PM मोदी की महत्वकांक्षी योजना मेक इन इंडिया की सफलता का ग्राफ और चढ़ गया है. Apple के बाद अब एक ब्रिटिश कंपनी ने भारत में अपने स्मार्टफोन तैयार करने का फैसला लिया है.
iPhone बनाने वाली कंपनी Apple के बाद अब एक दिग्गज ब्रिटिश कंपनी भारत में अपने स्मार्टफोन तैयार करने जा रही है. इसे मेक इन इंडिया (Make in India) की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. जाहिर है, जब ब्रिटिश कंपनी नथिंग (Nothing) भारत में अपने फोन तैयार करेगी, तो इससे हमारे यहां नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे. बता दें कि Apple भारत में बड़े पैमाने पर iPhone बना रही है. हाल ही में कंपनी ने भारत में अपने दो आधिकारिक स्टोर खोले हैं. इसके साथ ही कंपनी की योजना देश में अभी कुछ और स्टोर्स खोलने की भी है.
प्लास्टिक फ्री होगी अनबॉक्सिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रिटिश कंज्यूमर टेक्नोलॉजी ब्रैंड नथिंग (Nothing) ने अपने अपकमिंग स्मार्टफोन Nothing Phone (2) को भारत में बनाने की घोषणा की है. इस फोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे तैयार करने में पर्यावरण का काफी ध्यान रखा जाएगा. Phone (1) की तुलना में इसमें 3 गुना ज्यादा रिसाइकल्ड यानी कि बायो-बेस्ड पार्ट्स होंगे. इसकी अनबॉक्सिंग पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त होगी और इसके फाइनल एसेंबली प्लांट पूरी तरह रिन्यूएबल एनर्जी पर चलेंगे. इतना ही नहीं फोन का फ्रेम 100% रिसाइकल्ड एल्यूमीनियम से बना होगा.
2020 में हुई थी स्थापना
Nothing Phone (2) की खासियत के बारे में जानने से पहले इसे बनाने वाली कंपनी के बारे में जानते हैं. Nothing की स्थापना 2020 में लंदन में हुई थी और यह ब्रिटेन की दिग्गज कंज्यूमर टेक्नोलॉजी कंपनियों में शामिल है. कंपनी पिछले कुछ समय से भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर फोकस कर रही है. Nothing ने भारत में चार कंज्यूमर टेक प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं. देश में इसके अथॉराइज्ड सर्विस सेंटर्स की संख्या 230 से ज्यादा है. एक रिपोर्ट बताती है कि कंपनी के Phone (1) को टाइम मैगजीन ने 2022 के बेस्ट इनोवेशंस में शामिल किया था. कंपनी अपने दो ऑडियो प्रोडक्ट्स Ear (1) और Ear (Stick) की दुनियाभर में 1,000,000 से अधिक यूनिट्स बेच चुकी है.
क्या है Phone (2) में खास?
कंपनी का दावा है कि Phone (2) दुनिया का सबसे ज्यादा सस्टेनेबल स्मार्टफोन है. नया फोन पिछले फोन के मुकाबले कम से कम 5 किलो कम कार्बन फुटप्रिंट देगा. जबकि इसकी बैटरी की क्षमता पिछले फोन से 200 MAH ज्यादा है. नए फोन में पुराने वाले की तुलना में 3 गुना ज्यादा रिसाइकल्ड पार्ट्स हैं. इसकी पैकेजिंग पूरी तरह प्लास्टिक फ्री होगी. कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि Nothing स्मार्टफोन अपने आइकॉनिक ट्रांसपेरेंट डिजाइन के लिए जाने जाते हैं. जिसके लिए हाई-टेक मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेसेज और प्रीसिशन इंजीनियरिंग की जरूरत होती है. भारत के पास इसकी क्षमता है, इसलिए भारत में स्मार्टफोन बनाने का फैसला लिया गया है.
अश्विन दानी के नेतृत्व में एशियन पेंट्स ने कई बड़े काम किए. उनके प्रयासों की बदौलत ही एशियन पेंट्स देश की सबसे बड़ी पेंट निर्माता कंपनी बन सकी.
मशहूर पेंट कंपनी एशियन पेंट्स (Asian Paints) के को-फाउंडर और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अश्विन दानी (Ashwin Dani) को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है. 79 वर्षीय दानी का गुरुवार यानी आज निधन हो गया. 1968 में एशियन पेंट्स में बतौर सीनियर एग्जीक्यूटिव अपने सफर की शुरुआत करने वाले दानी कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी रहे. उनके नेतृत्व में एशियन पेंट्स ने कई नई ऊंचाइयों को छुआ. आज 21,700 करोड़ रुपए के ग्रुप टर्नओवर के साथ एशियन पेंट्स देश की सबसे बड़ी पेंट निर्माता कंपनी है.
विरासत में मिली थी कंपनी
अश्विन दानी को एशियन पेंट्स अपने पिता सूर्यकांत दानी से विरासत में मिली थी. 1942 में अश्विन के पिता और तीन अन्य लोगों ने मिलकर एशियन पेंट्स की शुरुआत की थी. दिसंबर 1998 से लेकर मार्च 2009 तक अश्विन ने वायस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर कंपनी की बागडोर संभाली. Ashwin Dani की नेटवर्थ की बात करें, तो फोर्ब्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग 7.1 अरब डॉलर के आसपास है. 26 सितंबर 1944 को मुंबई में जन्मे अश्विन ने मुंबई यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से केमिस्ट्री में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह एक्रोन यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने के लिए अमेरिका चले गए.
केमिस्ट के रूप में किया काम
अश्विन दानी ने न्यूयॉर्क के Rensselaer Polytechnic Institute से कलर साइंस में डिप्लोमा भी किया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत केमिस्ट के तौर पर की थी. दानी ने अमेरिका के डेट्रॉइट में Inmont Corp में केमिस्ट की नौकरी की थी. 1968 में वह सीनियर एग्जीक्यूटिव के तौर पर अपने पारिवारिक व्यवसाय, एशियन पेंट्स जुड़े और फिर इसे बुलंदियों पर पहुंचाने में जुट गए. उनके नेतृत्व में एशियन पेंट्स ने विश्व स्तर पर अपनी मौजूदगी बनाई और कंपनी आज 16 देशों में पारिचालन करती है.
हमेशा कुछ नया करने का जज्बा
दानी कारोबार के विस्तार और और पेंट सेक्टर में हमेशा कुछ नया लाने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट काफी जोर देते थे. अश्विन दानी ने ही कंप्यूटराइज्ड कलर मैचिंग का कॉन्सेप्ट शुरू किया था. दानी का मानना था कि कंपनी की लगातार ग्रोथ और समृद्धि के लिए जरूरी है कि ग्राहकों की जरूरतों और प्राथमिकताओं को सबसे पहले रखा जाए. कारोबारी दुनिया के अलावा भी उनकी एक दुनिया थी. अश्विन एक योगा प्रैक्टिशनर थे और उनकी आर्ट कलेक्ट करने में गहरी रुचि थी. वह अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए हैं.
इस Chromebook का निर्माण चेन्नई की फ्लेक्स फैसिलिटी में किया जा सकता है. इस डिवाइस के भारत में निर्माण से ये यहां के छाात्रों को सस्ते में मिल पाएगा.
पर्सनल पीसी के बाजार में अहम भूमिका निभाने वाला HP और नामी टेक कंपनी गूगल आने वाले समय में क्रोमबुक (Chromebook) का निर्माण करने जा रहे हैं. इसे लेकर दोनों कंपनियों ने हाथ मिलाया है. इन दोनों की साझेदारी से माना जा रहा है कि देश में सस्ते पीसी की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा. विशेषतौर पर एजुकेशन सेक्टर में जो कमी है उसे पूरा किया जा सकेगा.
कई स्कूलों में पैदा हो रही है इनकी डिमांड
मौजूदा समय में जब से कंप्यूटर हर क्षेत्र में पहुंच चुका है ऐसे शिक्षा सेक्टर में भी इसकी जबदरस्त मांग देखने को मिल रही है. भारत के स्कूलों में लैपटॉप से लेकर डेस्कटॉप और दूसरे कंप्यूटर उपकरणों की मांग में इजाफा देखा जा रहा है. ऐसे में इस साझेदारी का मकसद यही है कि स्कूलों में पैदा होने वाली उस जरूरत को पूरा किया जा सके और स्टूडेंट को सस्ते और हाई-क्वॉलिटी उपकरण मुहैया कराए जा सकते हैं.
इतनी हो सकती है क्रोमबुक की कीमत
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एचपी और गूगल की साझेदारी में बनने वाले इस क्रोमबुक की कीमत 20 हजार से 30 हजार रुपये तक हो सकती है. अगर ये बनता है तो इससे एचपी को स्कूलों में जरूरत पूरी करने में बड़ी मदद मिलेगी. साथ ही एचपी अपने 11 इंच के क्रोमबुक के साथ 9 इंच के टैबलेट को भी बाजार में लॉन्च कर सकती है. क्योंकि इसका निर्माण भारत में होने जा रहा है तो ऐसे में कंपनी को ये भी उम्मीद है इसकी कीमत दूसरी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धी भी बनी रहेगी. इसका निर्माण चेन्नई में फ्लेक्स फैसिलिटी में किया जा सकता है.
क्या कहते हैं कंपनी के सीनियर डॉयरेक्टर?
एचपी कंपनी के सीनियर डॉयरेक्टर पर्सनल विभाग विक्रम बेदी कहते हैं कि एचपी डिजिटल इक्विटी को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि हम भारत में डिजिटल शिक्षा को पूरा करने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में क्रोमबुक निर्माण से भारत में छात्रों को किफायती लैपटॉप प्राप्त हो सकेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपने विनिर्माण इकाईयों का विस्तार करके भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएंगे.
क्या बोले गूगल के साउथ एशिया प्रमुख?
गूगल के साउथ एशिया प्रमुख बानी धवन ने इस मौके पर कहा कि हम स्थानीय शिक्षा में डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाते हुए सस्ते लैपटॉप मुहैया कराने में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं. हम स्कूलों को किफायती, सुरक्षित और हाई क्वॉलिटी वाले डिवाइस मुहैया कराकर छात्रों को बेहतर उपकरण देना चाहते हैं. Chromebook K-12 शिक्षा में अग्रणी उपकरण है जो दुनियाभर में 50 मिलियन से अधिक छात्रों और शिक्षकों की मदद करता है.
अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल रिलायंस की तरह डी-मर्जर पर काम कर रहे हैं. उनकी योजना तीन नई कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट कराने की है.
पिछले कुछ वक्त से मुश्किलों का सामना कर रहे अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) एक अलग योजना पर काम कर रहे हैं. अग्रवाल अपनी कंपनी वेदांता लिमिटेड के डी-मर्जर का खाका तैयार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेदांता लिमिटेड अपने एल्युमीनियम, ऑयल एंड गैस और स्टील कारोबार को अलग कर सकती है. इसके बाद इन सभी कारोबार को डी-मर्जर के जरिए शेयर बाजार में अलग से लिस्ट कराया जाएगा. बता दें रिलायंस ने भी डी-लिस्टिंग प्रक्रिया के तहत अपने फाइनेंशियल कारोबार को अलग करके जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को शेयर बाजार में लिस्ट किया है.
लिस्ट कंपनियों की बढ़ेगी संख्या
स्टॉक मार्केट में अभी वेदांता लिमिटेड ही सूचीबद्ध है. एल्युमीनियम, ऑयल एंड गैस और स्टील कारोबार को अलग करके शेयर बाजार में लिस्ट कराने के बाद ये संख्या बढ़कर 4 हो जाएगी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें, तो कंपनी ने अपने लेंडर्स को इस योजना के बारे में बता दिया है और आने वाले दिनों में इसकी आधिकारिक घोषणा भी हो सकती है. वैसे, डी-मर्जर की संरचना या समय पर फिलहाल अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. गौरतलब है कि अनिल अग्रवाल ने पिछले महीने संकेत दिए थे कि वेदांता अपने कुछ कारोबार को अलग से सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी.
मूडीज ने दिया झटका
इस खबर के सामने आते ही वेदांता के शेयरों में तेजी देखने को मिली. कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में 212 रुपए का आंकड़ा पार कर गए थे, लेकिन बाजार की समाप्ति पर फिसलकर 209.95 रुपए पर आ गए. बीते 5 कारोबारी सत्रों में कंपनी के शेयरों में 7.12% की गिरावट आई है. उस हिसाब से देखा जाते, तो गुरुवार यानी आज आई 0.45% की मामूली बढ़ोत्तरी भी राहत के समान है. बुधवार को वेदांता के शेयरों में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज हुई थी. दरअसल, मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड की रेटिंग को घटा दी है, क्योंकि कंपनी पर भारी कर्ज है. इस रिपोर्ट के आम होते ही कल कंपनी के शेयरों ने गोता लगाया था.
कर्ज कम करना चुनौती
अनिल अग्रवाल कर्ज का बोझ कम करना चाहते हैं और इस दिशा में लगातार प्रयास भी कर रहे हैं. इस साल की शुरुआत में उन्होंने 7.7 अरब डॉलर के कर्ज को कम करने के जिंक इंटरनेशनल की संपत्ति वेदांता की सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक को 2.98 अरब डॉलर के नकद मूल्य पर बेचने की तैयारी की थी, लेकिन भारत सरकार ने इस कदम का विरोध किया, जिसकी हिंदुस्तान जिंक में 30% हिस्सेदारी है. इसके बाद वेदांता ने जून में अपने स्टील और स्टील रॉ मेटेरियल कारोबारों की रणनीतिक समीक्षा शुरू की. क्योंकि कंपनी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अपनी यूनिट्स में पैसा तलाश रही थी, लेकिन बात ज्यादा बन नहीं पाई. वैसे, वेदांता ने काफी कर्जा चुका भी दिया है, मगर अब भी काफी बाकी है.
इस 28% GST को लेकर अब तक गेमिंग इंडस्ट्री की ओर से इसका विरोध होता रहा है लेकिन सरकार इसे लागू करने को लेकर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है.
गेमिंग इंडस्ट्री पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के फैसले को सरकार 1 अक्टूबर से लागू करने जा रही है. CBIC के प्रमुख संजय कुमार की ओर से ये जानकारी दी गई है कि 1 अक्टूबर से 28 प्रतिशत जीएसटी लागू हो जाएगा. उन्होंने हाल ही में जीएसटी विभाग की ओर से कई गेमिंग कंपनियों को भेजे गए नोटिस को लेकर भी अपनी बात कही और कहा कि उन्हें नोटिस सोच समझकर भेजा गया था. दिलचस्प बात ये है कि इंडस्ट्री के कुछ लोगों ने इन नोटिस को लेकर अपनी आवाज बुलंद की थी.
क्या बोले सीबीआईसी चीफ?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआईसी चीफ संजय कुमार ने कहा है कि सरकार इलेक्ट्रॉनिक गेमिंग, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने जा रही है. इससे पहले पिछले साल कई राज्यों के विरोध के बाद सरकार ने इसे जीएसटी काउंसिल से पास करा लिया था. 28 प्रतिशत जीएसटी का विरोध करने वालों में दिल्ली, सिक्किम और गोवा जैसे राज्य थे. बावजूद उसके इसे 1 अक्टूबर से लागू करने की तैयारी की जा चुकी है.
जीएसटी विभाग ने कई कंपनियों को भेजा था नोटिस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीबीआईसी प्रमुख ने कई कंपनियों को भेजे गए लीगल नोटिस को लेकर भी अपनी बात कही है. उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों को भी नोटिस भेजा गया है उन्हें प्रोसेस के अनुरूप ये दिया गया है. सीबीआईसी की ओर से अब तक जिन कंपनियों को नोटिस भेजा गया है उनमें गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 की मूल कंपनी ड्रीम स्पोर्टस शामिल है. इसमें लगाए गए दांव के अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान को लेकर 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का हवाला दिया गया है. इससे पहले इसी तरह का नोटिस गेम्सक्राफ्ट को भी मिल चुका है. गेम्स क्राफ्ट को कर चोरी के लिए कथित तौर पर 21600 करोड़ रुपये का जीएसटी टैक्स डिमांड नोटिस मिल चुका है.
अश्नीर ग्रोवर भी उठा चुके हैं इस मामले को
कल ही अश्नीर ग्रोवर ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. अश्नीर ग्रोवर ने कर जारी करने वाले अधिकारियों की सोच बारे में बताते हुए कहा कि मुझे इस बात की दिलचस्पी है कि आखिर ऐसे नोटिस भेजते वक्त टैक्स वालों के दिमाग में क्या चलता होगा. उन्होंने कहा कि ये सरासर मोनोपॉली है. इसका एकमात्र जवाब है ‘कुछ नहीं’. उन्होंने आगे कहा कि ना तो इस तरह के करों का भुगतान करने के लिए कोई तैयार होगा और ना ही सरकार उन्हें वसूल करने में सक्षम होगी. उन्होंने ये भी कहा कि इससे कानूनी प्रक्रियाओं के कारण वकीलों को फायदा होगा. ये बिजनेसमैन द्वारा सहन किए जाने वाला उत्पीड़न है.
ग्रोवर ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर कहा कि, ना तो कोई इतना टैक्स देगा और ना ही सरकार को ये टैक्स मिलेगा. मिलेगी सिर्फ वकीलों को फीस जो एसी में इसे लड़ेंगे. उन्होंने मजाकिया अंदाज में अपनी बात कहते हुए कहा था कि इससे फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी तक पहुंचने में मदद नहीं मिलेगी. इसके बाद उन्होंने वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि ये हमारे 5 ट्रिलियन तक पहुंचने के लक्ष्य में मदद नहीं कर रहा है.
DGGI ने ICICI लोम्बार्ड (ICICI Lombard) को 1728 करोड़ से ज्यादा के GST न भरे जाने के संबंध में यह नोटिस जारी किया है.
ICICI लोम्बार्ड (ICICI Lombard) भारत की अग्रणी इंश्योरेंस कंपनियों में से एक है और इस वक्त भारत की इस अग्रणी कंपनी को लेकर एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. DGGI (डायरेक्टर जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस) द्वारा ICICI लोम्बार्ड को एक नोटिस जारी किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
कंपनी को यह नोटिस कल यानी 27 सितंबर को प्राप्त हुआ है और यह एक कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) है. DGGI ने ICICI लोम्बार्ड (ICICI Lombard) को 1728 करोड़ से ज्यादा के GST (गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स) न भरे जाने के संबंध में यह नोटिस जारी किया है. इस नोटिस के माध्यम से DGGI ने कंपनी से कारण पूछा है कि आखिर क्यों 1728 करोड़ रुपयों के GST की मांग कंपनी से नहीं की जानी चाहिए और CGST 2017 (केंद्रीय गुड्स एवं सर्विसेज टैक्स एक्ट 2017) के सेक्शन 73(1) के तहत इस रकम को रिकवर क्यों न किया जाए. इसके साथ ही कंपनी पर एक्ट के सेक्शन 50 के तहत ब्याज भी लगाया गया है और एक्ट के सेक्शन 73(1) के तहत ही कंपनी पर पेनल्टी भी लगाई गई है.
पहले भी मिल चुके हैं नोटिस
ICICI लोम्बार्ड (ICICI Lombard) ने जानकारी देते हुए कहा है कि अपने सलाहकारों से सलाह लेने के बाद प्रदान की गई समय सीमा के अंतर्गत कंपनी द्वारा इस नोटिस का जवाब दे दिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले अगस्त में भी ICICI लोम्बार्ड को 273.22 करोड़ रुपयों के टैक्स का भुगतान नहीं करने की वजह से DGGI द्वारा एक नोटिस जारी किया जा चुका है. इससे पहले जुलाई के महीने में भी कंपनी को लगातार 5 सालों तक टैक्स न भरे जाने को लेकर नोटिस जारी किया जा चुका है. इस साल जुलाई में ICICI प्रुडेंशियल (ICICI Prudential) को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें जुलाई 2017 से लेकर जुलाई 2022 तक टैक्स का भुगतान न करने की वजह से कंपनी को DGGI द्वारा यह नोटिस जारी किया गया था.
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जवान की जबरदस्त हिट के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी फिल्म की एक टिकट खरीदने पर एक टिकट फ्री मिल रही है.
अब तक हमने ये तो सुना था कि फिल्म पर मनोरंजन टैक्स खत्म कर दिया गया है लेकिन शायद बॉलीवुड में ऐसा पहली बार हो रहा है जब कभी एक फिल्म की एक टिकट पर एक फ्री मिल रही है. शाहरुख खान की फिल्म जवान की जबरदस्त सफलता के बाद उन्होंने अपने फैन्स को सौगात दी है. लगातार सफलता के नए मुकाम हासिल कर रही जवान अभी तक भारत के बॉक्स ऑफिस से 600 करोड़ रुपये कमा चुकी है. जबकि विदेशों में फिल्म 1000 करोड़ रुपये के क्लब में शामिल हो चुकी है. इसी कामयाबी के बाद शाहरुख खान ने एक ट्वीट के जरिए कहा है कि घर में सबको फिल्म दिखाओ. उन्होंने एक टिकट खरीदने पर एक फ्री का ऑफर भी दिया है. फिल्म 7 सितंबर को हिंदी, तमिल और तेलगु में रिलीज हुई थी.अब तक जबरदस्त कारोबार कर चुकी है.
शाहरुख ने दिया लोगों को ये गिफ्ट
शाहरुख खान ने X पर लिखा है कि ‘ भाई को बहन को, दुश्मन को यारों को और स्वाभाविक तौर पर अपने प्यार को, कल जवान दिखाइएगा.
चाचा-चाची, फूफा-फूफी, मामा-मामी, यानी पूरे परिवार को, सबके लिए एक साथ एक फ्री टिकट. उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक पोस्टर भी रिलीज किया है जिसमें लिखा है कि सुपरहिट फिल्म का सुपरहिट ऑफर. ये ऑफर गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार के लिए है. इस ऑफर को तभी अवेल किया जा सकता है जब आप टिकट को इंटरनेट के जरिए बुक करेंगे.
Bhai ko, behen ko…
— Shah Rukh Khan (@iamsrk) September 27, 2023
Dushman ko, Yaar ko…
And of course, apne Pyaar ko…
Kal Jawan dikhaaiyega!
Chacha-Chachi, Phoopha-Phoophi, Maama-Maami…
Yaani Poore Parivaar ko.
Sab ke liye ek ke saath ek free ticket!!!
Toh kal se… Parivaar, yaar aur pyaar… Just Buy 1 ticket and get the… pic.twitter.com/Qr9gI4ihcO
क्या कहते हैं फिल्म को लेकर आंकड़े
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेड पोर्टल Sacnilk के फिगर कहते हैं कि 27 सितंबर को महीने का तीसरा बुधवार होने के बावजूद फिल्म 5.15 करोड़ रुपये की कमाई करने में कामयाब रही. फिल्म भारत में अब तक 576 करोड़ रुपये की कमाई करने में कामयाब हो चुकी है. इस फिल्म में शाहरुख दोहरी भूमिका में हैं जो समाज सुधार के काम करना चाहते हैं. फिल्म में नयनतारा, दीपिका पादुकोण, संजय दत्त के साथ विजय सेतुपति मुख्य भूमिकाओं में हैं.
फिल्म ने खत्म किया है बॉलीवुड का सूखा
शाहरुख खान की पहली फिल्म पठान, उसके बाद आई सनी देओल की गदर 2 और फिर शाहरुख की जवान ने बॉलीवुड का सूखा खत्म कर दिया है. इन तीनों फिल्मों ने जबरदस्त कमाई की है. जवान अब तक 600 करोड़ रुपये कमा चुकी है जबकि पठान ने भी 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी. इसी तरह गदर टू ने 600 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है.
फेस्टिवल सीजन में डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग काफी बढ़ जाती है. इसके अलावा, मानसून ने भी इस बार मनमानी दिखाई है.
मानसून की मनमानी के चलते खाद्य पदार्थों और सब्जियों के दामों में तेजी देखने को मिली है. कुछ वक्त पहले टमाटर इतना 'लाल' हो गया था कि आम आदमी को उसे खरीदने से पहले सौ-बार सोचना पड़ रहा था. गेहूं, चावल, चीनी के उत्पादन और आयात प्रभावित होने से कीमतों में उछाल की आशंका बनी हुई है और अब दूध की कीमतों को लेकर भी खबरें सामने आ रही हैं. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में दूध महंगा हो सकता है. बता दें कि फेस्टिवल सीजन में दूध और डेयरी प्रोडक्ट की मांग काफी बढ़ जाती है, इसलिए आशंका व्यक्त की जा रही है कि अमूल (Amul) जैसी कंपनियां कीमतों में इजाफा कर सकती हैं.
Amul ने कही ये बात
वहीं, अमूल ने कीमतों में वृद्धि की खबरों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है. मीडिया रिपोर्ट्स में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (GCMMF) के प्रबंध निदेशक जयेन एस मेहता के हवाले से बताया गया है कि अमूल दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी का कंपनी का कोई इरादा नहीं है. उनका कहना है कि अमूल किसी भी उत्पाद की कीमत में बढ़ोत्तरी नहीं करने जा रही. गौरतलब है कि गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ अपने डेयरी प्रोडक्ट्स को अमूल ब्रैंड के तहत बेचता है.
लागत का दबाव नहीं
जयेन एस मेहता का कहना है कि गुजरात में समय पर मानसून के कारण इस साल स्थिति बेहतर है, जिससे चारे की लागत को लेकर अधिक दबाव नहीं है. आमतौर पर सामान्य से कम बारिश की स्थिति में चारे की समस्या उत्पन्न हो जाती है. डिमांड और आपूर्ति के बीच की खाई चौड़ी हो जाती है और नतीजतन दूध की कीमतों में इजाफा हो जाता है. चूंकि इस बार स्थिति ऐसे नहीं है, इसलिए GCMMF मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि डेयरी प्रोडक्ट के दाम में इजाफे की फिलहाल कोई योजना नहीं है. मेहता ने निवेश योजनाओं पर कहा कि कंपनी हर साल करीब 3000 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है और यह अगले कई वर्षों तक जारी रहेगा. कंपनी राजकोट में एक नया डेयरी प्लांट लगाएगी, जिसकी क्षमता प्रति दिन 20 लाख लीटर से अधिक होगी. इसके अलावा, एक नई पैकेजिंग और प्रॉसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी.
इस साल कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जनता को महंगाई के मोर्चे पर कुछ और राहत मिल सकती है.
चुनावी मौसम में मोदी सरकार (Modi Government) घरेलू गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) की कीमतों में 200 रुपए कटौती का तोहफा दे चुकी है. इस राहत के बाद दिल्ली में घरेलू सिलेंडर की कीमत घटकर 903 रुपए रह गई है. माना जा रहा है कि क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफे के बावजूद सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों में भी कमी कर सकती है. हालांकि, इस राहत की मियाद ज्यादा नहीं होगी. चुनावी मौसम बीतने के बाद दाम फिर से बढ़ना शुरू हो सकते हैं. इस बीच, एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या गैस सिलेंडर के दाम फिर से कम होंगे? दरअसल, एक अक्टूबर को गैस कंपनियां कीमतों को अपडेट करेंगी, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि चुनावी मौसम में राहत की एक और डोज मिल सकती है.
2015 के बाद टूटी परंपरा
एक मीडिया रिपोर्ट में इंडियन ऑयल कारपोरेशन (IOC) के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि 1 सितंबर 2014 को दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले घरेलू LPG सिलेंडर का दाम 901 रुपए था. अगले महीने यानी 1 अक्टूबर को जब रेट अपडेट हुए थे, सिलेंडर की कीमतों में 21 रुपए की कटौती कर दी गई. इसके बाद अक्टूबर 2015 में भी गैस उपभोक्ताओं को राहत दी गई और सिलेंडर 42 रुपए सस्ता हो गया. हालांकि, इसके बाद से अक्टूबर में कीमतों में कमी की परंपरा टूट गई और सिलेंडर के दाम घोड़े की तरह दौड़ने लगे.
ऐसे बढ़ते सिलेंडर के गए दाम
अक्टूबर 2016 में LPG सिलेंडर के दामों में दो बार बदलाव हुआ. सितंबर 2016 में जहां राजधानी दिल्ली में घरेलू सिलेंडर 466.50 रुपए का था. एक अक्टूबर को 490 रुपए का हो गया और 28 अक्टूबर को 2 रुपए बढ़ोत्तरी के साथ 492 रुपए का हो गया. इसी तरह, अक्टूबर 2017, अक्टूबर 2018, अक्टूबर 2019, अक्टूबर 2021 में भी दाम बढ़ते गए. इस साल मार्च में 14.2 किलो वाला LPG सिलेंडर दिल्ली में 1103 रुपए के भाव पर मिल रहा था. अगस्त में सरकार ने सिलेंडर के दामों में 200 रुपए की कटौती की, सितंबर में कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ. अब अक्टूबर को फिर दाम अपडेट होने वाले हैं, लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि चुनावी मौसम में सिलेंडर के दामों में फिर कुछ राहत मिल सकती है.
शेयर बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुआ था. आज भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
शेयर बाजार (Share Market) में निवेश करने वालों के लिए बुधवार खुशी लेकर आया. लगातार गिरावट के साथ कारोबार कर रहा बाजार बुधवार को तेजी के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 173 अंक की बढ़त के साथ 66,118 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 51 अंकों के उछाल के साथ 19,716 पर बंद हुआ. आज बाजार की चाल कैसी रहेगी, सटीक तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है, लेकिन कुछ शेयरों में तेजी के संकेत जरूर मिले हैं.
MACD का ये है रुझान
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी और कुछ में मंदी के संकेत दिए हैं. सबसे पहले, तेजी के संकेत वाले शेयरों की बात करते हैं. MACD की मानें तो विंडमैन के नाम से मशहूर दिवंगत कारोबारी तुलसी तांती की कंपनी Suzlon Energy के शेयर आज उछाल मार सकते हैं. इसके साथ ही Colgate-Palmolive, Kennametal India, Ramco Cements, Varun Beverages और Aavas Financiers के शेयरों में भी तेजी देखने को मिल सकती है. यदि आप मुनाफे की आस में स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो ये शेयर अच्छे विकल्प हो सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. अब जानते हैं कि MACD ने किन शेयरों में मंदी का रुख दर्शाया है. इस लिस्ट में IDBI Bank, Torrent Pharma, UTI AMC, HLE Glasscoat, ITC और Suven Pharma शामिल हैं.
इनमें मजबूत खरीदारी
अब यह भी जान लेते हैं कौनसे शेयरों में मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. CE Info Systems, REC, Gujarat Ambuja Exports, Angel One, Power Finance Corporation, Polycab Indiay और Tata Investment में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है. CE इंफो सिस्टम के शेयरों में कल करीब 7% की जबरदस्त तेजी देखने को मिली. 1,895.70 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर का पिछले 5 कारोबारी सत्रों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है. इसी तरह, टाटा इन्वेस्टमेंट के लिए भी बुधवार शानदार रहा. इस दौरान, कंपनी का शेयर 9.24% उछाल के साथ 3,284.85 रुपए पर बंद हुआ. इसी तरह, कुछ शेयरों में बिकवाली का दबाव भी नजर आ रहा है. यानी इन शेयरों में निवेशकों की खास दिलचस्पी नहीं है. इस लिस्ट में अनिल अग्रवाल की कंपनी Vedanta और Gujarat Gas का नाम शामिल हैं.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
कर्नाटक सरकार जिस कंपनी के साथ भारत में काम करना चाहती है वो पिछले 25 सालों से यहां काम कर रही है. बोइंग और एयरबस जैसी कंपनियां इसकी ग्राहक हैं.
कर्नाटक सरकार ने यूएस की एयरोस्पेस कंपनी आरटीएक्स कॉर्पोरेशन और इंटीग्रेटेड सैटेलाइट और अर्थ नेटवर्क इंटेलसैट को निवेश के लिए आमंत्रित किया है. कर्नाटक के उद्योग मंत्री एम. बी. पाटिल, जो उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अमेरिका के दौरे पर हैं, उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से निवेश को लेकर मुलाकात की है. उन्होंने सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस और रक्षा ऑटो/इलेक्ट्रिक वाहन, अंतरिक्ष, और मेडिकल-टेक्नोलॉजी आदि से जुड़ी कई कंपनियों से मुलाकात की है. कर्नाटक सरकार के वाणिज्य और उद्योग विकास विभाग के मुख्य सचिव डॉ. एस. सेल्वाकुमार और उद्योग और वाणिज्य निदेशक, उद्योग और वाणिज्य, और अन्य अधिकारी भी मंत्री के साथ हैं.
मुलाकात में क्या हुई बात?
कनार्टक के उद्योग मंत्री और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुई इस बातचीत में पाटिल ने कंपनी के साथ साझेदारी की संभावनाओं की चर्चा की. आरटीएक्स कॉर्पोरेशन (पूर्व में रेथियन टेक्नोलॉजीज) के वरिष्ठ नेतृत्व ने सप्लाई चेन को मजबूत करने और कर्नाटक में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को लेकर दिलचस्पी दिखाई है. आरटीएक्स कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी, ब्लू कैन्यन, टेक्नोलॉजी सहयोग के लिए अंतरिक्ष उद्योग स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी को लेकर अपनी दिलचस्पी जताते हुए कहा कि शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर एक टैलेंट प्रोजेक्ट पर काम करेगी.
25 साल से भारत में काम कर रही है ये कंपनी
आरटीएक्स कॉर्पोरेशन (पूर्व में रेथियन टेक्नोलॉजीज) जिसका सालाना रेवेन्यू 67.1 अरब डॉलर है वो भारत में 25 साल से काम कर रही है, जिसमें बेंगलुरु में एक आर एंड डी फैसिलिटी, ग्राहक प्रशिक्षण केंद्र और ऑपरेशन और इंजीनियरिंग इकाई शामिल है. अमेरिका में उद्योग के नेतृत्व को संबोधित करते हुए, कर्नाटक सरकार के बड़े और मध्यम उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास मंत्री एम. बी. पाटिल ने कहा, ‘हम यहां संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ प्रतिष्ठित कंपनियों से मिलने जा रहे हैं, उनकी आवश्यकताओं को समझने और उन्हें कर्नाटक में विस्तार या सहयोग के लिए आमंत्रित करने के लिए उनसे मुलाकात कर रहे हैं.
बोइंग और एयरबस जैसी कंपनियां है इसकी ग्राहक
भारत में, आरटीएक्स कॉर्पोरेशन अपने चार विभागों के माध्यम से कार्य करती है. इसमें कॉलिंस एरोस्पेस, प्रैट एंड विट्नी, रेथियन इंटेलिजेंस और स्पेस, और रेथियन मिसाइल्स और डिफेंस सिस्टम शामिल है. इस कंपनी के साथ मौजूदा समय में 5,000 से अधिक पेशेवर काम कर रहे हैं जो डिज़ाइन, क्षमता, और इंजीनियरिंग केंद्रों में सक्रिय रूप से शामिल है. ये कंपनी भारतीय एयरलाइंस, हवाई अड्डे, बोइंग और एयरबस जैसी कंपनियों के लिए काम करती है. प्रैट एंड विट्नी ने जनवरी 2023 में बेंगलुरु में एक नया इंडिया इंजीनियरिंग सेंटर का उद्घाटन किया, जो उसके इंडिया कैपेबिलिटीज सेंटर के साथ समस्त वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला समर्थन प्रदान करने के लिए 2022 में स्थापित किया गया था. रेथियन के पास बेंगलुरु में एक विनिर्माण और दो आर और डी केंद्र हैं.