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ऑनलाइन दवा बिक्री को लेकर सरकार का नोटिस, जानिए क्यों खतरनाक है ये कारोबार?
ऑनलाइन दवा बिक्री को लेकर सरकार की कई स्तर पर चिंता है. कारोबार के इस पैटर्न ने सीमावर्ती राज्यों में उन दवाओं की पहुंच को आसान बना दिया है इससे एजेंसियों के सामने परेशानी पैदा हो रही है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दवा बेचने वाली अवैध ऑनलाइन फ़ार्मेसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के अनुसार ई-फार्मेसी मौजूदा समय में उस बिजनेस मॉडल का पालन कर रहे हैं जो उन रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है जो ऑनलाइन दवा खरीदते हैं. सरकार की चिंता है कि उनके डेटा की गोपनीयता खतरे में है और दवाओं के दुरुपयोग की संभावना है. DCGI द्वारा फरवरी में दवा कंपनियों और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, जिसमें उन्हें दो दिनों के भीतर प्रतिक्रिया देने या देश में दवाओं की बिक्री और वितरण पर कठोर कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा गया था.
आखिर क्या है मूल समस्या
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन फार्मा कंपनियों के द्वारा मेडिसिन एंड कॉसमेटिक एक्ट 1940 का उल्लंघन किया जा रहा है. रिपोर्ट ये भी कहती है कि देश की कोई 20 ऑनलाइन दवा बेचने वाली कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं जो इस तरह का काम कर रहे थे. इसमें इस सेक्टर की कुछ बड़ी नामी कंपनियां भी शामिल हैं, जिसमें टाटा, प्रैक्टो, अपोलो, अमेजन और फिलपकार्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं.
नियमों के विरुद्ध बेच रहे हैं दवा
वहीं इस पूरे मामले पर ऑल इंडियन ओरिजिन केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स (एआईओसीडी) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री और छूट और अलग-अलग ऑफर के साथ विज्ञापन के माध्यम से दवा की बिक्री को बढ़ावा देना ड्रग अधिनियम, फार्मेसी अधिनियम और अन्य दवाओं द्वारा प्रतिबंधित है क्योंकि वे जनता के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करते हैं.
सभी जायज दलीलों, अनुरोधों, चर्चाओं और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसलों के बावजूद, कॉर्पोरेट घराने अपने फाइनेंशियल प्रभाव के साथ अवैध रूप से काम करते हुए मूल्य निर्धारण में लगे हुए थे. एआईओसीडी ने कहा कि जब ई-फार्मेसी ने देश में राज्य की सीमाओं पर दवाओं की ऑनलाइन बिक्री शुरू की थी तब अधिक खतरनाक नकली और नकली फार्मास्यूटिकल्स में जबर्दस्त इजाफा हुआ था. उन्होंने कहा कि एंटीबायोटिक्स, और गर्भावस्था समाप्ति जैसी किट इंटरनेट ऐप्स के माध्यम से उनतक सरल पहुंच ने राज्य FDA के लिए ट्रेस और निगरानी करना बहुत चुनौतीपूर्ण बना दिया.
क्या कहती है केमिस्ट एशोसिएशन
केमिस्ट एशोसिएशन के अनुसार, ऑनलाइन फ़ार्मेसी भी अपना डेटा तैयार कर रहे हैं. एआईओसीडी का कहना है कि उसने हमेशा से सभी ज्वलंत मुद्दों को उजागर किया है और बताया है कि अवैध ई-फार्मेसी अपने पोर्टल पर अपने स्वयं के हेल्थ डेटा का उत्पादन कर रहे हैं, जो व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा के जोखिम के रूप में भी एक खतरा था और यह एनएचआरएम की पीएम स्वास्थ्य डेटा नीति के खिलाफ भी है.
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