जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और कर्नाटक के बाद अब Jharkhand में मिला लिथियम का गढ़!

देश भर में मौजूद कुल कोयले का 32% हिस्सा भी झारखंड में ही मौजूद है और अब झारखंड में Lithium रिजर्व पाए गए हैं.

Last Modified:
Tuesday, 03 October, 2023
Lithium Mining

आपको याद होगा कुछ ही महीनों पहले जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान और कर्नाटक में लिथियम (Lithium) का भंडार मिला था. अब फिलहाल झारखंड (Jharkhand) को लेकर काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. दावा किया जा रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान और कर्नाटक के बाद अब झारखंड में भी लिथियम के भंडार मिले हैं. 

झारखंड और मिनरल्स
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़, बिहार और पश्चिमी बंगाल जैसे राज्यों से घिरे इस पूर्वी राज्य में पहले से ही यूरेनियम (Uranium), माइका (Mica), बॉक्साईट (Bauxite), ग्रेनाईट (Granite), गोल्ड (Gold), सिल्वर (Silver), ग्रेफाईट (Graphite), मैगनेटाईट (Magnetite), डोलोमाइट (Dolomite), फायरक्ले (Fireclay), क्वार्ट्ज (Quartz), आयरन (Iron) और कॉपर (Copper) जैसे खनिजों के भंडार मिल चुके हैं. इतना ही नहीं देश भर में मौजूद कुल कोयले का 32% हिस्सा इस राज्य में ही मौजूद है.

लिथियम का खेल और चीन
लिथियम (Lithium) को ‘सफेद सोने’ (White Gold) के नाम से भी जाना जाता है. दुनिया भर में इस वक्त इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर जोर दिया जा रहा है और इसीलिए झारखंड (Jharkhand) में मिले इस लिथियम भंडार की अहमियत कहीं ज्यादा बढ़ जाती है. आपको बता दें कि दुनिया भर में केवल कुछ ही देश हैं जिनमें लिथियम के भंडार पाए गए हैं. लिथियम के खनन और इसकी प्रोसेसिंग को लेकर चीन सबसे आगे नजर आता है जबकि चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम रिजर्व मौजूद नहीं है.

भारत के लक्ष्य और Lithium
भारत का लक्ष्य है कि साल 2030 तक नए वाहनों की बिक्री में से 30% हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का हो. इसके साथ ही भारत का लक्ष्य है कि नॉन-फॉसिल फ्यूल से पैदा होने वाली ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाकर 500 गीगावाट कर दिया जाए. लेकिन फिलहाल भारत लिथियम (Lithium) की अपनी जरूरत के लिए अपने पड़ोसी देशों पर निर्भर है. भारतीय लिथियम बैटरी मार्केट भी काफी तेजी से आगे बढ़ रही है और ऐसे में देश को लिथियम के भंडारों की जरूरत पड़ेगी. इन सभी वजहों से भी झारखंड में मिले इस लिथियम भंडार का महत्त्व और ज्यादा बढ़ जाता है.
 

यह भी पढ़ें:  भारतीय इकॉनमी है सबसे आगे? World Bank ने रिपोर्ट में किया ये दावा!

 


RBI ने IIFL फाइनेंस को दी राहत, गोल्ड लोन कारोबार पर लगा प्रतिबंध हटाया

IIFL फाइनेंस ने स्टॉक एक्सचेंज के पास रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि आरबीआई ने गोल्ड लोन बिजनेस पर लगी बंदिशों को वापस ले लिया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 20 September, 2024
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Friday, 20 September, 2024
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बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने IIFL फाइनेंस को बड़ी राहत दी है. RBI ने IIFL फाइनेंस के गोल्ड लोन बिजनेस पर लगी रोक को वापस ले लिया है. स्टॉक एक्सचेंजों के पास रेगुलेटरी फाइलिंग में कंपनी ने ये जानकारी दी है. IIFL फाइनेंस ने स्टॉक एक्सचेंज के पास रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 सितंबर 2024 को सूचित किया है कि IIFL फाइनेंस लिमिटेड के गोल्ड लोन बिजनेस पर लगे प्रतिंबंध को हटा लिया है. 4 मार्च 2024 को RBI ने IIFL फाइनेंस पर गोल्ड लोन को मंजूरी देने, डिस्बर्समेंट या गोल्ड लोन के सेलिंग या सिक्योरिटाइजिंग या असाइनिंग पर रोक लगा दी थी.

RBI का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू

कंपनी ने एक्सचेंज को बताया कि आरबीआई का ये निर्णय तत्काल रूप से लागू हो गया है और नियमों और रेगुलेशंस के तहत कंपनी को गोल्ड लोन को मंजूरी देने, डिस्बर्समेंट, असाइमेंट, सिक्योरिटाइजेशन और कम्पलॉयंस के तहत गोल्ड लोन बेचने की इजाजत मिल गई है और कंपनी फिर से इसे शुरू कर सकती है. आईआईएफएल फाइनेंस ने कहा, कंपनी अनुपालन के हाई स्टैंडर्ड को अपहोल्ड करने के लिए प्रतिबद्ध है और ये सुनिश्चित करेगी जो जरूरी कदम उठाये गए हैं उसे सुचारू रूप से आगे भी जारी रखा जाए.  

RBI ने इसलिए लगाई थी रोक  

4 मार्च 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस को गोल्ड लोन को मंजूरी करने और बांटने पर फौरन रोक लगा दी थी. हालांकि कंपनी को मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो को चालू रखने से लेकर कलेक्शन और रिकवरी प्रोसेस को जारी रखने की इजाजत दी गई थी. आरबीआई को अपनी जांच में आईआईएफएल के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में लोन को मंजूरी देते समय सोने की शुद्धता और वजन में गंभीर अनियमितताएं मिली थी. लोन टू वैल्यू रेश्यो में भी आरबीआई ने उल्लंघन का पता लगाया था. जिसके बाद कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई थी.  

IIFL फाइनेंस के शेयर का हाल

RBI के फैसले के बाद करीब 1 मिलियन कस्टमर्स ने अपना अकाउंट बंद कर दिया और ज्वैलरी सुरक्षित निकाल लिया. ऐसे में यह कंपनी के लिए बड़ी राहत है.  यह शेयर 498 रुपए पर है. इस खबर के सामने आने से पहले 2 मार्च को आईआईएफएल फाइनेंस का शेयर 626 रुपए पर था. 27 मार्च के शेयर ने 304 रुपए का 52 वीक लो हो गया था. उसके बाद से शेयर में तेजी है. पिछले एक महीने में शेयर में 10 फीसदी और छह महीने में 42 फीसदी का उछाल आया है.
 

 

Lebanon: वॉकी-टॉकी में हुए धमाकों से यह जापानी कंपनी क्यों आई चर्चा में, क्या है कनेक्शन?

लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. पहले पेजर और उसके बाद वॉकी-टॉकी में हुए धमाकों में कई की जान गई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 20 September, 2024
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Friday, 20 September, 2024
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लेबनान में हिजबुल्लाह (Hezbollah) के लड़ाकों के वॉकी-टॉकी (Walkie Talkies) में हुए विस्फोट को लेकर एक जापानी कंपनी चर्चा में आ गई है. दरअसल, वॉकी-टॉकी की जो तस्वीरें मीडिया में वायरल हुई हैं, उन पर मॉडल IC-V82 दिखाई दे रहा है. इस मॉडल के वॉकी-टॉकी की निर्माता कंपनी जापान की Icom है. इसलिए वह चर्चा में आ गई है. 

इजरायल को ठहराया जिम्मेदार 
लेबनान में बुधवार को वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए थे. इन धमाकों में करीब 14 लोग मारे गए और 450 से ज्यादा के घायल हुए. वॉकी-टॉकी में विस्फोट से एक दिन पहले लेबनान में पेजर में धमाके हुए थे. हिजबुल्लाह ने इन हमलों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है.  इस बीच, Icom का बयान भी सामने आ गया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, Icom का कहना है कि उसने इन डिवाइस को बनाना एक दशक पहले ही बंद कर दिया था.

मामले की जांच कर रही कंपनी
जापानी कंपनी ने कहा है कि वो जांच कर रही है कि आखिर वॉकी-टॉकी में धमाके कैसे हुए. कंपनी के अनुसार, उसने लगभग एक दशक से जापान के वाकायामा स्थित अपने प्लांट से IC-V82 मॉडल का एक भी वॉकी-टॉकी नहीं बेचा है. उसने 2004 से अक्टूबर 2014 तक मध्य पूर्व सहित कई देशों में IC-V82 मॉडल भेजे थे. Icom का कहना है कि उसके पास IC-V82 मॉडल की कोई इन्वेंट्री नहीं है.

बाजार में मौजूद हैं नकली उत्पाद
जापानी कंपनी ने आशंका जाहिर की है कि ऐसा नकली प्रोडक्ट के माध्यम से किया गया हो सकता है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि काफी लंबे समय से Icom के नकली उत्पाद मार्केट में बिक रहे हैं और उसने इस बारे में पहले ही चेतवानी दी थी. कंपनी ने उसके उत्पादों की नकल करने वाले कुछ निर्माताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की है.  

नियमों के पालन का हवाला
कंपनी ने आगे कहा है कि लेबनान में जिन वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुआ, उनमें ऐसा कोई स्टीकर नहीं था जिनमें नकली उत्पादों के इस्तेमाल की रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई हो. लिहाजा, इसकी आशंका बढ़ जाती है कि नकली उत्पादों के माध्यम से ऐसा किया गया हो. जापानी कंपनी ने यह कहते हुए भी अपना बचाव किया कि वो केवल अधिकृत वितरकों को ही प्रोडक्ट बेचती है और इसके लिए कंपनी जापानी सरकार के नियमों का पालन करती है.


बिक रही है सरकार से जुड़ी एक और कंपनी, खरीदार भी मिल गया

इस्पात मंत्रालय के अधीन आने वाली एक कंपनी को बेचने के लिए जापानी कंपनी से सौदा किया गया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 20 September, 2024
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Friday, 20 September, 2024
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केंद्र सरकार से जुड़ी एक और कंपनी के बिकने की खबर सामने आई है. फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है और उसे खरीदार भी मिल गया है. फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड, MSTC Limited की 100% स्वामित्व वाली सब्सिडयरी कंपनी है, जो इस्पात मंत्रालय के अधीन आती है. एक जापानी कंपनी FSNL की हिस्सेदारी खरीद रही है. 

मिली थीं दो बोलियां 
एक रिपोर्ट के अनुसार, जापानी निगम कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड ने  फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) को 320 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए एक डील साइन की है. सरकार को FSNL के लिए दो तकनीकी रूप से योग्य बोलियां मिली थीं, जिसमें से कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड की बोली को मंजूर किया गया है. यह सौदा 320 करोड़ रुपए में होगा.

प्राइज से ज्यादा बोली
सरकार ने इस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन के लिए 262 करोड़ रुपए रिजर्व प्राइज  रखा था, लेकिन जापानी कंपनी ने इससे ज्‍यादा बोली लगाते हुए 320 करोड़ रुपए की पेशकश की. कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड के अलावा, इंडिक जियो रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड ने भी FSNL के लिए बोली लगाई थी. यह चंदन स्टील लिमिटेड की सहायक कंपनी है. 

क्या करती है कंपनी?
FSNL को अपना बनाने वाली कोनोइक ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्‍टेड कंपनी है. कोनोइक के पास स्टीलवर्क्स ऑपरेशन्स में 140 से अधिक सालों का अनुभव है. वहीं, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) रीसाइक्लिंग प्रोजेक्ट्स में भी शामिल है. FSNL स्टील मिल सर्विस प्रोवाइड कराने के लिए 1979 में अस्तित्व में आई थी. इस कंपनी को स्टील प्लांट में लोहा और इस्पात बनाने के दौरान उत्पन्न स्लैग से स्क्रैप की रिकवरी और प्रोसेसिंग में महारत हासिल है.

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वीकेंड पर खनकती जेब की चाहत पूरी कर सकता है आज इन शेयरों पर दांव, देखें पूरी लिस्ट

Stock Market: शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है और आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 20 September, 2024
Last Modified:
Friday, 20 September, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के लिए कल का दिन उतार-चढ़ाव वाला रहा. कारोबार की शुरुआत में बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली, लेकिन बाद में उसमें कुछ कमी आ गई. अच्छी बात यह रही कि मार्केट ग्रीन लाइन पर ही बंद हुआ. मुनाफावसूली के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स केवल 236 अंक मजबूत होकर 83,184.80 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 38 अंकों की तेजी के साथ 25,415.80 पर बंद हुआ. इस दौरान, सेंसेक्स की अधिकांश कपनियां मुनाफे में रहीं. चलिए जानते हैं कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी आज मार्केट में कौनसे शेयर फोकस में रह सकते हैं.

इनमें उछाल संभव
सबसे पहले बात करते हैं मोमेंटम इंडिकेटर MACD के संकेतों की. मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डायवर्जेंस (MACD) ने Jubilant Food, Asahi Industries Glass, Policybazaar, Finolex Industrie, Bikaji Foods और Endurance Tech पर तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव उछल सकते हैं और ऐसे में इन पर दांव लगाने वालों के लिए प्रॉफिट कमाने की गुंजाइश बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श करना न भूलें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

इनमें मंदी के संकेत
इसी तरह, MACD ने कुछ शेयरों में मंदी का रुख दर्शाया है.  Asian Paints, Godrej Industries, VIP Industries, Apollo Hospital, Rajesh Exports और JK Cement में आज गिरावट देखने को मिल सकती है. दूसरे शब्दों में कहें तो उनके भाव गिर सकते हैं. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधानी बरतें. वैसे एशियन पेंट्स के शेयर कल तेजी के साथ बंद हुए थे. गोदरेज इंडस्ट्रीज के शेयर भी कल मुनाफे में रहे थे. इस स्टॉक की कीमत 1,205 रुपए है. 

इनमें मजबूत खरीदारी
अब जानते हैं उन शेयरों के बारे में जिनमें मजबूत खरीदारी दिखाई दे रही है. इस लिस्ट में Voltas, Max Healthcare, Policybazaar, Jubilant Food, NTPC, Campus Activewear और Info Edge का नाम शामिल है. दरअसल, इन शेयरों ने अपने 52 वीक के हाई लेवल को टच कर लिया है, जो इनमें तेजी का संकेत देता है. लिहाजा इन पर भी आज नज़र बनाए रखें. 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


क्रिकेटर Rishabh Pant ने एक और कंपनी में किया इन्वेस्ट, खरीदी इतने प्रतिशत हिस्सेदारी

टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को लेकर एक बड़ी खबर आई रही है. यह खबर उनके क्रिकेट को लेकर नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट को लेकर है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 19 September, 2024
Last Modified:
Thursday, 19 September, 2024
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बंग्लादेश के साथ पहले टेस्ट मैच के बीच टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को लेकर एक बड़ी खबर आई रही है. यह खबर उनके क्रिकेट को लेकर नहीं बल्कि इन्वेस्टमेंट को लेकर है. पंत ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर मार्केटप्लेस टेकजॉकी में 7.4 करोड़ रुपये में 2% हिस्सेदारी खरीदी है, जिससे कंपनी का वैल्युएशन 370 करोड़ रुपये हो गया है. पंत ने कहा कि उन्होंने टेकजॉकी में इन्वेस्ट किया क्योंकि कंपनी का लक्ष्य बिजनेस के लिए आईटी खरीद प्रोसेस को सरल बनाना और एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना था, जो आईटी रीसेलिंग को कंसॉलिडेट करे.

ऋषभ पंत ने कही ये बातें

इस निवेश को लेकर ऋषभ पंत ने कहा कि यह निवेश मेरे लिए स्वाभाविक था, क्योंकि यह टेक्नोलॉजी के प्रति मेरे जुनून और भारत में बिजनेस लैंडस्केप पर सार्थक प्रभाव डालने वाले उपक्रमों में शामिल होने की मेरी इच्छा को जोड़ता है. उन्होंने बताया कि उनका इंवेस्टमेंट टार्गेट एक वैरियस पोर्टफोलिया बनाना है, जिसमें लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट पर फोकस किया जाएगा. पंत ने कहा कि जबकि मेरा क्रिकेट करियर मेरा प्राइमरी फोकस बना हुआ है, मैंने विभिन्न उद्योगों में रणनीतिक निवेश किया है. पिछले साल, उन्होंने शिपिंग और लॉजिस्टिक्स मार्केटप्लेस ओवर ज़िलियन यूनिट्स में इंवेस्टमेंट किया था.

पंत का इन कंपनियों में भी निवेश

बता दें कि मौजूदा समय में ऋषभ पंत ने ऑप्टिमम न्यूट्रिशन, HDFC Life , आयोडेक्स, थम्स अप और ड्रीम11 जैसे ब्रांडों में निवेश किया है. वहीं, जिस कंपनी में उन्होंने 2 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है, उसने फाइनेंशियल ईयर 24 में 125 करोड़ रुपये का रेवेन्यू रिकॉर्ड किया.

Techjockey.com के फाउंडर आकाश नांगिया ने कहा कि भारत में 6 करोड़ से अधिक छोटे और मध्यम व्यवसाय और व्यापारी हैं जो अपने व्यवसाय के लिए सही सॉफ़्टवेयर खोजने में परेशानियों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि आगामी दिनों में Techjockey.com उपयोगकर्ता अधिग्रहण और होटल, एजुकेशन, हेल्थ और मैन्युफैक्चरिंग जैसी इंडस्टीज के लिए कस्टम पैकेज और डिस्कवरी फ़्लो लॉन्च करने पर फोकस करेगा.
 

 

सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को दिया बड़ा झटका, अब देने पड़ेंगे 92,000 करोड़ रुपए

साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग द्वारा टेलीकॉम कंपनियों पर बकाये AGR की गणना को सही ठहराया था. इस फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दायर की गई थी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 19 September, 2024
Last Modified:
Thursday, 19 September, 2024
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AGR मामले में वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल समेत दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उस क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है, AGR (Adjusted Gross Revenues) की कैलकुलेशन दोबारा करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों की खुली अदालत में सुनवाई की याचिका को भी खारिज कर दिया.

वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और कई अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने मामले में 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने आरोप लगाया था कि दूरसंचार विभाग की ओर से AGR बकाया की गणना में गंभीर गलतियां हुई हैं, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन पर मनमाना जुर्माना लगाया गया है.

90,000 करोड़ रुपये की देनदारी

2019 के फैसले ने हजारों करोड़ रुपये के बकाया और जुर्माने से जूझ रही टेलीकॉम इंडस्ट्री तगड़ा झटका दिया. इससे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की देनदारी बढ़कर 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई थी. इसके तुरंत बाद, कंपनियों ने अपने बकाए के भुगतान के लिए अधिक समय की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया. सितंबर 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने 10 वर्षों में बकाया भुगतान की इजाजत दी.

हालांकि साल 2021 में एक अलग याचिका में, सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया. जिन्होंने टेलीकॉम विभाग की बकाया राशि की गणना में गलतियों का दावा करते हुए मामले में बकाया की गणना पर DoT से संपर्क करने की अनुमति मांगी थी.

AGR पर फैसले के बाद, सरकार के पास शुरुआत में वोडाफोन आइडिया में 33% हिस्सेदारी थी, जो अब घटकर 23% रह गई है. AGR और स्पेक्ट्रम नीलामी भुगतान के टलने से पैदा ब्याज बकाया के कन्वर्जन के बदले में सरकार को शेयर आवंटित किए गए थे.

AGR का पूरा मामला समझिए

एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू या AGR, सरकार और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के बीच रेवेन्यू शेयरिंग का एक मैकेनिज्म है. इस मैकेनिज्म के तहत, ऑपरेटर्स को टेलीकॉम डिपार्टमेंट को एक तय लाइसेंसिंग फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज का भुगतान करना होता है. DoT फीस की गणना AGR के प्रतिशत के रूप में करता है. हालांकि AGR की परिभाषा हमेशा से विवादों में रही है.

टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने कई न्यायिक मंचों के सामने ये तर्क दिया है कि परिभाषा में केवल उनका मुख्य राजस्व शामिल होना चाहिए, जबकि विभाग ने तर्क दिया कि परिभाषा में नॉन-टेलीकॉम सेवाओं से होने वाली कमाई को भी शामिल करना चाहिए. अक्टूबर 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि AGR की गणना करते समय नॉन-कोर रेवेन्यू को शामिल किया जाना चाहिए, जिससे AGR की परिभाषा पर मोबाइल ऑपरेटरों और सरकार के बीच 14 साल की लंबी कानूनी लड़ाई खत्म हुई.
 


अनिल अंबानी को मिली दोहरी खुशी! रिलायंस इन्फ्रा ने चुकाया कर्ज, माक्रेट में होगी जबरदस्त वापसी

अडानी के बाद, अनिल अंबानी भारत के सूचकांक में दूसरा 'A' हैं, जिनकी वापसी और वृद्धि से बाजार में हलचल मच सकती है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 19 September, 2024
Last Modified:
Thursday, 19 September, 2024
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अनिल अंबानी ने इस सप्ताह अपने दो कंपनियों, रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, को कर्ज मुक्त कर दिखाया है. इन दोनों कंपनियों ने मिलकर करीब 8000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकता किया है. अब कंपनियों के बोर्ड संभावित रूप से बड़े निवेशकों को शेयरों के विशेष आवंटन के जरिए भारी रकम लगाने की योजना बना सकती है.  अनिल अंबानी अब अडानी के बाद भारत के सूचकांक में दूसरा 'ए' बन गए हैं, जिनकी वापसी और वृद्धि से बाजार में हलचल मच सकती है.

18 सितंबर को रिलायंस पावर लिमिटेड के शेयर 5 प्रतिशत बढ़ गए, जब कंपनी ने घोषित किया कि उसने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर (VIPL) के लिए 3872 करोड़ रुपये की गारंटी पूरी तरह से निपटा दी है. इस निपटान से सभी कॉरपोरेट गारंटी, प्रतिबद्धताएं, और VIPL के बकाया कर्ज से संबंधित सभी दावे समाप्त हो गए हैं. रिलायंस पावर के कंपनी सचिव और अनुपालन अधिकारी, रामदीप कौर ने एक आधिकारिक बयान में पुष्टि की, उन्होने कहा कि कंपनी की ओर से VIPL के लिए गारंटर की सभी जिम्मेदारियां पूरी तरह से निपटा दी गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप कॉरपोरेट गारंटी, प्रतिबद्धताएं और VIPL के बकाया कर्ज से संबंधित सभी दावे समाप्त हो गए हैं.

बुधवार को रिलायंस पावर के शेयर की कीमत 32.97 रुपये पर बंद हुई, जिससे कंपनी का बाजार मूल्य 13,247 करोड़ रुपये हो गया. FY24 तक, रिलायंस पावर ने 5,945 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट्स चालू कर दिए हैं, जबकि बाकी प्रोजेक्ट्स विकास के अलग-अलग चरणों में हैं. इसके अलावा, रिलायंस पावर ने पुष्टि की कि उसने CFM एसेट रिकंस्ट्रक्शन के साथ सभी विवाद सुलझा लिए हैं. VIPL, जिसमें 100% हिस्सेदारी CFM को गिरवी रखी गई थी, अब रिलायंस पावर की सहायक कंपनी नहीं रही. इससे रिलायंस पावर की VIPL के गारंटर के रूप में सभी जिम्मेदारियां समाप्त हो गईं, क्योंकि कॉरपोरेट गारंटी आधिकारिक रूप से जारी कर दी गई थी.

यह लेन-देन 17 सितंबर, 2024 को पूरा हुआ, जिसमें एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज ने CFM एसेट रिकंस्ट्रक्शन और एक्सिस बैंक की ओर से VIPL के शेयरों पर गिरवी का दावा किया. इसके साथ ही रिलायंस पावर ने घोषणा की कि अब उस पर बैंकों या वित्तीय संस्थानों का कोई कर्ज नहीं है. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह लेन-देन किसी संबंधित पार्टी के साथ नहीं था, क्योंकि ऋणदाता रिलायंस पावर के प्रमोटर समूह का हिस्सा नहीं हैं और यह लेन-देन कंपनी की संपत्तियों को प्रभावित करने वाली किसी व्यापक योजना का हिस्सा नहीं था. FY25 की पहली तिमाही के अंत में कंपनी की समेकित शुद्ध संपत्ति 11,155 करोड़ रुपये थी. इसके अलावा, रिलायंस पावर, रोजा पावर सप्लाई और VIPL ने CFM के खिलाफ सभी कानूनी कार्रवाई बंद करने पर सहमति जताई, और CFM ने भी रिलायंस पावर और रोजा पावर के खिलाफ अपने मामलों को वापस ले लिया, जिनमें दिवालिया और बकाया कर्ज कोड के तहत दायर मामले भी शामिल थे.

अंबानी की एक और कंपनी, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक्सचेंजों को सूचित किया कि उसने अपने कर्ज का करीब 90 प्रतिशत चुका दिया है और कंपनी की नेट वर्थ 9,041 करोड़ रुपये है. इसके मुकाबले, कंपनी का बाजार मूल्य 8,500 करोड़ रुपये के करीब था, बुधवार को शेयर की कीमत 282.73 रुपये थी.

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने बताया कि इन्वेंट एसेट्स सिक्योरिटाइजेशन और रीकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, जो कंपनी का ऋणदाता है, ने कुछ गिरवी रखी गई संपत्तियों को अपनी राशि वसूलने के लिए ट्रांसफर किया है. इसके परिणामस्वरूप, इन्वेंट एआरसी की पूरी फंड-बेस्ड बकाया राशि अब शून्य हो गई है. कंपनी ने कहा कि उसका स्वतंत्र बाहरी कर्ज अब 475 करोड़ रुपये रह गया है, जो पहले 3,831 करोड़ रुपये था. इसके अलावा, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने Life Insurance Corporation of India, Edelweiss Asset Reconstruction Company Limited, ICICI Bank, Union Bank और अन्य ऋणदाताओं को अपने बकाया कर्ज चुका दिए हैं.

कंपनी का बाहरी कर्ज 475 करोड़ रुपये तक घट गया है. इसके परिणामस्वरूप, कंपनी की नेट वर्थ 9,041 करोड़ रुपये होगी, यह रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने घोषित किया. FY24 के अनुसार, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन (E&C) डिवीजन की ऑर्डर बुक 1,974.64 करोड़ रुपये (237 मिलियन डॉलर) की है, जिसमें बड़े प्रोजेक्ट्स पाइपलाइन में हैं. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के पास 30 जून तक रिलायंस पावर में 23.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

वित्तीय प्रदर्शन

रिलायंस पावर की ताजा वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व 4 प्रतिशत बढ़कर 1,992 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नेट लॉस घटकर 98 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की समान तिमाही से कम है. Q1 FY25 के लिए, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 30 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की रिपोर्ट दी है, जो 7,193 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. कंपनी का नेट लॉस 93 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान तिमाही से कम है.
 


बिना इंटरनेट स्मार्टफोन पर चलेगा वीडियो, Tata से जुड़ी इस कंपनी ने अमेरिका में की बड़ी डील

भारत में अब जल्द ही ऐसे सस्ते मोबाइल फोन लॉन्च किए जाएंगे, जिन पर बिना इंटरनेट के ही ऑडियो-वीडियो चलेगा.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 19 September, 2024
Last Modified:
Thursday, 19 September, 2024
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अगर आप अपने स्मार्टफोन में केवल वीडियो देखने के लिए महंगा रिचार्ज कराते हैं, तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, टाटा ग्रुप (Tata) से जुड़ी हुई एक कंपनी देश में जल्द ही ऐसे मोबाइल फोन लॉन्च करने जा रही है, जिन पर बिना इंटरनेट के सीधे ऑडियो-वीडियो चलाने की सुविधा मिलेगी. इसके लिए सांख्य लैब्स, आईआईटी कानपुर में बनी एक कंपनी फ्री स्ट्रीम टेक्नोलॉजीस और अमेरिका की सिनक्लेयर इंक के बीच एक डील हुई है. बता दें, सांख्य लैब्स तेजस नेटवर्क की सब्सिडियरी है, जिसकी पेरेंट कंपनी टाटा संस है. तो आइए जानते हैं आपको इस डील के जरिए कैसे बिना इंटरनेट के फोन में वीडियो का आनंद मिलेगा? 

D2M टेक्नोलॉजी के जरिए मिलेगी सर्विस

बता दें, मोबाइल पर बिना इंटरनेट डायरेक्ट ऑडियो-वीडियो और अन्य सर्विस देने वाली इस टेक्नोलॉजी को D2M कहा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डील के तहत जिन फोन को बनाया जाएगा, उनमें सांख्य लैब्स का तैयार किया हुआ ‘पृथ्वी-3 एटीएससी 3.0 चिपसेट लगेगा. साथ ही ये फोन सस्ते भी होंगे.भारत-अमेरिका साझेदारी के तहत हुई ये डील आत्मनिर्भर भारत और भारत के सेमीकंडक्टर की दुनिया का सरताज बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है. 

देश में होगा इन डिवाइस का ट्रायल

सांख्य लैब्स के डिवाइस का फील्ड वैलिडेशन बेंगलुरू, दिल्ली और अमेरिका में चल रहा है. नई पार्टनरशिप के तहत D2M टेक्नोलॉजी वाले सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं बल्कि यूएसबी डॉन्गल एसेसरीज और एसटीबी/गेटवेज और लो-कॉस्ट फीचरफोन को लॉन्च और उनका कंज्यूमर ट्रायल किया जाएगा. बता दें, इस टेक्नोलॉजी का ग्लोबल मार्केट धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ है.
 

 

साल का सबसे बड़ा IPO लाने का तैयारी में NTPC ग्रीन एनर्जी, जानिए पूरी डिटेल

कंपनी का कहना है कि उसकी सब्सिडियरी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ में केवल नए शेयर जारी किए जाएंगे.

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Published - Thursday, 19 September, 2024
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Thursday, 19 September, 2024
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अगर आप कई बार अलग-अलग आईपीओ के लिए एप्लाई कर चुके हैं, और हर बार आईपीओ अलॉटमेंट पाने में असफल रहे हैं. तब आपको थोड़ा और इंतजार कर लेना चाहिए. एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने 10,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट दाखिल किया. इसके मुताबिक कंपनी केवल नए शेयर जारी करेगी और मौजूदा शेयरधारक कोई हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे. यह फाइलिंग ऐसे समय में हुई है जब बिजली उत्पादक कंपनियां ग्रीन एनर्जी पर बड़ा दांव लगा रहे हैं. एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का शेयर इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ होगा.

पैसा का क्या उपयोग करेगी कंपनी?

रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी ने कहा कि इश्यू से प्राप्त 7,500 करोड़ रुपये का उपयोग उसकी सब्सिडियरी कंपनी एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (NREL) के बकाया कर्ज के आंशिक या पूर्ण भुगतान के लिए किया जाएगा, जबकि एक भाग का उपयोग सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. इस इश्यू के लिए IDBI Capital Markets & Securities, HDFC Bank, IIFL Securities और Nuvama Wealth Management बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किए गए हैं. बता दें, भारत में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर तेजी के साथ ग्रोथ कर रहा है. ड्राफ्ट में जिक्र हुए क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार विश्व में अभी रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता के मामले में भारत का चौथा स्थान है.

कितना बड़ा है कारोबार

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी एक ‘महारत्न’ सेंट्रल पब्लिक सेंटर एंटरप्राइजेज है. इसके पास छह से अधिक राज्यों में फैली सौर और पवन ऊर्जा एसेट्स शामिल हैं. अगस्त, 2024 तक कंपनी की ऑपरेशनल क्षमता में छह राज्यों में सौर परियोजनाओं से 3,071 मेगावाट और पवन परियोजनाओं से 100 मेगावाट शामिल थी. एनटीपीसी ग्रुप का लक्ष्य 2023 तक 60 गीगावाट के रेन्यूएबल एनर्जी की क्षमता हासिल करना है. मौजूदा समय में 3.5 गीगावाट इंस्टॉल है, जबकि 28 गीगावाट की क्षमता पर काम चल रहा है।

NTPC का आईपीओ है अहम

यह आईपीओ इसलिए अहम है क्योंकि भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट ग्रीन एनर्जी प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उसे सालाना लगभग 50 गीगावॉट क्षमता जोड़ने की आवश्यकता है. भारत में आईपीओ बाजार में तेजी है. इस साल अब तक लगभग 235 कंपनियों ने 8.6 अरब डॉलर से अधिक जुटाए हैं.  यह पिछले साल जुटाई गई कुल राशि से अधिक है. एनटीपीसी ग्रीन पूरी तरह एनटीपीसी के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. यह परिचालन क्षमता और बिजली उत्पादन के मामले में सरकारी सेक्टर की सबसे बड़ी ग्रीन एनर्जी कंपनी है. 
 

 

Vodafone-Idea ने यूजर्स को दिया झटका, कम कर दी इन 2 प्लान्स की वैलिडिटी

टेलीकॉम कंपनियां लगातार अपने प्लान में इजाफा करके यूजर्स को बड़ा झटका दे रही हैं. अब Vodafone-Idea ने अपने 666 और 479 रुपये वाले इन दोनों प्लान की वैलिडिटी कम कर दी है.

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Published - Thursday, 19 September, 2024
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Thursday, 19 September, 2024
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अगर आप वोडाफोन-आइडिया Vodafone-Idea के यूजर्स हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है. दरअसल कंपनी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने कुछ प्लान्स की वैलिडिटी को पहले से कम कर दिया है. इसमें कंपनी ने अपने दो प्लान को शामिल किया है, जिनकी वैलिडिटी को कंपनी की तरफ से कम कर दिया गया है. हाल ही में वोडाफोन की तरफ से जुलाई 2024 में प्लान्स की वैलिडिटी को कम कर दिया गया था. वहीं, अब एक बार फिर ऐसा ही फैसला लिया गया है, हालांकि डेटा और कॉलिंग बेनिफिट्स में कंपनी ने कोई बदलाव नहीं हुआ है. तो आइए जानते हैं ये प्लान कौन-से हैं और इनकी वैलिडिटी कितनी कम हुई है?

इन दो प्लान्स की वैलिडिटी हुई कम

कंपनी की ओर से Vodafone Idea के 479 रुपये वाले प्लान में 56 दिनों की वैलिडिटी ऑफर की जाती गहै, लेकिन अब इसे कम करके कंपनी की तरफ से 48 दिन कर दिया गया है. यानी यूजर्स को कम वैलिडिटी मिलने वाली है, जबकि यूजर्स को अभी भी 1GB डेटा रोजाना तो मिलने ही वाला है. इस प्लान में अनलिमिटेड कॉलिंग और 100 SMS/Day भी मिलेंगे. FUP डेटा बाद, स्पीड कम होकर 64 Kbps तक आ जाएगी. उधर, वोडाफोन की तरफ से 666 रुपये के प्लान की भी वैलिडिटी को कम कर दिया गया है. इस प्लान की वैलिडिटी को 64 दिन तक कर दिया गया है, जबकि यही प्लान पहले 77 दिनों की वैलिडिटी के साथ आता था. हालांकि यूजर्स को बेनिफिट्स को पहले जैसे ही मिलते रहेंगे. इसमें भी यूजर्स को 1.5GB तक डेटा दिया जाएगा. ये डेटा रोलओवर की सुविधा के साथ आता है. यानी यूजर्स के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होने वाला है.

कस्टमर बेस पर पड़ेगा असर

इन बदलावों को दूसरी तरह भी देखा जा सकता है. कहा जा सकता है कि कंपनी ने अपने प्लान्स की कीमत में इजाफा कर दिया है. इससे भी कंपनी की ARPU पर प्रभाव देखने को मिल सकता है. इससे कंपनी के ओवर ऑल कस्टमर बेस पर प्रभाव पड़ सकता है. यही वजह है कि कंपनी इसे कंट्रोल करने पर भी विचार कर सकती है, लेकिन ये ऐसे प्लान्स थे जो यूजर्स की तरफ से सबसे ज्यादा पसंद किए जाते थे. इनकी कीमत बढ़ने से यूजर्स पर थोड़ा प्रभाव जरूर पड़ सकता है.

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