देश भर के पुलिस बल में कितनी वैकेंसीज, क्या है महिलाओं की स्थिति; हुआ खुलासा

41% पुलिस थानों में अभी तक महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क नहीं है. 3 में से 1 पुलिस थाने में अभी तक एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है. पुलिस में महिलाओं की हिस्‍सेदारी केवल 10.5% है.

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Sunday, 10 July, 2022
Police Vacancies

नई दिल्ली: डेटा ऑन पुलिस ऑर्गनाइजेशंस रिपोर्ट 2021 (Data on Police Organisations Report 2021) के अनुसार, जनवरी 2021 तक देश भर के पुलिस विभागों में 5.62 लाख रिक्त पद थे. भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों में 2010 और 2020 के बीच 32% की वृद्धि हुई है. लेकिन महिलाओं की हिस्सेदारी 33% के मुकाबले केवल 10.5% है. महिला हेल्प डेस्क, जिसकी कल्पना किसी भी महिला के पुलिस स्टेशन में प्रवेश करने के लिए संपर्क के पहले और एकल बिंदु के रूप में की गई थी, अभी भी पूरे भारत के 41% पुलिस स्टेशन से दूर है.

SC की हिस्सेदारी में मामूली बढ़ोतरी
अनुसूचित जातियों (एससी) की हिस्सेदारी 2010 में 12.6 फीसदी से मामूली बढ़कर 2020 में 15.2% हो गई थी, लेकिन अनुसूचित जनजाति (एसटी) की हिस्सेदारी में मामूली बढ़ोतरी हुई है. यह हिस्‍सेदारी 2010 में 10.6 फीसदी से बढ़कर 2020 में 11.7 फीसदी हो गई है. अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी) ने 2010 में 20.8% से 2020 में 28.8% तक मजबूत प्रतिनिधित्व दर्ज किया है. ये लेटेस्ट डेटा इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (the India Justice Reports ) के डेटा ऑन पुलिस ऑर्गनाइजेशंस (DoPo) रिपोर्ट 2021, के विश्लेषण के कुछ नतीजे हैं. इसमें जनवरी, 2021 तक का डाटा कैप्चर किया गया है. IJR ने 2007 की DoPo रिपोर्ट से पुलिस की क्षमता पर भी डाटा का विश्लेषण किया है. DoPo का प्रकाशन समय-समय पर भारत सरकार की इकाई पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो द्वारा किया जाता है.

33% महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट की मुख्य संपादक सुश्री माजा दारूवाला ने कहा, "केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (UT) स्तरों पर सरकारों ने अपने पुलिस बलों में नीति और जनादेश दोनों में विविधता को स्वीकार किया है. एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण वाले 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल कर्नाटक ने 2020 में अपने वैधानिक आरक्षित कोटा को पूरा किया है. 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में, जहां पुलिस बल में 33% महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य किया गया है, कोई भी राज्य "अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया है."

वैकेंसीज
2010 और 2020 के बीच, कुल पुलिस  संख्या में 32% की वृद्धि हुई है और यह 15.6 लाख से बढ़कर 20.7 लाख हो गई है. हालांकि, कॉन्‍स्‍टेबल और अधिकारी रैंक में रिक्तियां स्थिर बनी हुई हैं. 2010 में, राष्ट्रीय समग्र रिक्ति स्तर 24.3% था. अधिकारी रिक्तियां 24.1% और कॉन्‍स्‍टेबल रिक्तियां 27.2% पर थीं. 2020 में, कुल रिक्तियां 21.4% हैं, जिसमें अधिकारी रिक्तियां 32.2% और कॉन्‍स्‍टेबल रिक्‍तयां 20% पर हैं.

कोविड-19 ने भी प्रभावित किया
कोविड-19 प्रभावित पहले वर्ष, 2020 के दौरान, कुल रिक्तियां 20.3% से बढ़कर 21.4% हो गई जबकि पुलिस बल की स्वीकृत संख्या में 8,665 की वृद्धि हुई, वहीं वास्तविक संख्या में 21,926 की कमी हुई. राष्ट्रीय स्तर पर, कॉन्‍स्‍टेबल रिक्ति 2019 में 18% से बढ़कर 20% हो गई है. इसी तरह, अधिकारी रिक्ति 2019 में 29% से बढ़कर 2020 में 32% हो गई है. केवल 3 राज्य - तेलंगाना, कर्नाटक और केरल - कॉन्‍स्‍टेबल और अधिकारियों दोनों के बीच रिक्तियों को कम कर सकते हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और असम में कॉन्‍स्‍टेबल और अधिकारी के एक चौथाई से अधिक पद खाली हैं. बिहार में सबसे अधिक 41.8% और उत्तराखंड में सबसे कम 6.8% वैकेंसीज हैं. 

पुलिस में अनुसूचित जातियों का हिस्सा
अधिकारी : अधिकारी स्तर पर, 2010 में, 6 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश अपने अनुसूचित जाति कोटा तक पहुंचने या उससे अधिक करने में कामयाब रहे, एक दशक बाद, 2020 में, केवल 5 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश  गुजरात, मणिपुर, कर्नाटक, गोवा और तमिलनाडु ने अपने स्वयं के एससी कोटे को पूरा कर लिया या उससे अधिक हो गए हैं. 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 2020 में एससी अधिकारी रिक्ति को कम करने में कामयाबी हासिल की, और इतने ही राज्यों (11) में यह बढ़ गया. उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में अनुसूचित जाति अधिकारी की रिक्ति क्रमशः 50% से बढ़कर 64% और 6% से 22% हो गई, तमिलनाडु और उत्तराखंड में यह 33% से घटकर -4% और 61% से 44% हो गई.

कांस्टेबुलरी : 2010 में, 2 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश  ने एससी कॉन्‍स्‍टेबल का कोटा पूरा किया या उससे अधिक हो गए, यह संख्या 2020 में बढ़कर 7 राज्यों   तक पहुंच गई है. 20 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों ने 2020 में एससी कॉन्‍स्‍टेबल की रिक्ति को कम करने में कामयाबी हासिल की, लेकिन 10 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में यह बढ़ गई. तमिलनाडु और चंडीगढ़ में वैकेंसी 34% से घटकर -15% और 37% से 22% हो गई, यह त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 7% से बढ़कर 22% और 10% से 23% हो गई.

पुलिस में अनुसूचित जनजातियों का हिस्सा
अधिकारी रैंक : 2010 में, 5 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों   ने अपने एसटी कोटा भरे. एक दशक बाद 2021 में, 8 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश  अपने एसटीकोटा तक पहुंचने या उससे आगे निकलने में कामयाब रहे. 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आरक्षित पदों पर रिक्तियां (वैकेंसी) बढ़ीं और 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में घटी. जबकि उत्तराखंड और असम में, रिक्ति क्रमशः 61% से गिरकर 33% और 41% से 26% हो गई, यह उत्तर प्रदेश और सिक्किम में क्रमशः 67% से 89% और 21% से 33% तक बढ़ गई.

कांस्टेबुलरी : 2010 में, 7 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों  ने एसटी कोटा भरा. 2020 में, 9 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश  अपने एसटी कॉन्‍स्‍टेबल कोटा तक पहुंचने या उससे अधिक होने में कामयाब रहे. 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आरक्षित पदों पर रिक्तियां बढ़ीं और 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में घटीं. जबकि उत्तराखंड और तमिलनाडु में रिक्ति क्रमशः 8% से गिरकर -33% और 54% से 14% हो गई, मेघालय और तेलंगाना में यह क्रमशः -17% से बढ़कर 9% और -7% से बढ़कर 14% पहुंच गई.

पुलिस में अनुसूचित जनजाति की हिस्सेदारी
अधिकारी रैंक : 2010 में, 3 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने ओबीसी कोटा को पूरा किया. एक दशक बाद 2021 में, 8 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश  अपने ओबीसी अधिकारी कोटा तक पहुंचने या उससे आगे निकलने में कामयाब रहे. आरक्षित पदों पर रिक्तियां 9 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बढ़ीं और 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में घटीं. जबकि तमिलनाडु और गुजरात में रिक्ति क्रमश: 2% से -50% और 44% से घटकर 19% हो गई, सिक्किम और उत्तर प्रदेश में यह क्रमशः 3% से 18% और 33% से बढ़कर 48% हो गई.

कांस्टेबुलरी : 2010 में , 6 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ओबीसी कोटा तक पहुंच गए या उससे अधिक हो गए. 2020 में, 14 राज्य / केंद्र शासित प्रदेश अपने ओबीसी कॉन्‍स्‍टेबल कोटा तक पहुंच गए या उससे अधिक हो गए. आरक्षित पदों पर रिक्तियां 5 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बढ़ीं और 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में घटीं. जबकि तमिलनाडु और गुजरात में रिक्ति क्रमशः 33% से घटकर 13% और 21% से -20% हो गई. यह उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में क्रमशः 8% से बढ़कर 16% और 38% से बढ़कर 45% हो गई.

पुलिस में महिलाओं की स्थिति
पुलिस बल में महिलाओं का प्रतिशत 10.5 है. इसे 33% तक ले जाने की आकांक्षा है, जबकि 6 केंद्र शासित प्रदेशों और 11 राज्यों में 33% आरक्षण का लक्ष्य है. अन्य जगहों पर बिहार के 38% से लेकर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में 10% तक का लक्ष्य है. 7 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों  में कोई आरक्षण नहीं है. 2020 तक, कोई भी एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अपने लिए निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाया है. बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में, तमिलनाडु में 19.4%, बिहार में 17.4% और गुजरात में 16% के साथ महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, लेकिन वे भी 30%, 38%, और क्रमशः 33 प्रतिशत के अपने आरक्षण को पूरा नहीं करते हैं. महिलाओं की 6.3 फीसदी हिस्सेदारी के साथ आंध्र प्रदेश में सबसे कम हिस्सेदारी है, झारखंड और मध्य प्रदेश में महिलाओं की 6.6 फीसदी हिस्सेदारी है.

महिला अधिकारी : राष्ट्रीय स्तर पर, महिला अधिकारियों की हिस्सेदारी  8.2% है. 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों  में अधिकारी स्तर पर महिलाओं की हिस्सेदारी 5% या उससे कम है. केरल पुलिस में 3% महिला अधिकारी हैं, और पश्चिम बंगाल में 4.2% हैं. तमिलनाडु और मिजोरम, दोनों में महिला अधिकारियों की हिस्सेदारी सबसे अधिक 20.2% है. 

किन राज्यों में महिलाओं की हिस्सेदारी घटी
बिहार और हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की हिस्सेदारी में तेज गिरावट दर्ज की गई. 2019 में, बिहार ने 25.3% महिला अधिकारियों की सूचना दी, जो 2020 में घटकर 17.4% पर आ गई. हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की हिस्‍सेदारी 2019 के 19.2% के मुकाबले 2020 में गिरकर 13.5% रह गई.

थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना
10 जनवरी 2020 की अपनी एडवाइजरी में, गृह मंत्रालय, (महिला सुरक्षा प्रभाग) ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को सभी पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने की सलाह दी. यह निर्भया फंड परियोजनाओं के तहत देश के 10,000 पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना/मजबूत करने की एक पहले की पायलट पहल का विस्तार था. किसी भी महिला के पुलिस थाने में आने के लिए महिला हेल्प डेस्क संपर्क का पहला और एकल बिंदु होगा. 1 जनवरी 2021 तक, 41% पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क नहीं है. केवल त्रिपुरा के सभी 82 पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क हैं. 9 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों  में, 90% से अधिक पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क हैं. अरुणाचल प्रदेश में कोई नहीं है. बिहार के कुल 1053 पुलिस थानों में से केवल 14% थानों में महिला हेल्प डेस्क हैं.

सीसीटीवी कैमरे की स्थिति
अपनी 2021 की रिपोर्ट में, पुलिस संगठन के डेटा से पता चलता है कि भारत के कुल 17,233 पुलिस स्टेशनों में से 5,396 में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है . केवल 3 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों - ओडिशा, तेलंगाना और पुडुचेरी में सभी पुलिस स्टेशनों में कम से कम एक सीसीटीवी है. 4 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों - राजस्थान, मणिपुर, लद्दाख, लक्षद्वीप - ने सीसीटीवी कैमरों के साथ 1% से कम पुलिस स्टेशनों की सूचना दी है. राजस्थान, जिसमें कुल 894 पुलिस स्टेशन हैं और जनसंख्या के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा राज्य है, केवल एक पुलिस स्टेशन सीसीटीवी कैमरों के साथ रिपोर्ट करता है. मणिपुर, लद्दाख और लक्षद्वीप ने किसी की सूचना नहीं दी.

सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया है आदेश
दिसंबर 2020 में कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का संज्ञान लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश  दिया कि सभी पुलिस स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. इंडिया जस्टिस रिपोर्ट कलेक्टिव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कार्यान्वयन की स्थिति का पता लगाने के लिए सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आरटीआई दायर की है.

क्या है इंडिया जस्टिस रिपोर्ट
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट को संपूर्ण न्याय क्षेत्र में सुधार के लिए काम कर रहे संगठनों के समूह द्वारा लाया गया है. ये हैं, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज़, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष, टीआइएसएस-प्रयास, विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी और हाउ इंडिया लिव्ज़ हैं. पहली आईजेआर का प्रकाशन 2019 में हुआ था. 


इस हफ्ते 'छुट्टी वाले दिन' भी खुलेगा शेयर बाजार, इस खास वजह से होगी ट्रेडिंग

वीकेंड पर शेयर बाजार में छुट्टी रहती हैं, यानी शनिवार और रविवार को शेयर मार्केट बंद रहता है. लेकिन अगले सप्ताह शनिवार यानी 18 मई को भी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के लिए खुला रहने वाला है.

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Monday, 13 May, 2024
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शेयर बाजार में आमतौर पर सप्‍ताह में पांच दिन ही कारोबार होता है. शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है. लेकिन, अगले सप्‍ताह शनिवार को भी शेयर बाजार खुला रहेगा. यानी आप शनिवार, 18 मई को भी शेयर खरीद-बेच सकेंगे. इस दिन डिजास्टर रिकवरी साइट की टेस्टिंग होगी. NSE की तरफ से यह टेस्टिंग इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव्स में की जाएगी. इस स्‍पेशल ट्रेडिंग सेशन में डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा. इस पहल का मकसद किसी प्रकार की बड़ी बाधा या विफलता की स्थिति से निपटने को लेकर तैयारियों का आकलन करना है.

ट्रेडिंग सेशन में ‘डिजास्टर रिकवरी' साइट का उपयोग

स्पेशल ‘लाइव' ट्रेडिंग सेशन के दौरान प्राइमरी साइट (PR) की जगह ‘डिजास्टर रिकवरी' (DR) साइट का उपयोग किया जाएगा. किसी आपात स्थिति के दौरान प्राइमरी ‘डेटा सेंटर' के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रचर और ऑपरेशन को बहाल करने के लिए ‘डिजास्टर रिकवरी साइट' (Disaster Recovery Site) का उपयोग किया जाता है.

इस सेशन के लिए प्रमुख दिशानिर्देश दिये गए हैं:

1. सभी सिक्योरिटीज़ का अधिकतम प्राइस बैंड 5% होगा. पहले से ही 2% या उससे कम प्राइस बैंड में मौजूद प्रतिभूतियां, संबंधित बैंड में उपलब्ध रहेंगी.
2. सभी क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड पर 5% का प्राइस बैंड लागू होगा.
3. सभी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की डेली ऑपरेटिंग रेंज 5% होगी.
4. उस दिन सिक्योरिटी या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का कोई फ्लेक्सिंग लागू नहीं होगा.
5. इक्विटी सेगमेंट और फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट के लिए प्राइस बैंड जो डीसी पर दिन की शुरुआत में लागू होगा, डीआर पर भी लागू होगा. प्राथमिक साइट पर क्लोज़िंग टाइम तक बाजार के कारकों के कारण ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट के प्राइस बैंड में कोई भी बदलाव डिजास्टर रिकवरी साइट पर आगे बढ़ाया जाएगा.

शेयर मार्केट में इस हफ्ते कमाई का जबरदस्त मौका, खुलने जा रहे ये 6 IPO, जानिए पूरी डिटेल्स

ये है स्पेशल ट्रेडिंग सेशन की टाइमिंग

स्‍पेशल ट्रेडिंग सेशन को लेकर दोनों स्टॉक एक्सचेंज ने अलग-अलग सर्कुलर में कहा कि 18 मई दो स्पेशल ट्रेडिंग सेशन होंगे. जिसमें पहला सत्र प्राइमरी साइट (PR) से सुबह 9:15 बजे से 10 बजे तक और दूसरा सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक होगा. NSE ने कहा कि शेयर बाजार शनिवार, 18 मई, 2024 को इक्विटी और इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में ‘प्राथमिक साइट’ से ‘डिजास्टर रिकवरी साइट’ पर कारोबार के दौरान जाने के साथ एक विशेष ‘लाइव’ कारोबारी सत्र आयोजित करेगा.

इससे पहले भी खुल चुका है छुट्टी के दिन बाजार

इससे पहले NSE और BSE ने 2 मार्च को डिसास्टर रिकवरी सेशन आयोजित किया था, उस दिन भी शनिवार ही था. अन्य छुट्टियों के अलावा, शेयर बाज़ार हर शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं, लेकिन बहुत अधिक आवशयक होने पर शेयर बाजार वीकेंड पर खुला रखने का विकल्प चुन सकते हैं जैसा कि 2020 के बजट के दौरान देखा गया था, जब बीएसई और एनएसई 1 फरवरी को ट्रेड के लिए खुले थे, जो शनिवार का दिन था.
 


शेयर मार्केट में इस हफ्ते कमाई का जबरदस्त मौका, खुलने जा रहे ये 6 IPO, जानिए पूरी डिटेल्स

इस हफ्ते 6 कंपनियों के IPO लॉन्च होने वाले हैं. अगर आप IPO में निवेश करना पसंद करते हैं तो अगले हफ्ते आपके पास शानदार मौका है. आइए आपको अपकमिंग IPO की पूरी डिटेल्स बताते हैं.

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Monday, 13 May, 2024
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अगर आप भी शेयर बाजार से कमाई करते हैं या करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. दरअसल, शेयर बाजार में इस हफ्ते IPO की धूम रहने वाली है. एक के बाद एक कई कंपनियां अगले हफ्ते अपने IPO लॉन्च करने जा रही है, जिसमें निवेश करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. पिछले दिनों भी बहुत सी कंपनियों के IPO लॉन्च हुए हैं, जिन्होंने निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया है. ऐसे में अगर आप आईपीओ में निवेश करना पसंद करते हैं तो अगले हफ्ते आपके पास शानदार मौका है. आइए आपको अपकमिंग IPO की पूरी डिटेल्स बताते हैं.

मेनबोर्ड सेगमेंट

Go Digit IPO- इस आईपीओ में 15 मई से 17 मई तक सब्सक्राइब करने का मौका होगा. विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के निवेश वाली ये कंपनी ₹2614.64 करोड़ जुटाएगी. इसमें ₹1125 करोड़ के फ्रेश शेयर जारी होंगे और 5.48 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल होगा. IPO के लिए प्राइस बैंड ₹258 - ₹272 प्रति शेयर तय किया गया है. 23 मई को इसकी NSE और BSE पर लिस्टिंग होनी है.

SME सेगमेंट

Indian Emulsifier IPO- यह पब्लिक इश्यू 13 मई को खुल रहा है और 16 मई को बंद होगा। प्लान 42.39 करोड़ रुपये जुटाना है. IPO के लिए प्राइस बैंड 125-132 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1000 शेयर है. इश्यू क्लोज होने के बाद शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 22 मई को होगी.

Mandeep Auto Industries IPO- 25.25 करोड़ रुपये के इस इश्यू में 13 मई से 15 मई तक बोली लगा सकेंगे. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 21 मई को होगी। IPO का प्राइस बैंड 67 रूपये प्रति शेयर और लॉट साइज 2000 शेयर है.

Veritaas Advertising IPO- यह IPO 13 मई को खुलकर 15 मई को बंद होगा. कंपनी का इरादा 8.48 करोड़ रुपये जुटाने का है. इश्यू क्लोज होने के बाद शेयर NSE SME पर लिस्ट होंगे. प्राइस बैंड 109-114 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1200 शेयर है.

Rulka Electricals Limited IPO- इस इश्यू की ओपनिंग 16 मई को और क्लोजिंग 21 मई को होगी. कंपनी 26.40 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. प्राइस बैंड 223-235 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 600 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 24 मई को होगी.

Quest Laboratories Limited IPO- 43.16 करोड़ रुपये के इस IPO में 15 मई से लेकर 17 मई तक पैसे लगा सकेंगे. प्राइस बैंड 93-97 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. लॉट साइज 1200 शेयर है. शेयरों की लिस्टिंग NSE SME पर 23 मई को होगी.

इन कंपनियों की होगी लिस्टिंग

नए सप्ताह में मेनबोर्ड सेगमेंट में 13 मई को Indegene IPO, 15 मई को Aadhar Housing Finance IPO और TBO Tek IPO, BSE और NSE पर लिस्ट होंगे. SME सेगमेंट में 14 मई को NSE SME पर Refractory Shapes, Winsol Engineers और BSE SME पर Finelistings Technologies के शेयर लिस्ट होंगे. 15 मई को NSE SME पर Silkflex Polymers और BSE SME पर TGIF Agribusiness के शेयरों की लिस्टिंग है. 16 मई को NSE SME पर Energy Mission Machineries IPO की लिस्टिंग होगी. 17 मई को BSE SME पर Piotex Industries, Aztec Fluids & Machinery के शेयर और NSE SME पर Premier Roadlines के शेयर लिस्ट होंगे.
 


महिलाओं को फ्री बस सर्विस बनी Metro की मुसीबत, प्रोजेक्ट का साथ छोड़ सकती है L&T!

मुफ्त बस सफर की योजना के चलते पिछले कुछ वक्त से मेट्रो यात्रियों की संख्या में कमी आई है.

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Monday, 13 May, 2024
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वोट की आस में मुफ्त की रेवड़ियां (Freebies) बांटने की परंपरा राज्यों की आर्थिक सेहत खराब कर रही है, लेकिन इसके बावजूद कोई इस परंपरा को बदलने को तैयार नहीं है. मध्य प्रदेश की BJP सरकार कर्ज लेकर महिलाओं को बिना किसी काम के 1250 रुपए प्रति महिना दे रही है और अब इसे बढ़ाने की तैयारी है. उधर, तेलंगाना (Telangana) की कांग्रेस सरकार भी मुफ्त की रेवड़ियों की कैटेगरी में आने वाली कुछ योजनाएं चला रही है. ऐसी ही एक योजना के चलते हैदराबाद मेट्रो (Hyderabad Metro) को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति ये हो चली है कि प्रमोटर कंपनी L&T इस परियोजना से बाहर निकलने पर विचार कर रही है. 

यात्रियों की संख्या में गिरावट 
तेलंगाना सरकार महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना चला रही है. इस स्कीम का खामियाजा हैदराबाद मेट्रो को उठाना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रमोटर कंपनी एलएंडटी अब इस परियोजना से बाहर निकलने पर विचार कर रही है. मेट्रो प्रोजेक्ट की वित्तीय सेहत कंपनी के लिए चिंता का विषय बन गई है. एलएंडटी ने 2021 से हैदराबाद मेट्रो को अपनी बुक में नॉन-कोर एसेट के रूप में लिस्ट कर दिया था. मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. नवंबर 2023 में मेट्रो से प्रतिदिन सफर करने वाले यात्रियों की संख्या 5.5 लाख थी, जो अब गिरकर 4.6 लाख रह गई है.

पिछले साल शुरू हुई थी योजना
तेलंगना सरकार ने 9 दिसंबर, 2023 को महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना का ऐलान किया था. हैदराबाद मेट्रो प्रोजेक्ट के व्यवहार्य होने के लिए, यात्रियों की संख्या प्रति दिन 5 लाख से अधिक होनी चाहिए और इसका कर्ज 12000 करोड़ से कम होकर 8,000 करोड़ रुपए होना चाहिए. एलएंडटी को यह प्रिजेक्ट 2010 में मिला था. देरी के चलते इसकी अनुमानित लागत पहले ही 14,000 करोड़ से बढ़कर 20,000 करोड़ रुपए हो गई थी. इस प्रजेक्ट की 69 किलोमीटर लाइन 2020 में पूरी हो गई थी.  

L&T के पास 90% हिस्सेदारी
एलएंडटी 2026 के बाद इस प्रजेक्ट से बाहर निकलने पर विचार करेगी. इस कंपनी के पास हैदराबाद मेट्रो में 90% हिस्सेदारी है, जबकि तेलंगाना सरकार के पास शेष 10% हिस्सेदारी है. इस संबंध में एक मीडिया हाउस से बातचीत में L&T के सीएफओ शंकर रमन ने कहा कि सरकार की इस योजना से राज्य की वित्तीय स्थिति में कोई मदद नहीं मिलेगी. परिवहन प्रणाली में जेंडर डिस्ट्रिब्युशन हो रहा है. बसों का इस्तेमाल उन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है, जो कोई पेमेंट नही करती हैं और मेट्रो का इस्तेमाल ऐसे पुरुषों द्वारा किया जा रहा है, जो प्रति टिकट औसतन 35 रुपए का भुगतान करते हैं.

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जनता आज तय करेगी 1717 नेताओं की किस्मत, आपकी किस्मत बदल सकते हैं ये शेयर!

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में आज 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 96 पर वोटिंग हो रही है. यहां से कुल 1717 प्रत्याशी मैदान में हैं. इसके बीच कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.

Last Modified:
Monday, 13 May, 2024
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पिछले सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार (Stock Market) के लिए अच्छा रहा. हालांकि, विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के चलते बाजार की बढ़त सीमित रही. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 260.30 अंकों की तेजी के साथ 72,664.47 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 97.70 अंकों की मजबूती के साथ 22,055.20 पर बंद हुआ. इससे पहले, गुरुवार को बड़े पैमाने पर हुई बिकवाली के चलते सेंसेक्स को 1062.22 अंक गिर गया था. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

MACD ने दिए ये संकेत 
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग के बीच आज मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने कुछ शेयरों में तेजी के संकेत दिए हैं. BPCL, Capri Global, V-Guard, Tata Communications, Signatureglobal (India) और Endurance Technologies में आज तेजी देखने को मिल सकती है. जाहिर है यदि तेजी आती है, तो आपके पास इन पर दांव लगाकर मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बनी रहेगी. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसी तरह, MACD ने Colgate-Palmolive, Finolex Cables, Varun Beverages, Triveni Turbine, Elgi Equipments और NMDC में मंदी के संकेत दिए हैं. 

इन पर भी रखें नजर
कई शेयर ऐसे हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी दिखाई दे रही है. कहने का मतलब है कि निवेशकों का भरोसा इन स्टॉक्स पर कायम है और वे लिवाल बने बैठे हैं. इस लिस्ट में Hindustan Zinc, Vijaya Diagnostic, Jupiter Wagons, Honeywell, Astral, V-Guard और Polycab India का नाम शामिल है. हिंदुस्तान जिंक की बात करें, तो शुक्रवार को ये शेयर ताबड़तोड़ तेजी के साथ कारोबार कर रहा था. यह करीब 15 प्रतिशत की मजबूती के साथ 529 रुपए पर बंद हुआ. इस साल अब तक ये 66.17% का रिटर्न दे चुका है. इसी तरह, Vijaya Diagnostic Centre के शेयर भी 10.22% के उछाल के साथ 804.90 रुपए पर बंद हुए थे. वहीं, कुछ शेयरों में बिकवाली का दबाव भी देखने को मिल रहा है. इस लिस्ट में Berger Paints, Syngene International, LTIMindtree, Ramco Cements, Tata Technologies और Dalmia Bharat शामिल हैं.


क्या दौलत के मामले में भी आम हैं 'आम आदमी' के केजरीवाल, कितनी मिलती है सैलरी?

जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं. वह लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं.

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Saturday, 11 May, 2024
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) करीब 50 दिनों के बाद जेल से बाहर आए हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया था. आज केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने जेल जाने पर भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया. आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख केजरीवाल ने कहा कि मैं तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं, इसलिए इस्तीफा नहीं दिया. केंद्र दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार करके सरकार गिराना चाहता था, लेकिन मैं उनके ट्रैप में फंसने वाला नहीं हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा नहीं दिया. 

मुझे पद का कोई लालच नहीं
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. ED का कहना है कि इस पूरे घोटाले में अरविंद केजरीवाल ने अहम किरदार निभाया है. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं. वह केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं और यह साबित करने में जुटे हैं कि उनके खिलाफ साजिश रची गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी पद का लालच नहीं किया. जब मुझे दिल्ली की जनता ने पहली बार CM बनाया, तो मैंने 49 दिन के अंदर दिल्ली के स्कूलों को लेकर इस्तीफा दे दिया. लोग चपरासी की नौकरी नहीं छोड़ते, मैंने खुद से सीएम की कुर्सी को लात मार दी थी.

इतनी है केजरीवाल की नेटवर्थ
केजरीवाल ने आगे कहा कि उन्हें पता है कि अगले 20 साल तक दिल्ली में 'आप' को कोई नहीं हरा सकता, इसलिए उन्होंने झूठा षड्यंत्र रचाया. अब जब बात केजरीवाल की निकली ही है, तो चलिए यह भी जान लेते हैं कि 'आम आदमी पार्टी' के केजरीवाल दौलत के मामले में आम हैं या खास. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय केजरीवाल ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. उसके अनुसार, अरविंद केजरीवाल की नेटवर्थ 3.44 करोड़ रुपए है. हालांकि, उन्होंने बताया था कि उनके पास केवल 12 हजार और पत्‍नी के पास 9 सिर्फ हजार रुपए कैश है. उनके परिवार में 6 बैंक अकाउंट हैं, जिसमें कुल 33.29 लाख रुपये जमा हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री के ऊपर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है. 

इतनी है मुख्यमंत्री की सैलरी
2020 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, अरविंद केजरीवाल की पत्‍नी सुनीता केजरीवाल के पास 320 ग्राम सोना और एक किलो चांदी थी. सुनीता केजरीवाल के नाम पर म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) में 15.31 लाख रुपए जमा हैं. CM केजरीवाल के नाम कोई वाहन नहीं है, जबकि पत्‍नी के नाम 6.20 लाख रुपए की मारुति बलेनो (Maruti Baleno) है. सुनीता केजरीवाल के नाम पर हरियाणा के गुरुग्राम में एक आलीशान घर भी है, जिसकी कीमत उस समय 1 करोड़ रुपए आंकी गई थी. वहीं, केजरीवाल के नाम गाजियाबाद और हरियाणा में गैर-कृषि भूमि है. सैलरी की बात करें, तो बतौर CM केजरीवाल को प्रतिमाह 1.70 लाख रुपए मिलते हैं. 


पहले हजारों एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाला, अब यहां 4,180 करोड़ खर्च करने की तैयारी में Musk

टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk)ने अपने ऑफिशियल एक्स (X) हैंडल पर एक बड़े प्रोजेक्ट पर 500 मिलियन डॉलर खर्च करने की घोषणा की है.

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Saturday, 11 May, 2024
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हाल में टेस्ला (Tesla) ने बड़े पैमाने पर एम्प्लॉइज  को निकाला है. वहीं, अब कंपनी एक नए प्रोजेक्ट पर 500 मिलियन डॉलर खर्च करने की तैयारी में है. टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने खुद इसकी जानकारी दी है. आपको बता दें, टेस्ला दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक है. कंपनी जल्द ही भारत जैसे बाजार में प्रवेश कर सकती है. इस संबंध में वह भारत सरकार के साथ लगातार बातचीत भी चल रही है और इसकी प्लानिंग भी काफी आगे तक पहुंच चुकी है. 

कंपनी में लगातार चल रहा छंटनी का दौर
एलन मस्क की टेस्ला ने पिछले महीने ही कंपनी में अपने एम्प्लॉइज की छंटनी करने की शुरुआत की थी. कंपनी के इस छंटनी का असर उसके करीब 21,473 एम्प्लॉइज पर होना है. कंपनी ने अपनी रीस्ट्रक्चरिंग के तहत पहले 15 अप्रैल को 16,000 एम्प्लॉइज को बाहर निकाल दिया और इसके कुछ दिन बाद ही 500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया. अभी कंपनी में छंटनी की प्रोसेसे लगातार चल रही है.

यहां खर्च होंगे 4,180 करोड़ रुपये
अब टेस्ला अपने फास्ट चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत बनाने पर 500 मिलियन डॉलर यानी 4,180 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर 50 करोड़ डॉलर के खर्च का ऐलान किया है. उनका कहना है कि कंपनी इस साल हजारों की संख्या में नए सुपरचार्जर बनाने जा रही है. एलन मस्क ने साफ किया कि उनका सुपरचार्जर नेटवर्क का विस्तार नई साइट्स पर होगा. इसके लिए अभी ऑपरेशन कॉस्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाएगा.

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ईवी मेकर्स अपना रहे टेस्ला का चार्जिंग नेटवर्क स्टैंडर्ड

मीडिय़ा रिपोर्ट्स के अनुसार टेस्ला में एम्प्लॉइज की छंटनी के कुछ हफ्तों के बाद ही एलन मस्क ने टेस्ला के सुपरचार्जर नेटवर्क के विस्तार का प्लान बनाया है. अमेरिका में ईवी मेकर्स टेस्ला के नॉर्थ अमेरिकन चार्जिंग स्टैंडर्ड को अपना रहे हैं. इससे टेस्ला का चार्जिंग नेटवर्क अब वहां पूरी इंडस्ट्री का स्टैंडर्ड बनता जा रहा है. 

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Crypto के कद्रदानों के लिए अच्छी खबर, भारत वापस लौट रहा है Binance 

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनान्स भारत में जल्द ऑपरेशन शुरू कर सकता है.

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Saturday, 11 May, 2024
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क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में इन्वेस्ट करने वालों के लिए अच्छी खबर है. दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनान्स (Binance) फिर से भारत में ऑपरेशन शुरू करने वाला है. Binance ने इसके लिए भारत की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ रजिस्ट्रेशन करा लिया है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बिनान्स ने इसके लिए क्या डेडलाइन निर्धारित की है. बिनान्स के दोबारा अपना ऑपरेशन शुरू करने से भारत में क्रिप्टो के कद्रदानों को एक और विकल्प मिल जाएगा.   

पिछले साल लगी थी रोक
बिनान्स को पिछले साल दिसंबर में भारत में कारोबार करने से रोक दिया गया था. दरअसल, स्थानीय कानून का पालन नहीं करने के चलते कंपनी पर कार्रवाई हुई थी. फाइनेंशियल रेगुलेटर ने ऐसे ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों के खिलाफ एक्शन लिया था, जो बिना रजिस्ट्रेशन के भारत में काम कर रहे हैं और इसमें दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनान्स का नाम भी शामिल था. बता दें कि भारत में ऑपरेशन शुरू करने के लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स यानी कि क्रिप्टो एक्सचेंजों को FIU के साथ रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. इसके अलावा, उन्हें देश के एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून का भी पालन सुनिश्चित करना होता है. 

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पहले भरना होगा जुर्माना
FIU के डायरेक्टर विवेक अग्रवाल के अनुसार, बिनान्स ने भले ही FIU के साथ रजिस्ट्रेशन कराया लिया हो, लेकिन वह तभी ऑपरेशन शुरू कर सकेगा जब नियमों के उल्लंघन के मामले में जुर्माने का भुगतान करेगा. FIU ने दिसंबर 2023 में 9 ऑफशोर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मिनिस्ट्री से उनका ऑनलाइन एक्सेस ब्लॉक करने को कहा था. अग्रवाल ने बताया कि ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज KuCoin ने भी मार्च में FIU के साथ पंजीकरण करा लिया था. साथ ही उसने 34.5 लाख रुपए का जुर्माना भी भर दिया है, लिहाजा अब वो सामान्य की तरह ऑपरेशन कर सकेगा.  

देश में ये हैं टॉप एक्सचेंज 
भारत में कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पहले से मौजूद हैं. इनमें सबसे प्रमुख हैं Mudrex, WazirX, CoinDCX, CoinSwitch और Zebpay. एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से सबसे ज्यादा 500+ क्रिप्टो करेंसी CoinDCX के पास हैं. यानी आप इस एक्सचेंज पर 500 से ज्यादा क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसके बाद नंबर आता है WazirX का, जिसके पास 450+ Cryptocurrency उपलब्ध हैं. इसी तरह, Mudrex के पास 380+, CoinSwitch के पास 100+ और Zebpay के पास 150+ क्रिप्टो करेंसी उपलब्ध हैं. इन सभी एक्सचेंजों में न्यूनतम निवेश सीमा 100 रुपए है. कहने का मतलब है कि आप महज 100 रुपए से भी क्रिप्टो में निवेश कर सकते हैं.
 


सस्ते का मोह आखिर छूटेगा कैसे? China से जमकर कारोबार कर रहा Bharat  

एक तरफ जहां चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठती रहती है. वहीं, दूसरी तरफ चीन से हमारा कारोबार बढ़ रहा है.

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Saturday, 11 May, 2024
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भारत में चीनी (India-China) समान के बहिष्कार की मुहिम समय-समय पर चलती रहती है. गलवान घाटी हिंसा के बाद इस मुहिम ने काफी जोर पकड़ लिया था. कई रिपोर्ट्स में दावे भी किए गए कि इस मुहिम ने चीन की आर्थिक कमर तोड़कर रख दी है. हालांकि, अब जो आंकड़े सामने आए हैं वो इन दावों से पूरी तरह अलग हैं. एक रिपोर्ट में कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के हवाले से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024 में फरवरी तक भारत और चीन के बीच 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है. 

अमेरिका से ज्यादा करीब चीन
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसी अवधि में भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 8 लाख 91 हजार करोड़ रुपए के आसपास रहा है. यानी चीन के साथ हमारी कारोबारी संबंध अमेरिका से भी बेहतर हो गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 (FY23) में 10 लाख 38 हजार 772 करोड़ रुपए के द्विपक्षीय व्यापार के साथ यूएस हमारा का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर था. जबकि 9 लाख 13 हजार 705 करोड़ रुपए के कारोबार के साथ चीन इस मामले में दूसरे नंबर पर था. लेकिन अब तस्वीर बदल गई है. 

चीन उठा रहा है ज्यादा लाभ
वित्त वर्ष 2024 में फरवरी तक भारत से चीन को 1 लाख 25 हजार 47 करोड़ रुपए का सामान भेजा गया है. जबकि चीन ने 7 लाख 78 हजार 161 करोड़ रुपए का अपना सामान भारत पहुंचाया है. इसका मतलब है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में चीन ज्यादा फायदा उठा रहा है. वह बड़ी मात्रा में अपना सामान भारतीय बाजार में भेज रहा है. रिपोर्ट बताती है कि भारत से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका को हुआ है. अप्रैल-फरवरी के दौरान अमेरिका का निर्यात 5 लाख 79 हजार 401 करोड़ रुपए था. वहीं, अमेरिका से भारत ने 3 लाख 11 हजार 464 करोड़ रुपए का आयात किया है.  

इधर, सऊदी से आगे रूस
वहीं, FY24 में अप्रैल-फरवरी के बीच सऊदी अरब को पीछे छोड़कर रूस भारत का चौथा बड़ा कारोबारी साझेदार बन गया है. FY24 में फरवरी तक 6 लाख 19 हजार करोड़ रुपए के व्यापार के साथ तीसरे नंबर पर यूनाइटेड अरब अमीरात है. बता दें कि FY23 में भारत और सऊदी अरब के बीच 4 लाख 23 हजार 843 करोड़ का बिजनेस हुआ था. जबकि रूस के साथ हमारा कारोबार 3 लाख 99 हजार 466 करोड़ रुपए का था. लेकिन वित्त वर्ष FY24 अप्रैल से फरवरी के दौरान यह आंकड़ा 4 लाख 91 हजार 803 करोड़ रुपए पहुंच गया. 

चीन से इनका होता है इम्पोर्ट
भारत का चीन से सबसे ज्यादा इम्पोर्ट करना बताता है कि भारतीय बाजार में चीनी सामान जमकर बिक रहा है. हम चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, कार्बनिक रसायन, कंप्यूटर पार्ट्स, कारों और मोटरसाइकिल के पार्ट्स, खिलौने, उर्वरक, मोबाइल, लाइटिंग, मिल्क उत्पाद, ऑप्टिकल विज्ञापन चिकित्सा उपकरण, आयरन और स्टील जैसी वस्तुएं आयात करते हैं. चीनी सामान अपेक्षाकृत सस्ता होता है, इसलिए भारत में उसकी काफी डिमांड रहती है. कुछ साल पहले गणेश-लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की चीन निर्मित मूर्तियों से भी भारतीय बाजार पट गए थे. चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मुहिम चलाने वाले भले ही चाइनीज आइटम्स खरीदने वालों को 'सस्ता पसंद' कहें, लेकिन सवाल यह है कि जब सरकार चीन से इतने बड़े पैमाने पर आयात की अनुमति देती रहेगी, तो सस्ते का मोह छूटेगा कैसे?   


मिलिए चौथे चरण के टॉप 5 रईस कैंडिडेट्स से, लक्ष्मी इन पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा.

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Saturday, 11 May, 2024
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लोकसभा चुनाव 2024 के तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है और अब चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे. 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 96 सीटों के लिए 13 मई को मतदान होना है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की 96 सीटों से मैदान में उतरे प्रत्याशियों की किस्मत को जनता सोमवार को EVM में कैद करेगी. इस बार के चुनाव में उतरे उम्मीदवारों की संपत्ति का जो आंकड़ा अब तक सामने आया है, वो वाकई चौंकाने वाला है. खुद को 'जनता का सेवक' कहलवाने की हसरत वाले ये नेता दौलत के पहाड़ पर बैठे हैं.

ये हैं करोड़पति नाम
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में भी करोड़पति प्रत्याशियों की अच्‍छी-खासी संख्या है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक, अपनी किस्मत आजमा रहे 1710 उम्मीदवारों में से 205 के पास 5 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. इसी तरह, 133 प्रत्याशियों के पास 2 करोड़ 5 करोड़ रुपए की दौलत है. जबकि 310 उम्मीदवारों की संपत्ति 50 लाख से 2 करोड़ रुपए के बीच है. चौथे चरण के टॉप 5 करोड़पति उम्मीदवारों की बात करें, तो इसमें डॉ चंद्रशेखर पेम्मासानी, कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी, प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी, अमृता रॉय और सीएम रमेश का नाम शामिल है. इस चरण में बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की किस्मत का भी फैसला होना है. 

इनके पास सबसे ज्यादा दौलत
आंध्र प्रदेश के गुंटूर संसदीय क्षेत्र से Telugu Desam Party (TDP) के उम्मीदवार डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी चुनाव लड़ रहे हैं. पेम्मासानी के पास दौलत का पूरा पहाड़ है. उनके पास 5,705 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. पेम्मासानी लोकसभा चुनाव 2024 में अब तक के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. 48 वर्षीय पेम्मासानी पेशे से डॉक्टर हैं. वहीं, तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से BJP प्रत्याशी कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी चुनावी मौदान में हैं. रेड्डी की कुल संपत्ति 4,568 करोड़ रुपए से ज्‍यादा है. तीसरे नंबर पर हैं प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी. आंध्र प्रदेश के नेल्लोर लोकसभा क्षेत्र से TDP की टिकट पर चुनाव लड़ रहे  प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी के पास 716 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.

BJP लीडर पर नोटों की बरसात
लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं अमृता रॉय. पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से भाजपा की अमृता रॉय चुनाव लड़ रही हैं. अमृता को कृष्णानगर की राजमाता कहा जाता है. उनके पास 554 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की दौलत है. इसी तरह, BJP उम्मीदवार सीएम रमेश के पास भी दौलत की कोई कमी नहीं है. पार्टी सांसद सीएम रमेश आंध्र प्रदेश की अनकापल्ले सीट से मैदान में हैं. रमेश के पास 497 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. वहीं, अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी कुल संपत्ति 210 करोड़ रुपए से अधिक है.


इस सरकारी बैंक का शेयर है आपके पास, तो फिर मौजा ही मौजा; वजह भी जान लीजिए

बैंकिंग सेक्टर के शेयरों के पिछले दिनों बुरे हाल थे, लेकिन अब उनकी स्थिति सुधर गई है.

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Saturday, 11 May, 2024
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के शेयर मंदी के बवंडर से बाहर आ गए हैं. अधिकांश सरकारी बैंकों के स्टॉक में तेजी का माहौल है. इस बीच, एक सरकारी बैंक ने अपने निवेशकों को डिविडेंड देने का ऐलान किया है. यदि आपके पास भी इस बैंक के शेयर हैं, तो आपकी मौज होने वाली है. हम बात कर रहे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) की. बैंक ने हाल ही में अपने वित्तीय परिणाम जारी किए हैं और उसका पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 2.3% की बढ़त के साथ 4,886 करोड़ रुपए रहा है. जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 4,775 करोड़ रुपए था.

NPA में भी हुआ सुधर
इस तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 33,775 करोड़ रुपए हुई है, जो पिछले साल की समान तिमाही में 29,323 करोड़ थी. BoB के लिए अच्छी बात यह है कि उसके NPA में सुधार हुआ है. उसका ग्रॉस नॉन- परफॉर्मिंग एसेट सुधार के साथ 2.92% पर आ गया है. जबकि साल भर पहले यह 3.79% था. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में बैंक की ब्याज से प्राप्त आय बढ़कर 29,583 करोड़ रुपए पहुंच गई है. यह जनवरी-मार्च, 2023 में 25,857 करोड़ रही थी. 

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इतना मिलेगा डिविडेंड
पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक ऑफ बड़ौदा का प्रॉफिट 26% उछलकर 17,789 करोड़ रुपए हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 14,110 करोड़ था. इस दौरान, बैंक की कुल आय भी बढ़कर 1,27,101 करोड़ रुपए हो गई है. नतीजों से उत्साहित बैंक ने डिविडेंड का ऐलान किया है. बैंक के निदेशक मंडल ने 2 रुपए के फेस वैल्यू वाले शेयर पर 7.60 रुपए का डिविडेंड की अनुशंसा की है, जिसे 28वीं सालाना आमसभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. वहीं, बैंक के शेयर की बात करें तो यह शुक्रवार को 255.10 रुपए पर बंद हुआ. हालांकि, कल बैंक के शेयर में 2.87% की गिरावट देखने को मिली है. इस साल अब तक ये शेयर 9.13% का रिटर्न दे चुका है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयर की कीमत शॉर्ट टर्म में 280 रुपए तक जा सकती है.