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WEF: भारत के नाम रहा Davos, जमकर तारीफ हुई और निवेश भी मिला
स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2023 में भारत को 'ब्राइट स्पॉट' यानी चमकता सितारा बताया गया.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
स्विट्जरलैंड (Switzerland) के दावोस (Davos) शहर में हाल ही में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) समिट में भारत का जलवा देखने को मिला. एक तरफ जहां दुनिया ने माना की भारतीय अर्थव्यवस्था विपरीत हालातों में भी अच्छा कर रही है. वहीं, चीन को भी समझ आ गया कि एशिया में उसकी बादशाहत अपने अंतिम पड़ाव पर है. WEF के संस्थापक और कार्यकारी चेयरमैन क्लॉस श्वाब (Klaus Schwab) ने तो भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में 'ब्राइट स्पॉट' यानी चमकता सितारा बताया.
भारत बेहतर विकल्प
अपने समापन भाषण में Klaus Schwab ने कहा कि ग्लोबल जियो इकॉनोमिक्स और जियो पॉलिटिकल क्राइसिस के बीच भारत को ब्राइट स्पॉट है. वहीं, इस साल दावोस में भारत के सामने चीन की चमक फीकी नजर आई. निवेशकों ने भारत पर ज्यादा भरोसा दर्शाया. दावोस में दुनिया की दिग्गज कंपनियों के सामने भारत ने चीन के मुकाबले खुद को निवेश के लिहाज से बेहतर विकल्प के तौर पर पेश किया. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्ट गीता गोपीनाथ ने भी दावोस में कहा कि दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर तरीके से काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियां चीन के मुकाबले भारत को विकल्प के तौर पर देख रही हैं.
आने वाला समय शानदार
दावोस में फाइनेंशियल टाइम्स के मुख्य अर्थशास्त्री कमेंटेटर मार्टिन वुल्फ ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि अगले 10-20 वर्षों में, यह निश्चित है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा. भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है, इसकी ग्रोथ काफी अच्छी रही है. मार्टिन ने कहा कि यह बात काफी महत्वपूर्ण है कि आने वाले समय में दुनिया के देश किस तरह की अर्थव्यवस्था की उम्मीद कर रहे हैं. भारत के लिहाज से आने वाला समय काफी शानदार है. भारत की इकोनॉमी आने वाले समय में काफी बड़ी और मजबूत होगी.
इन राज्यों को मिला निवेश
दावोस में भारत ने वैश्विक निवेशकों को भरोसा दिलाया कि वो लचीली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. भारत ने 10 लाउंज बनाए थे. इनमें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के 3 मीटिंग लाउंज, HCL, Wipro, इंफोसिस और TCS के बिजनेस लाउंज के साथ-साथ महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना के भी लाउंज थे. पांच दिन तक चली इस सालाना बैठक में महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना ने भारी मात्रा में निवेश जुटाया. निवेशकों ने महाराष्ट्र में 1.37 लाख करोड़ रुपए के निवेश से जुड़े समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. वहीं, तेलंगाना के मामले में यह आंकड़ा करीब 21,000 करोड़ रुपए है.
अर्थव्यवस्था को लेकर दावा
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इस बार की बैठक में 130 देशों के 2,700 से अधिक नेता, कारोबारी शामिल हुए. भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्रियों में मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव, स्मृति ईरानी और आरके सिंह वहां मौजूद रहे. इस बार की थीम थी, खंडित दुनिया में सहयोग (Cooperation in a Fragmented World). इस दौरान, ''इंडिया एट 100 : रियलाइजिंग द पोटेंशियल ऑफ 26 ट्रिलियन इकॉनमी'' नामक रिपोर्ट लॉन्च की गई. इस रिपोर्ट के अनुसार, 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 26 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी. बता दें कि WEF पब्लिक-प्राइवेट सहयोग के लिए काम करने वाली एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इस फाउंडेशन को करीब 1000 मेंबर कंपनियों द्वारा फंड दिया जाता है, जिनमें खासकर ऐसे ग्लोबल कंपनियां होती हैं, जिनका टर्नओवर 5 अरब डॉलर से भी अधिक होता है.
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