टेस्ला के CEO Elon Musk ने भारत की बहुत ज्यादा इम्पोर्ट ड्यूटीज और देश की इलेक्ट्रिक वाहनों की पॉलिसी की आलोचना की थी.
इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल और निर्माण को लेकर भारत बहुत ही तेजी से आगे बढ़ रहा है. बहुत सी स्वदेशी और विदेशी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियां तेजी से बढ़ती भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के बारे में भी विचार कर रही हैं. इसी बीच ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि विश्व की प्रमुख इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) के वरिष्ठ अधिकारियों का एक ग्रुप अगले हफ्ते भारत आ सकता है.
क्या है मुलाकात का असली मुद्दा?
दरअसल टेस्ला के वरिष्ठ अधिकारियों का यह ग्रुप भारत में अगले हफ्ते सरकारी अधिकारियों से मिलने आ रहा है. माना जा रहा है कि टेस्ला, चीन के अलावा अन्य देशों में भी अपनी मौजूदगी को बढ़ाना चाहती है और भारत में अपनी सप्लाई चेन को विस्तृत बनाने के लिए ही कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों का यह ग्रुप भारत आ रहा है. मामले से जुड़े लोगों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि कंपनी के अधिकारी सरकारी प्रतिनिधियों के साथ-साथ PMO के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेंगे. अधिकारियों और सरकारी प्रतिनिधियों के बीच होने वाली इस मुलाकात का सबसे प्रमुख मुद्दा टेस्ला के मॉडल्स को बनाने के लिए आवश्यक सामानों को देश में ही उपलब्ध करवाने के बारे में होगा.
भारत और टेस्ला का रिश्ता
टेस्ला के CEO Elon Musk ने भारत की बहुत ज्यादा इम्पोर्ट ड्यूटीज और देश की इलेक्ट्रिक वाहनों की पॉलिसी की आलोचना की थी और जवाब में भारत ने टेस्ला को सुझाव दिया था कि वह भारत में कार न बेचें, क्योंकि उनकी कारें चीन में बनायी जाती हैं और चीन भारत का राजनीतिक विरोधी है. इस नोक-झोंक के बाद भारत और टेस्ला के बीच होने वाली यह मुलाकात कंपनी और देश के रिश्तों के लिए काफी अच्छी मानी जा रही है.
ऐसे बेहतर हो सकते हैं रिश्ते
टेस्ला के वरिष्ठ अधिकारियों के इस ग्रुप में C-सुइट के एग्जीक्यूटिव्स और Texas आधारित टेस्ला की सप्लाई चेन ऑस्टिन के मैनेजर्स भी शामिल होंगे. माना जा रहा है कि यह एग्जीक्यूटिव्स भारत सरकार से फिर से अनुरोध कर सकते हैं कि वह टेस्ला के वाहनों पर इम्पोर्ट टैक्सों में कमी करें. भारत से सोर्सिंग करके टेस्ला, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिल जीत सकती है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहते हैं. अभी तक मोदी सरकार और टेस्ला के संबंधों में उतार चढ़ाव ही देखने को मिला है क्योंकि चीन और भारत बहुत लंबे समय से बॉर्डर को लेकर विवाद में उलझे हुए हैं.
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खबर आ रही है कि सचिन तेंदुलकर ने अपने बेशुमार कार कलेक्शन में एक और जबरदस्त कार का नाम जोड़ दिया है.
भारत में खेलों को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है और साथ ही खिलाड़ियों को जनता का बेहद कीमती प्यार भी मिलता है. क्रिकेट, भारत में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले खेलों में से एक है और क्रिकेट के बहुत से खिलाड़ियों को उनके आलीशान लाइफस्टाइल और बड़े-बड़े शौकों के लिए जाना जाता है. जिस तरह महेंद्र सिंह धोनी को कारों और बाइक्स के लिए उनके प्यार के लिए जाना जाता है ठीक उसी तरह क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को भी लग्जरी और स्पोर्ट्स कारों के लिए उनके शौक के लिए जाना जाता है.
सचिन ने खरीदी ये नई कार
खबर आ रही है कि सचिन तेंदुलकर ने अपने बेशुमार कार कलेक्शन में एक और जबरदस्त कार का नाम जोड़ दिया है. सचिन तेंदुलकर के कार कलेक्शन में जुड़ने वाली यह नई कार कोई और नहीं बल्कि Lamborghini की SUV कार Urus S है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Lamborghini Urus उन चंद कारों में से एक है जिनमें परफॉरमेंस के साथ-साथ आपको बेशुमार लग्जरी भी देखने को मिलती है. इस कार को चलाने वाले लोगों को ड्राइविंग का जो अनुभव प्राप्त होता है वो कहीं और मिलना लगभग नामुमकिन है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस कार की कीमत 4.18 करोड़ रुपये है.
Porsche भी है कलेक्शन में शामिल
यह Lamborghini Urus, सचिन तेंदुलकर के बेहतरीन गैराज में जुड़ने वाली सबसे लेटेस्ट कार है. सचिन तेंदुलकर के कार कलेक्शन में और भी बहुत सी शानदार और बेहतरीन कारें मौजूद हैं. अपने कार के शौक को लेकर सचिन काफी शर्मीले हैं और वह कारों के अपने शौक को बहुत ज्यादा नहीं दर्शाते हैं लेकिन उनसे प्यार करने वाले फैन्स ने यह भी पता लगा लिया है कि सचिन एक Porsche कार के मालिक भी हैं. हाल ही में एक युट्यूब चैनल CS12 Vlogs की एक विडियो में सचिन को मुंबई के Sea-Link पर सफेद रंग की एक Porsche 911 कार चलाते हुए देखा गया था.
कैसी दिखती है सचिन की Lamborghini Urus?
हालांकि इस विडियो में सचिन तेंदुलकर का चेहरा बहुत अच्छे से देखने को नहीं मिलता लेकिन गाड़ी कि नंबर प्लेट चेक करने पर पता चला कि यह नंबर प्लेट SRT स्पोर्ट्स मैनेजमेंट नाम की एक कंपनी से संबंधित है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कंपनी सचिन रमेश तेंदुलकर के साथ जुड़ी हुई है और उनकी पत्नी डॉक्टर अंजलि सचिन तेंदुलकर के नाम पर रजिस्टर्ड है. सचिन द्वारा खरीदी गई Lamborghini Urus S का रंग सिल्वर रंग का ही एक शेड है और इस कार में लगी ‘Techart Body Kit’ की वजह से यह कार बहुत ही जबरदस्त दिखाई देती है.
BMW से है खास लगाव
हालांकि सचिन तेंदुलकर के कार कलेक्शन में बहुत सी लग्जरी कारें मौजूद हैं लेकिन एक विशेष ब्रैंड, BMW के लिए उनका प्यार छुपाए नहीं छुपते. सचिन के कार कलेक्शन में इस ब्रैंड की BMW 7 सीरीज Li, BMW X5M, BMW i8 और BMW 5 सीरीज जैसी कारें मौजूद हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सचिन तेंदुलकर BMW के ब्रैंड एंबेसडर भी हैं लेकिन इस ब्रैंड के लिए उनका लगाव बहुत ही पहले ही शुरू हो गया था और उन्होंने विशेष तौर पर विदेश से एक BMW X5M कार को इम्पोर्ट किया था.
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रिपोर्ट के अनुसार, हाइब्रिड कारें एनवायरनमेंट के लिए बेस्ट हैं. इन कारों में इलेक्ट्रिक मोड के साथ-साथ फ्यूल से भी चलने का विकल्प होता है.
भारत सहित पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों का चलन बढ़ रहा है. सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के इस्तेमाल पर जोर दे रही है, ताकि पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा है? यह सवाल इसलिए खड़ा हुआ है, क्योंकि IIT कानपुर ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में इलेक्ट्रिक कारों को पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक बताया है.
ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन ज्यादा
देश के दिग्गज टेक्नोलॉजी संस्थान की स्टडी में दावा किया गया है कि पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में इलेक्ट्रिक कार ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं. पारंपरिक ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल पर चलने वालीं कारों के मुकाबले इलेक्ट्रिक कारों की मैन्यूफैक्चरिंग करने, उन्हें चलाने और स्क्रैप करने में 15 से 50 फीसदी ज्यादा ग्रीनहाउस गैस (GHGs) का उत्सर्जन होता है. यानी वो पर्यवारण को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. ये रिपोर्ट वाकई चौंकाने वाली है, क्योंकि अब तक यही माना जाता रहा है कि इलेक्ट्रिक कार इको-फ्रेंडली होती हैं.
ये है खतरनाक होने की वजह
रिपोर्ट में बताया गया है कि इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है और देश में 75% बिजली कोयले से बनती है. जिसका मतलब ये हुआ कि ज्यादा बिजली तैयार करने में और ज्यादा कोयला इस्तेमाल किया जाएगा. इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ेगा. IIT की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक कारों से भले ही पेट्रोल-डीजल के वाहनों की तरह धुआं न निकले, मगर वो पर्यवरण के लिए ज्यादा खतरनाक हैं. आईआईटी कानपुर ने अपनी इस स्टडी को एक जापानी संस्था के साथ मिलकर अंजाम दिया है.
हाइब्रिड कारें हैं सबसे बेस्ट
IIT कानपुर ने यह रिसर्च कारों की तीन कैटेगरी पर किया, पारंपरिक ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल पर चलने वाली कारें, हाइब्रिड कारें और पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कारें. ये शोध गाड़ियों के लाइफ साइकिल एनॉलिसिस (LCA) और टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप (TCO) का पता लगाने के लिए की गई. इस दौरान, पाया गया कि इलेक्ट्रिक कारें पर्यावरण के लिए काफी ज्यादा खतरनाक हैं. ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में उनका काफी बड़ा योगदान रहता है.
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल के नेतृत्व में इस स्टडी को अंजाम दिया गया. प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक कार (EV) को बिजली से चार्ज किया जाता है. देश में 75% बिजली कोयले से पैदा होती है, जिसमें कार्बन-डाई-ऑक्साइड होता है.
रिपोर्ट में इस बात पर दिया जोर
रिपोर्ट के अनुसार, हाइब्रिड कारें एनवायरनमेंट के लिए बेस्ट हैं. इन कारों में इलेक्ट्रिक मोड के साथ-साथ फ्यूल से भी चलने का विकल्प होता है. इनमें इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करती है. हालांकि, हाइब्रिड गाड़ियां EV और पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों की तुलना में महंगी हैं. हाइब्रिड कारों पर टैक्स ज्यादा है, जिसकी वजह से इनकी कीमत ज्यादा बढ़ जाती है. रिपोर्ट में हाइब्रिड कारें के इस्तेमाल पर जोर देने के साथ-साथ यह भी कहा गया है कि सरकार को हाइब्रिड कारों पर भी इलेक्ट्रिक कारों के जितनी ही सब्सिडी देनी चाहिए.
जेब पर भारी पड़ती है EV
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल ने बताया कि हाइब्रिड कारें न केवल पर्यावरण के लिए बेस्ट हैं, बल्कि इनकी रनिंग कॉस्ट भी कम है. पारंपरिक कारों की तुलना में हाइब्रिड कारें प्रति लीटर डेढ़ से दो गुना ज्यादा माइलेज देती हैं. उन्होंने कहा कि EV पेट्रोल-डीजल का खर्चा भले ही कम करती है, लेकिन इसके दूसरे खर्चे काफी ज्यादा हैं. इसकी अपफ्रंट कॉस्ट ही सामान्य कारों से 60-70% ज्यादा है. इसके अलावा, 5 से 7 साल में बैटरी वीक पड़ने लगती है, जिसे बदलवाने के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. इसके अलावा, बाकी मेंटेनेंस से जुड़े दूसरे खर्चे भी होते है.
पेट्रोल की कीमतों के आसमान पर पहुंचने के चलते इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की डिमांड में लगातार तेजी आ रही है.
यदि आप इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो तुरंत ही इस योजना पर अमल कर डालिए. वरना, आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. क्योंकि सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री (Ministry of Heavy Industries) ने इस संबंध में मंत्रियों के एक उच्च स्तरीय पैनल को सिफारिश भेजी है. यदि मंत्रालय की सिफरिश मंजूर हो जाती है, तो इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की कीमतों में इजाफा होना तय है.
इस योजना के तहत मिलती है मदद
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME India) प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है. इस योजना की शुरुआत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी. देश में EV यानी इलेक्ट्रिक वाहनों के बेड़े में सबसे ज्यादा संख्या टू-व्हीलर्स की है. कई कंपनियां इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स बना रही हैं, लेकिन इस मामले में Ola अपनी एक अलग पहचान स्थापित करने में सफल रही है.
इतनी घटाई जा सकती है सब्सिडी
अभी यह तो स्पष्ट नहीं है कि सरकार सब्सिडी में कितनी कमी करेगी, लेकिन माना जा रहा है कि इसे 40% से घटाकर 15 प्रतिशत किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है, तो इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों का महंगा होना तय है. बता दें कि EV पहले से ही सामान्य टू-व्हीलर्स की तुलना में महंगे हैं, ऐसे में यदि इनकी कीमत में और इजाफा होता है, तो लोगों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना मुश्किल हो जाएगा. इसका EV की बिक्री पर भी असर देखने को मिल सकता है. हालांकि, सरकार के अधिकारियों को नहीं लगता कि सब्सिडी घटने से EV की बिक्री घटेगी.
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EV की लगातार बढ़ रही है डिमांड
पेट्रोल-डीजल की कीमतों के आसमान पर पहुंचने के चलते देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड में तेजी आई है. खासतौर पर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2023 में देशभर में कुल 85793 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई, जो ईयर-ऑन-ईयर बेसिस पर 57.71 फीसदी अधिक है. इस दौरान Ola ने कुल 21274 EV यूनिट्स बेचीं. जबकि मार्च 2022 के दौरान में यह आंकड़ा 9145 था. यानी Ola ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित 5 ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म से सीट बेल्ट अलार्म बंद करने वाली डिवाइस हटाने का आदेश दिया है.
कार में सफर के दौरान सीट बेल्ट (Car Seat Belt) पहनना कितना जरूरी है, ये बताने की जरूरत नहीं है. हर साल कई लोग सीट बेल्ट की अनदेखी के चलते जान गंवाते हैं. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत के पीछे भी सीट बेल्ट न लगाना एक वजह थी. हालांकि, इसके बावजूद सीट बेल्ट को तवज्जो न देने वालों की लंबी-चौड़ी फौज है. कुछ लोग तो सीट बेल्ट अलार्म ही हटा देते हैं, ताकि बीप-बीप की आवाज उनके चैन में खलल न डाले. कई ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर भी कार सीट बेल्ट अलार्म बंद करने वाली डिवाइस मौजूद हैं, जो लोगों की इस सनक को बढ़ावा देती हैं. हालांकि, अब इस पर लगाम लगाने की कवायद तेज हो गई है.
CCPA ने दिखाई सख्ती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित 5 ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म से सीट बेल्ट अलार्म बंद करने वाली डिवाइस हटाने का आदेश दिया है. CCPA ने कहा कि ऐसी डिवाइस (Stopper Clips) सीट बेल्ट न पहनने पर अलार्म की बीप-बीप की आवाज को बंद कर देते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा से समझौता होता है. लिहाजा, ई-कॉमर्स कंपनियों को तुरंत इन डिवाइस को अपने प्लेटफॉर्म से हटाना चाहिए.
आदेश पर हुआ अमल
CCPA ने अमेजन, फ्लिपकार्ट के साथ-साथ स्नैपडील, शॉपक्लूज और मीशो से कहा है कि वे कार सीट बेल्ट के अलार्म को बंद करने वाले 'Stopper Clips' और संबंधित कलपुर्जों को अपने प्लेटफॉर्म से पूरी तरह हटाएं. प्राधिकरण के इस आदेश पर अमल भी शुरू हो गया है. कम से कम 13,118 कार सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से हटा दिए गए हैं. CCPA ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी डिवाइस को बनाने और बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
कार्रवाई को लिखा पत्र
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की तरफ से बताया गया है कि Amazon ने 8,095 सीट बेल्ट अलार्म स्टॉपर क्लिप को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है. जबकि FlipKart ने करीब 5000 क्लिप हटाई हैं. इस आदेश के साथ ही CCPA ने यह भी स्पष्ट किया है कि यात्रियों की जान से खिलवाड़ करने वालीं ऐसी डिवाइस बनाने और बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. प्राधिकरण ने राज्यों के मुख्य सचिवों और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर ये डिवाइस बनाने और बेचने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा है.
ऑटो सेक्टर से एक बड़ी खबर सामने आई है. MG मोटर अपने भारतीय कार बिजनेस की अधिकांश हिस्सेदारी बेचना चाहती है.
मुकेश अंबानी टेलीकॉम की तरह अब एक और सेक्टर में धमाल मचाने की तैयारी कर रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ऑटो सेक्टर में एंट्री ले सकती है. यदि ऐसा होता है, तो इस सेक्टर में पहले से मौजूद कंपनियों की परेशानी बढ़ना लाजमी है. क्योंकि अंबानी जिस बिजनेस में हाथ डालते हैं, सफलता के झंडे गाड़ देते हैं. उनकी आमद के साथ ही प्राइज वॉर भी शुरू हो जाती है. पहले टेलीकॉम और फिर सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में हम यह देख चुके हैं.
ये कंपनियां हैं दौर में
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन दिग्गज ऑटो कंपनी SAIC के स्वामित्व वाली एमजी मोटर (MG Motor) अपने भारतीय कार बिजनेस में अधिकांश हिस्सेदारी बेचना चाहती है. MG मोटर ने इक्विटी की बिक्री के लिए कई कंपनियों से अग्रिम दौर की बातचीत भी शुरू कर दी है. जिन कंपनियों से बातचीत की जा रही है उसमें हीरो ग्रुप, प्रेमजी इंवेस्ट और JSW ग्रुप के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम भी शामिल है.
जल्द सील होगी डील
MG इस साल के आखिर तक इस डील को क्लोज करना चाहती है. दरअसल, MG मोटर को अगले चरण के विस्तार के लिए फंड की जरूरत है और इसलिए कंपनी अपनी हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाना चाहती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि MG अपनी हिस्सेदारी के वैल्यूएशन को लेकर कुछ भारतीय कंपनियों से मोलभाव कर रही है. MG ऐसी कंपनी के साथ डील फाइनल करेगी, जो उसकी हिस्सेदारी का आकर्षक वैल्यूएशन दे और उसका विश्वसनीय पार्टनर बन सके.
क्या है हिस्सेदारी बेचने की वजह?
MG मोटर की गाड़ियों को भारत में पसंद किया जा रहा है. MG Hector ने मार्केट में अपनी एक अलग जगह बना ली है. ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि कंपनी अपनी हिस्सेदारी क्यों बेचना चाहती है? दरअसल, गलवान घाटी हिंसा के बाद से चीन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी कंपनियां सरकार के रडार पर हैं. इन कंपनियों के लिए नए निवेश की मंजूरी प्राप्त करना काफी कठिन हो गया है. बताया जा रहा है कि MG Motor अपनी पैरेंट कंपनी से फंड जुटाने के लिए करीब 2 साल से सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रही है, लेकिन अभी तक सफल नहीं हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उसने पूंजी जुटाने के अन्य विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है.
ये है कंपनी की योजना
एमजी मोटर इंडिया की तरफ से कहा गया है कि कंपनी ने अगले 2-4 सालों में स्थानीय पार्टनर्स और इंवेस्टर्स को Majority Stake देने की योजना बनाई है, क्योंकि उसे भारत में अपनी ग्रोथ के अगले चरण के लिए फंड की जरूरत है. कंपनी करीब 5000 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है. हालांकि, MG मोटर ने यह साफ नहीं किया कि उसकी किन कंपनियों से बातचीत चल रही है और क्या रिलायंस इस दौड़ में शामिल है.
सभी कंपनियां E20 फ्यूल से चलने वाली कारों को लॉन्च करने पर विचार कर रही हैं और इसलिए कार की कीमतों में वृद्धि हो रही है.
टाटा मोटर्स (Tata Motors) देश की सबसे जानी-मानी कार कंपनियों में से एक है. टाटा मोटर्स की कारों को उनकी मजबूती और सेफ्टी के लिए जाना जाता है. अगर आप भी टाटा की कोई कार खरीदने का विचार बना रहे थे तो यह खबर आपको थोड़ा निराश कर सकती है. दरअसल कंपनी ने अपने पैसेंजर व्हीकल्स की कीमतें बढ़ा दी हैं जिसकी वजह से टाटा मोटर्स की कारें अब महंगी होने वाली हैं.
क्यों बढ़ाये गए दाम?
अलग-अलग वैरिएंट्स और मॉडल्स के हिसाब से टाटा मोटर्स की कारों की कीमतों में औसतन 0.6% की वृद्धि देखने को मिल सकती है. कंपनी ने इनपुट की बढ़ती कीमतों की चुनौती से निपटने के लिए अपनी कारों के दामों में वृद्धि की है. टाटा मोटर्स ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि रेगुलेटरी द्वारा किये गए बदलावों और बढ़ती इनपुट कीमतों की वजह से बढ़े हुए दामों का ज्यादातर हिस्सा कंपनी द्वारा झेला जा रहा था और कारों की कीमत में गयी इस वृद्धि के द्वारा बढ़ी हुई कीमतों का मुकाबला करने के लिए किया जा सकेगा.
पहले भी बढ़ाए थे दाम
कंपनी द्वारा कारों की कीमतों में की गयी वृद्धि, BS6 नियमों के दूसरे फेज की तरफ बढ़ने का एक नतीजा भी हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1 अप्रैल 2023 से BS6 नियमों के दूसरे फेज की शुरुआत हो चुकी है. सभी कार निर्माता कंपनियां E20 फ्यूल से चलने वाली कारों को लॉन्च करने के बारे में विचार कर रही हैं और इस वजह से कार की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल रही है. फरवरी में कंपनी द्वारा कारों के दाम बढ़ाए गए थे जिसके बाद यह दूसरी बार होगा जब कंपनी कारों की कीमत में वृद्धि करेगी. टाटा मोटर्स ने अपनी ICE (Internal Combustion Engine) पोर्टफोलियो की कारों की कीमतों में 1.2% की एवरेज से वृद्धि की थी.
टाटा नहीं है अकेला
पिछले महीने टाटा मोटर्स ने अपने कमर्शियल व्हीकल्स की कीमतों में लगभग 5% की वृद्धि की घोषणा की थी. टाटा मोटर्स की Tiago, Tigor, Punch, Harrier, Nexon और Safari जैसी प्रमुख कारें 1 मई से महंगी हो जाएंगी. ऊपर बतायी गयी कारों की कीमत 5.54 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपयों के बीच है. सिर्फ टाटा मोटर्स ही नहीं बल्कि अन्य प्रमुख कार निर्माताओं ने भी इस साल अपनी पैसेंजर कारों की कीमतों में वृद्धि की है. Maruti से लेकर Hyundai और Honda तक सभी कार निर्माताओं ने अपनी कार की कीमतों में वैरिएंट के आधार पर 2,000 से लेकर 15,000 रुपयों जितनी बढ़ोत्तरी की है.
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विवेक अग्रवाल का कहना है कि इस घटना के बाद से उन्हें स्कूटी चलाने में डर लगने लगा है और अगर हादसा हाईवे पर होता तो अनहोनी हो सकती थी.
भारत सरकार द्वारा इस वक्त देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बहुत ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है लेकिन कुछ मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं जिनकी वजह से इन इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल और सुरक्षा को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं. हाल ही में ऐसा एक मामला मेरठ से सामने आ रहा है जहां सड़क पर चलते-चलते ही इलेक्ट्रिक स्कूटी बीच से टूट गयी. इस घटना में स्कूटी चालक घायल नहीं हुआ है लेकिन पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है और उस मामले में युवक को काफी चोटें आईं थीं.
बीच सड़क पर टूट गयी स्कूटी?
एपेयर ग्रीव्स कंपनी दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली एक कंपनी है. जिस स्कूटी के साथ यह हादसा हुआ है वह इसी कंपनी की बतायी जा रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 24 मार्च को भी इसी कंपनी की स्कूटी के साथ ऐसा ही एक हादसा हुआ था जिसमें स्कूटी चालक घायल हो गया था. मेरठ में सिविल लाइंस क्षेत्र के विजय नगर निवासी विवेक अग्रवाल इस स्कूटी के मालिक हैं. विवेक ने बताया कि उनका टिफिन का काम है जिसकी देख-रेख उनका बेटा उत्सव करता है क्योंकि इस वक्त उनकी तबियत ठीक नहीं है. उत्सव इलेक्ट्रिक स्कूटी से पीएल शर्मा रोड से कचहरी की ओर जा रहा था और कचहरी पुल के पास पहुंचते ही स्कूटी बीच में टूट गई. स्पीड कम थी इसलिए उत्सव घायल होने से बच गए.
क्यों टूट रही है स्कूटी?
टूटी हुई स्कूटी लेकर विवेक और उनका बेटा पीएल शर्मा रोड पर स्थित शोरूम बंसल मोटर्स पर पहुंचे और शोरूम के मालिक अंकुर बंसल को घटना के बारे में जानकारी दी. अंकुर ने बताया कि स्कूटी की चेसिस टूट गयी है जिसे ठीक कर दिया जाएगा. स्कूटी के मालिक विवेक अग्रवाल का कहना है कि इस घटना के बाद से उन्हें स्कूटी चलाने में डर लगने लगा है और अगर यह हादसा हाईवे पर होता तो बहुत बड़ी अनहोनी हो सकती थी. चेसिस वह प्लेटफार्म होता है जिस पर किसी भी दोपहिया या चार पहिया गाड़ी की पूरी बॉडी तैयार की जाती है. इसीलिए चेसिस का मजबूत होना बहुत ही जरूरी होता है. कुछ ऑटोमोबाइल तकनीशियनों का मानना है कि इलेक्ट्रिक स्कूटी की चेसिस हल्की होती है जिसकी वजह से यह आसानी से टूट जाती है.
पहले भी हुआ है हादसा
विवेक अग्रवाल के बेटे उत्सव ने बताया कि 28 अप्रैल 2022 को ही उन्होंने एपेयर ग्रीव्स की मैगनस मॉडल की स्कूटी 1 लाख रुपये देकर खरीदी थी. मेरठ के न्यू किशनपुरी क्षेत्र के निवासी धर्मेन्द्र ने साल 2022 में इसी कंपनी से स्कूटी खरीदी थी. 24 मार्च को वह रोहटा रोड पर जा रहे थे कि तभी उनकी स्कूटी बीच में से टूट गई थी. इस हादसे में धर्मेन्द्र घयाल हो गए थे. सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को दिए जा रहे बढ़ावे के बीच ऐसे मामलों के सामने आने से लोगों के बीच इन वाहनों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती ही जा रही है.
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कंपनी इसके प्रोटोटाइप पर काम कर रही है और कमाल कि बात ये है कि इसके लिए कंपनी लगभग 8 हजार करोड़ रुपये खर्च करने वाली है.
इस वक्त दुनिया भर में SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) कारों का चलन बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन अगर बात भारत की करें तो अभी भी कुछ हैचबैक कारें ऐसी हैं जिन्होंने सेल्स के मामले में SUV कारों को बहुत पीछे कर रखा है. ऐसी ही एक कार है मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki) की Alto.
वापस आ रही है Alto?
Maruti Suzuki Alto भारत में बिकने वाली सबसे ज्यादा कारों की लिस्ट में सबसे ऊपर है. हाल ही में मारुती सुजुकी ने सबसे ज्यादा बिकने वाली इस कार के एक वैरिएंट Alto 800 को बनाना बंद कर दिया था जिसकी वजह से Maruti Suzuki के फैन्स काफी नाराज भी थे. इस समय देश में मारुती सुजुकी की इस कार का सिर्फ Alto K10 वैरिएंट ही उपलब्ध है. लेकिन शायद अब सब कुछ बदलने वाले है क्योंकि ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि मारुती सुजुकी जल्द ही पुरानी Alto 800 कार को एक नए अवतार में लॉन्च करने वाली है.
Alto में सब कुछ होगा नया
कंपनी इस बार Alto 800 को बिलकुल नए प्लेटफॉर्म पर बनाने जा रही है. मामले से जुड़े सूत्रों ने मीडिया को बताया है कि Alto को पहले से बड़े साइज में लॉन्च किया जा सकता है. फिलहाल कंपनी इसके प्रोटोटाइप पर काम कर रही है और कमाल कि बात ये है कि इसके लिए कंपनी लगभग 8 हजार करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. माना जा रहा है कि अगर इस कार को भारतीय बाजार में लॉन्च किया जाए तो इस कार का सीधा मुकाबला टाटा पंच से होगा और टाटा पंच की पॉपुलैरिटी और सेल्स को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यह मुकाबला बिल्कुल आसान नहीं होगा.
फीचर्स ऐसे जो आजतक देखे नहीं होंगे
बहुत सी मीडिया रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा जा रहा है कि इस कार में ऐसे-ऐसे एडवांस फीचर्स दिए जायेंगे जो आजतक किसी भी कार में नहीं दिए गए हैं. माना जा रहा है कि इस बार कंपनी कुछ नया करने की फिराक में है और इसीलिए नई Alto 800 में आपको ऑटोमैटिक दरवाजे, कीलेस एंट्री, सनरूफ, 360 डिग्री व्यू कैमरा, टायर प्रेशर इंडिकेटर, स्मार्टफोन/स्मार्टवॉच कनेक्टिविटी जैसे एडवांस फीचर्स देखने को मिल सकते हैं.
क्या होगी नई Alto 800 की कीमत?
एडवांस फीचर्स सुनकर आपके होश तो उड़ ही गए होंगे लेकिन आपके मन में एक सवाल यह भी घूम रहा होगा कि इस कार की कीमत शायद बहुत ज्यादा ही रखी जायेगी. एडवांस फीचर्स की वजह से कीमत में बदलाव तो होगा ही लेकिन उतना नहीं जितना आप सोच रहे हैं. जहां पहले ये कार आपको 3 से 4 लाख रुपये के बीच मिल जाती थी वहीं अब इस कार के लिए आपको 8 से 9 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है. अगर बात इसके लॉन्च की करें तो मना जा रहा है कि इस कार को दिसंबर के आस पास भारत में लॉन्च किया जा सकता है.
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कंपनी द्वारा लगायी गयी फैक्टरी हर साल 10 लाख गाड़ियों का निर्माण करेगी और इसके लिए मारुती सुजुकी ने 24,000 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट प्लान पर काम करने की शुरुआत कर दी है.
हाल ही में मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki) ने वित्त वर्ष 23 के चौथे क्वार्टर के अपने नतीजे जारी किये थे. कंपनी द्वारा जारी किये गए नतीजों की मानें तो इस क्वार्टर के दौरान कंपनी की कमाई में लगभग 20% का उछाल देखने को मिला था. आने वाले समय में भी इस बढ़त बनाए रखने के लिए मारुती सुजुकी ने 24,000 करोड़ रुपये के एक इन्वेस्टमेंट प्लान पर काम करने की शुरुआत कर दी है.
कंपनी बढ़ाएगी कार प्रोडक्शन
मारुती सुजुकी द्वारा 24,000 करोड़ रुपयों की इस इन्वेस्टमेंट का इस्तेमाल हरियाणा राज्य के आस-पास कार प्रोडक्शन की एक फैक्ट्री की शुरुआत के लिए किया जाएगा. मामले से जुड़े सूत्रों की मानें तो कंपनी द्वारा लगायी गयी यह फैक्टरी हर साल लगभग 10 लाख गाड़ियों का निर्माण करेगी. साथ ही मारुती सुजुकी के द्वारा सोनीपत में भी एक ऐसी ही फैक्टरी लगाई जायेगी जो हर साल 10 लाख गाड़ियों का निर्माण करने में सक्षम होगी. सोनीपत में लगाई जाने वाली इस फैक्ट्री के लिए कंपनी लगभग 18,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करेगी.
अपने ऑपरेशंस को बढ़ाना चाहती है कंपनी
मारुती सुजुकी को भारत में अपनी कारों की सेल्स से काफी उम्मीदें हैं और इसीलिए कंपनी अपने ऑपरेशंस को बढ़ाना चाहती है. इतना ही नहीं, कंपनी आपने एक्सपोर्ट्स को भी बढ़ावा देना चाहती है. मामले से जुड़े सूत्रों ने मीडिया को बताया कि कंपनी एक ऐसी जगह तलाश रही है जिसकी बंदरगाहों से कनेक्टिविटी अच्छी हो ताकि कंपनी के एक्सपोर्ट्स की प्रक्रिया को और सुविधाजनक बनाया जा सके. मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कंपनी के बोर्ड द्वारा जल्द ही इन्वेस्टमेंट्स के इन प्लान्स को मंजूरी मिल सकती है और 2024 के शुरूआती महीनों में जमीन मिलने के बाद फैक्ट्रियों का ग्राउंडवर्क भी शुरू हो सकता है.
कैसे पूरे होंगे इन्वेस्टमेंट प्लान्स?
मारुती सुजुकी इन्वेस्टमेंट की अपनी जरूरतों को कंपनी के आतंरिक स्त्रोतों से पूरा करना चाहती है. कंपनी के पास लगभग 45,000 करोड़ रुपयों का कैश रिजर्व मौजूद है. भारत में अपनी पकड़ को मजबूत बनाये रखने के लिए कंपनी को प्रमुख रणनीति के तौर पर अपनी सेल्स और प्रोडक्शन में तेजी लानी होगी. कंपनी का लक्ष्य भारतीय कार मार्केट के 50% हिस्से को फिर से हासिल करने का है. हरियाणा के मानेसर और गुरुग्राम में स्थित कंपनी के प्लांट्स की क्षमता हर साल लगभग 15 लाख यूनिट्स बनाने की है. 2024-25 के बीच मानेसर स्थित प्लांट की क्षमता में 1 लाख यूनिट्स की वृद्धि भी की जायेगी. मारुती सुजुकी की गुजरात स्थित फैक्ट्री, कंपनी को हर साल 7.5-8 लाख कारें बनाकर देती है. मारुती के पार्टनर टोयोटा से भी कंपनी को हर साल लगभग 50,000 यूनिट्स दी जाती हैं.
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इतना ही नहीं, यह कर 1.2 लीटर के ड्यूल जेट ड्यूल VVT इंजन के विकल्प के साथ भी भारतीय मार्केट में उपलब्ध होगी.
हाल ही में मारुती सुजुकी ने अपनी नयी कॉम्पैक्ट SUV Fronx को लॉन्च कर दिया है. यह कार मारुती सुजुकी के Nexa आउटलेट्स से खरीदी जा सकती है. मारुती सुजुकी ने Fronx को 7.46 लाख की शुरुआती कीमत के साथ लॉन्च किया है. कंपनी ने Fronx को सबसे पहले ऑटो एक्सपो 2023 में पेश किया था.
Brezza ने बनायी कॉम्पैक्ट SUV के लिए जगह
मारुती सुजुकी के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO Hisashi Takeuchi ने कहा कि मारुती सुजुकी लिमिटेड में हमें इंडस्ट्री के ट्रेंड्स और कस्टमर्स की जरूरतों को समझकर गर्व महसूस होता है. Brezza द्वारा देश में बनाया गया कॉम्पैक्ट SUV लैंडस्केप हमारे इसी वादे का सबूत है. कस्टमर्स द्वारा SUV कैटेगरी को ज्यादा महत्त्व देने की पहचान करके हमने इंडस्ट्री में एक नए सब-सेगमेंट की शुरुआत की. Fronx का लॉन्च होना इस सेगमेंट की वृद्धि में हमारे द्वारा बढ़ाया गया एक और कदम है.
Fronx का डिजाईन
Hisashi Takeuchi ने कहा कि Fronx से Grand Vitara, Brezza और Jimny जैसी गाड़ियों वाले मारुती सुजुकी के SUV पोर्टफोलियो को मजबूती मिलेगी. मारुती सुजुकी इंडिया में मार्केटिंग और सेल्स के सीनियर एग्जीक्यूटिव शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि Fronx को कस्टमर्स की बदलती हुई जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाईन किया गया है. यह कॉम्पैक्ट SUV आर्कटिक वाइट, स्प्लेंडिड सिल्वर, Grandeur ग्रे, ब्लुइश ब्लैक, सेलेस्टियल ब्लू, ओपुलेंट रेड और अर्थन ब्राउन जैसे 7 मोनोटोन रंगों में आती है. इसके साथ ही Fronx आपको ब्लुइश ब्लैक छत के साथ स्प्लेंडिड सिल्वर, ब्लुइश ब्लैक छत के साथ ओपुलेंट रेड और ब्लुइश ब्लैक छत के साथ अर्थन ब्राउन जैसे ड्यूल-टोन कलर कॉम्बिनेशन्स में भी देखने को मिलेगी.
Fronx का इंजन
मारुती सुजुकी Fronx, प्रोग्रेसिव स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नोलॉजी और 1 लीटर के K-सीरीज टर्बो बूस्टरजेट डायरेक्ट इंजेक्शन इंजन के साथ आती है. इतना ही नहीं, यह कर 1.2 लीटर के ड्यूल जेट ड्यूल VVT इंजन के विकल्प के साथ भी भारतीय मार्केट में उपलब्ध होगी. 1 लीटर का K-सीरीज इंजन 5 स्पीड मैन्युअल या 6 स्पीड ऑटोमैटिक पैडल शिफ्टर्स के विकल्प के साथ मार्केट में पेश किया जाएगा जबकि 1.2 लीटर का इंजन 5 स्पीड मैन्युअल और 5 स्पीड AGS (ऑटो गेअर शिफ्टर) ट्रांसमिशन के विकल्पों के साथ मार्केट में उतारा जाएगा.
Fronx में मिलेंगे ये फीचर्स
इस कॉम्पैक्ट SUV में आपको टर्न बाय टर्न नैविगेशन के साथ हेड्स अप डिस्प्ले, 360 डिग्री एंगल वाला कैमरा, वायरलेस स्मार्टफोन चार्जर, 9 इंच का HD स्मार्ट प्ले प्रो प्लस इन्फोटेनमेंट सिस्टम, एप्पल कारप्ले और एंड्राइड ऑटो कनेक्टिविटी जैसे बहुत ही हाई-एंड टेक्नोलॉजी भी देखने को मिलेगी. साथ ही मारुती सुजुकी Fronx 22.89 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज भी देगी.
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