरु में स्थानीय ऑफिस स्थापित कर, CAST AI का लक्ष्य है:
1. Kubernetes समुदाय के साथ गहरा जुड़ाव.
2. क्षेत्रीय साझेदारों के साथ सहयोग बढ़ाकर समाधान अपनाने में तेजी.
3. ग्राहकों को बेहतर और स्थानीय समर्थन.
4. वैश्विक कार्यबल का निर्माण और भारत के टॉप टैलेंट का लाभ उठाना.
CAST AI के सह-संस्थापक और CPO लॉरेंट गिल ने कहा कि हम बेंगलुरु में ऑफिस खोलकर क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने को लेकर उत्साहित हैं. भारत में क्लाउड-नेटिव और AI में बहुत इनोवेशन हो रहा है, और हम इस तेज़ी से बढ़ते टेक कम्युनिटी का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं. यह विस्तार हमें भारतीय उद्यमों को क्लाउड-नेटिव युग में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने में मदद करेगा.
CAST AI के भारतीय ग्राहकों में Fintech, Financial Services, Retail, Ecommerce और EduTech क्षेत्रों में अग्रणी कंपनियां शामिल हैं, ये कंपनियां अपने क्लाउड खर्चों को कम करने, एप्लिकेशन प्रदर्शन में सुधार करने और DevOps टीम की उत्पादकता बढ़ाने के लिए CAST AI का उपयोग करती हैं.
6Sense के VP प्लेटफॉर्म इंजीनियरिंग आदित्य चंद्रा ने कहा कि CAST AI हर उस कंपनी के लिए बेहतरीन समाधान है, जो Kubernetes का उपयोग करती है. यह प्लेटफॉर्म न केवल लागत का गहराई से विश्लेषण करता है, बल्कि ऑटोमेशन फीचर्स का एक शानदार सेट प्रदान करता है जिससे हमने प्रभावशाली बचत की.
ShareChat के सीनियर इंजीनियरिंग मैनेजर जेनसन सी.एस. ने कहा कि CAST AI की सबसे बड़ी खासियत इसकी आसान इम्प्लीमेंटेशन है, जिससे तुरंत फायदा मिलता है. इसके ऑटोमेशन फीचर्स ने हमारे संचालन को सरल बनाया और हमारी टीम को तेजी से काम करने में मदद की. ग्राहक समर्थन अद्भुत है, जैसे हमारी अपनी SRE टीम हो.
Yubi के VP इंजीनियरिंग विवेक श्रीकांतन ने कहा कि CAST AI ने हमें डेवलपर अनुभव को बेहतर बनाने, इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑप्टिमाइज़ करने और हमारे उपयोगकर्ताओं के लिए एक बेहतर उत्पाद देने पर ध्यान केंद्रित करने का मौका दिया. उनका ग्राहक समर्थन बहुत ही उत्कृष्ट है, जो किसी भी समस्या को जल्दी सुलझा देता है.
बिजली कंपनी टॉरेंट पावर ने पात्र संस्थागत आवंटन (QIP) के जरिये 1,503 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 2.32 करोड़ शेयर जारी कर 3,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
भारत की प्रमुख निजी पावर कंपनियों में से एक Torrent Power Limited ("कंपनी") ने अपने ₹3,500 करोड़ (लगभग 413.20 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के क्यूआईपी (Qualified Institutions Placement) को सफलतापूर्वक पूरा किया. यह इश्यू निवेशकों से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला, जिसमें घरेलू म्यूचुअल फंड्स, वैश्विक निवेशक और बीमा कंपनियां शामिल थीं. इससे कंपनी की मजबूती और भारत के पावर सेक्टर में निवेशकों का भरोसा दिखता है.
4 गुना अधिक मिली बोलियां
क्यूआईपी (QIP) को लगभग 4 गुना अधिक बोली मिली, जिसमें ₹3,500 करोड़ के इश्यू के मुकाबले करीब ₹14,000 करोड़ की बोलियां आईं. यह निवेश अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों निवेशकों से आया. पूरा इश्यू जाने-माने दीर्घकालिक निवेशकों जैसे SBI MF, Capital Group, SBI Pension, Kotak MF, Nippon MF, Norges Bank और Amundi को आवंटित किया गया.
कंपनी था यह पहला फंड रेज
यह कंपनी का पहला इक्विटी फंड रेज है और पिछले 30 वर्षों में Torrent Group द्वारा पहला इक्विटी फंड रेज है. यह क्यूआईपी मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारत के निजी यूटिलिटी सेक्टर में सबसे बड़े फंड रेज में से एक है. इस फंड रेज के सफल समापन से कंपनी की ताकत और भारत के पावर सेक्टर में उसकी तेज़ी से बढ़ने की संभावनाएं उजागर होती हैं. क्यूआईपी इश्यू 2 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ और 5 दिसंबर 2024 को पूरा हुआ.
QIP को मिले रिस्पॉन्स से चेयरमैन खुश
Torrent Group के चेयरमैन समीर मेहता ने कहा कि हम क्यूआईपी को मिले जबरदस्त रिस्पॉन्स से बेहद खुश हैं. यह हमारे विकास की रणनीति, उत्कृष्टता और बेहतरीन पूंजी प्रबंधन में बाजार के विश्वास को दर्शाता है. यह पूंजी रेज हमारी बैलेंस शीट को मजबूत करेगा और हमारी ग्रोथ योजनाओं को तेज़ी देगा. हम अपने निवेशकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने हम पर भरोसा जताया.
ये थे QIP के लीड मैनेजर
कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड (Kotak Mahindra Capital Company Limited), जेफरीज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Jefferies India Private Limited) और JM फाइनेंशियल लिमिटेड QIP के प्रमुख प्रबंधक थे. खैतान एंड कंपनी (Khaitan & Co.) ने भारतीय कानून के अनुसार कंपनी के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य किया, शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी (Shardul Amarchand Mangaldas & Co.) और सिडली ऑस्टिन LLP (Sidley Austin LLP) ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत BRLMs के कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य किया.
सेबी ने 2016 में जारी किए गए बयान में भी उन प्लेटफॉर्म से जुड़ने को लेकर भी आगाह किया था, जो प्राइवेट प्लेसमेंट के नाम पर फंड जुटाते हैं.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है, जो पब्लिक लिमिटेड कंपनियों की अनलिस्टेड सिक्योरिटीज के व्यापार को बढ़ावा देते हैं. एक प्रेस बयान जारी करते हुए SEBI ने बताया कि इस तरह की गतिविधियां Securities Contract (Regulation) Act, 1956 और SEBI Act, 1992 का उल्लंघन करती हैं. ये कानून निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं.
ऐसे प्लेटफॉर्म्स से बचने की सलाह
SEBI ने इस संदर्भ में 2016 में जारी अपनी चेतावनी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी निवेशकों को ऐसे प्लेटफॉर्म्स और स्कीम्स से बचने की सलाह दी गई थी, जो अनधिकृत थीं. 2016 के बयान में बताया गया था कि कई संस्थाएं निवेशकों को लीग, प्रतियोगिताओं, और योजनाओं के जरिए लुभा रही थीं, जो प्रतिभूति बाजार से संबंधित थीं. इनमें कुछ योजनाएं पुरस्कार राशि वितरण तक सीमित थीं, लेकिन ये SEBI या SEBI द्वारा मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों से अनुमोदित नहीं थीं.
केवल रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म से करें लेनदेन
अपने बयान में सेबी ने आगे कहा है कि कुछ इलेक्ट्रॉनिक मंच बिना उचित मंजूरी के गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के व्यापार की सुविधा दे रहे हैं. ऐसे में निवेशकों को आगाह किया जाता है कि ऐसे इलेक्ट्रॉनिक मंच पर कोई भी लेनदेन न करें या उसपर कोई भी संवेदनशील व्यक्तिगत विवरण साझा न करें क्योंकि ये न तो अधिकृत हैं और न ही सेबी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं. SEBI ने स्पष्ट किया है कि केवल मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज ही "लिस्टेड" और "लिस्ट होने वाली" कंपनियों की सिक्योरिटीज के लिए ट्रेडिंग और फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए अधिकृत हैं.
जुबिलेंट भरतिया ग्रुप ने कोका-कोला की बॉटलिंग कंपनी HCCB में 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है. बताया जा रहा है कि यह सौदा 12,500 करोड़ रुपये में हुआ है.
जुबिलेंट भरतिया ग्रुप के भरतिया परिवार ने हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज (HCCB) में 40% हिस्सेदारी खरीदी है. एचसीसीबी कोका-कोला इंडिया की पूरी तरह से स्वामित्व वाली बॉटलिंग कंपनी है. इस सौदे की कीमत 12,500 करोड़ रुपये बताई जा रही है. हालांकि, इस रकम के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. यह भरतिया परिवार का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है. भरतिया परिवार भारत में डोमिनोज पिज्जा का मालिक है, यह देश का सबसे बड़ा फूड सर्विस ब्रांड है.
इतने करोड़ का है डील
इस डील को 12,500 करोड़ रुपये में पूरा किया जा सकता है. आसान भाषा में समझे तो HCCB में 40% हिस्सेदारी के लिए भर्तिया ग्रुप 12,500 करोड़ रुपये लगाने जा रहा है. ग्रुप खुद को अधिक कर्ज में डालना नहीं चाहता. इसलिए वे इस डील में करीब 5,000 करोड़ रुपये खुद से निवेश करेंगे. बाकी की रकम गोल्डमैन सैक्स से फाइनेंसिंग जुटाना का इरादा है. सूचना के मुताबिक ग्रुप Bain Credit, Apollo Global Management, Ares Management, TPG, और GIC जैसी फाइनेंसर कंपनियों से भी बातचीत कर रहे थे.
कोका-कोला ने क्या कहा?
कोका-कोला इंडिया के प्रेसिडेंट संकेत रे ने कहा कि हम जुबिलेंट भरतिया ग्रुप का भारत में कोका-कोला सिस्टम में स्वागत करते हैं. विभिन्न क्षेत्रों में अपने विविध अनुभव के साथ जुबिलेंट दशकों का समृद्ध अनुभव लाता है जो कोका-कोला सिस्टम को रफ्तार देने में मदद करेगा. उन्होंने आगे बताया कि जुबिलेंट का अनुभव कोका-कोला के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा. हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज (एचसीसीबी) के सीईओ जुआन पाब्लो रोड्रिग्ज ने कहा कि यह रणनीतिक निवेश हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. जुबिलेंट भरतिया ग्रुप की विशेषज्ञता हमारी ताकत को पूरा करती है.
जुबिलेंट भरतिया ग्रुप ने जाहिर की खुशी
जुबिलेंट भरतिया ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष श्याम एस. भरतिया और संस्थापक और सह-अध्यक्ष हरि एस. भरतिया ने कहा कि यह निवेश उनके व्यवसाय के लिए आदर्श है. भरतिया ने कहा, 'कोका-कोला कंपनी दुनिया के कुछ सबसे सम्मानित ग्लोबल ब्रांडों का घर है, हम उनके साथ जुड़कर खुश हैं. साथ मिलकर, हम व्यवसाय को और ऊंचाइयों तक ले जाने के अवसरों का लाभ उठाएंगे. यह सुनिश्चित करेंगे कि अधिक भारतीय उपभोक्ता कोका-कोला कंपनी के प्रतिष्ठित स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के ताजा पोर्टफोलियो का आनंद ले सकें.'
इतना बड़ा है मार्केट
हाल ही में HCCB ने 5 सालों में करीब 12,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है. इसमें गुजरात में जूस और एयरेटेड ड्रिंक्स बनाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश में स्पार्कलिंग ड्रिंक्स और जूस बनाने के लिए 350 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है. भर्तिया ग्रुप का यह डील अबतक का सबसे बड़ा डील है. इस ग्रुप के पास डोमिनोज पिज्जा का भारत में विशेष फ्रेंचाइजी राइट है.
SpaceX में हुए शेयर सौदे के बाद अचानक एलन मस्क की संपत्ति में 50 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है जिसके चलते उनका नेटवर्थ 450 बिलियन डॉलर के करीब जा पहुंचा है.
अमेरिका (America) में राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को जीत क्या मिली, एलन मस्क (Elon Musk) पर पैसों की बरसात शुरू हो गई और ये रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. उनकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला का शेयर (Tesla Share) धमाल मचा रहा है और दुनिया के सबसे अमीर इंसान मस्क हर बीतते दिन के साथ संपत्ति के मामले में इतिहास रचते जा रहे हैं और अब तो उनकी संपत्ति 400 अरब डॉलर के भी पार निकल गई है. बीते 24 घंटों की ही बात करें, तो Elon Musk Net Worth 62 अरब डॉलर से ज्यादा बढ़ी है.
यहां पहुंचा एलन मस्क की दौलत का आंकड़ा
टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क ने संपत्ति के मामले में सभी दिग्गजों को इतना पीछे छोड़ दिया है कि उनके बीच दौलत का फासला हाल-फिलहाल भरना मुमकिन नहीं है. नेटवर्थ की बात करें, तो ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक, एलन मस्क की कुल संपत्ति अब 447 अरब डॉलर हो गई है. बीते 24 घंटे में ही इसमें 62.8 अरब डॉलर (5.32 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) बढ़ी है.
इस साल संपत्ति में रिकॉर्ड उछाल
साल 2024 में दुनिया के दिग्गज अरबपतियों की संपत्ति में आए उछाल पर गौर करें, तो एलन मस्क के आगे-पीछे दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता है. Top-10 Billionaires List में दूसरे और तीसरे अमीरों की कुल दौलत के आस-पास को मस्क ने महज इस साल ही कमा डाले हैं. जी हां आंकड़ों पर नजर डालें, तो साल 2024 में अब तक Elon Musk Networth में 218 अरब डॉलर का बंपर इजाफा हुआ है और अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद तो ये तूफानी तेजी से बढ़ी है.
मस्क की कंपनी का शेयर मचा रहा धमाल
एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी का टेस्ला का शेयर (Tesla Share) धमाल मचा रहा है और इसमें ट्रंप की जीत के बाद से तेजी का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो अभी भी लगातार जारी है. टेस्ला स्टॉक बीते कारोबारी दिन 5.93 फीसदी की जोरदार उछाल के साथ 424.77 डॉलर पर क्लोज हुआ. Donald Trump की जीत के बाद से इस शेयर की कीमत में 47 फीसदी से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है. इसका सीधा असर एलन मस्क की दौलत पर देखने को मिला है.
बुधवार को BSE और NSE दोनों प्रमुख सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए थे. BSE का सेंसेक्स 81,526.14 अंक और NSE का निफ्टी 24,641.80 के स्तर पर बंद हुआ था.
शेयर बाजार बुधवार को उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में हल्की बढ़त के साथ बंद हुए थे. सेंसेक्स 16 अंक, तो वहीं, निफ्टी करीब 32 अंक चढ़ा था. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 16.09 अंक यानी 0.02 प्रतिशत बढ़कर 81,526.14 अंक पर बंद हुआ था. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी तीन दिन की गिरावट से उबरते हुए 31.75 अंक यानी 0.13 प्रतिशत बढ़कर 24,641.80 अंक पर बंद हुआ था. तो आइए जानते हैं आज यानी गुरुवार को किन इन शेयरों में आप दांव लगा सकते हैं, कहां आपको फायदा होगा और कहां नुकसान हो सकता है?
कल इन शेयरों में रही गिरावट
सेंसेक्स के 30 में से 17 कंपनियों के शेयर गिरावट में रहे थे. सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फाइनेंस, नेस्ले इंडिया, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, इन्फोसिस, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलीवर में बढ़त दर्ज की गई थी. दूसरी तरफ जेएसडब्ल्यू स्टील, अडानी पोर्ट्स, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, टाइटन और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट रही थी.
आज इन शेयर में तेजी के संकेत
जिन शेयरों में मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है, उनमें PNC Infratech, Jupiter Wagons, Swan Energy, Jubilant Ingrevia, Titagarh Wagons, Ircon International और EIH शामिल हैं. इन शेयर ने अपना 52 हफ्ते का उच्च स्तर पार कर लिया है. यह इन शेयर में तेजी का संकेत देता है.
इन शेयर में दिख रही गिरावट
एमएसीडी (MACD) ने ITI Ltd, Mahindra Lifespace, CCL Products, Brigade Enterprises, PNB Housing, Emami और Trident Ltd के शेयर में मंदी का संकेत दिया है. इसका मतलब है कि अब इन शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
राजीव गुप्ता के पास 30 से ज्यादा सालों का अनुभव है और उन्होंने कई उद्योगों में अपनी नेतृत्व क्षमता से बड़ा बदलाव लाया है.
LNJ Bhilwara Group की प्रमुख कंपनी और भारत की सबसे बड़ी टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक RSWM Limited ने राजीव गुप्ता को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है. राजीव गुप्ता के पास 30 से ज्यादा सालों का अनुभव है और उन्होंने कई उद्योगों में अपनी नेतृत्व क्षमता से बड़ा बदलाव लाया है.
राजीव गुप्ता के पास है लंबा अनुभव
राजीव गुप्ता को Lean, Six Sigma, TPM और TQM जैसी विधियों का उपयोग करके ऑपरेशनल सुधार और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में महारत हासिल है. उनका अनुभव टेक्सटाइल, होम टेक्सटाइल, और पल्प एंड पेपर उद्योगों तक फैला हुआ है. उन्होंने रिलायंस, ट्राइडेंट और वर्धमान जैसी प्रमुख कंपनियों में नेतृत्व भूमिकाएं निभाई हैं, जहां उनके प्रयासों से EBITDA और रेवेन्यू में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. अब RSWM Limited में, राजीव गुप्ता के नेतृत्व में कंपनी अपनी तकनीकी सुधार और संचालन को और बेहतर बनाने के लिए नई गति से काम करेगी. उनकी रणनीतिक सोच कंपनी को तेजी से बदलते बाजार और उपभोक्ता मांगों के साथ तालमेल बनाने में मदद करेगी.
राजीव गुप्ता ने क्या कहा?
अपनी नियुक्ति पर बोलते हुए, राजीव गुप्ता ने कहा कि RSWM ने हमेशा टेक्सटाइल में नवाचार और उत्कृष्टता का नेतृत्व किया है. कंपनी ने संचालन में उत्कृष्टता और स्थिरता की मजबूत विरासत बनाई है. मैं इस आधार को आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ाने, दक्षता बढ़ाने और उद्योग की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.
कंपनी के चैयरमैन ने क्या कहा?
RSWM Limited के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रिजु झुनझुनवाला ने कहा कि राजीव का उद्योग ज्ञान और उनकी असाधारण नेतृत्व क्षमता हमारी व्यावसायिक योजनाओं को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. उनकी रणनीतिक सोच और संचालन में कुशलता हमारे ऑपरेशंस को मजबूत बनाने और नए बाजारों में विस्तार करने में मदद करेंगी. 6 दशकों से ज्यादा के इतिहास के साथ, RSWM Limited ने बाजार विस्तार, उत्पाद विविधता और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया है. राजीव गुप्ता की नियुक्ति कंपनी की प्रतिस्पर्धात्मक ताकत को और बढ़ाएगी और इसे उद्योग में अग्रणी बनाए रखेगी.
यह साझेदारी LTIMindtree और GitHub के बीच उन्नत AI क्षमताओं के साथ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को बदलते हुए, स्केलेबल एंटरप्राइज इनोवेशंस की दिशा में कदम बढ़ाएगी.
ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग और डिजिटल सॉल्यूशंस कंपनी LTIMindtree [NSE: LTIM, BSE: 540005] ने Copilot-पॉवर्ड डेवलपर प्लेटफॉर्म GitHub के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है. यह सहयोग GitHub की उन्नत DevOps और AI-आधारित पेयर प्रोग्रामिंग क्षमताओं को LTIMindtree की डिजिटल इंजीनियरिंग और AI परिवर्तन विशेषज्ञता के साथ जोड़ते हुए एक शक्तिशाली इकोसिस्टम बना रहा है, जो एंटरप्राइज इनोवेशंस को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा.
जनरेटिव AI में अपार क्षमता
जैसे-जैसे IT जटिलताएं बढ़ रही हैं, सॉफ्टवेयर गुणवत्ता, सुरक्षा और गति की मांग अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है. जबकि जनरेटिव AI में अपार क्षमता है, कई संगठन इसका पूरी तरह से लाभ उठाने में संघर्ष कर रहे हैं. इस चुनौती को पहचानते हुए, LTIMindtree सॉफ्टवेयर डिलीवरी प्रक्रिया में जनरेटिव AI को एकीकृत करने के लिए शिफ्ट-लेफ्ट, शिफ्ट-राइट और शिफ्ट-डाउन प्रैक्टिसेस के माध्यम से एगाइल ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा दे रहा है. LTIMindtree-GitHub साझेदारी संगठनों को AI-सक्षम क्षमताओं को स्केल करके और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइफसाइकिल में AI को सहजता से समाहित करने में सक्षम बना रहे हैं. GitHub प्लेटफॉर्म पर अपने कार्यबल को प्रको पुनः कल्पित करके शक्ति प्रदान करेगी.
डेवलपमेंट प्रक्रियाएं होंगी सरल
LTIMindtree के डिजिटल कार्यक्रमों को प्रदान करने में विशेषज्ञता और GitHub के मजबूत Copilot-पॉवर्ड प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए, यह सहयोग विकास प्रक्रियाओं को सरल करेगा और AI-समर्थित डेवलपर समाधानों को एंटरप्राइज की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करेगा. डेवलपर्स को बेहतर सहयोग उपकरण, स्वचालित वर्कफ्लो और कम मैन्युअल प्रयास का लाभ मिलेगा, जिससे तेज समय-से-बाजार और बेहतर सॉफ्टवेयर गुणवत्ता सुनिश्चित होगी. इसके अतिरिक्त, GitHub इको सिस्टम उत्पादकता को बढ़ावा देगा, जिससे नवाचारी उपकरणों तक पहले से पहुंच और सह-नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.
AI क्रांति में खुद को सबसे आगे खड़ा कर LTIMindtree
LTIMindtree के Whole Time डायरेक्टर और सीओओ नचिकेत देशपांडे ने कहा है कि डिजिटल युग में तेजी से मूल्य निर्धारित करना प्रमुख मापदंड (Metric) है. GitHub के साथ साझेदारी करके LTIMindtree खुद को AI क्रांति में सबसे आगे खड़ा कर रहा है, जिसका लक्ष्य है 'AI in Everything, Everything for AI, and AI for Everyone.' हमारा लक्ष्य सेवाएं प्रदान करना है जो उत्पादकता, दक्षता और गुणवत्ता को बढ़ावा दें, और व्यवसायों को अधिक एगाइल बना कर उच्च प्रदर्शन प्राप्त करने में मदद करें.
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने में मिलेगी मदद
GitHub के चीफ रेवेन्यू ऑफिसर एलिजाबेथ पेमेरल, Chief Revenue Officer, ने कहा है कि हम LTIMindtree के साथ साझेदारी करने के लिए रोमांचित हैं, ताकि हम अपने ग्राहकों के AI ट्रांसफॉर्मेशन को बढ़ावा दे सकें. LTIMindtree की डिजिटल इंजीनियरिंग और AI में विशेषज्ञता के साथ GitHub के Copilot-पॉवर्ड प्लेटफॉर्म का उपयोग करके हम एंटरप्राइज को पूरे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट लाइफसाइकिल में AI को सहजता से समाहित करने में सक्षम बना रहे हैं. GitHub प्लेटफॉर्म पर अपने कार्यबल को प्रशिक्षित करने और GitHub Centre of Excellence स्थापित करने के लिए LTIMindtree का निवेश उन्हें एक नवप्रवर्तनक और रणनीतिक भागीदार के रूप में विशिष्ट रूप से स्थित करेगा, जो एंटरप्राइज को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने में मदद करेगा
AI-नेटिव SDLC को शक्ति प्रदान करेगा LTIMindtree का निवेश
एक ज्ञान संरचना तैयार करने में LTIMindtree का निवेश जो AI-नेटिव SDLC को शक्ति प्रदान करता है, ग्राहक संदर्भ, टेक्नोलॉजी बेस्ट प्रैक्टिसिस और एंड-टू-एंड सहसंबंध लाता है. GitHub पारिस्थितिकी तंत्र के साथ मिलकर कार्यक्षमताओं को और बढ़ाएगा और विभिन्न व्यक्तित्वों के बीच अनुभवों में सुधार करेगा, जिससे तेज़ मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित होगी. अगला कदम के रूप में, LTIMindtree GitHub पर अपने कार्यबल को प्रशिक्षित करने, GitHub Copilot और GitHub Enterprise Server पर प्रशिक्षण देने, और GitHub पारिस्थितिकी तंत्र को अपने एक्सेलेरेटरों और प्लेटफ़ॉर्मों में एकीकृत करने के लिए निवेश कर रहा है. यह गठबंधन LTIMindtree की डिजिटल इंजीनियरिंग में नेतृत्व की पुष्टि करता है और AI-आधारित नवाचार की अगली लहर को बढ़ावा देने की इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे एंटरप्राइज़ को उच्च प्रदर्शन, एगाइलिटी, और सतत विकास प्राप्त करने में मदद मिलती है..
ग्रेजुएट होने वाले स्टार्टअप्स में LEGO AI, Calibr, Pipeshift (पहले Xylem AI), CLIKA, BetterData, Syntonym, Enkrypt AI, और Portkey शामिल हैं.
इंटेलिजेंट डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी NetApp ने हाल ही में अपने फ्लैगशिप एक्सीलरेटर प्रोग्राम NetApp Excellerator के 13वें बैच के 8 स्टार्टअप्स की ग्रेजुएशन पूरी की. इस ग्रुप में दुनिया भर के होनहार डीप-टेक इनोवेटर्स शामिल थे, जैसे LEGO AI, Calibr, Pipeshift (पहले Xylem AI), CLIKA, BetterData, Syntonym, Enkrypt AI, और Portkey. Demo Day इवेंट में इन स्टार्टअप्स ने अपने नए और प्रभावी सॉल्यूशंस पेश किए. ये सॉल्यूशंस एनालिटिक्स, एडटेक, AI इंफ्रास्ट्रक्चर, MLOps, सिंथेटिक डेटा, बड़े भाषा मॉडल (LLM) की सेफ्टी टेस्टिंग जैसे कई क्षेत्रों में थे. इन स्टार्टअप्स ने निवेशकों, इंडस्ट्री के लीडर्स, मेंटर्स और NetApp के अधिकारियों के सामने अपनी योजनाएं रखीं और डिजिटल बदलाव की नई संभावनाओं को दिखाया.
Cohort 13 के ये स्टार्टअप्स अपने ग्राहकों के लिए GenAI (जनरेटिव AI) को और भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने में मदद कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, Pipeshift ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया है जो बिज़नेस को बड़े भाषा मॉडल (LLMs) को आसानी से ट्रेन, डिप्लॉय और स्केल करने में मदद करता है. CLIKA मशीन लर्निंग (ML) मॉडल्स को और बेहतर परफॉर्मेंस के लिए ऑप्टिमाइज़ कर रहा है. Enkrypt AI सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को हल कर रहा है और GenAI ऐप्स के लिए बेहतर विज़िबिलिटी दे रहा है, जिसे NetApp INSIGHT इवेंट में दिखाया गया. Syntonym प्राइवेसी टेक्नोलॉजी के साथ GenAI का इस्तेमाल करके सिंथेटिक चेहरे बना रहा है. ये सभी स्टार्टअप्स मिलकर बिज़नेस को AI अपनाने में मदद कर रहे हैं और नई-नई इनोवेशन को बढ़ावा दे रहे हैं.
NetApp के 2024 क्लाउड कॉम्प्लेक्सिटी रिपोर्ट के अनुसार, भारत AI और क्लाउड इनोवेशन में सबसे आगे है. इस रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में 70% कंपनियां AI प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं, जो कि ग्लोबल एवरेज 49% से काफी ज्यादा है. यह दिखाता है कि AI में सफलता पाने के लिए एक मजबूत और एकीकृत डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर कितना जरूरी है. Cohort 13 के दौरान, सभी स्टार्टअप्स ने इस विषय को समझा और इसी दिशा में काम किया.
NetApp इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर और VP ऑफ इंजीनियरिंग, वसंती रमेश ने कहा कि "पिछले सात सालों में, NetApp Excellerator स्टार्टअप्स के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गया है, जो नई तकनीकों की सीमाओं को बढ़ा रहे हैं. इस प्रोग्राम का उद्देश्य इनोवेशन को तेज़ करना और स्टार्टअप्स को डेटा का सही उपयोग करके बिजनेस ग्रोथ और कम्युनिटी पर सकारात्मक असर डालने के लिए तैयार करना है. Cohort 13 के दौरान, हमने स्टार्टअप्स के साथ मिलकर GenAI (जनरेटिव AI) को अपनाने और इनोवेशन को बढ़ावा देने में मदद की. हमारे सॉल्यूशंस और मेंटरशिप के जरिए, हम सहयोगी इनोवेशन को बढ़ावा देकर स्टार्टअप्स को सफलता का मंच देने में खुश हैं."
तकनीक क्षेत्र में बदलते ट्रेंड्स के साथ, NetApp Excellerator प्रोग्राम भी लगातार विकसित हो रहा है. NetApp के मेंटर्स, लीडर्स और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग ने डीप-टेक में बड़े बदलाव लाए हैं. इसका परिणाम यह है कि इसके एलुमनाई ने अब तक कुल 380 मिलियन यूएसडी से ज्यादा की फंडिंग जुटाई है.
2017 में लॉन्च होने के बाद से, NetApp Excellerator प्रोग्राम ने भारत में कॉर्पोरेट इनोवेशन के लिए टॉप 5 एक्सीलरेटर प्रोग्राम्स में अपनी जगह बनाई है, जिसे NexTT Awards ने मान्यता दी है. यह प्रोग्राम प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट (PoC) मॉडल पर आधारित है, जहां एंटरप्रेन्योर्स अपने सॉल्यूशंस का असली दुनिया में असर दिखा सकते हैं. NetApp के साथ काम करते हुए, स्टार्टअप्स अपने प्रोडक्ट्स को बेहतर बनाते हैं, नए यूज़ केस खोजते हैं और मार्केट में अपनी रणनीति को मजबूत बनाते हैं.
DigiLocker एक डिजिटल डॉक्यूमेंट्स कलेक्शन प्लैटफार्म है, जो वर्तमान में आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और सरकार द्वारा जारी किए गए कई अन्य दस्तावेजों को एक ही डिजिटल ऐप पर रखता है.
डिजिलॉकर (DigiLocker) के बारे में आपने अक्सर सुना होगा, जहां सभी सरकारी और जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन सुरक्षित रखे जाते हैं. अब आने वाले दिनों में शेयर या सिक्योरिटी को भी यहां रखा जा सकेगा. दरअसल, शेयर बाजार नियामक सेबी ने सिक्योरिटी मार्केट में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और लावारिस संपत्तियों की संख्या कम करने के लिए मंगलवार को डिजिलॉकर के उपयोग का प्रस्ताव दिया है. SEBI ने अपने कंसलटेशन पेपर में कहा कि डिपॉजिटरी और म्यूचुअल फंड को डिजिलॉकर पर डीमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग के विवरण उपलब्ध कराने चाहिए.
क्या होती हैं लावारिस संपत्तियां?
इसके अलावा सेबी ने यह सुझाव भी दिया कि केवाईसी का पंजीकरण करने वाली एजेंसियों (KRA) को निवेशक की मृत्यु की जानकारी डिजिलॉकर के साथ साझा करनी चाहिए. डिजिलॉकर का उपयोग करने वाले व्यक्ति अपने खातों के लिए व्यक्तियों को नामांकित कर सकते हैं. लावारिस शेयर वे स्टॉक होते हैं जिन्हें किसी कंपनी द्वारा डिस्ट्रीब्यूट करने के प्रयास के बाद भी शेयरधारकों द्वारा एकत्र नहीं किया गया है. डीमैट खाते के निष्क्रिय होने या अकाउंट में नया कॉन्टेक्ट अपडटे नहीं होने के कारण ऐसा हो सकता है.
सेबी के प्रस्ताव से क्या होगा फायदा?
इस प्रस्ताव का मकसद लावारिस और अज्ञात संपत्तियों को कम करना, और निवेशकों के हितों की रक्षा करते हुए वित्तीय निवेश का सही उत्तराधिकारियों तक सुचारू रूप से हस्तांतरण करना है. नियामक ने प्रस्ताव दिया कि उपयोगकर्ता की मृत्यु की स्थिति में, डिजिलॉकर भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से मृत्यु पंजीकरण की जानकारी या केआरए प्रणाली से मिली जानकारी के आधार पर खाते की स्थिति को अपडेट करेगा.
डिजिलॉकर एसएमएस और ईमेल के जरिये नामांकित व्यक्ति को स्वचालित रूप से इस संबंध में सूचित करेगा. इसके बाद नामित व्यक्ति मृतक के डिजिटल रिकॉर्ड तक पहुंच सकता है और संबंधित एएमसी या डिपॉजिटरी भागीदार (डीपी) से संपर्क करके संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. सेबी ने इन प्रस्तावों पर 31 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं.