Fintech कंपनी Phone pe ने इस कंपनी से जुटाए $200 मिलियन डॉलर 

देश में कारोबार करने वाली कई फिनटेक कंपनियों में से एक Phone pe 1 बिलियन डॉलर की रकम जुटाने को लेकर काम कर रही है. 

Last Modified:
Friday, 17 March, 2023
phone pe

एक ओर जहां बाजार में लगातार कैश क्रंच की समस्‍या बनी हुई है ऐसे में नामी फिनटेक कंपनी फोनपे ने कहा है कि उसने वॉलमार्ट से 12 अरब डॉलर के प्री-मनी वैल्यूएशन पर प्राइमरी कैपिटल में 200 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त रकम जुटाई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार  कंपनी ने भारत में कारोबार के अपने कदम के बाद $ 1 बिलियन जुटाने की प्रक्रिया में है, जिस पर वो पिछले एक साल से काम कर रही है. इसके अलावा, कंपनी अब तक कई ग्‍लोबल इंवेस्‍टरों से 650 मिलियन डॉलर जुटाने में भी कामयाब रही है. 


इस पैसे को दूसरी जगह लगाना चाहती है कंपनी  
कंपनी इस पैसे को कई नई तरह के कारोबार में लगाना चाहती है जिसमें बीमा, धन प्रबंधन, उधार, स्टॉकब्रोकिंग, ओएनडीसी-आधारित खरीदारी जैसे क्षेत्र शामिल हैं. कंपनी इस पैसे से यूपीआई पेमेंट के क्षेत्र में यूपीआई लाइट और यूपीआई पर क्रेडिट सहित ग्राहक को दी जाने वाली अगली शुरुआत करने के बारे में भी सोच रही है, जिसमें उसे मदद मिलेगी.

इस पर फोन पे ने क्‍या कहा 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिनटेक कंपनी के संस्थापक और सीईओ, समीर निगम ने कहा कि हम अपने बहुसंख्यक निवेशक वॉलमार्ट को धन्यवाद देना चाहते हैं, जिन्होंने हमारी लॉन्‍गटर्म आकांक्षाओं का निरंतर समर्थन किया है. समीर ने कहा कि हम इस बात को लेकर उत्‍साहित हैं कि हम इस पैसे के जरिए देश में अपनी ग्रोथ को एक अगले चरण में ले जाना चाहते हैं. हम भारत के अपने उपभोक्‍ताओं को नई सुविधा के फाइनेंशियल इंक्‍लूजन भी देना चाहते हैं. 

कब बनी थी फोन पे 
 PhonePe की स्थापना 2015 में फ्लिपकार्ट के पूर्व अधिकारियों में एक समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर द्वारा की गई थी, और 2016 में सचिन- और बिन्नी बंसल द्वारा स्थापित कंपनी ने इसका अधिग्रहण कर लिया था. वहीं वर्ष 2018 में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का अधिग्रहण भी कर लिया था और PhonePe इसका हिस्सा था. ये डिजिटल पेमेंट कंपनी फ्लिपकार्ट का तीसरा बड़ा अधिग्रहण था इससे पहले वो फिएनजीपे और एफएक्स मार्ट प्राइवेट लिमिटेड को भी अधिग्रहीत कर चुकी है. 

भारत लौटने पर क्‍या बोले समीर निगम 
फोन पे इस साल सिंगापुर से भारत में ट्रांसफर हुई थी जिसके बाद इसे अपने निवेशकों को 8,000 करोड़ रुपये चुकाने पड़े थे. उस समय PhonePe के सह-संस्थापक और सीईओ समीर निगम ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि भारत वापस जाना एक सही निर्णय था क्योंकि कंपनी ने सबसे पहले यहीं से शुरुआत की थी और इस पर ध्यान केंद्रित किया था. उन्‍होंने कहा कि मुझे लगता है कि PhonePe का मिशन लगातार जारी है और जो कंपनी लगातार बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल इंक्‍लूजन और डिजिटलीकरण की दिशा में काम कर रही है. उन्‍होंने भारत में लौटने को लेकर कहा कि भारत वह जगह है जहां से हमने शुरुआत की थी और जहां हम केंद्रित हैं हमारा निर्णय सही साबित हुआ है. 
 


Spotify पर अब नहीं सुनाई देंगे Zee Music के गाने, जानें क्या है मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दोनों कंपनियों के बीच रॉयल्टी रेट को लेकर सहमति नहीं बन पाई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

ऑडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Spotify और Zee Music के बीच बात नहीं बन पाई है. इसके चलते Spotify ने अपने प्लेटफॉर्म से जी म्यूजिक के ढेरों बॉलीवुड गाने हटा लिए हैं. चार्टबस्टर और कई पुराने बॉलीवुड हिट अब स्पॉटिफाई से गायब हो चुके हैं. बता दें कि दोनों कंपनियों ने पूर्व में एक करार किया हुआ था, जिसके तहत Spotify अपने प्लेटफॉर्म पर Zee Music द्वारा रिलीज गाने उपलब्ध करा रहा था. हाल ही में दोनों के बीच लाइसेंसिंग समझौता समाप्त हो गया और उसे आगे बढ़ाने पर सहमति नहीं बन पाई.  

हटाए गए ये गाने
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Spotify ने काला चश्मा, अपना बना ले, बाजीराव मस्तानी, कलंक, मैय्या मैनु, मखना, नमो नमो सहित ZEE Music के कई गानों को हटा दिया है. दोनों कंपनियों के बीच डील खत्म होने के चलते अब बॉलीवुड म्यूजिक के फैंस जी म्यूजिक द्वारा रिलीज गाने इस ऑडियो-स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर नहीं सुन पाएंगे. Spotify ने पुष्टि की है कि Zee Music के साथ लाइसेंसिंग समझौता रिन्यू नहीं होने के कारण उसने कई बॉलीवुड गानों को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है.

इस वजह से अटकी बात
Zee Music भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक लेबल कंपनियों में से एक है. ये कंपनी, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज का एक हिस्सा है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दोनों कंपनियों के बीच रॉयल्टी रेट को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. दरअसल, Zee Music ने स्पॉटिफाई पर अपने म्यूजिक कैटलॉग की बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनजर ज्यादा रॉयल्टी रेट की मांग की थी, जिसके लिए Spotify तैयार नहीं है. इसी वजह से दोनों कंपनियों के बीच करार पर सहमति नहीं बन पाई है.

बातचीत को तैयार, लेकिन...
वहीं, Spotify की तरफ से कहा गया है कि वो पहले से ही Zee Music को हायर रॉयल्टी रेट उपलब्ध करा रहा है, ऐसे में इसमें इजाफे की Zee की मांग अनुचित है. Zee Music ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि वो इस मुद्दे पर Spotify से बातचीत करने को तैयार है, लेकिन उसकी मांग में कोई बदलाव नहीं आएगा. दोनों कंपनियां जिस तरह से अपने स्टैंड पर कायम है, उसे देखते हुए लगता नहीं कि दोनों जल्द किसी समझौते पर पहुंच पाएंगे. 


मुकेश अम्बानी के पीछे-पीछे हैं गौतम अडानी, बहुत कम है फासला

संपत्ति में 20% की गिरावट होने के बावजूद RIL के CEO ने 82 बिलियन डॉलर्स की नेट वर्थ के साथ इस लिस्ट में पूरी दुनिया के लोगों के बीच नौवीं रैंक प्राप्त की है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
Mukesh Ambani Gautam Adani

 

RIL (रिलायंस इंडिया लिमिटेड) के चेयरमैन और एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अम्बानी, ‘Hurun Global Rich List’ में शामिल होने वाले इकलौते भारतीय बन गए हैं. ‘Hurun Global Rich List’ को आज जारी किया गया जिसके बाद यह जानकारी सामने आई है. 

लगातार तीसरे साल मुकेश अम्बानी बने सबसे अमीर एशियन
अपनी संपत्ति में 20% की गिरावट होने के बावजूद RIL के CEO ने 82 बिलियन डॉलर्स की नेट वर्थ के साथ इस लिस्ट में पूरी दुनिया के लोगों के बीच नौवीं रैंक प्राप्त की है. यह जानकारी रिसर्च प्लेटफॉर्म Hurun और रियल एस्टेट ग्रुप M3M द्वारा मिलकर जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है. इस रिपोर्ट का नाम ‘The 2023 M3M Hurun Global Rich List’ है. मुकेश अम्बानी ने लगातार तीसरे साल सबसे अमीर एशियन का ताज अपने नाम किया है. पिछले साल दिसंबर में मुकेश अम्बानी ने रिलायंस के अध्यक्ष के पद पर अपने 20 साल पूरे किये थे और इस दौरान मुकेश अम्बानी की कमाई में 17 गुना और प्रॉफिट में 20 गुना की वृद्धि देखने को मिली थी. 

ये हैं भारत के सबसे अमीर अरबपति
भारतीय अरबपतियों में मुकेश अम्बानी सबसे आगे हैं और उनके बाद गौतम अडानी का नाम आता है जिनकी नेट वर्थ 53 बिलियन डॉलर्स है. साइरस पूनावाला इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर थे और उनकी नेट वर्थ 28 बिलियन डॉलर्स की है. शिव नादर और उनका परिवार इस लिस्ट में चौथे स्थान पर हैं और उनकी नेट वर्थ 27 बिलियन डॉलर्स है. इस लिस्ट में पांचवे स्थान पर लक्ष्मी मित्तल का नाम आता है जिनकी नेट वर्थ 20 बिलियन डॉलर्स की है. 

हिंडनबर्ग रिपोर्ट की वजह से लिस्ट में नीचे गिरे अडानी
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट की बदौलत गौतम अडानी को हर हफ्ते 28 बिलियन डॉलर्स या 3000 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा था. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनीपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड जैसे आरोप लगाए थे और ग्रुप के बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता भी जताई थी. गौतम अडानी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया था. 

पैसे गंवाने वालों में जेफ बेजोस हैं सबसे आगे 
पिछले साल के दौरान अमेजन क्रिएटर जेफ बेजोस (Jeff Bezos) ने सबसे ज्यादा पैसा गंवाया है. अमेजन के अरबपति फाउंडर ने एक साल के दौरान पर्सनल तौर पर 70 बिलियन डॉलर्स गंवाए हैं जो अडानी और अम्बानी द्वारा खोये गए पैसे को मिलाकर तुलना करने पर भी बहुत ज्यादा है. लिस्ट में बताया गया है कि, सबसे ज्यादा पैसे जेफ बेजोस ने गंवाए हैं जबकि पैसे गंवाने वालों कि लिस्ट में अडानी छठे तो अम्बानी सातवें स्थान पर हैं.

यह भी पढ़ें: RBI का आदेश: संडे को भी खुलेंगे बैंक, 31 मार्च तक नहीं होगी कोई छुट्टी 

 


RBI का आदेश: संडे को भी खुलेंगे बैंक, 31 मार्च तक नहीं होगी कोई छुट्टी 

रिजर्व बैंक के आदेश के अनुसार सभी बैंक 31 मार्च तक लगातार खुले रहेंगे, यानी संडे को भी उनकी छुट्टी नहीं होगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को 31 मार्च तक बना किसी छुट्टी के सभी शाखाएं खुली रखने का आदेश दिया है. जिसका मतलब है कि बैंकों में रविवार को भी कामकाज होगा. RBI की तरफ से कहा गया है कि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 खत्म हो रहा है. सरकार से जुड़े सभी लेन-देन इस तारीख तक पूरे हो जाने चाहिए. नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम के जरिए होने वाले लेन-देन 31 मार्च की रात 12 बजे तक जारी रहेंगे.

1-2 अप्रैल को बंद रहेंगे बैंक
आरबीआई के अनुसार, सभी बैंक अपनी शाखाओं को सरकारी ट्रांजेक्शनों से जुड़े काउंटर ट्रांजेक्शनों के लिए काम करने के सामान्य समय के अनुरूप 31 मार्च 2023 तक खुला रखें. सरकारी चेक के कलेक्शन के लिए स्पेशल क्लियरिंग कंडक्ट किए जाएंगे, जिसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स (DPSS) जरूरी निर्देश जारी करेगा. RBI के आदेश के मुताबिक, बैंकों को अपनी सभी शाखाएं 31 मार्च तक खुली रखनी होंगी. हालांकि, 31 मार्च के बाद यानी अप्रैल की पहली और दूसरी तारीख को बैंक बंद रहेंगे.  

देर तक खुलेगी रिपोर्टिंग विंडो
रिजर्व बैंक ने आदेश में कहा गया है कि 31 मार्च को सरकारी चेकों को क्लियर करने के लिए स्पेशल क्लीयरिंग का आयोजन भी किया जाएगा और इसके लिए RBI का DPSS (डिपार्टमेंट ऑफ पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स) आवश्यक निर्देश जारी करेगा. RBI को केंद्र और राज्य सरकारों के ट्रांजेक्शनों की रिपोर्टिंग के सम्बन्ध में RBI ने कहा है कि, GST की अपलोडिंग और TIN 2.0 ई-रिसिप्ट लगेज फाइल्स की रिपोर्टिंग के लिए 31 मार्च की रिपोर्टिंग विंडो को 1 अप्रैल को 12 बजे तक के लिए खुला रखा जाएगा. 


मामूली राहत के बाद UK में फिर महंगाई की मार, क्या अब भी बढ़ेंगी ब्याज दरें?  

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि महंगाई ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

ब्रिटेन में महंगाई से लोगों को मुक्ति नहीं मिल रही है. तीन महीने की मामूली राहत के बाद फरवरी में महंगाई ने फिर से छलांग लगाकर लोगों की परेशानियों में इजाफा कर दिया है. राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Prices Index) फरवरी में बढ़कर 10.4 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो जनवरी में 10.1 प्रतिशत था. इस खबर ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की चिंता भी बढ़ा दी है, क्योंकि ब्रिटेनवासियों ने इसी उम्मीद के साथ उन्हें सत्ता में पहुंचाया था कि वह उन्हें चढ़ती कीमतों से मुक्ति दिलाएंगे.  

लक्ष्य से 5 गुना अधिक
ब्रिटेन में महंगाई सभी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. मुद्रास्फीति बैंक ऑफ इंग्लैंड के दो प्रतिशत के लक्ष्य से पांच गुना से भी अधिक बनी हुई है. हालांकि अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि साल के अंत तक कीमतों में गिरावट आ सकती है. महंगाई के इस आंकड़े ने बैंक ऑफ इंग्लैंड की मुश्किलों में भी इजाफा कर दिया है, उसके लिए भी गुरुवार को होने वाली बैठक में ब्याज दरों में इजाफे का फैसला लेना आसान नहीं होगा.   

पड़ेगी दोहरी मार!  
भारतीय रिजर्व बैंक की तरह ही बैंक ऑफ इंग्लैंड भी महंगाई कम करने के लिए पिछले कुछ समय से लगातार ब्याज दरों में इजाफा कर रहा है, लेकिन उसके प्रयासों का कोई खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है. ब्रिटेन में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. अब यदि ऐसे में बैंक ऑफ इंग्लैंड फिर से ब्याज दरों में वृद्धि करता है, तो आम आदमी के लिए यह दोहरी मार होगी.

फूड बैंकों पर निर्भरता बढ़ी
उधर, बढ़ती महंगाई के बीच ब्रिटेन में फूड बैंकों पर आम लोगों की निर्भता बढ़ती जा रही है. फूड बैंक लोगों को मुफ्त भोजन बांटते हैं, इसलिए महंगाई से त्रस्त लोग लगातार यहां पहुंच रहे हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर से ही फूड बैंकों पर निर्भर लोगों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है. महंगाई के चलते लोगों के लिए जरूरत का सामान खरीदना मुश्किल हो गया है, ऐसे में उनके लिए फूड बैंक ही पेट भरने का एकमात्र साधन हैं.


Adani Airport के सीईओ ने कही ऐसी बात, जिससे सियासी लोगों को मिलेगा नया Tonic

उन्होंने कहा कि पहले चरण के तहत कंपनी नवी मुंबई एयरपोर्ट पर दिसंबर 2024 तक परिचालन शुरू कर देगी. इस नवी मुंबई हवाई अड्डे के पहले चरण में यात्रियों को संभालने की क्षमता 20 मिलियन होगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
Adani Airport

भले ही देश के हवाई अड्डों का संचालन अडानी एयरपोर्ट  को दिए जाने को लेकर विपक्ष, सरकार को घेरता रहता हो लेकिन अडानी एयरपोर्ट के सीईओ ने एक ऐसी बात की है जो कई लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है. अडानी एयरपोर्ट के सीईओ ने कहा है कि वो आने वाले समय में देश के और हवाई अड्डों के लिए काम करना चाहता है. मौजूदा समय में अडानी एयरपोर्ट 6 हवाई अड्डों का संचालन कर रहा है. वहीं सरकार आने वाले समय में और ज्‍यादा हवाई अड्डों को प्राइवेटाइज करने की योजना पर काम कर रही है.  

क्‍या बोले कंपनी के सीईओ 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अडानी एयरपोर्ट कंपनी के सीईओ अरुण बंसल ने कहा कि भारत में अगले कुछ वर्षों में लगभग एक दर्जन से अधिक हवाईअड्डों का निजीकरण होने की उम्मीद है और बंसल ने कहा कि समूह बोली में भाग लेगा. भारत का अडानी एयरपोर्ट, अरबपति गौतम अडानी के समूह का हिस्सा है, जो देश में अग्रणी एयरपोर्ट ऑपरेटर बनने की अपनी महत्वाकांक्षा में और अधिक एयरपोर्ट के लिए बोली लगाएगा. सरकार द्वारा हवाई अड्डे के निजीकरण के अंतिम राउंड में, अडानी एयरपोर्ट्स ने छह हवाई अड्डों के संचालन के लिए बोलियाँ जीत ली हैं. 

मौजूदा समय में अडानी के पास कौन से हैं एयरपोर्ट 
मौजूदा समय में भी अडानी एयरपोर्ट देश में कुछ हवाई अड्डों का संचालन कर रहा है. इसमें देश का नवी मुंबई स्थित अडानी समूह का 2,866 एकड़ का हवाई अड्डा शामिल है जो 2036 तक 90 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता हासिल कर लेगा. इसी तरह राजधानी दिल्‍ली का एयरपोर्ट भी आने वाले समय में 70 मिलियन यात्रियों की अंतिम क्षमता वाला एयरपोर्ट बन जाएगा. इसका विकास ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा किया जा रहा है. अन्य ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे कर्नाटक, गुजरात और आंध्र प्रदेश राज्यों में आएंगे.

अडानी एयरपोर्ट में कितनी हुई है बढ़ोतरी 
मौजूदा समय में अडानी एयरपोर्ट के पास 6 हवाईअड्डे हैं जिनका वो संचालन कर रहा है. इनमें पिछले कुछ सालों में घरेलू यात्रियों में 92 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में 133 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. इसी तरह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या में क्रमश: 58 फीसदी और 61 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. सीईओ अरुण बंसल ने कहा कि अडानी एयरपोर्ट्स देश के एविएशन मार्केट को लेकर उत्साहित है और वो इससे अधिक एयरपोर्ट्स पर काम करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पहले चरण के तहत कंपनी नवी मुंबई एयरपोर्ट पर दिसंबर 2024 तक परिचालन शुरू कर देगा. इस नवी मुंबई हवाई अड्डे के पहले चरण में यात्रियों को संभालने की क्षमता 20 मिलियन होगी. अडानी एयरपोर्ट्स मुंबई एयरपोर्ट का संचालन भी कर रहा है. केंद्र सरकार हवाईअड्डों पर अगले दो वर्षों में लगभग 980 अरब रुपये (12 अरब डॉलर) खर्च करने की योजना बना रहा है. 

एयरपोर्ट की संख्‍या को 220 तक ले जाने का है लक्ष्‍य 
दरअसल सरकार की ओर से एयरपोर्ट सेक्‍टर को बढ़ावा देने के लिए हर स्‍तर पर प्रयास किया जा रहा है. सरकार मौजूदा एयरपोर्ट की संख्‍या को 148 से 2025 तक 220 करना चाहती है, जिसके लिए निजी बिल्डर्स लगभग 9 बिलियन डॉलर का निवेश करेंगे और बाकी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण निवेश करेगा. अगले पांच वर्षों में, केंद्र का इरादा महाराष्ट्र में नवी मुंबई, कर्नाटक में विजयपुरा, हासन और शिवमोग्गा, उत्तर प्रदेश में नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर और आंध्र प्रदेश में भोगापुरम में नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों का निर्माण करना है. केंद्र का इरादा क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस)-उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) बुनियादी ढांचा योजना के तहत 2024 तक 100 हवाई अड्डों को विकसित करने का है.


 


6 महीने में 26% गिरा शेयर, दिग्गज investor ने किया किनारा; फिर भी चढ़ रहा भाव

Dunearn इनवेस्टमेंट्स मॉरीशस प्राइवेट लिमिटेड ने खुले बाजारों में देवयानी के 3.44 करोड़ शेयर बेच दिए, जो 2.85 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

भारत में KFC, Pizza Hut और Taco Bell चलाने वाले यम ब्रैंड्स (Yum Brands) की सबसे बड़ी फ्रेंचाइजी देवयानी इंटरनेशनल (Devyani International) को सिंगापुर के निवेशक ने करारा झटका दिया है. बीते कुछ दिनों से कंपनी के शेयरों में आ रही गिरावट के बीच सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स (Temasek Holdings) ने देवयानी इंटरनेशनल में अपनी करीब 3 फीसदी कम कर दी है. टेमासेक ने देवयानी में अपनी सब्सिडियरी कंपनी Dunearn के जरिए निवेश किया हुआ है.

बेच डाले 3.44 करोड़ शेयर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Dunearn इनवेस्टमेंट्स मॉरीशस प्राइवेट लिमिटेड ने खुले बाजारों में देवयानी के 3.44 करोड़ शेयर बेच दिए, जो 2.85 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. हालांकि, फिलहाल टेमासेक का ये झटका देवयानी इंटरनेशनल के लिए अच्छा साबित होता नजर आ रहा है. कंपनी के शेयरों में आज तेजी का रुख है. खबर लिखे जाने तक कंपनी के शेयर उछाल के साथ 143 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे.  

फ्रैंकलिन टेम्पलेटन ने खरीदे शेयर
दिसंबर 2020 तक टेमासेक की देवयानी में 5.88 फीसदी हिस्सेदारी थी. जिसमें से अब उसने अपनी 2.85 फीसदी हिस्सेदारी 499.4 करोड़ रुपए में बेच दी है. टेमासेक की सब्सिडियरी ने Dunearn जो शेयर बेचे हैं, उसमें से फ्रैंकलिन टेम्पलेटन म्यूचुअल फंड ने 62 लाख शेयर यानी 0.51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. फ्रैंकलिन ने ये शेयर 145 रुपए के भाव पर खरीदे हैं. 

ऐसी है कंपनी की बैलेंसशीट 
कंपनी की बैलेंसशीट की बात करें, तो दिसंबर तिमाही में उसका कुल रिवेन्यु 790.60 करोड़ रुपए था, जो पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही की तुलना में 26.61 प्रतिशत ज्यादा है. देवयानी इंटरनेशनल की नेट इनकम 71.67 करोड़ रुपए है. कंपनी जे शेयरों का 52 वीक का हाई लेवल 215 रुपए है और यह फिलहाल इससे काफी नीचे कारोबार कर रहा है. बीते छह महीनों में यह 27.14% नीचे लुढ़क चुका है. 


Fashion Industry की ऐसी Growth देख आप भी कहेंगे - वाह भाई वाह

इक्रा की रिपोर्ट में बताया गया है कि फैशन रिटेलर्स ने FY2022 में अपनी स्टोर विस्तार योजनाओं को फिर से आकार देना शुरू किया, जो FY2023 में भी जारी रही.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

फैशन इंडस्ट्री के 'अच्छे दिन' चल रहे हैं. पिछले कुछ वक्त में इससे जुड़ी कंपनियों की बैलेंसशीट मजबूत हुई है. रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में फैशन रिटेलिंग कंपनियों की आय लगभग 55% बढ़ गई. इसमें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान फेस्टिवल सीजन के मौके पर हुई जबरदस्त बिक्री का काफी योगदान रहा.  

ब्रैंडेड कपड़ों पर ज्यादा खर्च
रिपोर्ट के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में फैशन रिटेलर्स की बिक्री 45% बढ़ने का अनुमान है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ ली है. लोगों ने ब्रैंडेड कपड़ों पर ज्यादा खर्च किया है. इसकी वजह से अप्रैल-दिसंबर 2022 के बीच फैशन रिटेल सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की आय लगभग 55% बढ़ गई है, जो कोविड-पूर्व यानी वित्त वर्ष 2019-20 के शुरुआती 9 माह में हुई आय से 35% ज्यादा है. 

विस्तार योजनाओं पर काम
इक्रा की रिपोर्ट में बताया गया है कि फैशन रिटेलर्स ने FY2022 में अपनी स्टोर विस्तार योजनाओं को फिर से आकार देना शुरू किया, जो FY2023 में भी जारी रही. कंपनियों ने इस वित्त वर्ष पूंजी खर्च 55% बढ़ाकर 1,400 करोड़ रुपए कर दिया. बीते नौ महीनों में बड़े शहरों में प्रीमियम ब्रैंड्स की बिक्री बढ़ी, लेकिन वैल्यू-फैशन सेगमेंट में कपड़ों की बिक्री में ज्यादा इजाफा दर्ज नहीं किया गया. 

इन खर्चों में आई तेजी
ICRA की वाइस प्रेसिडेंट व सेक्टर हेड (कॉरपोरेट रेटिंग्स) साक्षी सुनेजा ने कहा कि फैशन रिटेलर्स कच्चे माल की बढ़ी लागत का बोझ ग्राहकों से वसूल रहे हैं. अप्रैल-दिसंबर 2022 में इनका ग्रॉस मार्जिन 2021-22 के समान ही रहा. कंपनियों के लिए किराए, एम्पलॉयी कॉस्ट और विज्ञापन खर्च बढ़ा है. इसके चलते आय तेजी से बढ़ने के बावजूद फैशन रिटेलर्स का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 2022-23 में 7-7.3% रहने की संभावना है, जो कोविड-पूर्व से कम है.


जयंती चौहान नहीं हैं Bisleri की बॉस, इनके हाथों में आई है कमान!

रमेश चौहान और उनकी बेटी जयंती के बीच मतभेद की बातें सामने आ रही हैं. जयंती ने बिसलेरी की कमान संभालने से फिर इनकार कर दिया है

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

बोतलबंद पानी के बाजार में अपना एक अलग मुकाम रखने वाली कंपनी बिसलेरी (Bisleri) की कहानी में एक नया ट्विस्ट आया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) की 42 वर्षीय बेटी जयंती चौहान (Jayanti Chauhan) ने कंपनी की कमान संभालने से फिर इनकार कर दिया है. जबकि सोमवार को खबर आई थी कि टाटा से डील नहीं होने के बाद जयंती ही Bisleri को संभालेंगी. बता दें कि कुछ वक्त पहले कंपनी के मालिक रमेश चौहान ने यह कहते हुए बिसलेरी को बेचने का ऐलान किया था कि उनकी बेटी को कंपनी के कामकाज में दिलचस्पी नहीं है.

कंपनी नहीं बेचना चाहते चौहान
टाटा ने बिसलेरी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी. करीब 7000 करोड़ रुपए में यह सौदा होने वाला था, लेकिन फिर खबर आई कि बात अटक गई है और टाटा बिसलेरी नहीं खरीदेगी. इसके बाद सोमवार को नया अपडेट आया, जिसमें कहा गया कि टाटा के साथ डील कैंसिल होने के बाद अब चौहान ने बिसलेरी को नहीं बेचने का फैसला लिया है और उनकी बेटी ही कंपनी की कमान संभालेंगी. हालांकि, अब कहा जा रहा है कि जयंती इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए तैयार नहीं हैं.

पिता-बेटी के बीच मतभेद 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयंती ने बिसलेरी की कमान संभालने से फिर इंकार कर दिया है. लिहाजा, यह जिम्मेदारी जयंती के बजाए सीईओ एंजेलो जॉर्ज (Angelo George) को सौंपी गई है. रमेश चौहान और उनकी बेटी जयंती के बीच मतभेद की बातें सामने आ रही हैं. जयंती के बिसलेरी के कारोबार को संभालने से इनकार करने के बाद रमेश चौहान ने अचानक कंपनी की जिम्मेदारी सीईओ एंजेलो जॉर्ज को सौंप दी है. बताया जा रहा है कि ये फैसला प्री प्लांड नहीं था, बल्कि रमेश चौहान ने अचानक से ये कदम उठाया है.

यहां अटक गई थी बात
रमेश चौहान शुरुआत से ही बेटी जयंती को कंपनी की कमान सौंपना चाहते थे, लेकिन जयंती ने इससे इनकार कर दिया था. इसी के चलते उन्होंने बिसलेरी को बेचने का फैसला लिया था. टाटा समूह के साथ बातचीत भी शुरू हो गई थी, लेकिन कंपनी के वैल्यूएशन को लेकर मामला अटक गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जितना वैल्यूएशन चौहान मांग रहे थे, टाटा समूह उतना देने को तैयार नहीं था, इसलिए डील कैंसिल हो गई. 


Stock Market: Reliance सहित आज इन शेयरों में बन रहा है कमाई का मौका  

शेयर बाजार में मंगलवार को आई तेजी आज भी बरकरार रह सकती है. आज रिलायंस और PNB सहित कुछ कंपनियों के शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 March, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 March, 2023
file photo

शेयर बाजार यानी स्टॉक मार्केट को जिस तेजी का इंतजार था, वह लौट आई है. मंगलवार को BSE सेंसेक्स 445 अंकों के उछाल के साथ 58,074 अंकों पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 119 अंकों की तेजी के साथ 17,107 अंकों के लेवल पर पहुंच गया. आज भी मार्केट में तेजी बरकरार रह सकती है. चलिए देखते हैं कि आज कौन से शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

MACD के संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) के मुताबिक, PNB Bank, Reliance Industries, Gujarat State Fertilizer और Sudarshan Chemical Industries के शेयरों में आज तेजी आ सकती है. PNB का शेयर कल करीब डेढ़ फीसदी की बढ़त के साथ 47.65 रुपए पर बंद हुआ था. हालांकि, पिछले पांच दिनों में यह 2.36% गिर चुका है. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में लंबे समय के बाद कल तेजी रिकॉर्ड की गई. 3.21% की छलांग के साथ ये शेयर 2,272 रुपए पर पहुंच गया है.

5 दिनों में 9.60% रिटर्न
गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर के लिए भी मंगलवार शुभ रहा. कंपनी के शेयर बढ़त के साथ 125.05 रुपए पर बंद हुए. पिछले 5 दिनों में इन शेयरों में मामूली तेजी आई थी. सुदर्शन कैमिकल इंडस्ट्रीज के शेयर कल 2.91% उछाल के साथ बंद हुए थे. 404.25 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर का 52 वीक का हाई लेवल 579 रुपए है. पिछले पांच दिनों में इसने अपने निवेशकों को 9.60% का रिटर्न दिया है.   

Adani पर रखें नजर
आज अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी नजर रखें. मंगलवार को अडानी के 10 में से 7 शेयर हरे निशान के साथ बंद हुए. Adani Green energy के शेयरों में 5 फीसदी की तेजी के साथ अपर सर्किट लगा. वहीं, Adani Enterprises, Adani Power, Adani Total और अडानी विल्मर के शेयरों में भी तेजी नजर आई. माना जा रहा है कि ये तेजी आज यानी बुधवार को भी बरकरार रहेगी.

 


MX प्लेयर के बिकने से किस को हो रहा है सबसे बड़ा फायदा?

भारत में MX प्लेयर के लगभग 78 मिलियन यूजर्स हैं और अगर अमेजन MX प्लेयर के अधिग्रहण को पूरा कर ले तो वह सबसे बड़ा ओटीटी प्लेटफॉर्म बन सकता है.

Last Modified:
Tuesday, 21 March, 2023
MX player

सूत्रों की मानें तो MX प्लेयर के COO (चीफ ऑफिसर ऑफ ऑपरेशंस) निखिल गांधी जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं. यह बात एक ऐसे वक्त पर सामने आई है जब ओटीटी प्लेयर की पैरेंट कंपनी टाइम्स इंटरनेट, MX प्लेयर को अमेजन को बेचना चाहती है. सूत्रों के अनुसार, निखिल गांधी इस अधिग्रहण का हिस्सा नहीं होंगे. 

किस-किस को होगा फायदा?
निखिल गांधी ने फिलहाल किसी भी प्रकार की कॉल्स या मैसेज का जवाब नहीं दिया है और MX प्लेयर ने भी अभी उनके इस्तीफे की बातों से साफ़ इनकार कर दिया है. माना जा रहा है कि इस बिकवाली से MX प्लेयर के CEO करन बेदी को प्रमुख रूप से फायदा होगा. बाकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव को क्या और कितना मिलता है और क्या मिलता है जैसे सवालों के जवाब अभी नहीं दिए जा सकते. 

ये है निखिल गांधी का इतिहास
निखिल गांधी ने अगस्त 2021 में MX प्लेयर को जॉइन किया था. इससे पहले निखिल गांधी टिक-टोक के मिडल-ईस्ट, अफ्रीका, तुर्की और दक्षिणी एशिया के हेड के रूप में काम कर रहे थे. इतना ही नहीं, अक्टूबर 2019 में उन्होंने टिक-टोक इंडिया के प्रमुख का कार्यभार संभाला था. MX प्लेयर में निखिल गांधी का प्रमुख काम विभिन्न क्षेत्रों में ऐप का विस्तार, कमाई के तरीके बढ़ाना और कंज्यूमर्स सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रभाव बढ़ाने का था. माना जा रहा है कि, अमेजन द्वारा MX प्लेयर के अधिग्रहण से भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बीच लड़ाई बढ़ जायेगी. 

भारत में ओटीटी ऐप के बीच चल रहा है 'वॉर'
अगर यह डील सच में पूरी हो जाती है तो कंज्यूमर अधिग्रहण के मामले में अमेजन प्राईम विडियो लगभग 4 गुना बड़ा हो जाएगा. भारत में अमेजन के पास लगभग 28 मिलियन यूजर्स हैं जबकि भारत में MX प्लेयर के लगभग 78 मिलियन यूजर्स हैं. इसलिए अगर अमेजन MX प्लेयर के अधिग्रहण को पूरा कर लेता है तो वह भारत का सबसे बड़ा ओटीटी प्लेटफॉर्म भी बन सकता है. 
 

यह भी पढ़ें: अमेरिकी बैंकिंग संकट के बीच, Bitcoin की कीमतों ने लगाई लंबी छलांग