धनतेरस पर मार्केट में इतना बरसा धन, तोड़ दिए पिछले सारे रिकॉर्ड, जमकर बिका सोना-चांदी

यह भी संयोग ही है कि लगातार दो साल तक कोरोना के साये में दिवाली बिताने के बाद इस साल दिवाली के दो दिन धनतेरस पड़ रहा है.

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Sunday, 23 October, 2022
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नई दिल्लीः इस दिवाली बिजनेस को पंख लग गए हैं. यह भी संयोग ही है कि लगातार दो साल तक कोरोना के साये में दिवाली बिताने के बाद इस साल दिवाली के दो दिन धनतेरस पड़ रहा है. इससे लोगों को ढेर सारी वस्तुएं खरीदने का मौका मिला. कैट और इब्जा की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल धनतेरस के दो दिनों के दौरान 45,000 करोड़ रुपये के सामान की बिक्री हुई. इसमें से 25,000 करोड़ रुपये के आभूषण बेचे जा चुके हैं. 

बाजार में जबरदस्त उत्साह

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि इस साल की दिवाली बाजार के लिए बहुत अच्छी गई है. पंचांग तिथि के अनुसार कल और आज दो दिन तक देश भर में धनतेरस का पर्व मनाया गया. कैट के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान 45,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के सामान की बिक्री हुई. दो दिन में सिर्फ 25,000 करोड़ रुपये के आभूषण बिके। शेष 20,000 करोड़ रुपये ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर, कंप्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर और कार्यालय के फर्नीचर, मिठाई, नमकीन, रसोई के सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल आदि में बेचे गए.

1.50 लाख करोड़ की बिक्री दिवाली पर होने के आसार

धनतेरस के दोनों दिन बाजारों में भीड़ रहती है. कल और आज देश भर के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ रही. कोरोना के चलते दो साल से बाजार से दूर रहे ग्राहक अब पूरी भीड़ में बाजार में वापस आ गए हैं. कैट का अनुमान है कि इस साल दिवाली के जश्न की कुल बिक्री 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगी.

चीन ने 75,000 करोड़ रुपये गंवाए

कैट का कहना है कि इस दिवाली अच्छी बात हुई है. लोग भारतीय सामान को देश भर के बाजारों में ही खरीदना पसंद करते हैं. जब भारतीय सामान बिका तो यह साफ हो गया कि चीनी सामान की बिक्री नष्ट हो गई है. इससे चीन को इस साल दिवाली से जुड़े सामानों पर 75,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.

सोने-चांदी के गहनों की है काफी मांग

CAIT से संबद्ध संगठन ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के मुताबिक, बुलियन मार्केट भी कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है. भारत में सोने की मांग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. जुलाई-सितंबर तिमाही में घरेलू बाजार में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर 80% की वृद्धि हुई है, जो आर्थिक गतिविधियों में मजबूत वृद्धि और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद हुई है. अरोड़ा के अनुसार, 2022 में भारत के सोने के आयात में 2021 की तुलना में लगभग 11.72% की गिरावट आएगी. पिछले साल, जबकि भारत ने पहली छमाही में 346.38 टन सोने का आयात किया था, अब यह 308.78 टन है. इसके अलावा, पूरे देश में ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने पुराने आभूषणों को त्याग दिया और नए आभूषण खरीदे. इसे रीसाइक्लिंग होल्ड भी कहा जाता है. आभूषणों के साथ-साथ सिक्के और मूर्तियां भी बेची गई हैं.

इस साल सोने का आयात कम होने से पिछले दो साल के स्टॉक की भी जमकर बिक्री हुई है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय धनतेरस उत्सव में देश भर में भारी बिक्री हुई, जिसमें लगभग 25,000 करोड़ रुपये के सोने, चांदी, हीरे, आभूषण, सोने और चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन शामिल हैं.

इतने बिके इलेक्ट्रोनिक्स और फर्नीचर उत्पाद

ऑटोमोबाइल सेक्टर में 6,000 करोड़, फर्नीचर में 1,500 करोड़, कंप्यूटर और कंप्यूटर एक्सेसरीज में 2,500 करोड़, एफएमसीजी में 3,000 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में 1,000 करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम और पीतल के बर्तन, किचन अप्लायंसेज और किचन के अन्य सामानों की बिक्री हुई है. लगभग 700 करोड़ टेक्सटाइल, 1500 करोड़ रेडीमेड गारमेंट्स और फैशन अपैरल, दिवाली पूजा आइटम, घर और ऑफिस, फर्नीचर और इलेक्ट्रिकल्स में भी भारी व्यापार हुआ. साथ ही बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी, प्लाईवुड आदि की भी बिक्री देखने को मिली है. 

VIDEO: अब इस बड़ी कंपनी ने हजारों लोगों को निकाला, आने वाला समय डरावना

 


अब ONDC नेटवर्क में शामिल हुए कई Start-up,ऐसे अपनी पहुंच बढ़ाने की हो रही है तैयारी 

कई प्‍लेटफॉर्म को अपने मंच पर लाकर उन्‍हें एक बड़ा बाजार मुहैया करा चुके ONDC के साथ कई और स्‍टार्टअप जुड़ गए हैं. इनमें कोई गेमिंग सेक्‍टर से है तो कई ट्रैवल सेक्‍टर में काम करता है.  

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Friday, 17 May, 2024
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अब तक कई कंपनियों को अपने नेटवर्क से जोड़ चुके ओएनडीसी ने अब स्‍टार्टअप को इससे जोड़ने की पहल शुरू की है. शुक्रवार को इस दिशा में कॉमर्स मिनिस्‍ट्री में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में Ease My Trip, Winzo, Policy Bazaar, Paisa Bazaar, ShipRocket जैसी कई कंपनियां इसमें शामिल हुए. ONDC के साथ शामिल हुई इन कंपनियां अपने बाजार और क्‍लाइंट बेस को बढ़ाने के मकसद से इस प्‍लेटफॉर्म के साथ जुड़ी हैं. 

ONDC startup Mahotsav में शामिल हुए ये स्‍टार्टअप 

ओएनडीसी की ओर से आयोजित किए गए इस इवेंट में हाइब्रिड मोड से लगभग 5,000 स्टार्टअप्स शामिल हुए. इवेंट के दौरान स्टार्टअप्स, यूनिकॉर्न और ईजमाईट्रिप (Easemytrip), ऑफबिजनेस(OffBusiness), विंजो(WinZo), लिवस्पेस(Livspace), ग्लोबलबीज(Globalbees), प्रिस्टिन केयर(Pristincare), कार्स24(Cars24), फिजिक्स वाला (Physicswala), पॉलिसीबाजार(PolicyBazaar) और ज़ेरोधा(Zerodha) जैसे उच्च विकास व्यवसायों सहित 125 से अधिक पारिस्थितिकी तंत्र हितधारकों ने आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए. ये एलओआई ओएनडीसी की क्षमता और मंच के साथ सहयोग करने के लिए देश के अग्रणी स्टार्टअप की उत्सुकता को दर्शाते हैं.

DPIIT सचिव ने कही ये अहम बात 
कई स्‍टार्टअप के ONDC  के साथ हाथ मिलाने के DPIIT के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा‍ कि ओएनडीसी और स्‍टार्टअप कम्‍यूनिटी के बीच हुए इस समझौते से दोनों पक्ष बेहद खुश हैं. आज के इस कार्यक्रम में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई है कि आखिर कैसे स्‍टार्टअप ओएनडीसी के साथ मिलकर और बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं. आज के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्‍या में स्‍टार्टअप के फाउंडर, वीसी और प्रमोटर शामिल हुए हैं. आज कई प्रकार स्‍टार्टअप ने इसे लेकर अपने विजन के बारे में बताया है. आपने महसूस किया होगा कि सरकार की इस कोशिश को लेकर स्‍टार्टअप कम्‍यूनिटी के अंदर बेहद खुशी थी. आज हमने जितनी उम्‍मीद की थी उससे ज्‍यादा लोगों ने अपनी भागीदारी दिखाई है. आज 12 यूनीकॉर्न ने लेटर ऑफ इंटेट साइन किया है.

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ONDC के सीईओ ने कही ये बात 
कई स्‍टार्टअप के ONDC नेटवर्क के साथ जुड़ने के करार के बाद ONDC सीईओ टी कोशी ने कहा कि आज देश में टियर 2 टियर 3 शहरों से हमें बेहतरीन रिस्‍पांस मिल रहा है. 60 से 66 प्रतिशत तक मोबिलिटी हमें इन शहरों से देखने को‍ मिल रही है. उन्‍होंने कहा कि जब भी कोई नया आईडिया आता है तो उसे सभी नहीं अपनाते हैं. लेकिन हम मानते हैं कि हमारा आईडिया पूरी तरह से कामयाब होगा. 

WINZO के को फाउंडर ने कही ये बात 
WinZO के सह-संस्थापक पवन नंदा ने इस साझेदारी के बाद कहा कि मौजूदा डिजिटल युग (Digital Era) में, इनोवेशन को लोकतांत्रिक बनाना एंटरप्राइजेस के आने वाले कल की सफलता की कुंजी है. जिस तरह यूपीआई ने 2018 में भुगतान में क्रांति ला दी और हमारी जैसी कंपनियों को उभरने में मदद की और 175 मिलियन गेमर्स तक पहुंचने के लिए माध्‍यम बनी.  WinZO और ONDC की पार्टनरशिप के साथ  हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना कर सकते हैं जहां कई और WinZO उभरेंगे और इस प्‍लेटफॉर्म पर इनोवेशन करेंगे. 
 


इंडियन करेंसी को मजबूत करने के लिए RBI ने उठाया ये कदम, अब नहीं गिरेगा रुपया!

आरबीआई रुपये पर दबाव को कम करने के लिए अमेरिकी डॉलर बेच रहा है. इन्हें सरकारी बैंकों के माध्यम से बेचा जाएगी.

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Friday, 17 May, 2024
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पिछले कुछ कारोबारी सत्र से डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी देखी जा रही है. अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी करेंसी को सपोर्ट देने के लिए एक नया कदम उठा रहा है. तो चलिए जानते हैं आरबीआई ऐसा क्या कदम उठाने जा रही है, जिससे रुपये में आ रही गिरावट को रोका जा सकेगा?

रुपये को मजबूत करने के लिए डॉलर की सेल

जानकारी के अनुसार आरबीआई रुपये पर दबाव को कम करने के लिए अमेरिकी डॉलर बेच रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि निकट अवधि के दौरान रुपये में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखने को मिलेगी. इसका रुपये पर कुछ असर भी दिख रहा है। शुक्रवार के कारोबारी सत्र में 1 डॉलर का मुकाबला रुपया 83.48 के स्तर पर खुला और 83.33 पर बंद हुआ, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में यह 83.50 के स्तर पर बंद हुआ था।. इसका मतलब कि पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में इसमें कोई खास बदलाव नहीं हुआ और यह तकरीबन जस का तस ही खुला.

क्यों आई गिरावट?
पिछले कुछ समय से भारत के इक्विटी मार्केट में लगातार बिकवाली हो रही है. विदेशी निवेशक लोकसभा चुनाव के हुई कम वोटिंग जैसी चिंताओं के चलते मार्केट से अपने शेयर बेच रहे हैं. हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक का जोर खरीदारी पर ही है. फिर भी इक्विटी मार्केट में अस्थिरता काफी बढ़ गई है. वहीं, लोकल इंपोर्टर्स की ओर से डॉलर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. इन सबके चलते रुपये पर काफी दबाव था और उसकी कीमत लगातार घट रही थी. यही, कारण है कि आरबीआई को डॉलर बेचने जैसा एहतियाती कदम उठाना पड़ा.

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नहीं आएगी रुपये में गिरावट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरबीआई सरकारी बैंकों के माध्यम से यह 83.50 रुपये के स्तर पर डॉलर बेच रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुसार आरबीआई जिस तरीके से रुपये का बचाव कर रहा है, उससे नहीं लगता कि निकट अवधि में रुपये में कोई बड़ी गिरावट आने वाली है.


इतने प्रतिशत तक गिर सकता है Vodafone Idea का शेयर, आपने तो नहीं लगाया है पैसा?

एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है.

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Friday, 17 May, 2024
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टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयर आज यानी शुक्रवार को भले ही बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हों, लेकिन इनमें करीब 25 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि Voda-Idea के शेयर मौजूदा स्तर से लुढ़क सकते हैं. इसके साथ ही ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक बेचने की सलाह दी है. 

कंपनी का घाटा बढ़ा
ब्रोकरेज फर्म का यह अनुमान ऐसे समय में सामने आया है जब वोडाफोन आइडिया का शुद्ध घाटा मार्च तिमाही में बढ़कर 7,674 करोड़ रुपए पहुंच गया है. इसके पहले के वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 6,418.9 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. हालांकि, कंपनी का रिवेन्यु मार्च तिमाही में मामूली बढ़त के साथ 10,606 करोड़ रुपए रहा है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी के वित्तीय परिणामों से पहले जारी अपने रिपोर्ट में कहा था कि वोडाफोन आइडिया का शेयर एक जोखिम भरा दांव दिखाई दे रहा है. 

कब बेहतर हो सकती है स्थिति?
ब्रोकरेज फर्म ने कहा था कि सरकारी की तरफ से अतिरिक्त राहत मिलने, प्रतियोगिता में कमी आने और सब्सक्राइबर्स की घटती संख्या पर रोक लगने के बाद ही वोडा-आइडिया के लिए चीजें बेहतर हो सकती हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया को हालिया फंडिंग से बाजार में टिके रहने में मदद मिलेगी, लेकिन फिलहाल सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान कम है. कोटक ने कंपनी के शेयर पर 'Sell' रेटिंग बरकरार रखते हुए इसका टार्गेट प्राइज 10 रुपए तय किया है. 

हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड
फर्म के अनुसार, हमारे आउटलुक एनालिसिस में वोडाफोन आइडिया एक हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड वाला शेयर साबित हुआ है. तेजी के मामले में यह 23 रुपए तक जा सकता है, जबकि गिरावट की स्थिति में इसके 7 रुपए तक जाने की भी आशंका है. हालांकि इसकी फेयर वैल्यू हमने 10 रुपए आंकी है. कंपनी के शेयर आज एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 13.30 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. पिछले 5 दिनों में ये शेयर 5.98% चढ़ा है जबकि इस साल अब तक इसमें 21.76% की गिरावट भी आई है. 


10 रुपए से कम के इन 10 शेयरों ने दिखाया दम, क्या आपके पास है कोई?

पेनी स्टॉक्स में निश्चित तौर पर जोखिम ज्यादा रहता है, लेकिन कम कीमत के चलते यह लोगों को आकर्षित भी करते हैं.

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Friday, 17 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में कब कौनसा शेयर आसमान पर पहुंच जाए और कब कौनसा शेयर आसमान से जमीन पर आ जाए नहीं कहा जा सकता. मार्केट हर दिन कुछ न कुछ सरप्राइज देता रहता है. हालांकि, पर्याप्त रिसर्च और समझदारी से किया गया निवेश प्रॉफिट भी कमाकर देता है. यहां हम आपको 10 रुपए से कम कीमत वाले ऐसे 10 शेयरों के बारे में बता रहे हैं, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.

पहला नाम है Sarveshwar Foods
Penny Stocks की इस लिस्ट में पहला नाम है Sarveshwar Foods का. 1890 में स्थापित इस कंपनी का शेयर आज यानी 17 मई को भले ही गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन इसका इस साल अब तक का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. फिलहाल 9.45 रुपए के भाव पर मिल रहा कंपनी क स्टॉक बीते 5 दिनों में करीब 12% और 2024 में अब तक 61.54% का शानदार रिटर्न दे चुका है. इसी तरह, Bhandari Hosiery Exports ने शेयर ने इस साल अब तक 24.22% का रिटर्न दिया है. आज भी यह बढ़त के साथ 7.95 रुपए पर ट्रेड कर रहा है.

5 दिनों में 20.26% का रिटर्न
Mittal Life Style का शेयर कल 1.75 रुपए में उपलब्ध है. आज इसमें करीब 3 प्रतिशत का उछाल आया है और पिछले 5 सत्रों में यह 12.90% चढ़ा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी का मार्केट कैप 50.31 करोड़ रुपए है. नोएडा की कंपनी FCS Software Solutions के शेयर आज ग्रीन लाइन पकड़कर कारोबार कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक इसमें करीब 3% की तेजी आ चुकी थी. 3.90 रुपए के भाव वाले इस शेयर ने पिछले छह महीने में 36.84% का रिटर्न दिया है. इसी तरह, 1991 में स्थापित Prakash Steelage Limited का शेयर आज दोपहर 1 बजे तक करीब 5 प्रतिशत की उछाल के साथ 9.20 रुपए पर पहुंच गया था. पिछले 5 दिनों में इसने 20.26% का रिटर्न दिया है. हालांकि, इस साल अब तक इसमें 8.91% की गिरावट भी देखने को मिली है. 

निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान
इस लिस्ट में अगला नाम है Sunshine Capital Ltd. दिल्ली की इस कंपनी ने अपने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है. 3.62 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर ने इस साल अब तक 194.31% का शानदार रिटर्न दिया है और बीते 5 कारोबारी सत्रों में भी इसका रिकॉर्ड अच्छा है. Empower India के शेयर में आज भले ही नरमी का रुख है, लेकिन 2024 में अब तक यानी जनवरी से लेकर 17 मई तक इसने 45.40% का रिटर्न दिया है. Rhetan TMT Ltd. गुजरात की एक स्टील कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसका मार्केट कैप 1,027.17 करोड़ रुपए है. इसका शेयर इस साल अब तक 36.57% का रिटर्न दे चुका है. हालांकि, इसकी कीमत 10 रुपए से बढ़कर अब 13.63 रुपए हो चुकी है. 

अब ग्रीन लाइन पर लौटे
Debock Industries के शेयर पिछले 5 दिनों से हरे निशान पर दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान इन्होंने करीब 4 प्रतिशत का उछाल देखा है. Diligent Media Corporation के शेयर का भी यही हाल है. 4.25 रुपए की कीमत वाला ये स्टॉक आज तेजी के साथ कारोबार कर रहा है और बीते 5 सत्रों में इसने 4.94% का रिटर्न दिया है. BW हिंदी यह स्पष्ट करना चाहता है कि यहां बताए गए शेयरों का जिक्र लेवल जानकारी के लिए किया गया है. इसे निवेश की सलाह के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.   

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


TCS, Infosys के बाद इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों को दिया नोटिस, नहीं लौटे तो होगी छुटटी

दरअसल इससे पहले कंपनी का एचआर कर्मचारियों को मौखिक रूप से ये कह चुका है कि अगर उनके प्रोजेक्‍ट के लिए उनकी जरूरत ऑफिस में है तो उन्‍हें आना चाहिए. 

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Friday, 17 May, 2024
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कोविड के बाद बीमारी को लेकर भले ही हालात सही हो गए हों लेकिन आईटी सेक्‍टर में सबकुछ सही नहीं हुआ है. कोविड के दौरान शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों को कुछ ऐसा भा रहा है कि कंपनियों के द्वारा कई नोटिस देने के बावजूद Employee लौटने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब इसी कड़ी में आईटी सेक्‍टर की बड़ी कंपनी Cognizant ने अपने कर्मचारियों को आखिरी चेतावनी दे दी है कि अगर वो ऑफिस नहीं लौटे तो उन्‍हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. 

नौकरी से निकाल दिए जाएंगे कर्मचारी 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Congnizant अपने कर्मचारियों को लगातार मौखिक और मेल के जरिए सूचित कर चुकी है कि उन्‍हें हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आना चाहिए. लेकिन इस बार कंपनी की ओर से अपने कर्मचारियों को कहा गया है कि उन्‍हें पूरी तरह से ऑफिस आकर काम करना होगा. अगर अब भी कर्मचारी ऑफिस आकर काम नहीं करेंगे तो उन्‍हें नौकरी से निकाला जा सकता है. इससे पहले टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस जैसी कंपनिया भी अपने कर्मचारियों को इसी तरह का निर्देश जारी कर चुकी हैं. 

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क्‍या कहता है कंपनी का नोटिस? 
Congnizant ने अपने कर्मचारियों को जो मेल भेजा है उसमें कहा गया है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद अगर कर्मचारी ऑफिस आकर काम नहीं करेंगे तो उन्‍हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. मौजूदा समय में Congnizant के भारत और पूरी दुनिया में 3,47,700 कर्मचारी हैं जबकि अकेले भारत में कंपनी के 2,50 लाख कर्मचारी है. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि कंपनी की ओर से मौखिक तौर पर कहा गया है कि अगर किसी प्रोजेक्‍ट में कर्मचारियों को ऑफिस आकर काम करने की जरूरत है तो उन्‍हें करना चाहिए. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि ऑफिस लौटने की कोई विशेष तारीख नहीं दी गई थी क्‍योंकि ये प्रोजेक्‍ट की जरूरत पर निर्भर करता है. 

कई दूसरी कंपनियां दे चुकी हैं ऐसा नोटिस
ऐसा नहीं है अकेली Cognizant वो कंपनी है जिसने ऑफिस आने को लेकर अपने कर्मचारियों को इस तरह का नोटिस जारी किया हो. इससे पहले भारत की आईटी कंपनियां विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस जैसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने के लिए इस तरह का नोटिस जारी कर चुकी हैं. हालांकि कंपनियों को काफी हद तक अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने में कामयाबी हासिल हुई है. वर्ष 2023 में कंपनियों में अब बड़े पैमाने पर कर्मचारी ऑफिस आ रहे हैं. हालांकि कई कंपनियां फिलहाल हफ्ते में 3 दिन ही ऑफिस बुला रही हैं. 

 
 


कितनी अमीर हैं केजरीवाल के PA की करतूत पुलिस को बताने वालीं Swati Maliwal? 

स्वाति मालीवाल ने आखिरकार पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ दी है. वहीं, उनकी शिकायत पर पुलिस भी एक्शन में आ गई है.

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Friday, 17 May, 2024
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आम आदमी पार्टी (AAP) के कोटे से राज्यसभा पहुंचीं स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) के आरोपों ने दिल्ली की सियासत में भूचाल ला दिया है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जमानत मिलते ही फ्रंटफुट पर खेल रही AAP एक ही झटके में बैकफुट पर आ गई है. जबकि भाजपा को केजरीवाल पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बीच इस मामले का बढ़ना आम आदमी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने स्वाति की शिकायत पर केजरीवाल के PA विभव कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज कर ली है.     

विभव कुमार 'लापता'  
पुलिस ने जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं, जो विभव कुमार के आवास सहित अलग-अलग ठिकानों को खंगाल रही हैं. FIR के बाद से केजरीवाल के PA का कोई अतापता नहीं है. स्वाति मालीवाल ने 13 मई की घटना की पूरी जानकारी पुलिस के साथ साझा की है. उन्होंने बताया है कि जब वह मुख्यमंत्री आवास के ड्राइंग रूम में इंतजार कर रही थीं, तो केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार आए और बिना किसी उकसावे के उन्हें थप्पड़ मारा. इसके बाद कुमार उनके पेट पर मुक्के मारते रहे.

इन धाराओं में हुई FIR 
स्वाति के अनुसार, वह चिल्लाती रहीं, उन्होंने केजरीवाल के PA से ऐसा न करने की विनती भी की, लेकिन वह मारपीट करता रहा. स्वाति ने यह भी कहा कि जब केजरीवाल का PA उनकी छाती, चेहरे, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर वार कर रहा था, अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी आवास में भी मौजूद थे. पुलिस ने विभव कुमार के खिलाफ IPC की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी), और 509 के तहत केज दर्ज किया है. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था. मैंने पुलिस को अपना बयान दे दिया है. आशा है कि उचित कार्रवाई होगी.

तीन बैंकों में है स्वाति का खाता
चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि स्वाति मालीवाल के पास कुल कितनी दौलत है. स्वाति दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं. आम आदमी पार्टी ने उन्हें दिल्ली कोटे से राज्यसभा भेजा है. नेताओं की जन्मकुंडली रखने वाली वेबसाइट मायनेता के अनुसार, AAP सांसद की कुल संपत्ति 19,22,519 रुपए है. कैश के तौर पर उन्होंने 20 हजार होने की जानकारी दी थी. मालीवाल के तीन बैंकों में खाते हैं - State Bank of India, HDFC और Punjab National Bank, जिनमें उनके 32,115 रुपए जमा हैं.

इन Stocks में लगाया पैसा
स्वाति मालीवाल भी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करती है. उन्होंने कई कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया है. उनके पास Asian Paints, Alkyl Amines, Fine Organics, GMM PF, Grindwell Norton, Pidilite, TCS और Titan के शेयर हैं. इस तरह उन्होंने शेयर बाजार में करीब 8 लाख रुपए इन्वेस्ट किए हैं. इसके अलावा, उनका NSC, Postal Savings में तीन लाख का निवेश है. साथ ही उनके पास 6,62,450 की ज्वेलरी भी है. स्वाति मालीवाल ने 2 इंश्योरेंस पॉलिसी भी ली है, जिसके लिए उन्होंने 17,138 भरे हैं. आप की राज्यसभा सांसद के पास अपनी कोई कार नहीं है.  


सरकारी नौकरी नहीं, यूट्यूबर या शेयर बाजार के जरिये पैसा कमाना चाहता है आज का युवा, जानते हैं क्यों?

युवा पैसा कमाने के लिए पुराने तरीकों की जगह नए तरीकों से पैसा कमाना चाहते हैं. युवा युट्यूब और शेयर बाजार के जरिए पैसा कमाने के आसान विकल्प चुन रहे हैं.

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Friday, 17 May, 2024
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आज के डिजिटल युग में युवा आसान तरीके से ज्यादा पैसा कमाने के नए नए तरीकों से आकर्षित हो रहे हैं. वे अब अपने लिए सुरक्षित करियर बनाकर पैसा कमाने के पांरपरिक तरीके से काफी आगे निकल चुके हैं. अब युवा फाइनेंशियली सफलता के लिए सोशल मीडिया की चकाचौंध और शेयर बाजार से अधिक आकर्षित हो रहे हैं. एक सर्वे में जानकारी सामने आई है कि आज युवा (Gen Z) आईपीएस या आईपीएस बनने की जगह यूट्यूबर या शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर पैसा कमाना चाहता है. तो चलिए जानते हैं इसकी वजह?

कम समय में अधिक कमाई

डिजिटल अर्थव्यवस्था के उदय के साथ पारंपरिक नौकरियों से परे पैसा कमाने के कई नए मौके बढ़े हैं, जिससे लोगों को छोटे समय के लिए कॉन्ट्रैक्ट या फ्रीलांसिंग काम करके ज्यादा पैसा मिल रहा है. यह लचीलापन लोगों को अपनी शर्तों पर काम करने में सक्षम बनाता है और अक्सर पारंपरित नौकरी की तुलना में अधिक कमाई कराता है.

युवाओं ने पैसा कमाने के लिए चुने ये विकल्प

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक सर्वे में युवाओं से पैसा कमाने का सबसे बेस्ट तरीका पूछा गया, जिसमें उन्हें कंटेंट क्रिएशन, कारोबार, ट्रेडिंग या पब्लिक सर्विस का विकल्प दिया गया. इस सर्व में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई, जो या पहले आईपीएस या आईएएस अधिकारी बनने के सपने देखता था, वो अब सोशल मीडिया की चकाचौंध और पैसों से आकर्षित हो रहा है. सर्वे में करीब 14 हजार युवाओं को शामिल किया गया, जिसमें 35 प्रतिशत ने कारोबार करके पैसा कमाने की राह को चुना, 34.4 प्रतिशत युवाओं ने यूट्यूबर बनकर कमाई का एक सुविधाजनक तरीका चुना, 25.1 प्रतिशत ने ट्रेडिंग को चुना और केवल 5.6 प्रतिशत युवा ऐसे थे, जिन्होंने आईपीएस या आईएएस अधिकारी बनने का विकल्प चुना.

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क्रिएटिवी और काम की स्वतंत्रता

युवाओं का कहना है कि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उन्हें अपनी क्रिएटीविटी के जरिए काफी पैसा कमाने का मौका मिलता है. इसमें काम करने की स्वतंत्रता है. अपनी शर्तों पर काम करके कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है. वहीं, युवाओं ने शेयर बाजार को लेकर कहा है कि इसमें रिस्क है, लेकिन प्रॉफिट भी बहुत अधिक है. घर बैठे ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है.

 


अब UN ने कहा और बेहतर हो रही है भारत की आर्थिक हालत, 2025 में इतनी रह सकती ग्रोथ रेट 

भारत की तेज ग्रोथ को लेकर मूडीज से लेकर एडीबी और आइएमएफ भी बेहतर अनुमान जता चुके हैं. उन सभी का मानना है कि 2025 में भारत की ग्रोथ और बेहतर हो सकती है. 

Last Modified:
Friday, 17 May, 2024
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दुनियाभर में भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर सभी जगह सकारात्‍मक अनुमान लगाए जा रहे हैं. हर एजेंसी का मानना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े इस बार 7 प्रतिशत के आसपास रह सकते हैं. इसी कड़ी में यूनाइटेड नेशन की ओर से जारी की गई रिपोर्ट WESP (world Economic Situation and Prospects) में भारत की ग्रोथ को लेकर सकारात्‍मक प्रतिक्रिया दी गई है. रिपोर्ट कहती है कि 2024 में भारत की ग्रोथ रेट 6.9 प्रतिशत की ग्रोथ रेट रहेगी तो वहीं 2025 में ये ग्रोथ रेट 6.6 प्रतिशत रह सकती है. 

इस ग्रोथ के लिए क्‍या कारण देती है रिपोर्ट? 
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट कहती है कि भारत की इस ग्रोथ के पीछे जो सबसे बड़ा कारण नजर आ रहा है वो है बाजार में लोगों के निवेश करने की ताकत, निजी खपत में दिखाई देने वाला लचीलापन. यही नहीं यूएन का अनुमान है कि अभी मर्चेंडाइज सेक्‍टर में भारत के प्रोडक्‍ट की अच्‍छी डिमांड बनी हुई है जिसकी आगे भी बने रहने की संभावना है. यही नहीं फॉर्मास्‍यूटिकल और कै‍मिकल सेक्‍टर के एक्‍सपोर्ट की भी स्थिति बेहतर बनी हुई है. सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि यूएन का ये अनुमान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही महंगाई दर के आंकड़े सामने आए हैं और ये अप्रैल 2023 के 6.2 प्रतिशत के मुकाबले इस साल अप्रैल में 4.5 प्रतिशत रहे हैं. ये दर आरबीआई की टारगेट दर के बीच है. 

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Moody’s के अनुमान के बाद आया है यूएन का बयान
भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर इससे पहले Moody’s अपना अनुमान जता चुका है.  Moody’s के अनुसार मौजूदा वित्‍त वर्ष में अर्थव्‍यवस्‍था की रफ्तार 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि जानकारों का ये भी मानना है कि मजबूत डिमांड के कारण भारत में लेबर बाजार के इंडीकेटर मजबूत बने हुए हैं. वहीं सरकार वित्‍तीय घाटे को भी कम करने और कैपिटल इंवेस्‍टमेंट को बढ़ाने की तैयारी में जुटी हुई है. 

बाकी देशों को लेकर क्‍या कहती है रिपोर्ट? 
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में दूसरे देशों की स्थिति को लेकर भी अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट कहती है कि श्रीलंका और पाकिस्‍तान की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है.भारत की तेज इकोनॉमिक ग्रोथ और बेहतर भविष्‍यवाणी के साथ समूचे साउथ एशिया में इकोनॉमिक स्थिति सही रहने की संभावना है. क्षेत्रीय देशों की ग्रोथ रेट 5.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया गया है. जनवरी में इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. वहीं यूएन की रिपोर्ट में 2025 में दुनिया की इकोनॉमिक ग्रोथ 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि जनवरी में ये 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. 
 


Vodafone-Idea की पहले से ही हालत खराब, अब हुआ इतने करोड़ का घाटा, जानिए क्यों?

Vodafone idea ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा है कि मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ गया है.

Last Modified:
Friday, 17 May, 2024
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देश की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल सर्विसेज देने वाली कंपनी वोडाफोन आइडिया के नुकसान में इजाफा हुआ है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए नतीजों का एलान किया है. चौथी कंपनी में कंपनी को 7675 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जो बीते वर्ष की चौथी तिमाही में हुए 6419 करोड़ रुपये के नुकसान से ज्यादा है. चौथी तिमाही में वोडाफोन आइडिया का रेवेन्यू 10,606 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 10,531 करोड़ रुपये रहा था.

10,606 करोड़ रुपये रहा कंपनी का रेवेन्यू

जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) का रेवेन्यू 10606 करोड़ रुपये रहा है. एक साल पहले की समान अवधि में टेलिकॉम कंपनी का रेवेन्यू 10532 करोड़ रुपये था. सालाना आधार पर टेलिकॉम कंपनी का रेवेन्यू 0.71 पसेंट बढ़ा है. वोडाफोन आइडिया का इबिडा मार्च 2024 तिमाही में 4336 करोड़ रुपये रहा है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के दौरान 4210.30 करोड़ रुपये था.

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हर यूजर से होने वाली कमाई बढ़ी

जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (हर यूजर से होने वाली कमाई या ARPU) 146 रुपये रहा है. एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर 135 रुपये था. मार्च 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया का 4G सब्सक्राइबर बेस बढ़कर 12.63 करोड़ पहुंच गया है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 12.26 करोड़ था. वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की सालाना रेवेन्यू 42650 करोड़ रुपये रहा है, जो कि एक साल पहले 42180 करोड़ रुपये था.

VI के कर्ज में भी आई कमी

वोडाफोन आइडिया पर बैंक और वित्तीय संस्थानों का बकाया कर्ज में 7090 करोड़ रुपये की कमी आई है जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 11,130 करोड़ रुपये थी.  कंपनी के पास 31 मार्च 2024 तक कैश और बैंक बैलेंस 170 करोड़ रुपये था. 31 मार्च 2024 तक कंपनी पर सरकार का 203,430 करोड़ रुपये बकाया है जिसमें स्पेक्ट्रम भुगतान के मद में 1,33,110 करोड़ और एजीआर के मद में 70,320 करोड़ रुपये बकाया है.

एक साल में कंपनी के शेयरों में 86% की तेजी

वोडाफोन आइडिया के शेयरों में पिछले एक साल में 86 पर्सेट का उछाल आया है. टेलिकॉम कंपनी के शेयर 17 मई 2023 को 7.07 रुपये पर थे। वोडाफोन आइडिया के शेयर 16 मई 2024 को 13.15 रुपये पर पहुंच गए हैं. वहीं, इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में करीब 23 पर्सेट की गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही कंपनी ने हाल ही में भारत में सबसे बड़े FPO के माध्यम से 180 अरब रुपये जुटाए हैं. 
 


स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए Jio ने जमा किए करोड़ों रुपये, Airtel और VI हैं इतने पीछे

6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी.

Last Modified:
Friday, 17 May, 2024
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रिलायंस जियो ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) यानी बयाना राशि के रूप में 3,000 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जो टॉप-3 टेलिकॉम कंपनियों में शामिल भारती एयरटेल लिमिटेड से 3 गुना और वोडाफोन आइडिया (Vi) से 10 गुना ज्यादा है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) के अनुसार, भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने 300 करोड़ रुपए जमा किए. नीलामी में 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम अधिकार दिए जाएंगे. कंपनियों को हर साल किस्तों में भुगतान करना होगा.

Jio ने जमा किए सबसे अधिक पैसे

Jio ने सबसे अधिक बयाना राशि ऐसे समय में भी जमा कराया है, जब इसके किसी भी लाइसेंस की रिन्यूअल अभी हाल-फिलहाल में नहीं होना है. वहीं दूसरी तरफ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 6 जून को आगामी नीलामी में कुछ सर्किलों में एयरवेव्स को रिन्यूअल करने की जरूरत पड़ेगी. नीलामी में एयरटेल को जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, बिहार, UP (पूर्व), पश्चिम बंगाल और असम में एयरवेव्स को रिन्यू कराने की जरूरत है. वहीं, हाल ही में FPO के जरिए फंड जुटाने वाली वोडाफोन आइडिया को पश्चिम बंगाल और यूपी पश्चिम सर्कल में स्पेक्ट्रम रिन्यू कराना होगा.

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20 साल के लिए मिलेगा स्पेक्ट्रम राइट्स

6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी. विभाग ने आने वाली नीलामी के लिए जियो को सबसे अधिक 21,363 एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स आवंटित किए हैं. इसके बाद एयरटेल को 7,613 और वोडा आइडिया को 2,200 अंक अलॉट किए हैं. सभी टेलीकॉम कंपनियां एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स और और स्पेक्ट्रम सीमा के आधार पर किसी भी सर्विस एरिया में किसी भी बैंड में बोली लगा सकती हैं.

96.31 हजार करोड़ के बेस प्राइस पर होगी नीलामी

टेलीकॉम विभाग 6 जून को 93,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा. इसमें 800 मेगाहर्ज, 900 मेगाहर्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए रखा जाएगा. DOT वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक 31 दिसंबर, 2023 तक जियो की नेटवर्थ 2.31 लाख करोड़ रुपये और 6 मई 2024 तक एयरटेल की नेटवर्थ 86,260 करोड़ रुपये थी. वहीं 3 मई, 2024 तक वोडा आइडिया की नेटवर्थ निगेटिव 1.17 लाख करोड़ रुपये थी.

स्पेक्ट्रम क्या है और यह कैसे काम करता है?

एयरवेव्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के भीतर रेडियो फ्रीक्वेसी हैं जो टेलिकॉम सहित कई सर्विसेज के लिए वायरलेस तरीके से सूचना ले जा सकती हैं. सरकार इन एयरवेव्स का मैनेजमेंट और आवंटन करती है. स्पेक्ट्रम को लो फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंसी तक के बैंड में डिवाइड किया जा सकता है. हाई-फ्रीक्वेंसी वेव ज्यादा डेटा ले जाती हैं और लो-फ्रीक्वेंसी वेव की तुलना में तेज होती हैं, लेकिन इन्हें आसानी से ब्लॉक या ऑब्सट्रक्ट किया जा सकता है. लोअर-फ्रीक्वेंसी वेव वाइडर कवरेज प्रदान कर सकती हैं.