Davos 2023: इस साल के टॉप सोशल इनोवेटर्स की लिस्ट में इन 5 भारतीयों का भी नाम 

स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में World Economic Forum Summit आयोजित की जा रही है.

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Thursday, 19 January, 2023
Davos 2023

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (The World Economic Forum) की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन 'श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप' ने विभिन्न देशों के 16 संगठनों को उनके सोशल इनोवेशन इनिशिएटिव के लिए सम्मानित किया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  इन संगठनों के 25 लोगों को विजेता के तौर पर चुना गया है, जिन्होंने इनफॉर्मल इकॉनमी में शिक्षा, कृषि, माइक्रोफाइनेंस, पर्यावरण परियोजनाओं और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम किया है. विजेताओं की लिस्ट में 5 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं. 

इनको मिली है जगह
स्विट्जरलैंड (Switzerland) के दावोस (Davos) शहर में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम समिट का आयोजन किया जा रहा है. दुनियाभर के नेताओं का यहां जमावड़ा लगा हुआ है. इस दौरान, 'श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप' ने भारत, उरुग्वे, अल सल्वाडोर, नाइजीरिया, USA, फ्रांस और यूएई जैसे देशों के 16 संगठनों को उनके सोशल इनोवेशन इनिशिएटिव के लिए सम्मानित किया है. जिन पांच भारतीयों को विजेताओं के लिस्ट में जगह मिली है, उनमें Haqdarshak Empowerment Solutions के सह-संस्थापक और सीईओ अनिकेत डोगर, Unilever की South Asia Sustainability प्रमुख कनिका पाल, Punjab Education Collective की डिजाइनर खुशबू अवस्थी, को-लीडर्स रुचा पांडे और सिमरनप्रीत ओबेरॉय शामिल हैं.

क्या करती है Haqdarshak?
अनिकेत डोगर की कंपनी भारत के कम आय वाले ग्रामीण और शहरी समुदायों के लिए एक्सेसिबिलिटी में सुधार करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं के डिजिटलीकरण पर काम करती है. कंपनी ने विभिन्न स्थानीय भारतीय भाषाओं में 6,000 से अधिक योजनाओं का डिजिटलीकरण किया है और पिछले सात वर्षों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के 120,000 से अधिक लोगों को समर्थन दिया है.

Punjab Education Collective
कनिका पाल कंज्यूमर गुड्स ग्रुप यूनिलीवर में साउथ एशिया सस्टेनेबिलिटी हेड हैं और उन्होंने धरती को साफ-सुथरा रखने के लिए लोगों की आदत में बदलाव के लिए Solutions for Clean and Healthy Environment Foundation की स्थापना भी की है. जबकि खुशबू अवस्थी, रुचा पांडे और सिमरनप्रीत ओबेरॉय का पंजाब एजुकेशन कलेक्टिव, पंजाब की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को बदलने और उसके एजुकेशनल स्टैंडर्ड्स को ग्लोबल बेंचमार्क तक पहुंचाने के लिए काम करता है. बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की स्थापना 24 जनवरी 1971 को जर्मन इंजीनियर एवं अर्थशास्त्री क्लॉस श्वाब ने की थी और ये फाउंडेशन भी उन्हीं के नाम पर है.


बजट के बाद पहली बार शेयर मार्केट ने बनाया रिकॉर्ड, Sensex और Nifty ऊंचाई पर बंद

शुक्रवार को बाजार नए रिकॉर्ड ऊपरी स्तर पर बंद हुआ. IT और मेटल शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली.

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Friday, 26 July, 2024
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शेयर मार्केट के लिए हफ्ते का आखिरी कारोबारी सत्र निवेशकों के लिए राहत लेकर आया है. पांच दिनों से जारी गिरावट पर आज ब्रेक लग गया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी ऑलटाइम हाई बनाने में कामयाब रहा है. आईटी, ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और फार्मा स्टॉक्स में खरीदारी के चलते सेंसेक्स 1350 अंकों के उछाल के साथ बंद हुआ है. जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 444 अंकों के उछाल के साथ 24,850 अंकों पर बंद हुआ है. निवेशकों की संपतति में 7 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. 

रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ मार्केट

अब इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्सों की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 1,292.92 प्वाइंट्स यानी 1.62 फीसदी की तेजी के साथ 81,332.72 और निफ्टी 50 (Nifty 50) 428.75 प्वाइंट्स यानी 1.76 फीसदी के उछाल के साथ 24,834.85 पर बंद हुआ है. सेंसेक्स का सिर्फ एक शेयर ही आज रेड जोन में बंद हुआ तो निफ्टी 50 के 47 शेयरों में तेजी रही. इंट्रा-डे में निफ्टी 24,860.05 के नए हाई पर पहुंच गया था.

फार्मा-हेल्थकेयर-ऑटो-आईटी स्टॉक्स में तेजी

निफ्टी ऑलटाइम हाई को छूने में कामयाब रहा तो निफ्टी के 50 शेयरों में 47 तेजी के साथ बंद हुए जबकि केवल तीन शेयर गिरकर बंद हुए. निफ्टी में तेजी में जिन स्टॉक्स का योगदान रहा है उसमें Shriram Finance है जो 9.18 फीसदी, Divi's Lab 5.36 फीसदी, Cipla 5 फीसदी, Bharti Airtel 4.50 फीसदी, Apollo Hospitals 4.37 फीसदी, Adani Enterprises 3.60 फीसदी, Adani Ports 3.75 फीसदी, Wipro 3.54 फीसदी के उछाल के साथ बंद हुआ है. केवल ONGC 1.25 फीसदी, Tata Consumer Products 0.81 फीसदी, Nestlé 0.15 फीसदी की गिरावट के साथ क्लोज हुआ है.

सभी सेक्टर्स तेजी के साथ बंद

बाजार में तेजी में सभी सेक्टर्स का इंडेक्स हरे निशान में बंद हुआ है. सबसे बड़ी तेजी निफ्टी आईटी में रही, इसके अलावा ऑटो स्टॉक्स, बैंकिंग, फार्मा, हेल्थकेयर, एनर्जी, मेटल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑयल एंड गैस, मीडिया और रियल एस्टेट स्टॉक्स तेजी के साथ बंद हुए. भारतीय बाजार में तेजी को ग्लोबल मार्केट का बड़ा सपोर्ट मिला है. अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को तेजी के साथ बंद हुए थे. तो शुक्रवार के सत्र में यूरोपीय बाजार तेजी के साथ कारोबार कर रहा हैं.  बाजार में आई इस शानदार तेजी के बाद उतार-चढ़ाव मापने वाला इंडेक्स इंडिया VIX 3.01 फीसदी की कमजोरी के साथ क्लोज हुआ है.

निवेशकों की दौलत में 7.10 लाख करोड़ का उछाल

एक कारोबारी दिन पहले यानी 25 जुलाई 2024 को बीएसई पर लिस्टेड सभी शेयरों का कुल मार्केट कैप 4,49,82,435.88 करोड़ रुपये था. आज यानी 26 जुलाई 2024 को इक्विटी मार्केट का कारोबार बंद होने पर यह 4,56,92,671.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इसका मतलब हुआ कि निवेशकों की पूंजी 7,10,235.45 करोड़ रुपये बढ़ गई है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
 


Nestle India के नतीजे हुए जारी, मैगी बनाने वाली कंपनी की हुई बंपर कमाई, मुनाफा 7% बढ़ा

मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजे जारी किए.

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Friday, 26 July, 2024
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मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया (Nestle India) ने 25 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के नतीजे जारी किए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (Q1) में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार (YoY) 7% बढ़कर 746 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले की इसी तिमाही (Q1FY23-24) में कंपनी को 698 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.

रेवेन्यू 4,813.95 करोड़ रुपए हुआ

नेस्ले इंडिया के ऑपरेशन से रेवेन्यू यानी आय में सालाना आधार पर 3.33% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ऑपरेशन से रेवेन्यू 4,813.95 करोड़ रुपये का रहा. एक साल पहले की समान तिमाही यानी वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में रेवेन्यू 4,658.53 करोड़ रुपये था.

टोटल इनकम 3.65% बढ़ी

पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में कंपनी की टोटल इनकम सालाना आधार (YoY) पर 3.65% की बढ़त के साथ 4,853 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 4,682 करोड़ रुपये थी. वहीं तिमाही आधार पर कंपनी की टोटल इनकम 8.33% घटी है.नतीजे आने के बाद नेस्ले का शेयर में 2.50% की गिरावट दर्ज की गई और यह 2,477 रुपये पर बंद हुआ. बीते एक साल में शेयर केवल 8.81% चढ़ा है.

भारत में कितनी है हिस्सेदारी

नेस्ले इंडिया लिमिटेड, मल्टीनेशनल कंपनी नेस्ले की इंडियन सब्सिडियरी है. इसे 28 मार्च 1959 को भारत में स्थापित किया गया था. इसका हेडक्वार्टर हरियाणा के गुड़गांव में है. कंपनी फूड, बेवरेजेस, चॉकलेट और कन्फेक्शनरी जैसे प्रोडक्ट्स बनाती है. पेरेंट कंपनी नेस्ले की नेस्ले इंडिया में 60% से ज्यादा की हिस्सेदारी है. नेस्ले इंडिया की पूरे देश में 9 प्रोडक्शन फैसिलिटीज हैं.
 


AI का सबसे अच्‍छा इस्‍तेमाल गलतियों को पकड़ने के लिए होना चाहिए : IEEE प्रेसिडेंट

IEEE के अध्यक्ष और सीईओ टॉम कुगलिन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि तेज तकनीकी प्रगति और इंडस्ट्री के बदलती तस्‍वीर के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा में कई बदलाव की आवश्यकता है.

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Friday, 26 July, 2024
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के कारण पूरी दुनिया में नौकरी को लेकर जताई जा रही चिंताओं को लेकर IEEE की होने वाली प्रेसीडेंट जुड़े सुरक्षा विषयों पर अपनी बात रखते हुए कहती हैं कि 2024 IEEE प्रेसिडेंट-इलेक्ट कैथलीन ए क्रेमर ने कहा कि दुनिया में लोग समझ रहे हैं कि एआई के आने के बाद सबकुछ स्‍वर्ग जैसा हो जाएगा. लेकिन मैं इसे ऐसा मानती हूं कि 30 मिनट का वीडियो देखकर ये एक तरह से एक्‍सपर्ट होने वाली बात है. उन्‍होंने कहा कि एआई का सबसे अच्‍छा इस्‍तेमाल ये होगा कि वो इंसान की गलतियों को पकड़े. 2024 IEEE प्रेसिडेंट-इलेक्ट कैथलीन ए क्रेमर ने IEEE के दिल्‍ली में हुए शिखर सम्‍मेलन में कही. 

क्‍या बोली IEEE की अगली प्रेसीडेंट? 
2024 IEEE प्रेसिडेंट-इलेक्ट कैथलीन ए क्रेमर ने BW Hindi से बात करते हुए कहा कि एआई से जाने वाली नौकरियों की संभावना को लेकर कहा कि कि मैं मानती हूं कि एआई का एक काम ये भी है वो लोगों की वर्किंग को और आसान बनाने में अपनी भूमिका निभाए. 2024 IEEE प्रेसिडेंट-इलेक्ट कैथलीन ए क्रेमर ने एआई से इंसानियत की सुरक्षा जैसे मामले को लेकर कहा कि हम देख रहे हैं कि इस वक्‍त पूरी दुनिया में एआई को लेकर एक तरह बबल चल रहा है. उन्‍होंने कहा कि मैं दो एरिया में इसके इस्‍तेमाल को देख रही हूं जिसमें पहला हथियारों से जुड़ा मामला है और दूसरा एयरोस्‍पेस से जुड़ा क्षेत्र है. अगर हम एयरोस्‍पेस में उसका इस्‍तेमाल करते हैं तो हम क्रैश होने को कितना स्‍वीकार कर सकते हैं. इसी तरह से कई और भी तरह के ऐप हैं जिन्‍हें लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. सवाल ये है कि क्‍या हम उनके परीक्षण के लिए तैयार हैं. 

क्‍या बोले IEEE के प्रेसीडेंट? 
IEEE के अध्यक्ष और सीईओ टॉम कुगलिन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि तेज तकनीकी प्रगति और इंडस्ट्री के बदलती तस्‍वीर के लिए इंजीनियरिंग शिक्षा में कई बदलाव की आवश्यकता है. फ्लेक्सिबल और अंतःविषय दृष्टिकोण को अपनाकर और इंडस्ट्री एवं शिक्षा जगत के बीच मजबूत साझेदारी बनाकर, हम इंजीनियरों की अगली पीढ़ी को कौशल और ज्ञान प्रदान कर सकते हैं जिनकी उन्हें इनोवेशन के लिए और वैश्विक समस्याओं को हल करने के लिए आवश्यकता है. IEEE इन परिवर्तनों का समर्थन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है कि भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा उत्कृष्ट बनी रहे.

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कैसे हासिल किए जा सकते हैं नए शोध 
IEEE CASS और CSS दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष, NXP सेमीकंडक्टर्स में इंडिया इनोवेटिव इकोसिस्टम के हेड प्रीत यादव ने इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स से इंडस्ट्री की अपेक्षाओं के बारे में बात की. पैनलिस्ट डॉ. मधु चितकारा (प्रोफेसर-चांसलर, चितकारा यूनिवर्सिटी), डॉ. राहुल के. गज्जर ( वीसी गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी), डॉ. एस. वी. कोटा रेड्डी ( VC, VIT AP ) और दीपक माथुर ( 2024 VP, मेंबर एंड ज्योग्राफिक एक्टिविटी, IEEE) ने इस बारे में बात की कि साझेदारी कैसे वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल कर सकती है, नवीनतम शोध को शामिल कर सकती है और बेस्ट प्रेक्टिसिस को बढ़ावा दे सकती है. उन्होंने आज की तकनीकी और सामाजिक चुनौतियों के लिए कार्यबल तैयार करने के लिए सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक कौशल के साथ मिश्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया.
 


Paytm के निवेशकों के लिए खुशखबरी! सरकार से इस मंजूरी के बाद शेयर में लगा अपर सर्किट

शुक्रवार का दिन पेटीएम के निवेशकों के लिए काफी अच्छा रहा. दरअसल, कंपनी का शेयर 10 प्रतिशत की तेजी के साथ अपर सर्किट पर पहुंच गया, जिससे निवेशकों के हिस्से में अच्छा रिटर्न आया.

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Friday, 26 July, 2024
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पेटीएम (Paytm) के निवेशकों के लिए लंबे समय बाद एक अच्छी खबर आई है. शुक्रवार को कंपनी का शेयर 10 प्रतिशत के अपर सर्किट को छू गया. दरअसल सरकार ने पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस के लिए पेटीएम के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. तो आइए जानते हैं इस खबर के बाद पेटीएम के शेयर की कीमत कितनी हो गई है?

शेयर में आई 10 प्रतिशत की उछाल
देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) का शेयर शुक्रवार को 10 प्रतिशत की तेजी के साथ अपर सर्किट पर पहुंच गया. सरकार ने पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस खबर के बाद पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस का शेयर 10 प्रतिशत तेजी के साथ 509.05 रुपये पर पहुंच गया. इस शेयर का 52 हफ्ते का हाई प्राइस 998.30 रुपये है. वहीं, 52 हफ्ते का लो प्राइस 310 रुपये है. 

पेटीएम को मिलेगा अपनी पेमेंट कंपनी को मजबूत करने का मौका 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पेटीएम पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस हासिल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क कर सकता है. वहीं, आरबीआई भी इस पर आगे विचार कर सकता है. पेटीएम में चीन की कंपनी एंट ग्रुप की हिस्सेदारी के कारण सरकार उसे लाइसेंस देने के लिए संशय में थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में एंट ने धीरे-धीरे पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी कम की है. इससे सरकार के रुख में नरमी आई है और उसने कंपनी को एफडीआई की मंजूरी दे दी. इस मंजूरी के बाद अब पेटीएम को अपनी पेमेंट कंपनी को मजबूत करने का मौका मिलेगा. बता दें, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने पिछले साल एंट से कैशलेस डील में 10.3 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की और इसके साथ ही वह वन97 कम्युनिकेशंस में सबसे बड़े शेयरधारक बन गए. कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा थी.

हाल में पेटीएम पर लगाए गए थे कई प्रतिबंध
आपको बता दें, इस समय पेटीएम काफी मुश्किल दौर से गुजर रही है. आरबीआई ने साल 2022 में पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज के पेमेंट एग्रीगेटर बनने के आवेदन को रोक दिया था. वहीं, हाल में पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payment Bank) की कई सेवाओं पर भी बैन लगा दिया था. पेटीएम का आईपीओ आठ नवंबर 2021 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था. इसका इश्यू प्राइस 2,150 रुपये था. बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स ने हिस्सा लिया था, लेकिन यह शेयर कभी भी अपने इश्यू प्राइस के आसपास नहीं पहुंच सका.

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Google CEO को मिले इस सम्‍मान ने पूरा किया उनके माता पिता का सपना, जानते हैं क्‍या है ये? 

सैन फ्रैसिस्‍को में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में उनके साथ उनकी पत्‍नी अंजली पिचई को भी सम्‍मानित किया गया. अंजली ने भी आईआईटी कानपुर से 1993 में कैमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है.

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Friday, 26 July, 2024
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Google के सीईओ सुंदर पिचई आज भले ही दुनिया की टॉप फाइव कंपनियों में शामिल गूगल के सीईओ हों लेकिन उनके जीवन के संघर्ष को ज्‍यादातर लोग जानते हैं. उनके इसी संघर्ष के बीच उनके माता पिता की एक ख्‍वाहिश थी कि उन्‍हें डॉक्‍ट्रेट से सम्‍मानित किया जाए. आखिरकार शुक्रवार को उनके माता पिता का ये सपना तब पूरा हो गया जब आईआईटी कानपुर ने पिचई को डॉक्‍ट्रेट की मानद उपाधि से सम्‍मानित किया. इस मौके पर उनकी पत्‍नी को भी सम्‍मानित किया गया. 

सुंदर पिचई डॉक्‍ट्रेट की मानद उपाधि से हुए सम्‍मानित 
सुंदर पिचई ने इसे लेकर इंस्‍टाग्राम पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं आईआईटी खड़गपुर का मुझे डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्‍मानित करने के लिए आभारी हूं. मेरे माता-पिता को हमेशा आशा थी कि मुझे डॉक्टरेट की उपाधि मिलेगी, मुझे लगता है कि मानद उपाधि अभी भी मायने रखती है.  आईआईटी में शिक्षा और प्रौद्योगिकी तक पहुंच ने मुझे Google की राह पर ला दिया और अधिक लोगों को प्रौद्योगिकी तक पहुंचने में मदद की. तकनीक में आईआईटी की भूमिका एआई क्रांति के साथ ही महत्वपूर्ण हो जाएगी, और मैं वहां बिताए गए समय के लिए हमेशा आभारी रहूंगा. 

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उनके माता पिता चाहते थे उन्‍हें मिले ये सम्‍मान 
दरअसल सुंदर पिचई के माता पिता की इच्‍छा थी कि उन्‍हें डॉक्‍ट्रेट की मानद उपाधि से सम्‍मानित किया जाए. इसके बारे में खुद पिचई ने अपने ट्वीट में जानकारी दी. सैन फ्रैसिस्‍को में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में उनके साथ उनकी पत्‍नी अंजली पिचई को भी सम्‍मानित किया गया. अंजली ने भी आईआईटी कानपुर से 1993 में कैमिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया है. उनके इस सम्‍मान कार्यक्रम में उनकी बेटी और माता पिता सहित कई अन्‍य परिवार के लोग भी मौजूद रहे. आईआईटी की ओर से इस पुरस्‍कार का ऐलान 69 वें दीक्षांत समारोह में ही कर दिया गया था लेकिन उनके लिए विशेष तौर पर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया. 

डॉ. पिचई को प्रियंका चोपड़ा ने दी बधाई 
डॉ. सुंदर पिचई को उनके फॉलोवर बधाई दे रहे हैं. उन्‍हें बधाई देने वालों में बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा भी शामिल हैं. डॉ. सुंदर पिचई को एक इंस्‍टाग्राम फॉलोवर बधाई देते हुए लिखे रहे हैं कि आप युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं. जबकि एक यूजर लिखते हैं कि अब आपको अपनी आईडी को सुबदरपुहाई की जगह डॉ. सुंदर पिचई रख देना चाहिए. ये काफी बेहतर दिखाई देगा.
 


दो बुरी खबरें भी नहीं रोक पाईं IndiGo के शेयरों की उड़ान, तेजी के साथ हुई क्लोजिंग

इंडिगो के खिलाफ अमेरिका में जुर्माने की कार्रवाई हुई है. वहीं, इस्तांबुल वाले मामले में उसे आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

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Friday, 26 July, 2024
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देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो (IndiGo)  के खिलाफ अमेरिका में कार्रवाई हुई है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग (US Customs & Border Protection Department) ने इमीग्रेशन यूजर फीस के भुगतान में देरी के लिए इंडिगो पर 5,832.60 डॉलर यानी 4,88,333 रुपए का जुर्माना लगाया है. अमेरिकी विभाग ने निर्धारित तिथि के बाद फीस में भुगतान के लिए जुर्माने की कार्रवाई की है. उधर , इंडिगो जुर्माने से बचने के रास्ते तलाश रही है. साथ ही कंपनी न स्पष्ट किया है कि इससे उसके ऑपरेशंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. 

बेअसर दिखे शेयर 
इंडिगो के खिलाफ हुई जुर्माने की इस कार्रवाई का उसके शेयर पर कोई असर देखने को नहीं मिला है. इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयर आज एक प्रतिशत स अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए हैं. इस साल अब तक यह शेयर अपने निवेशकों को शानदार 50.63% का रिटर्न दे चुका है. जबकि बीते 1 साल में यह आंकड़ा 76.65% है. फिलहाल, भारत क आकाश में इंडिगो क दबदबा है. दिसंबर 2023 के आंकड़े के अनुसार, इंडिगो का मार्केट शेयर 60.5 प्रतिशत है. वहीं, टाटा समूह की एयर इंडिया का 9.7%, विस्तारा का 9.1%, एयर एशिया का 7.1%, स्पाइसजेट का 5.5%, दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला की अकासा एयर का 4.2% और अन्य का 3.9 प्रतिशत है.  

नाम हैं की रिकॉर्ड 
पिछले साल जून में कंपनी एक लाख करोड़ रुपए का मार्केट कैप हासिल करने वाली देश की पहली एयरलाइन बनी थी. एक साल में 10 करोड़ से ज्यादा पैसेंजर्स ले जाने का रेकॉर्ड भी इसी के नाम है. IndiGo के बेड़े में 370 विमान हैं और कंपनी रोजाना लगभग 2,000 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है.  इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉरमेंस (OTP) रेट में दूसरी एयरलाइन के मुकाबले काफी बेहतर रहा है. इंडिगो की शुरुआत 2006 में राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने की थी. हालांकि, बाद में दोनों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया, लेकिन तब तक इंडिगो इतनी ऊंचाई पर पहुंच चुकी थी कि जमीन पर चल रहा यह विवाद उसकी उड़ान को प्रभावित नहीं कर पाया. इंडिगो को 2004 में ही लाइसेंस मिल गया था, लेकिन इसकी सेवाएं 2006 तक शुरू हो सकीं क्योंकि उसके पास विमान नहीं थे.

यहां हो रही आलोचना 
वहीं, एक अन्य मामले में इंडिगो को आलोचना का सामना करना पड रहा है. दरअसल, इस्तांबुल से नई दिल्ली आ रहे इंडिगो के एक विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिस वजह से विमान समय से उड़ान नहीं भर पाया. विमान के 200 से ज्यादा यात्री करीब  11  घंटे तक इस्तांबुल एयरपोर्ट पर फंसे रहे. एयरलाइन ने इस पूरे घटनाक्रम क लिए माफी मांग ली है. इंडिगो ने एक बयान जारी कर बताया कि विमान में तकनीकी खराबी के कारण इस्तांबुल से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6E 12 में देरी हुई. यात्रियों को देरी के बारे में बताया दिया गया. साथ ही उन्हें जलपान भी उपलब्ध कराया गया है.
 

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Adani की इन कंपनियों में विदेशी निवेशकों ने घटाई हिस्सेदारी, मोह भंग या कुछ और? 

अडानी समूह की लिस्टेड दस कंपनियों में से नौ में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी कम की है. जबकि एक में हिस्सेदारी बढ़ाई है.

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Friday, 26 July, 2024
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गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों के शेयर पुराने रंग में लौट आए हैं. अडानी पोर्ट्स से लेकर पावर तक सभी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस बीच,  विदेशी निवेशकों ने अडानी समूह की कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने  जून तिमाही में में अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के सबसे ज्यादा शेयर बेचे हैं. इसके बाद दूसरा नंबर अडानी एनर्जी का रहा है. हालांकि, इस बिकवाली का ये मतलब नहीं ही कि विदेशी निवेशकों क अडानी की कंपनियों पर विश्वास घट गया है. बल्कि उन्होंने अडानी के शेयरों में आई तेजी का फायदा उठाते हुए जमकर मुनाफावसूली की है.

इतनी कम हुई हिस्सेदारी   
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में अडानी ग्रुप की लिस्टेड 10 कंपनियों में से नौ में अपनी हिस्सेदारी घटाई है. जून तिमाही में FII ने अडानी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी 268 बेसिस पॉइंट (BPs) कम की है. मार्च तिमाही में उनकी हिस्सेदारी 14.41 % थी, जो अब घटकर 11.73 प्रतिशत रह गई है. इसी तरह उन्होंने अडानी ग्रीन  एनर्जी में 124 BPs हिस्सेदारी बेच दी है. यह मार्च तिमाही के  18.15% से घटकर 16.91% हो गई है. FII ने समूह की अन्य कंपनियों अंबूजा सीमेंट्स में 150 BPs, ACC में 53 BPs, अडानी पावर में 118 BPs, अडानी टोटल गैस में 17 BPs, अडानी विल्मर में 4 BPs और NDTV में 5 BPs हिस्सेदारी कम की है. 

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LIC ने जताए रखा विश्वास 
विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में केवल अडानी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी 21 बीपीएस बढ़ाई है. यह मार्च 2024 तिमाही में 14.98% थी, जो जून तिमाही में बढ़कर 15.19% हो गई है. वहीं, देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी (LIC) ने अडानी समूह की ACC, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अडानी टोटल गैस में अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखी है. जबकि अंबूजा सीमेंट्स में अपनी हिस्सेदारी 62 BPs घटाई है. LIC ने Adani Energy Solutions में अपनी हिस्सेदारी 68 बीपीएस बढ़ाकर जून तिमाही में 3.68% कर ली है. इसी तरह, अडानी एंटरप्राइजेज में उसकी हिस्सेदारी 14 बीपीएस के इजाफे क साथ 4.07% हो गई है.


दाल, सब्जी के बाद अब बढ़ गई  ड्राई फ्रूट्स की कीमत, जानिए क्यों महंगे हो गए काजू-बादाम?

budget 2024-25 में कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gain Tax) में बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद दिल्ली में काजू-बादाम समेत अन्य ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. 

Last Modified:
Friday, 26 July, 2024
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इन दिनों डॉलर के मुकाबले रुपया रिकार्ड लो स्तर पर है. दरअसल, बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी की है. इसके बाद अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया सर्वकालीक निचले स्तर पर आ गया है. इसके बाद दिल्ली में काजू-बादाम समेत अन्य ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.  इस समय बाजार में काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, सभी के दाम भी बढ़ गए हैं. तो चलिए जानते हैं ड्राई फ्रूट्स की कीमतें क्यों इतनी बढ़ गई हैं?

क्यों बढ़ रही ड्राई फ्रूट्स की कीमत?
इस बार बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी का ऐलान हुआ. जिसके बाद से भारतीय शेयर बाजार लगातार टूट रहा था. वहीं, दूसरी तरफ विदेशी निवेशक भी बाजार से पैसा निकाल रहे हैं. इस वजह से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया आल टाइम लो पर आ गया है. डॉलर महंगा होने से कई चीजों के दाम भी बढ़ने लगे हैं. जिसमें ड्राई फ्रूट्स भी शामिल हैं. आपको बता दें, दिल्ली के थोक ड्राई फ्रूट्स मार्केट खारी बावली में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ईरान, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों से ड्राई फ्रूट्स की सप्लाई होती है. 

काजू, बादाम की बढ़ी डिमांड

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 20 दिनों से काजू के साथ बादाम की डिमांड बढ़ गई है. सबसे ज्यादा डिमांड चार टुकड़े काजू की है. इसका इस्तेमाल मिठाइयों में किया जाता है, इसलिए त्योहारी सीजन शुरू होते ही इसकी मांग भी बढ़ने लगी है. हलवाईयों और बड़ी मिठाई कंपनियों ने काजू की खरीदारी शुरू कर दी है, जिसके चलते काजू के दाम में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, ईरानी मामरा बादाम के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके पीछे का कारण भी वहां की करेंसी में हुआ उतार-चढ़ाव है. भारत में काजू की सबसे ज्यादा सप्लाई दक्षिण अफ्रीका से होती है, लेकिन कुछ दिनों से सप्लाई प्रभावित होने के चलते रॉ मटीरियल की कमी रही, जिससे काजू के दाम में बढ़ोतरी हुई है. 

20 दिन में इतनी बढ़ गई कीमत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते 20 दिन में दिल्ली के खारी बावली 1,000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने वाली काजू की कीमत 1,200 रुपये किलो हो गई है. वहीं, ईरानी मामरा बादाम की कीमत 2,000 रुपये प्रति किलो से बढ़कर अब 2,600 रुपये तक पहुंच गई है. वहीं बादाम की कीमत 700 से 750 रुपये किलो, किश्मिश की 400 से 450 रुपये और अखरोट की कीमत 1100-1200 से बढ़कर 1400 रुपये किलो हो गई है. सूत्रों का दावा है कि आने वाले दिनों में ड्राई फ्रूट्स के दाम में और तेजी आ सकती है.

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क्या है रुपया की स्थिति?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक पैसे कमजोर होकर 83.72 (अस्थायी) के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. वहीं, शुक्रवार को रुपया 83.74 पर पहुंच गया. विदेशी बाजार में अमेरिकी मुद्रा की मांग और भारत से विदेशी पूंजी की भारी निकासी के कारण यह गिरावट आई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार घरेलू मुद्रा में यह गिरावट भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के बाद आई है. आपको बता दें, सरकार द्वारा बजट में पूंजीगत लाभ पर कर की दर बढ़ाने की घोषणा के बाद शेयर बाजार नीचे आ रहे हैं.

 


मजबूत होती BSNL आपकी आर्थिक सेहत भी कर सकती है मजबूत, समझिये पूरा गणित 

जब से प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने प्लान महंगे किए हैं, बीएसएनएल का यूजर बेस मजबूत होता जा रहा है.

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Friday, 26 July, 2024
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एक तरह से वेंटिलेटर पर पड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी 'भारत संचार निगम लिमिटेड' यानी BSNL में पिछले कुछ समय से जान आ गई है. जब से रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अपने टैरिफ प्लान महंगे किए हैं, बीएसएनएल का रुख करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. इन प्राइवेट टेलीकॉम प्रोवाइडरों ने  अपने टैरिफ के दाम 11 से 25 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं. जबकि सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है और उसे इसका फायदा मिल रहा है. एक रिपोर्ट की मानें , तो BSNL ने 27 लाख नए ग्राहक जोड़े हैं. माना जा रहा है कि आने वाले समय में BSNL का यूजर बेस और मजबूत हो सकत है. सोशल मीडिया पर बीएसएनएल के समर्थन में कैंपेन भी चल रहे हैं. 

ऐसे हो सकता है लाभ  
बीएसएनएल की मजबूत होती स्थिति से उससे किसी न किसी रूप में जुड़ी कंपनियों को भी फायदा हो रहा है और इस 'फायदे' से आप भी मुनाफा कमा सकते हैं. चलिए आपको समझाते हैं कि कैसे. बीएसएनएल शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है, लेकिन उससे जुड़ी कुछ कंपनियां बाजार में सूचीबद्ध हैं.  इन कंपनियों को BSNL से बड़े ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे उनकी ऑर्डर बुक मजबूत और इस मजबूती से उनके शेयरों में भी मजबूती संभावना निर्मित हो रही है. ऐसे में यदि आप संबंधित शेयरों को अपने पोर्टफलियों में शामिल करते हैं, तो मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श के आधार पर ही करें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

इनसे जुड़ा है रिश्ता
रिपोर्ट के मुताबिक, तेजस नेटवर्क (Tejas Network Ltd) को बीएसएनएल से बड़ा ऑर्डर मिला है. दरअसल,  मई में इस सरकारी दूरसंचार कंपनी ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की अगुवाई वाले कंसोर्टियम को 4जी नेटवर्क लगाने के लिए 15000 करोड़ रुपए का ऑर्डर दिया था और तेजस नेटवर्क इसी कंसोर्टियम का हिस्सा है. तेजस के लिए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही शानदार रही है. कंपनी ने इस दौरान 1.47 अरब रुपए का प्रॉफिट कमाया है, जो सालाना आधार 168% अधिक है. ऐसे में बीएसएनएल से मिले ऑर्डर ने उसकी आर्थिक सेहत को और मजबूत कर दिया है. तेजी के शेयर आज बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं. बीते छह महीनों में इसकी कीमत 73.45% चढ़ी है.

शेयरों में आया उछाल 
हिमाचल फ्यूचरिस्टिक कम्युनिकेशंस (Himachal Futuristic Communications Limited) यानी HFCL को ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क अपग्रेड करने के लिए 11.3 अरब रुपए का ऑर्डर मिला है. इसके शेयर आज तीन प्रतिशत से अधिक की तेजी से दौड़ रहे हैं . बीते छह महीनों में इसने 18.31% और एक साल में 87.69% का रिटर्न दिया है. TCS से BSNL के रिश्ते की बात ऊपर हो ही चुकी है, ऐसे में उसके शेयरों में भी आज तेजी दिखाई दे रही है. बीते एक साल में TCS का शेयर अपने निवेशकों को 87.69% का रिटर्न दे चुका है. इस शेयर की कीमत चार हजार से ऊपर है, उस लिहाज से एक साल में इतना रिटर्न काफी मायने रखता है. बता दें कि सरकार Mahanagar Telephone Nigam Ltd (MTNL)  ऑपरेशन BSNL को सौंपने पर विचार कर रही है. इस चर्चा से MTNL के शेयरों को बूस्ट मिला है. 26 जुलाई को खबर लिखे जाने तक यह पांच प्रतिशत चढ़कर 97.08 रुपए पर पहुंच गया था. 
 


Make In India का बज रहा डंका, Apple के बाद अब ये कंपनी भारत में बनाएगी अपने स्मार्टफोन

iPhone बनाने वाली कंपनी Apple भी भी भारत में अपने मोबाइल का प्रोडक्शन कर रही है. इससे भारत के मेक इन इंडिया अभियान को बड़ी सफलता मिली है.

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Friday, 26 July, 2024
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प्रधानमंत्री नरेनंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (Make In India) अभियान का डंका अब दुनिया में बजने लगा है. बड़े-बड़े देशों में मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ रही है. दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में शुमार Apple Inc भी बड़े पैमाने पर अपने फ्लैगशिप प्रोडक्ट iPhone की भारत में ही मैन्यूफैक्चरिंग कर रही है. कंपनी भारत में अपने प्रोडक्ट की मेकिंग करने के बाद दुनियाभर में इसका एक्सपोर्ट करती है. वहीं, अब एक और बड़ी ग्लोबल मोबाइल कंपनी ने भी भारत में स्मार्टफोन बनाने का ऐलान किया है. तो आइए जानते हैं ये कौन-सी कंपनी है और इससे भारत को क्या फायदा होगा?

नोकिया भारत में करेगी स्मार्टफोन की मैन्यूफैक्चरिंग
एप्पल के बाद अब फिनलैंड की मोबाइल हैंडसेट कंपनी Nokia के स्मार्टफोन भी भारत में ही बनाए जाएंगे. इसकी ब्रैंड ओनर कंपनी एचएमडी ग्लोबल (HMD Global) का कहना है कि वह अपने ब्रैंड के सभी नए डेवलप स्मार्टफोन का प्रोडक्शन भारत में करेगी. उसकी प्लानिंग इंडिया में प्रोडक्ट को बनाकर ग्लोबल मार्केट में एक्सपोर्ट करने की है.

भारत में भी है कंपनी की सेल
एक समय में नोकिया भारत में मोबाइल फोन का सबसे पॉपुलर ब्रैंड था. बाद में इस ब्रांड को बिल गेट्स की माइक्रोसॉफ्ट ने खरीद लिया और लूमिया फोन की रेंज पेश की थी. हाल के सालों में एचएमडी ग्लोबल ने नोकिया ब्रैंड के कई स्मार्टफोन मार्केट में लॉन्च किए और अब ये कंपनी एंड्रॉइड बेस्ड फोन की वजह से मार्केट में दोबारा पॉप्युलर हो रही है. एचएमडी ग्लोबल भारत में पहले से ही नोकिया ब्रैंड के तहत बेसिक फीचर फोन की सेल करती रही है.

भारत में चीन से बेहतर मौके
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एचएमडी ग्लोबल के फाउंडर चेयरमैन और सीईओ ज्यां फ्रैंको बेरिल ने कहा है कि भारत में बेहतर अवसर हैं. यहां बनने वाले मोबाइल फोन चीन की बेस्ट कंपनियों की तुलना में भी बेहद प्रतिस्पर्धी हैं. इसके साथ ही एचएमडी ग्लोबल ने एक नया ब्रैंड HMD Crest Mobile भी लॉन्च किया, जोकि एक नई स्मार्टफोन सीरीज है. 

भारतए में हुआ एचएमडी क्रेस्ट फोन का प्रोडक्शन
कंपनी ने अनुसार एचएमडी क्रेस्ट (HMD Crest) स्मार्टफोन सीरीज में सेल्फी के लिए 50 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है. इस स्मार्टफोन फोन का प्रोडक्शन भारत में ही हुआ है. इसके बाद अब कंपनी ने घोषणा कर दी है कि वह अपने सभी फोन भारत में ही मैन्यूफैक्चर करेगी. अब ये फोन भारत से दुनियाभर के बाजारों में पहुंचेगा. कंपनी के कहा है कि भारत का स्मार्टफोन बाजार मुश्किलों से भरा है, बावजूद इसके कंपनी मुनाफे में बनी हुई है.