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1 अप्रैल से Finance Bill में हो जाएगा बदलाव, आपके Profit पर भी लग सकता है Tax
फाइनेंस बिल में होने वाले बदलावों के अनुसार ऐसे डेब्ट फंड्स पर टैक्स लगाया जाएगा जिनका इन्वेस्टमेंट इक्विटी शेयर्स में 35% से ज्यादा नहीं है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
वित्त मंत्रालय जल्द ही फाइनेंस बिल में एक जरूरी बदलाव कर सकता है. डेब्ट म्युचुअल फंड के इन्वेस्टर्स को लॉन्ग-टर्म कैपिटल के मुनाफे पर होने वाले टैक्स फायदों को इस बदलाव द्वारा खत्म कर दिया जाएगा. फाइनेंस बिल में सुझाए गए बदलावों के अनुसार इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर ऐसे डेब्ट फंड्स पर टैक्स लगाया जाएगा जिनका इन्वेस्टमेंट इक्विटी शेयर्स में 35% से ज्यादा नहीं है. साथ ही ऐसे डेब्ट म्युचुअल फंड्स को शॉर्ट-टर्म कैपिटल माना जाएगा.
इस वक्त लगाया जाता है इतना टैक्स
फिलहाल ऐसे डेब्ट म्युचुअल फंड्स को लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाता है जिनमें कई सालों तक इन्वेस्टमेंट को बचाकर रखा जाता है. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट वाले डेब्ट म्युचुअल फंड्स पर इंडेक्सेशन के फायदों के साथ 20% के रेट से और बिना इंडेक्सेशन के 10% के रेट से टैक्स लगाया जाता है. जो लोग 3 साल से कम समय के लिए डेब्ट म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते हैं उन पर उचित टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा. फाइनेंस बिल में सुझाए गए इन बदलावों को आज संसद में पेश किया जा सकता है.
शेयर मार्केट पर पड़ा खबर का असर
आज यह खबर आने के बाद से शेयर मार्केट में म्युचुअल फंड कंपनियों के शेयर्स काफी नीचे ट्रेड कर रहे हैं. HDFC AMC के स्टॉक में 4%, Nippon AMC के स्टॉक में 1.75% और UTI AMC में 2% की गिरावट देखने को मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इक्विटी रिसर्च कंपनी ‘Fintrekk’ के इन्वेस्टमेंट एडवाइजर अमित कुमार गुप्ता ने कहा है कि, यह फैसला भारत की नई डेब्ट मार्केट पर बहुत बड़ा प्रभाव डालेगा. डेब्ट म्युचुअल फंड्स में होने वाले टैक्स फायदों का अब खत्म हो चुका है और अब डेब्ट म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट करना भी FDs (फिक्स्ड डिपॉजिट) और NCDs (नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स) जैसा ही हो गया है. ऐसे बैंकर्स जो हमेशा डिपॉजिट कम होने की शिकायत करते थे उन्हें अचानक से बहुत अच्छा जवाब मिल गया है.
नए नियमों के लागू होने से पहले कर लें ये काम
फाइनेंस बिल में सुझाए गए ये बदलाव डेब्ट म्युचुअल फंड्स के साथ-साथ गोल्ड, अंतरराष्ट्रीय इक्विटी और घरेलु इक्विटी FOF (फंड ऑफ फंड्स) पर भी लागू किये जायेंगे. इन बदलावों की जांच करने के बाद अगर इन्हें आगे बढ़ा दिया जाता है तो ये बदलाव 1 अप्रैल 2023 से लागू कर दिए जायेंगे. इसीलिए ऐसे इन्वेस्टर्स जो इन नियमों के लागू होने से पहले फायदा उठाना चाहते हैं, वह वित्त वर्ष खत्म होने से पहले ही ऐसा कर लें.
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