Camikara का नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब होता है लिक्विड गोल्ड. कंपनी का दावा है कि इस रम का टेस्ट सबसे अलग है.
भारतीय बाजार में एक नई Rum लॉन्च हुई है. Piccadilly Distilleries ने लिमिटेड एडिशन रम पेश की है, जिसे 12 सालों तक American oak barrels में ऐज किया गया है. कंपनी का दावा है कि Camikara अपनी तरह की पहली केन जूस बेस्ड Rum है, जिसका स्वाद सबसे अनोखा है. Camikara एक सिपिंग रम है और नीट पीने में ही इसका असली स्वाद मिलता है.
संस्कृत से लिया नाम
Camikara को हाल ही में गुरुग्राम के एक होटल में लॉन्च किया गया. Piccadilly Distilleries का कहना है कि ये देश की पहली 100% प्योर Cane Juice Based रम है. कंपनी के मुताबिक, इस लिक्विड गोल्ड रम की लॉन्चिंग भारत के Rum बाजार में एक क्रांति की शुरुआत है. Camikara नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब होता है लिक्विड गोल्ड. लॉन्च इवेंट में Piccadilly Distilleries के चेयरमैन विनोद शर्मा ने Camikara रम के बारे में बताया. इस मौके पर एक्टर जिमी शेरगिल, लीबिया के ऑस्ट्रियाई राजदूत Christoph Meyenburg, भारत में डोमिनिकन रिपब्लिक दूतावास के पहले सचिव कार्लोस ग्रॉस और सेलिब्रिटी शेफ तरुण सिब्बल जैसी हस्तियां उपस्थित थीं.
केवल 1200 बोतल
कंपनी का कहना है कि Camikara रम के बाजार में अपनी एक अलग छाप छोड़ने में सफल रहेगी. इसका टेस्ट इसे दूसरी Rum से अलग बनाता है. Camikara पूरी तरह से केन जूस बेस्ड रम है. फिलहाल, भारत के लिए इस स्पेशल एडिशन RUM की केवल 1200 बोतलें उपलब्ध कराई गई हैं. इस रम को कॉपर पॉट में डिस्टिल्ड किया गया है और 50% ABV पर बोतल में पैक किया जाता है. भारत के अलावा, इसकी कुछ बोतलें USA, UK और जर्मनी भी भेजी गई गई हैं.
इतनी है कीमत
भारतीय बाजार में Camikara की बोतल की कीमत 6200 रुपए है. मौजूदा वक्त में यह केवल हरियाणा और गोवा में ही उपलब्ध है. Piccadilly Distilleries की 'इंद्री' नामक व्हिस्की पहले से ही बाजार में है. यह सिंगल माल्ट व्हिस्की मेड इन इंडिया है और इसका नाम हरियाणा के गांव इंद्री पर रखा गया है.
कल्याण ज्वेलर्स ने तीसरे क्वार्टर के रिजल्ट्स जारी कर दिए हैं. गोल्ड के दाम में वृद्धि के बावजूद कंपनी की स्थिति बेहतर हुई है. रिजल्ट्स के बाद कंपनी के शेयर्स में गिरावट दर्ज की गयी.
कल्याण ज्वैलर्स ने आज एक स्टेटमेंट जारी कर 31 दिसंबर 2022 को खत्म हुए तीसरे क्वार्टर की रिपोर्ट साझा की है. कल्याण ज्वैलर्स के कुल प्रॉफिट में सालाना आधार पर 10.34% बढ़त दर्ज की गयी है, टैक्स में कटौती के बाद जहां पिछले साल कल्याण ज्वैलर्स का नेट प्रॉफिट 134.52 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था वहीं इस साल कंपनी का कुल प्रॉफिट 148.43 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है.
कुछ ऐसा रहा तीसरे क्वार्टर का कुल नतीजा
वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर के दौरान कंपनी ने अपने कुल रेवेन्यु में 13% की बढ़त रिपोर्ट की है. पिछले साल तीसरे क्वार्टर के दौरान कंपनी का कुल रेवेन्यु 3,435 करोड़ रुपये था जो इस साल बढ़कर 3884 करोड़ रुपये हो गया है. साथ ही, कल्याण ज्वैलर्स का EBITDA(अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन एंड अमोर्टाइजेशन) को इस साल 327 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो पिछले साल के तीसरे क्वार्टर में 299 करोड़ रुपये था.
गोल्ड के दामों में वृद्धि के बावजूद बढ़ रहा है फुटफॉल
कल्याण ज्वैलर्स इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रमेश कल्याणरमन ने कहा – गोल्ड के दामों में लागातार वृद्धि के बावजूद शादियों का सीजन होने कि वजह से डिमांड बढ़ी हुई है और हमें रेवेन्यु और फुटफॉल की गति में जबरदस्त बढ़त देखने को मिली है. तीसरे क्वार्टर में हमने कैलेंडर ईयर 2023 के दौरान 52 नए शोरूम खोलने की घोषणा की थी. इसी रणनीति को ध्यान में रखते हुए हमने अपने आंतरिक संसाधनों को बनाने में पिछले 3 – 4 महीनों से काफी मेहनत और टाइम इन्वेस्ट किया है.
भारत में ऐसी कंपनी की हालत
सिर्फ भारत में कंपनी का EBITDA पिछले वर्ष के तीसरे क्वार्टर के 253 करोड़ रूपए से बढ़कर इस साल 276 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. वहीँ अगर बात टैक्स में कटौती के बाद प्रॉफिट की बात करें तो इस साल यह 133 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जबकि पिछले साल टैक्स में कटौती के बाद कंपनी का प्रॉफिट 118 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था. कल्याण ज्वैलर्स की इ-कॉमर्स डिविजन Candere ने पिछले साल के तीसरे क्वार्टर में 47 करोड़ रुपये का रेवेन्यु कमाया जबकि इस साल यह आंकडा 44 करोड़ रुपये तक ही पहुंच पाया. Candere को 31 दिसंबर 2022 को खत्म हुए क्वार्टर में 1.7 करोड़ रुपयों का नुक्सान उठाना पडा जबकि पिछले साल Candere को 26 लाख का प्रॉफिट हुआ था.
मिडल-ईस्ट में भी हुआ फायदा
वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर के दौरान मिडल-ईस्ट में कंपनी के रेवेन्यु में 24% कि बढ़त दर्ज की गयी. पिछले साल मिडल-ईस्ट में जहां कंपनी का कुल रेवेन्यु 515 करोड़ रुपये था वहीं इस साल यह बढ़कर 641 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी के कुल रेवेन्यु में मिडल-ईस्ट क्षेत्र का योगदान लगभग 16.5% रहा. मिडल-ईस्ट क्षेत्र में कंपनी के EBITDA को 52 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 46 करोड़ रुपयों का था. टैक्स कटौती के बाद इस क्वार्टर में कंपनी को 17 करोड़ का प्रॉफिट हुआ है जबकि पिछले साल टैक्स की कटौती के बाद कंपनी को 16 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट हुआ था. कल्याण ज्वैलर्स के तीसरे क्वार्टर के रिजल्ट्स आने के बाद कंपनी के शेयर्स में 3% की गिरावट दर्ज की गयी.
परेशानियों का सामना कर रहे अडानी ग्रुप ऑफ कम्पनीज में शामिल अडानी पोर्ट्स के CEO करन अडानी ने कहा है कि वह अगले वित्त वर्ष में लोन का भुगतान करेंगे और साथ ही निवेश भी करेंगे.
अडानी पोर्ट्स के डायरेक्टर और CEO करन अडानी ने 7 फरवरी को एक स्टेटमेंट में कहा, कि अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकॉनोमिक जोन की प्लानिंग है कि अगले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2023 – 24 तक वह 5000 करोड़ के अपने लोन का पूरा भुगतान कर दें. हमारी प्लानिंग समय से पहले पूरे अमाउंट का भुगतान करने की है जिससे हमारा नेट डेब्ट-EBITDA रेशो बेहतर हो सके.
अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकॉनोमिक जोन द्वारा लोन के वापस भुगतान कि यह घोषणा तब सामने आई है जब अडानी ग्रुप न्यूयॉर्क स्थित शोर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट की वजह से बहुत परेशानी में है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप ऑफ कंपनीज पर शेयर मैनीप्युलेशन और ओवर-वैल्युएशन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे जिसके बाद से कंपनी के शेयर्स में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है. साथ ही कंपनी को अपना 20000 करोड़ की वैल्यू वाला FPO भी वापस लेना पड़ा था.
सिर्फ लोन का भुगतान नहीं, इन्वेस्ट भी करेगी कंपनी
रिकॉर्ड किये गए एक विडियो स्टेटमेंट में करन अडानी ने कहा कि डेब्ट में कमी आने के बाद अडानी पोर्ट्स 2023-24 में 4000 – 4500 करोड़ रुपये भी कैपिटल एक्सपेंडिचर के रूप में इन्वेस्ट करेगा. इस कैपिटल एक्सपेंडिचर में से अधिकतम का उपयोग, कंपनी द्वारा अडानी पोर्ट के मुद्रा पोर्ट को एक्स्पेंड करने में किया जायेगा. साथ ही, अगले वित्त वर्ष में अडानी पोर्ट्स अपने EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन, एंड अमोर्टाइजेशन) को भी 14500 करोड़ – 15000 करोड़ रुपयों तक बढाने की कोशिश करेगा.
खुद को ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी में बदलेगी कंपनी
अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकॉनोमिक जोन का नेट डेब्ट-टू-EBITDA रेशो, 3 – 3.5x की गाइडेड रेंज के अन्दर है. अक्टूबर 2022 – दिसंबर 2022 के बीच कंपनी के कुल खर्चे 3507.18 करोड़ पर पहुँच गए थे जबकि पिछले साल यह आंकडा 2924.30 करोड़ रुपये पर स्थिर था. साथ ही करन अडानी ने बताया कि कंपनी ने हायफ़ा पोर्ट, IOTL, ICD TUMB, ओसियन स्पार्कल और गंगावरम पोर्ट के ट्रांजेक्शन्स को खत्म कर दिया है और अब कंपनी अपने बिजनेस मॉडल को एक ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी में बदलने की तैयारी में लगी हुई है.
कंपनी ने एक स्टेटमेंट में बताया कि वित्त वर्ष 2023 के पहले नौ महीनों में उन्होंने 252.9 MMT (मिलियन मैट्रिक टन) के कार्गो को हैंडल किया. साथ ही कंपनी ने यह भी बताया कि मैच्योर्ड पोर्ट्स पर बेहतर कैपेसिटी युटिलाइजेशन और क्षमता पर जोर देने कि वजह से उसका RoCE (रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लोयड) लगातार बेहतर हो रहा है. एक रिपोर्ट की मानें तो कंपनी का लोजिस्टिक्स बिजनेस वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले दोगुने से ज्यादा बढ़ा है.
यह भी पढ़ें: अडानी की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, 10 फरवरी को होगी सुनवाई
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हो चुकी है, जिसमें इस मामले की जांच करने की मांग की गई है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद एक ओर जहां बिजनेस बाजार में हलचल मची हुई है वहीं दूसरी ओर कंपनी को अब तक अरबों रुपयों का नुकसान हो चुका है. लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि ये विवाद यही खत्म होने वाला है तो ऐसा नहीं है. ये मामला पीआईएल के जरिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. जिस पर 10 फरवरी को सुनवाई होने जा रही है.
आखिर क्या कहा गया है पीआईएल में
सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई इस पीआईएल में कहा गया है कि एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की समिति बनाकर इस पूरे मामले की जांच की जाए. उन्होंने अपनी इस याचिका में ये भी कहा है कि भविष्य में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की ऋण मंजूरी के लिए एक समिति बनाई जाए. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जा चुकी है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद मचा है बवाल
अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को लेकर लगातार विवाद गहराया हुआ है. रिसर्च फर्म की रिपोर्ट में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसमें कहा गया था कि समूह एकाउंट्स की धोखाधड़ी और शेयरों की हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद ये पूरा विवाद गहराया हुआ है.
अडानी समूह को हो चुका है अरबों का नुकसान
जब से ये रिपोर्ट आई है तब से अडानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है. कंपनी को अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है. यही नहीं रिपोर्ट आने के बाद कई जानकार आने वाले दिनों में भी अडानी समूह के शेयरों में बहुत अच्छा उछाल नहीं देख रहे हैं.
टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने अपने तीसरे क्वार्टर के रिजल्ट्स की घोषणा कर दी है. प्रॉफिट में 91% की बढ़त और रेवेन्यु में बढ़त के बावजूद कंपनी एनालिस्टों के अनुमान से काफी पीछे रह गयी.
भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी, भारती एयरटेल ने दिसंबर 2022 में खत्म हुए क्वार्टर के लिए अपने कुल प्रॉफिट में 91% की बढ़त दर्ज की है. पिछले साल के तीसरे क्वार्टर में कंपनी का कुल नेट प्रॉफिट 830 करोड़ था जो इस साल बढ़कर 1588 करोड़ तक पहुंच गया. एनालिस्टों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा था कि भारती एयरटेल का प्रॉफिट सालाना आधार पर 200% से ज्यादा रहेगा, लेकिन एयरटेल इस अनुमान से काफी पीछे रह गया.
कस्टमर बेस और ट्रैफिक में हुई वृद्धि
पिछले साल के तीसरे क्वार्टर में कंपनी का कुल रेवेन्यु 29,867 करोड़ रुपये था जो इस साल 20% बढ़कर 35804 करोड़ हो गया. भारती एयरटेल ने एक एक्स्चेंज फाइलिंग में बताया कि उसके रेवेन्यु में सिक्वेन्शली 4% की बढ़त देखने को मिली है. संगठित स्तर पर भारती एयरटेल का ऑपरेशंस 16 देशों में फैला हुआ है. पिछले साल के मुकाबले कंपनी का कुल कस्टमर बेस 5% बढ़कर 51.1 करोड़ पर पहुंच गया. वहीं अगर बात ट्राफिक कि की जाए तो कंपनी का वोइस ट्रैफिक 5% बढ़ा जबकि इसके डाटा ट्रैफिक में 24% का उछाल देखा गया है.
ये रहा कंपनी के EBITDA का हाल
वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर के दौरान कंपनी का कुल EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट टैक्स डेप्रिसिएशन एंड अमोर्टाइजेशन) 18601 करोड़ रहा जो पिछले साल से 25% और पिछले क्वार्टर के मुकाबले 5% ज्यादा है. इस क्वार्टर में कंपनी का EBITDA मार्जिन 52.0% था जबकि पिछले साल इसी क्वार्टर के दौरान यह 49.9% और वित्त वर्ष 2023 के दूसरे क्वार्टर में यह 51.3% दर्ज किया गया था. तीसरे क्वार्टर के दौरान भारत में कंपनी का ARPU (एवरेज रेवेन्यु पर यूजर) 193 रुपये प्रति माह था जो सिक्वेन्शली 2% और सालाना आधार पर 18% ज्यादा है.
ऐसी रही भारत में कंपनी की हालत
इस क्वार्टर में कंपनी का कुल भारतीय रेवेन्यु - जिसमें मोबाइल सर्विसेज, होम सर्विसेज, डिजिटल TV और अन्य B2C (बायर टू कस्टमर) सर्विसेज शामिल हैं – 24692 करोड़ रुपये रहा. जबकि पिछले साल के तीसरे क्वार्टर में यह रेवेन्यु 24,333 करोड़ रुपये था. दिसंबर 2022 को ख़त्म हुए क्वार्टर में भारत में कंपनी का EBITDA मार्जिन भी बढ़ा. पिछले साल तीसरे क्वार्टर में यह 49.8% दर्ज किया गया था जबकि इस साल बढ़कर यह 52.7% हो गया वहीँ पिछले क्वार्टर में कंपनी का EBITDA मार्जिन 51.8% था.
कंपनी के लिए भारत में मोबाइल सर्विसेज का सेगमेंट सबसे बड़ा सेगमेंट है. इस क्वार्टर में मोबाइल सर्विसेज सेगमेंट के रेवेन्यु में सालाना आधार पर 20.8% का इजाफा हुआ है. कंपनी का कहना है कि लगातार बढ़ते 4G कस्टमर्स और ARPU बढ़ने कि वजह से ऐसा हो पाया है. आज NSE में भारतीय एयरटेल के शेयर्स में 0.37% की गिरावट देखने को मिली है.
यह भी पढ़ें: Adani Group के संकट पर बोले दिग्गज निवेशक Mobius - यह भारत की समस्या नहीं
दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस का कहना है कि अडानी संकट से उनका भारत को लेकर नजरिया नहीं बदला है.
अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में आई गिरावट को दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस (Mark Mobius) भारत से जोड़कर नहीं देखते. उनका कहना है कि ये गिरावट गौतम अडानी की समस्या है, न कि भारत की. मोबियस ने कहा कि वह भारत की संभावनाओं को लेकर अभी भी बुलिश हैं. ब्लूमबर्ग से बातचीत में मोबियस ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार का लंबी अवधि का भविष्य बहुत अच्छा है और वह भारत में और पैसा लगाएंगे.
जल्द गुजर जाएगा ये समय
अडानी संकट पर बोलते हुए मशहूर निवेशक मार्क मोबियस ने कहा कि यह अडानी की समस्या है. भारत अभी भी मजबूत ताकत से आगे की ओर बढ़ रहा है. यह अपार संभावनाओं वाला एक अविश्वसनीय देश है. मुझे लगता है कि यह शेयर बाजार में अक्सर देखे जाने वाले स्कैंडलों में से एक है और यह समय भी जल्द ही गुजर जाएगा. अडानी ग्रुप द्वारा फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) वापस लिए जाने पर उन्होंने कहा कि हमारी अडानी कंपनियों में दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि वे हमारे कर्ज से जुड़े मानदंडों को पूरा नहीं करती हैं.
वापस लिया था FPO
गौरतलब है कि अडानी ग्रुप ने बीते 1 फरवरी को अपना 20,000 करोड़ का FPO पूरी तरह से सब्सक्राइब हो जाने के बावजूद वापस ले लिया था. इस मौके पर गौतम अडानी ने कहा था कि बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, बोर्ड ने यह महसूस किया कि एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा था - मेरे लिए, निवेशकों का हित सर्वोपरि है और बाकी सब चीजें इसके बाद आती हैं. इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है.
शेयरों में आ रही तेजी
वहीं, आज यानी मंगलवार को अडानी समूह की कुछ कंपनियों के शेयरों में उछाल देखा गया. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में सीधे 15.28% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. जबकि बीते पांच दिनों में इसमें 38.29% की गिरावट आई थी. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिकस जोन लिमिटेड के शेयर भी काफी ज्यादा चढ़ गए थे, लेकिन बाजार खत्म होते-होते तेजी 1.93% रह गई. वहीं, अडानी विल्मर 4.99% की तेजी के साथ बंद हुआ. यानी कहा जा सकता है कि अडानी ग्रुप रिकवर कर रहा है.
हाल में खुले इन सर्विस सेंटर्स के अलावा, जीव्स आगामी महीनों में अहमदाबाद तथा सूरत में 3 नए अधिकृत सर्विस सेंटर खोलने की योजना तैयार कर रहा है.
मोबाइल सहित कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनी Samsung के अब तक कुछ सर्विस सेंटर चलाने के बाद अब कंपनी, Flipkart को और सर्विस सेंटर की जिम्मेदारी देने जा रही है. Flipkart अब कई शहरों में सैमसंग के सर्विस सेंटर का कामकाज देखेगा. कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इसकी शुरुआत 7 शहरों से होने जा रही है. इन शहरों में कंपनी के ग्राहकों को नई लोकेशन पर आफ्टर-सेल्स की सर्विस की सुविधा मिलेगी.
7 शहरों में शुरू होंगे नए सर्विस सेंटर
फ्लिपकार्ट की सर्विस आर्म जीव्स देशभर के विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर सैमसंग के अधिकृत सर्विस सेंटर खोलने जा रही है. इनमें लखनऊ, गुड़गांव, मुरादाबाद , गाजियाबाद, मुंबई, दुर्ग तथा रायपुर में इन सर्विस सेंटर्स का संचालन जीव्स की जिम्मेदारी होगा और यहां ग्राहकों तथा कारोबारों के लिए सभी तरह के आफ्टर-सेल्स सर्विस सॉल्यूशंस उपलब्ध कराए जाएंगे. यहां सैमसंग के कहीं से भी खरीदे गए उत्पादों के लिए आफ्टर-सेल्स सपोर्ट सुविधा उपलब्ध होगी.
लंबे समय से साथ काम कर रहे हैं सैमसंग फिलपकार्ट
जीव्स और सैमसंग के बीच काफी समय से तालमेल जारी है. लखनऊ और गुड़गांव में दो अधिकृत सर्विस सेंटर्स के बाद अब जीव्स कंपनी के 7 अधिकृत सर्विस सेंटर्स की कमान संभाल रहा है जहां से ग्राहकों के लिए, वारंटी और वारंटी से बाहर हो चुके सैमसंग प्रोडक्ट्स के इंस्टॉलेशन तथा रिपेयर जैसी आफ्टर-सेल्स सेवाएं उपलब्ध करायी जाती हैं. इन सेंटर्स से ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने के लिए यहां तैनात तकनीनिशयनों को सैमसंग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है.
क्या बोली जीव्स की सीईओ
इन सर्विस सेंटर्स के बारे में बताते हुए जीव्स, फ्लिपकार्ट की सीईओ डॉ निपुण शर्मा ने कहा, जीव्स कई नेशनल तथा इंटरनेशनल ब्रैंड्स की सर्विसिंग के अपने लंबे अनुभव की बदौलत, सैमसंग के ग्राहकों के लिए विस्तृत आफ्टर सेल्स सेवाएं देने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है. सैमसंग के इन नए सर्विस सेंटर्स के खुलने से कई तरह के प्रोडक्ट्स की बेहतरीन क्वालिटी की आफ्टर सेल्स सर्विस मुहैया कराने की जीव्स की योग्यता की एक बार फिर पुष्टि हुई है. इन सर्विस सेंटर्स के साथ, सैमसंग के ग्राहकों की पहुंच अब कुशल प्रोफेशनल्स द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सुगम आफ्टर सेल्स सर्विस तक होगी.
क्या करती है जीव्स
जीव्स के पास प्रॉपरायटरी सेवाओं तथा पार्टनर नेटवर्कों का एक बड़ा नेटवर्क मौजूद है. जीव्स द्वारा 40+ प्रोडक्ट कैटेगरीज़ के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले बिक्री-उपरांत समाधानों/ सेवाओं जैसे कि रिपेयर, मेंटीनेंस, डेमो, इंस्टॉलेशन तथा मूल्य वर्धित सेवाओं (VAS) के अलावा प्रोटेक्शन एवं एक्सटैंडेड वारंटी, इनबाउंड, आउटबाउंड एवं नॉन-वॉयस कस्टमर केयर सेवाओं ने इसे आगे बढ़ने में मदद की है. हाल में, जीव्स ने ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट रिपेयर, मेंटीनेंस तथा इंस्टॉलेशन सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से अपनी होम प्रोडक्ट सेवाएं भी शुरू की हैं.
कई दिनों की गिरावट के बाद अडानी समूह की कुछ कंपनियों के शेयरों में आज तेजी दर्ज की गई.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते पिछले कई दिनों से परेशान चल रहे गौतम अडानी (Gautam Adani) के लिए मंगलवार कुछ राहत लेकर आया. उनकी कुछ कंपनियों के शेयर मंगलवार को तेजी के साथ बंद हुए. अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में सीधे 15.28% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई. जबकि बीते पांच दिनों में इसमें 38.29% की गिरावट आई थी. वहीं, फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स रैंकिंग (Forbes Real-Time Billionaires Rankings) में भी अडानी की स्थिति में सुधार हुआ है.
22वें से 17वें स्थान पर
फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स रैंकिंग में गौतम अडानी 22वें नंबर पर खिसक गए थे, लेकिन मंगलवार को वह 17वें नंबर पर आ गए. हालांकि, ब्लूमबर्ग मिलेनियर इंडेक्स में अडानी अभी भी 21वें नंबर पर मौजूद हैं और मुकेश अंबानी 12वें स्थान पर हैं. उनके बीच दौलत का फासला काफी ज्यादा हो गया है. लेकिन अडानी के लिए सुकून वाली बात ये है कि उनका समूह हिंडनबर्ग के प्रभाव से धीरे-धीरे ही सही पर बाहर निकलता नजर आ रहा है.
देखी है जबरदस्त गिरावट
पिछले 10 दिनों से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. उसका मार्केट कैप 100 अरब डॉलर तक लुढ़क गया, मगर अब स्थिति बेहतर हो रही है. शेयरों में तेजी के साथ अडानी की नेटवर्थ में भी इजाफा हुआ और फोर्ब्स रियल टाइम बिलेनियर्स रैंकिंग के अनुसार उनकी नेटवर्थ 61.5 अरब डॉलर पहुंच गई है. वह 21वें स्थान से सीधे 17 नंबर पर आ गए हैं.
काम आया दांव
अडानी समूह निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. सोमवार को ग्रुप ने कंपनी के प्रमोटर्स लोन्स के प्रीपेमेंट की घोषणा की थी. अडानी समूह ने ऐलान किया कि वो अपने गिरवी रखे शेयरों को वापस छुड़ाने के लिए 1.11 अरब डॉलर के लोन का प्रीपेमेंट करेगा. समूह की इस घोषणा का असर आज बाजार में देखने को मिला है और उसकी कुछ कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है. अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिकस जोन लिमिटेड के शेयर काफी ज्यादा चढ़ गए थे, लेकिन बाजार खत्म होते-होते तेजी 1.93% रह गई. वहीं, अडानी विल्मर 4.99% की तेजी के साथ बंद हुआ.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा था कि वो बताएं कि आखिर किस बैंक ने कितना पैसा अडानी ग्रुप पर लगाया है.
मौजूदा समय में भारत के बिजनेस बाजार में हर किसी की जुबान पर अडानी की कंपनियों का नाम है. विपक्ष जहां ये कह रहा है कि एलआईसी और एसबीआई जैसे बैंकों का पैसा डूब गया है वहीं दूसरी ओर सभी लोग ये भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर किस बैंक ने अडानी पर कितना पैसा लगाया है, क्योंकि जिन बैंकों ने पैसा लगाया है उनमें करोड़ों लोगों की मेहनत की कमाई जमा है. ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर किस बैंक ने कितना पैसा लगाया है. आज हम अपनी इस स्टोरी में आपको यही बताने जा रहे हैं.
SBI ने कितना लगाया पैसा
देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया है. इस बैंक का नाम पहले दिन से सामने आ रहा है कि आखिर इसने अडानी की कंपनियों में कितना पैसा लगाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैंक ने अडानी ग्रुप को 27 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया हुआ है. बैंक के अनुसार ये उसके कुल लोन का मात्र 0.8 प्रतिशत है. बैंक के अनुसार अडानी को दिए गए लोन को लेकर कोई रिस्क नहीं है.
BOB ने कितना दिया लोन
बैंक ऑफ बड़ौदा का कहना है कि उसने अडानी ग्रपु को जो लोन दिया है वो उसके टॉप 10 लोन में भी शामिल नहीं है. बैंक ऑफ बड़ौदा ने जो पैसा लगाया है वो उसका करीब 30 फीसदी लोन ज्वॉइंट वेंचर्स और पीएसयू यानी सरकारी कंपनियों का है. बैंक ऑफ बड़ौदा भी देश का एक बड़ा बैंक है यहां भी करोड़ों लोगों की रकम जमा है ऐसे में बीओबी ने भी रिजर्व बैंक के कहने के बाद अपने लोन का एमाउंट बता दिया है.
पंजाब नेशनल बैंक ने कितना दिया लोन
पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है. इस बैंक का कहना है कि उसने अडानी ग्रुप को 7000 करोड़ रुपये का लोन दिया हुआ है. 7000 करोड़ रुपये में से 6300 करोड़ रुपये फंडेड एक्सपोजर का है. पीएनबी अडानी ग्रपु को जो 2500 करोड़ रुपये जो लोन दिया है वो एयरपोर्ट के लिए दिया हुआ है.
एक्सिस और इंडसइंड ने दिया कितना लोन
इसी तरह एक्सिस बैंक ने अडानी ग्रुप को जो लोन दिया है वो आउटस्टैंडिंग नेट एडवांस्ड का महज 0.94 प्रतिशत है. एक्सिस बैंक का कहना है कि फंड बेस्ड आउटस्टैंडिंग नेट एडवांसेज का 0.29 प्रतिशत, नॉन फंड बेस्ड आउटस्टैंडिंग नेट एडवांस्ड का 0.58 प्रतिशत और इंवेस्टमेंट नेट एडवांसेज का 0.7 प्रतिशत है. इसी तरह इंडस्इंड बैंक ने अडानी को जो लोन दिया है वो उसकी लोन बुक का 0.49 प्रतिशत है.
जहां बहुत सी कंपनियों के तीसरे क्वार्टर के रिजल्ट्स काफी अच्छे और शानदार रहे हैं, वहीं टाटा स्टील को इस क्वार्टर में 2224 करोड़ रुपयों का नुक्सान उठाना पड़ा है.
34 मिलियन टन की क्रूड स्टील कैपेसिटी के साथ टाटा स्टील विश्व की सबसे बड़ी स्टील कंपनियों में से एक है. सोमवार को टाटा स्टील ने एक स्टेटमेंट द्वारा वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर के अपने रिजल्ट्स को जारी किया. बहुत सी भारतीय कंपनियों और बैंकों के लिए 31 दिसंबर को ख़त्म हुआ यह क्वार्टर काफी अच्छा रहा था. लेकिन टाटा स्टील को वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर में 2224 करोड़ रुपयों का नेट लॉस उठाना पड़ा है.
प्रॉफिट मिलने के लगाए गए थे अनुमान
पिछले वर्ष कंपनी को 9572 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट हुआ था. वहीँ अगर पिछले क्वार्टर की बात करें तो कंपनी को 1514 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट देखने को मिला था. वित्त वर्ष 2023 के तीसरे क्वार्टर में कंपनी को ऑपरेशंस से मिलने वाले रेवेन्यु में सालाना आधार पर 6% की गिरावट दर्ज की गयी है. ज्यादातर एनालिस्टों द्वारा कंपनी को तीसरे क्वार्टर में प्रॉफिट मिलने के अनुमान लगाए जा रहे थे. इस क्वार्टर के दौरान कंपनी का कुल EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट टैक्स डेप्रिसिएशन एंड अमोर्टाइजेशन) 7% मार्जिन के साथ 4154 करोड़ रुपये रहा. यूरोप में चल रही स्थिति को कंपनी के प्रॉफिट में हुई इस गिरावट के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है.
इस वजह से पड़ा परफॉरमेंस पर असर
टाटा स्टील के CEO और MD टी वी नरेन्द्रन ने कहा - विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी टाटा स्टील ने इंडिया में लगातार स्थिर रूप से ग्रोथ की है. वित्त वर्ष 2023 के पहले नौ महीनों में घरेलु डिलीवरी 13.7 मिलियन टन रही जो पिछले साल के मुकाबले 4 प्रतिशत ज्यादा है. कंपनी के अधिकतर भागों में विस्तृत रूप से बढ़त देखने को मिली है. कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कौशिक चटर्जी ने कहा - इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में इकॉनोमिक स्लो-डाउन और इन्फ्लेशन के प्रेशर के बावजूद ग्लोबल स्टील की कीमतें संतुलित रही हैं. इंडिया में स्टील की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ जबकि रॉ मैटेरियल की कीमत भी पहले से कम हुई है.
इंडियन मार्किट में प्रॉफिट तो यूरोप में हुआ नुकसान
इंडियन मार्किट में कंपनी ने 1918 करोड़ रुपये के प्रॉफिट के साथ 32325 करोड़ रुपये का रेवेन्यु कमाया है. हालाँकि भारत में कंपनी की डिलीवरीज सालाना आधार पर 7% बढ़कर 4.74 मिलियन टन रही. टी वी नरेन्द्रन ने बताया कि – मांग कम होने की वजह से वित्त वर्ष 2023 के पहले नौ महीनों में यूरोप में हमारी डिलीवरीज कम रही हैं. रिसेशन को लेकर चिंता की वजह से स्टील की कीमतों पर दबाव बढ़ने और बढ़ी हुई एनर्जी कॉस्ट्स की वजह से हमारी परफॉरमेंस पर काफी असर पड़ा है.
कंपनी ने इस क्वार्टर के दौरान कैपेक्स (कैपिटल एक्सपेंडिचर) के रूप में 3632 करोड़ रुपये खर्च किये. वहीँ अगर बात कंपनी के नेट डेब्ट की करें तो यह 71706 करोड़ रुपयों पर स्थिर रहा. कंपनी द्वारा क्वार्टर में जेनरेट किया गया फ्री कैश फ्लो 1588 करोड़ रुपये रहा जिसकी वजह वर्किंग कैपिटल में मनचाही मूवमेंट को माना जा रहा है. साथ ही कंपनी के बोर्ड ने टाटा स्टील के साथ अंगुल एनर्जी के मर्जर को मंज़ूर कर दिया है.
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गौतम अडानी के बेटे करण अडानी को महाराष्ट्र की सरकार ने एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Report) की रिपोर्ट से गौतम अडानी (Gautam Adani) मुश्किलों में घिरे हुए हैं. उनकी पर्सनल वेल्थ तेजी से घट रही है और वो कमाई के मामले में रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी से पिछड़ गए हैं. इस बीच, उनके बेटे करण अडानी (Karan Adani) को एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है. महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने करण को यह जिम्मेदारी सौंपी है.
EAC में किया गया शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए आर्थिक सलाहकार परिषद् (EAC) का गठन किया है और गौतम अडानी के बड़े बेटे करण अडानी को इस कमेटी में शामिल किया गया है. करण अडानी के अलावा मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) को इस परिषद् में जगह मिली है. यानी अडानी और अंबानी के बच्चे अब महाराष्ट्र की आर्थिक सेहत को सुधारने के लिए सलाह देंगे.
इनके हाथों में EAC की कमान
महाराष्ट्र सरकार की आर्थिक सलाहकार परिषद् (EAC) का नेतृत्व टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन करेंगे. इस टीम में कुल 21 सदस्य होंगे. करण अडानी की बात करें, तो वह पहले से ही अडानी अडानी समूह में बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. अडानी पोर्ट कारोबार की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है. इसके अलावा, अडानी ग्रुप के सीमेंट कारोबार की कमान भी उनके हाथों में है. अब महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
बिजनेस में बंटा रहे पिता का हाथ
चलिए करण अडानी के बारे में कुछ विस्तार से जानते हैं. करण का जन्म 7 अप्रैल 1987 को अहमदाबाद में हुआ था. वह 2017 से अडानी पोर्ट संभाल रहे है. इसके अलावा अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिडेट की जिम्मेदारी भी उन्हीं के पास है. वह अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के सीईओ हैं. 2013 में, करण अडानी ने परिधि श्रॉफ से शादी की थी. परिधि अपने पिता की तरह कॉरपोरेट वकील हैं. करण की तरह उनके छोटे भाई जीत अडानी भी बिजनेस में सक्रिय हैं. उनके पास अडानी एयरपोर्ट्स बिजनेस की जिम्मेदारी है.