यहां की एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस बात का फैसला लिया है. इससे यात्रियों को पहले से ही ऑनलाइन टिकट बुक कराना होगा.
लंदनः विश्व के प्रमुख Busiest Airports में शामिल शहर के Heathrow Airport पर जाने वाले यात्री वहां से किसी भी जगह के टिकट नहीं खरीद पाएंगे. यहां की एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस बात का फैसला लिया है. इससे यात्रियों को पहले से ही ऑनलाइन टिकट बुक कराना होगा. एयरपोर्ट पर आकर के टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को मायूसी हाथ लगेगी. इसके साथ ही सितंबर तक अथॉरिटी ने एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों की संख्या पर कैप लगाने का फैसला भी किया है.
रोजना आ सकेंगे केवल एक लाख यात्री
अथॉरिटी ने रोजना की संख्या एक लाख यात्री कर दी है, इसमें रोजाना चार हजार यात्रियों की कटौती की गई है. एयरपोर्ट की तरफ से जारी स्टेटमेंट के अनुसार यह रोक आगामी 11 सितंबर तक प्रभावी रहेगी.
ग्राउंड हैंडलर्स की कमी
Heathrow Airport के चीफ John Holland-Kaye ने कहा कि कई बार ग्राउंड हैंडलर्स की कमी हो जाती है, जिससे फ्लाइट्स के ऑपरेशंस पर भी असर पड़ रहा है. यह हमें कतई मंजूर नहीं है. एयरलाइंस, ग्राउंड हैंडलर्स और एयरपोर्ट इतनी ज्यादा संख्या में यात्रियों के बोझ को नहीं ढो सकता है.
लग रही है काउंटर्स पर लंबी लाइनें
फिलहाल लंदन में गर्मी का मौसम चल रहा है. ऐसे में लोग छुट्टी मनाने के लिए बाहर जा रहे हैं. इससे एयरपोर्ट पर लंबी कतारें दिख रही हैं. इसके साथ ही यात्रियों को सहायता पहुंचने में देरी, बैग्स का समय पर नहीं पहुंचना, प्लेन का समय पर नहीं उड़ना और आखिरी मिनट में टिकट कैंसिल कराने वालों की संख्या में इजाफा हो गया है.
इस देश में जहां भारतीय पर्यटकों को वीजा ऑन अराइवल मिल जाता है वहीं सुंदर नजारे और सस्ता ट्रांसपोर्ट भी लोगों को खूब भा रहा है.
भारत के टूरिस्ट को वापस बुलाने के लिए मालदीव लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन इस बीच एक देश की यात्रा करने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में 200 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है. ये देश है वियतनाम. इस देश में पिछले साल से लेकर अब तक बड़ी संख्या में भारतीय सफर कर रहे हैं. इस देश में लोग इसलिए जा रहे हैं क्योंकि यहां की खुबसूरती से लेकर यहां की स्स्ती सुविधाएं भारत के लोगों को खूब भा रही हैं.
आखिर क्या कह रहे हैं आंकड़े?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मास्टरकार्ड के इकोनॉमिक्स इंस्टीटयूट की रिपोर्ट बताती है कि वियतनाम जाने वाले लोगों की संख्या में 2019 से 248 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. ऐसा नहीं है लोग वियतनाम ही नहीं जा रहे हैं बल्कि अमेरिका और जापान भी खूब जा रहे हैं. आंकड़े बता रहे हैं कि जापान जाने वालों की संख्या में 53 प्रतिशत और अमेरिका जाने वालों की संख्या में 59 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस इंस्टीटयूट के विशेषज्ञ कहते हैं कि भारतीय इस समय सबसे ज्यादा इंटरनेशनल ट्रैवल कर रहे हैं. दुनिया के सभी बड़े डेस्टिनेशन के लिए भारत बेहतर सोर्स हो सकता है.
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अब समझिए क्यों जा रहे हैं वियतनाम?
दरअसल भारतीयों के वियतनाम जाने की संख्या में जो 250 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है उसके पीछे कई कारण हैं. सबसे विशेष कारण ये है कि वियतनाम के लिए भारत से सीधी फ्लाइट जाती है. जो एयरलाइन वहां के लिए सीधी फ्लाइट की सेवा मुहैया कराती हैं उनमें वियतजेट, एयर इंडिया, शामिल हैं. इस रूट पर जाने वाले लोगों की संख्या को देखते हुए कंपनियों ने इस पर एयरबस ए 350 जैसे आधुनिक एयरक्राफ्ट लगा दिए हैं. वियतनाम के हनोई और हो चिन्ह मिन्ह सिटी के रूट पर किराया भी काफी कम है.
टूरिस्ट प्लेस भी हैं काफी सस्ते
जानकार कह रहे हैं कि वहां सस्ते से लेकर महंगे तक सभी तरह के विकल्प मिल जाते हैं. प्रकृति का आनंद भी वहां भरपूर लिया जा सकता है. सुंदर नजारे भारतीय पर्यटकों को खूब भा रहे हैं. अगर एक जगह से दूसरी जगह जाना हो तो उसके लिए टैक्सी भी काफी सस्ती मिल जाती है. भारतीयों के लिए अच्छी बात ये है कि वहां वीजा ऑन अराइवल भी मिल जाता है. इसलिए लोग वहां खूब जा रहे हैं और इन्जॉय कर रहे हैं.
IPO में 128 करोड़ रुपये के 33 लाख नए शेयर जारी होंगे. साथ ही 470.93 करोड़ रुपये के 1.23 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहेगा. कंपनी की शुरुआत दिसंबर 2014 में हुई थी.
अगर आप IPO में पैसे लगाना पसंद करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. कोवर्किंग स्पेस कंपनी Awfis Space Solutions का आईपीओ 22 मई, 2024 यानी मंगलवार को खुल रहा है. कंपनी इस इश्यू के जरिए 598.93 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है. यह आईपीओ एंकर निवेशकों के लिए 21 मई को खुलेगा. अगर आप भी इस आईपीओ में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आपको इसके डिटेल्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
33 लाख नए शेयर होंगे जारी
Awfis Space Solutions IPO में 128 करोड़ रुपये के 33 लाख नए शेयर जारी होंगे. वहीं 470.93 करोड़ रुपये के 1.23 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहेगा. कंपनी के प्रमोटर अमित रमानी हैं. रमानी की कंपनी में फुली डायल्यूटेड बेसिस पर 18.19 प्रतिशत हिस्सेदारी है. दिग्गज वेंचर कैपिटल फर्म Peak XV Partners Investments V की 22.86 प्रतिशत, ChyrsCapital की यूनिट Bisque की 23.47 प्रतिशत, QRG Investments and Holdings की 9.58 प्रतिशत, VBAP Holdings की 9.35 प्रतिशत और दिग्गज इनवेस्टर आशीष कचोलिया की 5.01 प्रतिशत शेयरहोल्डिंग है.
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ये है IPO से जुड़ी जरूरी डेट्स
इस आईपीओ में निवेशक 22 से 27 मई के बीच निवेश कर सकते हैं. शेयरों का अलॉटमेंट 28 मई को किया जा सकता है. असफल निवेशकों को रिफंड 29 मई को प्राप्त होगा. सफल सब्सक्राइबर्स को शेयर 29 मई को खाते में क्रेडिट कर दिए जाएंगे. शेयरों की लिस्टिंग 30 मई को होगी. इस आईपीओ में कंपनी ने 75 फीसदी हिस्सा QIB, 10 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों और 15 फीसदी हिस्सा NII के लिए रिजर्व किया गया है. शेयरों की लिस्ट BSE और NSE पर 30 मई को होगी.
GMP दे रहा तगड़ी लिस्टिंग के संकेत
Awfis Space Solutions का आईपीओ खुलने से पहले ग्रे मार्केट में ट्रेंड कर रहा है. कंपनी के शेयर फिलहाल 80 रुपये की GMP पर बने हुए हैं. ऐसे में यह स्थिति लिस्टिंग के दिन तक बनी रहती है तो शेयर 20.89 फीसदी के प्रीमियम पर 383 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हो सकते हैं. Awfis Space Solutions IPO के जरिए जुटने वाली रकम को अपने बिजनेस के विस्तार के लिए इस्तेमाल करेगी. इसके साथ ही कंपनी इस राशि का यूज कैपिटल जरूरतों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भी करेगी.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
पुणे के रहने वाले ओपन एआई में काम करने वाले प्रफुल्ल धारीवाल बचपन से ही बड़े होनहार रहे हैं. वो स्कूल से लेकर कॉलेज तक कई अवॉर्ड और स्कॉलरशिप जीत चुके हैं.
ओपन एआई इन दिनों में अपने न्यू वर्जन GPT-40 को लेकर चर्चा में हैं. इसी कड़ी में ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने पूणे के युवक की ऐसी तारीफ की है कि जो सुने वो दिवाना हो जाए. सैम ऑल्टमैन ने GPT-40 के सक्सेसफुल लॉन्च के लिए पुणे के रहने वाले प्रफुल्ल धारीवाल को श्रेय दिया है. प्रफुल्ल ने MIT से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल की है.
प्रफुल्ल ने ट्वीट कर लिखी ये बात
प्रफुल्ल ने ट्वीट कर लिखा कि, GPT-4o (o का मतलब ‘ओमनी’) ओमनी टीम से बाहर आने वाला पहला मॉडल है, ओपनएआई का पहला मूल रूप से पूरी तरह से मल्टीमॉडल मॉडल है. यह लॉन्च एक बहुत बड़ा संगठन-व्यापी प्रयास था, लेकिन मैं अपनी कुछ अद्भुत टीम के सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस जादुई मॉडल को भी संभव बनाया!
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उनके इस ट्वीट पर सैम ने दिया श्रेय
सैम ऑल्टमैन ने प्रफुल्ल धारीवाल के ट्वीट पर अपनी बात कहते हुए कहा कि GPT-4o प्रफुल्ल धारीवाल की दूरदर्शिता, प्रतिभा, दृढ़ विश्वास और दृढ़ संकल्प के बिना नहीं हो पाता. मुझे आशा है कि इससे (कई अन्य लोगों के काम के साथ) हमारे कंप्यूटर के उपयोग में एक क्रांति आएगी.
आखिर कौन हैं प्रफुल्ल धारीवाल?
प्रफुल्ल धारीवाल ने कहा कि मैसाच्यूसेट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की हुई है. उन्होंने 2016 में ओपन एआई ज्वॉइन किया था. पहले उन्होंने ओपन एआई को रिसर्च इंटर्न के तौर पर ज्वॉइन किया लेकिन आज वो रिसर्च साइंटिस्ट हो चुके हैं. वो इससे पहले 2009 में भारत सरकार की राष्ट्रीय प्रतिभा खोज छात्रवृत्ति जीत चुके हैं. उन्होंने चीन में इंटरनेशनल खगोल विज्ञान ओलंपियाड भी जीता है. वो इससे पहले 2012 और 2013 अंतराष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड और अंतर्राष्ट्रीय भौतिकी ओलंपियाड जीत चुके हैं. वो 2013 में भी पुरस्कार जीत चुके हैं.
वित्त वर्ष 2023-24 चौथी तिमाही के रिजल्ट में अच्छे मुनाफे के बाद Mahindra ने अपनी EV यूनिट में 12 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की है.
भारतीय वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) ने अपने स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (SUV) की स्थिर बिक्री पर चौथी तिमाही के मुनाफे के अनुमान को पार कर लिया है. ऐसे में अब कंपनी Electric Car प्रोडक्शन को लेकर एक बड़ी प्लानिंग कर रही है. इस प्रोजेक्ट में कंपनी हजारों करड़ों रुपये निवेश करने जा रही है. तो चलिए जानते हैं कंपनी की पूरी प्लानिंग?
अगले साल लॉन्च होगी ईवी की नई रेंज
महिंद्रा ने अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ( EV) बिजनेस को बढ़ाने की योजना बनाई है. इसके लिए कंपनी अपनी EV यूनिट में लगभग 12 हजार करोड़ रुपये निवेश करेगी. कंपनी ने कहा कि वह अपने ईवी कार व्यवसाय से जुड़े कुछ एसेट्स को अपनी इलेक्ट्रिक यूनिट महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल को 7.96 अरब रुपये में बेचेगी. महिंद्रा वर्तमान में एक ईवी मॉडल- एक्सयूवी 400 पेश करती है. एक्सयूवी 400 का मुकाबला MG की ZS EV और Tata Motors की Nexon EV से होता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग, क्रूज कंट्रोल और फॉग लैम्प जैसे फीचर्स दिए गए हैं. पिछले कुछ वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री तेजी से बढ़ी है. वहीं, अब अगले साल तक कंपनी ईवी की अपनी नई रेंज लॉन्च करेगी.
Scorpio और Thar जैसी एसयूवी का जलवा
महिंद्रा का कार पोर्टफोलियो लगभग पूरी तरह से स्कॉर्पियो और थार जैसी एसयूवी है. कंपनी ने 1 साल पहले की तुलना में 31 मार्च तक 3 महीनों में 27.2 प्रतिशत अधिक एसयूवी बेची हैं. भारत में पैसेंजर व्हीकल्स (PV) की बिक्री में आधे से अधिक हिस्सा यूटिलिटी वाहनों (यूवी) का है, जो साल-दर-साल 31 प्रतिशत बढ़ रहा है, जबकि पिछले दो वित्तीय वर्षों में पीवी की बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.
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अनुमान से अधिक मिला प्रॉफिट
कंपनी का स्टैंडअलो प्रॉफिट 31.6 प्रतिशत बढ़कर 20.38 बिलियन रुपये ($244.06 मिलियन) हो गया था, जो एलएसईजी डेटा के अनुसार विश्लेषकों के 19.61 बिलियन रुपये के अनुमान से अधिक है. कंपनी का ऑटोमोटिव व्यवसाय का कुल रेवेन्यू लगभग दो-तिहाई है, जो 11.2 प्रतिशत बढ़कर 251.09 बिलियन रुपये हो गया, जो विश्लेषकों के 240.25 बिलियन रुपये के औसत अनुमान से अधिक है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सीआईआई समिट को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी भारी बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आ रहे हैं. उसके बाद पूर्ण बजट पर काम शुरू होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भाजपा को भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी बहुमत के साथ वापस आएंगे और सरकार गठन के तुरंत बाद 2024-25 के पूर्ण बजट पर चर्चा शुरू होगी. वित्त मंत्री ने CII के दो दिवसीय सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बात कहीं. इसके साथ ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भी कई अहम बातें कहीं.
वैश्विक GDP में बढ़ेगा भारत का योगदान
केंद्रीय वित्त मंत्री ने व्यापार संगठन CII के सालाना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और अगले कुछ साल यही स्थिति बनी रहेगी. अपनी बात को पुख्ता करते हुए उन्होंने कहा कि IMF के अनुमान के अनुसार, अगले पांच साल में वैश्विक जीडीपी में भारत का योगदान 18 प्रतिशत होगा. उन्होंने कहा कि इस ऊंची विकास दर के पीछे बुनियादी वजह सरकारी नीतियों में स्थिरता और भ्रष्टाचार मुक्त निर्णय हैं जो बिना किसी शोर-शराबे के पर्दे के पीछे लिये जा रहे हैं.
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मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर भारत
सीतारमण ने उम्मीद जताई कि भारत के पास अब भी अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने का अवसर है क्योंकि दुनिया कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद 'चीन प्लस वन' रणनीति पर ध्यान दे रही है. 'कैपजेमिनी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की मई में जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका में सीनियर एग्जीक्यूटिव्स की निवेश स्थलों की लिस्ट में भारत टॉप पर है. ये लोग चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं और अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का कुछ हिस्सा उभरते बाजारों में शिफ्ट करना चाहते हैं. सर्वे में शामिल करीब 760 एग्जीक्यूटिव्स में से 65 प्रतिशत ने कहा कि वे भारत में उल्लेखनीय रूप से निवेश बढ़ाने की योजना बना रहे हैं.
PLI स्कीम आ रहा है बदलाव
वर्तमान में टेलिकॉम सेक्टर की PLI स्कीम ने भारत को बेहतर तरीके से आत्मनिर्भर बनने में मदद की है क्योंकि टेलिकॉम सेक्टर में 60 प्रतिशत इंपोर्ट सब्स्टीट्यूशन का लक्ष्य हासिल हो चुका है. वित्त मंत्री ने कहा, 'यह अपने आप में हमारे भारतीय उद्योग को काफी बड़ा स्कोप प्रदान करता है. PLI स्कीम मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों में भी बदलाव ला रही है, उन्होंने कहा कि 2014 तक भारत में बिकने वाले मोबाइल में से 78 प्रतिशत इंपोर्ट होते थे लेकिन आज भारत में बिकने वाले 99 प्रतिशत मोबाइल भारत में निर्मित हैं.
कई प्लेटफॉर्म को अपने मंच पर लाकर उन्हें एक बड़ा बाजार मुहैया करा चुके ONDC के साथ कई और स्टार्टअप जुड़ गए हैं. इनमें कोई गेमिंग सेक्टर से है तो कई ट्रैवल सेक्टर में काम करता है.
अब तक कई कंपनियों को अपने नेटवर्क से जोड़ चुके ओएनडीसी ने अब स्टार्टअप को इससे जोड़ने की पहल शुरू की है. शुक्रवार को इस दिशा में कॉमर्स मिनिस्ट्री में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में Ease My Trip, Winzo, Policy Bazaar, Paisa Bazaar, ShipRocket जैसी कई कंपनियां इसमें शामिल हुए. ONDC के साथ शामिल हुई इन कंपनियां अपने बाजार और क्लाइंट बेस को बढ़ाने के मकसद से इस प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ी हैं.
ONDC startup Mahotsav में शामिल हुए ये स्टार्टअप
ओएनडीसी की ओर से आयोजित किए गए इस इवेंट में हाइब्रिड मोड से लगभग 5,000 स्टार्टअप्स शामिल हुए. इवेंट के दौरान स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न और ईजमाईट्रिप (Easemytrip), ऑफबिजनेस(OffBusiness), विंजो(WinZo), लिवस्पेस(Livspace), ग्लोबलबीज(Globalbees), प्रिस्टिन केयर(Pristincare), कार्स24(Cars24), फिजिक्स वाला (Physicswala), पॉलिसीबाजार(PolicyBazaar) और ज़ेरोधा(Zerodha) जैसे उच्च विकास व्यवसायों सहित 125 से अधिक पारिस्थितिकी तंत्र हितधारकों ने आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए. ये एलओआई ओएनडीसी की क्षमता और मंच के साथ सहयोग करने के लिए देश के अग्रणी स्टार्टअप की उत्सुकता को दर्शाते हैं.
DPIIT सचिव ने कही ये अहम बात
कई स्टार्टअप के ONDC के साथ हाथ मिलाने के DPIIT के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि ओएनडीसी और स्टार्टअप कम्यूनिटी के बीच हुए इस समझौते से दोनों पक्ष बेहद खुश हैं. आज के इस कार्यक्रम में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई है कि आखिर कैसे स्टार्टअप ओएनडीसी के साथ मिलकर और बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं. आज के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्टार्टअप के फाउंडर, वीसी और प्रमोटर शामिल हुए हैं. आज कई प्रकार स्टार्टअप ने इसे लेकर अपने विजन के बारे में बताया है. आपने महसूस किया होगा कि सरकार की इस कोशिश को लेकर स्टार्टअप कम्यूनिटी के अंदर बेहद खुशी थी. आज हमने जितनी उम्मीद की थी उससे ज्यादा लोगों ने अपनी भागीदारी दिखाई है. आज 12 यूनीकॉर्न ने लेटर ऑफ इंटेट साइन किया है.
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ONDC के सीईओ ने कही ये बात
कई स्टार्टअप के ONDC नेटवर्क के साथ जुड़ने के करार के बाद ONDC सीईओ टी कोशी ने कहा कि आज देश में टियर 2 टियर 3 शहरों से हमें बेहतरीन रिस्पांस मिल रहा है. 60 से 66 प्रतिशत तक मोबिलिटी हमें इन शहरों से देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई नया आईडिया आता है तो उसे सभी नहीं अपनाते हैं. लेकिन हम मानते हैं कि हमारा आईडिया पूरी तरह से कामयाब होगा.
WINZO के को फाउंडर ने कही ये बात
WinZO के सह-संस्थापक पवन नंदा ने इस साझेदारी के बाद कहा कि मौजूदा डिजिटल युग (Digital Era) में, इनोवेशन को लोकतांत्रिक बनाना एंटरप्राइजेस के आने वाले कल की सफलता की कुंजी है. जिस तरह यूपीआई ने 2018 में भुगतान में क्रांति ला दी और हमारी जैसी कंपनियों को उभरने में मदद की और 175 मिलियन गेमर्स तक पहुंचने के लिए माध्यम बनी. WinZO और ONDC की पार्टनरशिप के साथ हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर सकते हैं जहां कई और WinZO उभरेंगे और इस प्लेटफॉर्म पर इनोवेशन करेंगे.
आरबीआई रुपये पर दबाव को कम करने के लिए अमेरिकी डॉलर बेच रहा है. इन्हें सरकारी बैंकों के माध्यम से बेचा जाएगी.
पिछले कुछ कारोबारी सत्र से डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखी जा रही है. अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी करेंसी को सपोर्ट देने के लिए एक नया कदम उठा रहा है. तो चलिए जानते हैं आरबीआई ऐसा क्या कदम उठाने जा रही है, जिससे रुपये में आ रही गिरावट को रोका जा सकेगा?
रुपये को मजबूत करने के लिए डॉलर की सेल
जानकारी के अनुसार आरबीआई रुपये पर दबाव को कम करने के लिए अमेरिकी डॉलर बेच रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि निकट अवधि के दौरान रुपये में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखने को मिलेगी. इसका रुपये पर कुछ असर भी दिख रहा है। शुक्रवार के कारोबारी सत्र में 1 डॉलर का मुकाबला रुपया 83.48 के स्तर पर खुला और 83.33 पर बंद हुआ, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 83.50 के स्तर पर बंद हुआ था।. इसका मतलब कि पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में इसमें कोई खास बदलाव नहीं हुआ और यह तकरीबन जस का तस ही खुला.
क्यों आई गिरावट?
पिछले कुछ समय से भारत के इक्विटी मार्केट में लगातार बिकवाली हो रही है. विदेशी निवेशक लोकसभा चुनाव के हुई कम वोटिंग जैसी चिंताओं के चलते मार्केट से अपने शेयर बेच रहे हैं. हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक का जोर खरीदारी पर ही है. फिर भी इक्विटी मार्केट में अस्थिरता काफी बढ़ गई है. वहीं, लोकल इंपोर्टर्स की ओर से डॉलर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. इन सबके चलते रुपये पर काफी दबाव था और उसकी कीमत लगातार घट रही थी. यही, कारण है कि आरबीआई को डॉलर बेचने जैसा एहतियाती कदम उठाना पड़ा.
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नहीं आएगी रुपये में गिरावट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरबीआई सरकारी बैंकों के माध्यम से यह 83.50 रुपये के स्तर पर डॉलर बेच रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार आरबीआई जिस तरीके से रुपये का बचाव कर रहा है, उससे नहीं लगता कि निकट अवधि में रुपये में कोई बड़ी गिरावट आने वाली है.
एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयर आज यानी शुक्रवार को भले ही बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हों, लेकिन इनमें करीब 25 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि Voda-Idea के शेयर मौजूदा स्तर से लुढ़क सकते हैं. इसके साथ ही ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक बेचने की सलाह दी है.
कंपनी का घाटा बढ़ा
ब्रोकरेज फर्म का यह अनुमान ऐसे समय में सामने आया है जब वोडाफोन आइडिया का शुद्ध घाटा मार्च तिमाही में बढ़कर 7,674 करोड़ रुपए पहुंच गया है. इसके पहले के वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 6,418.9 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. हालांकि, कंपनी का रिवेन्यु मार्च तिमाही में मामूली बढ़त के साथ 10,606 करोड़ रुपए रहा है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी के वित्तीय परिणामों से पहले जारी अपने रिपोर्ट में कहा था कि वोडाफोन आइडिया का शेयर एक जोखिम भरा दांव दिखाई दे रहा है.
कब बेहतर हो सकती है स्थिति?
ब्रोकरेज फर्म ने कहा था कि सरकारी की तरफ से अतिरिक्त राहत मिलने, प्रतियोगिता में कमी आने और सब्सक्राइबर्स की घटती संख्या पर रोक लगने के बाद ही वोडा-आइडिया के लिए चीजें बेहतर हो सकती हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया को हालिया फंडिंग से बाजार में टिके रहने में मदद मिलेगी, लेकिन फिलहाल सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान कम है. कोटक ने कंपनी के शेयर पर 'Sell' रेटिंग बरकरार रखते हुए इसका टार्गेट प्राइज 10 रुपए तय किया है.
हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड
फर्म के अनुसार, हमारे आउटलुक एनालिसिस में वोडाफोन आइडिया एक हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड वाला शेयर साबित हुआ है. तेजी के मामले में यह 23 रुपए तक जा सकता है, जबकि गिरावट की स्थिति में इसके 7 रुपए तक जाने की भी आशंका है. हालांकि इसकी फेयर वैल्यू हमने 10 रुपए आंकी है. कंपनी के शेयर आज एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 13.30 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. पिछले 5 दिनों में ये शेयर 5.98% चढ़ा है जबकि इस साल अब तक इसमें 21.76% की गिरावट भी आई है.
पेनी स्टॉक्स में निश्चित तौर पर जोखिम ज्यादा रहता है, लेकिन कम कीमत के चलते यह लोगों को आकर्षित भी करते हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) में कब कौनसा शेयर आसमान पर पहुंच जाए और कब कौनसा शेयर आसमान से जमीन पर आ जाए नहीं कहा जा सकता. मार्केट हर दिन कुछ न कुछ सरप्राइज देता रहता है. हालांकि, पर्याप्त रिसर्च और समझदारी से किया गया निवेश प्रॉफिट भी कमाकर देता है. यहां हम आपको 10 रुपए से कम कीमत वाले ऐसे 10 शेयरों के बारे में बता रहे हैं, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
पहला नाम है Sarveshwar Foods
Penny Stocks की इस लिस्ट में पहला नाम है Sarveshwar Foods का. 1890 में स्थापित इस कंपनी का शेयर आज यानी 17 मई को भले ही गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन इसका इस साल अब तक का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. फिलहाल 9.45 रुपए के भाव पर मिल रहा कंपनी क स्टॉक बीते 5 दिनों में करीब 12% और 2024 में अब तक 61.54% का शानदार रिटर्न दे चुका है. इसी तरह, Bhandari Hosiery Exports ने शेयर ने इस साल अब तक 24.22% का रिटर्न दिया है. आज भी यह बढ़त के साथ 7.95 रुपए पर ट्रेड कर रहा है.
5 दिनों में 20.26% का रिटर्न
Mittal Life Style का शेयर कल 1.75 रुपए में उपलब्ध है. आज इसमें करीब 3 प्रतिशत का उछाल आया है और पिछले 5 सत्रों में यह 12.90% चढ़ा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी का मार्केट कैप 50.31 करोड़ रुपए है. नोएडा की कंपनी FCS Software Solutions के शेयर आज ग्रीन लाइन पकड़कर कारोबार कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक इसमें करीब 3% की तेजी आ चुकी थी. 3.90 रुपए के भाव वाले इस शेयर ने पिछले छह महीने में 36.84% का रिटर्न दिया है. इसी तरह, 1991 में स्थापित Prakash Steelage Limited का शेयर आज दोपहर 1 बजे तक करीब 5 प्रतिशत की उछाल के साथ 9.20 रुपए पर पहुंच गया था. पिछले 5 दिनों में इसने 20.26% का रिटर्न दिया है. हालांकि, इस साल अब तक इसमें 8.91% की गिरावट भी देखने को मिली है.
निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान
इस लिस्ट में अगला नाम है Sunshine Capital Ltd. दिल्ली की इस कंपनी ने अपने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है. 3.62 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर ने इस साल अब तक 194.31% का शानदार रिटर्न दिया है और बीते 5 कारोबारी सत्रों में भी इसका रिकॉर्ड अच्छा है. Empower India के शेयर में आज भले ही नरमी का रुख है, लेकिन 2024 में अब तक यानी जनवरी से लेकर 17 मई तक इसने 45.40% का रिटर्न दिया है. Rhetan TMT Ltd. गुजरात की एक स्टील कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसका मार्केट कैप 1,027.17 करोड़ रुपए है. इसका शेयर इस साल अब तक 36.57% का रिटर्न दे चुका है. हालांकि, इसकी कीमत 10 रुपए से बढ़कर अब 13.63 रुपए हो चुकी है.
अब ग्रीन लाइन पर लौटे
Debock Industries के शेयर पिछले 5 दिनों से हरे निशान पर दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान इन्होंने करीब 4 प्रतिशत का उछाल देखा है. Diligent Media Corporation के शेयर का भी यही हाल है. 4.25 रुपए की कीमत वाला ये स्टॉक आज तेजी के साथ कारोबार कर रहा है और बीते 5 सत्रों में इसने 4.94% का रिटर्न दिया है. BW हिंदी यह स्पष्ट करना चाहता है कि यहां बताए गए शेयरों का जिक्र लेवल जानकारी के लिए किया गया है. इसे निवेश की सलाह के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
दरअसल इससे पहले कंपनी का एचआर कर्मचारियों को मौखिक रूप से ये कह चुका है कि अगर उनके प्रोजेक्ट के लिए उनकी जरूरत ऑफिस में है तो उन्हें आना चाहिए.
कोविड के बाद बीमारी को लेकर भले ही हालात सही हो गए हों लेकिन आईटी सेक्टर में सबकुछ सही नहीं हुआ है. कोविड के दौरान शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों को कुछ ऐसा भा रहा है कि कंपनियों के द्वारा कई नोटिस देने के बावजूद Employee लौटने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब इसी कड़ी में आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी Cognizant ने अपने कर्मचारियों को आखिरी चेतावनी दे दी है कि अगर वो ऑफिस नहीं लौटे तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा.
नौकरी से निकाल दिए जाएंगे कर्मचारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Congnizant अपने कर्मचारियों को लगातार मौखिक और मेल के जरिए सूचित कर चुकी है कि उन्हें हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आना चाहिए. लेकिन इस बार कंपनी की ओर से अपने कर्मचारियों को कहा गया है कि उन्हें पूरी तरह से ऑफिस आकर काम करना होगा. अगर अब भी कर्मचारी ऑफिस आकर काम नहीं करेंगे तो उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है. इससे पहले टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस जैसी कंपनिया भी अपने कर्मचारियों को इसी तरह का निर्देश जारी कर चुकी हैं.
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क्या कहता है कंपनी का नोटिस?
Congnizant ने अपने कर्मचारियों को जो मेल भेजा है उसमें कहा गया है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद अगर कर्मचारी ऑफिस आकर काम नहीं करेंगे तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. मौजूदा समय में Congnizant के भारत और पूरी दुनिया में 3,47,700 कर्मचारी हैं जबकि अकेले भारत में कंपनी के 2,50 लाख कर्मचारी है. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि कंपनी की ओर से मौखिक तौर पर कहा गया है कि अगर किसी प्रोजेक्ट में कर्मचारियों को ऑफिस आकर काम करने की जरूरत है तो उन्हें करना चाहिए. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि ऑफिस लौटने की कोई विशेष तारीख नहीं दी गई थी क्योंकि ये प्रोजेक्ट की जरूरत पर निर्भर करता है.
कई दूसरी कंपनियां दे चुकी हैं ऐसा नोटिस
ऐसा नहीं है अकेली Cognizant वो कंपनी है जिसने ऑफिस आने को लेकर अपने कर्मचारियों को इस तरह का नोटिस जारी किया हो. इससे पहले भारत की आईटी कंपनियां विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस जैसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने के लिए इस तरह का नोटिस जारी कर चुकी हैं. हालांकि कंपनियों को काफी हद तक अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने में कामयाबी हासिल हुई है. वर्ष 2023 में कंपनियों में अब बड़े पैमाने पर कर्मचारी ऑफिस आ रहे हैं. हालांकि कई कंपनियां फिलहाल हफ्ते में 3 दिन ही ऑफिस बुला रही हैं.