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शिंजो आबे के निधन का जापान की इकोनॉमी पर क्या पड़ेगा असर? मॉनिटरी पॉलिसी का अब क्या होगा?
शिंजो आबे के निधन की खबर आम होते ही जापान के स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी सभी शुरुआती बढ़त को गंवा दिया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे अब हमारे बीच नहीं हैं. गोली लगने से उनकी मौत हो गई है. शिंजो आबे के निधन की खबर आम होते ही जापान के स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी सभी शुरुआती बढ़त को गंवा दिया. माना जा रहा है कि आबे के निधन से बैंक ऑफ जापान की मॉनिटरी पॉलिसी पर भी असर पड़ सकता है.
पहली दिख रही थी तेजी
शिंजो आबे को गोली लगने की खबर आने से पहले तक जापान का निकेई इंडेक्स 1.4 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा था. लेकिन जैसे ही पता चला कि पूर्व प्रधानमंत्री की मौत हो गई है, बाजार भी इस गम में अपनी बढ़त भूल गया. मार्केट बंद होने तक 1.4% की बढ़त महज 0.1 फीसदी पर आ गई. कारोबारी दिन की समाप्ति पर निकेई इंडेक्स 26,517 अंकों पर बंद हुआ है.
टॉपिक्स इंडेक्स भी प्रभावित
वहीं, टॉपिक्स इंडेक्स भी अपनी बढ़त बरकरार नहीं रख पाया और सिर्फ 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,887 अंकों पर बंद हुआ. शिंजो आबे को उनकी आर्थिक नीतियों के लिए पहचाना जाता है. जापान की तरक्की में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई साहसी फैसले लिए थे, ताकि जापान की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके. जानकर मानते हैं कि आबे का जाना जापान की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है, भले ही वह अब PM की कुर्सी पर नहीं थे, लेकिन उनका अनुभव, आर्थिक सुधारों की समझ देश के काम आ सकती थी. अब स्टॉक मार्केट को भी संकट का सामना करना पड़ सकता है.
पद्म विभूषण से थे सम्मानित
कहा जाता है कि जापान को भारत का विश्वसनीय दोस्त और आर्थिक सहयोगी बनाने में शिंजो आबे की अहम भूमिका रही है. जनसेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्यों लिए भारत ने 2021 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. गौरतलब है कि आबे की आर्थिक नीतियों ने एक नए शब्द 'आबेनॉमिक्स' को जन्म दिया था. इसकी तर्ज पर भारत में पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों को 'मोदीनॉमिक्स' कहा जाता है.
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