घाटी में खत्म होने जा रहा है 3 दशक का सूखा, मिलने वाली है ये खुशखबरी

जिस जगह पर यह मल्टीप्लेक्स बन रहा है, उस जगह पहले भी एक सिनेमाहॉल हुआ करता था, जिसे आतंकवादियों ने आग के हवाले कर दिया था.

Last Modified:
Sunday, 11 September, 2022
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नई दिल्लीः कश्मीर घाटी में 3 दशक के लंबे इंतजार के बाद पहला मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहा है. इस मल्टीप्लेक्स की स्थापना एक स्थानीय कश्मीरी व्यवसायी मल्टीप्लेक्स चेन आईनॉक्स के साथ मिलकर कर रहे हैं. हालांकि जिस जगह पर यह मल्टीप्लेक्स बनकर तैयार हुआ है, उस जगह पहले भी एक सिनेमाहॉल हुआ करता था, जिसे आतंकवादियों ने आग के हवाले कर दिया था. 

नब्बे के दशक में जलाया गया था हॉल 

इस मल्टीप्लेक्स के लिए जगह देने वाले व्यवसायी विजय धर ने कहा कि उनका राजधानी श्रीनगर के अतिसुरक्षित इलाके में से एक सोनवर में ब्रॉडवे नाम से सिनेमाहॉल था, जिसे जला दिया गया था. अब आईनॉक्स उसी स्थान पर एक मल्टीप्लेक्स का निर्माण कर रहा है, जो कि इस माह के अंत तक खुल जाएगा. यह मल्टीप्लेक्स एक सैन्य शिविर के नजदीक स्थित है. 

यह होंगी मल्टीप्लेक्स में खूबियां

मल्टीप्लेक्स जो सितंबर के अंत तक खुलने के लिए तैयार है, में 520 लोगों की कुल बैठने की क्षमता और एक फूड कोर्ट के साथ तीन स्क्रीन होंगे. एक थिएटर 3-डी होगा और जल्द ही आईनॉक्स 5-डी भी करने की योजना बना रहा है. मल्टीप्लेक्स की सजावट में नक्काशीदार छत होगी जिसमें कश्मीर के मध्य एशिया से प्रेरित वास्तुकला नजर आएगी.

आईनॉक्स के सीईओ आलोक टंडन ने बताया, "कश्मीर और भारत के फिल्म उद्योग का एक लंबा और स्थायी रिश्ता रहा है. सभी भारतीय भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेजी और सभी शैलियों की फिल्में यहां प्रदर्शित की जाएंगी. काम अंतिम चरण में है और हम उद्घाटन के बहुत करीब हैं."

कश्मीर घाटी में मिला अच्छा अवसर

इसके पीछे की मंशा के बारे में टंडन ने कहा, “हम हमेशा देश भर में अपनी उपस्थिति में स्क्रीन जोड़ने के अवसरों की तलाश में रहते हैं. जब भी कोई अवसर आता है, हम व्यापार व्यवहार्यता के आधार पर मूल्यांकन करते हैं और निर्णय लेते हैं, जो मनोरंजन को जनता के करीब ले जाने के हमारे उद्देश्य के साथ अच्छी तरह से चलता है. हमें खुशी है कि हमें कश्मीर घाटी में एक अच्छा अवसर मिला है.

लोगों को मिलेगा रोजगार

जनता की अपेक्षा भी अधिक है. श्रीनगर में रहने वाले 27 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर आरिफ अमीन ने कहा, "मैंने यहां के थिएटर में कोई फिल्म नहीं देखी है. लेकिन मैंने अपने माता-पिता और दादा-दादी से फिल्मों के प्रति दीवानगी के बारे में सुना है. अच्छी बात है कि मल्टीप्लेक्स खुल रहा है. हमें मनोरंजन का साधन मिलेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा."

जबकि अमीन ने कश्मीर के सिनेमा दृश्य को कभी नहीं देखा है, कश्मीरी फिल्म निर्माता मुश्ताक अली अहमद खान (62) ने उन बीते दिनों को याद किया है जब "सिनेमा हॉल में भारी भीड़ हुआ करती थी और एक अच्छी फिल्म का टिकट प्राप्त करना कठिन था". इसलिए उनके अनुसार मल्टीप्लेक्स घाटी के लिए "बहुत मायने रखता है". हालांकि सुरक्षा को लेकर चिंताएं बड़ी हैं.

सुरक्षा सबसे बड़ा सिरदर्द

खान ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक सिरदर्द भी होगा, क्योंकि 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है," खान ने उन सिनेमा हॉलों के भाग्य को याद करते हुए कहा, जो उग्रवाद के शिकार हुए हैं. उनमें से कुछ खंडहर में पड़े हैं जबकि अन्य को सेना या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए परिवर्तित किया गया है. सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर, धर ने इसे "सरकार की चिंता बताया, मेरी नहीं".

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Stock Market: आज इन शेयरों में निवेश से बन सकता है आपका दिन, तेजी के मिले हैं संकेत

शेयर बाजार के लिए इस सप्ताह की शुरुआत शानदार रही. कल सेंसेक्स और निफ्टी दोनों उछाल के साथ बंद हुए थे.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के 'अच्छे दिन' चल रहे हैं. इस सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही बाजार बड़ी छलांग के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 941.12 अंक चढ़कर 74671.28 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 223.45 अंकों की उछाल के साथ 22643.40 पर पहुंच गया. अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों में मजबूती के बीच निवेशकों द्वारा चौतरफा की गई खरीदारी के चलते बाजार में यह तेजी देखने को मिली. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

इनमें आ सकता है उछाल
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी और कुछ में मंदी के संकेत दिए हैं. सबसे पहले तेजी वाले शेयरों की बात करते हैं. IRCTC, Vadilal Industries, Westlife Foodworld, Shriram Finance और VST Tillers Tractors में आज तेजी देखने को मिल सकती है. जाहिर है ऐसे में इन शेयरों पर दांव लगाकर आप मुनाफा भी कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. 

ये भी पढ़ें - बाबा को बड़ा झटका: Divya Pharmacy के ये 14 प्रोडक्ट्स बैन; आज SC में फिर सुनवाई 

इनमें है मंदी के संकेत
MACD ने Mankind Pharma, Waaree Technologies, Ion Exchange और Bajaj Finance में मंदी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में आज गिरावट आ सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. मैनकाइंड फार्मा के शेयर कल उछाल के साथ 2,375 रुपए पर बंद हुए थे. इस साल अब तक ये शेयर 20% चढ़ चुका है. Waaree Technologies के शेयर में सोमवार को 4 प्रतिशत से ज्यादा की नरमी आई और यह 1,813.60 रुपए पर पहुंच गया. इसी तरह, Ion Exchange और Bajaj Finance भी कल बढ़त के साथ कारोबार करते रहे.

इनमें मजबूत खरीदारी
अब उन शेयरों के बारे में जानते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में, SBI, ICICI Bank, Axis Bank, Divis Labs और Grasim Industries का नाम शामिल है. इनमें से कुछ शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है. एसबीआई की बात करें, तो कल यह शेयर करीब 3 प्रतिशत की मजबूती के साथ 825 रुपए पर बंद हुआ था. इसी तरह, ICICI Bank के लिए भी कल का दिन अच्छा रहा. मोबाइल ऐप की गड़बड़, सहायक कंपनी के डीमर्जर को लेकर विवाद के बावजूद बैंक के शेयर मजबूती हासिल करने में कामयाब रहे. इसी तरह, Axis Bank और Grasim Industries के शेयरों में भी सोमवार को उछाल देखने को मिला.

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बाबा को बड़ा झटका: Divya Pharmacy के ये 14 प्रोडक्ट्स बैन; आज SC में फिर सुनवाई 

रामदेव की मुश्किलों का अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है. सुप्रीम कोर्ट की लताड़ के बीच उन्हें उत्तराखंड से भी झटका लगा है.

Last Modified:
Tuesday, 30 April, 2024
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विज्ञापनों में बड़े-बड़े दावे करना बाबा रामदेव (Baba Ramdev) को बहुत भारी पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर जहां बाबा को जमकर फटकार लगा चुका है. वहीं, अब उनके लिए उत्तराखंड से भी बुरी खबर आई है. राज्य सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी (Divya Pharmacy) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है और उनके लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिए हैं. 

इन उत्पादों पर लगा बैन
उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की कंपनी द्वारा प्रकाशित भ्रामक विज्ञापन के चलते यह कार्रवाई की है. बाबा की कंपनी के जिन उत्पादों को प्रतिबंधित किया गया है उनमें, श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप और आईग्रिट गोल्ड शामिल हैं. इसके अलावा, बाबा और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के उल्लंघन के लिए आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई गई है.  

माफी मिलेगी या लगेगी फटकार? 
वहीं, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में अदालत ने रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को जमकर फटकार लगाई थी. इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने अखबारों में बड़े फॉण्ट के साथ सार्वजनिक तौर पर माफीनामा भी छपवाया, जिसमें कहा गया कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं. साथ ही बाबा रामदेव ने यह भी कहा है कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी. हालांकि, ये बात अलग है कि इससे पहले अदालत बाबा का माफीनामा अस्वीकार कर चुकी है. अब देखने वाली बात ये होगी कि आज की सुनवाई में क्या होता है. बता दें कि इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बाबा और पतंजलि के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. 

इधर मिल गया नोटिस
इस बीच, खबर है कि रामदेव की FMCG कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड को GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की तरफ से शो-कॉज नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस में चंडीगढ़ स्थित डीजीजीआई द्वारा 27.5 करोड़ रुपए की जीएसटी की मांग की गई है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डीजीजीआई चंडीगढ़ को जांच में कुछ फर्जी चालानों का पता चला है. आरोप है कि इसके आधार पर पतंजलि फूड्स द्वारा लगभग 27.46 करोड़ के फर्जी क्लेम किए गए.


अब इन दो बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, जानते हैं क्‍या है इनकी गलती?

आरबीआई ने जिन दो बैंकों पर कार्रवाई की है उनमें एक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि दूसरे पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई लगातार बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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देश की अर्थव्‍यव्‍सथा की निगरानी से लेकर बैंकों के कारोबार पर निगरानी रखने वाली संस्‍था आरबीआई ने एक बार फिर दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन बैंकों पर नियमों का पालन न करने को लेकर ये कदम उठाया है. RBI की ओर से जिन बैंकों के खिलाफ ये कदम उठाया गया है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक और द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक जैसे नाम शामिल हैं. 

आखिर क्‍यों हुई है ये कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से इन दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेंट्रल बैंक पर आरोप है कि उसने NABARD(National Bank For Agriculture and Rural Devlopement) की ओर से धोखाधड़ी, क्लॉसीफिकेशन, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए जारी किए गए नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई की ओर से जांच में ये पाया गया कि फ्रॉड के मामलों में की सूचना देरी से दी गई है. इसी तरह दद वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर KYC के नियमों का पालन न करने को लेकर कार्रवाई की गई है. 

आरबीआई लगातार कर रहा है कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से समॉल फाइनेंस बैंकों से लेकर यूनिवर्सल बैंकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जनवरी में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई के बाद अभी कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अनियमित्‍ता का आरोप था. इन दोनों फाइनेंस सेक्‍टर की कंपनियों पर कार्रवाई के बाद इन्‍हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. 2023 में भी आरबीआई की ओर से कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.  

ये भी पढ़ें: Ola Cabs के सीईओ ने दिया इस्‍तीफा, जनवरी में ही हुई थी ज्‍वॉइनिंग


अब इन दो बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, जानते हैं क्‍या है इनकी गलती?

आरबीआई ने जिन दो बैंकों पर कार्रवाई की है उनमें एक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि दूसरे पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई लगातार बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है. 

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Monday, 29 April, 2024
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देश की अर्थव्‍यव्‍सथा की निगरानी से लेकर बैंकों के कारोबार पर निगरानी रखने वाली संस्‍था आरबीआई ने एक बार फिर दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन बैंकों पर नियमों का पालन न करने को लेकर ये कदम उठाया है. RBI की ओर से जिन बैंकों के खिलाफ ये कदम उठाया गया है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक और द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक जैसे नाम शामिल हैं. 

आखिर क्‍यों हुई है ये कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से इन दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेंट्रल बैंक पर आरोप है कि उसने NABARD(National Bank For Agriculture and Rural Devlopement) की ओर से धोखाधड़ी, क्लॉसीफिकेशन, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए जारी किए गए नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई की ओर से जांच में ये पाया गया कि फ्रॉड के मामलों में की सूचना देरी से दी गई है. इसी तरह दद वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर KYC के नियमों का पालन न करने को लेकर कार्रवाई की गई है. 

आरबीआई लगातार कर रहा है कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से समॉल फाइनेंस बैंकों से लेकर यूनिवर्सल बैंकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जनवरी में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई के बाद अभी कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अनियमित्‍ता का आरोप था. इन दोनों फाइनेंस सेक्‍टर की कंपनियों पर कार्रवाई के बाद इन्‍हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. 2023 में भी आरबीआई की ओर से कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.  

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कौन हैं BSE के मालिक, जिन्होंने एक ही झटके में गंवा दिए इतने करोड़?

शेयर बाजार में आज अच्छी-खासी बढ़त देखने को मिली, लेकिन BSE के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) आज गुलजार नजर आया. पिछले सप्ताह की गिरावट को पीछे छोड़ते हुए बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली. इस दौरान, सेंसेक्स 904.95 उछलकर 74,635.11 के लेवल पर पहुंच गया. बाजार में पैसा लगाने वालों के चेहरे खिले नजर आए. हालांकि, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के निवेशकों को बाजार की तेजी के बावजूद मायूसी हाथ लगी. BSE का शेयर सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को 13.31% की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ.  

पता चल गई गिरावट की वजह
BSE का शेयर पिछले पांच कारोबारी सत्रों से लाल निशान पर कारोबार कर रहा है. इस दौरान, यह 4.54% लुढ़क गया है. चलिए जानते हैं कि BSE के मालिक कौन हैं और इस गिरावट से उन्हें कितना नुकसान हुआ है. BSE में म्यूचुअल फंड कंपनियों से लेकर इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स ने पैसा लगाया है. इसमें सबसे ज्यादा स्टेक रखने वालों को एक तरह से इसका मालिक कहा जा सकता है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के शेयर में आई आज की गिरावट के चलते म्यूचुअल फंड कंपनियों को 406 करोड़ रुपए से ज्यादा का झटका लगा है. इस नरमी की वजह बाजार नियामक सेबी (SEBI) का एक निर्देश बताया जा रहा है. दरअसल, सेबी ने ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के रेगुलेटरी फीस को प्रीमियम वैल्यू के बजाए नोशनल वैल्यू के आधार पर कैलकुलेट करने का निर्देश दिया है. इसी के चलते BSE के शेयरों में आज बड़ी गिरावट आई.

Invesco FM सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर
अब यह भी जान लेते हैं कि BSE में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और किसे, कितना नुकसान उठाना पड़ा है. मार्च 2024 तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, बीएसई में सबसे बड़ी हिस्सेदारी Invesco Mutual Fund के पास है. उसके पोर्टफोलियो में BSE के 23 लाख शेयर हैं और सोमवार की गिरावट के चलते उसे 81 करोड़ का नुकसान हुआ. इस तरह उसके शेयरों की वैल्यू घटकर 658 करोड़ रुपए हो गई है. BSE में मोतीलाल ओसवाल के साथ ही एक्सिस और केनरा रोबेको की भी बड़ी हिस्सेदारी है.

इन्हें उठाना पड़ा इतना नुकसान
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड को आज की गिरावट से करीब 60 करोड़, एक्सिस म्यूचुअल फंड को 58 करोड़ और केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड को 48 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. पिछले महीने तक कुल 27 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास BSE लिमिटेड के 1.16 करोड़ शेयर थे, जिसकी मार्केट वैल्यू उस समय 3,304 करोड़ रुपए थी. वहीं, दिग्गग निवेशक Mukul Agrawal भी BSE के बड़े स्टेकहोल्डर्स में शुमार हैं. उनके पास कंपनी के 20 लाख शेयर या 1.48 फीसदी हिस्सेदारी है. उन्हें आज की गिरावट से करीब 70 करोड़ रुपएका नुकसान उठाना पड़ा है.

बालाचंद्रन के भी डूबे 167 करोड़
BSE के इंडिविजुअल स्टेकहोल्डर्स की बात करें, तो इस मामले में सिद्धार्थ बालाचंद्रन सबसे आगे हैं. उनके पास BSE के 47.6 लाख शेयर है, जो कंपनी की 3.52% हिस्सेदारी के बराबर है. आज BSE के शेयर में आई गिरावट से उनके करीब 167 करोड़ रुपए डूब गए हैं. बता दें कि बालाचंद्रन, ब्यूमर्क कॉरपोरेशन लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन एवं सीईओ हैं. वहीं, इंफोसिस के को-फाउंडर एस गोपालकृष्णन के पास बीएसई के 15.93 लाख शेयर हैं और उन्हें आज 56 करोड़ का नुकसान हुआ है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने भी BSE में पैसा लगाया हुआ है. उसके पास कंपनी के 75.77 लाख शेयर (करीब 5.6% हिस्सेदारी) है. LIC को आज के गिरावट से लगभग 266 करोड़ रुपए की चपत लगी है. उसकी हिस्सेदारी की कुल मार्केट वैल्यू करीब 2,166 करोड़ रुपए है


Ola Cabs के सीईओ ने दिया इस्‍तीफा, जनवरी में ही हुई थी ज्‍वॉइनिंग 

हेमंत बख्‍शी के आने के बाद कंपनी में हाल ही में दो बड़ी नियुक्तियां भी हुई थी. इनमें सीएफओ और सीबीओ जैसे पदों पर लोगों को नियुक्‍त किया गया था. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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जनवरी में ola Cabs की कमान संभालने वाले हेमंत बख्‍शी ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. हेमंत बख्‍सी के इस्‍तीफे की खबर तब आई है जब आने वाले कुछ महीनों में ओला अपना आईपीओ लेकर आने वाली है. कंपनी कॉस्‍ट कटिंग को लेकर छंटनी करने की भी तैयारी कर रही है. इस छंटनी में 10 प्रतिशत कर्मचारियों के प्रभावित होने की संभावना है. हेमंत बख्‍सी जनवरी में ही HUL से Ola Cabs में आए थे. 

इस छंटनी का इतने कर्मचारियों पर पड़ने वाला है असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,कंपनी कॉस्‍ट कटिंग करने के लिए अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. माना जा रहा है कि कंपनी के इस कदम से कोई 200 कर्मचारियों पर इसका असर पड़ सकता है. छंटनी की ये खबर ऐसे समय में आई है जब कंपनी आने वाले कुछ समय में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. Ola Electric कंपनी इसके लिए दिसंबर में अपना रेड हियरिंग प्रॉसपेक्‍ट भी सेबी में जमा करा चुकी है. 

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कंपनी के प्रॉफिट को लेकर कही थी ये बात 
हेमंत बख्‍सी ने जनवरी में ज्‍वॉइन करने के बाद कहा था कि 31 मार्च  2023 तक कंपनी फायदे में आ चुकी है. उन्‍होंने कहा था कि पिछले वित्‍तीय वर्ष के मुकाबले ओला कैब्‍स ने 250 करोड़ का EBITDA दर्ज किया था. जबकि पिछले साल की बात करें तो उस समय EBITDA 66 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी के रेवेन्‍यू में 58 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली थी जिसके बाद ये 2135 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. 

कंपनी ने हाल ही में की गई कई नियुक्तियां 
Ola Cabs की ओर से कुछ नई नियुक्तियां भी की गई थी. इनमें कार्तिक गुप्‍ता को सीएफओ की जिम्‍मेदारी मिली थी जबकि सिद्ार्थ शकधर को CBO की जिम्‍मेदारी दी गई थी. इससे पहले ओला इलेक्ट्रिक की ओर से दिसंबर में सेबी में जो दस्‍तावेज जमा किए गए थे उसके अनुसार कंपनी 7250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. ola Cabs की शुरूआत 2010 में हुई थी, जिसे सॉफ्ट बैंक और टाइगर ग्‍लोबल जैसी कंपनियों का समर्थन मिला हुआ था. 
 


अब एक ही पॉलिसी में होगा सब कुछ कवर, जानिए आप कैसे खरीद सकते हैं?

बीमा रेगुलेटर IRDAI हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ जैसे अलग-अलग इंश्योरेंस सिर्फ एक पॉलिसी में देने के लिए एक नई पॉलिसी पर काम कर रहा है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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अगर आप हेल्थ से लेकर प्रॉपर्टी तक कोई भी इंश्योरेंस कराना चाहते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल अब आपको अलग अलग तरह का इशेयोरेंस कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी तक हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ के लिए अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी पड़ती है, लेकिन अब इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने पॉलिसी पर आप लोगों को अलग अलग इंश्योरेंस लेने के झंझट से छुटकारा देने जा रही है, तो चलिए जानते हैं आपको इसका क्या लाभ मिलेगा?
 
ये इंश्योरेंस होंगे शामिल
अब आपको एक ही इंश्योरेंस में सारा कवरेज मिल सकता है. इसके लिए बीमा नियामक संस्था इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने विचार करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी का नाम बीमा विस्तार हो सकता है, जिसमें हेल्थ, प्रॉपर्टी, पर्सनल एक्सिडेंट और लाइफ का इंश्योरेंस शामिल है.  

इतने रुपये होगा प्रीमियम
IRDAI ने पॉलिसी पर बीमा कंपनियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि इसका प्रीमियम करीब 1500 रुपये प्रति पॉलिसी हो सकता है. इस बीमा विस्तार पॉलिसी का मकसद गांवों समेत देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी तक बीमा मुहैया कराना है. लाइफ, प्रॉपर्टी और पर्सनल एक्सिडेंट के मामले में 2-2 लाख रुपये का बीमा कवर मिल सकता है. लाइफ कवर के लिए 800 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. जबकि हेल्थ कवर के लिए 500 और पर्सनल एक्सीडेंट के लिए 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. वहीं प्रॉपर्टी के इंश्योरेंस के लिए भी 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है.

5 हजार के बिल का कैशलेस भुगतान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें आपको हॉस्पिटल कवर के नाम से हेल्थ कवर भी दिया जाएगा, जिसमें बीमा कराने वाले को 5,000 रुपये के बिल का कैशलेस भुगतान किया जाएगा. इसके लिए उन्हें कोई दस्तावेज जमा नहीं कराना होगा.

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पॉलिसी बेचने वाले एजेंट को मिलेगा इतना कमीशन
बीमा विस्तार पॉलिसी में अलग अलग सेगमेंट्स के लिए क्लेम सेटलमेंट का तरीका भी अलग अलग हो सकता है. यह सब बीमा कंपनियों की ओर से तय किया जाएगा. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को बेचने वाले एजेंट्स को 10 प्रतिशत कमीशन भी मिलेगा. 
 


Google में जारी है छंटनी, एक साथ इस टीम को नौकरी से किया बर्खास्त

गूगल ने पिछले कुछ हफ्तों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है. सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी ने अब अपनी पूरी पायथन टीम को निकाल दिया है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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गूगल के कर्मचारी पिछले काफी समय से लगातार मुसीबत में फंसे हुए हैं. उन पर लगातार छंटनी की तलवार लटक रही है. एक के बाद एक कई सारे डिपार्टमेंट से लोगों को कॉस्ट कटिंग जैसे कई कारणों का हवाला देकर निकाला जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुंदर पिचई के नेतृत्व वाली अल्फाबेट (Alphabet) ने पूरी पायथन टीम (Python Team) को नौकरी से निकाल दिया है. इसके पीछे का कारण सस्ता लेबर बताया जा रहा है.

नए सिरे से टीम बनाने की प्लानिंग

Google की Python टीम के एक एक्स एंप्लॉय ने कहा कि वह कंपनी के इस कदम से बेहद नाराज हैं. रिपोर्ट की मानें तो,सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी Google जर्मनी के म्यूनिख में नए सिरे से नई टीम के गठन के गठन की योजना बना रही है. बता दें कि कथित तौर Google की पायथन टीम में कुल 10 कर्मचारी थे. निकाले गए कर्मचारी Google के पायथन इको सिस्टम के ज्यादात्तर हिस्सों को मैनेज करते थे, जिनमें Google में पायथन की स्थिरता, हजारों थर्ड पार्टी ऐप्लीकेशन को अपडे़ट करना समेत कई सारी जिम्मेदारियां शामिल थीं.

कई डिपार्टमेंट में हो चुकी है छंटनी

गूगल ने रियल एस्टेट और फाइनेंस डिपार्टमेंट में भी छंटनी की है. गूगल के फाइनेंस चीफ रूथ पोराट ने एक ईमेल के जरिए कर्मचारियों को सूचना दी कि कंपनी रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है. हम बेंगलुरु, मेक्सिको सिटी और डबलिन में ग्रोथ पर फोकस करना चाहते हैं. इससे पहले गूगल ने इंजीनियरिंग, हार्डवेयर और असिस्टेंट टीम्स से हजारों कर्मचारी निकाले थे. कंपनी ने यह छंटनी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर निवेश बढ़ाने के लिए की थी.

सुंदर पिचाई ने पहले ही दे दिए थे संकेत

गौरतलब है कि Google ने जनवरी में अपनी कई टीमों के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की थी, जिनमें इसकी इंजीनियरिंग, हार्डवेयर समेत कई टीमें शामिल थीं. इस दौरान अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक आंतरिक ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों अधिक नौकरियां प्रभावित होने के संकेत दिए थे. सुंदर पिचाई ने अपने नोट में लिखा था कि हमारे पास महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं और हम इस साल अपनी बड़ी प्राथमिकताओं में निवेश करेंगे. वास्तविकता यह है कि इस निवेश के लिए क्षमता बनाने के लिए हमें कठिन विकल्प चुनने होंगे.
 


दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है ये देश, जानिए इसमें क्‍या है खास?

मौजूदा समय में सउदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट स्थित है. लेकिन अब दुबई अपने मौजूदा एयरपोर्ट से पांच गुना बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है, जिसे उसने मंजूरी दे दी है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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आने वाले कुछ सालों में दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट की लोकेशन बदलने वाली है. दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है जो मौजूदा एयरपोर्ट का 5 गुना है. इस एयरपोर्ट में 400 विमान, 5 रनवे सहित सालाना 12 मिलियन लोगों की क्षमता होगी. इस एयरपोर्ट को दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद ने मंजूरी दे दी है. इस नए एयरपोर्ट का नाम अल मकतूम अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा होगा. उन्‍होंने इसे लेकर ट्वीट करते हुए विस्‍तार से जानकारी दी है. 

क्‍या बोले दुबई के प्रमुख शासक? 
दुबई के प्रमुख शासक शेख मोहम्‍मद ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, हमने अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनलों के डिजाइन को मंजूरी दे दी है, और दुबई एविएशन कॉरपोरेशन की रणनीति के हिस्से के रूप में एईडी 128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया है. 
अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया की सबसे बड़ी क्षमता वाला एयरपोर्ट होगा, जिसकी क्षमता 260 मिलियन यात्रियों तक होगी. यह वर्तमान दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आकार का पांच गुना होगा, और आने वाले वर्षों में दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सभी परिचालन को इसमें स्थानांतरित कर दिया जाएगा. हवाईअड्डे में 400 विमान द्वार होंगे और इसमें पांच समानांतर रनवे होंगे. विमानन क्षेत्र में पहली बार नई विमानन प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा.

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इतने सालों का लगेगा समय
सरकार की योजना के अनुसार इस एयरपोर्ट को बनाने में 10 साल लगेंगे. 10 साल में दुबई एयरपोर्ट का ऑपरेशन नए एयरपोर्ट में शिफ्ट हो जाएगा. वहीं अगर इसे बनाने में होने वाले खर्च की बात करें तो दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में एक बड़ी रकम खर्च होने जा रही है. दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में 35 अरब डॉलर यानी 2.9 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस रकम की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनसे दो दर्जन बुर्ज खलीफा बनाए जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुर्ज खलीफा को बनाने में दुबई सरकार को 12500 करोड़ रुपये खर्च आए थे. दुबई सरकार की योजना ये भी है कि इस एयरपोर्ट के चारों ओर शहर भी बनाया गया. इस एयरपोर्ट की खास बात ये होगी कि यहां अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस कार्गो सेवाएं भी मौजूद होंगी. 

ये हैं दुनिया के टॉप फाइव सबसे बड़े एयरपोर्ट 
वहीं दुनिया के सबसे पांच बड़े एयरपोर्ट की बात करें तो उसमें सबसे पहले नंबर पर सबसे बड़ा एयरपोर्ट किंग फहद अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका के डेनवर में स्थित अंतराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. तीसरे नंबर पर अमेरिका के डलास में स्थित डलास फोर्ट वर्थ अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. चौथे नंबर पर भी अमेरिका के ऑरलैंडों में स्थित आरलैंडों हवाई अड्डा शामिल है. वहीं पांचवे नंबर पर अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित वॉशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल है. 
 


कबाड़ गाड़ी दीजिए, नई में तगड़ी छूट लीजिए. सब लूट रहे हैं ये स्कीम

देश के 21 राज्यों ने पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के बदले में नई गाड़ी पर रोड टैक्स में 25 प्रतिशत या 50 हजार रुपये तक की छूट देने की घोषणा की है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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अगर आपकी गाड़ियां पुरानी हो गई है, तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, अब आपको पुरानी गाड़ी कबाड़ में देने पर अच्छी छूट मिलने वाली है. देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार ने घोषणा की है कि अगर कोई अपनी पुरानी गाड़ी कबाड़ में देता है, तो उसे राज्य सरकार की तरफ से नई गाड़ी पर छूट दी जाएगी. तो चलिए जानते हैं सरकार आपको कैसे और कितनी छूट देने जा रही है? 

इन राज्यों ने किया छूट का ऐलान
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से अपने-अपने राज्यों से पुरानी और अनफिट गाड़ियों की स्क्रैपिंग को अनिवार्य बनाने की बात कही है. इसके बाद बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और केरल सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मोटर व्हीकल या रोड टैक्स में छूट का ऐलान किया है.

नई कार और कमर्शियल वाहन खरीदने पर मिलेगी छूट
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश सरकार की ओर से पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले नई कार खरीदने पर 25 प्रतिशत तक और कमर्शियल व्हीकल पर 15 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. अब तक, लगभग 70,000 पुराने वाहनों को अपने आप नष्ट कर दिया गया है. हालांकि उनमें से एक बड़ा हिस्सा केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसियों का है. दिल्ली एकमात्र राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है जहां 10 और 15 वर्ष से अधिक पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ीयां ऑटोमैटिकली अनरजिस्टर्ड हो जाती हैं और उन्हें स्क्रैप करना पड़ता है.

इन राज्यों में मिलेगी ये छूट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 21 में से 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पुराने वाहनों को हटाने के बाद कमर्शियल या ट्रांस्पोर्ट व्हीकल को रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 प्रतिशत रोड टैक्स रियायत देने की बात कही है. प्राइवेट व्हीकल के मामले में 12 राज्य रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं. 
1.    हरियाणा 10 प्रतिशत रियायत या स्क्रैप वैल्यू के 50 प्रतिशत से कम का ऑफर कर रहा है. 
2.    वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड 25 प्रतिशत या 50,000 रुपये की छूट दे रहा है. 
3.    कर्नाटक नए व्हीकल की कीमत के अनुसार रोड टैक्स में फिक्स्ड छूट ऑफर कर रहा है. उदाहरण के लिए, 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कार के लिए 50,000 रुपये की छूट मिलेगी. 
4.    पुडुचेरी में 25 प्रतिशत या 11,000 रुपये की छूट मिल रही है.

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इतने राज्यों में स्क्रैपिंग सेंटर
जानकारी के अनुसार जब से सरकार ने वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग को बढ़ावा दिया है, 37 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर या आरवीएसएफ चालू हो गए हैं. मौजूदा समय में 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 52 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं. इसी तरह से 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्हीकल फिटनेस की जांच के लिए 52 ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर काम कर रहे हैं.