भरत पुरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पिडीलाइट के बोर्ड आफ डायरेक्टर ने एमडी के रूप में सुधांशु वत्स और एग्जीक्यूटिव डारयेक्टर व ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कविंदर सिंह को किया नियुक्त.
पिडीलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Pidilite) ने सुधांशु वत्स को अपना नया मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) नियुक्त किया है. वहीं, कविंदर सिंह को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर (Joint MD) की कमान सौंपी गई है. वर्तमान एमडी भरत पुरी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब जल्द ही सुधांशु वत्स और कविंदर सिंह पिडीलाइट की कमान संभालेंगे. इसकी घोषणा पिडीलाइट इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को की.
पिडीलाइट के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन ने क्या कहा?
पिडीलाइट के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एम.बी. पारेख ने कहा है कि सुधांशु वत्स और कविंदर सिंह की नियुक्ति से पिडीलाइट को काफी लाभ होगा. ये दोनों मिलकर कंपनी को नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे. वह पिडीलाइट की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के सफर में इन दोनों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.
सुधांशु वत्स कई बड़ें संस्थान से जुड़कर कर चुके हैं काम
सुधांशु वत्स पिडीलाइट इंडस्ट्रीज के वर्तमान डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. पिडीलाइट इंडस्ट्रीज से पहले वह ईपीएल लिमिटेड (जिसे पहले एस्सेल प्रोपैक लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) में सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं. उन्होंने ग्रुप सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में 8 वर्षों तक वायाकॉम 18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने 1991 में हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड के साथ ट्रेनी के रूप में अपना करियर शुरू किया और उसके बाद 20 साल तक सेल्स, मार्केटिंग और जनरल मैनेजमेंट लीडरशिप जैसी विभिन्न भूमिकाओं में काफी मेहनत से काम किया.
कई बड़े संस्थान के लिए कन्ज्यूमर गुड्स सेक्टर में काम कर चुके कविंदर
कविंदर सिंह वर्तमान में महिंद्रा हॉलीडेज एंड रिसॉर्ट्स इंडिया (एमएचआरआईएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर हैं. उनके कार्यकाल के दौरान, एमएचआरआईएल लगभग 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर एक बिलियन डॉलर बाजार पूंजीकरण वाली कंपनी बन गई. कन्ज्यूमर गुड्स सेक्टर में उन्हें एशियन पेंट्स, आईटीसी लिमिटेड और पिडिलाइट इंडस्ट्रीज जैसे विभिन्न संस्थान का अनुभव प्राप्त है.
गौतम अडानी ग्रुप की छह कंपनियों को भारत के पूंजी बाजार नियामक सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड आफ इंडिया से कारण बताओ नोटिस भेजा गया है.
हिंडनबर्ग की छाया से अभी अडानी ग्रुप मुक्त हुआ ही था कि SEBI ने इसकी 6 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया. SEBI ने गौतम अडानी ग्रुप की छह कंपनियों पर आरोप लगाया है कि रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के मामले में इन कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन किया है. इसके साथ ही इन कंपनियों पर शेयर बाजार में लिस्टिंग के नियमों का पालन नहीं करने और ऑडिटर के सर्टिफिकेट की वैधता से जुड़े आरोप लगाए गए हैं.
कंपनी ने खुद से दी जानकारी
सेबी से कारण बताओ नोटिस मिलने की जानकारी खुद अडानी एंटरप्राइजेज ने दी है. कंपनी ने मार्च तिमाही के रिजल्ट के साथ शेयर बाजारों को एक दिन पहले गुरुवार को नोटिस के बारे में जानकारी दी. कंपनी ने बताया कि सेबी से उसे जो कारण बताओ नोटिस मिले हैं, वे कथित तौर पर लिस्टिंग एग्रीमेंट के सेबी के प्रावधानों व डिसक्लोजर की जरूरतों (एलओडीआर रेगुलेशंस) का अनुपालन नहीं करने के चलते है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच के बाद नोटिस
ये नोटिस अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी की जांच के बाद जारी किए गए है. कारण बताओ नोटिस कोई अभियोग नहीं है. यह कंपनियों से यह बताने के लिए कहता है कि उनके खिलाफ मोनेटरी पेनॉल्टी सहित कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. आरोप हैं कि कंपनी ने अपेक्षित अप्रूवल प्राप्त नहीं किया है, और फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स/एन्युअल रिपोर्ट में आवश्यक खुलासा नहीं किया है. अडानी पावर ने कहा कि उसने सेबी के नोटिस का जवाब दे दिया है.
BW Hindi के व्हाट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.
नोटिस का असर होने की संभावना नहीं
अडानी ग्रुप की इन कंपनियों ने कहा कि कानूनी आधार पर नियामक के नोटिस का असर होने की संभावना नहीं है. हालांकि, अडानी विल्मर और अडानी टोटल गैस को छोड़कर, इन संस्थाओं के ऑडिटर्स की राय के अनुसार सेबी की जांच के नतीजे भविष्य में फाइनेंशियल स्टेटमेंट को प्रभावित कर सकते हैं. अडानी एंटरप्राइजेज के ऑडिटरों ने कहा कि परिस्थितियों में किसी भी बदलाव या उपलब्ध अतिरिक्त जानकारी के आधार पर हम अपनी राय पर इस मामले के प्रभाव का मूल्यांकन करना जारी रखेंगे.
अडानी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली है राहत
अडानी ग्रुप के लिए एक बड़ी राहत के रूप में जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच सेबी से स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है. इसके अलावा, अदालत ने सेबी को अपनी दो पेंडिंग इनवेस्टिगेशन को तीन महीने के भीतर पूरा करने और अपनी पूरी जांच को कानून के अनुसार लॉजिकल कनक्लुजन तक ले जाने का निर्देश दिया. उस समय सेबी ने अदाणी ग्रुप की 24 में से 22 जांच पूरी कर ली थीं.
बता दें कि 31 मार्च 2023 को समाप्त तिमाही के दौरान हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडानी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था.
राहुल गांधी केरल के वायनाड के साथ-साथ अमेठी से भी चुनाव लड़ सकते हैं. उनके आज नामांकन दाखिल करने की संभावना है.
कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अमेठी की हॉट सीट से भी चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. अब लगभग यह तय हो गया है कि राहुल एक बार फिर से BJP उम्मीदवार स्मृति ईरानी का सामना करेंगे. पिछले चुनाव में ईरानी के हाथों उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था. वैसे कांग्रेस ने अभी तय अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट के लिए अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन जिस तरह के संकेत मिले हैं उससे लगभग तस्वीर स्पष्ट हो गई है. राहुल गांधी आज अमेठी से नामांकन दाखिल कर सकते हैं. उनके नामांकन पत्र खरीदने की भी खबर है.
रायबरेली से लड़ेंगी प्रियंका?
अमेठी सीट पर नामांकन का आज आखिरी दिन है. 1981 में भी कुछ ऐसा ही माहौल निर्मित हुआ था. जब राजीव गांधी ने आखिरी समय में अपने नाम की घोषणा के साथ ही पर्चा दाखिल किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी को आज अमेठी में बड़े रोड शो की इजाजत मिल गई है. इस रोड शो में 100 कारें और 150 बाइक शामिल हो सकती हैं. वहीं, रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की संभावना है. भाजपा ने इस सीट से योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया है.
अकूत दौलत के मालिक
राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से सांसद हैं और इस बार भी उन्होंने इस सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है. अपने नामांकन के साथ राहुल ने एक एफिडेविट भी दाखिल किया है, जिसमें उनकी संपत्ति का विवरण है. चलिए जानते हैं कि कांग्रेस के युवराज के पास कुल कितनी दौलत है. कांग्रेस लीडर के पास कुल चल संपत्ति 9,24,59,264 और अचल संपत्ति करीब 11,14,02,598 रुपए की है. इस तरह से उनके पास कुल 20,38,61,862 रुपए की संपत्ति है. राहुल ने चुनाव आयोग को जानकारी दी है उसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2022-23 में राहुल गांधी की वार्षिक आय 1,02,78,680 करोड़ रुपए रही. 21-22 में उन्होंने 1,31,04,970 करोड़, 20-21 में 1,29,31,110 करोड़, 19-20 में 1,21,54,470 करोड़ और 18-19 में 1,20,37,700 करोड़ रुपए कमाए.
स्टॉक मार्केट में लगा है पैसा
राहुल के बैंक अकाउंट में 26,25,157 रुपए हैं. वहीं, उनके पास कैश में केवल 55 हजार रुपए है. कांग्रेस लीडर ने स्टॉक मार्केट में भी निवेश किया हुआ है, जिसकी वैल्यू करीब 4.3 करोड़ रुपए है. उन्होंने म्यूचुअल फंड्स में भी 3.81 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है. राहुल गांधी के पास यंग इंडियन के 1900 शेयर हैं. कांग्रेस के युवराज ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 15,21,740 रुपए का निवेश किया है. इसके अतिरिक्त, पोस्ट ऑफिस, बीमा पॉलिसी में उनके 61,52,426 रुपए लगे हैं. वायनाड सांसद के पास 4,20,850 रुपए की ज्वेलरी भी है.
राहुल पर है इतनी देनदारी
राहुल गांधी पर 49,79,184 रुपए की देनदारी भी है. उनके पास दिल्ली के मेहरौली में दो कृषि भूमि हैं, जो उन्हें विरासत में मिली हैं. इसकी वर्तमान कीमत 2,10,13,598 रुपए है. दौलत का पहाड़ होने के बावजूद राहुल के पास खुद का घर नहीं है. हालांकि, गुरुग्राम में उनके नाम पर 2 कॉमर्शियल बिल्डिंग हैं, जिसकी कीमत 9 करोड़ से ज्यादा है. अगर राहुल गांधी आज अमेठी से नामांकन दाखिल कर देते हैं, तो इस सीट पर चुनाव एक बार फिर रोचक हो जाएगा.
शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है और आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.
एक दिन की छुट्टी के बाद शेयर बाजार (Stock Market) गुरुवार को वापस ट्रैक पर लौट आया. बाजार के वापस तेजी वाले ट्रैक पर लौटने के कई कारण रहे, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है विदेशी संस्थागत निवेशकों का पूंजी प्रवाह. विदेशी निवेशक हमारे शेयर बाजार में फिर से खरीदारी कर रहे हैं. कल यानी गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 128.33 अंकों की उछाल के साथ 74,611.11 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 43.35 अंकों की बढ़त के साथ 22,648.20 पर बंद हुआ. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
ये हैं MACD के संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए M&M, Oberoi Realty, Vadilal Industries, Sanofi India और BASF India में तेजी के संकेत दिया हैं. इसका मतलब है कि आज उन शेयरों के भाव उछल सकते हैं. ऐसे में आपके लिए उन पर दांव लगाकर मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, MACD ने Godrej Properties, Data Patterns, KPI Green Energy, Honeywell Automation और Senco Gold में मंदी का रुख दर्शाया है.
इन पर भी रखें नजर
अब उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में कमर्शियल व्हीकल कंपनी Ashok Leyland के साथ-साथ REC, KFin Technologies, Raymond, Carborundum Universal, Trent और Triveni Turbine शामिल हैं. इनमें से कुछ शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है. वहीं, Kotak Mahindra Bank के शेयर में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है. RBI की कार्रवाई के बाद से कोटक के शेयरों में गिरवाट है. कल इसमें 2.83% की नरमी आई और पिछले 5 सत्रों में यह 4.53% टूट चुका है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म की इस राय का शेयर पर क्या असर पड़ेगा ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा. लेकिन पिछले पांच दिनों में कंपनी के शेयर में बढ़त दिख रही है.
क्या आप भी उन निवेशकों में है जिन्होंने वोडाफोन आईडिया के शेयरों में निवेश किया है. अगर हां तो आपके लिए खबर ये है कि ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बोफा ने वोडा आईडिया की रैंकिंग में सुधार कर दिया है. वोडा आईडिया को इस फर्म की ओर से अंडरपरफॉर्म से न्यूट्रल कर दिया है. कंपनी ने वोडा आईडिया के मार्केट शेयर को लेकर भी कई घोषणाएं की है जिनके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कंपनी का शेयर और तेजी पकड़ सकता है.
ब्रोकरेज फर्म ने किस आधार पर की है घोषणा
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने इसे पहले अंडरपरफॉर्मर की श्रेणी में रखा था, लेकिन अब इसे वहां से निकालकर न्यूट्रल कर दिया है. यही नहीं सबसे खास बात ये है कि पहले फर्म ने इसे सेल कैटेगिरी में रखा था. फर्म की राय में ये बदलाव कंपनी की हालिया परफॉर्मेंस से हुई है. हालिया समय में कंपनी की ओर से जुटाए गए फंड ने उसकी रैंकिंग में बदलाव किया है. अब फर्म ने इसका टारगेट 9 रुपये से बढ़ाकर 14.5 रुपये तक कर दिया है. लेकिन फर्म ने ये भी कहा है कि इसके आगे जाने में उसे परेशानी हो सकती है.
ये भी पढ़ें: CFA ने आरबीआई को Climate Risk को लेकर दिया ये सुझाव, जानिए क्या होता है Climate Risk?
क्यों नहीं की है खरीदने की सिफारिश?
सबसे ध्यान देने योग्य बात ये है कि रैंकिंग में बदलाव के बावजूद अभी भी फर्म ने इसे लेकर खरीदने की सिफारिश नहीं की है. फर्म ने 2025/26 के लिए अपने ईपीएस अनुमान को क्रमश: 2.7 रुपये और 1.5 रुपये पर समायोजित किया है. पहले फर्म ने इसे लेकर 10प्रतिशत से लेकर 15 प्रतिशत का अनुमान जताया था लेकिन अब उसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत कर दिया है.
आज क्या रही है शेयर की स्थिति?
वोडाफोन आईडिया के शेयर की गुरुवार की स्थिति पर नजर डालें तो दिखता है कि आज कंपनी का शेयर 13.25 रुपये पर खुला था जबकि 13.20 रुपये पर बंद हो गया. इसी तरह से पिछले पांच दिन की स्थिति पर नजर डालें तो ये शेयर 12.90 रुपये का था. जबकि आज 13.20 रुपये पर पहुंचा है. वहीं अगर इस शेयर के 52 हफ्ते के हाई लेवल पर नजर डालें तो ये 18.40 रुपये था जबकि 52 वीक का लो 6.55 रुपये रहा है.
नोट- BW HINDI की इस खबर का मकसद आपको जानकारी मुहैया कराना है. शेयर बाजार में कोई भी निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एक्सपर्ट से राय जरूर लें.
दुनियाभर में लगातार बदलते मौसम के बीच चर्चा ये हो रही है कि आखिर क्लाइमेट रिस्क से कैसे बचा जा सकता है. इसी को लेकर दुनियाभर की वित्तिय संस्थाएं काम कर रही हैं.
इस साल फरवरी में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी की किए गए क्लाइमेट रिस्क ड्राफ्ट को लेकर अब द सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी की ओर से आरबीआई को सुझाव दिया है. सीएफए ने कहा है कि इस मामले में आरबीआई को जलवायु जोखिम के बारे में अपनी समझ को और बढ़ाने के साथ फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा होने वाले खुलासे के स्तर को बढ़ाने और व्यापक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त निरीक्षण तंत्र का पता लगाने की जरूरत है.
आखिर क्या है ये पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल आरबीआई की ओर से इस साल फरवरी में क्लाइमेट रिस्क को लेकर ड्रॉफ्ट रिपोर्ट जारी की गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार, वित्तिय संस्थानों को अपनी गवर्नेंस स्ट्रक्चर, रणनीति, जोखिम प्रबंधन को लेकर रेग्यूलर तरीके से रिपोर्ट देनी होती है. इसका मकसद उनके द्वारा किए गए निवेश की गई राशि की जलवायु आपातकाल में सुरक्षा करना है. आरबीआई ने जब ये ड्रॉफ्ट रिपोर्ट बनाई गई थी उसके बाद इस पर फीडबैक मांगा गया था. अब इसी मामले को लेकर उस पर सीएफए ने अपनी राय दी है.
सीएफए ने अपने फीडबैक में क्या कहा है
CFA की ओर से अपने फीडबैक को लेकर कई अहम बातें कही है. सीएफए ने कहा है कि जबकि ये ड्राफ्ट सभी वित्तिय संस्थानों को स्किल्स, क्षमता, डेटा की उपलब्धता, के बारे में जानकारी मांगता है लेकिन इसमें जानकारियों को देने की आवश्यकता के बारे में स्थिति साफ नहीं है, न ही इसमें ये बताया गया है कि आखिर उन्हें दूर करने का उपाय क्या है. सीएफए की ओर से ये भी कहा गया है कि अगर इसका प्रभावी तरीके से लागू करना है तो उसके लिए जरूरी है कि डिस्क्लोजर की जरूरतों के बारे में विस्तार से बताया जाए. सीएफए ने इस मामले में स्पष्ट निवेश मानकों, लक्ष्यों, सीमाओं, और निवारण तंत्रों को स्थापित करने के महत्व पर भी जोर दिया है.
जलवायु जोखिम क्या है?
जलवायु जोखिम, जलवायु परिवर्तन के कारण अलग-अलग उद्योगों को होने वाले नुकसान और हानि की तरह हैं. इंडस्ट्री पर ये प्रभाव बाढ़, जंगल की आग, अत्यधिक गर्मी, सूखे और तटीय बाढ़ जैसी लॉन्ग टर्म जलवायु घटनाओं के कारण होते हैं. मौजूदा समय में अब इंडस्ट्री को इसी रिस्क को पहचानने और उससे निपटने के लिए तैयार करने को हो रही है. कई कई बार जलवायु परिवर्तन इंडस्ट्री के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं. ऐसे में इसके प्रभाव को समझने के लिए आरबीआई की ओर से ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की गई है.
ये भी पढ़ें: वेदांता वाले अनिल अग्रवाल निवेश करने जा रहे इतने हजार करोड़,इन सेक्टरों में होगा निवेश
भाजपा ने कैसरगंज लोकसभा सीट से करण भूषण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. यह उनका पहला चुनाव है.
भाजपा ने विवादों में घिरे सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) का टिकट काट दिया है. पार्टी ने उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से उन्हें मैदान में नहीं उतारने का फैसला लिया है. हालांकि, BJP के इस फैसले से बात-बात पर नाराज होने वाले बृजभूषण के नाराज होने की कोई गुंजाइश नहीं है. क्योंकि पार्टी ने उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण को टिकट दिया है. अब करण कैसरगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
नेशनल खिलाड़ी हैं करण
करण भूषण सिंह (Karan Bhushan Singh) बीजेपी के मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे हैं. 13 दिसंबर 1990 को जन्मे करण एक बेटी और एक बेटे के पिता हैं. वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी भी रह चुके हैं. करण ने डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से BBA और LLB की डिग्री लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है. वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के साथ ही सहकारी ग्राम विकास बैंक (नवाबगंज, गोण्डा) के अध्यक्ष हैं. यह करण भूषण का पहला चुनाव है.
चलाते हैं कई स्कूल-कॉलेज
माना जा रहा है कि करण कल अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. प्रत्याशियों को नामांकन के साथ एक हलफनामा भी दाखिल करना पड़ता है, जिसमें उनकी संपत्ति का विवरण होता है. लिहाजा, कल यह पता चलेगा कि करण के पास कुल कितनी संपत्ति है. वैसे, कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि करण अपने पिता के 50 से अधिक स्कूल-कॉलेज संभालते हैं. इनमें से कुछ स्कूल-कॉलेज देवी पाटन मंडल के चारों जिले - गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती में हैं. यहां से उन्हें मोटी कमाई होती है.
पिता के पास अकूत दौलत
वहीं, उनके पिता बृजभूषण शरण सिंह की बात करें, तो उनके पास दौलत का पहाड़ है. साल 2019 में दाखिल चुनावी हलफनामे में बृजभूषण ने बताया था कि उनके पास 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. BJP सांसद लग्जरी कारों के भी शौकीन हैं. उनके कारों के कलेक्शन में Endevo, महिंद्रा स्पोर्पिंयो जैसी गाड़ियां शामिल हैं. बृजभूषण सिंह की पत्नी के पास 63,444,541 की संपत्ति है. वाइफ के नाम पर 18 लाख की टोयोटा और 20 लाख की फॉर्च्यूनर भी है. बृजभूषण सिंह के पास 1 पिस्टल, 1 राइफल, 1 रैपिटर है. जबकि पत्नी के नाम पर 1 राइफल और 1 रैपिटर है. करण के पिता के पास करीब 1 करोड़ की खेतीहर जमीन और 2 करोड़ की गैर-कृषि भूमि है. उनके नाम पर 25 लाख की एक कॉर्मिशियल बिल्डिंग और 2 करोड़ की रेजिडेंशियल बिल्डिंग भी है.
ईडी ने गेमिंग घोटाले के मामले में ईडी ने कुल 163 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त और कुर्क की है, जिसमें नकदी, क्रिप्टोकरेंसी, बैंक खाते की शेष राशि और कुछ कार्यालय शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) कोलकाता ने 'ई-नगेट' नामक एक प्रमुख 'ऑनलाइन गेमिंग ऐप घोटाले' के खिलाफ सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. गेमिंग प्लेटफॉर्म के रूप में पेश किए गए ई-नगेट ऐप ने उपयोगकर्ताओं को उनके निवेश पर रिटर्न का वादा किया था. चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामाल?
ज्यादा मुनाफे के झांसे में आए यूजर्स
यह जांच एक ई-नगेट नाम के एक फर्जी गेमिंग ऐप से संबंधित है. खुद को एक गेमिंग मंच बताने वाली ई-नगेट ने वास्तविक पैसे पर दांव लगाने और भारी कमीशन देने का वादा किया था. हालांकि, निवेश किए जाने के बाद ऐप बंद हो गया और निवेशकों को अपने धन को वापस पाने का कोई रास्ता नहीं मिला. इस संबंध में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. उसी के आधार पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों तहत ईडी ने यह कार्रवाई की है.
2022 में हुआ खुलासा
जानकारी के अनुसार ईजी ने 2022 में इस घोटाले का खुलासा किया. इस दौरान पता चला कि गलत तरीके से कमाए गए लाभ का एक हिस्सा डिजिटल संपत्तियों में निवेश किया गया था. जांच के दौरान लगभग 2,500 डमी बैंक खातों की पहचान की गई और उनका विश्लेषण किया गया.
19 करोड़ की नकद राशि हुई थी जब्त
इस मामले में घोटाले के मास्टरमाइंड आमिर खान और रोमेन अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. ईडी ने कई एक्सचेंजों से विशेष रूप से बिनेंस, जेबपे और वजीरएक्स के कई क्रिप्टो वॉलेट का विवरण मांगा. बिनेंस और अन्य एक्सचेंजों से इकट्ठा जानकारी के कारण 70 खातों में 90 करोड़ की धनराशि रोक दी गई. बिनेंस, जेबपे और वजीरएक्स के पास रखे गए 70 खातों में 90 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं, जो घोटाले से जुड़े थे. इन क्रिप्टो संपत्तियों को ईडी ने अपने कब्जे में लेकर ईडी के क्रिप्टो वॉलेट में स्थानांतरित कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 90 करोड़ क्रिप्टो करेंसी सहित ईडी ने कुल 163 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त और कुर्क की है, जिसमें नकदी, बैंक खाते की शेष राशि और कुछ कार्यालय शामिल हैं.
अनिल अग्रवाल ने बताया कि वो आने वाले समय में उनकी कंपनी मनोरंजन के क्षेत्र में भी निवेश करने की तैयारी कर रही है. इस क्षेत्र में अभी बहुत कम जानकारी है.
भारत की तेजी से ग्रो करती अर्थव्यवस्था में एक ओर जहां विदेशी कंपनियां निवेश करने के लिए भारतीय साथी की तलाश कर रही हैं वहीं भारतीय कंपनियां भी अपनी निवेश लागत को लगातार बढ़ा रही हैं. इसी कड़ी में माइनिंग से लेकर पॉवर तक कई क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनी के मालिक अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड आने वाले 10 सालों में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. कंपनी इस पैसे को जिन क्षेत्रों में निवेश करने जा रही है उनमें सेमीकंडक्टर, टेक्नोलॉजी और ग्लॉस जैसे सेक्टर सबसे अहम हैं.
किन क्षेत्रों में काम करने की हो रही है तैयारी
मुंबई में एक कार्यक्रम में बात करते हुए वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी आने वाले 10 सालों में 2000 करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में ग्लास का कारोबार और तेजी से बढ़ने वाला है. मोबाइल से लेकर लैपटॉप और दूसरे उपरणों की मांग बढ़ने के कारण आने वाले समय में इस क्षेत्र की बड़ी मांग पैदा होने वाली है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में उनकी कंपनी ताइवान में ये काम कर रही है लेकिन भविष्य में इसे भारत लाने की तैयारी भी कर रही है.
ये भी पढ़ें: Zomato वाले दीपेन्दर गोयल ने 79 करोड़ में खरीदी जमीन, जानिए किस पॉश इलाके में है प्लॉट
सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में काम कर रही है बीजेपी
वेदांता मौजूदा समय में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भी उतरने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने गुजरात में जमीन भी इस प्रोजेक्ट के लिए ले ली है. अनिल अग्रवाल का कहना है कि आने वाले 4 सालों में होने वाले इस 2000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होने वाले हैं. अनिल अग्रवाल ने ये भी कहा कि वो आने वाले समय में मनोरंजन व्यवसाय में भी निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा समय में मनोरंजन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. अनिल अग्रवाल ने ये भी कहा कि उनका समूह नंद घरों की संख्या को अगले दो सालों में 6000 से 25 हजार तक करने की तैयारी कर रही है.
कर्ज को लेकर क्या बोले अनिल अग्रवाल?
वेदांता के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने कर्ज के मामले को लेकर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि अभी कंपनी पर 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज है. लेकिन इसे लेकर उन्होंने कहा कि इसे प्रबंधित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अब तक कभी भी समूह ने किसी भी कर्ज को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं को लेकर कोई चूक नहीं की है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी कारोबार की शुरूआत से शुरू करना है तो उसमें बड़े पैमाने पर पूंजी की जरूरत होती है. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि भारत में पर्यावरण के मामलों को लेकर बड़े पैमाने पर चिंताए हैं. उन्होंने कहा कि आज निवेशक भारत में निवेश करने को लेकर उत्सुक हैं.
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (Anil Agarwal Foundation) ने नंद घर प्रोजेक्ट के तहत देश के करोड़ों बच्चों और महिलाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण पोषण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से #KhanaKhayakya मुहिम शुरू की गई है.
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (Anil Agarwal Foundation) ने नंद घर प्रोजेक्ट (Nand Ghar Project) की ओर से देशभर के करोड़ों बच्चों की भूख मिटाने के लिए एक मुहिम (Movement) की शुरुआत की गई है. बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी भी इस मुहिम का हिस्सा बन गए हैं, जिसका उद्देश्य देश के करोड़ों बच्चों को अच्छा स्वास्थ्य और पोषण देना है. इस मुहिम का नाम 'अगर बचपन से पूछा खाना खाया, तो देश का कल बनाया-खाना खाया क्या?’ रखा गया है.
ये है इस मुहिम का लक्ष्य
नंद घर मुहिम का लक्ष्य देशभर में 14 लाख आंगनवाड़ियों को बदलना है. ये एक नेशनल मूवमेंट है, जिसका उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य देखभाल, गुणवत्तापूर्ण पोषण और बच्चों के लिए सर्वोत्तम प्री-स्कूल शिक्षा सुनिश्चित करके भारत की भावी पीढ़ी का पोषण करना है.
राष्ट्रीय आंदोलन है नंद घर
वेदांता (Vedanta) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने कहा कि प्रोजेक्ट नंद घर एक राष्ट्रीय आंदोलन है, जो स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान देने के साथ बच्चों और महिलाओं के समग्र विकास के लिए काम करता है. उन्हें खुशी है कि अभिनेता मनोज बाजपेयी उनकी इस मुहिम का हिस्सा बने हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में वाराणसी में नंद घर प्रोजेक्ट के तहत 1364 आंगनबाड़ियों में 3-6 साल के बीच के 50,000 बच्चों को रोजाना प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर भोजन दिया जा रहा है.
सपने पूरे करने के लिए पेट भरा होना जरूरी
मनोज बाजपेयी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने सपनों को पूरा करने और आगे बढ़ाने की ताकत उसके भरे पेट और पौष्टिक भोजन से ही आती है. यानी जब व्यक्ति का पेट भरा होगा, तभी वह उसे किसी भी काम को करने की ताकत मिलती है. मनोज बाजपेयी ने कहा कि भूख की पीड़ा से गुजरने वाले व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. इसी कारण प्रोजेक्ट नंद घर जैसी पहल की जा रही है.
अभिनेता ने की प्रोजेक्ट से जुड़ने की अपील
मनोज बाजपेयी ने कहा कि यह मुहिम न केवल यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों को उचित पोषण मिले, बल्कि यह उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशा और अवसर भी प्रदान करेगी. उन्होंने लोगों से नंद घर की इस मुहिम के लिए दान करने और वालंटियर के रूप में जुड़कर काम बनने का आग्रह किया.
अच्छा स्वास्थ्य और पोषण जरूरी
मैककैन वर्ल्डग्रुप इंडिया (McCann Worldgroup India) के सीईओ, सीसीओ और एशिया पैसिफिक (Asia Pacific) के चेयरमैन प्रसून जोशी ने कहा कि अगर हम अपने बच्चों को उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने और समग्र विकास के लिए पहले उन्हें अच्छा स्वास्थ्य और पोषण देना होगा.
जोमैटो के मालिक दीपेन्दर गोयल ने दिल्ली के एक पॉश इलाके में जमीन खरीदी है. उनकी इस डील की जानकारी जैसे ही सोशल मीडिया पर आई तो उनके फैन्स ने उन्हें बधाई देने में देर नहीं लगाई.
Zomato के मालिक दीपेन्दर गोयल ने साउथ दिल्ली में जमीन खरीदी है. दीपेन्दर ने मेहरौली के छतरपुर इलाके में ये जमीन खरीदी है वो पॉश इलाके में स्थित है. उनके इस जमीन के सौदे की खबर आते ही सोशल मीडिया पर मैसेज की झड़ी लग गई है. कोई जहां इस पर खुशी जता रहा है तो कोई नाराजगी जता रहा है. एक यूजर ने तो ये तो ये तक लिख दिया कि मुझे इसमें हिस्सा चाहिए. इस यूजर ने ये क्यों लिखा वो आपको स्टोरी में बताएंगे. दीपेन्दर मलिक ने इस डील के लिए 79 करोड़ रुपये चुकाए हैं और इसकी रजिस्ट्री भी हो गई है.
आखिर क्या है इस डील की पूरी जानकारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CRE Matrix की रिपोर्ट कहती है कि दीपेन्दर गोयल ने जो जमीन खरीदी है वो 2.5 एकड़ के दो प्लॉट हैं. ये दोनों सौदे अलग-अलग तारीख पर हुए हैं. दीपेन्दर गोयल की इस जमीन की पहली डील 28 मार्च 2023 को हुई है. जबकि दूसरी डील 1 सितंबर 2023 को हुई है. दोनों प्लॉट छत्तरपुर के डेरा मंडी गांव मे हैं. पहली जमीन दीपेन्दर गोयल ने लक्जलॉन बिल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड से खरीदी है जबकि दूसरी जमीन रवि कपूर नाम के प्लॉट होल्डर से खरीदी है. इस जमीन के लिए दीपेन्दर गोयल ने 3.5 करोड़ रुपये की स्टॉम्प ड्यूटी चुकाई है. हालांकि इस बारे में जमीन खरीदने वाले और बेचने वालों से संपर्क नहीं हो पाया है.
ये भी पढ़ें: खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं Byju’s की समस्या, अब इस कंपनी ने दायर की याचिका
सोशल मीडिया पर लोगों ने कही ये बात
Zomato के मालिक दीपेन्दर गोयल सोशल मीडिया पर बड़े सक्रिय हैं. इस जमीन सौदे की जानकारी जैसे ही उनके फैंश को मिली उसके बाद तुरंत कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने में देरी नहीं लगाई. कई लोगों ने जहां उन्हें इस सौदे के लिए बधाई दी तो वहीं कई सोशल मीडिया फैंश ने लिखा कि इनको देखकर प्रेरणा मिलती है. एक अन्य यूजर ने लिखा ‘बधाई हो मिस्टर जोमैटो’. जबकि कई लोग उनसे डिलीवरी के लिए एक्सट्रा चार्ज न करने का अनुरोध कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि कल ही आपके एक राइडर ने मेरे 600 रुपये ले लिए और खाना भी नहीं दिया. अब मुझे आपसे जमीन में हिस्सा चाहिए.
जानते हैं कितनी है दीपेन्दर गोयल की नेटवर्थ?
वहीं अगर दीपेन्दर गोयल की नेटवर्थ पर नजर डालें तो उनके पास 2570 करोड़ रुपये की संपत्ति है. वहीं गुरुवार को जोमैटो के शेयर की स्थिति पर नजर डालें तो शेयर 193.60 रुपये पर खुला जबकि दोपहर में खबर लिखे जाने तक ये शेयर 195 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इस शेयर का 52 हफ्तों का सबसे अधिकतम मूल्य 199.70 रुपये था जबकि 52 हफ्तों का सबसे कम मूल्य 60.30 रुपये था. जोमैटो के तीसरी तिमाही के नतीजों पर नजर डालें तो उसके रेवेन्यू में 69 प्रतिशत का इजाफा हुआ था, जिसके बाद ये 3288 करोड़ रुपये रहा है. जोमैटो ने एक साल में 63 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.