क्‍या US बैंकिंग संकट का असर भारत के IT सेक्‍टर पड़ेगा, जानिए क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट? 

इस बात को कई एक्‍सपर्ट मान रहे हैं कि BFSI का भारत के आईटी सेक्‍टर में बड़ा योगदान है लेकिन सभी एक्‍सपर्ट ये मानते हैं कि इससे बड़ा असर नहीं पड़ेगा. असर आंशिक ही रहेगा.

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Monday, 20 March, 2023
It Companies

अमेरिका में आए बैंक संकट को लेकर वहां की सरकार तेजी से काम कर रही है. सवाल ये है कि क्‍या अमेरिका के बैंकिंग सेक्‍टर के संकट का असर भारत की किसी इंडस्‍ट्री पर पड़ने जा रहा है. आईटी कंपनियों की आय के आंकड़े बताते हैं कि उनकी 40 प्रतिशत बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों से आती है. ऐसे में जब अमेरिका के तीन बड़े बैंकों पर संकट आया है तो क्‍या पिछले लंबे समय से BFSI आईटी कंपनियों के राजस्‍व में एक बड़ी भूमिका निभाता आया है. खुद एक्‍सपर्ट मानते हैं कि इससे भारत का आईटी सेक्‍टर प्रभावित हो सकता है, लेकिन वो इंडस्‍ट्री के नजरिए के बारे में अभी भी आशावादी हैं.आईटी सेक्‍टर की ग्रोथ या उसके रेवेन्‍यू पर कोई असर पड़ने वाला है. कई लोगों का मानना है कि सिलिकॉन वैली बैंक, क्रेडिट सुइस, सिल्वरगेट और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के संकट के कारण शॉर्ट टर्म में आईटी फर्मों के नए सौदों पर इसका असर दिख सकता है. 

क्‍या मानती है सरकार 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वास्तव में, भारतीय केंद्रीय आईटी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर, चिंताओं को भली भांति समझ रहे हैं. वह इस बात से सहमत हैं कि बीएफएसआई से आईटी कंपनियों के रेवेन्‍यू पर इसका असर पड़ सकता है, लेकिन वह इंडस्‍ट्री के इसे लेकर नजरिए के बार में काफी आशावादी हैं. 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनका कहना है कि मैं समझता हूं कि भारतीय आईटी कंपनियों में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र (BFSI) का बड़ा योगदान है. हमें इसे चलने देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय आईटी के लिए कोई ऐसी समस्‍या सामने आ रही है जिससे उसके अस्तित्‍व पर संकट पड़े, लेकिन निश्चित रूप से, एक क्षेत्र में गिरावट दिख सकती है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में वृद्धि हो सकती है. 

क्‍या मानते हैं एक्‍सपर्ट 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक एक्‍सपर्ट ने बताया कि अमेरिकी बैंकों पर आए इस संकट को लेकर अलग-अलग एक्‍सपर्ट की अपनी राय है. इस बीच, इंडस्‍ट्री के एक्‍सपर्ट मानते हैं कि भारतीय आईटी क्षेत्र पर अमेरिका के बैंकिंग संकट का सीधा असर नए सौदों की संख्या में कमी और मौजूदा अनुबंधों की आगे की बातचीत के रूप में दिखाई दे सकता है.  सबसे पहले, अनिश्चित वातावरण नए प्रोजेक्‍ट को प्रभावित करता है. इसलिए, हम ऑर्डर में इसकी कमी का असर देख सकते हैं. दूसरा, यह लागत पर दबाव डालता है. इस प्रकार, हम मौजूदा कॉन्‍ट्रैक्‍ट के लिए आउटसोर्सिंग और आगे की बातचीत पर इसका असर देख सकते हैं. साथ ही,  कुछ एजेंसियां ये भी कह रही हैं कि भारतीय आईटी क्षेत्र BFSI कंपनियों के सौदों में मंदी का गवाह बन सकता है. वहीं एक नामी संस्‍था का मानना है कि टीसीएस, इंफोसिस और एलटीआई माइंडट्री का मौजूदा संकट के प्रति सबसे अधिक रिस्‍क है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाल ही में ढह चुके सिलिकॉन वैली बैंक में उनका एक्सपोजर 10-20 आधार अंक हो सकता है.

कुछ ज्‍यादा असर न पड़ने की है उम्‍मीद 
बाजार को ठीक से समझने वाले मान रहे हैं कि भारतीय आईटी क्षेत्र पर बैंकिंग संकट का नेगेटिव असर का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक कंपनी के प्रमुख ने कहा कि फिलहाल भारतीय आईटी सेक्टर कमजोर है. आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में BFSI का बड़ा योगदान है. अभी आउटलुक बहुत रूढ़िवादी है,  मैं अभी आईटी खरीदने की सलाह नहीं दूंगा क्योंकि वे पहले से ही विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. एक बाजार के एक्‍सपर्ट कहते हैं कि आईटी सेक्टर में 2-3 फीसदी कटौती से इंकार नहीं किया जा सकता है.  विश्लेषकों और उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक आशंकाओं के बावजूद, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के हस्तक्षेप से संकट समाप्त हो सकता है.
 


ऑनलाइन गेमिंग ने बढ़ाया सरकार का GST कलेक्‍शन, पिछली तिमाही से इतने गुना बढ़ गया टैक्‍स 

सरकार ने पिछली बार गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया था, जिसका इस इंडस्‍ट्री के लोगों ने खासा विरोध किया था लेकिन सरकार पीछे नहीं हटी. 

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Tuesday, 23 April, 2024
Gaming INdustry

ऑनलाइन गेमिंग एक ऐसा सेक्‍टर है जिससे होने वाले जीएसटी कलेक्‍शन में बड़ा इजाफा हुआ है. अक्‍टूबर से दिसंबर तक की तिमाही के जो आंकड़े निकलकर सामने आए हैं उसके अनुसार सरकार को इस क्षेत्र से 3470 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला है. अगर पिछली तिमाही से इन आंकड़ों की तुलना करें तो ये पांच गुना से ज्‍यादा है. सरकार को पिछले साल के मुकाबले इससे 6 गुना ज्‍यादा जीएसटी मिला है. 

सर्वे रिपोर्ट में हुआ था दिलचस्‍प खुलासा 
गेमिंग इंडस्‍ट्री को लेकर हाल ही में सामने आई HP की गेमिंग लैंडस्‍केप इंडस्‍ट्री की रिपोर्ट में कई अहम बातें निकलकर सामने आई थी. इस स्‍टडी में ये पता चला था कि 58 प्रतिशत महिलाएं हर हफ्ते 12 घंटे गेमिंग पर गुजार रही हैं जबकि 74 प्रतिशत पुरुष गेमिंग कर रहे हैं. सर्वे में सीरियस गेमिंग को लेकर भी आंकड़ा जुटाया गया था जिसमें निकलकर सामने आया था कि पश्चिम में 74 प्रतिशत है जबकि उत्‍तर में ये 54 प्रतिशत है. क्रेज बढ़ने के बावजूद अभी भी कई माता-पिता इसे आज भी सीरियस करियर मानने को लेकर दुविधा में हैं. दूसरी ओर कई अभिभावकों का मानना है कि गेमिंग कमाई का अच्‍छा जरिया हो सकता है. 

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पीएम मोदी ने गेमिंग इंफ्लूएंसरों से की थी मुलाकात 
तेजी से बढ़ते गेमिंग सेक्‍टर को लेकर हाल ही में पीएम मोदी ने कई युवा गेमरों से अपने आवास पर मुलाकात की थी. पीएम मोदी ने उनसे इस विषय को लेकर गंभीर बातचीत की थी. गेमिंग इंडस्‍ट्री का प्रभाव तेजी से ऐसा बढ़ रहा है कि 47 प्रतिशत माता-पिता ये मानते हैं कि ये एक अच्‍छा करियर हो सकता है. पीएम ने उन सभी युवा गेमरों से उनकी चुनौतियों से लेकर दूसरे कई अहम क्षेत्रों को लेकर बातचीत की थी. पीएम मोदी की इन युवाओं के साथ मुलाकात के बाद इस इंडस्‍ट्री में भविष्‍य बनाने वालों को सकारात्‍मक संदेश मिला है. 

गेमिंग से सरकार ऐसे कमाती है पैसा 
सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लेती है. अगर आप 100 रुपये का निवेश करते हैं और 500 कमाते हैं तो ऐसे में आपको सरकार को 28 रुपये देने होंगे. इसी तरह अगर आप कमाए हुए पैसे को निकालते नहीं है तो दूसरी बार में आपको फीस नहीं देनी होगी. लेकिन अगर निकालकर आप दोबारा लगाते हैं तो फिर आपको फीस देनी होगी. 


इंडियन इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, 14 साल में हाई पर पहुंची बिजनेस एक्टिविटी

इंडियन इकोनॉमी ने नए वित्तीय वर्ष की मजबूत शुरुआत की है, बिक्री वृद्धि में तेजी के बीच निजी क्षेत्र की व्यावसायिक गतिविधि मार्च की तुलना में अप्रैल के दौरान तेजी से बढ़ी है.

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Tuesday, 23 April, 2024
indian economy

मजबूत मांग के कारण इस महीने भारत की व्यावसायिक गतिविधि लगभग 14 वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ी है. इसमें इनपुट इन्फ्लेशन में कमी और सकारात्मक नौकरियों में बढ़ोतरी भी देखी गई है. मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि पिछली कुछ तिमाहियों में मजबूत विस्तार के बाद इस साल भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने के लिए अच्छी स्थिति में है. 

14 साल के हाई पर बिजनेस एक्टिविटी

सर्विस पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स मार्च के 61.2 से बढ़कर अप्रैल में 61.7 हो गया, जबकि मैन्युफैक्चरिंग पर्चेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स 59.1 पर अपरिवर्तित रहा. इससे ओवरऑल इंडेक्स 62.2 पर पहुंच गया, जो जून 2010 के बाद सबसे ज्यादा है. इंडेक्स प्रारंभिक सर्वेक्षण परिणामों (Preliminary Survey Results) पर आधारित हैं और फाइनल PMI डेटा अगले सप्ताह प्रकाशित किया जाएगा. 50 से ऊपर की रीडिंग पिछले महीने की तुलना में विस्तार का संकेत देती है, जबकि इससे नीचे की रीडिंग गतिविधि में संकुचन का संकेत देती है.

कारोबारी आउटलुर में हुआ सुधार

HSBC की भारत की मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने एक बयान में कहा, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नए ऑर्डर बढ़ने से अप्रैल में सेवाओं की वृद्धि में तेजी आई. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग मार्जिन में भी सुधार देखा गया क्योंकि कंपनियां मजबूत मांग की स्थिति के कारण ग्राहकों पर ऊंची कीमतों का भार शिफ्ट करने में सक्षम थीं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मजबूत मांग के कारण अप्रैल में कुल मिलाकर भविष्य के कारोबारी आउटलुर में और सुधार हुआ.

7 फीसदी से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी से ज्यादा बढ़ने के लिए तैयार है, जिससे यह दुनिया में सबसे तेजी से विस्तार करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन जाएगी. मजबूत वृद्धि ने केंद्रीय बैंक (RBI) को मूल्य स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने का मौका भी दिया है. RBI इस महीने की शुरुआत में अपने सख्त नीतिगत रुख पर कायम रहा और लगातार सातवीं बैठक में बेंचमार्क दर (Repo Rate) को अपरिवर्तित रखा. HSBC ने कहा कि बढ़ती मांग ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत में और ज्यादा रोजगार सृजन का समर्थन किया. जहां सेवा प्रदाताओं ने मार्च की तुलना में मामूली गति से अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा है, वहीं माल उत्पादकों ने लगभग डेढ़ साल में वर्कफोर्स को सबसे बड़ी सीमा तक बढ़ाया है.
 


SEBI ने इन कंपनियों के IPO को दी मंजूरी, करोड़ों के शेयर होंगे जारी, निवेश का शानदार मौका

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने टीबीओ टेक लिमिटेड (TBO Tek Ltd) और ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड (Awfis Space Solutions Ltd) को अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर यानी (IPO) लाने की मंजूरी दे दी है

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Tuesday, 23 April, 2024
IPO

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने टीबीओ टेक लिमिटेड (TBO Tek Ltd) और ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड (Awfis Space Solutions Ltd) को अपनी इनीशियर पब्लिक ऑफर यानी आईपीओ लाने की मंजूरी दे दी है. जल्द ही ये दोनों कंपनियां शेयर मार्केट में अपना आईपीओ लाएंगी, जिससे निवेशकों को तगड़ा प्रॉफिट मिलने की उम्मीद है. तो चलिए जानते हैं ये कंपनियां आईपीओ में कितना निवेश करने वाली हैं?

टीबीओ 400 करोड़ करेगी निवेश
टीबीओ टेक एक ऑनलाइन ट्रैवल डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी है. कंपनी ने नवंबर 2023 में सेबी के पास अपने आईपीओ के लिए आवेदन जमा कराया था. टीबीओ टेक के आईपीओ में 400 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं कंपनी के प्रमोटर और निवेशकों की ओर से 1.56 करोड़ का शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बिक्री के लिए रखा जाएगा. टीबीओ 100 से अधिक देशों में 147,000 से अधिक बॉयर्स (ट्रैवल एजेंसियां) और सप्लायर्स (होटल, एयरलाइंस और कार किराए पर लेने वाले) को जोड़ती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईपीओ से मिली राशि का इस्तेमाल कंपनी यूरोप और नॉर्थ अमेरिका जैसे मैच्योर मार्केट्स में नए ग्राहक हासिल करने और प्लेटफॉर्म को विकसित करने में करेगी. इस आईपीओ की बुक रनिंग लीड मैनेजर एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) , गोल्डमैन सैक्स इंडिया (Goldman Sachs India), जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) और जेफरीज इंडिया (Jefferies) शामिल हैं. वहीं, कैफिन टेक्नोलॉजी (Caffeine Technology) इस इश्यू की रजिस्ट्रार है. 

ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस करेगी इतने करोड़ का निवेश
वहीं, ऑफिस शेयररिंग स्टार्टअप, ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस लिमिटेड ने दिसंबर 2023 में आईपीओ के लिए आवेदन किया था. दूसरी ओर ऑफिस स्पेस सोल्यूशंस के आईपीओ में 160 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे. वहीं, करीब 1 करोड़ के शेयर को कंपनी के प्रमोटरों और मौजूदा शेयरधारकों की ओर से बिक्री के लिए रखा जाएगा. इन शेयर धारकों में पीक XV पार्टनर इनवेस्टमेंट्स V करीब 50.1 लाख शेयर बेचेगी. वहीं, बिस्के लिमिटेड 49.4 लाख शेयर लिंक इनवेस्टमेंट ट्रस्ट 75,174 शेयर बेचेगी. पीक XV के पास कंपनी में 22.9 प्रतिशत की हिस्सदारी है. बिस्के लिमिटेड के पास 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. जबकि कंपनी के फाउंडर और सीईओ अमित रमानी के पास 18.2 प्रतिशत हिस्सदारी है. ICICI सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और इमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज इस आईपीओ की बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं.

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आ गया जूते की नाप का भारतीय साइज सिस्टम, जानिए कौन सा नंबर आपको है फिट

एक लाख से ज्यादा भारतीय उपयोगकर्ताओं के पैर के आकर के लिए 3-D फुट स्कैनर का उपयोग किया गया था. कुल मिलाकर, भारतीयों के पैर यूरोपीय या अमेरिकियों की तुलना में अधिक चौड़े पाए गए.

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Tuesday, 23 April, 2024
Shoe Size

जब भी हम कोई जूता लेते हैं तो उसके लिए हमे हमारे पैर का साइज बताना पड़ता है. ये यूके और यूएस साइज होता है. हालांकि, जूते के लिए भारतीय साइज सिस्टम भी आ गया है. हाल ही में भारतीयों के पैरों के आकार पर सर्वे हुआ है. भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसे ‘भा’ (Bha) नाम देने का प्रस्ताव है. यह भारत में जूते बनाने का एक बेस बन सकता है. अगर ये आ जाता है, तो मौजूदा यूके-यूरोपीय और यूएस साइज सिस्टम का स्थान ले लेगा.

सर्वे में क्या पाया गया?

शुरुआत में, यह सोचा गया था कि भारतीयों के लिए अलग-अलग पैर के साइज को शामिल करने के लिए कम से कम पांच फुटवियर साइज की जरूरत होगी. सर्वेक्षण से पहले, यह माना जाता था कि पूर्वोत्तर भारत के लोगों के पैरों का आकार बाकि के क्षेत्रों में रह रहे लोगों की तुलना में औसतन छोटा होता है. इसे लेकर दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच एक सर्वेक्षण किया गया था. इसमें 5 भौगोलिक क्षेत्रों में 79 स्थानों पर रहने वाले करीब 1,01,880 लोगों को शामिल किया गया. इतना ही नहीं बल्कि भारतीय पैर के आकार, आयाम और संरचना को समझाने के लिए 3D फुट स्कैनिंग मशीनें तैनात की गईं. इसमें पाया गया कि एक औसत भारतीय महिला के पैर के आकार में बदलाव 11 साल की उम्र पर होता है जबकि पुरुष के पैर के आकार मे लगभग 15 या 16 साल में होता है.

क्यों हुई ‘भा’ (Bha) की जरूरत

भारतीय स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों ने भारत में यूके आकार की शुरुआत की. इसके मुताबिक, एक औसत भारतीय महिला 4 से 6 साइज के जूते पहनती है और एक औसत पुरुष 5 से 11 साइज के जूते पहनता है. चूंकि भारतीयों के पैरों की संरचना, आकार, आयाम पर कोई डेटा मौजूद नहीं था, इसलिए भारतीय प्रणाली विकसित करना मुश्किल था और इसे कभी शुरू नहीं किया गया था. एक भारतीय उपयोगकर्ता के पास अब औसतन 1.5 फुटवियर हैं और भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, यह दुनिया के सबसे बड़े बाजारों और जूतों के निर्माताओं में से एक है. उद्योग हितधारकों ने यह भी कहा कि ऑनलाइन ऑर्डर किए गए अनुमानित 50 प्रतिशत जूते ग्राहकों द्वारा अस्वीकार कर दिए गए थे. भा के साथ, उपयोगकर्ताओं और फुटवियर निर्माताओं दोनों को लाभ हो सकता है. 

सर्वेक्षण की सिफ़ारिशें

भा (Bha) आठ फुटवियर आकार प्रस्तावित करता है:
I – शिशु (0 से 1 वर्ष) 
II – शिशु (1 से 3 वर्ष)
III – छोटे बच्चे (4 से 6 वर्ष) 
IV – बच्चे (7 से 11 वर्ष)
V – लड़कियाँ (12 से 13 वर्ष) 
VI – लड़के (12 से 14 वर्ष)
VII – महिलाएं (14 वर्ष और अधिक) और 
VIII – पुरुष (15 वर्ष और अधिक).

व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए, शुरुआत में III-VIII आकार के फुटवियर का निर्माण पर्याप्त होगा. भा (Bha) के अनुसार निर्मित जूते देश की लगभग 85 प्रतिशत आबादी को सही फिटिंग और बेहतर आराम दे सकते हैं. भा को अपनाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फुटवियर निर्माताओं को वर्तमान 10 आकार (अंग्रेजी प्रणाली) और सात आकार (यूरोपीय प्रणाली) के मुकाबले केवल आठ आकार विकसित करने की आवश्यकता होगी. इसके अलावा, आधे आकार की आवश्यकता नहीं होगी. जूते के अंतिम आकार की अतिरिक्त लंबाई 5 मिमी फुट होगी. वर्तमान में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध फुटवियर की तुलना में भा प्रणाली का दायरा भी व्यापक होगा.

भा (Bha) की वर्तमान स्थिति

चेन्नई स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (CSIR-CLRI) ने सर्वेक्षण किया. इसने अपनी सिफारिशें उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) को सौंपी, जो केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है. डीपीआईआईटी ने उन्हें अनुमोदन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के पास भेज दिया है, जो इस आकार प्रणाली को लागू करने के लिए भारतीय प्राधिकरण है. चूंकि भा मौजूदा आकार प्रणालियों को पूरी तरह से बदल देगा, इसलिए विभागों ने सुझाव दिया है कि भा (Bha) आकार मानकों के अनुसार निर्मित जूते उपयोगकर्ताओं को परीक्षण, परीक्षण और प्रतिक्रिया के लिए दिए जाने चाहिए. भा के 2025 में किसी समय लागू होने की उम्मीद है.
 


Mahindra Finance में 150 करोड़ की धोखाधड़ी, क्या आपका पैसा भी तो नहीं फंसा?

NBFC ने बताया है कि आज जो होने वाली बैठक है, उसमें अब केवल बॉरोइंग लिमिट को बढ़ाने और NCD के जरिये फंड जुटाने पर विचार करेंगे.

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Tuesday, 23 April, 2024
Mahindra Finance

महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज (M&M Finance) ने FY24 के अपने चौथी तिमाही के नतीजों (Q4 Results) को रोक दिया है. ऐसा कंपनी में 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद किया गया है. कंपनी ने शेयर मार्केट की फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी. बीएसई फाइलिंग में महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज की तरफ से जानकारी दी गई है. कंपनी के अनुसार 23 अप्रैल यानी आज बोर्ड बैठक होने वाली थी. जिसमें मार्च 2024 को समाप्त तिमाही के वित्तीय परिणामों पर चर्चा की जाती.

मार्च तिमाही का नतीजा टला

M&M फाइनेंस ने कहा कि इस अप्रत्याशित मामले को देखते हुए कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजों और डिविडेंड की सिफारिश को आगे की तारीख के लिए टाला जा रहा है. साथ ही सालाना अर्निंग कॉन्फ्रेंस को भी टाल दिया गया है. बता दें कि M&M फाइनेंस ने अपने मार्च तिमाही के नतीजों को मंजूरी देने और अन्य विषयों पर फैसले के लिए 23 अप्रैल को बोर्ड की बैठक बुलाई थी. कंपनी ने कहा कि आज की बोर्ड बैठक में ऑडिट समिति अब नतीजों के अलावा दूसरे विषयों पर चर्चा करेगी. इसमें बॉरोइंग लिमिट को बढ़ाना और नॉन-कनवर्टिबल डेबेंचर (NCD) जारी करके फंड जुटाना आदि शामिल है.

क्या है मामला?

कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि बताया कि ये धोखाधड़ी कंपनी द्वारा दिए जाने वाले रिटेल व्हीकल लोन से जुड़ी है. जिसमें KYC के लिए दस्तावेजों जमा करने में जालसाजी की गई. जिसके कारण कंपनी के करोड़ों रुपये का गबन हुआ. महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज की नॉर्थ ईस्ट की ब्रांच से यह फ्रॉड का मामला सामने आया है. धोखाधड़ी करीब 150 करोड़ रुपये की है. जिसके बारे में जांच जारी है. इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इसी कारण कंपनी ने अपने तिमाही के नतीजे को अभी टाल दिया है.

शेयर में भारी गिरावट

शेयर बाजार को मिली इस जानकारी के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट दर्ज हो रही है. मंगलवार को शुरुआती कारोबार में ही शेयर 7 प्रतिशत से अधिक गिर गए. बीएसई पर महिंद्रा फाइनेंस के शेयर में 7.88 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई. जिसके बाद ये 256.85 रुपये पर पहुंच गए. सोमवार को ये स्टॉक 1.55 प्रतिशत यानी 4.40 रुपये की गिरावट के बाद 278.85 रुपये पर बंद हुआ था.
 


कल तक भाव दिखा रहे सोने की चमक कैसे हो गई कम, क्या है कीमतों में गिरावट की वजह?

,शेयर बाजार में जहां लगातार तेजी आ रही है, वहीं, सोने-चांदी के बाजार में फिलहाल नरमी का रुख है.

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Tuesday, 23 April, 2024
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यदि आप सोने यानी Gold में निवेश करना चाहते हैं, अच्छा समय आ गया है. सोने की कीमतों में नरमी का माहौल है. सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी गिरावट आई है. MCX एक्सचेंज पर आज यानी मंगलवार को सोना 732 रुपए की गिरावट के साथ 70,465 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है. आज बाजार खुलने के साथ ही सोने के भाव में नरमी दिखाई दे रही है. इसी तरह, चांदी 748 रुपए की गिरावट के साथ 79,831 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर मिल रही है.

वैश्विक कीमतों में भी गिरावट
घरेलू के साथ-साथ सोने की वैश्विक कीमतों में भी गिरावट आई है. कॉमेक्स पर सोने का वैश्विक वायदा भाव 1.31% या 30.80 डॉलर की गिरावट के साथ 2,315.60 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया है. इसी तरह, चांदी वायदा भाव 0.29 डॉलर लुढ़ककर 27.24 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है. सोने और चांदी की कीमतों में पिछले दो दिनों से गिरावट आ रही है. कुछ वक्त पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि सोने-चांदी में और निखार आ सकता है. वैसे, ग्लोबल फर्म गोल्डमैन सैक्स को लगता है कि इस साल के अंत तक सोना 2,700 डॉलर प्रति औंस के पार जा सकता है. पहले यह अनुमान 2,300 डॉलर का था. जबकि कुछ विशेषज्ञ इसके 3000 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगा रहे थे. 

फायदे का सौदा हो सकता है निवेश
सोने-चांदी की कीमतों में आज भले ही गिरावट का माहौल है, लेकिन जिस तरह का इनका रिकॉर्ड उसके मद्देनजर यह कहना गलत नहीं होगा कि इनकी कीमतें फिर से रफ़्तार पकड़ सकती हैं. ऐसे में यदि आप Gold खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा समय सबसे सही रहेगा. इससे एक तो आपको सस्ते में सोना मिल जाएगा और जब दाम फिर से बढ़ने लगेंगे तो आप उसे बेचकर मुनाफा भी कमा सकते हैं. सोना और चांदी ने अब तक अपने निवेशकों को अच्छा-खासा रिटर्न दिया है.   

इसलिए आ रही है गिरावट 
अब यह भी जान लेते हैं कि जिस सोने के भाव बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, वो अचानक सस्ता कैसे हो गया? ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष बढ़ने की आशंका के चलते सोने-चांदी के दाम बढ़ रहे थे. दरअसल, सोने को निवेश का बेहतरीन विकल्प माना जाता है, इसलिए जब भी युद्ध या किसी अन्य संकट की स्थिति उत्पन्न होती है, तो लोग बड़े पैमाने पर सोने में निवेश करने लगते हैं. वह जानते हैं कि स्टॉक मार्केट भले ही क्रैश हो जाए, लेकिन गोल्ड में किया हुआ निवेश कुछ न कुछ देकर ही जाएगा. इसलिए दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ने से दाम चढ़ रहे थे. अब स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है. ईरान के मिसाइल हमले का इजरायल ने कोई जवाब नहीं दिया है और उसके रुख से लगता है कि वो किसी जवाबी कार्रवाई के मूड में नहीं है. इससे युद्ध की चिंता कम हो गई है. लिहाजा, निवेशक दूसरे बाजारों से पैसा निकालकर सोने में निवेश करने की जल्दबाजी में नहीं हैं. सोने की डिमांड में खास उछाल नहीं आया है, इसलिए दाम भी नहीं बढ़ रहे हैं.
 


Nestle के बाद अब देशभर में शुरू हुई इन प्रोडक्‍ट की जांच, ये है इसका मकसद 

भारत की मसाला कंपनियों के प्रोडक्‍ट को लेकर सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों ने सवाल उठाया है. उनकी समस्‍याओं को देखते हुए इनकी जांच का निर्णय लिया है. 

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Tuesday, 23 April, 2024
Nestle

Nestle विवाद के सामने आने के बाद अब FSSAI ने देशभर भर में अलग-अलग कंपनियों के बेबी फूड से लेकर मसालों की सैंपलिंग करने का निर्णय लिया है. इस सैंपलिंग का मकसद दूसरी कंपनियों के द्वारा बनाए जा रहे प्रोडक्‍ट की जांच करना है, जिससे इस बात को लेकर आश्‍वस्‍त हुआ जा सके कि जो प्रोडक्‍ट बिक रहा है वो सही बिक रहा है.मसालों को लेकर कई दूसरे देशों ने चिंता जताई है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,FSSAI (Food Safety and Standard Authority Of india) ने अपनी जांच के दायरे को Nestle से बढ़ाते हुए कई और ब्रैंड तक उसका विस्‍तार कर दिया है. एफएसएसआई बेबी प्रोडक्‍ट बनाने वाली सभी कंपनियों के बेबी प्रोडक्‍ट की जांच कर रहा है. यही नहीं जांच एजेंसी ने देशभर में मसाले से लेकर दूसरे कई प्रोडक्‍ट की जांच को लेकर अपना अभियान तेज कर दिया है. एफएसएसएआई ने जिन मसाला कंपनियों की जांच करने का निर्णय लिया है उनमें प्रमुख रूप से कई नामी कंपनियां शामिल हैं. मसाला कंपनियों के खिलाफ जांच का कार्यक्रम सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों के इन्‍हें लेकर चिंता जताए जाने के बाद हुआ है. 

Nestle के मामले की तेजी से हो रही है जांच 
वहीं Nestle के बेबी फूड में शुगर मिलाए जाने के आरोपों के बाद एफएसएसएआई की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है. माना जा रहा है कि एक महीने में इस पूरे मामले की रिपोर्ट आ सकती है. ये पूरी जांच स्विटजरलैंड की दूसरी कंपनी पब्लिक आई के द्वारा की गई थी. स्विस कंपनी की रिपोर्ट आने के बाद कंज्‍यूमर अफेयर मिनिस्‍ट्री के इस मामले के संज्ञान लेने के बाद शुरू हुई है. इसमें नेस्‍ले के बेबी प्रोडक्‍ट की हर लेवल पर जांच हो रही है. 

नेस्‍ले पर लगा है भारत में ज्‍यादा चीनी मिलाने का आरोप 
स्विटजरलैंड की दूसरी कंपनी पब्लिक आई ने इस मामले में आरोप लगाया है कि नेस्‍ले बेबी प्रोडक्‍ट बनाने को लेकर अंतरराष्‍ट्रीय नियमों का पालन नहीं कर रही है. कंपनी के भारत में बेचे जाने वाले प्रोडक्‍ट में चीनी मिली है. जबकि कंपनी दुनिया के वि‍कसित देशों अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में इस प्रोडक्‍ट को बिना चीनी के बेच रही है. लेकिन भारत में हर सर्विंग में कंपनी 3 ग्राम तक चीनी मिला रही है. वहीं कंपनी ने इस मामले में कहा है कि वो सभी नियमों का पालन कर रही है. 

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Reliance Industries ने बनाया नया रिकॉर्ड, ऐसा करने वाली देश की पहली कंपनी बनी

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजे सामने आ गए हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कंपनी की ओर से किस तरह के आंकड़ें पेश किए गए हैं.

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Tuesday, 23 April, 2024
Reliance

देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी तिमाही में ताबड़तोड़ कमााई की है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड सालाना आधार पर 1 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. रिलायंस सालाना कर-पूर्व मुनाफा (annual pre-tax profit) कमाने में 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी का शुद्ध मुनाफा एक साल पहले की तुलना में 7 प्रतिशत बढ़कर 79,020 करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा, कंपनी ने कंज्यूमर बिजनेस और अपस्ट्रीम बिजनेस में निरंतर विकास गति के चलते 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड वार्षिक कंसोलिडेटेड रेवन्यू हासिल किया.

Reliance ने बना दिया ये रिकॉर्ड

अरबपति मुकेश अंबानी की Reliance Industries Ltd ने अपनी चौथी तिमाही के नतीजों का ऐलान करते हुए बताया कि वित्त वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है और ऐसा करने वाली RIL पहली भारतीय कंपनी बन गई है. समीक्षाधीन वर्ष के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का टर्नओवर 2.6 फीसदी के इजाफे के साथ बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2022-23 में 9.74 लाख करोड़ रुपये था. इसके अलावा 31 मार्च को समाप्त फाइनेंशियल ईयर में रिलायंस इंडस्ट्रीज का EBITDA 16.1 फीसदी बढ़कर 1.79 लाख करोड़ रुपये हो गया.

नतीजों पर क्या बोले चेयरमैन मुकेश अंबानी?

Reliance Chairman-MD मुकेश अंबानी ने कहा कि आरआईएल द्वारा की गई पहलों ने भारत की अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर्स की ग्रोथ में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सभी सेगमेंट्स में मजबूत वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन किया है. इससे कंपनी को कई उपलब्धियां हासिल करने में मदद मिली है. इसका उदाहरण है कि Reliance कर-पूर्व मुनाफे में 100,000 करोड़ रुपये की सीमा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है.

एक साल में कमाया इतना मुनाफा

अगर बात पूरे वित्त वर्ष की करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुनाफे में अच्छा इजाफा देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2023-24 में रिलायंस ने 69,621 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड मुनाफा जेनरेट किया है. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 66,702 करोड़ रुपए देखने को मिला था. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले वित्त वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपए का कारोबार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई. समीक्षाधीन वर्ष में कंपनी का कारोबार 2.6 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 9.74 लाख करोड़ रुपए था.

कंपनी के शेयरों में मामूली इजाफा

अगर बात कंपनी के शेयरों की बात करें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में मामूली इजाफा देखने को मिला है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 19 रुपए की मामूली तेजी के साथ 2960.60 रुपए पर बंद हुआ. वैसे कंपनी का शेयर सोमवार को 2,950 रुपए पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 2964.30 रुपए पर आ गया था. वैसे मौजूदा साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में 14 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.जबकि बीते एक साल में कंपनी के शेयर 25 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल चुकी है. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप एक बार फिर से 20 लाख करोड़ रुपए के पार चला गया है.
 


Amit Shah ही नहीं, वाइफ ने भी शेयर बाजार से कमाया है खूब पैसा; ऐसा है पोर्टफोलियो 

अमित शाह की वाइफ सोनल शाह की नेटवर्थ में शेयर बाजार से हुई कमाई का बड़ा योगदान है.

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Tuesday, 23 April, 2024
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ-साथ उनकी पत्नी सोनल शाह (Sonal Shah) ने भी स्टॉक मार्केट से अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में सोनल शाह का स्टॉक पोर्टफोलियो 4.36 करोड़ रुपए का था, जो अब बढ़कर 20 करोड़ रुपए हो गया है. इस दौरान उनकी कुल नेटवर्थ 9.21 करोड़ से 29.01 करोड़ रुपए हो गई है. 

किस कंपनी के कितने शेयर?
अमित शाह की पत्नी के पोर्टफोलियो में कई कंपनियों के शेयर हैं. इसमें The Karur Vysya Bank के एक लाख शेयर, TV18 Broadcast के 40,000 शेयर, Canara Bank के 50,000 शेयर, Tata Steel के 30,890 शेयर, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड के 20,000 शेयर, NCC के 30,000 शेयर और सन फार्मा एडवांस्ड रिसर्च के 17,500 शेयर शामिल हैं. अमित शाह के स्टॉक पोर्टफोलियो में जहां 180 कंपनियों के शेयर हैं. जबकि सोनल अमितभाई शाह ने करीब 80 कंपनियों में पैसा लगाया है. 

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वाइफ के पास है इतना सोना
सोनल शाह के पास 1,620 ग्राम सोना और 63 कैरेट के हीरे भी हैं, जिनका बाजार मूल्य करीब 1.1 करोड़ रुपए है. वहीं, अमित शाह के पोर्टफोलियो की बात करें, तो उनके पास Hindustan Unilever, MRF, Colgate-Palmolive, Procter & Gamble Hygiene and ABB India, ITC, VIP Industries, Infosys, Grindwell Norton, Cummins India, Kansai Nerolac Paints, सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड, NMDC स्टील लिमिटेड, वेस्टर्न इंडिया शिपयार्ड लिमिटेड, साउथ इंडियन बैंक, टीएआरसी लिमिटेड और प्रिनो केमिकल्स लिमिटेड के शेयर हैं. 

रिलायंस के भी 117 शेयर 
शाह दंपति ने लिस्टेड और नॉन-लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में करीब 37.47 करोड़ रुपए का निवेश किया हुआ है, जो इनकी कुल नेटवर्थ का लगभग 57%  है. अमित शाह के पास 900 ग्राम से अधिक सोना, 7 कैरेट हीरे और 25 किलोग्राम चांदी भी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने चुनाव आयोग को दी जानकारी में बताया था कि उनके पास Reliance Industries के 8 लाख रुपए से अधिक मूल्य के 2,450 शेयर हैं. लेकिन उनके 2024 के पोर्टफोलियो में Reliance शामिल नहीं है. जबकि उनकी वाइफ के पास जरूर रिलायंस के 117 शेयर हैं, जिनका बाजार मूल्य 3.4 लाख रुपए है. 


चढ़ते पारे की तरह आज चढ़ सकते हैं इन शेयरों के भाव, दांव लगाकर भुनाएं मौका! 

शेयर बाजार की चाल आज कैसी रहेगी सटीक तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है, लेकिन कुछ शेयरों में तेजी के संकेत जरूर मिले हैं.

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Tuesday, 23 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) के लिए इस हफ्ते की शुरुआत अच्छी रही है. सोमवार को मार्केट तेजी के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 560.29 अंकों की उछाल के साथ 73648.62 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 189.40 अंक चढ़कर 22336.40 पर पहुंच गया. विदेशी बाजारों में तेजी, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी निवेशकों के फिर से लिवाल बनने से घरेलू शेयर बाजार को मजबूती मिली. आज बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

MACD ने दिए हैं ये संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए HUL, Power Grid, Chennai Petroleum, Kalpataru Power, JSPL और Natco Pharma में तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में मुनाफा कमाने का मौका बन सकता है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. MACD ने कुछ शेयरों में मंदी का रुख भी दर्शाया है, इसमें HFCL, Biocon, YES Bank, KRBL और BLS International Services शामिल हैं. लिहाजा इन शेयरों में निवेश को लेकर सावधान रहें. 

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ये हैं मजबूत खरीदारी वाले Stock
अब बात करते हैं उन शेयरों की, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Motilal Oswal, Voltas, Hind Copper, Jio Financial Services, DOMS Industries, Nippon Life AMC और Siemens शामिल हैं. मोतीलाल ओसवाल के शेयर कल 5 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,344 रुपए पर बंद हुए थे. टाटा समूह की कंपनी वोल्टास के लिए तो कल का दिन शानदार रहा. इस दौरान कंपनी का शेयर छह प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 1,379.50 रुपए पर पहुंच गया. Jio Financial के शेयर में सोमवार को करीब 4 प्रतिशत की मजबूती आई और यह 383 रुपए पर बंद हुआ. वहीं, Himadri Speciality के शेयर में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).