BYJU's की इस सहयोगी कंपनी ने कमाए 1000 करोड़ रुपये, 500 लोगों को देगी रोजगार

चालू वित्त वर्ष में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व कमाया है. कंपनी इस साल के अंत में 500 से ज्यादा लोगों को नौकरी भी देगी.

Last Modified:
Monday, 21 November, 2022
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नई दिल्लीः एडटेक कंपनी Great Learning जो कि बायजूस के स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी है, उसने चालू वित्त वर्ष में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व कमाया है. कंपनी इस साल के अंत में 500 से ज्यादा लोगों को नौकरी भी देगी. ऐसे समय में जब बड़ी संख्या में एडटेक कंपनियां नकदी के संरक्षण के लिए कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं और फंडिंग की समस्या से जूझ रही हैं, ग्रेट लर्निंग की यह पहल काफी जोरदार है.

पिछले साल था 600 करोड़ का राजस्व

ग्रेट लर्निंग के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन लखमराजू ने एक साक्षात्कार में कहा, "पिछले साल हमारा राजस्व 600 करोड़ रुपये से अधिक था. इस साल भी, हम मजबूती से बढ़ रहे हैं और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व को पार करने की उम्मीद कर रहे हैं."
2013 में स्थापित इस कंपनी के बारे में लखमराजू ने कहा कि कंपनी अतीत में बूटस्ट्रैप्ड और लाभदायक रही थी.हालांकि, पिछले साल विभिन्न कारकों के कारण एक अपवाद था और फर्म लाभप्रदता हासिल नहीं कर सकी.

उन्होंने कहा, 'हम इस साल भी ब्रेक ईवन की राह पर हैं.' पिछले साल जुलाई में, एडटेक की दिग्गज कंपनी बायजूस ने नकद, स्टॉक और अर्नआउट सहित $ 600 मिलियन मूल्य के लेन-देन में सिंगापुर-मुख्यालय वाली ग्रेट लर्निंग का अधिग्रहण किया. इस साझेदारी ने बायजूस की तकनीक और सामग्री विशेषज्ञता को ग्रेट लर्निंग के पेशेवर पाठ्यक्रमों के साथ जोड़ दिया है. हालांकि ग्रेट लर्निंग एक स्वतंत्र सहायक कंपनी के रूप में काम कर रही है.

लखमराजू ने कहा, "हम अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा देने में सक्षम होने के लिए एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठा रहे हैं. उदाहरण के लिए, जब हम लैटिन अमेरिका में विस्तार करना चाहते थे, तो हमने वहां बायजूस के बुनियादी ढांचे का लाभ उठाया."

इन देशों में किया है कंपनी ने विस्तार

ग्रेट लर्निंग ने कहा कि यह भारत, उत्तरी अमेरिका, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है. यह ऑर्गेनिक के साथ-साथ इनऑर्गेनिक विकास पर केंद्रित है, जहां यह इन बाजारों में विभिन्न कंपनियों का अधिग्रहण करने की योजना बना रहा है. लखमराजू ने कहा, 'हमने कुछ अधिग्रहण किए हैं और अधिक (अधिग्रहण) भी देख रहे हैं.'

इस साल मई में, ग्रेट लर्निंग ने सिंगापुर स्थित नॉर्थवेस्ट एक्जीक्यूटिव एजुकेशन का अधिग्रहण किया, जो कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों की वैश्विक प्रदाता है. सौदे का मूल्य कथित तौर पर $ 100 मिलियन है. इस साल की शुरुआत में इसने टैलेंट रिक्रूटमेंट ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म सुपरसेट का भी अधिग्रहण किया.

ला रहा है नए लर्निंग कोर्स

ग्रेट लर्निंग डिजिटल अर्थव्यवस्था को चलाने वाले विभिन्न व्यवसाय, प्रौद्योगिकी और अंतःविषय डोमेन में कार्यक्रम पेश करता रहा है. योजना अब अक्षय ऊर्जा, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में भी पाठ्यक्रम पेश करने की है. यह विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी भी कर रहा है ताकि उन्हें सामग्री, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के साथ ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम प्रदान करने में मदद मिल सके.

भारत में टाइगर ग्लोबल के एमडी थे राजू

2013 में ग्रेट लर्निंग की स्थापना से पहले, लखमराजू शीर्ष उद्यम पूंजी फर्म टाइगर ग्लोबल के लिए भारत के प्रबंध निदेशक थे, जहां उन्होंने भारत और अन्य उभरते बाजारों में निवेश पर ध्यान केंद्रित किया. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बॉम्बे और स्टैनफोर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र लखमराजू ने सिलिकॉन वैली में करीब 10 साल बिताए. वह एक उद्यमी था जिसने स्ट्रैटिफाई (अब एचपी का एक डिवीजन) नामक एक सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस कंपनी बनाने में मदद की और फिर ड्रेपर फिशर जुरवेटसन (डीएफजे) में एक उद्यम पूंजीपति के रूप में काम किया.

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भारतीय बाजार में उतरने को तैयार L Catterton, HUL के पूर्व सीईओ के साथ मिलाया हाथ

दुनिया के सबसे बड़े रईस बर्नार्ड अरनॉल्ट भारत में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है. उनकी ग्लोबल इनवेस्टमेंट फर्म L Catterton ने भारत में एक जॉइंट वेंचर बनाया है.

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
Sanjeev Mehta

दुनिया के सबसे बड़े रईस और फ्रांसीसी बिजनेसमैन बर्नार्ड अरनॉल्ट भी अब भारत में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं. अरनॉल्ट दुनिया की सबसे बड़ी लग्जरी गुड्स कंपनी LVMH Moët Hennessy के सीईओ हैं. इस कंपनी की ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म L Catterton ने कहा कि उसकी एशिया यूनिट ने भारत में एक कंज्यूमर फोकस्ड जॉइंट वेंचर बनाया है. इसके लिए कंपनी ने हिंदुस्तान यूनिलीवर के सीईओ रहे संजीव मेहता के साथ हाथ मिलाया है. दोनों पक्ष मिलकर एक नई इन्वेस्टमेंट कंपनी का गठन करेंगे. 

L Catterton भारतीय कंपनियों में करेगी निवेश

नई इनवेस्टमेंट कंपनी का गठन फंड के रूप में नहीं किया जाएगा बल्कि यह एक इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म हो सकता है. इसके पीछे यह सोच है कि भारत के दूसरे फंड मैनेजर्स के साथ पार्टनरशिप की जाए और भारतीय कंपनियों में निवेश किया जाए. कंपनी देश की लोकल कंज्यूमर कंपनियों में 2.5 करोड़ से 15 करोड़ डॉलर तक निवेश करेगी. साथ ही यह कंपनी और एलसीए (LCA) जॉइंट इनवेस्टमेंट भी कर सकती हैं. अब तक L Catterton एशिया फंड के जरिए ही भारत में निवेश करती रही है. लेकिन इसके जरिए कंपनी पूरी तरह भारत के लिए फोकस्ड एक इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बनाना चाहती है. 

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निवेश करने का यह बेहतर समय

HUL के पूर्व सीईओ संजीव मेहता ने कहा कि मैं L Catterton की भारत और एशिया टीम में शामिल होने और उसके साथ काम करने के लिए उत्साहित हूं, क्योंकि फर्म ने भारत में कारोबार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर किया है. वहीं L Catterton के ग्लोबल को-सीईओ माइकल चू ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और भारत अब तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर है. बाजार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को गहरा करने और उपभोक्ता व्यवसायों में निवेश करने का इससे बेहतर समय कभी नहीं हो सकता है.

संजीव मेहता के पास है काफी अनुभव

अरनॉल्ट की कंपनी भारत में संजीव मेहता के अनुभव का पूरा फायदा उठाना चाहती है. उनकी लीडरशिप में हिंदुस्तान यूनिलीवर का मार्केट कैप पांच गुना बढ़कर 6.2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था. मार्केट कैप के हिसाब से यह देश की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी और देश की सबसे तेजी से बढ़ रही एफएमसीजी कंपनी थी. आज इसका मार्केट कैप 532,946.04 करोड़ रुपये है और मार्केट कैप के हिसाब से यह देश की नौवीं बड़ी कंपनी है. अरनॉल्ट और उनके परिवार की LVMH में 47.5% हिस्सेदारी है. इस लग्जरी हाउस के पास 70 से अधिक ब्रांड हैं. इनमें Louis Vuitton, Christian Dior, Fendi, Moët & Chandon, Hennessy, Sephora और Veuve Clicquot शामिल हैं. 
 


Byju's को शेयरहोल्डर्स का मिला सपोर्ट, EGM में बोर्ड के फैसले पर नहीं जताई कोई आपत्ति

Byju's के संस्थापक और परिवार को प्रबंधन पद से हटाने का प्रस्ताव रखने वाले नाराज निवेशकों में से किसी ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
Byju's

बायजू ब्रैंड (Byju's) नाम से चलने वाली एजुटेक कंपनी की ओनर थिंक एंड लर्न (Think and Learn) को शेयर होल्डर से सपोर्ट मिला है. शेयर होल्डर ने शुक्रवार को हुई Extraordinary General meeting (EGM) में कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाने के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं जताई. कंपनी से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बायजू के संस्थापक और परिवार को मैनेजमेंट पोजीशन से हटाने का प्रस्ताव रखने वाले नाराज निवेशकों में से किसी ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने का मामला

कंपनी की मीटिंग सुबह 10 बजे शुरू हुई, जिसमें Think and Learn मैनेजमेंट के साथ करीब 20 निवेशक प्रतिनिधि उपस्थित रहे. इससे EGM के लिए जरूरी ‘कोरम’ पूरा हो गया. पोस्टल बैलेट के संबंध में कुछ प्रश्न पूछे गए जिसके बार में चेयरमैन और सीएस (CS) ने जवाब दिए. इसमें कोई आपत्ति नहीं उठाई गई. बायजू ने राइट्स इश्यू के जरिए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी की ऑथराइज्ड शेयर पूंजी बढ़ाने के लिए EGM (असाधारण आम बैठक) बुलाई थी.

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EGM का किसी ने नहीं किया बहिष्कार 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बायजू से जुड़े सूत्रों ने कहा कोई भी नाराज निवेशक अपनी चिंताओं को उठाने के लिए EGM में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ. निवेशक पक्ष के एक सूत्र ने दावे का विरोध किया और कहा कि सभी निवेशकों के ऑथराइज्ड प्रतिनिधि EGM में शामिल हुए थे. किसी ने इसका बहिष्कार नहीं किया. लोग या तो EGM में या फिर पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान कर सकते हैं, इसलिए हमें 6 अप्रैल के बाद ही परिणाम पता चल पाएंगे. बायजू के प्रस्ताव पर पोस्टल बैलेट के जरिए वोट करने का विकल्प छह अप्रैल को बंद हो जाएगा. 

4 निवेशकों ने NCLT का किया था रुख

चार निवेशकों प्रोसस (Prosus), जनरल अटलांटिक (General Atlantic), सोफिना (Sofina) और Peak XV के एक समूह ने टाइगर और आउल वेंचर्स सहित दूसरे शेयरधारकों के समर्थन के साथ बायजू की EGM के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया था. इन 6 निवेशकों के पास संयुक्त रूप से कंपनी की 32 प्रतिशत हिस्सेदारी है. NCLT की बेंगलुरु बेंच ने 'थिंक एंड लर्न' की 29 मार्च को बुलाई गई असाधारण आम बैठक (EGM) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
 


Canara Bank से छुट्टी वाले दिन आई ये बड़ी खबर, सोमवार को बाजार में दिखेगा असर

केनरा रोबेको AMC की स्थापना 1993 में हुई थी और 2007 में इसका नाम बदला गया था.

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Friday, 29 March, 2024
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केनरा बैंक (Canara Bank) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. यह सरकारी बैंक अपनी सहायक कंपनी Canara Robeco Asset Management Company (CRAMC) में 13 प्रतिशत इक्विटी शेयर बेचने जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केनरा बैंक ने एक फाइलिंग में बताया है कि बोर्ड ने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्यम से CRAMC में 13 प्रतिशत हिस्सेदारी घटाने की प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दे दी है. हालांकि, हिस्सेदारी बेचने को लेकर अभी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेस और वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलना बाकी है. 

बन जाएगा ऐसा 5वां फंड
बैंक को अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी को लिस्ट कराने की प्रक्रिया शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी पहले ही मिल गई थी. यदि केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट शेयर बाजार में लिस्ट होती है, तो यह पांचवां लिस्टेड म्यूचुअल फंड हाउस होगा. HDFC एसेट मैनेजमेंट कंपनी, UTI एसेट मैनेजमेंट कंपनी, आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC और निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट पहले से ही बाजार में लिस्टेड हैं. 

1993 में हुई थी स्थापना
केनरा रोबेको AMC की बात करें, तो इसकी स्थापना 1993 में हुई थी. इसे कैनबैंक म्यूचुअल फंड के नाम से जाना जाता था. 2007 में, केनरा बैंक ने रोबेको समूह के साथ एक जॉइंट वेंचर (JV) साझेदारी में प्रवेश किया और म्यूचुअल फंड का नाम बदलकर केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड रख दिया. रोबेको, जापान के ORIX Corporation का हिस्सा है. Canara बैंक के हिस्सेदारी बेचने की खबर छुट्टी वाले दिन आई है. लिहाजा, इसका मार्केट पर क्या असर होता है, इसका पता सोमवार को ही चल पाएगा. 

इस कंपनी का भी आ रहा IPO
उधर, शापूरजी पलोंजी ग्रुप (Shapoorji Pallonji Group) के निवेश वाली कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनी एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर (Afcons Infrastructure) ने आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कंपनी अपने IPO के जरिए 7500 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर रही है. शापूरजी पल्लोनजी के पास इस कंपनी में 99.48% हिस्सेदारी है. गौरतलब है कि शापूरजी पलोनजी ग्रुप की स्टॉक बाजार में लिस्ट होने वाली आखिरी कंपनी स्टर्लिंग और विल्सन थी, जिसका आईपीओ अगस्त 2019 में आया था.

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चुनाव के दौरान और उसके बाद किन शेयर में आएगा उछाल, जानें क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी. वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस परिणाम का असर भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिल सकता है.

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Friday, 29 March, 2024
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लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद नई सरकार के गठन, नई घोषणाओं और पूरे साल की बजट प्रस्तुति के कारण कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जो हमेशा फोकस में रहते हैं. लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम भी पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी और इसका प्रभाव भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है. मार्केट के एक्सपर्ट्स ने कुछ ऐसे शेयरों का चयन किया है, जिनमें 2024 के चुनावों के दौरान और उसके बाद तेजी बनी रह सकती है. तो आइए आपको बताते हैं ऐसे कौन से शेयर हैं जो आपको लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद मालामाल बना सकते हैं.

किस लोकसभा चुनाव के बाद निफ्टी में आई उछाल? 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान निफ्टी इंडेक्स 5 में से 4 बार नीचे आया है. वहीं, 2009 के बाद इसमें सबसे ज्यादा तेजी आई, तब निफ्टी ने 25 प्रतिशत का रिटर्न दिया था. सबसे कम रिटर्न 2019 में था, जब इंडेक्स 8 प्रतिशत ऊपर था. 2004 में चुनाव से पहले पहले तीन महीनों में निफ्टी 10 प्रतिशत गिर गया था.

क्या है भारत इलेक्ट्रॉनिक्स शेयर का टारगेट प्राइस? 

एक्सपर्ट्स ने इस स्टॉक का टारगेट प्राइस 250 रुपये रखा है. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में कई कारणों से वृद्धि होगी, जैसे उसका रक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना, मजबूत पाइपलाइन और सरकार द्वारा निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना, राजस्व बढ़ाने के लिए मजबूत ऑर्डर प्रवाह वृद्धि,  ये सभी कारण इसके शेयर में तेजी लाएंगे. यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के निर्माण से भी जुड़ा है.

एल एंड टी के शेयर में क्यों आएगी तेजी?

लारसेन एंड टुर्बो लिमिटिड (Larsen and Toubro Ltd) इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार चुनाव के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपना फोकस बढ़ाने जा रही है. बजट में सेक्टर के लिए कुछ नई घोषणाएं भी हो सकती हैं. एल एंड टी कंपनी के पास फिलहाल 4.7 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. यह वित्त वर्ष 2023 में कंपनी के राजस्व का 3.8 गुना है. एलएंडटी कंस्ट्रक्शन की बिल्डिंग्स और फैक्ट्रीज वर्टिकल ने हाल ही में 2,500 करोड़ रुपये से 5,000 करोड़ रुपये के कई ऑर्डर जीते हैं. मोतीलाल ओसवाल ने एल एंड टी को 4,200 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ खरीदने की सलाह दी है. 

एचएएल को केंद्र सरकार लगातार मिल रहे ऑर्डर  

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड (Hindustan Aeronautics Ltd) कंपनी को केंद्र सरकार से लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं. पिछले हफ्ते इसे रक्षा मंत्रालय से 2,890 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एचएएल के शेयरों का लक्ष्य मूल्य 3,129 रुपये है. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि भू-राजनीति और एचएएल में पिछले दशक की तुलना में अधिक विमानों के ऑर्डर और विनिर्माण में तेजी को देखते हुए, उम्मीद है कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत की सैन्य विमान की स्ट्रेंथ में गिरावट आएगी. 

अडानी एंटरप्राइसिस में क्यों आएगी तेजी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले तीन महीनों में अडानी एंटरप्राइसिस के स्टॉक में काफी तेजी आ सकती है. ग्लोबल ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस 4,368 रुपये रखा है. इसमें कहा गया है है कि अडानी ने तरलता जोखिम को कम करने, प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कार्रवाई की है.

नोट: शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले अपने सलाहकार से सलाह जरूर ले लें.  इस खबर को पब्लिश करना सिर्फ खबर के माध्‍यम से जानकारी देना है.  


आशंका: टैंक अभी से करवा लें फुल, Petrol-Diesel की फिर होने वाली है किल्लत!

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक आदेश दिया था जिस पर अमल के चलते किल्लत हो सकती है.

नीरज नैयर by
Published - Friday, 29 March, 2024
Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
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आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की किल्लत देखने को मिल सकती है. दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2019 में एक आदेश पारित किया था, जिस पर अमल के चलते पेट्रोल-डीजल की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि कुछ समय पहले नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल की थी, जिसकी वजह से भी देश के कई हिस्सों में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर असर पड़ा था. 

बड़े शहरों में हुआ अमल
फिलहाल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक अप्रैल से पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है. NGT ने अपने 2019 के आदेश में कहा था कि पेट्रोल और डीजल टैंकरों को टॉप लोडिंग के बजाए बॉटम लोडिंग बदला जाना चाहिए. बड़े शहरों में तो यह फैसला लागू हो चुका है, अब भोपाल में इसे लागू किया जा रहा है. भोपाल जिले में कुल 151 पेट्रोल पंप हैं. जिले में 10 लाख लीटर पेट्रोल और 12 लाख लीटर डीजल की प्रतिदिन खपत होती है.   

डीलर्स के पास नए टैंकर नहीं 
भोपाल में एक रिलायंस डिपो है, जहां से भारत, हिंदुस्तान पेट्रोलियम पेट्रोल-डीजल लेते हैं. इस डिपो ने NGT के आदेश का हवाला देते हुए 1 अप्रैल से मौजूदा टॉप लोडिंग (ऊपर से भरने वाले) टैंकरों के बजाए बॉटम लोडिंग (नीचे से भरने वाले) टैंकर से ही सप्लाई का फैसला लिया है. जबकि पेट्रोल पंप डीलर्स के पास नए टैंकर नहीं हैं और इसके इंतजाम में लंबा समय लगेगा. BW हिंदी से बात करते हुए मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने स्वीकार किया कि सप्लाई प्रभावित हो सकती है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादा घबराने वाली बात नहीं है.

देरी से दी गई सूचना
इस सवाल के जवाब में कि क्या एसोसिएशन को NGT के आदेश की जानकारी नहीं थी? अजय सिंह ने कहा कि जानकारी तो थी, लेकिन इस पर अमल की सूचना काफी देरी से मिली. 1 अप्रैल की डेडलाइन से चंद दिन पहले ही हमें इस बारे में बताया गया, ऐसे में डेडलाइन पूरी करना मुश्किल है. नया टैंकर बनवाने में 7 से 8 महीने का समय लगता है. सिंह ने आगे कहा कि आदेश के अमल में आने के बाद पेट्रोल-डीजल बाहर से मंगवाना पड़ेगा और इसमें 48 से 72 घंटों का समय लग सकता है. ऐसे में पंपों पर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई देर से होगी. 

क्यों दिया था ये आदेश?
एसोसिएशन ने तेल कंपनियों से कुछ और समय की मांग की है. NGT ने टॉप लोडिंग के बजाए बॉटम लोडिंग टैंकरों से सप्लाई का आदेश पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए दिया था. दरअसल, पेट्रोल-डीजल की फिलिंग के दौरान खतरनाक गैसें निकलती हैं, जो टॉप फिलिंग होने पर सीधे वातावरण फैल जाती हैं. जबकि बॉटम फिलिंग से इस पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है.


निवेशकों को मनाने में जुटे Byju Raveendran, शेयर धारकों को भेजा 'शांति प्रस्ताव'

कुछ निवेशकों ने बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन को कंपनी से बाहर निकालने की कोशिश की थी. अब रवींद्रन बायजू ने इन निवेशकों को साथ आने का न्यौता भेजा है.

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Friday, 29 March, 2024
Byju Raveendran

वित्तीय संकट समेत अन्य दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक फर्म बायजू (Byju's) ने निवेशकों को 72 घंटे के भीतर फंडिंग राउंड में शामिल होने का न्यौता भेजा है. बायजू ने Peak XV Partners, जनरल अटलांटिक (General Atlantic), चान-जुकरबर्ग इनिशिएटिव (Chan-Zuckerberg Initiative) और प्रोसुस (Prosus) जैसे निवेशकों के साथ असहमति दूर करने की एक और कोशिश है. इन निवेशकों ने राइट्स इश्यू का रास्ता बंद करने और बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन को कंपनी से बाहर निकालने की कोशिश की थी. इस मामले में बायजू रवींद्रन ने निवेशकों को जो लेटर भेजा है.

निवेशकों को मनाने की कोशिश

बायजू रवींद्रन ने लेटर में लिखा है कि पिछले महीने राइट्स इश्यू बंद हो गया. यह मौजूदा चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिस्थितियों में कंपनी की स्थिरता और विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल (Authorised Share Capital) बढ़ाने के लिए पहले ही 50% से अधिक वोट मिल चुके हैं. बायजू ने कहा कि इस कंपनी की शुरुआत से ही उनका दृष्टिकोण सभी को एक साथ लेकर चलने और हमेशा चुनौतियों का सामना एक साथ करने का रहा है. चूंकि कुछ निवेशकों ने राइट्स इश्यू में हिस्सा नहीं लिया था तो इसे ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने कहा कि वह सभी निवेशकों को इस बदलाव की कहानी का हिस्सा बनाना चाहते हैं.

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जनवरी में आया था Rights Issue

बायजू कंपनी जनवरी महीने में 20 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए राइट्स इश्यू (Rights Issue) को लाई थी. हालांकि यह इश्यू 22-25 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर लाया गया था जो इसके 2200 करोड़ डॉलर के रिकॉर्ड वैल्यूएशन से करीब 99 फीसदी डिस्काउंट पर है. यह इश्यू पूरा भर चुका है और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए राइट्स इश्यू में 4.5-4.6 करोड़ डॉलर लगाने की तैयारी में हैं. 

निवेशकों ने राइट्स इश्यू को बताया था गैरकानूनी

इससे पहले एनसीएलटी (NCLT) में सुनवाई के दौरान निवेशकों ने कहा था कि राइट्स इश्यू के लिए कंपनी का कदम अवैध और गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. वहीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि निवेशक कंपनी के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं.
 


निवेशकों की झोली भरने वाली Suzlon Energy की कटेगी जेब, मिल गया इतने करोड़ का नोटिस

शेयर बाजार में सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड ने अब तक काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. उसने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है.

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में धूम मचाने वाली रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy) को बड़ा झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी पर 260.35 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. डिपार्टमेंट के नेशनल फेसलेस एसेसमेंट सेंटर ने एसेसमेंट ईयर 2016-17 और 2017-18 के मामले में यह कार्रवाई की है. यह जुर्माना गुडविल पर आधारित डेप्रिसिएशन के क्लेम को अस्वीकार करने से जुड़ा है.

ट्रिब्यूनल के पास लंबित है मामला
वहीं, सुजलॉन एनर्जी आयकर विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने पर आपत्ति जताई है. कंपनी ने कहा है कि पहले के न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए उसका मानना है कि जब तक इस सिलसिले में अपील पर सुनवाई पूरी नहीं की जाती, तब तक जुर्माने की कार्यवाही को रोका जाना चाहिए. सुजलॉन एनर्जी के मुताबिक, इस मामले में अपील फिलहाल ट्रिब्यूनल के पास लंबित है, लिहाजा पेनल्टी ऑर्डर को उचित नहीं माना जा सकता.

जुर्माने को चुनौती देने की तैयारी
सुजलॉन एनर्जी ने आगे कहा कि कंपनी अपीलेट/न्यायिक फोरम के सामने जुर्माने को चुनौती देने की प्रक्रिया में है और उसके द्वारा उठाए गए सवाल जायज हैं. जुर्माने के बारे में कंपनी ने बताया कि क्लेम अस्वीकार करने से संबंधित सेक्शन 14A के तहत 35.11 करोड़ रुपए का जुर्माना और सेक्शन 32 (1) के तहत गुडविल से जुड़े डेप्रिसिएशन को अस्वीकार करने के लिए 132.48 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. इसके साथ ही देरी से भुगतान के लिए भी पेनल्टी लगाई गई है. 

स्टॉक मार्केट में शानदार प्रदर्शन
वहीं, शेयर बाजार में कंपनी के प्रदर्शन की बात करें, तो Suzlon Energy के शेयर धूम मचा रहे हैं. कल यह 4.94% की उछाल के साथ 40.40 रुपए पर बंद हुए. बीते 5 कारोबारी सत्रों में इस शेयर ने शानदार 10.38 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक ये 4.94% ऊपर चढ़ चुका है. पिछले एक साल में Suzlon के शेयर अपने निवेशकों को 408.18% का रिटर्न देकर मालामाल कर चुके हैं. इस रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी का पोर्टफोलियो मजबूत है. उसे लगातार नए ऑर्डर मिल रहे हैं, इस वजह से उसके शेयरों की चाल भी तेज हो रही है.


FY24 के आखिरी दिन तूफानी तेजी के साथ बंद हुआ Share Market, निवेशकों की हुई बंपर कमाई

फाइनेंशियल ईयर 2024 के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिली. आज के बाद अब स्टॉक मार्केट सोमवार को खुलेगा.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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फाइनेंशियल ईयर 2024 के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही. ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 655.04 अंक की तेजी के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई (NSE) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 203.25 अंक की बढ़त के साथ 22,326.90 के स्तर पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 0.62% और 0.33% की बढ़त के साथ बंद हुए. बीएसई के सभी सेक्टरोल इंडेक्स भी हरे निशान में रहे. 

27 शेयर तेजी के साथ बंद

बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के 30 में से 27 शेयर आज तेजी के साथ बंद हुए. इसमें भी बजाज फिनसर्व (Bajaj Fiserv) के शेयरों में सबसे अधिक 3.91% की तेजी रही. इसके बाद बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), नेस्ले इंडिया (Nestle India), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पावर ग्रिड (Power Grid) के शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही और ये 2.20% से लेकर 2.98 फीसदी तक की तेजी के साथ बंद हुए. वहीं सेंसेक्स के सिर्फ 3 शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए. इसमें भी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) का शेयर 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा. वहीं एक्सिस बैंक (Axis Bank) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर 0.67% और 0.55% की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए. 

Byju's ने ली राहत की सांस, NCTL ने EGM पर नहीं लगाई रोक, जानें क्या पूरा मामला?

निवेशकों ने कमाए ₹3.27 लाख करोड़ 

बीएसई (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज बढ़कर 386.91 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी बुधवार 27 मार्च को 383.64 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है यानि निवेशकों की वेल्थ में करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

नए फाइनेंशियल ईयर का इंतजार

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिली. आज के बाद अब स्टॉक मार्केट सोमवार को खुलेगा. इस बीच में, शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छुट्टी है. निवेशकों को अब नए फाइनेंशियल ईयर का इंतजार है. दरअसल, अप्रैल महीने में कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होने वाले हैं. निवेशक अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों के तिमाही नतीजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं. 
 


Byju's ने ली राहत की सांस, NCTL ने EGM पर नहीं लगाई रोक, जानें क्या पूरा मामला?

निवेशकों के मुताबिक NCLT ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह EGM बुलाई गई है.

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Thursday, 28 March, 2024
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लिक्विडिटी की दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक कंपनी बायजू (Byju's) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बड़ी राहत दी है. NCLT ने बोर्ड डायरेक्टर्स की तरफ से बुलाई गई एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस बैठक को राइट्स इश्यू (Right Issue) को लेकर ऑथराइज्ड कैपिटल जुटाने के उद्देश्य से बुलाया गया है. अब इस मामले में NCLT अगले महीने 4 अप्रैल को सुनवाई करेगी. इसमें बाकी मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा, ईजीएम 29 मार्च को होनी है. 

निवेशकों और Byju's के बीच तकरार

निवेशकों के मुताबिक NCLT ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह EGM बुलाई गई है. 27 फरवरी को NCLT ने बायजू को राइट्स इश्यू से मिले पैसों को तब तक एस्क्रो खाते (Escrow Account) में रखने का निर्देश दिया जब तक कि चार निवेशकों की तरफ से दायर उत्पीड़न और खराब मैनेजमेंट से जुड़ी याचिका पर फैसला न आ जाए. ट्रिब्यूनल ने बायजूज राइट्स इश्यू की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करने का निर्देश दिया था ताकि इसके लिए अप्लाई करने के अधिकारों पर विपरीत असर न पड़े, हालांकि NCLT ने राइट्स इश्यू को रोकने की याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया. 

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मामले पर 4 अप्रैल को होगी सुनवाई

आज सुनवाई के दौरान निवेशकों ने यह भी कहा कि बायजू ने उन्हें EGM में वोट करने के तरीके पर फैसला लेने के लिए डॉक्यूमेंट्स देखने की भी मंजूरी नहीं दी. इसके अलावा सभी निवेशकों को कानून के मुताबिक EGM का नोटिस भी नहीं दिया गया है. वहीं, बायजू का कहना है कि निवेशकों को डॉक्यूमेंट देखने का मौका दिया गया था और सभी शेयरधारकों को EGM बुलाने का नोटिस भी दिया गया था. NCLT ने कहा कि चूंकि मामले पर 4 अप्रैल को सुनवाई होनी है तो अब अंतरिम आदेश पारित करने की कोई वजह नहीं दिखती है. 

निवेशकों ने EGM को बताया गैरकानूनी

NCLT में सुनवाई के दौरान निवेशकों ने कहा था कि राइट्स इश्यू के लिए कंपनी का कदम अवैध और गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. वहीं, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि निवेशक कंपनी के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं. 
 


रघुराम राजन को इस शख्‍स ने दिया जवाब, पैराशूट अर्थशास्‍त्री का दिया उदाहरण 

रघुराम राजन के बयान पर जहां नीति आयोग के सदस्‍य अरविंद विरमानी ने सवाल उठाया तो मोहनदास पाई ने भी जवाब देने में देरी नहीं लगाई.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
RaghuRamRajan

 आरबीआई(RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की भारत की ग्रोथ को लेकर की गई टिप्‍पढ़ी के बाद अब कई अर्थशास्त्रियों ने उसका जवाब दिया है. नीति आयोग के सदस्‍य अरविंद विरमानी ने रघुराम राजन के बयान को लेकर  को लेकर कहा है कि वो भारत के बारे में ऐसे बात कर रहे हैं जैसे आज तक कभी भारत आए ही न हो. रघुराम राजन ने कहा कि था कि भारत अपनी ग्रोथ के बारे में हो रहे प्रचार पर विश्‍वास कर गलत कर रहा है. 

क्‍या बोले अरविंद विरमानी? 
रघुराम राजन के बयान पर अपनी बात कहते हुए अरविंद विरमानी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 
1990 के दशक के बीओपी संकट के दौरान, हमारे पास डब्ल्यूबी, आईएमएफ और अन्य एमडीबी अर्थशास्त्रियों के लिए एक शब्द हुआ करता था: ‘पैराशूट अर्थशास्त्री’ विरमानी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'दुख की बात है कि एक पूर्व आरबीआई गवर्नर उस व्यक्ति की तरह लगते हैं जिसने आधी सदी तक भारतीय अर्थव्यवस्था पर काम किया है. 

रघुराम राजन ने कही थी ये बात 
रघुराम राजन ने कहा कि एक साझात्‍कार के दौरान ये कहा था कि राजन ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है कि भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था नहीं बन पाएगा और उन्होंने कहा कि उस लक्ष्य के बारे में बात करना ‘बकवास’ होगा ‘यदि आपके बहुत से बच्चों के पास हाई स्कूल की शिक्षा नहीं है और ड्रॉप-आउट दरें ऊंची बनी हुई हैं’. उनके इस बयान के सामने आने के बाद कई जानकारों ने उसकी निंदा की थी. मोहनदास पाई ने उनके बयान को सिली को कहते हुए कहा था कि उनका बयान भारत की ग्राउंड स्थिति से मैच नहीं करता है. उन्‍होंने ये भी कहा कि आज देश में स्‍कूल ड्रापआउट कम हो रहा है, कालेज एडमिशन के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है. यही नहीं कई लोगों को रोजगार भी दिया गया है. 

शिक्षा पर काम करने की बजाए चिप बना रही है सरकार 
पेशे से शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त के प्रोफेसर के तौर पर तैनात राजन इससे पहले भारत में आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं. उन्‍होंने भारत की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि भारत को अगर 8 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल करती है तो उसे ज्‍यादा मेहनत करनी होगी. उन्‍होंने सरकार के द्वारा स्‍कूलों से लेकर शिक्षा व्‍यवस्‍था को ठीक करने की बजाए सरकार पर चिप इंडस्‍ट्री जैसे महत्‍वाकांक्षी काम करने को लेकर आलोचना की. 
उन्होंने शिक्षा प्रणाली को ठीक करने के लिए काम करने के बजाय चिप निर्माण जैसी हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी सरकार की आलोचना की