अब EV सेगमेंट में अरबों का निवेश करने के लिए तैयार है ये कंपनी 

ये नामी कंपनी मौजूदा दौर में मंहगी लग्‍जरी महंगी गाडि़यों के लिए जानी जाती है. लेकिन अब कंपनी इस सेक्‍शन में भी उतरने की तैयारी कर चुकी है 

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Monday, 20 March, 2023
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दुनियाभर में EV कारों के बाजार में आ रही तेजी के बीच अब एक और बड़ी कार कंपनी ने इस सेग्‍मेंट में उतरने की बात कही है. ये कोई और नहीं बल्कि ये है शानदार गाडि़यों के लिए जानी जाने वाली कार कंपनी मर्सडीज. मर्सडीज ने कहा है कि वो आने वाले समय में इस सेगमेंट में अरबों रूपये के निवेश के लिए तैयार है. 

क्‍यों इस तरह आ रही हैं कार कंपनियां 
दरअसल यूरोपीय संघ ने 2020 की तुलना में इस दशक के अंत तक प्रति यात्री कार CO2 उत्सर्जन को आधा करने का लक्ष्य रखा है और जीवाश्म ईंधन कारों की बिक्री को समाप्त करने के लिए 2035 की समय सीमा पर समझौते की मांग कर रहा है. मर्सिडीज ने कहा है कि वह इस दशक के अंत तक बिजली से चलने के लिए तैयार हो जाएगी, जहां बाजार की स्थितियां अनुमति देती हैं. मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि मर्सिडीज आने वाले वर्षों में कई देशों में अरबों डॉलर निवेश करने जा रही है. इनमें चीन, जर्मनी और हंगरी जैसे देश शामिल हैं जहां अपने संयंत्रों के आधुनिकीकरण के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगी, क्योंकि कार निर्माता इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने और उत्सर्जन में कटौती करने की तैयारी कर रहा है.

क्‍या कहा है मर्सिडीज ने 
नामी कार कंपनी मर्सिडीज ने कहा है कि वह इस दशक के अंत तक बिजली से चलने के लिए तैयार हो जाएगी, जहां बाजार की स्थितियां अनुमति देती हैं. हम रन अप के लिए प्रति संयंत्र तीन अंकों की मिलियन राशि का निवेश कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रोडक्‍शन मैनेजर जोर्ज बुर्जर ने कहा है कि ये निवेश बीजिंग, जर्मनी में रैस्टैट और हंगरी में केक्सकेमेट में होंगे. कार निर्माता आने वाले महीनों में रास्टैट संयंत्र पर काम शुरू कर देगा और 2024 से कॉम्पैक्ट वाहन प्लेटफॉर्म एमएमए का पहला मॉडल तैयार करेगा. बुर्जर ने कहा कि वहां उत्पादित मॉडलों की संख्या सात से घटाकर चार कर दी जाएगी.
 


Tesla ने किया छंटनी का ऐलान, इस वजह से जाएगी हजारों लोगों की नौकरी

भारत आने की खबरों की बीच एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने ऐलान किया है कि वो कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहे हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 24 April, 2024
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Wednesday, 24 April, 2024
Tesla

अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के नतीजों (Tesla Q1 Results) का ऐलान कर दिया है और जनवरी मार्च तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 55 फीसदी तक घटा है. इधर तिमाही नतीजे घोषित किए जा रहे थे, तो दूसरे ओर उससे ठीक पहले कंपनी ने बड़ी छंटनी का ऐलान कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, कॉस्ट कटिंग का हवाला देते हुए टेस्ला ने 6,000 लोगों को निकालने की तैयारी कर ली है.

2020 के बाद पहली बार घटा रेवेन्यू

सबसे पहले बात कर लेते हैं Tesla के तिमाही नतीजों के बारे में, तो बता दें कि कंपनी का 31 मार्च 2024 को समाप्त पहली तिमाही में नेट प्रॉफिट 1.13 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 2.51 अरब डॉलर रहा था. मतलब कंपनी के प्रॉफिट में 55 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. मुनाफा घटने के साथ टेस्ला के रेवेन्यू (Tesla Revenue Fall) में भी साल 2020 के बाद पहली बार गिरावट दर्ज की गई है.

4 महीने में मस्क को 62 अरब डॉलर का घाटा

टेस्ला के शेयरों में बीते कुछ समय में तेज गिरावट देखने को मिली है और इसका असर कंपनी के मालिक एलन मस्क (Tesla CEO Elon Musk) की नेटवर्थ पर भी देखने को मिला. संपत्ति घटने के चलते पहले उनसे दुनिया के नंबर एक अमीर का ताज छिन गया और फिर मस्क अमीरों की लिस्ट में खिसकते हुए चौथे पायदान पर आ गए. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक, उनकी नेटवर्थ घटकर 166 अरब डॉलर रह गई है. इस साल 2024 में एलन मस्क को 62 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है.

छंटनी पर एलन मस्क ने क्या कहा?

एलन मस्क (Elon Musk) ने ये कहा है कि नई टेस्ला गाड़ियों को बनाने का काम 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत में शुरू हो जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि इन गाड़ियों के बनने के लिए किसी नए कारखाने या बड़ी प्रोडक्शन लाइन की जरूरत नहीं है. उन्होंने निवेशकों को ये भी सन्देश दिया कि जो लोग नहीं मानते कि टेस्ला खुद चलने वाली गाड़ियों की टेक्नॉलजी को ठीक कर लेगी, तो उन्हें टेस्ला में पैसा नहीं लगाना चाहिए.

भारत को अभी करना होगा इंतजार

सरकार की नई ईवी पॉलिसी के बाद टेस्ला के लिए भारतीय बाजार की राह आसान हो गई है. माना जा रहा है कि कंपनी इस साल के आखिर तक कुछ सस्ती इलेक्ट्रिक कारों के साथ भारतीय बाजार में दस्तक देगी. इस बीच, कंपनी भारत में अपना प्लांट लगाने पर भी काम कर रही है. अब टेस्ला ने कहा है कि वो इस साल के आखिर में नए और अफॉर्डेबल ई-व्हीकल बनाने के लिए अपने मौजूदा प्लांट का इस्तेमाल करेगी. ऐसे में कंपनी फ्यूचर में मैक्सिको और भारत में नए प्लाटं पर जो निवेश करने वाली है उसकी संभावना कम हो गई है.
 


क्या है विरासत टैक्स और क्यों मचा हुआ है इस पर सियासी बवाल? 

कांग्रेस और भाजपा विरासत टैक्स को लेकर आमने-सामने हैं. दोनों तरफ से बयानबाजी हो रही है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 24 April, 2024
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Wednesday, 24 April, 2024
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भाजपा और कांग्रेस तमाम मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. अब इस जुबानी जंग में 'संपत्ति का बंटवारा' भी शामिल हो गया है. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के विरासत टैक्स (Inheritance Tax) को लेकर दिए गए बयान के बाद BJP यह साबित करने में जुट गई है कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद लोगों की गाढ़ी कमाई का 50% छीन लेगी. चलिए जानते हैं कि आखिर इस पूरे मामले की शुरुआत कैसे हुई और विरासत टैक्स है क्या.

ऐसे हुई मामले की शुरुआत
दरअसल, कांग्रेस ने हाल ही में वेल्थ सर्वे की बात कही थी. पार्टी लीडर राहुल गांधी ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. जब सैम पित्रोदा से राहुल के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सही ठहराते हुए अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया. बस इसी बात को लेकर सियासी द्वन्द मचा हुआ है. BJP पित्रोदा के बयान को लेकर हमलावर हो गई है. 

कैसे वसूला जाता है ये टैक्स? 
सैम पित्रोदा ने संपत्ति के फिर से बंटवारे पर कांग्रेस के रुख का समर्थन करते हुए एक तरह से भारत में भी विरासत टैक्स कानून की वकालत की है. उन्होंने कहा कि यूएस में विरासत टैक्स का प्रावधान है. यदि किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की दौलत है, तो उसके मरने के बाद 45% संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55% संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो जाता है. उन्होंने आगे कहा कि यह बेहद रोचक कानून है और इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि अमीर जनता के लिए भी कुछ छोड़कर जाएं. मुझे लगता है कि भारत में भी इस तरह के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.

कांग्रेस ने झाड़ा बयान से पल्ला
सैम पित्रोदा ने यह भी कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में अमीरों की संपत्ति बांटने का कहीं कोई जिक्र नहीं है. बल्कि उसमें ये कहा गया है कि कांग्रेस ऐसी नीति बनाएगी, जिससे संपत्ति का समान वितरण होगा. उदाहरण के तौर पर भारत में मिनिमम वेज नहीं है. यदि हम कहते हैं कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना होगा, तो यह धन का वितरण है. आजकल हो ये रहा है कि अमीर अपने चपरासियों, नौकरों आदि को पर्याप्त वेतन नहीं देते, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टियों पर खर्च करते हैं. वहीं, कांग्रेस पित्रोदा के बयान से पूरी तरह से पल्ला झाड़ लिया गया है. पार्टी लीडर जयराम रमेश ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और इसका कांग्रेस से कोई लेनादेना नहीं है. 

BJP ने बोला कांग्रेस पर हमला
उधर, भाजपा ने इसे एक मुद्दा बना दिया है. पार्टी प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस ने देश को बर्बाद करने का फैसला कर लिया है. सैम पित्रोदा 50% विरासत टैक्स की वकालत कर रहे हैं. इसका अर्थ है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो लोगों ने कड़ी मेहनत से जितनी भी संपत्ति बनाई है, उसका पचास प्रतिशत छीन लिया जाएगा. इसी तरह, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि कांग्रेस परिवार के सलाहकार सच बोल रहे हैं. उनकी मंशा कड़ी मेहनत से कमाए आपके पैसे को संगठित तौर पर लूटने की है. 


आप भी है फ्रेशर इंजीनियर, तो टाटा की ये कंपनी आपको देगी रोजगार

कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 2,135 फ्रेशर्स को अपने साथ जोड़ा था. कंपनी नए लोगों को काम पर रखने के मामले में थोड़ी सावधानी बरतेगी.

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Published - Wednesday, 24 April, 2024
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Wednesday, 24 April, 2024
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टाटा ग्रुप (Tata Group) देश का सबसे बड़ा इंप्लॉयर है. ये बात किसी से छिपी नहीं है. एक मिलियन से ज्यादा लोग टाटा ग्रुप में काम करते हैं. जिसमें नमक से हवाई जहाज तक तमाम कंपनियां शामिल हैं. डिजाइन और टेक्नोलॉजी सर्विसेज देने वाली टाटा एलेक्सी (Tata Elxsi) वित्त वर्ष 2024-25 में 1,500- 2,000 इंजीनियरिंग फ्रेशर्स को अपने साथ जोड़ना चाहती है. कंपनी ने मार्च 2024 तिमाही के वित्तीय नतीजे जारी करने के लिए आयोजित की गई कॉन्फ्रेंस कॉल में यह बात कही. 

FY25 में करेगी फ्रेशर्स की भर्ती

टाटा एलेक्सी (Tata Elxsi) ने कहा कि वह नए लोगों को काम पर रखने के मामले में थोड़ी सावधानी बरतेगी. मैनेजमेंट का कहना है कि सौदे कैसे आकार लेते हैं और वर्ष में रेवेन्यू कैसा रहता है, इसके आधार पर हम नियुक्तियों का आकलन करेंगे. कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 2,135 फ्रेशर्स को अपने साथ जोड़ा था. Tata Elxsi ने मौजूदा वित्त वर्ष 2025 के लिए कोई गाइडेंस नहीं दिया, लेकिन कहा है कि वह FY24 के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी और वह मार्जिन कम किए बिना एक्सीलरेटेड ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित करेगी. 

टाटा एलेक्सी के लिए Q4 कैसा रहा?

टाटा एलेक्सी का मार्च 2024 तिमाही में शुद्ध लाभ 2.2 प्रतिशत घटकर 196.93 करोड़ रुपये रहा. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 201.51 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया था. तिमाही के दौरान ऑपरेशंस से रेवेन्यू सालाना आधार पर 8.1 प्रतिशत बढ़कर 905.94 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले इसी अवधि में यह 837.91 करोड़ रुपये था. कुल खर्च बढ़कर 677.21 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 613.39 करोड़ रुपये था.

वित्त वर्ष 2024 में Tata Elxsi को कितना हुआ मुनाफा

पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में Tata Elxsi का शुद्ध मुनाफा 792.23 करोड़ रुपये रहा. इससे पहले के वित्त वर्ष 2022-23 में यह 755.19 करोड़ रुपये था. कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में ऑपरेशंस से रेवेन्यू सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 3,552.14 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले यह 3,144.72 करोड़ रुपये था. इस दौरान EBITDA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization) मार्जिन 29.5% रहा.

70 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड

Tata Elxsi के निदेशक मंडल ने 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए 700 प्रतिशत के फाइनल डिविडेंड की सिफारिश की है. इसका मतलब है कि कंपनी 10 रुपये फेस वैल्यू वाले हर एक इक्विटी शेयर पर 70 रुपये का डिविडेंड देगी. कंपनी की सालाना आम बैठक में इस पर शेयरधारकों की मंजूरी ली जाएगी.
 


आखिर क्या है Israel से कनेक्शन वाला Project Nimbus, जिसे लेकर Google में मचा है कोहराम?

गूगल ने प्रोजेक्ट निंबस का विरोध करने वाले कम से कम 50 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 24 April, 2024
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Wednesday, 24 April, 2024
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गूगल के कर्मचारी इजराइल (Israel) को टेक्नोलॉजी देने का विरोध कर रहे हैं. कंपनी के प्रोजेक्ट निंबस (Project Nimbus) को लेकर उनमें आक्रोश व्याप्त है. दरअसल, इजराइली सरकार को क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेवाएं प्रदान करने के मकसद से गूगल और अमेजन ने इस प्रोजेक्ट पर 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे. वहीं, गूगल के सुरक्षा प्रमुख क्रिस रैको ने विरोध-प्रदर्शनों की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है. इससे सहकर्मियों को खतरा महसूस हुआ है.

पिचाई ने किया था स्पष्ट
इजरायल जहां फिलिस्तीन से लड़ रहा है. वहीं, ईरान के साथ भी उसका विवाद चरम पर पहुंच गया है. फिलिस्तीन पर इजरायली हमले की बड़े पैमाने पर निंदा हुई थी. फिलिस्तीनी समर्थक गूगल कर्मचारियों का कहना है कि ऐसे देश के साथ कंपनी को कोई रिश्ता नहीं रखना चाहिए, जो निर्दोषों का खून बहा रहा है. गूगल के न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में सनीवेल स्थित कार्यालयों पर विरोध-प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूह का कहना है कि कंपनी ने पिछले सप्ताह 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला दिया था. बता दें कि कुछ वक्त पहले गूगल चीफ सुंदर पिचाई ने स्पष्ट किया था कि ऑफिसों में ऐसे प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी जा सकती.

बेवजह ही निकालने का आरोप  
प्रदर्शनकारी ग्रुप एक्टिविस्ट ग्रुप 'No Tech for Apartheid' की मांग है कि इजरायल को कोई टेक्नोलॉजी न दी जाए. ग्रुप के सदस्य जेन चुंग ने कहा कि गूगल असहमति को कुचलने और कर्मचारियों को चुप कराने का प्रयास कर रही. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ऐसे कर्मचारियों को भी बर्खास्त किया गया है, जो आंदोलन का हिस्सा नहीं थे. वहीं, Google का कहना है कि जिन लोगों को निकाला गया है, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति कंपनी की इमारतों के अंदर विघटनकारी गतिविधियों (Disruptive Activities) में शामिल था.

कर्मचारियों को ये है शंका 
प्रोजेक्ट निंबस इजरायल की सरकार और उसकी सेना का एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्रोजेक्ट है. इजरायल ने इसके लिए Google और Amazon के साथ 1.2 अरब डॉलर का समझौता किया है. इसके तहत गूगल और अमेजन इजरायली सेना को क्लाउड कंप्यूटिंग और AI सेवाएं प्रदान करेंगी. कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि इजरायल की सेना गाजा पर हमले के लिए AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को डर का है कि इजरायल गूगल की टेक्नोलॉजी की मदद से गाजा में और भी ज्यादा कोहराम मचा सकता है. हालांकि, गूगल का कहना है कि उसकी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हथियारों में नहीं किया जा रहा है.


खत्म होने को है इंतजार, आ गई Bullet Train की डेट; अब किराया भी जान लीजिए

बुलेट ट्रेन जल्द ही पटरी पर दौड़ती नजर आएगी. इसकी शुरुआत अहमदाबाद-मुंबई रूट से होगी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 24 April, 2024
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Wednesday, 24 April, 2024
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देश बेसब्री से बुलेट ट्रेन (Bullet Train) का इंतजार कर रहा है और उसका ये इंतजार जल्द खत्म होने वाला है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बता दिया है कि पहली बुलेट ट्रेन पटरी पर कब दौड़ेगी. रेल मंत्री के मुताबिक, देश की पहली बुलेट ट्रेन के लिए स्टेशनों के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. हम 2026 में एक सेक्शन में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

तेजी से चल रहा है काम
रेलवे मिनिस्टर वैष्णव ने कहा कि अहमदाबाद-मुंबई रूट पर बुलेट ट्रेन का काम बुलेट ट्रेन की रफ़्तार से ही चल रहा है. इसका 290 किलोमीटर से अधिक का काम पहले ही किया जा चुका है. इस रूट पर बुलेट ट्रेन दौडाने के लिए 8 नदियों पर पुल बनाए गए हैं. 12 स्टेशनों पर अभी काम चल रहा है और कई स्टेशनों का काम पूरा होने वाला है. इसके साथ ही दो डिपो पर भी काम चल रहा है. 

बेहद जटिल परियोजना
वैष्णव ने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन शुरू होने के बाद आप चाहें तो सूरत में सुबह का नाश्ता करें और फिर मुंबई जाकर काम करें. इसके बाद रात में फिर आप अपने परिवार के पास वापस सूरत लौट सकते हैं. उन्होंने बताया कि दुनिया में जहां भी बुलेट ट्रेनें चल रही हैं, वहां 90 प्रतिशत लोग दूर की यात्रा के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. रेल मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन एक बेहद जटिल परियोजना है. इस पर काम 2017 में शुरू हुआ था और डिजाइन को पूरा करने में करीब ढाई साल लग गए.

फ्लाइट से सस्ता होगा किराया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में 21 किमी लंबी सुरंग है. इस सुरंग का सबसे गहरा टनल 56 मीटर नीचे है, जिसमें बुलेट ट्रेन 300 से 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. बुलेट ट्रेन के किराए के साल पर रेल मंत्री ने कहा कि इसका किराया हवाई किराए से बहुत सस्ता होगा. हालांकि, कुछ वक्त पहले एक रिपोर्ट में बताया गया था कि मु्ंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन का किराया करीब 3 हजार रुपए होगा. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुंबई-अहदाबाद कॉरिडोर की लागत 1,08 लाख करोड़ रुपए है. इसमें से 10 हजार करोड़ केंद्र द्वारा खर्च किया जा रहा है. जबकि महाराष्ट्र और गुजरात की सरकार 5 हजार करोड़ का योगदान देगी. 


शाहरुख की तरह आपको न हो 'बड़ी मुश्किल', इसलिए हम बता रहे हैं आज किन शेयरों से बनाएं दूरी!

लगातार तीन सत्रों से दौड़ रहे बाजार के कुछ शेयरों में आज मंदी का रुख नजर आ सकता है.

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Published - Wednesday, 24 April, 2024
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Wednesday, 24 April, 2024
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इजरायल-ईरान के बीच लगी आग के ठंडा होने की संभावना से भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के अच्छे दिन लौट आए हैं. मंगलवार को भी बाजार तेजी के साथ बंद हुआ. यह लगातार तीसरा सत्र था, जब मार्केट में रौनक देखने को मिली. वैश्विक बाजारों के मजबूत रुझान और विदेशी निवेशकों की खरीदारी से घरेलू बाजार में मजबूती दर्ज हुई. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 89.83 अंक बढ़कर 73,738.45 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 31.60 अंकों की उछाल के साथ बंद हुआ. 

इनमें आ सकती है तेजी
चलिए अब जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं. मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Nazara Technologies, Tata Teleservices, Aptus Value Housing Finance, ITI, Kaynes Technology India और Biocon में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि आपके पास इन शेयरों में मुनाफा कमाने का मौका है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.   

इनमें आज मंदी की आशंका
MACD ने तेजी के साथ ही कुछ शेयरों में मंदी का रुख भी दर्शाया है. MTAR Technologies, Asahi India Glass, Finolex Cables, NLC India, Mahanagar Gas और CCL Products में आज गिरावट देखने देखने को मिल सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधानी बरतें. MTR के शेयर कल 3 प्रतिशत से अधिक की उछाल के साथ 1,860.50 रुपए पर बंद हुए थे. हालांकि, इस साल अब तक इसमें 15.52% की गिरावट भी आई है. NCL इंडिया के लिए भी मंगलवार शुभ रहा. कंपनी का शेयर दो प्रतिशत से अधिक की मजबूती के साथ 230.50 रुपए पर पहुंच गया. इस शेयर में भी इस साल अब तक 7.87% की गिरावट आ चुकी है. इसी तरह, महानगर गैस, CCL Products, Asahi India Glass और Finolex Cables में भी कल तेजी दर्ज हुई.

इन शेयरों में मजबूत खरीदारी
वहीं, कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Bharti Airtel, Maruti Suzuki, Eicher Motors और Grasim Industries का नाम शामिल है. चलिए इन शेयरों के पिछले रिकॉर्ड पर एक नजर डाल लेते हैं, इससे आपको मुनाफे वाला सौदा पकड़ने में आसानी होगी. एयरटेल के शेयर मंगलवार को करीब 4% की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. 1,347.30 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर का पिछले 5 दिन और इस साल अब तक का रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है. मारुति की बात करें, तो यह शेयर 13 हजार रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है और इस साल अब तक इसने 26% से ज्यादा का रिटर्न दिया है. 4,531 रुपए की कीमत वाला Eicher Motors का शेयर भी अपने निवेशकों को खुश किए हुए है. 2024 में अब तक यह 12% से अधिक चढ़ चुका है. ग्रासिम के शेयर भी कल करीब 4 प्रतिशत की उछाल के साथ 2,369.55 रुपए पर बंद हुए. 


ऑनलाइन गेमिंग ने बढ़ाया सरकार का GST कलेक्‍शन, पिछली तिमाही से इतने गुना बढ़ गया टैक्‍स 

सरकार ने पिछली बार गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया था, जिसका इस इंडस्‍ट्री के लोगों ने खासा विरोध किया था लेकिन सरकार पीछे नहीं हटी. 

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Tuesday, 23 April, 2024
Gaming INdustry

ऑनलाइन गेमिंग एक ऐसा सेक्‍टर है जिससे होने वाले जीएसटी कलेक्‍शन में बड़ा इजाफा हुआ है. अक्‍टूबर से दिसंबर तक की तिमाही के जो आंकड़े निकलकर सामने आए हैं उसके अनुसार सरकार को इस क्षेत्र से 3470 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला है. अगर पिछली तिमाही से इन आंकड़ों की तुलना करें तो ये पांच गुना से ज्‍यादा है. सरकार को पिछले साल के मुकाबले इससे 6 गुना ज्‍यादा जीएसटी मिला है. 

सर्वे रिपोर्ट में हुआ था दिलचस्‍प खुलासा 
गेमिंग इंडस्‍ट्री को लेकर हाल ही में सामने आई HP की गेमिंग लैंडस्‍केप इंडस्‍ट्री की रिपोर्ट में कई अहम बातें निकलकर सामने आई थी. इस स्‍टडी में ये पता चला था कि 58 प्रतिशत महिलाएं हर हफ्ते 12 घंटे गेमिंग पर गुजार रही हैं जबकि 74 प्रतिशत पुरुष गेमिंग कर रहे हैं. सर्वे में सीरियस गेमिंग को लेकर भी आंकड़ा जुटाया गया था जिसमें निकलकर सामने आया था कि पश्चिम में 74 प्रतिशत है जबकि उत्‍तर में ये 54 प्रतिशत है. क्रेज बढ़ने के बावजूद अभी भी कई माता-पिता इसे आज भी सीरियस करियर मानने को लेकर दुविधा में हैं. दूसरी ओर कई अभिभावकों का मानना है कि गेमिंग कमाई का अच्‍छा जरिया हो सकता है. 

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पीएम मोदी ने गेमिंग इंफ्लूएंसरों से की थी मुलाकात 
तेजी से बढ़ते गेमिंग सेक्‍टर को लेकर हाल ही में पीएम मोदी ने कई युवा गेमरों से अपने आवास पर मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने उनसे इस विषय को लेकर गंभीर बातचीत की थी. गेमिंग इंडस्‍ट्री का प्रभाव तेजी से ऐसा बढ़ रहा है कि 47 प्रतिशत माता-पिता ये मानते हैं कि ये एक अच्‍छा करियर हो सकता है. पीएम ने उन सभी युवा गेमरों से उनकी चुनौतियों से लेकर दूसरे कई अहम क्षेत्रों को लेकर बातचीत की थी. पीएम मोदी की इन युवाओं के साथ मुलाकात के बाद इस इंडस्‍ट्री में भविष्‍य बनाने वालों को सकारात्‍मक संदेश मिला है. 

गेमिंग से सरकार ऐसे कमाती है पैसा 
सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लेती है. अगर आप 100 रुपये का निवेश करते हैं और 500 कमाते हैं तो ऐसे में आपको सरकार को 28 रुपये देने होंगे. इसी तरह अगर आप कमाए हुए पैसे को निकालते नहीं है तो दूसरी बार में आपको फीस नहीं देनी होगी. लेकिन अगर निकालकर आप दोबारा लगाते हैं तो फिर आपको फीस देनी होगी. 


इंडियन इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, 14 साल में हाई पर पहुंची बिजनेस एक्टिविटी

इंडियन इकोनॉमी ने नए वित्तीय वर्ष की मजबूत शुरुआत की है, बिक्री वृद्धि में तेजी के बीच निजी क्षेत्र की व्यावसायिक गतिविधि मार्च की तुलना में अप्रैल के दौरान तेजी से बढ़ी है.

Last Modified:
Tuesday, 23 April, 2024
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मजबूत मांग के कारण इस महीने भारत की व्यावसायिक गतिविधि लगभग 14 वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ी है. इसमें इनपुट इन्फ्लेशन में कमी और सकारात्मक नौकरियों में बढ़ोतरी भी देखी गई है. मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि पिछली कुछ तिमाहियों में मजबूत विस्तार के बाद इस साल भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने के लिए अच्छी स्थिति में है. 

14 साल के हाई पर बिजनेस एक्टिविटी

सर्विस पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स मार्च के 61.2 से बढ़कर अप्रैल में 61.7 हो गया, जबकि मैन्युफैक्चरिंग पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स 59.1 पर अपरिवर्तित रहा. इससे ओवरऑल इंडेक्स 62.2 पर पहुंच गया, जो जून 2010 के बाद सबसे ज्यादा है. इंडेक्स प्रारंभिक सर्वेक्षण परिणामों (Preliminary Survey Results) पर आधारित हैं और फाइनल PMI डेटा अगले सप्ताह प्रकाशित किया जाएगा. 50 से ऊपर की रीडिंग पिछले महीने की तुलना में विस्तार का संकेत देती है, जबकि इससे नीचे की रीडिंग गतिविधि में संकुचन का संकेत देती है.

कारोबारी आउटलुर में हुआ सुधार

HSBC की भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने एक बयान में कहा, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नए ऑर्डर बढ़ने से अप्रैल में सेवाओं की वृद्धि में तेजी आई. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग मार्जिन में भी सुधार देखा गया क्योंकि कंपनियां मजबूत मांग की स्थिति के कारण ग्राहकों पर ऊंची कीमतों का भार शिफ्ट करने में सक्षम थीं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मजबूत मांग के कारण अप्रैल में कुल मिलाकर भविष्य के कारोबारी आउटलुर में और सुधार हुआ.

7 फीसदी से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी से ज्यादा बढ़ने के लिए तैयार है, जिससे यह दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन जाएगी. मजबूत वृद्धि ने केंद्रीय बैंक (RBI) को मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने का मौका भी दिया है. RBI इस महीने की शुरुआत में अपने सख्त नीतिगत रुख पर कायम रहा और लगातार सातवीं बैठक में बेंचमार्क दर (Repo Rate) को अपरिवर्तित रखा. HSBC ने कहा कि बढ़ती मांग ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत में और ज्यादा रोजगार सृजन का समर्थन किया. जहां सेवा प्रदाताओं ने मार्च की तुलना में मामूली गति से अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा है, वहीं माल उत्पादकों ने लगभग डेढ़ साल में वर्कफोर्स को सबसे बड़ी सीमा तक बढ़ाया है.
 


SEBI ने इन कंपनियों के IPO को दी मंजूरी, करोड़ों के शेयर होंगे जारी, निवेश का शानदार मौका

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने टीबीओ टेक लिमिटेड (TBO Tek Ltd) और ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड (Awfis Space Solutions Ltd) को अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी (IPO) लाने की मंजूरी दे दी है

Last Modified:
Tuesday, 23 April, 2024
IPO

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने टीबीओ टेक लिमिटेड (TBO Tek Ltd) और ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड (Awfis Space Solutions Ltd) को अपनी इनीशियर पब्लिक ऑफर यानी आईपीओ लाने की मंजूरी दे दी है. जल्द ही ये दोनों कंपनियां शेयर मार्केट में अपना आईपीओ लाएंगी, जिससे निवेशकों को तगड़ा प्रॉफिट मिलने की उम्मीद है. तो चलिए जानते हैं ये कंपनियां आईपीओ में कितना निवेश करने वाली हैं?

टीबीओ 400 करोड़ करेगी निवेश
टीबीओ टेक एक ऑनलाइन ट्रैवल डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी है. कंपनी ने नवंबर 2023 में सेबी के पास अपने आईपीओ के लिए आवेदन जमा कराया था. टीबीओ टेक के आईपीओ में 400 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं कंपनी के प्रमोटर और निवेशकों की ओर से 1.56 करोड़ का शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री के लिए रखा जाएगा. टीबीओ 100 से अधिक देशों में 147,000 से अधिक बॉयर्स (ट्रैवल एजेंसियां) और सप्लायर्स (होटल, एयरलाइंस और कार किराए पर लेने वाले) को जोड़ती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल कंपनी यूरोप और नॉर्थ अमेरिका जैसे मैच्योर मार्केट्स में नए ग्राहक हासिल करने और प्लेटफॉर्म को विकसित करने में करेगी. इस आईपीओ की बुक रनिंग लीड मैनेजर एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) , गोल्डमैन सैक्स इंडिया (Goldman Sachs India), जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) और जेफरीज इंडिया (Jefferies) शामिल हैं. वहीं, कैफिन टेक्नोलॉजी (Caffeine Technology) इस इश्यू की रजिस्ट्रार है. 

ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस करेगी इतने करोड़ का निवेश
वहीं, ऑफिस शेयररिंग स्टार्टअप, ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड ने दिसंबर 2023 में आईपीओ के लिए आवेदन किया था. दूसरी ओर ऑफिस स्पेस सोल्यूशंस के आईपीओ में 160 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे. वहीं, करीब 1 करोड़ के शेयर को कंपनी के प्रमोटरों और मौजूदा शेयरधारकों की ओर से बिक्री के लिए रखा जाएगा. इन शेयर धारकों में पीक XV पार्टनर इनवेस्टमेंट्स V करीब 50.1 लाख शेयर बेचेगी. वहीं, बिस्के लिमिटेड 49.4 लाख शेयर लिंक इनवेस्टमेंट ट्रस्ट 75,174 शेयर बेचेगी. पीक XV के पास कंपनी में 22.9 प्रतिशत की हिस्सदारी है. बिस्के लिमिटेड के पास 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जबकि कंपनी के फाउंडर और सीईओ अमित रमानी के पास 18.2 प्रतिशत हिस्सदारी है. ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और इमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज इस आईपीओ की बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं.

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आ गया जूते की नाप का भारतीय साइज सिस्टम, जानिए कौन सा नंबर आपको है फिट

एक लाख से ज्यादा भारतीय उपयोगकर्ताओं के पैर के आकर के लिए 3-D फुट स्कैनर का उपयोग किया गया था. कुल मिलाकर, भारतीयों के पैर यूरोपीय या अमेरिकियों की तुलना में अधिक चौड़े पाए गए.

Last Modified:
Tuesday, 23 April, 2024
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जब भी हम कोई जूता लेते हैं तो उसके लिए हमे हमारे पैर का साइज बताना पड़ता है. ये यूके और यूएस साइज होता है. हालांकि, जूते के लिए भारतीय साइज सिस्टम भी आ गया है. हाल ही में भारतीयों के पैरों के आकार पर सर्वे हुआ है. भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसे ‘भा’ (Bha) नाम देने का प्रस्ताव है. यह भारत में जूते बनाने का एक बेस बन सकता है. अगर ये आ जाता है, तो मौजूदा यूके-यूरोपीय और यूएस साइज सिस्टम का स्थान ले लेगा.

सर्वे में क्या पाया गया?

शुरुआत में, यह सोचा गया था कि भारतीयों के लिए अलग-अलग पैर के साइज को शामिल करने के लिए कम से कम पांच फुटवियर साइज की जरूरत होगी. सर्वेक्षण से पहले, यह माना जाता था कि पूर्वोत्तर भारत के लोगों के पैरों का आकार बाकि के क्षेत्रों में रह रहे लोगों की तुलना में औसतन छोटा होता है. इसे लेकर दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच एक सर्वेक्षण किया गया था. इसमें 5 भौगोलिक क्षेत्रों में 79 स्थानों पर रहने वाले करीब 1,01,880 लोगों को शामिल किया गया. इतना ही नहीं बल्कि भारतीय पैर के आकार, आयाम और संरचना को समझाने के लिए 3D फुट स्कैनिंग मशीनें तैनात की गईं. इसमें पाया गया कि एक औसत भारतीय महिला के पैर के आकार में बदलाव 11 साल की उम्र पर होता है जबकि पुरुष के पैर के आकार मे लगभग 15 या 16 साल में होता है.

क्यों हुई ‘भा’ (Bha) की जरूरत

भारतीय स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों ने भारत में यूके आकार की शुरुआत की. इसके मुताबिक, एक औसत भारतीय महिला 4 से 6 साइज के जूते पहनती है और एक औसत पुरुष 5 से 11 साइज के जूते पहनता है. चूंकि भारतीयों के पैरों की संरचना, आकार, आयाम पर कोई डेटा मौजूद नहीं था, इसलिए भारतीय प्रणाली विकसित करना मुश्किल था और इसे कभी शुरू नहीं किया गया था. एक भारतीय उपयोगकर्ता के पास अब औसतन 1.5 फुटवियर हैं और भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, यह दुनिया के सबसे बड़े बाजारों और जूतों के निर्माताओं में से एक है. उद्योग हितधारकों ने यह भी कहा कि ऑनलाइन ऑर्डर किए गए अनुमानित 50 प्रतिशत जूते ग्राहकों द्वारा अस्वीकार कर दिए गए थे. भा के साथ, उपयोगकर्ताओं और फुटवियर निर्माताओं दोनों को लाभ हो सकता है. 

सर्वेक्षण की सिफ़ारिशें

भा (Bha) आठ फुटवियर आकार प्रस्तावित करता है:
I – शिशु (0 से 1 वर्ष) 
II – शिशु (1 से 3 वर्ष)
III – छोटे बच्चे (4 से 6 वर्ष) 
IV – बच्चे (7 से 11 वर्ष)
V – लड़कियाँ (12 से 13 वर्ष) 
VI – लड़के (12 से 14 वर्ष)
VII – महिलाएं (14 वर्ष और अधिक) और 
VIII – पुरुष (15 वर्ष और अधिक).

व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए, शुरुआत में III-VIII आकार के फुटवियर का निर्माण पर्याप्त होगा. भा (Bha) के अनुसार निर्मित जूते देश की लगभग 85 प्रतिशत आबादी को सही फिटिंग और बेहतर आराम दे सकते हैं. भा को अपनाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फुटवियर निर्माताओं को वर्तमान 10 आकार (अंग्रेजी प्रणाली) और सात आकार (यूरोपीय प्रणाली) के मुकाबले केवल आठ आकार विकसित करने की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, आधे आकार की आवश्यकता नहीं होगी. जूते के अंतिम आकार की अतिरिक्त लंबाई 5 मिमी फुट होगी. वर्तमान में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध फुटवियर की तुलना में भा प्रणाली का दायरा भी व्यापक होगा.

भा (Bha) की वर्तमान स्थिति

चेन्नई स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (CSIR-CLRI) ने सर्वेक्षण किया. इसने अपनी सिफारिशें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) को सौंपी, जो केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है. डीपीआईआईटी ने उन्हें अनुमोदन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के पास भेज दिया है, जो इस आकार प्रणाली को लागू करने के लिए भारतीय प्राधिकरण है. चूंकि भा मौजूदा आकार प्रणालियों को पूरी तरह से बदल देगा, इसलिए विभागों ने सुझाव दिया है कि भा (Bha) आकार मानकों के अनुसार निर्मित जूते उपयोगकर्ताओं को परीक्षण, परीक्षण और प्रतिक्रिया के लिए दिए जाने चाहिए. भा के 2025 में किसी समय लागू होने की उम्मीद है.