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Reliance Capital के कर्जदाताओं को झटका, 'ज्यादा' पाने की चाह नहीं होगी पूरी!
कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) 9,500 करोड़ रुपए के बेस प्राइज पर दूसरे दौर की नीलामी प्रक्रिया शुरू करना चाहती है, ताकि रिलायंस कैपिटल को बेचकर ज्यादा से ज्यादा पैसा हासिल किया जा सके.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल की दूसरे दौर की नीलामी खटाई में पड़ती नजर आ रही है. रिलायंस कैपिटल को अपना बनाने की दौड़ में शामिल कंपनियां सेकंड राउंड के ऑक्शन के लिए तैयार नहीं हैं. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा नीलामी से जुड़े मामले की सुनवाई अगस्त में निर्धारित की है. टोरेंट ग्रुप ने कर्जदाता बैंकों के दूसरे दौर की नीलामी के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अब अगस्त में मामले पर सुनवाई होगी. हालांकि, कोर्ट ने नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
लंबी खिंच रही प्रक्रिया
रिलायंस कैपिटल की दिवाला प्रक्रिया 450 दिनों से अधिक समय से चल रही है, जो 330 दिनों की वैधानिक समय सीमा से बहुत ज्यादा है. इस कंपनी को अपना बनाने के लिए गुजरात की टोरेंट पावर और हिंदुजा समूह शामिल हैं. टोरेंट ने पहली नीलामी के दौरान 8,640 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी. नीलामी प्रक्रिया के बाद हिंदुजा समूह ने 9000 करोड़ की बोली लगाकर कर्जदाताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया था. जबकि टोरेंट का कहना था कि चूंकि हिंदुजा ने नीलामी प्रक्रिया के बाद बोली लगाई है, लिहाजा उसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. तभी से मामला अटका हुआ है.
हिंदुजा समूह ने कही ये बात
कर्जदाता बैंकों ने ज्यादा पैसों की चाह में दूसरे राउंड के ऑक्शन का फैसला लिया था, लेकिन मौजूदा हालातों को देखकर इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है. टोरेंट पावर ने साफ कर दिया है कि वो दूसरे दौर की नीलामी प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनेगी. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदुजा की तरफ से कहा गया है कि वो अपनी 9000 करोड़ रुपए की संशोधित बोली वापस लेना चाहता है और पहली नीलामी प्रक्रिया के ऑफर 8,110 करोड़ रुपए पर ही कायम है. यानी कर्जदाता बैंकों की कुछ ज्यादा पाने की उम्मीद पूरी होने की संभावना न के बराबर है.
कंपनी के शेयरों में गिरावट
कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) 9,500 करोड़ रुपए के बेस प्राइज पर दूसरे दौर की नीलामी प्रक्रिया शुरू करना चाहती है, ताकि रिलायंस कैपिटल को बेचकर ज्यादा से ज्यादा पैसा हासिल किया जा सके. वहीं, रिलायंस कैपिटल के शेयर की बात करें, तो यह 5% से ज्यादा के नुकसान के साथ 8.45 रुपए पर ट्रेड कर रहा है. पिछले पांच दिनों में इसमें 7.65% की नरमी देखने को मिली है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब तक कंपनी की नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक इसके शेयरों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
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