बंद हो रही है PMVVY स्कीम, सीनियर सिटीजन्स ऐसे उठा सकते हैं डबल फायदा

सीनियर सिटीजन्स के लिए जहां SCSS की इन्वेस्टमेंट लिमिट को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है वहीं इसके जैसी दूसरी स्कीम, PMVVY को बंद किया जा रहा है.

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Thursday, 09 February, 2023
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सरकार ने एक तरफ जहां SCSS (सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम) की इन्वेस्टमेंट लिमिट को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया है, वहीं रिटायर हो चुके लोगों के लिए दूसरी स्कीम, PMVVY (प्रधानमंत्री वाया वंदना योजना) 31 मार्च 2023 को बंद होने जा रही है. फिलहाल PMVVY, रिटायर्ड लोगों को लगभग रिस्क फ्री रिटर्न्स के साथ 15 लाख रुपये तक इन्वेस्ट करने का विकल्प देती है. लेकिन अभी तक इस स्कीम को बढ़ाए जाने की कोई खबर नहीं है.

पहले जितना ही रहेगा कुल इन्वेस्टमेंट

इसलिए जहां 1 अप्रैल 2023 से सीनियर सिटीजन्स SCSS में 15 लाख रुपये तक एक्स्ट्रा इन्वेस्ट कर सकते हैं, वहीं ऐसी ही एक और स्कीम में 15 लाख रुपयों तक इन्वेस्ट करने का रास्ता उनके लिए बंद हो जाएगा. आसान शब्दों में कहें तो PMVVY को आगे नहीं बढ़ाए जाने पर 31 मार्च 2023 के बाद सीनियर सिटीजन्स के लिए बनायी गयी स्कीम्स में होने वाला कुल इन्वेस्टमेंट पहले जितना यानी 30 लाख रुपये ही रहेगा. हालांकि ऐसा होने के बावजूद, SCSS में 15 लाख रुपये की एक्स्ट्रा इन्वेस्टमेंट से सीनियर सिटीजन्स को फायदा होगा.

SCSS और PMVVY के कुछ मूल अंतर

SCSS सालाना आधार पर 8% इंटरेस्ट रेट के साथ क्वार्टरली भुगतान का विकल्प देती है जबकि PMVVY, 7.4% के सालाना इंटरेस्ट रेट के साथ मासिक भुगतान का विकल्प देती है. इतना ही नहीं, SCSS की कुल अवधी 5 साल है जो PMVVY की कुल अवधी का आधा है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 C के अंतर्गत, सीनियर सिटीजन्स SCSS में इन्वेस्टमेंट के जरिये 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती पर दावा करके अपने आप को टैक्स कटौती से बचा सकते हैं. PMVVY में की गयी इन्वेस्टमेंट्स किसी भी प्रकार से इनकम टैक्स बचाने के लिए मान्य नहीं हैं. फिलहाल सीनियर सिटीजन्स ओल्ड टैक्स रिजीम के अंतर्गत 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक की टैक्स फ्री इनकम का फायदा उठा रहे हैं. वहीं, 80 साल की आयु से ऊपर वाले सीनियर सिटीजन्स जिन्हें सुपर सीनियर सिटीजन्स भी कहा जाता है, ओल्ड टैक्स रिजीम में फिलहाल 5 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री इनकम लिमिट का फायदा उठा रहे हैं.

प्री-मैच्योर निकासी पर

इतना ही नहीं, SCSS में प्री-मैच्योर निकासी के विकल्प PMVVY के विकल्पों से काफी आसान हैं. SCSS में प्री-मैच्योर निकासी का विकल्प अकाउंट के खुलते ही, इंटरेस्ट जब्त होने या पेनल्टी विकल्पों के साथ उपलब्ध होता है. वहीं PMVVY अकाउंट को अगर एक साल से पहले बंद किया जाता है तो किसी प्रकार के इंटरेस्ट का भुगतान नहीं किया जाता और अगर इंटरेस्ट का भुगतान किया गया हो तो उसे प्रिंसिपल अमाउंट में से काट लिया जाता है और एक साल के बाद प्री-मैच्योर निकासी पर डिपाजिट का 1.5% अमाउंट पेनल्टी के रूप में काट लिया जाता है.

 ऐसे कर सकते हैं दोनों स्कीम्स में इन्वेस्ट

31 मार्च 2023 को बंद होने से पहले सीनियर सिटीजन्स PMVVY में इन्वेस्ट कर सकते हैं और साथ ही वे 1 अप्रैल 2023 से SCSS में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं. PMVVY के बंद होने से पहले इसमें की गयी इन्वेस्टमेंट, शर्तों के साथ पूरे 10 सालों की अवधी तक चलेगी. अगर PMVVY में इन्वेस्ट कर चुके व्यक्ति के पास थोड़े और फंड्स हों तो वह 31 मार्च के बाद SCSS में भी इन्वेस्ट कर सकता है. इससे 10 साल पूरे होने पर वह व्यक्ति PMVVY के माध्यम से अपनी 15 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट और SCSS में की गयी 30 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न्स प्राप्त कर सकता है. अगर आसान भाषा में कहें तो वह व्यक्ति कुल 45 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न प्राप्त करेगा.

आपको बता दें कि हर क्वार्टर में सरकार द्वारा SCSS जैसी स्माल सेविंग्स स्कीम्स पर इंटरेस्ट रेट्स को रिवाइज किया जाता है. तो अगर आप अगले क्वार्टर में अकाउंट खुलवाते हैं तो आपको वित्त वर्ष 2024 के पहले क्वार्टर के लिए तय किया गया रिवाइज्ड इंटरेस्ट रेट मिलेगा. हालाँकि आप जिस तारीख पर डिपाजिट करवाते हैं अगले 5 सालों तक आपको उसी डेट पर तय किया गया इंटरेस्ट रेट मिलेगा.

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FY24 के आखिरी दिन तूफानी तेजी के साथ बंद हुआ Share Market, निवेशकों की हुई बंपर कमाई

फाइनेंशियल ईयर 2024 के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिली. आज के बाद अब स्टॉक मार्केट सोमवार को खुलेगा.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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फाइनेंशियल ईयर 2024 के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही. ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 655.04 अंक की तेजी के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई (NSE) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 203.25 अंक की बढ़त के साथ 22,326.90 के स्तर पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 0.62% और 0.33% की बढ़त के साथ बंद हुए. बीएसई के सभी सेक्टरोल इंडेक्स भी हरे निशान में रहे. 

27 शेयर तेजी के साथ बंद

बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के 30 में से 27 शेयर आज तेजी के साथ बंद हुए. इसमें भी बजाज फिनसर्व (Bajaj Fiserv) के शेयरों में सबसे अधिक 3.91% की तेजी रही. इसके बाद बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), नेस्ले इंडिया (Nestle India), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पावर ग्रिड (Power Grid) के शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही और ये 2.20% से लेकर 2.98 फीसदी तक की तेजी के साथ बंद हुए. वहीं सेंसेक्स के सिर्फ 3 शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए. इसमें भी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) का शेयर 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा. वहीं एक्सिस बैंक (Axis Bank) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर 0.67% और 0.55% की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए. 

Byju's ने ली राहत की सांस, NCTL ने EGM पर नहीं लगाई रोक, जानें क्या पूरा मामला?

निवेशकों ने कमाए ₹3.27 लाख करोड़ 

बीएसई (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज बढ़कर 386.91 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी बुधवार 27 मार्च को 383.64 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है यानि निवेशकों की वेल्थ में करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

नए फाइनेंशियल ईयर का इंतजार

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिली. आज के बाद अब स्टॉक मार्केट सोमवार को खुलेगा. इस बीच में, शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छुट्टी है. निवेशकों को अब नए फाइनेंशियल ईयर का इंतजार है. दरअसल, अप्रैल महीने में कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होने वाले हैं. निवेशक अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों के तिमाही नतीजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं. 
 


Byju's ने ली राहत की सांस, NCTL ने EGM पर नहीं लगाई रोक, जानें क्या पूरा मामला?

निवेशकों के मुताबिक NCLT ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह EGM बुलाई गई है.

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Thursday, 28 March, 2024
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लिक्विडिटी की दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक कंपनी बायजू (Byju's) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बड़ी राहत दी है. NCLT ने बोर्ड डायरेक्टर्स की तरफ से बुलाई गई एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस बैठक को राइट्स इश्यू (Right Issue) को लेकर ऑथराइज्ड कैपिटल जुटाने के उद्देश्य से बुलाया गया है. अब इस मामले में NCLT अगले महीने 4 अप्रैल को सुनवाई करेगी. इसमें बाकी मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा, ईजीएम 29 मार्च को होनी है. 

निवेशकों और Byju's के बीच तकरार

निवेशकों के मुताबिक NCLT ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह EGM बुलाई गई है. 27 फरवरी को NCLT ने बायजू को राइट्स इश्यू से मिले पैसों को तब तक एस्क्रो खाते (Escrow Account) में रखने का निर्देश दिया जब तक कि चार निवेशकों की तरफ से दायर उत्पीड़न और खराब मैनेजमेंट से जुड़ी याचिका पर फैसला न आ जाए. ट्रिब्यूनल ने बायजूज राइट्स इश्यू की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करने का निर्देश दिया था ताकि इसके लिए अप्लाई करने के अधिकारों पर विपरीत असर न पड़े, हालांकि NCLT ने राइट्स इश्यू को रोकने की याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया. 

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मामले पर 4 अप्रैल को होगी सुनवाई

आज सुनवाई के दौरान निवेशकों ने यह भी कहा कि बायजू ने उन्हें EGM में वोट करने के तरीके पर फैसला लेने के लिए डॉक्यूमेंट्स देखने की भी मंजूरी नहीं दी. इसके अलावा सभी निवेशकों को कानून के मुताबिक EGM का नोटिस भी नहीं दिया गया है. वहीं, बायजू का कहना है कि निवेशकों को डॉक्यूमेंट देखने का मौका दिया गया था और सभी शेयरधारकों को EGM बुलाने का नोटिस भी दिया गया था. NCLT ने कहा कि चूंकि मामले पर 4 अप्रैल को सुनवाई होनी है तो अब अंतरिम आदेश पारित करने की कोई वजह नहीं दिखती है. 

निवेशकों ने EGM को बताया गैरकानूनी

NCLT में सुनवाई के दौरान निवेशकों ने कहा था कि राइट्स इश्यू के लिए कंपनी का कदम अवैध और गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. वहीं, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि निवेशक कंपनी के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं. 
 


रघुराम राजन को इस शख्‍स ने दिया जवाब, पैराशूट अर्थशास्‍त्री का दिया उदाहरण 

रघुराम राजन के बयान पर जहां नीति आयोग के सदस्‍य अरविंद विरमानी ने सवाल उठाया तो मोहनदास पाई ने भी जवाब देने में देरी नहीं लगाई.

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Thursday, 28 March, 2024
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 आरबीआई(RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की भारत की ग्रोथ को लेकर की गई टिप्‍पढ़ी के बाद अब कई अर्थशास्त्रियों ने उसका जवाब दिया है. नीति आयोग के सदस्‍य अरविंद विरमानी ने रघुराम राजन के बयान को लेकर  को लेकर कहा है कि वो भारत के बारे में ऐसे बात कर रहे हैं जैसे आज तक कभी भारत आए ही न हो. रघुराम राजन ने कहा कि था कि भारत अपनी ग्रोथ के बारे में हो रहे प्रचार पर विश्‍वास कर गलत कर रहा है. 

क्‍या बोले अरविंद विरमानी? 
रघुराम राजन के बयान पर अपनी बात कहते हुए अरविंद विरमानी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 
1990 के दशक के बीओपी संकट के दौरान, हमारे पास डब्ल्यूबी, आईएमएफ और अन्य एमडीबी अर्थशास्त्रियों के लिए एक शब्द हुआ करता था: ‘पैराशूट अर्थशास्त्री’ विरमानी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'दुख की बात है कि एक पूर्व आरबीआई गवर्नर उस व्यक्ति की तरह लगते हैं जिसने आधी सदी तक भारतीय अर्थव्यवस्था पर काम किया है. 

रघुराम राजन ने कही थी ये बात 
रघुराम राजन ने कहा कि एक साझात्‍कार के दौरान ये कहा था कि राजन ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है कि भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था नहीं बन पाएगा और उन्होंने कहा कि उस लक्ष्य के बारे में बात करना ‘बकवास’ होगा ‘यदि आपके बहुत से बच्चों के पास हाई स्कूल की शिक्षा नहीं है और ड्रॉप-आउट दरें ऊंची बनी हुई हैं’. उनके इस बयान के सामने आने के बाद कई जानकारों ने उसकी निंदा की थी. मोहनदास पाई ने उनके बयान को सिली को कहते हुए कहा था कि उनका बयान भारत की ग्राउंड स्थिति से मैच नहीं करता है. उन्‍होंने ये भी कहा कि आज देश में स्‍कूल ड्रापआउट कम हो रहा है, कालेज एडमिशन के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है. यही नहीं कई लोगों को रोजगार भी दिया गया है. 

शिक्षा पर काम करने की बजाए चिप बना रही है सरकार 
पेशे से शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त के प्रोफेसर के तौर पर तैनात राजन इससे पहले भारत में आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं. उन्‍होंने भारत की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि भारत को अगर 8 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल करती है तो उसे ज्‍यादा मेहनत करनी होगी. उन्‍होंने सरकार के द्वारा स्‍कूलों से लेकर शिक्षा व्‍यवस्‍था को ठीक करने की बजाए सरकार पर चिप इंडस्‍ट्री जैसे महत्‍वाकांक्षी काम करने को लेकर आलोचना की. 
उन्होंने शिक्षा प्रणाली को ठीक करने के लिए काम करने के बजाय चिप निर्माण जैसी हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी सरकार की आलोचना की
 


वॉटर प्यूरीफायर कारोबार में अब नहीं लग रहा HUL का मन, बेचने की है तैयारी!

HUL ने 2004 में यूरेका फोर्ब्स और केंट जैसे पहले से स्थापित ब्रैंड्स को टक्कर देते हुए बाजार में एंट्री ली थी.

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Thursday, 28 March, 2024
Photo Credit:  Pureit

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) अपने वॉटर प्यूरीफायर कारोबार (Water Purifier Business) को बेचने की योजना बना रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने संभावित खरीदारों से बातचीत भी शुरू कर दी है. HUL प्योरइट (Pureit) नाम से अपना वॉटर प्यूरीफायर कारोबार चलाती है. हालांकि, कंपनी की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. 

कुछ महीनों से जारी है बातचीत
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि HUL द्वारा वॉटर प्यूरीफायर कारोबार की बिक्री पर कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है. कंपनी अभी संभावनाएं तलाशी जा रही है. इसे लेकर पिछले कुछ महीने में HUL और संभावित खरीदारों के बीच चर्चा भी हुई है, जिसमें बड़े पैमाने पर निजी इक्विटी फंड भी शामिल हुए थे. अभी ये साफ नहीं है कि कंपनी अपने इस बिजनेस को क्यों बेचना चाहती है. हालांकि, माना जा रहा है कि वॉटर प्यूरीफायर मार्केट में बढ़ती प्रतियोगिता के चलते कंपनी ऐसा कर रही है.   

उधर पैरेंट कंपनी बेच रही स्टेक
HUL के वॉटर प्यूरीफायर बिजनेस की बिक्री की खबर ऐसे समय आई है, जब उसकी पैरेंट कंपनी यूनिलीवर पीएलसी वॉटर प्यूरिफिकेशन इक्युपमेंट बनाने वाले चीन के Qinyuan ग्रुप में अपनी बहुमत हिस्सेदारी बेच रही है. यूनिलीवर PLC ने चीन के इस कारोबारी ग्रुप में 2014 में हिस्सेदारी खरीदी थी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि यूनिलीवर PLC, Qinyuan ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मन बना चुकी है और प्रस्तावित बिक्री में Qinyuan का वैल्यूएशन करीब 300 मिलियन डॉलर हो सकता है.

2004 में हुई थी बाजार में एंट्री
HUL ने 2004 में यूरेका फोर्ब्स और केंट जैसे पहले से स्थापित ब्रैंड्स को टक्कर देते हुए बाजार में एंट्री ली थी. कंपनी ने पहले एंट्री-लेवल ग्रेविटी वॉटर प्यूरीफायर मार्केट में उतारा था. इसके बाद 2011 में कंपनी ने RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) वॉटर प्यूरीफायर लॉन्च किया. मौजूदा वक्त में इस मार्केट में कंपनी का दबदबा है, लेकिन पिछले कुछ समय से प्रतियोगिता बढ़ी है. गौरतलब है कि प्राइवेट इक्विटी फर्म एडवेंट इंटरनेशनल ने 2021 में यूरेका फोर्ब्स में शापूरजी पालोनजी ग्रुप से 4400 करोड़ रुपए में हिस्सेदारी हासिल की थी. HUL द्वारा वॉटर प्यूरीफायर में भी कुछ इक्विटी फंड ने दिलचस्पी दिखाई है.


इस प्राइवेट सेक्टर कंपनी का बड़ा ऐलान, वित्त वर्ष 2024-25 में जुटाएगी 6100 करोड़ रुपये

पब्लिक सेक्टर की कंपनी अपने वित्त वर्ष के 2024-25 के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है. कंपनी आने वाले वित्त वर्ष में 6100 करोड़ रुपये जुटाएगी.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
NHPC

पब्लिक सेक्टर की कंपनी NHPC के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6100 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि NHPC के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 27 मार्च को हुई बैठक में प्राइवेट प्लेसमेंट बेसिस (Private Placement Basis), टर्म लोन (Term Loan) या कई चरणों में एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग (External Commercial Borrowing) के आधार पर एक या अधिक किस्तों में नॉन-कनवर्टिबल कॉरपोरेट बॉन्ड (Non-Convertible Corporate Bond) के माध्यम से वित्त वर्ष 2024-25 में 6,100 करोड़ रुपये तक का लोन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया और मंजूरी दी.

मणिपुर के साथ खत्म होगा ज्वाइंट वेंचर

बैठक में इसके अलावा कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने NHPC की सब्सिडियरी और मणिपुर सरकार के साथ शुरू किए गए ज्वाइंट वेंचर लोकटक डाउनस्ट्रीम हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (Loktak Downstream Hydroelectric Power Corporation Limited) को बंद करने के लिए भी अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. अब इस क्लोजर के लिए DIPAM (लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग), बिजली मंत्रालय और और मणिपुर सरकार की मंजूरी ली जाएगी. 

सबसे बड़ा सवाल: क्या वाकई देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं पैसे?

88,900 करोड़ रुपये है NHPC का मार्केट कैप

NHPC का मार्केट कैप वर्तमान में बीएसई पर 88,900 करोड़ रुपये है. कंपनी का शेयर 27 मार्च को बीएसई पर 88.56 रुपये पर बंद हुआ. शेयर की कीमत में पिछले एक साल में 127 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया है. कंपनी में दिसंबर 2023 के आखिर तक सरकार की हिस्सेदारी 70.95 प्रतिशत और पब्लिक की 29.05 प्रतिशत थी. बीएसई के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर 2023 तिमाही में NHPC का रेवेन्यू 1,697.02 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 546.13 करोड़ रुपये रहा. 

NHPC के शेयर में दर्ज की गई तेजी

शेयर बाजार में आज यानी 28 मार्च को तेजी देखने को मिल रही है. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा की बढ़त के साथ 73,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी में भी 150 अंक से ज्यादा की तेजी है, ये 22,300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं NHPC के बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसले के बाद इसके शेयरों में तेजी देखी गई. NHPC के शेयर में 0.51 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. 
 


सबसे बड़ा सवाल: क्या वाकई देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं पैसे? 

निर्मला सीतारमण का कहना है कि उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

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Thursday, 28 March, 2024
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) नहीं लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है. सीतारमण ने कहा कि मैंने करीब 10 दिनों तक विचार करने के बाद 'ना' कर दिया. क्योंकि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. देश का वित्त मंत्रालय संभालने वालीं सीतारमण का पैसों का हवाल देकर चुनाव से पीछे हटना चर्चा का विषय बन गया है. 

वित्त मंत्री के नाम कोई कार नहीं
अब जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैसों की कमी का हवाला देकर चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है, तो यह भी जान लेते हैं कि उनके पास कितनी दौलत है. एक रिपोर्ट के अनुसार, निर्मला सीतारमण की कुल संपत्ति 2 करोड़ 50 लाख 99 हजार 396 रुपए है. इसमें चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल है. इसके अलावा, उनके पास 315 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी है. हालांकि, उनके पास कोई कार नहीं है, लेकिन एक बजाज चेतक स्कूटर उनके नाम पर है, जिसकी कीमत 28,200 रुपए है. 

निर्मला सीतारमण पर इतनी है देनदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास हैदराबाद के पास 16 लाख रुपए मूल्य की एक गैर कृषि भूमि है. उनकी अचल संपत्ति का कुल मूल्‍य 1,87,60,200 रुपए है. सीतारमण के ऊपर 73,07,458 रुपए की देनदारी भी है. राज्‍यसभा के लिए अपने चुनावी हलफनामे दायर करते हुए उन्होंने बताया था कि उनके पास केवल 17,200 रुपए कैश है. जबकि उनके पास 45,04,479 रुपए की बैंक FD है. हलफनामे में उन्होंने यह भी बताया था कि उनके पति के पास 25,300 रुपए कैश है. निर्मला सीतारमण के बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक में अकाउंट हैं. बता दें कि निर्मला सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य हैं.

शक्तिशाली महिलाओं में हैं शामिल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में 30 मई 2019 जो जिम्मेदारी संभाली थी, उसे अब तक वह बखूबी निभाती आई हैं. निर्मला सीतारमण को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री बनाया गया था. सितंबर 2017 से मई 2019 तक वह इस पद पर रहीं. इसके बाद मई 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. निर्मला सीतारमण की गिनती दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में होती है. निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय में एमफिल किया और यहीं से उन्होंने इंडो यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की. वित्त मंत्री के पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे, जबकि उनकी मां सावित्री सीतारण हाउसवाइफ थीं. 
 


IDFC फर्स्ट बैंक का साथ छोड़ने को बेकरार है ये कंपनी, आज हो सकती है बड़ी डील

वारबर्ग पिनकस ने इससे पहले दिसंबर में IDFC फर्स्ट बैंक में 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.

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Thursday, 28 March, 2024
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प्राइवेट सेक्टर के IDFC फर्स्ट बैंक को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वारबर्ग पिनकस (Warburg Pincus) से जुड़ी कंपनी क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट (Cloverdell Investment) IDFC फर्स्ट बैंक का साथ छोड़ने की तैयारी में है. कंपनी 28 मार्च यानी आज ब्लॉक डील के जरिए बैंक में मौजूद अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकती है. क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट के पास IDBI फर्स्ट बैंक में 2.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 

उछाल पर बंद हुए शेयर
क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट अपने 15.9 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है. फ्लोर प्राइज 75 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है, जो मौजूदा मार्केट प्राइज से 4 प्रतिशत डिस्काउंट पर है. रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) इस डील के लिए ब्रोकर नियुक्त किया गया है. बैंक के स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन की बात करें, तो 27 मार्च को बैंक के शेयर 0.26 प्रतिशत की उछाल के साथ 77.90 रुपए पर बंद हुए थे. हालांकि, इस साल अब तक ये शेयर 11.28% नीचे आ चुका है.

पहले भी बेची हिस्सेदारी
वारबर्ग पिनकस ने इससे पहले दिसंबर में IDFC फर्स्ट बैंक में 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी. यह डील ओपन मार्केट ट्रांजेक्शन के जरिए 790 करोड़ रुपए में हुआ था. बैंक की आर्थिक स्थिति पर नजर डालें, तो दिसंबर 2023 तिमाही में IDFC फर्स्ट बैंक का नेट प्रॉफिट 18% की बढ़ोतरी के साथ 716 करोड़ रुपए रहा था. इसी अवधि में बैंक की इंटरेस्ट इनकम बढ़कर 7,879 करोड़ रुपए रही. पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 5,912 करोड़ था. दिसंबर 2023 तिमाही में बैंक के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग रेशियो में भी सुधार देखने को मिला. यह पिछले साल की इसी अवधि के 2.95 प्रतिशत से घटकर 2.04 प्रतिशत हो गया. इसी तरह, नेट NPA 1.03% से घटकर 0.68% हो गया.

सीईओ की हुई तारीफ  
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन हाल ही में चर्चा में रहे थे. दरअसल, वैद्यनाथन ने पांच लोगों को बैंक 7 लाख शेयर दान किए, जिनकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए थी. प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया था वैद्यनाथन ने जिन पांच लोगों को शेयर गिफ्ट किए हैं उनमें सेवानिवृत्त एयरफोर्स अधिकारी और अपने माता-पिता को खो चुका एक बच्चा भी शामिल है. वैद्यनाथन ने मकान खरीदने के लिए समीर म्हात्रे को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 50,000 शेयर दान दिए. इसी के साथ उन्होंने अपने सहकर्मी के रिश्तेदार मयंक मृणाल घोष को 75,000 शेयर दिए. उन्होंने वायु सेना के रिटायर्ड विंग कमांडर संपत कुमार को 2.5 लाख शेयर उपहार स्वरूप दिए. इसके अलावा, ए कनौजिया को मकान खरीदने के लिए 2.75 लाख शेयर और मनोज सहाय को 50 हजार शेयर दिए हैं.  
 


कल लाल रंग से पीछा छुड़ाने में सफल रहा बाजार, आज इन शेयरों की बदल सकती है चाल!

शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है, क्योंकि कल गुड फ्राइडे के मौके पर बाजार बंद रहेगा.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) बुधवार को लाल रंग की गिरफ्त से बाहर निकलने में कामयाब रहा. रिलायंस के साथ ही बैंक, ऑटो और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में हुई लिवाली से बाजार को सपोर्ट मिला. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्‍स 526.01 अंक चढ़कर 72996.31 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 118.95 अंक मजबूत होकर 22123.65 के लेवल पर बंद हुआ. सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयर फायदे में रहे. बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है, क्योंकि कल शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर ट्रेडिंग नहीं होगी.  

इनमें है तेजी के संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Max Healthcare के साथ-साथ NLC India, Global Health, Metropolis Health, Prestige Estate और CESC में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव ऊपर चढ़ सकते हैं और ऐसे में आपके पास इन पर दांव लगाकर मुनाफा कमाने का मौका भी है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजर में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. वहीं, MACD ने Vinati Organics और GE Shipping में मंदी का रुख दर्शाया है. यानी इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. 

इनमें है मजबूत खरीदारी
मजबूत खरीदारी वाले शेयरों की बात करें, तो इस लिस्ट में Maruti Suzuki, Bajaj Auto, ABB India, Siemens, Dixon Technologies और Mankind Pharma शामिल हैं. मारुति के शेयरों में कल भी करीब तीन फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. इस तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैप  उछलकर 4 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया. यह मुकाम हासिल करने वाली मारुति 19वीं भारतीय कंपनी बन गई है. अभी तक रिलायंस, TCS, HDFC बैंक और इंफोसिस सहित कुल 18 कंपनियों ने ही यह माइलस्टोन छुआ है. 

इनमें बिकवाली का दबाव
वहीं, कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जिनमें बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है. इसमें Delta Corp, Relaxo Footwear, HLE Glasscoat, Sharda Cropchem, Rajesh Exports, Vinati Organics और Alkyl Amines शामिल हैं. डेल्टा कॉर्प के शेयर कल 4.04% की गिरावट के साथ 112.95 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 दिनों में ये शेयर 7.95% नीचे आ गया है और इस साल अब तक इसमें 25.45% की नरमी दर्ज हुई है. Relaxo Footwear की बात करें तो इसके लिए बुधवार अच्छा नहीं रहा. ये शेयर 3.87% के नुकसान के साथ कल 784 रुपए पर बंद हुआ. HLE Glasscoat में भी पिछले सत्र में गिरावट देखने को मिली. इन शेयरों में निवेश को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


AXIS और YES BANK के साथ जुड़ने के बाद अब इस बड़े बैंक से जुड़ सकता है PAYTM

पेटीएम के साथ मौजूदा समय में 3 करोड़ व्‍यापारी सूचीबद्ध हैं जिन्‍हें कंपनी ट्रांसफर करने के लिए कई बैंकों के साथ साझेदारी कर रही है. वहीं दूसरी ओर 9 करोड़ यूपीआई होल्‍डर भी हैं. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
Paytm

आरबीआई की कार्रवाई के बाद कई परेशानियों का सामना कर रहा पेटीएम अब तक दो बैंकों के साथ अपनी साझेदारी को कर चुका है. इसमें एक्सिस बैंक और यस बैंक शामिल हैं. लेकिन अब पेटीएम इसी कड़ी में एचडीएफसी बैंक के साथ जुड़ने की भी कोशिश कर रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पेटीएम का एचडीएफसी के साथ नाता जुड़ सकता है.पेटीएम मर्चेट माइग्रेसन बिजनेस के लिए इन बैंकों के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहा है. 

ये दो बैंक पहले ही जुड़ चुके हैं 
पेटीएम के साथ अभी तक एक्सिस बैंक और यस बैंक जुड़ चुके हैं. पेटीएम पर मौजूदा समय में 3 करोड़ से ज्‍यादा मर्चेंट हैं जो अभी तक पेटीएम पेमेंट बैंक के माध्‍यम से जुड़े हुए थे. लेकिन आरबीआई के पेटीएम पेमेंट बैंक के खिलाफ उठाए गए कदम के बाद अब पेटीएम नए बैंकों से साझेदारी कर रहा है. इस कदम से उसके तीन करोड़ मर्चेंट आसानी से ट्रांसफर हो सकेंगे. सबसे दिलचस्‍प बात ये भी है कि पेटीएम और भी कई बैंकों के साथ बात कर रहा है. इनमें कोटक महिंद्रा और केनरा बैंक भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इनसे भी जल्‍द ही पेटीएम की बात बन सकती है. हालांकि इस पर इन बैंकों ने कोई जवाब नहीं दिया है. इस हफ्ते एसबीआई और एचडीएफसी बैंक पेटीएम के साथ थर्ड पार्टी एप्‍लीकेशन प्रोवाइडर के रूप में जुड़ सकते हैं. पेटीएम के साथ मौजूदा समय में 9 करोड़ यूपीआई उपभोक्‍ता हैं. 

15 मार्च को जुड़े थे एक्सिस बैंक और यस बैंक 
इससे पहले पेटीएम के साथ यस बैंक और एक्सिस बैंक जुड़ चुके हैं. दोनों बैंक 15 मार्च को पेटीएम के साथ जुड़े थे. ये वही तारीख है जो आरबीआई की ओर से पेटीएम पेमेंट बैंक के काम करने की आखिरी तारीख घोषित की गई थी. इससे पहले नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की साइट पर एसबीआई और एचडीएफसी को पेटीएम के साथ जुड़ने के मामले में प्रगतिशील दिखाया गया था. 

31 जनवरी को पेटीएम के खिलाफ आरबीआई ने उठाया था कदम 
31 जनवरी को आरबीआई की ओर से पेटीएम के खिलाफ सख्‍त कदम करते हुए पेटीएम पेमेंट बैंक को बंद कर दिया गया था. आरबीआई ने उसके आगे काम करने पर रोक लगाते हुए किसी भी नए कस्‍टमर को न जोड़ने के निर्देश दिए थे. आरबीआई की ओर से उसे इस्‍तेमाल कर रहे लोगों को परेशानी से बचाने के लिए विशेष गाइडलाइन भी जारी की गई थी, जिससे उन्‍हें ज्‍यादा परेशानी का सामना न करना पड़े. 

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नई शुरुआत: आज से इन चुनिंदा शेयरों में होगा T+0 ट्रेड सेटलमेंट, देख लें पूरी लिस्ट

शेयर बाजार में 28 मार्च से एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. कई शेयरों में T+0 ट्रेड सेटलमेंट की शुरुआत होगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में T+0 ट्रेड सेटलमेंट पर एक बड़ा अपडेट आया है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने ऐसे 28 शेयरों की लिस्ट जारी कर दी है, जिन पर आज से यह सुविधा प्रदान की जाएगी. BSE के साथ NSE भी 25 मार्च से कुछ शेयरों के लिए T+0 ट्रेड सेटलमेंट शुरू करने के लिए तैयार है. इसका मतलब है कि बाजार में कुछ शेयर T+0 साइकल के साथ सेटल होंगे. फिलहाल, यह व्यवस्था केवल चुनिंदा शेयरों के लिए है, लेकिन बाद में इसे सभी के लिए लागू किया जा सकता है.

अभी क्या है व्यवस्था?
मौजूदा समय में T+1 व्यवस्था के साथ ट्रेड सेटलमेंट होता है. इससे पहले T+2 व्यवस्था लागू थी. T+2 से T+1 की यात्रा तीन चरणों में मार्च 2023 में पूरी हुई थी. अब कल यानी 28 मार्च से एक नई शुरुआत होने वाली है. फिलहाल, किसी स्टॉक को बेचने के एक दिन बाद पैसा आपके खाते में ट्रांसफर हो सकता है. इस व्यवस्था को T+1 कहते हैं. यानी ट्रेडिंग डे + 1 दिन. आज से 25 चुनिंदा शेयरों के लिए यह व्यवस्था T+0 हो जाएगी. कहने का मतलब है कि आपके शेयर बेचते ही पैसा तुरंत आपके खाते में आ जाएगा. 

कई देशों में T+2 व्यवस्था
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ट्रेड्स के तुरंत निपटारे की योजना पर पिछले काफी समय से काम कर रहा था, जिस पर अब अमल की शुरुआत हो रही है. पिछले साल सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने बताया था कि सेबी स्टॉक एक्सचेंज पर तुरंत निपटान की एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत शेयर बेचने के तुरंत बाद आपके खाते में पैसे आ जाएंगे. इसमें एक दिन का भी वक्त नहीं लगेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि भारत पहली ऐसी इकोनॉमी है, जिसने अपने सभी शेयरों के लिए T+1 व्यवस्था को लागू कर दिया है. जबकि दुनिया के ज्यादातर मार्केट T+2 व्यवस्था पर काम करते हैं. 

क्या होगा इससे फायदा?
मौजूदा व्यवस्था के तहत यदि आप कोई शेयर बेचते हैं, तो उसका पैसा आपके डीमैट अकाउंट में 24 घंटे बाद क्रेडिट होता है. लेकिन यदि T+0 सिस्टम के चलते पैसा तुरंत मिल जाएगा. आपको इसके लिए 24 घंटे का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इससे मार्केट में अधिक मात्रा में नकदी उपलब्ध हो सकेगी, जिससे निवेशक ज्यादा मात्रा में खरीद-बिक्री कर पाएंगे.  .

ये हैं एलिजिबल शेयर
T+0 सेटलमेंट साइकल के लिए एलिजिबल शेयरों में Ambuja Cements, Ashok Leyland, Bajaj Auto Ltd, Bank of Baroda, BPCL, Birlasoft, Cipla, Coforge, Divis Laboratories, Hindalco Industries, Indian Hotels Co, JSW Steel, LIC Housing Finance, LTI Mindtree, MRF,  Nestle India, NMDC, ONGC, Petronet LNG, Samvardhana Motherson International, State Bank of India, Tata Communications, Trent, Union Bank of India और Vedanta.