Reliance के शेयरों में लौटी तेजी, क्या खरीदारी का आ गया है सही समय?

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में पिछले कुछ वक्त से जारी गिरावट पर ब्रेक लग गया है. मंगलवार को कंपनी के शेयरों में तीन फीसदी से ज्यादा का उछाल आया.

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Tuesday, 21 March, 2023
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों आज यानी मंगलवार को तेजी दर्ज की गई. पिछले काफी समय से रिलायंस के शेयरों में नरमी का रुख बना हुआ था. फिलहाल, कंपनी का शेयर तीन फीसदी से ज्यादा के उछाल के साथ 2,270 रुपए के स्तर पर पहुंच गया है. पिछले छह महीनों में रिलायंस के शेयरों में 8.61% और एक साल में 10.24% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. केंद्र सरकार द्वारा विंडफॉल टैक्स में नियमित कटौती के बावजूद कंपनी के शेयरों में गिरावट ने निवेशकों को मायूस किया है, लेकिन आज आई तेजी से उन्हें जरूर थोड़ी राहत मिली होगी.

बुलिश होने के आसार 
अब सवाल उठता है कि क्या ये रिलायंस के शेयरों में पैसा लगाने का सही समय है? एक्स्पर्ट्स का कहना है कि यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो रिलायंस पर दांव लगाया जा सकता है. क्योंकि रिलायंस के शेयर अगले 12 महीनों में मौजूदा स्तरों से 35 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं. रिलायंस के शेयर चार्ट पैटर्न से पता चलता है कि इसकी कीमत और बढ़ सकती है. 2,350 रुपए के स्तर पर पहुंचने के बाद यह बुलिश हो सकता है.  

निवेशकों के पास 2 विकल्प
स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिलायंस का शेयर फिलहाल 2,175 से 2,350 रुपए के स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. हालांकि, 2,350 रुपए का आंकड़ा छूते ही इसके बुलिश होने की संभावना है. ऐसे में निवेशकों के पास दो विकल्प हैं, यदि वे लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं तो अभी पैसा लगा सकते हैं या फिर शॉर्ट टर्म के लिहाज से शेयर के 2,350 पर पहुंचने के बाद निवेश कर सकते हैं. उन्होंने निवेशकों को 2,175 रुपए के स्तर पर स्टॉप लॉस के साथ स्टॉक रखने की सलाह दी है.

इस वजह से आई गिरावट
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट की वजह खुदरा और दूरसंचार व्यवसाय में आने वाली सुस्ती को बताया जा रहा है. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का 52 वीक का हाई लेवल 2,856.15 और लो लेवल 2,180 रुपए है. जानकार मानते हैं कि रिलायंस में निवेश सुरक्षित है, क्योंकि कंपनी की बैलेंसशीट अपेक्षाकृत मजबूत है. बीते कुछ समय में जरूर निवेशकों को मनमाफिक रिटर्न नहीं मिला है, लेकिन आने वाले समय में रिलायंस का शेयर तेजी पकड़ सकता है.   


अब सिंगापुर एयरपोर्ट नहीं रहा सबसे नंबर वन, इस देश ने मारी बाजी, दुरूस्‍त कर लीजिए अपना GK

एयरपोर्ट की सूची में भारत में 6 एयरपोर्ट ऐसे हैं जो टॉप 100 में आए हैं इनमें गोवा पहली बार शामिल हुआ है जबकि मुंबई की रैंकिंग में गिरावट आई है. 

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Thursday, 18 April, 2024
Doha Airport

पिछले कई सालों से टॉप में रहने वाला सिंगापुर एयरपोर्ट अब पहले नंबर पर नहीं है. सिंगापुर से टॉप एयरपोर्ट की पोजीशन जिस एयरपोर्ट ने छीनी है उसका नाम है कतर का हमद इंटरनेशनल एयरपोर्ट दोहा. दुनिया भर के एयरपोर्ट को उनकी क्‍वॉलिटी के आधार पर पुरस्‍कार देने वाली संस्‍था स्‍कॉईट्रैक्‍स वर्ल्‍ड एयरपोर्ट अवॉर्डस ने इस बार दुनिया के टॉप एयरपोर्ट का अवॉर्ड दोहा एयरपोर्ट को दिया है. सिंगापुर इस सूची में दूसरे नंबर पर जा पहुंचा है. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि इस सूची की टॉप फाइव से लेकर टॉप 20 तक में भारत का कोई भी एयरपोर्ट नहीं है. 

आखिर क्‍या है कतर एयरपोर्ट में खास? 
एयरपोर्ट पुरस्‍कारों के ऑस्‍कर कहे जाने वाले स्‍कॉईट्रैक्‍स वर्ल्‍ड एयरपोर्ट अवॉर्डस की सबसे खास बात ये है कि ये जिस किसी भी देश को मिलते हैं उनके लिए एक उपलब्धि के समान होता है. ये एयरपोर्ट 6 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है. अगर फुटबॉल के मैदानों से इसकी तुलना करें तो 75 मैदानों के बराबर इसकी लंबाई चौड़ाई है. पिछले साल दूसरे नंबर पर रहने के बाद इस साल ये एयरपोर्ट सिंगापुर से पहले नंबर का ताज छीनने के बाद पहले नंबर पर आ गया है. इन पुरस्‍कारों में सबसे लग्‍जरी एयरपोर्ट का खिताब भी दिया जाता है जिसमें भी इसी एयरपोर्ट ने बाजी मारी है. 

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आखिर कौन से हैं टॉप फाइव एयरपोर्ट 
स्‍कॉईट्रैक्‍स वर्ल्‍ड एयरपोर्ट अवॉर्डस की सूची को देखें तो उसके अनुसार हमद इंटरनेशनल एयरपोर्ट दोहा पहले नंबर पर जबकि सिंगापुर का चांगी एयरपोर्ट दूसरे नंबर पर, सियोल एयरपोर्ट तीसरे नंबर पर रहे हैं. टोक्‍यो का हनेडा एयरपोर्ट चौथे नंबर पर, टोक्‍यो का नारिता एयरपोर्ट पांचवे नंबर पर रहा है. 

भारत के एयरपोर्ट की क्‍या है स्थिति? 
स्‍कॉईट्रैक्‍स वर्ल्‍ड एयरपोर्ट अवॉर्डस में टॉप 100 की सूची देखें तो उसमें भारत के 6 एयरपोर्ट शामिल हैं. इनमें दिल्‍ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट 36 वें नंबर पर है, जबकि पिछले साल भी ये एयरपोर्ट इसी नंबर पर था. इसी तरह से  बेंगलुरु 59वें नंबर पर जबकि 2023 में इसकी स्थिति 69 वें नंबर पर थी, हैदराबाद इस साल 61 वें नंबर पर है जबकि 2023 में ये 65वें नंबर पर था, गोवा का मनोहर पार्रिकर एयरपोर्ट पहली बार इस सूची में टॉप 100 में शामिल हुआ है. वहीं मुंबई एयरपोर्ट की रैंकिंग में गिरावट आई है. ये एयरपोर्ट 95वें नंबर पर है जबकि 2023 में ये 84 नंबर पर था. 
 


क्‍या आप भी करते हैं Paytm का इस्‍तेमाल, जल्‍दी कर लीजिए ये काम, वरना होगी परेशानी

अब तक पेटीएम इसे लेकर AXIS, Yes बैंक, SBI और HDFC के साथ हाथ मिला चुका है. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से इस मामले मे पेटीएम को 14 मार्च को 2024 को मंजूरी दी गई थी. 

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Thursday, 18 April, 2024
Paytm

आरबीआई द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक पर रोक लगाए जाने के बाद परेशानियां से तेजी से उबरने की कोशिश में जुटा है.  इसी कड़ी में अब पेटीएम की ओर से उसके यूजर को एक निर्देश दिया गया है कि उन्‍हें अपनी यूपीआई आईडी में बदलाव करना होगा. उन्‍हें उन बैंकों से यूपीआई आईडी बनवानी होगी. किसी भी यूजर को उन्‍हीं चार में से एक बैंक में अपनी यूपीआई आईडी बनवानी होगी जिनके साथ पेटीएम ने साझेदारी की है. एनपीसीआई ने पेटीएम को थर्ड पार्टी ऐप में रजिस्‍टर करने की अनुमति 14 मार्च को दी है. 

आखिर क्‍यों जरूरत पड़ रही है आईडी बदलने की?  
दरअसल आरबीआई ने अपनी कार्रवाई में पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन 97 कम्‍यूनिकेशन के पेटीएम पेमेंट बैंक पर रोक लगा दी थी. इस रोक के बाद पेटीएम थर्ड पार्टी ऐप के तौर पर काम करने के लिए कई बैंकों के साथ साझेदारी कर रहा है. अब तक पेटीएम इसे लेकर एक्सिस, यस बैंक, एसबीआई और एचडीएफसी के साथ हाथ मिला चुका है. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से इस मामले मे पेटीएम को 14 मार्च को 2024 को मंजूरी दी गई थी. 

अब क्‍या होगा बदलाव? 
मौजूदा समय में आपकी पेटीएम आईडी @paytm के नाम पर होती है. लेकिन अब आने वाले दिनों में इसे आपको @ptaxis, @ptyes, @ptsbi और @ptyes नाम की आईडी में शिफ्ट करना होगा. इसके लिए आने वाले दिनों में इस बदलाव को किया जा सकता है. विकल्‍प दिए जाने के बाद न बदले जाने पर आप पेटीएम का इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे. 

आरबीआई की कार्रवाई के बाद शेयरों में गिरावट जारी
31 जनवरी को आरबीआई की ओर से कार्रवाई की जाने के बाद आरबीआई के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि कई बार शेयरों में बढ़त भी देखने को मिली है. लेकिन बढ़त ज्‍यादा बरकरार नहीं रह पाई है.गुरुवार को ही शेयरों की स्थिति पर नजर डालें तो 401 रुपये पर खुलने के बावजूद कंपनी के शेयर में गिरावट देखने को मिली. शेयर में 0.79 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. शेयर गुरुवार को 388.25 रुपये पर बंद हुआ. 

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फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए Air India Express ने किया खास ऐलान, आपको ऐसे मिलेगा फायदा

यदि आप इस लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करने वाले हैं, तो आपके लिए एयर इंडिया एक्सप्रेस खास गिफ्ट लेकर आई है.

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Thursday, 18 April, 2024
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में मतदाताओं को वोटिंग के लिए प्रोत्सहित करने के लिए तरह-तरह के अभियान चल रहे हैं. इस बीच, टाटा (Tata Group) की एयर एयरलाइन इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए एक खास ऑफर लेकर आई है. एयर इंडिया एक्सप्रेस की तरफ से बताया गया है कि कंपनी लोकसभा चुनाव में पहली बार अपना मताधिकार का उपयोग करने वालों को किराए में 19% तक की विशेष छूट दी जाएगी. बता दें कि आम चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग कल से शुरू हो रही है.

ये होंगे स्पेशल डिस्काउंट के पात्र
एयर इंडिया एक्सप्रेस युवाओं को मतदान को प्रेरित करने के लिए #VoteAsYouAre अभियान शुरू कर रही है. इसके तहत 18 से 22 साल के उन युवाओं को किराये में विशेष छूट मिलेगी, जो पहली बार मतदान के लिए हवाई यात्रा करेंगे. कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मतदाता को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के निकटतक हवाई अड्डे की यात्रा के लिए यह छूट मिलेगी. छूट की अवधि 18 अप्रैल से एक जून 2024 के बीच की होगी. डिस्काउंट वाले टिकटों की बुकिंग एयरलाइन के मोबाइल ऐप ओर वेबसाइट से कराई जा सकती है.

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कल डालेंगे 102 सीटों पर वोट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एयर इंडिया एक्सप्रेस के सीईओ अंकुर गर्ग ने बताया कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने हमेशा बदलाव के लिए आगे बढ़ कर काम किया है. कंपनी अपनी 19वीं वर्षगांठ सेलिब्रेट करने जा रही है. ऐसे में कंपनी ने खास पहल #VoteAsYouAre अभियान की शुरुआत की है. टाटा ग्रुप की कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस देश के राज्यों में 31 डेस्टिनेशंस के लिए उड़ान भरती है. बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार अभियान बुधवार को थम गया है. पहले चरण का मतदान कल यानी 19 अप्रैल को होगा. पहले चरण के चुनाव में 21 राज्यों की कुल 102 सीटों पर वोटिंग होनी है.


कानपुर वालों को भी नहीं पता होगा, ये 10 लोकल बिजनेस 'कानपुरियों' को बना रहे हैं करोड़पति

कानपुर से जुड़े कई लोगों ने अपनी अलग सोच से ऐसे बिजनेस खड़े कर दिए, जिनकी सफलता पर पहले लोगों को शंका थी.

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Thursday, 18 April, 2024
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उत्तर प्रदेश का कानपुर कई वजहों से फेमस है. यह यूपी का सबसे बड़ा शहर होने के साथ-साथ देश का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र भी है. कानपुर प्रमुख तौर पर रासायनिक, कपड़ा और चमड़ा उद्योग के लिए जाना जाता है. जैसे-जैसे शहर का विकास हुआ है, यहां रोजगार के अवसर बढ़े हैं साथ ही लोग नए-नए बिजनेस में हाथ आजमाकर अच्छी-खासी कमाई भी कर रहे हैं. यहां हम आपको ऐसे 10 लोकल बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कानपुरियों को करोड़पति बना रहे हैं.   

चढ़ावे के फूलों को बनाया कारोबार  
दो दोस्तों द्वारा शुरू किया गया स्टार्टअप Helpusgreen अपने इनोवेशन के लिए पहचाना जाता है. हेल्पअसग्रीन शहर भर के मंदिरों और मस्जिदों में चढ़ाए गए फूलों को इकट्ठा करता है. फिर उन्हें अगरबत्ती, साबुन और ईको-पैकेजिंग जैसे उत्पाद बनाने के लिए रीसायकल किया जाता है. इसके बाद तैयार उत्पादों को बाजार में बेच दिया जाता है. यह स्टार्टअप आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को रोजगार देता है और साथ ही गंगा नदी को कीटनाशकों से युक्त फूलों से प्रदूषित होने से भी बचाता है. हेल्पअसग्रीन की स्थापना 2015 में अंकित अग्रवाल और करण रस्तोगी ने की थी. दोनों को शुरुआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके बिज़नेस मॉडल की सफलता पर लोगों को विश्वास नहीं था. लेकिन आज इस स्टार्टअप की हर तरफ सराहना हो रही है.

3D प्रिंटिंग बनी कमाई का जरिया
Myobjectify कानपुर का एक ऐसा स्टार्टअप है, जो अपनी 3D प्रिंटिंग तकनीक विकसित करता है और अन्य कंपनियों को सेवाएं प्रदान करता है. इस स्टार्टअप की स्थापना 2013 में आईआईटी कानपुर में एक छोटी 3D प्रिंटिंग मशीन के साथ की गई थी. अपनी एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग 3D मशीनों के साथ, Myobjectify मेटल और पॉलिमर दोनों सल्यूशन प्रदान कर सकता है. Myobjectify की फाउंडर अंकित साहू, अर्पित साहू और उमंग केडिया हैं. अंकित और अर्पित इस समय कंपनी के निदेशक हैं जबकि उमंग Myobjectify के CFO की भूमिका संभाल रहे हैं. इस स्टार्टअप ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है और तीनों फाउंडर्स को आर्थिक रूप से मजबूत किया है.

लोगों की परेशानी दूर कर हो रही कमाई 
मिस्टररूम (MrRoom) भी कानपुर के सफल स्टार्टअप में शामिल है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो रेंटल रूम यानी मनचाही जगह पर किराए के कमरे खोजना बेहद आसान बना देता है. मिस्टररूम अपने प्लेटफ़ॉर्म पर पंजीकृत विभिन्न प्रकार के वेरीफाइड हॉस्टल और PG की जानकारी प्रदान करता है. इतना ही नहीं, स्टार्टअप इसके लिए कोई ब्रोकरेज चार्ज भी नहीं लेता. साथ ही किरायेदारों को अपना मासिक किराया ऑनलाइन मैनेज करने की सुविधा भी प्रदान करता है. कानपुर के लोगों की लाइफ आसान करके इसके फाउंडर अली अब्बास मोटी कमाई करते हैं. अली ने 2018 में मिस्टररूम की नींव रखी थी. दरअसल, उन्हें कॉलेज के दिनों में किराये के लिए कमरा ढूंढने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था, इसलिए उन्होंने दूसरों को इस परेशानी से बचाने के लिए मिस्टररूम की स्थापना की. बता दें कि मिस्टररूम देश के उन 25 स्टार्टअप्स में से एक था, जिन्हें iBHubs स्टार्टअप स्कूल एक्सेलेरेटर प्रोग्राम, 2019 के लिए चुना गया था।

कैंपस में आया आइडिया और चला बिजनेस
कैंपस हाट (Campus Haat) एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो देश भर के कॉलेज कैंपस में साथियों, निवासियों, दुकानदारों और सेवा प्रदाताओं के साथ एक मजबूत इंटर-कनेक्शन बनाकर छात्रों की डेली लाइफ की समस्याओं को दूर करता है. इसकी स्थापना 2017 में गुड्डू कुमार ने की थी. वह इसके फाउंडर के साथ-साथ सीईओ भी हैं. गुड्डु आईआईटी-कानपुर ग्रेजुएट हैं और उन्होंने कैम्पसहाट की शुरुआत उन वस्तुओं के पुन: इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए की है जिन्हें ऑनलाइन बेचा जा सकता है, किराए पर लिया जा सकता है और खरीदा जा सकता है यह फिर नेक कार्यों के लिए डोनेट किया जा सकता है.

कंपनियों को पसंद आया आइडिया   
आईआईटी-बॉम्बे ग्रेजुएट अमितेश मिश्रा और उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट निखिल तिवारी ने फरवरी 2014 में सोशियोटा (Sociota) को लॉन्च किया था. यह मुख्य रूप से सोशल मीडिया मैनेजमेंट, मोनिटरिंग, एनालेटिक्स, एंगेजमेंट, सोशलाइजेशन आदि पर आधारित कंपनी है. यह दूसरी कंपनियों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मैनेज करती है और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लॉग इन और लॉग आउट करने वाले लोगों पर नज़र रखती है. ट्राइडेंट एनालिटिकल सॉल्यूशंस सोशियोटा की पैरेंट कंपनी है. यह एक ही प्लेटफॉर्म पर कई फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन और Google+ अकाउंट इस्तेमाल करने और उन्हें प्रबंधित करने की सुविधा देती है. 

घर के दरवाजे पर पहुंचा रहे सर्विस    
CarCooper पूरे उत्तर भारत में लीडिंग डोरस्टेप कार सर्विस प्रोवाइडर्स में शामिल है. कंपनी योग्य और अनुभवी मैकेनिकों द्वारा मैकेनिक सर्विस प्रदान करती है. इसके साथ ही कंपनी सभी प्रकार के वाहनों के लिए पेशेवर ड्राइवर की सुविधा भी उपलब्ध कराती है. पेशेवर ड्राइवरों को कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के लिए काम पर रखा जा सकता है. प्रशांत सिंह और ऋषभ सिंह कारकूपर के को-फाउंडर हैं और कानपुर के लोगों को उनके दरवाजे तक कार सेवाएं प्रदान करते हैं.

इन दोनों ने भी बनाई अलग पहचान
आर्यन एसेंशियल ऑयल्स (Aryan Essential Oils) कानपुर की कंपनी है. यह भारत में थोक नेचुरल एसेंसियल ऑयल के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्माताओं में से एक है. कंपनी द्वारा निर्मित उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले हैं और पश्चिमी देशों में इनकी अच्छी डिमांड है. इसकी स्थापना 2014 में अजय दीक्षित की थी. इसी तरह, वेलनेसमॉन्क (Wellnessmonk) ने भी कानपुर में अच्छा नाम बना लिया है. इसकी स्थापना 2017 में हुई थी. कंपनी को पहले 'फार्मासिओनेट' के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2019 में नाम बदलकर 'वेलनेसमॉन्क' कर दिया गया. वेलनेसमॉन्क हेल्थकेयर, वैलनेस, पर्सनल केयर, मदर और बेब केयर के साथ-साथ उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करती है. इसके अलावा, किराने का सामान, पेय पदार्थ और स्नैक्स जैसे घरेलू उत्पाद भी कंपनी बेचती है. वेलनेसमॉन्क 100% टेक्नोलॉजी-ड्रिवन स्टार्टअप है और इसके पास अपने वर्चुअल प्राइवेट सर्वर हैं.

आज विदेशों में भी है मौजूदगी
आईडीएल टेक्नोलॉजीज कानपुर की एक सॉफ्टवेयर कंपनी है. इसकी शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी. आज, आईटी और कंसल्टिंग सेक्टर में कंपनी विदेशों में भी अपनी उपस्थिति दर्शा रही है. IDL टेक्नोलॉजीज वैश्विक कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी-सक्षम व्यावसायिक समाधानों को परिभाषित, डिजाइन और वितरित करती है. आईडीएल टेक्नोलॉजीज डिजिटल सिग्नेचर, वेबसाइट और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, एसईओ/एसएमओ, बल्क SMS आदि जैसी विभिन्न सेवाएं प्रदान करती हैं. आशीष कुमार सिंह इस कंपनी के फाउंडर हैं.

Drone बन गया कमाई का साधन
आरव अनमैन्ड सिस्टम्स (Aarav Unmanned Systems) या AUS एक स्टार्टअप है, जो अन्य उद्यमों के लिए प्रोफेशनल्स ड्रोन सल्यूशन डेवलप करता है. स्टार्टअप का मुख्य फोकस ड्रोन इंटेलिजेंस, हार्डवेयर ऑप्टिमाइजेशन और डिजाइन इनोवेशन है. इस स्टार्टअप की शुरुआत 2013 में आईआईटी कानपुर से 4 दोस्तों ने की थी. AUS के संस्थापक निखिल उपाध्ये, सुहास बंशीवाला, विपुल सिंह और यशवंत रेड्डी हैं. AUS को कुछ प्रतिष्ठित वेंचर्स जैसे GrowX, 500 स्टार्टअप, स्टार्टअपXseed आदि का समर्थन प्राप्त है. इसी तरह से फूडमॉन्क कानपुर का एक स्टार्टअप है, जो रेस्टोरेंट और फूड बिजनेस को हर चीज को प्रबंधित करने का आसान तरीका प्रदान करता है. अपने टूल्स के साथ, व्यवसाय आसानी से अपने एनालिटिक्स पर नज़र रख सकते हैं और साथ ही फूडमॉन्क के ई-मेनू, ऑनलाइन भुगतान आदि सुविधाओं द्वारा बेहतर ग्राहक अनुभव हासिल कर सकते हैं. फूडमॉन्क के संस्थापक अभिषेक आईआईटी कानपुर ग्रेजुएट हैं. 


ICICI  लोम्बार्ड के मुनाफे में हुआ इतना इजाफा, ये रही इसकी वजह 

ICICI के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024 के लिए प्रति शेयर 6 रुपये का फाइनल डिविडेंड प्रस्तावित किया है. यह डिविडेंड भुगतान कंपनी की आगामी एजीएम मीटिंग में शेयरधारकों के अप्रूवल के अधीन है.

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Thursday, 18 April, 2024
icici

वित्‍त वर्ष 2024-25 की शुरूआत होते ही 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजे सामने आने लगे हैं. इसी कड़ी में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के चौथी तिमाही के नतीजे सामने आ चुके हैं. कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में कंपनी का मुनाफा (PAT) 18.9% बढ़कर 520 करोड़ रुपये रहा है. जबकि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की ग्रॉस डायरेक्ट प्रीमियम इनकम  (सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय- GDPI) वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 17.8 फीसदी बढ़कर 247.76 बिलियन रुपये (24776 करोड़) रही है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 210.25 बिलियन रुपये (21025 करोड़) थी. कंपनी की यह ग्रोथ इंडस्‍ट्री की ग्रोथ में 12.8% का इजाफा हुआ है. 

जीडीपीआई ग्रोथ में हुआ इतना इजाफा 
कंपनी की ग्रोथ को मापने के अहम बिंदु जीडीपीआई ग्रोथ पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (Q4FY2024) में ग्रोथ 22 फीसदी बढ़कर 60.73 बिलियन रुपये  (6073 करोड़ रुपये)  रही, जबकि यही ग्रोथ वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में यह 49.77 बिलियन रुपये ( 4977 करोड़ रुपये) थी.  यह ग्रोथ इंडस्‍ट्री की ग्रोथ 9.5 फीसदी के मुकाबले अधिक है. फसल और जन स्वास्थ्य को छोड़कर, कंपनी की जीडीपीआई ग्रोथ वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 22 फीसदी रही जो इंडस्‍ट्री की 13.8 फीसदी ग्रोथ के मुकाबले अधिक है. वित्त वर्ष 2024 के लिए कंबाइंड रेश्यो (संयुक्त अनुपात) 103.3 फीसदी रहा, जबकि वित्त वर्ष 2023 के लिए यह 104.5 फीसदी था.1.37 बिलियन रुपये (137 करोड़ रुपये )  के कैट (CAT) घाटे के प्रभाव को छोड़कर, वित्त वर्ष 2024 में कंबाइंड रेश्यो 102.5 फीसदी रहा. 

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इन आंकड़ों पर भी बेहतर रहे हैं कंपनी के नतीजे 
आईसीआईसीआई लोम्‍बॉर्ड के कर पूर्व लाभ (Profit Before Tax) के आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2024 में 21 फीसदी बढ़कर 25.55 बिलियन रुपये (2555 करोड़ रुपये) हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 21.13 बिलियन रुपये (2113 करोड़ रुपये) था. जबकि कर पूर्व लाभ वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 21.9 फीसदी बढ़कर 6.98 बिलियन रुपये (698 करोड़ रुपये) हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 5.73 बिलियन रुपये (573 करोड़ रुपये) था. इसी तरह वित्त वर्ष 2024 में कैपिटल गेंस (पूंजीगत लाभ) 5.51 बिलियन रुपये (551 करोड़ रुपये) था, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 4.53 बिलियन रुपये (453 करोड़ रुपये) था. वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में कैपिटल गेंस 1.56 बिलियन रुपये (156 करोड़ रुपये) था, जबकि वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में यह 1.59 बिलियन रुपये (159 करोड़ रुपये) था.

कंपनी देने जा रही है इतना डिविडेंड 
आईसीआईसीआई कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024 के लिए प्रति शेयर 6 रुपये का फाइनल डिविडेंड प्रस्तावित किया है. यह डिविडेंड भुगतान कंपनी की आगामी एनुअल जनरल मीटिंग में शेयरधारकों के अप्रूवल के अधीन है. प्रस्तावित फाइनल डिविडेंड सहित FY 2024 के लिए कुल डिविडेंड 11 रुपये प्रति शेयर है. रिटर्न ऑन एवरेज इक्विटी (आरओएई -ROAE) वित्त वर्ष 2024 में 17.2 फीसदी रहा, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 17.7 फीसदी था. FY 2024 की चौथी तिमाही में आरओएई 17.8 फीसदी रहा, जो FY2023 की चौथी तिमाही में 17.2 फीसदी था.
 


Adani के ये 6 शेयर बन सकते हैं रॉकेट, GQG Partners ने लगाया है पैसा

आने वाले दिनों में अडानी समूह की छह कंपनियों के शेयरों में बड़ी छलांग देखने को मिल सकती है.

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Thursday, 18 April, 2024
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अमेरिकी कंपनी GQG Partners के राजीव जैन को अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों से छप्परफाड़ रिटर्न मिला है. इससे उत्साहित जैन ने समूह की छह लिस्टेड कंपनियों में 1 अरब डॉलर यानी करीब 8,300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया है. GQG Partners ने इन कंपनियों में मार्च तिमाही के दौरान निवेश किया है. इससे पता चलता है कि जैन का अडानी के कंपनियों पर भरोसा बढ़ा है. आमतौर पर जब विदेशी निवेशक किसी कंपनी पर मेहरबान होते हैं, तो उसके शेयरों की चाल रॉकेट बन जाती है. ऐसे में इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि आने वाले दिनों में अडानी समूह की छह कंपनियों के शेयर भी टॉप गियर में दौड़ने लगें.

इन कंपनियों में लगाया पैसा 
राजीव जैन की GQG पार्टनर्स ने अडानी समूह की जिन छह कंपनियों में 1 अरब डॉलर का निवेश किया है, उसमें Adani Enterprises जे साथ-साथ Adani Green Energy, Adani Energy Solutions, Adani Ports & SEZ, Adani Power और सीमेंट कंपनी Ambuja Cements शामिल हैं. मार्च तिमाही के दौरान GQG ने अडानी एनर्जी सल्यूशन में 2,316 करोड़ रुपए लगाये हैं. इसी तरह, अडानी पावर में 2,138 करोड़, Adani Enterprises में 1,555.18 करोड़, अडानी ग्रीन एनर्जी में 1,369.7 करोड़, अडानी पोर्ट्स में 886.10 करोड़ और Ambuja Cements में 33 करोड़ का निवेश किया है.

GQG को मिला इतना रिटर्न
वहीं, GQG को मिले रिटर्न की बात करें, तो मार्च 2024 तिमाही तक Adani ग्रुप की 6 कंपनियों में GQG Partners के निवेश का वैल्यू 33% बढ़कर 54300 करोड़ रुपए पहुंच गई है. अडानी समूह में निवेश के बाद राजीव जैन की GQG Partners का पोर्टफोलियो 21660 करोड़ से 150% तक बढ़ चुका है. बता दें कि अडानी ग्रुप में GQG Partners ने मार्च 2023 में तब निवेश शुरू किया था, जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते निवेशक अडानी की कंपनियों में पैसा लगाने से घबरा रहे थे. 

आज तेजी के साथ कारोबार 
अब इन कंपनियों के स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन पर भी एक नजर डाल लेते हैं. दोपहर 2 बजे के आसपास तक Adani Enterprises के शेयर बढ़त के साथ 3,114.95 रुपए पर कारोबार कर रहे थे. इसने इस साल अब तक 6.78% का रिटर्न दिया है. Adani Green Energy भी तेजी के साथ 1,814.80 रुपए के भाव पर कारोबार कर रहा है. इस साल अब तक ये 13.54% चढ़ चुका है. Adani Energy Solutions भी आज ग्रीन लाइन पर कारोबार करते हुए 1,054.65 रुपए के लेवल पर पहुंच गया है. इसी तरह, अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर और Ambuja Cements भी बढ़त के साथ ट्रेड कर रहे हैं. अब जब GQG के इन कंपनियों में निवेश बढ़ाने की खबर सामने आई है, तो इनमें और उछाल आ सकता है.


कन्नौज से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव? यूपी की आर्थिक सेहत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ये शहर

उत्तर प्रदेश का कन्नौज अपने इत्र कारोबार के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में फेमस है.

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Thursday, 18 April, 2024
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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उत्तर प्रदेश की कन्नौज (Kannauj) लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. अखिलेश के आज कन्नौज पहुंचने की संभावना है और तभी वह अपनी उम्मीदवारी का भी ऐलान करेंगे. अखिलेश ने भले ही अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने इशारों-इशारों में लगभग यह साफ कर दिया कि वह कन्नौज से किस्मत आजमा सकते हैं. सपा प्रमुख ने कहा था कि कन्नौज से उनका दो दशक से भी ज्यादा पुराना रिश्ता है और वह कन्नौज को नहीं छोड़ सकते.

कारोबारी दुनिया में एक अलग पहचान
अखिलेश की दावेदारी को लेकर सियासी चर्चा में आया उत्तर प्रदेश का यह शहर कारोबारी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रहता है. यूपी की अर्थव्यवस्था में इसका एक अहम योगदान है. कन्नौज अपने इत्र यानी परफ्यूम के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यहां करीब 200 से अधिक इकाइयां इत्र के कारोबार में लगी हुई हैं. इत्र बनाने के लिए कई शहरों से यहां पर फूल और लकड़ियां मंगाई जाती हैं, जिसका मतलब है कि कन्नौज दूसरे शहरों की आर्थिक सेहत सुधारने का भी काम कर रहा है. इस शहर का 5000 साल से भी ज्यादा पुराना इत्र का इतिहास है. 

कितना बड़ा है कन्नौज का इत्र कारोबार?
कन्नौज का परफ्यूम कारोबार की वैल्यू 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा है. शहर की 80% से ज्यादा आबादी इस इंडस्ट्री से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है. कन्नौज में बने इत्र की मांग केवल देश ही नहीं विदेशों में भी है. इसलिए शहर को देश की परफ्यूम कैपिटल भी कहा जाता है. कन्नौज में दुनिया के सबसे सस्ते इत्र से लेकर सबसे महंगा इत्र भी बनाया जाता है. यहां बनने वाले सबसे महंगे इत्र का नाम 'अदरऊद' है, जिसे असम की खास लकड़ी से तैयार किया जाता है. इस एक ग्राम इत्र की कीमत 2019 में ही 5000 रुपए थी. 

CM जानते हैं कन्नौज की अहमियत
शहर में बनने वाले परफ्यूम की सप्लाई यूके, यूएस, जापान, ऑस्ट्रेलिया सउदी अरब, ओमान, इराक, इरान सहित कई देशों में की जाती है. कन्नौज में छोटे-बड़े कुछ दूसरे उद्योग भी हैं. यहां का बीड़ी उद्योग भी काफी फेमस रहा है. कन्नौज को उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ा बीड़ी सप्लायर माना जाता है. इसके अलावा कन्नौज कच्ची अगरबत्ती निर्माण का हब भी बनता जा रहा है. कन्नौज से यूपी की अर्थव्यवस्था को होने वाले फायदे से सरकार भी अच्छे परिचित है, इसलिए यहां के विकास पर उसका फोकस रहता है. कुछ वक्त पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कन्नौज जिले के लोगों को 352 करोड़ रुपए लागत की 59 विकास परियोजनाओं की सौगात दी थी. उन्होंने कहा था कि कन्नौज के इत्र को दुनिया तक पहुंचाने के लिए यहां न केवल पार्क बनेगा, बल्कि उसको आगे बढ़ाने के लिए हर तरह के कदम उठाएंगे. 


आलिया भट्ट और साक्षी मलिक ने पाई ये उपलब्धि, जानिए क्‍यों मिला ये सम्‍मान?

जिन महिलाओं ने इस सूची में जगह बनाई है वो ऐसे नाम हैं जो पहली बार इसमें शामिल हो रहे हैं. इनमें एक बॉलीवुड से है तो दूसरी खेलों की दुनिया से है. 

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Thursday, 18 April, 2024
Sakshi malik

टाइम्‍स मैग्‍जीन (Times Magazine) ने वर्ष 2024 को लेकर 100 प्रभावशाली लोगों की सूची जारी कर दी है. इस सूची में इस बार जिन महिलाओं ने जगह बनाई है उनमें जो नाम शामिल हैं वो पहली बार इस लिस्‍ट में शामिल हो रहे हैं. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि इसमें जहां बालीवुड़ की एक सबसे अलग अदाकारा ने पहली बार जगह बनाई है तो वहीं खेलों की दुनिया का एक नाम भी इसमें शामिल हुआ है. आपको इस खबर में इन्‍हीं दो लोगों के बारे में विस्‍तार से बताएंगे और आपको ये भी बताएंगे कि उनकी नेटवर्थ कितनी है.

इस सूची में शामिल हैं ये नाम 
टाइम्‍स मैग्‍जीन की ओर से जारी किए गए नामों में जिन महिलाओं ने जगह बनाई है उनमें मशहूर अदाकारा आलिया भट्ट और ओलंपिक में पदक जीतने वाली साक्षी मलिक शामिल हैं. इन दो नामों से परे माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्‍य नडेला, खगोलशास्‍त्री प्रियंवदा नटराजन, अमेरिकी ऊर्जा विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारी जिगर शाह और सामाजिक कार्यकर्ता अस्‍मा खान शामिल हैं. यही नहीं कई अन्‍य लोगों को भी इसमें जगह मिली है जो अपने क्षेत्रों में चर्चा में रहे हैं. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि भारत की जिन महिलाओं ने इसमें जगह बनाई है वो पहली बार इस सूची में शामिल हो रहे हैं. 

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आलिया भट्ट को क्‍यों मिला है मौका? 
कई फिल्‍मों में अब तक अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी आलिया भट्ट को इस बार टाइम्‍स मैगजीन में 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में जगह दी गई है. आलिया ने पिछले साल अपने पहले हॉलीवुड प्रोजेक्‍ट स्‍ट्रीमिंग फिल्‍म ‘हॉर्ट ऑफ स्‍टोन’ में डेब्‍यू किया था. इस फिल्‍म के निर्देशक टॉम हॉर्पर ने आलिया की तारीफ करते हुए कहा था कि वो सेट पर बेहद विनम्र और मजाकिया हैं. उनके काम करने के तरीके में एक अलग तरह का आकर्षण है. आलिया ने भी टाइम्‍स की ओर से मिले इस सम्‍मान के लिए आभार जताया है. आलिया ने ट्विटर पर लिखा…टाइम्‍स के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में जगह पाकर सम्‍मानित महसूस कर रही हूं. उन्‍होंने इस उपलब्धि के लिए टॉम हॉर्पर का शुक्रिया भी अदा किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आलिया भट्ट ने हार्ट ऑफ स्‍टोन में काम करने के लिए 500000$ की फीस ली है. वो सामान्‍य तौर पर बॉलीवुड में एक फिल्‍म के लिए 10 से 12 करोड़ रुपये की फीस लेती हैं. मौजूदा समय में आलिया की नेटवर्थ 550 करोड़ रुपये है.  

 साक्षी मलिक ने भी बनाई है इस सूची में जगह 
आलिया भट्ट के साथ इस सूची में ओलंपिक में पदक जीतकर सनसनी फैलाने वाली साक्षी मलिक भी शामिल हैं. साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक भी जीत चुकी हैं. वो हाल ही में कुश्‍ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर मंतर पर हुए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाती हुई नजर आई थी. साक्षी मलिक ने टाइम्‍स की ओर से उनके नाम को शामिल किए जाने को लेकर आभार जताते हुए लिखा कि इसे पाकर गौरवांवित महसूस कर रही हूं. साक्षी मलिक हालिया विवाद के बाद कुश्‍ती से संयास ले चुकी हैं. लेकिन आज उनकी नेटवर्थ 40 करोड़ रुपये है. 


 


BJP की इस कैंडिडेट पर मेहरबान हैं लक्ष्मी, दौलत इतनी कि रोज कर सकती हैं नोटों की बारिश

लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे अधिकांश उम्मीदवारों के पास दौलत का पहाड़ है.

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Thursday, 18 April, 2024
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खुद को जनता सेवक कहलाने के लिए करोड़ों की दौलत वाले भी चुनावी मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए नामांकन दाखिल करने वाले ऐसे उम्मीदवारों की जानकारी हर रोज सामने आ रही है, जिनके ऊपर लक्ष्मी कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं. इस फेहरिस्त में अब दक्षिण गोवा से भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार पल्लवी डेम्पो (Pallavi Dempo) का नाम भी जुड़ गया है. डेम्पो ने हाल ही में अपना नामांकन दाखिल किया और उनके 119 पन्नों के हलफनामे से पता चलता है कि उनके पास दौलत का पहाड़ है.  

कई सेक्टर में फैला कारोबार 
BJP कैंडिडेट पल्लवी डेम्पो और उनके पति श्रीनिवास की कुल संपत्ति करीब 1400 करोड़ रुपए है. दरअसल, पल्लवी डेम्पो ग्रुप के प्रमुख श्रीनिवास डेम्पो की पत्‍नी हैं. यह कारोबारी समूह कई अलग-अलग सेक्टर्स में फैला हुआ है. फुटबॉल, रियल एस्टेट, शिप बिल्डिंग से लेकर एजुकेशन और माइनिंग तक में डेम्पो ग्रुप की मौजूदगी है. पुणे से बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्‍टग्रेजुएशन करने वालीं पल्लवी के पास 255.4 करोड़ रुपए की चल संपत्ति है. जबकि उनके पति  के पास 994.8 करोड़ रुपए की संपत्ति है. इसके अलावा, पल्लवी के नाम पर 28.2 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी है. वहीं, श्रीनिवास की अचल संपत्ति की वैल्‍यू 83.2 करोड़ है.

दुबई-लंदन में भी प्रॉपर्टी
डेम्पो दंपत्ति के पास गोवा और देश के कई हिस्सों में प्रॉपर्टी है. इतना ही नहीं, उनके पास दुबई में एक अपार्टमेंट भी है, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य 2.5 करोड़ रुपए है.लंदन में भी उनका एक अपार्टमेंट है. आज के समय में उसका मूल्य 10 करोड़ रुपए के आसपास है. बीजेपी उम्मीदवार को गोल्ड से काफी प्यार है. उनके पास 5.7 करोड़ रुपए का सोना है. पल्लवी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी इनकम 10 करोड़ रुपए बताई थी. जबकि उनके पति श्रीनिवास ने उसी वर्ष के लिए 11 करोड़ रुपए का रिटर्न दाखिल किया था. 

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श्रीपद नाइक हैं इतने अमीर
49 साल की पल्‍लवी के पास 217.11 करोड़ के बॉन्ड और 12.92 करोड़ की सेविंग्स है. नॉर्थ गोवा और साउथ गोवा लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी. पल्लवी डेम्पो के साथ-साथ भाजपा के उत्तरी गोवा से प्रत्याशी श्रीपद नाइक ने भी नामांकन भर दिया है. नाइक पांच बार के सांसद रहे हैं, और यह उनका 7वां चुनाव है. उनकी संपत्ति की बात करें, तो चुनावी हलफनामे में नाइक ने बताया है कि उनके पास 2.05 करोड़ की चल संपत्ति,  8.81 करोड़ की अचल संपत्ति है. उनकी वार्षिक आय 17 लाख रुपए है.  


आज आ रहा है Vodafone Idea का FPO, दांव लगाएं या दूरी बनाएं? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

आज यानी 18 अप्रैल को टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया का FPO आने वाला है.

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Thursday, 18 April, 2024
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आर्थिक संकट से गुजर रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Voda Idea- VI) का FPO यानी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर आज खुल रहा है. 18 हजार करोड़ रुपए के इस FPO को अब तक का सबसे बड़ा फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर माना जा रहा है. कंपनी ने इस इश्यू के लिए प्राइज बैंड मौजूदा भाव से 17-29 फीसदी के डिस्काउंट पर फिक्स किया है. VI के शेयर 16 अप्रैल को 12.90 रुपए पर बंद हुए थे और इश्यू के लिए प्राइज बैंड 10-11 रुपए रखा गया है. वोडा आइडिया के इस FPO को लेकर काफी चर्चा है, ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि इस पर दांव लगाना चाहिए या नहीं?   

कंपनी पर है कर्ज का बोझ 
वोडाफोन आइडिया वित्तीय परेशानियों का सामना कर रही है और उसे प्रतियोगी कंपनियों से टक्कर के लिए फंड की जरूरत है. इसलिए कंपनी FPO लेकर आई है. दरअसल, कंपनी योजना डेट और इक्विटी के जरिए करीब 45 हजार करोड़ रुपए जुटाना चाहती है और यह एफपीओ इसी का हिस्सा है. इससे मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कंपनी सबसे पहले बकाया चुकाने में करेगी. वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआती नौ महीनों में वोडा आइडिया को 23,564 करोड़ रुपए का भारी-भरकम घाटा हुआ था. कंपनी पर कर्ज का बोझ भी काफी ज्यादा है. पिछले साल दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार, VI को 2.15 लाख करोड़ रुपए का कर्जा चुकाना है. इतना ही नहीं, कंपनी पर स्पेक्ट्रम का 58,254 करोड़ रुपए भी बकाया है. 

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कहां इस्तेमाल होगा पैसा?
FPO की बात करें, तो इसके तहत सिर्फ नए शेयर जारी होंगे. इश्यू का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और बाकी 35 प्रतिशत रिटेल निवेशकों के लिए आरक्षित रखा गया है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि VI एफपीओ से मिले 12750 करो़ड रुपए का इस्तेमाल नेटवर्क विस्तार के लिए इक्विपमेंट खरीदने पर करेगी. जबकि 2,175.31 करोड़ रुपए का इस्तेमाल स्पेक्ट्रम का कुछ बकाया चुकाने पर होगा. कंपनी के लिए इस FPO का सफल होना बेहद जरूरी है.  

कई आशंकाएं मौजूद 
अब जानते हैं कि क्या अब तक के सबसे बड़े इस FPO में पैसा लगाया जाए या नहीं. वोडाफोन आइडिया की बैलेंसशीट अच्छी नहीं रही है. कंपनी को रिलायंस जियो और भारती एयरटेल से तगड़ा कॉम्पटीशन मिल रहा है. ऐसे में एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. एक मीडिया रिपोर्ट में मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे के हवाले से बताया गया है कि जियो और एयरटेल से प्रतियोगिता में कंपनी लगातार अपने सब्सक्राइबर्स गंवा रही है, इसका घाटा भी बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर FPO में पैसा लगाने से बचना चाहिए. वहीं, एक अन्य एक्सपर्ट ने भी इस एफपीओ से दूर रहने की सलाह दी है. उनका कहना है कि निकट भविष्य में वोडाफोन आइडिया के ट्रैक पर आने की गुंजाइश कम ही नजर आ रही है. लिहाजा एफपीओ में पैसे लगाने से पहले निवेशकों को सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कंपनी के साथ सबसे बड़ा जोखिम ये है कि उसके यूजर्स लगातार घट रहे हैं. इसके अलावा, उसे समय-समय पर कर्ज और बकाया का बोझ भी कम करना होगा, जो उसकी आर्थिक सेहत को और हिला सकता है.