पिछले कुछ समय में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच आपसी सहयोग तेजी से बढ़ा है. इसी सहयोग को और बढ़ाने को लेकर आज दिल्ली में एक अहम कार्यक्रम होने जा रहा है.
एक ओर देश में जहां जी20 से जुड़ी अलग-अलग मीटिंग आयोजित हो रही हैं वहीं दूसरी ओर आज दिल्ली में ऑस्ट्रलियाई सांसदों के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई संसद के कई जाने माने चेहरे मौजूद रहेंगे. आज के इस कार्यक्रम में ऑस्टेलियाई संसद के लेजिस्लेटिव काउंसिल के व्हिप सहित डिप्टी स्पीकर और कई जाने माने चेहरे मौजूद रहने वाले हैं. इस कार्यक्रम में दोनो देशों के बीच तालमेल बढ़ाने से लेकर सहयोग की पारस्परिक मामलों को लेकर चर्चा होगी, इसमें बतौर मुख्य अतिथि मीनाक्षी लेखी मौजूद रहेंगी.
कौन-कौन रहेंगे मौजूद
आज इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई संसद के डिप्टी स्पीकर मैट फ्रीगौन, ली तारलामिस सांसद एवं व्हिप इन लेजिस्लेटिव काउंसिल, सांसद पॉलिन रिसॉर्ड, सांसद मेंग हिनेंग टॉक, सांसद डायलॉन विट मौजूद रहेंगे. इस कार्यक्रम को पूर्व सांसद उम्मीदवार अभिमन्यु कुमार और सीनियर मीडिया पर्सनेलिटी दिलीप तिवारी आयोजित कर रहे हैं. जबकि बिजनेस वर्ल्ड इसके इस कार्यक्रम के एसोसिएशन में शामिल है. इस कार्यक्रम में बिजनेस वर्ल्ड समूह के एडिटर एंड चेयरमैन और समाचार4मीडिया के संस्थापक डॉ. अनुराग बत्रा भी मौजूद रहेंगे.
क्या होगा आज के कार्यक्रम में
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लगातार सहयोग बढ़ रहा है. ऐसे में आज का ये कार्यक्रम भी परस्पर सहयोग बढ़ाने के मकसद से बेहद अहम है. ऑस्ट्रेलिया से आए सांसदों के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, रविशंकर प्रसाद, सहित राजनीति की दुनिया के कई जानी मानी हस्तियां इसमें मौजूद रहेंगी. इसके अतिरिक्त सांसदों का भारत के कई वरिष्ठ पत्रकारों के साथ भी मुलाकात का कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम का मकसद दोनों देशों के बीच अलग-अलग क्षेत्रों में परस्पर सहयोग बढ़ाना है.
आंध्र प्रदेश के सीएम से भी कर चुके हैं मुलाकात
ऑस्ट्रेलियाई सांसदों का ये प्रतिनिधिमंडल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से भी मुलाकात कर चुका है. इस मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने एनर्जी और शिक्षा सहित कई मुद्दों पर चर्चा की. मुलाकात के बाद आस्ट्रेलियाई सांसद ली टॉरलामिस ने कहा कि दोनों देशों के बीच काफी सारी समानताएं हैं. हम इन दोनों क्षेत्रों में एक दूसरे का बेहतर तरीके से सहयोग कर सकते हैं.
इस दिवाली काफी चीजें पिछले साल के मुकाबले महंगी हो गई हैं. दिवाली पर पूजा में इस्तेमाल होने वाली ऐसी कई चीजे हैं जो 200 प्रतिशत तक महंगी हुई हैं.
इस बार की दिवाली लोगों के लिए काफी महंगी हो गई है. दरअसल, कई इस बार चीजों की कीमत काफी बढ़ गई है. दिवाली की पूजा में इस्तेमाल होने वाले खील खिलौने से लेकर दीये, मिठाई और फूल माला तक की कीमत पिछले साल के मुकाबले कई गुना बढ़ गई है. कुछ चीजों की कीमत तो 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है, यानी पिछले साल के मुकाबले दोगुनी कीमत से ज्यादा पर मिल रही हैं. खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि थोक बाजार से चीजें महंगी मिल रही हैं. ऐसे में वे भी चीजों को महंगी बेचने पर मजबूर हैं.
खील खिलौने की कीमत 50 प्रतिशत तक बढ़ी
दिवाली पर खील और खिलौने वाली मिठाई का विशेष महत्व होता है. शाम को पूजा के समय इन चीजों को भी शामिल किया जाता है. इस बार इनकी कीमत ने भी लोगों के होश उड़ा दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनकी कीमत में भी 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है. खुदरा बाजार में खील और खिलौने, दोनों 50 रुपये पाव (250 ग्राम) मिल रहे हैं. पिछले साल इसकी कीमत 25 से 30 रुपये पाव थी.
दीये की कीमत भी बढ़ी
दिवाली पर दीये जलाकर लोग अपने घरों को रौशन करते हैं, ऐसे में इस बार इनकी कीमत भी 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है. पिछले मिट्टी के छोटे वाले दीये 10 रुपये के 15 मिल रहे थे, लेकिन इस बार ये 10 रुपये के 10 मिल रहे हैं. वहीं, बड़े दिये की कीमत भी 10 रुपये से 15 रुपये के बीच है.
फूल लड़ी की कीमत दोगुनी से ज्यादा
दिवाली पर पूजा से लेकर सजावट तक में गेंदे के फूलों की लड़ी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है. इस बार यह सबसे ज्यादा महंगी नजर आ रही है. करीब ढाई से तीन फुट लंबी लड़ी की कीमत इस बार 50 से 60 रुपये है. पिछले साल यह 20 रुपये में मिल रही थी. ऐसे में देखा जाए तो लोगों की इस बार की दिवाली 200 प्रतिशत तक महंगी हो गई है.
मिठाई और तेल की कीमतों में भी दिखी उछाल
इस दिवाली मिठाई ने भी दिल थोड़ा खट्टा कर दिया है. मिठाई की कीमत में पिछले साल के मुकाबले 40 प्रतिशत तक की तेजी आई है. पिछले साथ छेना मिठाई की कीमत 400 से 450 रुपये किलो थी, लेकिन इस बार यह 550 रुपये तक पहुंच गई है. ऐसे में छेना मिठाई 20 से 40 प्रतिशत तक महंगी हो गई है. वहीं, खुदरा बाजार में इसकी कीमत 160 से 180 रुपये किलो तक हो गई है. पिछले इसकी कीमत 100 से 120 रुपये प्रति लीटर थी. ऐसे में देखा जाए तो इस बार सरसों का तेल 50 से 60 फीसदी महंगा हो गया है. बता दें, यह कीमतें खुदरा बाजार के अनुसार हैं, ऐसे में अलग-अलग शहरों और वहां की स्थानीय मार्केट के अनुसार इनकी कीमत में बदलाव हो सकता है.
SEBI ने अनिल अंबानी की छह कंपनियों को नोटिस देकर 154.50 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. कंपनियों को ये भुगतान 15 दिन के अंदर करना होगा.
रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. दरअसल, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अनिल अंबानी को एक बार फिर बड़ा झटका दे दिया है. सेबी ने अनिल अंबानी की रिलायंस होम फाइनेंस की प्रवर्तक सहित छह कंपनियों को नोटिस देकर 154.50 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. यह नोटिस कंपनी को पैसों की हेराफेरी को लेकर दिया गया है.
भुगतान न करने पर संपत्ति और बैंक खाते कुर्क करने की चेतावनी
सेबी ने इन इकाइयों को 15 दिन के भीतर भुगतान करने को कहा है. ऐसा करने में विफल रहने पर संपत्ति और बैंक खाते कुर्क करने की चेतावनी दी है. बता दें, जिन इकाइयों को नोटिस भेजे गये हैं, उनमें क्रेस्ट लॉजिस्टिक्स एंड इंजीनियर्स प्राइवेट लि. (अब सीएलई प्राइवेट लि.), रिलायंस यूनिकॉर्न एंटरप्राइजेज प्राइवेट लि., रिलायंस एक्सचेंज नेक्स्ट लि., रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लि., रिलायंस बिजनेस ब्रॉडकास्ट न्यूज होल्डिंग्स लि. और रिलायंस क्लीनजेन लि. शामिल हैं. सेबी ने इन इकाइयों को पिछला जुर्माना देने में विफल रहने के बाद ये मांग नोटिस भेजा है.
हर कंपनी को करना होगा 25.75 करोड़ का भुगतान
सेबा ने छह अलग-अलग नोटिस में इन कंपनियों में प्रत्येक को 25.75 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है. इसमें ब्याज और वसूली लागत शामिल है. सेबी बकाया भुगतान नहीं करने की स्थिति में इन कंपनियों की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क कर और उसे बेचकर राशि की वसूली करेगा. इसके अलावा उनके बैंक खातों को भी कुर्क किया जाएगा.
इसलिए भेजा गया है नोटिस
सेबी ने इस साल अगस्त में कंपनी से धन के हेराफेरी को लेकर उद्योगपति अनिल अंबानी, रिलायंस होम फाइनेंस के पूर्व प्रमुख अधिकारियों सहित 24 अन्य इकाइयों को प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. सेबी ने अंबानी पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. साथ ही उन पर पांच साल के लिए किसी भी सूचीबद्ध कंपनी या बाजार नियामक के साथ पंजीकृत मध्यस्थों में निदेशक या प्रबंधन स्तर पर प्रमुख पद लेने पर रोक लगा दी.
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कंपनी 6 महीने के लिए हुई थी बैन
सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस को छह महीने के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया और उस पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. सेबी ने 222 पृष्ठ के अंतिम आदेश में कहा कि अनिल अंबानी ने आरएचएफएल के प्रबंधन स्तर के प्रमुख कर्मचारियों की मदद से राशि की हेराफेरी की है. इस रकम को इस रूप से दिखाया गया कि उनसे जुड़ी इकाइयों ने कंपनी से कर्ज लिया है. हालांकि, आरएचएफएल के निदेशक मंडल ने इस तरह की कर्ज गतिविधियों को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और नियमित रूप से कंपनी की समीक्षा की थी, लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों को नजरअंदाज किया.
बुधवार को NSE और BSE दोनों प्रमुख इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए थे. सेंसेक्स 426.85 अंक टूटकर 79,942.18 और निफ्टी भी 126 अंक फिसलकर 24,340.85 के स्तर पर बंद हुआ था.
शेयर बाजार में लगातार दो दिन से जारी तेजी पर एक बार फिर ब्रेक लग गया. इससे निवेशक बेहद निराश हुए, क्योंकि त्यौहार के समय उन्होंने शेयर बाजार से कमाई की उम्मीद लगाई हुई थी. बुधवार यानी 30 अक्टूबर 2024 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स 427 अंक लुढ़ककर गया और 426.85 अंक यानी 0.53 प्रतिशत टूटकर 79,942.18 अंक पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान इंडेक्स 80,435.61 अंक तक गया था. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 126 अंक यानी 0.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,340.85 अंक पर बंद हुआ था. तो चलिए जानते हैं आज यानी गुरुवार दिवाली के अवसर पर किन शेयरों में तेजी के शुभ संकेत नजर आ रहे हैं और कौन-से शेयर गिरावट के संकेत दे रहे हैं?
क्यों आ रही गिरावट?
एक्सपर्ट्स के अनुसार शेयर बाजारों में कमजोर रुख के बीच बैंक और वित्तीय शेयरों में बिकवाली से बाजार नीचे आया था. वहीं दूसरी ओर कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से बाजार धारणा प्रभावित हुई थी. बुधवार को सेंसेक्स में शामिल तीस शेयरों में इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी और एचडीएफसी बैंक नुकसान में रहे थे. वहीं, मारुति, इंडसइंड बैंक, अडानी पोर्ट्स, आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर लाभ के साथ बंद हुए थे.
आज इन शेयरों में दिख रही तेजी
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने Rainbow Children's Medicare, Ami Organics, Welspun Corp., Akums Drugs & Pharmaceuticals, Piramal Enterprises, SBI और Max Healthcare Institute पर तेजी का रुख दिखाया है. वहीं, जिन शेयरों में मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है, उनमें Poly Medicare, UTI AMC, Gillette India, CRISIL, Coforge, Deepak Fertilisers, and City Union Bank शामिल हैं. इन शेयर ने अपना 52 हफ्ते का उच्च स्तर पार कर लिया है. यह इन शेयर में तेजी का संकेत देता है. बता दें, एमएसीडी को ट्रेडेड सिक्योरिटीज या इंडेक्स में ट्रेंड रिवर्सल के संकेत के लिए जाना जाता है. जब एमएसीडी सिग्नल लाइन को पार करता है, तो यह एक तेजी का संकेत देता है. यह दर्शाता है कि शेयर की कीमत में ऊपर की ओर गति देखी जा सकती है. इसी तरह यह मंदी का भी संकेत देता है.
इन शेयरों में दिख रहे गिरावट के संकेत
एमएसीडी (MACD) ने Thermax, Privi Speciality Chemicals, Manorama Industries, EPACK Durables और Renaissance Global के शेयर में मंदी का संकेत दिया है. इसका मतलब है कि अब इन शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है. वहीं, Astral Poly Tech और Delhivery इन सभई शेयरों में बिकवाली के संकेत दिख रहे हैं. इन शेयरों ने अपना 52 हफ्ते का निचला स्तर पार कर लिया है. यह इन शेयर में नरमी का संकेत देता है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
बीएसई पर लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैप 436.13 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पिछले कारोबारी सत्र में 434.86 लाख करोड़ रुपये रहा था.
दिवाली के एक दिन पहले के सत्र में भारतीय शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ है. बैंकिंग, आईटी और फार्मा शेयरों में मुनाफावसूली के चलते बाजार में ये गिरावट आई है. हालांकि मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में खरीदारी देखने को मिली है. आज का कारोबार खत्म होने पर बीएसई सेंसेक्स 426 अंकों की गिरावट के साथ 79,942 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 126 अंकों की गिरावट के साथ 24,340 अंकों पर क्लोज हुआ है.
चढ़ने-गिरने वाले शेयर्स
बीएसई सेंसेक्स के 30 में से 12 शेयर आज हरे निशान में हुए, इसमें मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) के शेयरों में 1.92 फीसदी की सबसे अधिक तेजी रही. इसके बाद इंडसइंड बैंक (Indusind Bank), अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports), आईटीसी (ITC) और अल्ट्राटेक सीमेंट (Ultra Tech Cement) के शेयर 0.71 फीसदी से लेकर 1.81 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुए.
वहीं सेंसेक्स के बाकी 18 शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए, इसमें इंफोसिस (Infosys) का शेयर 2.01 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा. वहीं आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयरों में 1.23 फीसदी से 1.52% तक की गिरावट देखी गई.
BSE के 2,893 शेयरों में रही तेजी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर आज बढ़त के साथ बंद होने वाले शेयरों की संख्या अधिक रही. एक्सचेंज पर कुल 4,011 शेयरों में आज कारोबार देखने को मिला. इसमें से 2,893 शेयर तेजी के साथ बंद हुए. वहीं 1,038 शेयरों में गिरावट देखी गई. जबकि 80 शेयर बिना किसी उतार-चढ़ाव के सपाट बंद हुए. इसके अलावा 131 शेयरों ने आज कारोबार के दौरान अपना नया 52-वीक हाई छुआ. वहीं 51 शेयरों ने अपने 52 हफ्तों का नया निचला स्तर छुआ.
निवेशकों की संपत्ति में उछाल
सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी के चलते निवेशकों की संपत्ति में उछाल देखने को मिला है. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज 30 अक्टूबर को बढ़कर 436.16 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी सोमवार 29 अक्टूबर को 434.86 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है. या दूसरे शब्दों में कहें तो निवेशकों की संपत्ति में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.
कंपनी ने बताया कि ब्याज से होने वाली कमाई (NII) में भी इजाफा हुआ है. कंपनी की NII 1618 करोड़ से बढ़कर 1772 करोड़ रुपये सालाना हो गई है.
आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (ABCL) ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 42 फीसदी बढ़ गया है. कंपनी ने इस अवधि में 1,001 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है. कंपनी के मुनाफे में इस मजबूत बढ़त की वजह इसके लेंडिंग और इंश्योरेंस पोर्टफोलियो में मजबूत वृद्धि है. नतीजों के बीच कंपनी के शेयरों में 5.23 फीसदी की तेजी देखी गई और यह स्टॉक BSE पर 215.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ है. कंपनी का मार्केट कैप 56,091 करोड़ रुपये है.
ABCL का रेवेन्यू 36% बढ़ा
आदित्य बिड़ला कैपिटल ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि सितंबर तिमाही में इसका रेवेन्यू पिछले साल की तुलना में 36 फीसदी बढ़कर 12007 करोड़ रुपये हो गया. सितंबर तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड लेंडिंग पोर्टफोलियो सालाना आधार पर 27 फीसदी बढ़कर 1.38 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें इसका NBFC और हाउसिंग फाइनेंस सेगमेंट भी शामिल है. फर्म की NBFC आर्म में एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर 1.14 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की तुलना में 23 फीसदी की वृद्धि है. हाउसिंग फाइनेंस AUM 51 फीसदी बढ़कर 23,236 करोड़ रुपये हो गया.
एसेट मैनेजमेंट में ABCL के म्यूचुअल फंड तिमाही एवरेज AUM में सालाना आधार पर 23 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 3.83 लाख करोड़ रुपये हो गया। इंश्योरेंस सेगमेंट में लाइफ इंश्योरेंस इंडिविजुअल फर्स्ट ईयर प्रीमियम में वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 33 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 1578 करोड़ रुपये हो गया. इसी अवधि में हेल्थ इंश्योरेंस ग्रॉस रिटन प्रीमियम में 39 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 2171 करोड़ रुपये हो गया.
ABCL का कुल AUM 5.01 लाख करोड़ रुपये
ABCL का कुल AUM, जिसमें एसेट मैनेजमेंट, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस का कंट्रीब्यूशन शामिल है, तिमाही के अंत तक 5.01 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 फीसदी अधिक है. तिमाही आधार पर आदित्य बिड़ला कैपिटल का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 32 फीसदी बढ़ा, जिसमें हाल ही में आदित्य बिड़ला इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड में ABCL की पूरी 50 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से लाभ हुआ, जिसने 167 करोड़ रुपये का योगदान दिया.
वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में ABCL के NBFC बिजनेस ने डिसबर्समेंट में 17 फीसदी की एनुअल ग्रोथ हासिल की और यह 19322 करोड़ रुपये हो गया, जबकि एयूएम 23 फीसदी बढ़कर 1.14 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिसमें रिटेल, एसएमई और एचएनआई लोन पोर्टफोलियो का 65 फीसदी हिस्सा था. क्रेडिट कॉस्ट में तिमाही आधार पर 18 आधार अंकों की गिरावट आई और ग्रॉस स्टेज 2 और 3 रेश्यो में सुधार होकर 4.24 फीसदी हो गया.
Google ने इस बार अपनी विज्ञापन पॉलिसी में कुछ बदलाव किए हैं, जिसको लेकर माना जा रहा है कि इससे छोटे व्यवसाय प्रभावित हो सकते हैं.
गूगल (Google) समय समय पर अपनी पॉलिसी में बदलाव करता रहता है. इसी क्रम में अब कंपनी ने अपनी विज्ञापन पॉलिसी में कुछ बदलाव किए हैं. गूगल के इस फैसले से लाखों छोटे व्यवसाय प्रभवित हो सकते हैं. गूगल ने कहा है कि 21 नवंबर से केवल सत्यापित गूगल बिजनेस प्रोफाइल वाले व्यवसाय ही विज्ञापन चला सकेंगे. तो चलिए जानते हैं ये बदलाव क्या है?
इन देशों में हो रहा बदलाव
गूगल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि कंपनी अपनी गूगल लोकल सर्विसेज विज्ञापनों की पॉलिसी में बदलाव कर रहा है, जिससे लाखों छोटे व्यवसाय प्रभवित हो सकते हैं. गूगल ने कहा है कि 21 नवंबर से, केवल सत्यापित गूगल बिजनेस प्रोफाइल वाले व्यवसाय ही विज्ञापन चला सकेंगे. बता दें, गूगल के माध्यम से छोटे बिजनेस बड़ी ऑडियंस तक जल्दी अपनी पहुंच बना लेते हैं. गूगल ने एक ऑनलाइन पोस्ट में यह भी कहा कि यह बदलाव यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में व्यवसायों और अमेरिका और कनाडा में चुनिंदा व्यवसायों को प्रभावित करेगा. गूगल का कहना है कि यह बदलाव धोखाधड़ी पर नकेल कसने का एक प्रयास है.
व्यापारियों को करना होगा ये काम
गूगल के अनुसार अगर किसी छोटे व्यवसाय की गूगल बिजनेस प्रोफाइल का नाम और पता विज्ञापन की जानकारी से मेल नहीं खाता है, तो उसका विज्ञापन रोक दिया जाएगा. ऐसे में जो छोटे व्यवसाय वैध हैं और उन्हें गूगल की इस पॉलिसी में हुए बदलाव के बारे में पता नहीं है, तो उनको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
ऐसे सत्यापित करना होगा व्यवसाय
बता दें, गूगल पर बिजनेस को सत्यापित होना कठिन नहीं है, लेकिन इसमें कुछ समय लगता है. व्यवसाय स्वामियों को गूगल पर अपना व्यवसाय पता सही लिखना होगा और दावा करना होगा कि यह सही है साथ ही फिर मालिकों को फोन, टेक्स्ट, ईमेल या वीडियो के माध्यम से पते को सत्यापित करना होगा. यह प्रक्रिया व्यवसाय श्रेणी और स्थान के अनुसार अलग-अलग होती है और इसमें पृष्ठभूमि, व्यवसाय पंजीकरण, बीमा और लाइसेंस जांच के बारे में जानकारी देना शामिल हो सकता है. गूगल के सत्यापन में सात दिन तक लग सकते हैं. एक बार जब कोई व्यवसाय सत्यापित हो जाता है, तो उसके मालिक को सूचित कर दिया जाता है.
गूगल एड के फायदे
1. Google Ads, गूगल का ऑनलाइन विज्ञापन ऑनलाइन उत्पाद है. Google Ads के जरिए, आप ऑनलाइन विज्ञापन बनाकर लोगों तक ठीक उस समय पहुंच सकते हैं जब आपके प्रॉडक्ट और सेवाओं में उनकी दिलचस्पी होती है.
2. Google Ads ऐसा प्रॉडक्ट है जिसका इस्तेमाल करके आप अपने कारोबार का प्रचार कर सकते हैं, प्रॉडक्ट या सेवाओं को बेच सकते हैं, जागरूकता बढ़ा सकते हैं, और अपनी वेबसाइट के ट्रैफ़िक में बढ़ोतरी कर सकते हैं.
3. Google Ads खातों को ऑनलाइन मैनेज किया जाता है. इस वजह से आप कभी भी अपने विज्ञापन टेक्स्ट, सेटिंग, और बजट के साथ-साथ अपने विज्ञापन कैंपेन को बना और बदल सकते हैं.
4.विज्ञापन कैंपेन के लिए, कम से कम खर्च की कोई शर्त नहीं है. साथ ही, आप अपने बजट को खुद सेट और कंट्रोल करते हैं. आप अपनी सुविधा से बजट सेट करते हैं और उस जगह को चुनते हैं जहां आपका विज्ञापन दिखेगा. साथ ही, आसानी से अपने विज्ञापन के असर का आकलन करते हैं.
भारत में एप्पल के लिए फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, पेगाट्रॉन कॉर्प और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स आईफोन बनाती हैं. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी है.
दुनिया की दिग्गज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी एप्पल इंक (Apple) का सबसे लोकप्रिय प्रोडक्ट आईफोन (IPhone) भारत के लिए लगातार खुशखबरी लेकर आ रहा है. चीन पर निर्भरता कम करने के लिए एप्पल ने भारत को चुना था. अब इस आईफोन के दम पर भारत का स्मार्टफोन एक्सपोर्ट (Smartphone Export) लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है. स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी आईफोन की ही हो गई है. आईफोन की मदद से भारत सरकार को देश में मैन्युफैक्चरिंग का माहौल बनाने में भी काफी मदद मिल रही है.
आईफोन का एक्सपोर्ट करीब 6 अरब डॉलर पहुंचा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल इंक का भारत में बने आईफोन का एक्सपोर्ट करीब 6 अरब डॉलर को छू गया है. यह पिछले साल के मुकाबले एक तिहाई ज्यादा है. वित्त वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 10 अरब डॉलर को पार कर सकता है. इससे उत्साहित होकर एप्पल भी तेजी से देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है. अमेरिका और चीन में जारी तनाव के चलते वह भारत में ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट बनाना चाहती है. भारत में मिल रही सब्सिडी, टेक्नोलॉजी और स्किल्ड वर्कफोर्स की वजह से उसे काफी फायदा भी हो रहा है.
फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा कर रही Apple के लिए काम
भारत में एप्पल के लिए तीन कंपनियां काम कर रही हैं. इनमें ताइवान का फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप (Foxconn Technology Group), पेगाट्रॉन कॉर्प (Pegatron Corp) और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics) शामिल हैं. यह तीनों ही कंपनियां दक्षिण भारत में आईफोन की असेंबलिंग करती हैं. चेन्नई के नजदीक स्थित फॉक्सकॉन की यूनिट एप्पल की सबसे बड़ी सप्लायर है. सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक में स्थित टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की फैक्ट्री से करीब 1.7 अरब डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए गए हैं. पिछले साल विसट्रॉन कॉर्प (Wistron Corp) को खरीदकर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स आईफोन बनाने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी.
नए एपल स्टोर खोलने की प्लानिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा दी गई सब्सिडी की वजह से एपल को इस साल भारत में अपने सबसे फ्लैगशिप iPhone 16 Pro और Pro Max मॉडल को बेहतर कैमरे और टाइटेनियम बॉडी के साथ असेंबल करने में मदद मिली है. एपल अब बैंगलोर और पुणे सहित नए रिटेल स्टोर खोलने की भी योजना बना रहा है. जिन्हें अगले साल खोले जाने की खबरें हैं. पिछले साल एपल ने मुंबई और नई दिल्ली में एपल स्टोर खोले थे.
PhonePe ने अपने यूजर्स के लिए फायरक्रैकर्स इंश्योरेंस लॉन्च किया है. यूजर्स केवल 9 रुपये देकर ये इंश्योरेंस ले सकते हैं.
अगर आप भी दिवाली पर पटाखे फोड़ते हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, पटाखे जलाते समय कई तरह के हादसे हो जाते हैं, जिससे लोगों को नुकसान भी काफी होता है. वहीं, अब इस नुकसान की भरपाई के लिए आप फायरक्रैकर्स इंश्योरेंस (Firecracker Insurance Plan) ले सकते हैं. फोनपे (PhonePe) ने अपने यूजर्स के लिए फायरक्रैकर्स इंश्योरेंस लॉन्च किया है. तो चलिए जानते हैं ये इंश्योरेंस कितने का है और इसमें आपको क्लेम कैसे मिलेगा?
10 दिन तक होगी इंश्योरेंस की वैलिडिटी
दिवाली पर लोग जमकर पटाखे फोड़ते हैं, लेकिन कई बार पटाखे फोड़ते वक्त हादसा भी हो जाता है. दिवाली पर पटाखे की वजह से होने वाले हादसों के लिए आपको यूपीआई (UPI) ऐप फोनपे (PhonePe) पर फायरक्रैकर इंश्योरेंस मिल रहा है. इस इंश्योरेंस से आप अपने होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं. इस इंश्योरेंस की वैलिडिटी सिर्फ 10 दिन की है. यानी खरीदने से महज 10 दिन के अंदर ही आपको इसे क्लेम करना होगा.
इतना मिलेगा क्लेम
अगर दिवाली के दिन आपके साथ कोई हादसा हो जाता है तो आप फोनपे के फायरक्रैकर्स इंश्योरेंस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके तहत आपको 25000 रुपये का हॉस्पिटलाइजेशन और एक्सीडेंटल डेथ कवरेज मिलेगा. इस इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसी होल्डर और उसके पति या पत्नी समेत दो बच्चों को कवर किया जाता है.
कितने का है इंश्योरेंस?
फोनपे का फायरक्रैकर इंश्योरेंस बाकि इंश्योरेंस के मुकाबले काफी सस्ता और अलग है. इसके लिए आपको मोटी रकम नहीं खर्च करनी पड़ेगी बल्कि आप महज 9 रुपये का प्रीमियम देकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये प्लान 25 अक्टूबर से लाइव है अगर कोई इसे इस दिन के बाद खरीदता है तो उसकी वैलिडिटी खरीदने वाले दिन से शुरू होगी.
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास रखा सोने (Gold) का स्टॉक 102 टन बढ़ चुका है. ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है.
दिवाली के अवसर पर देश की जनता के लिए एक अच्छी खबर आई है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास रखा सोने (Gold) का स्टॉक 102 टन बढ़ चुका है. आरबीआई ने मंगलवार को आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें ये जानकारी सामने आई है. आंकड़ों के अनुसार से अप्रैल-सितंबर के दौरान देश में घरेलू स्तर पर रखे गए सोने के भंडार में 102 टन की बढ़ोतरी हुई है. तो चलिए जानते हैं अब आरबीआई के पास रखे सोने का स्टॉक कितना हो गया है?
अब इतना हो गया सोने का स्टॉक
आरबीआई का कहना है कि देश के अंदर तिजोरियों में रखे गए सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर 2024 तक 510.46 टन थी. यह मात्रा 31 मार्च 2024 तक रखे गए 408 टन सोने से अधिक है. वहीं, हाल में आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर छमाही रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 32 टन सोने का भंडार बढ़ाया. इसके साथ कुल गोल्ड रिजर्व बढ़कर 854.73 टन हो गया.
देश का रिजर्व गोल्ड विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा
देश का गोल्ड रिजर्व असल में देश के विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है. आरबीआई अपने गोल्ड रिजर्व का कुछ हिस्सा घरेलू जमीन पर यानी देश के भीतर रखती है. वहीं, कुछ हिस्सा लंदन और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी रखा रहता है. इंटरनेशनल लेवल पर ट्रेड बैलेंस बनाए रखने के लिए जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विदेशी मुद्राओं का रिजर्व काम आता है, उसी तरह गारंटी देने के लिए विदेशों में रखा सोना भी इस्तेमाल होता है.
भारत में वापस आ रहा विदेशों में रखा सोना
पिछले कुछ सालों में भारत ने अपने गोल्ड रिजर्व को धीरे-धीरे स्वदेशी तिजोरियों में ट्रांसफर करना शुरू किया है. मीडियी रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में इसने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्थानों पर शिफ्ट किया था. यह 1991 के बाद के देश के लिए सबसे बड़े गोल्ड ट्रांसफर में से एक था. भारत को 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए अपने गोल्ड रिजर्व का एक बड़ा हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था. आरबीआई के अनुसार 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास सुरक्षित रखा गया था और 20.26 टन सोना गोल्ड डिपॉजिट के रूप में रखा गया था. मई के अंत में ही सूत्रों ने संकेत दिया था कि सरकार विदेशों में रखे गोल्ड रिजर्व को घटाने पर फैसला कर सकती है.
केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार 28 अक्टूबर 2024 तक मंडियों में कुल 65.75 लाख टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 60.63 लाख टन धान राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने खरीदा है.
दिवाली से पहले पंजाब के किसानों को बड़ा तोहफा मिल गया है. पंजाब के लाखों किसानों के खातों में कुल मिलाकर 12,200 करोड़ रुपये आए हैं. दरअसल, केंद्र सरकार ने पंजाब से करीब 61 लाख टन धान खरीदा है, जिसका भुगतान सरकार की ओर से दिवाली से पहले कर दिया गया है. केंद्र सरकार के इस भुगतान का फायदा पजांब के करीब 3.50 लाख किसानों को होगा. तो आइए जानते हैं कि कितने किसानों को इसका लाभ मिला है?
सरकार ने खरीदा इतना धान
केंद्र ने मंगलवार को कहा कि उसने पंजाब में अबतक 60.63 लाख टन धान खरीदा है और 28 अक्टूबर तक राज्य के किसानों को 12,200 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि 28 अक्टूबर 2024 तक, मंडियों में कुल 65.75 लाख टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 60.63 लाख टन राज्य एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खरीदा गया है. इसमें कहा गया है कि पंजाब के किसानों को 28 अक्टूबर तक सीधे बैंक खातों में 12,200 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
इतने किसानों को हुआ फायदा
राज्य में अबतक कुल धान की खरीद 14,066 करोड़ रुपये की हुई है और इससे 3,51,906 किसान लाभान्वित हुए हैं. इसके अलावा, 4,145 मिल मालिकों ने धान की छिलका उतारने के लिए आवेदन किया है और वे मंडियों से धान उठा रहे हैं. केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य नवंबर के अंत तक 185 लाख टन धान का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
केंद्र का अनुमानित लक्ष्य
खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2024-25 में धान की खरीद एक अक्टूबर, 2024 को शुरू हुई और धान की सुचारू खरीद के लिए पूरे पंजाब में 1,000 अस्थायी यार्ड सहित 2,927 नामित मंडियां खोली गई हैं. केंद्र ने इस आगामी केएमएस 2024-25 के लिए 185 लाख टन का अनुमानित लक्ष्य तय किया है. धान की खरीद 2,320 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर की जा रही है, जैसा कि केएमएस 2024-25 के लिए ग्रेड ‘ए’ धान के लिए केंद्र द्वारा तय किया गया है.