पेट्रोल की कीमतों के आसमान पर पहुंचने के चलते इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की डिमांड में लगातार तेजी आ रही है.
यदि आप इलेक्ट्रिक स्कूटर (Electric Scooter) खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो तुरंत ही इस योजना पर अमल कर डालिए. वरना, आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. क्योंकि सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम करने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री (Ministry of Heavy Industries) ने इस संबंध में मंत्रियों के एक उच्च स्तरीय पैनल को सिफारिश भेजी है. यदि मंत्रालय की सिफरिश मंजूर हो जाती है, तो इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की कीमतों में इजाफा होना तय है.
इस योजना के तहत मिलती है मदद
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (FAME India) प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करती है. इस योजना की शुरुआत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए की गई थी. देश में EV यानी इलेक्ट्रिक वाहनों के बेड़े में सबसे ज्यादा संख्या टू-व्हीलर्स की है. कई कंपनियां इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स बना रही हैं, लेकिन इस मामले में Ola अपनी एक अलग पहचान स्थापित करने में सफल रही है.
इतनी घटाई जा सकती है सब्सिडी
अभी यह तो स्पष्ट नहीं है कि सरकार सब्सिडी में कितनी कमी करेगी, लेकिन माना जा रहा है कि इसे 40% से घटाकर 15 प्रतिशत किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है, तो इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों का महंगा होना तय है. बता दें कि EV पहले से ही सामान्य टू-व्हीलर्स की तुलना में महंगे हैं, ऐसे में यदि इनकी कीमत में और इजाफा होता है, तो लोगों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना मुश्किल हो जाएगा. इसका EV की बिक्री पर भी असर देखने को मिल सकता है. हालांकि, सरकार के अधिकारियों को नहीं लगता कि सब्सिडी घटने से EV की बिक्री घटेगी.
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EV की लगातार बढ़ रही है डिमांड
पेट्रोल-डीजल की कीमतों के आसमान पर पहुंचने के चलते देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड में तेजी आई है. खासतौर पर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2023 में देशभर में कुल 85793 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री हुई, जो ईयर-ऑन-ईयर बेसिस पर 57.71 फीसदी अधिक है. इस दौरान Ola ने कुल 21274 EV यूनिट्स बेचीं. जबकि मार्च 2022 के दौरान में यह आंकड़ा 9145 था. यानी Ola ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हमारी नई पॉलिसी का लाभ चीनी कंपनियों को मिलने की संभावना नहीं है.
चीन दुनियाभर में अपने सस्ते सामान के लिए मशहूर है. चीनी कंपनियां सस्ते की रणनीति अपनाकर दूसरे देशों के बाजार में अच्छी-खासी पैठ बना लेती हैं. हालांकि, भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार (EV Market) में चीन की यह रणनीति काम नहीं आएगी. ऐसा इसलिए कि उसे टेस्ला (Tesla) की तरह भारत की नई EV पॉलिसी का लाभ नहीं मिलेगा. बता दें कि सरकार ने हाल ही में ग्लोबल कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए नई EV नीति को मंजूरी दी है. इसके तहत कंपनियों को कई तरह के लाभ मिलेंगे.
चीनी निवेश पर कड़ी नजर
एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा कारणों के चलते चीनी कंपनियों को इस पॉलिसी के तहत छूट मिलने की संभावना नहीं है. भारत सरकार चीन से जुड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को लेकर भारत काफी सावधानी बरत रही है. नई नीति में आयात शुल्क यानी इंपोर्ट ड्यूटी में छूट की जो बात कही गई है, वो वास्तविक निवेश से जुड़ी है. कहने का मतलब है कि छूट के लिए संबंधित कंपनी को भारत में 4,150 करोड़ रुपए का निवेश जरूरी है. BYD (Build Your Dreams) जैसी चीनी कंपनियों को FDI के लिए क्लीयरेंस की जरूरत होगी और वो मौजूदा वक्त में बेहद मुश्किल है. इसका मतलब है कि BYD को भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कार उतारने के लिए मौजूदा 70-100% ड्यूटी का भुगतान करना होगा. बता दें कि दुनियाभर में चीनी कंपनियों के छवि अच्छी नहीं है. अमेरिका उन पर जासूसी का आरोप भी लगा चुका है.
कैसी है हमारी FDI नीति?
भारत की प्रत्यक्ष विदेशी नीति में कुछ वक्त पहले संशोधन किया गया था, ताकि भारतीय कंपनियों के अवसरवादी अधिग्रहण को रोका जा सके. इस संशोधन के अनुसार, यदि कोई कंपनी ऐसे देश से ताल्लुक रखती है, जिसकी सीमा भारत से लगती है, तो वह केवल सरकारी रूट के जरिए निवेश कर सकती है. चीन या किसी अन्य सीमावर्ती देश से जुड़े निवेश के प्रस्ताव की विस्तार से पड़ताल होगी और उसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए या नहीं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन की इलेक्ट्रिक कार कंपनियों के मामले में सरकार की सख्ती बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सेक्टर में चीनी कंपनियां काफी मजबूत हैं. यदि उन्हें भारत में विशेष छूट दी गई, तो घरेलू कंपनियों की परेशानी बढ़ा सकती हैं.
क्या है नई EV पॉलिसी?
हमारी नई EV पॉलिसी में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत किया जा सकता है, यदि उनकी कीमत 35,000 डॉलर (लगभग 29 लाख रुपए) से ज्यादा नहीं है. मौजूदा व्यवस्था के तहत भारत में लाई जाने वाली इलेक्ट्रिक कारों पर 70 से 100 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी लगती है. हालांकि, ये छूट केवल उन्हीं कंपनियों को मिलेगी जो भारत में प्लांट लगाएंगी और कम से कम 4150 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी. उन्हें बिजनेस शुरू करने के तीन साल के भीतर देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग शुरू करनी होगी. टेस्ला सहित कई EV निर्माता इस शर्त को पूरा करने के लिए आसानी से तैयार हो जाएंगे, क्योंकि उन्हें भारतीय बाजार में मौजूद संभावनाओं का आभास है.
भारत में मौजूद हैं BYD की कारें
चीन की कंपनी BYD (Build Your Dreams भारत में तीन कारें लॉन्च कर चुकी है. इसकी नई नवेली EV कार Seal की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 41 लाख और टॉप वैरिएंट की कीमत 53 लाख रुपए तक है. BYD की इलेक्ट्रिक कारों में हैचबैक, सेडान और एसयूवी की लंबी रेंज है. Build Your Dreams पहले से ही भारत में कॉरपोरेट फ्लीट्स के लिए इलेक्ट्रिक बस और इलेक्ट्रिक वीकल्स बेच रही है. इसके अलावा, कंपनी दुनिया के कई देशों में इलेक्ट्रिक कार और प्लग इन इलेक्ट्रिक हाइब्रिड्स भी बेचती है. इनमें नॉर्वे, सिंगापुर, ब्राजील, न्यूजीलैंड, कोस्टारिका और कोलंबिया शामिल हैं. फिलहाल 300 से ज्यादा चीनी कंपनियां EV बना रही हैं. चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी SAIC और BYD ग्लोबल मार्केट शेयर में केवल एलन मस्क की टेस्ला से पीछे हैं. BYD इलेक्ट्रिक वाहनों में लगनी वाली बैटरी भी बनाती है. बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में चीन की CATL और BYD सबसे बड़े प्लेयर्स माने जाते हैं.
...घरेलू कंपनियों की बढ़ेगी टेंशन
एक्सपर्ट्स का मानना है कि चीनी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों को यदि नई EV पॉलिसी का लाभ मिलता है, तो भारतीय कंपनियों को कड़ी चुनौती का सामना करना होगा. टेस्ला की कारों की प्राइज रेंज और टाटा-महिंद्रा जैसी कंपनियों की कारों की कीमतों में काफी अंतर है. इसलिए उन्हें टेस्ला से खास परेशानी नहीं होगी, लेकिन चीनी कंपनियां सस्ते की जंग में माहिर हैं. वह अपनी आक्रामक मार्केट स्ट्रेटेजी के लिए पहचानी जाती हैं. कुछ समय पहले तक भारत के मोबाइल सेक्टर में चीनी कंपनी शाओमी की तूती बोलती थी. ऐसे में EV मार्केट में चीनी कंपनियों की एंट्री भारतीय कंपनियों के लिए चुनौती बन सकती है.
मारुति सुजुकी अकेली कंपनी नहीं है जो अपने किसी पुराने मॉडल का नया वेरिएंट ला रही हो. ऑटोमोबाइल सेक्टर की ज्यादातर कंपनियां ऐसा ही कर रही हैं.
मारुति सुजुकी के वैसे तो भारत में कई मॉडल अब तक हिट हुए हैं लेकिन इन दिनों कंपनियां अपने पुराने मॉडलों को नए वर्जन में लेकर आ रही हैं. इसी कड़ी में मारुति अब अपनी सुपरहिट कार स्विफ्ट (Swift) को एक बार फिर नए अवतार में लेकर आ रही है. हालांकि अभी कार के नए वर्जन के बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन कंपनी ने इसकी बुकिंग शुरू कर दी है. आप भी 11000 रुपये देकर इस कार को बुक कर सकते हैं. अपनी इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या हो सकता है इस नए वर्जन में?
क्या हो सकता है इस नए वर्जन में खास?
मारुति सुजुकी के कई सुपरहिट मॉडलों में एक स्विफ्ट भी अपने चाहने वालों की ऑल टाइम हिट कारों में से एक है. इस कार के नए वर्जन को लेकर जानकारों का कहना है कि इसमें ग्रिल, बंपर, एलॉय व्हील और अपडेटेड फ्रंट के साथ शार्क फिन एंटीना दिया जा सकता है. इन बदलावों के बाद कार और ज्यादा क्लॉसिक हो जाएगी. इस नए वर्जन के सी पिलर को Hyundai i20 की तरह पूरी तरह से ब्लैक रखा गया है. कंपनी रियर कैमरा देने की तैयारी कर रही है जिसे वो बूट लिड पर रख सकती है.
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पहले से ज्यादा हाईटैक होगा इंफोटेनमेंट सिस्टम
कंपनी स्विफ्ट के इस नए वर्जन के इंफोटेनमेंट सिस्टम और और हाईटैक बनाने की तैयारी कर रही है. इस सिलसिले में कार का इंफोटेनमेंट सिस्टम को फ्लोटिंग टचस्क्रीन और इंस्ट्रूमेंट कंसोल के लिए बड़ी एमआईडी यूनिट सहित कई नए बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है. नए मॉडल में नई सीट अपहोल्स्ट्री के साथ कार में ज्यादा स्पेस देने की तैयारी कर रही है, जिससे पिछली कमियों को दूर किया जा सके.
इंजन में क्या हो सकते हैं बदलाव?
कार के इंजन में भी कई तरह के बदलाव किए जाने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी k सीरिज के 1.2 लीटर और 4 सिलेंडर पेट्रोल पावरप्लांट को नए Z सीरिज 1.2 लीटर 3 सिलेंडर इंजन से बदल सकती है. वहीं नई Z सीरिज वाली स्विफ्ट का आउटपुट आउटगोइंग k12 इंजन जैसा होगा. इसकी पावर 90 HP और टॉर्क 113 NM हो सकता है. इसे माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के साथ पेश किया जा सकता है. कंपनी इसमें 5 स्पीड मैनुअल और एएमटी गियरबॉक्स मिल सकता है.
अभी क्या है कार की कीमत
मौजूदा समय में कार में 1198 सीसी का इंजन लगा हुआ है जबकि कार पेट्रोल, सीएनजी के वेरिएंट में बाजार में उपलब्ध है. वहीं कार की कीमत पर नजर डालें तो ये कार 5.50 लाख से शुरू होकर 9 लाख रुपये तक जाती है. कार मीडिल क्लास में काफी पसंद की जाती है. इसी का नतीजा है कि कंपनी आने वाले दिनो में इसका नया वर्जन लेकर आ रही है.
इस सेवा की शुरुआत दिल्ली से करने की तैयारी है. इसके बाद इस सेवा को मुंबई और बेंगलुरु जैसी शहरों में भी उतारा जाएगा. इसमें 4 यात्री सफर कर सकेंगे.
अगर पीक ऑवर ना भी हो और ट्रैफिक सामान्य हो तब भी आपको दिल्ली से गुरुग्राम पहुंचने में लगभग 1.30 से 2 घंटे लग जाते हैं. लेकिन अब ये दूरी आप 7 मिनट में ही पूरी कर सकते हैं. जी हां, ही सुना आपने लोगों के सफर को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए अब जल्द ही एयर टैक्सी की शुरुआत की जाएगी. इंडिगो एयरलाइन की पैरेंट कंपनी इंटर ग्लोब और आर्चर एविएशन अब देश में इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी लाने की तैयारी कर रही है. इसे जल्द ही दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में चलाया जाएगा.
दिल्ली से होगी इसकी शुरुआत
Air Taxi की शुरुआत देश की राजधानी दिल्ली से करने का प्लान है. इसके बाद एयर टैक्सी को मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में पहुंचाया जाएगा. दिल्ली-गुरुग्राम के बीच एयर टैक्सी का संचालन साल 2026 तक होने की उम्मीद है. इस इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑफ एंड लैंडिंग (EVTOL) एयरक्राफ्ट में पायलट के अलावा 4 यात्री सफर कर सकेंगे. सफर के लिए यात्रियों को 2000 से 3000 रुपए का किराया देना होगा.
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7 मिनट में दिल्ली से पहुंचेंगे गरुग्राम
मौजूदा समय में दिल्ली-गुरुग्राम पहुंचने में करीब 60 से 90 मिनट का समय लगता है, लेकिन एयर टैक्सी के आने के बाद ये सफर चुटकियों में पूरा होगा. आप सिर्फ 7 मिनट में 60 से 90 मिनट की दूरी तय कर लेंगे. इससे जाम के झंझट से तो मुक्ति मिलेगी ही, साथ ही काफी समय भी बचेगा. प्लान के मुताबिक, इंटर ग्लोब और आर्चर एविएशन 200 एयरक्राफ्ट इस सर्विस के लिए इस्तेमाल करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल तक इसके लिए विमानन सेक्टर के रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) से सर्टिफिकेट मिल जाएगा.
मिडनाइट प्लेन होगा इस्तेमाल
भारत में एयर टैक्सी के लिए मिडनाइट प्लेन का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें 6 बैटरी पैक लगे होते हैं. ये 30 से 40 मिनट में फुल चार्ज हो जाते हैं. एक मिनट की चार्जिंग में ये एक मिनट की उड़ान भर सकता है. इसके लिए इंटर ग्लोब और आर्चर एविएशन के बीच MOU साइन होगा. इंडिगो और आर्चर एकसाथ मिलकर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने, विमान का संचालन करने और फंडिंग के लिए काम करेंगे. आर्चर एविएशन के संस्थापक और सीईओ एडम गोल्डस्टीन ने भविष्य में इन विमानों को भारत में बनाने की संभावना भी जताई है.
सरकार की नई ईवी पॉलिसी ने देश के बाहर की कई कंपनियों की भारतीय बाजार की एंट्री का रास्ता खोल दिया है. इस लिस्ट में अब नया नाम टाटा मोटर्स का भी शामिल हो गया है.
टाटा मोटर्स (Tata Motors) की सब्सिडरी जैगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) अब लग्जरी कारों का निर्माण भारत में ही करेगी. कंपनी भारत में एक नया प्लांट लगाने की योजना बना रही है. यह योजना पहली बार जेएलआर-ब्रांड वाली कारों को चिह्नित करेगी. तो चलिए आपको बताते हैं ये प्लांट कहां लगेगा और इससे आपको क्या फायदा होगा?
कहां होगा LR का भारत में पहला प्लांट
भारत में रेंज रोवर इवोक, डिस्कवरी स्पोर्ट और जगुआर एफ-पेस जैसी कारें बेचने वाली JLR एक लग्जरी ब्रांड है, जिसे बहुत कम लोग खरीद पाते हैं. उम्मीद इस बात की है कि भारत में जैगुआर लैंड रोवर का पहला प्लांट शुरू होने के बाद कारों को घरेलू स्तर पर बेचा जाएगा और निर्यात भी किया जाएगा. ऐसे में इन लग्जरी कारों की कीमत भारत में सस्ती हो जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टाटा मोटर्स तमिलनाडु में एक नया प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है. इसमें वो अपनी प्रीमियम कार जैगुआर लैंड रोवर की मैन्युफैक्चरिंग करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टाटा मोटर्स अपने इस प्लांट के लिए 1 बिलियन डॉलर का निवेश करेगी. फिलहाल कंपनी ने इस नए प्लांट में किन कारों का प्रोडक्शन होगा, इसे लेकर कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है.
अभी इन देशों में है फैक्ट्रियां
इंडियन मार्कट में कंपनी रेंज रोवर इवोक, डिस्कवरी स्पोर्ट और जगुआर एफ-पेस जैसी कारें बेचती है. इन्हें ब्रिटेन से इम्पोर्ट करके पुणे में असेंबल किया जाता है. टाटा मोटर्स और जैगुआर लैंड रोवर (JLR) के बीच पार्टनरिशप इस नए प्लांट के साथ बढ़ती जा रही है. दोनों कंपनियां साथ में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन कर चुकी हैं. ये MoU JLR के इलेक्ट्रिफाइड मॉड्यूलर आर्किटेक्चर (EMA) प्लेटफॉर्म के लिए साइन किया गया था. इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल टाटा की लॉन्च होने वाली बॉर्न-इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए किया जाएगा. ये प्लेटफॉर्म का पहला मॉडल इस साल 2024 के आखिर में मार्केट में आ सकता है. जेएलआर की फिलहाल ब्रिटेन में 3 प्लांट हैं. कंपनी चीन, ब्राजील और स्लोवाकिया में भी गाड़ियां बनाती जेएलआर टाटा मोटर्स के राजस्व में लगभग दो-तिहाई का योगदान देता है.
जापानी वाहन निर्माता Nissan भारतीय बाजार में सब फोर मीटर सेगमेंट में SUV के रूप में Magnite को ऑफर करती है.
जापान की प्रमुख वाहन निर्माता निसान (Nissan) की ओर से मैग्नाइट (Magnite) को सब फोर मीटर एसयूवी (SUV) सेगमेंट में ऑफर किया जाता है. कंपनी को इस एसयूवी में खराबी की जानकारी मिली है, जिसके बाद इसकी कुछ यूनिट्स को वापस बुलाया है. अगर आपके पास भी निसान की ये एसयूवी है तो ध्यान दें, हो सकता है आपके पास भी कंपनी से रिकॉल आ जाए.
क्या मिली खराबी?
Nissan ने Magnite SUV के लिए Recall जारी किया है. कंपनी की इस एसयूवी में सेंसर की खराबी की जानकारी मिलने के बाद इसकी कुछ यूनिट्स को वापिस बुलाया गया है. जानकारी के मुताबिक कंपनी की इस एसयूवी के फ्रंट डोर हैंडल के सेंसर में खराबी की जानकारी मिली है, जिसके बाद सुरक्षा कारणों से कंपनी की ओर से कुछ यूनिट्स के लिए रिकॉल को जारी किया गया है. कंपनी के मुताबिक इस खराबी के कारण एसयूवी को चलाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, लेकिन अब इस खराब पार्ट को बदला जाएगा. हालांकि कंपनी की ओर से यह जानकारी नहीं दी गई है कि कितनी यूनिट्स में खराबी की जानकारी मिली है.
किस वेरिएंट को किया Recall
निसान की ओर से मेग्नाइट एसयूवी के दो वेरिएंट्स को रिकॉल किया गया है, जिसमें एंट्री लेवल XE और मिड वेरिएंट XL शामिल हैं. इन दोनों ही वेरिएंट्स की कुछ यूनिट्स में खराबी की जानकारी मिली है. कंपनी के अनुसार नवंबर 2020 से लेकर दिसंबर 2023 के बीच बनाई गई यूनिट्स में इस पार्ट की खराबी हो सकती है. दिसंबर 2023 के बाद बनाई गई यूनिट्स में इस तरह की कोई खराबी नहीं है.
फ्री में बदले जाएंगे पार्ट
कंपनी की ओर से जिन यूनिट्स को रिकॉल किया गया है. उनको निसान के नजदीकी सर्विस सेंटर में जाना होगा, जहां पर खराब पार्ट को चेक किया जाएगा. अगर उन यूनिट्स के इस पार्ट में खराबी पाई जाती है, तो कंपनी की ओर से बिना कोई अतिरिक्त चार्ज लिए उसे बदला जाएगा. इससे अधिक जानकारी के लिए ग्राहक कंपनी के सर्विस सेंटर और आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं.
इन सुविधाओं के साथ आती है मैग्नाइट
निसान मैग्नाइट को 2020 में लॉन्च किया गया था, जो 4 वेरिएंट्स- XE, XL, XV और XV प्रीमियम में आती है. इसमें LED DRLs के साथ LED ड्यूल-प्रोजेक्टर हेडलैंप, 16-इंच डायमंड-कट अलॉय व्हील, इलेक्ट्रिकली एडजेस्टेबल और फोल्डेबल विंग मिरर, रूफ-रेल के साथ फ्रंट और रियर फॉक्स स्किड प्लेट मिलती हैं. कार के केबिन में वायरलेस ऐपल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो कनेक्टिविटी के साथ 8.0-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 7.0-इंच का इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और वॉयस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं.
ये है कीमत
मैग्नाइट में एक 1.0-लीटर, 3-सिलेंडर, नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन और दूसरा 1.0-लीटर, 3-सिलेंडर, टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन मिलता है. दोनों मानक के रूप में 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आते हैं. साथ ही, टर्बो पेट्रोल में CVT ऑटोमैटिक और नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन में 5-स्पीड AMT का विकल्प भी मिलता है. इस गाड़ी की शुरुआती कीमत 6 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है. कंपनी मैग्नाइट के फेसलिफ्ट मॉडल पर भी काम कर रही है, जिसे इसी साल लॉन्च किया जा सकता है.
सोमवार को एक इवेंट के दौरान Ola Electric ने अपने सबसे सस्ते E-Scooter S1x की कीमत 4 से 10 हजार तक और घटा दी है.
अगर आप कोई ई स्कूटर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) की ओर भारतीय बाजार में ई स्कूटर (E-Scooter) के कई विकल्प ऑफर किए जाते हैं. आपको ये जानकर खुशी होगी कि ओला इलेक्ट्रिक कंपनी ने अपने सबसे सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत और घटा दी है. ओला के S1x Electric Scooter को अब आप पहले से कम कीमत पर खरीद सकते हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है इसकी नई कीमत और कब से शुरू होगी डिलीवरी?
क्या होगी S1x की नई कीमत?
देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) ने सोमवार यानी 15 अप्रैल को एक बड़े इवेंट का आयोजन किया गया, जिसमें कंपनी की ओर से अपने सबसे सस्ते ई स्कूटर की कीमत को और कम कर दिया गया है. S1x रेंज के स्कूटर्स की कीमत में कंपनी की ओर से 4 से 10 हजार रुपये तक कम किए गए हैं. इसके साथ ही अन्य स्कूटर्स की नई कीमतों की जानकारी भी कंपनी की ओर से दी गई है. ओला इलेक्ट्रिक के स्कूटर S1x की कीमतों को कम करने के बाद, इसके 2 kWh वेरिएंट को 69,999 रुपये की कीमत पर खरीदा जा सकता है. वहीं, पहले इसकी कीमत 79,999 रुपये थी. इसके 3 kWh वेरिएंट की कीमत 85 हजार रुपये और 4 kWh वेरिएंट की कीमत 99 हजार रुपये तय की गई है. पहले 3 kWh वेरिएंट को 89,999 और 4 kWh वेरिएंट को 1.10 लाख रुपये की कीमत पर ऑफर किया जा रहा था.
न्य स्कूटर्स की क्या है नई कीमत
ओला की ओर से अपने सभी इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमतों की जानकारी 15 अप्रैल 2024 को हुए एक कार्यक्रम के दौरान दी गई है. कंपनी के मुताबिक अब S1 Pro को 1.30 लाख रुपये, S1 Air को 1.05 लाख रुपये और S1x+ को 85 हजार रुपये की कीमत पर खरीदा जा सकता है. ये नए स्कूटर्स ग्राहकों को एक ई स्कूटर्स का एक नया एक्सपीरियंस देंगे.
कब होगी इनकी डिलीवरी?
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार कंपनी के सभी स्कूटर्स को ऑनलाइन मोड के साथ ही नजदीकी शोरूम पर जाकर भी बुक करवाया जा सकता है. इसके साथ ही एक्सपीरियंस सेंटर पर जाकर स्कूटर के फीचर्स और कीमत की जानकारी को भी लिया जा सकता है. ओला की ओर से बताया गया है कि S1x स्कूटर को जिन ग्राहकों ने अभी तक बुक किया है. उनको अगले हफ्ते से स्कूटर की डिलीवरी देना शुरू कर दिया जाएगा.
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54 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन
ओला की ओर से बताया गया कि उनकी कोशिश इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की कीमत के साथ ही रेंज को बढ़ाने की रही है। कंपनी के मुताबिक बीते कुछ सालों में देशभर में इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की मांग में काफी तेजी आई है। ओला को पिछले ढाई साल में कई लाख रजिस्ट्रेशन मिले हैं। मार्च 2024 में ही कंपनी को अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के लिए 53 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन मिले हैं. वहीं, कंपनी की ओर से अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स पर 8 साल तक की वारंटी को भी ऑफर किया जा रहा है. इसके लिए कंपनी की ओर से किसी तरह का कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा.
Jeep India भारतीय बाजार में Updated Wrangler off-roader को लॉन्च करने जा रही है. ये अपडेटिड जीप रैंगलर फेसलिफ्ट (Jeep Wrangler Facelift) ग्लोबल मार्केट में पिछले साल ही आ गई थी.
जीप इंडिया (Jeep India) भारतीय बाजार में 22 अप्रैल 2024 को Updated Wrangler off-roader को लॉन्च करने जा रही है. जीप रैंगलर फेसलिफ्ट (Jeep Wrangler Facelift) ने लगभग 1 साल पहले ग्लोबल मार्केट में एंट्री मारी थी और अब ये एसयूवी भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस अपडेटिड वर्जन के डिजाइन और फीचर लिस्ट में बड़े अपडेट हुए हैं, तो आइए आपको अपडेटिड ऑफरोडर के फीचर्स और कीमत से जुड़ी कुछ जानकारी देते हैं.
Jeep Wrangler Facelift में क्या है खास?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जीप रैंगलर फेसलिफ्ट को ऑल-ब्लैक ट्रीटमेंट मिलेगा और ट्रेडमार्क 7-स्लैट डिजाइन पहले से पतला होगा. इसमें नए अलॉय व्हील, कई व्हील शेप और रूफ ऑप्शन भी मिलेंगे. सॉफ्ट टॉप और हार्ड टॉप विकल्प भी मिलेंगे. इसके केबिन में भी हल्के बदलाव किए गए हैं, जिसमें अपडेटेड डैशबोर्ड लेआउट में 12.3 इंच का बड़ा टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और रिपोजिशन किए गए एसी वेंट शामिल हैं. इसमें जीप का नवीनतम यूकनेक्ट 5 यूजर इंटरफेस भी मिलेगा, जो ऑफ-रोडर के लिए अधिक कनेक्टेड तकनीक लाएगा. सिस्टम में शामिल 62 ऑफ-रोड ट्रेल्स के साथ नई ट्रेल्स ऑफरोड गाइड भी होगी. इसके अलावा 12-वे इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल फ्रंट सीट्स, वायरलेस एपल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो और सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल जैसे फीचर्स शामिल होंगे.
इंजन और परफॉरमेंस
जीप रैंगलर फेसलिफ्ट को पावर देने के लिए 2.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन यूज किया जाएगा, जो 266 बीएचपी और 400 एनएम पीक टॉर्क के लिए ट्यून किया गया है. इस पावरट्रेन को 8-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है. एसयूवी में जीप सेलेक-ट्रैक फुल-टाइम फोर-व्हील ड्राइव (4WD) सिस्टम भी मिलेगा. आपको बता दें कि भारतीय बाजार के लिए कोई डीजल इंजन नहीं होगा.
ये होगी कीमत
जीप रैंगलर फेसलिफ्ट वर्तमान में दो वेरिएंट्स - अनलिमिटेड और रूबिकॉन में उपलब्ध है. उम्मीद जताई जा रही है कि फेसलिफ्टेड मॉडल पर भी यह जारी रहेगा. आपको बता दें, अनलिमिटिड की कीमत 62.65 लाख और रूबिकॉन की कीमत 66.65 लाख (एक्स-शोरूम) के बीच है, ऐसे में फेसलिफ्ट वर्जन इसके मुकाबले थोड़ा सा महंगा हो सकता है.
इंडियन ऑटो मार्केट में लगातार Passenger Vehicles की मांग बढ़ रही है. उद्योग निकाय SIAM ने ये जानकारी साझा की है.
देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर बूम पर है. टू-व्हीलर से लेकर कार, बस और ट्रक की जबरदस्त मांग बनी हुई है. इससे गाड़ियों की बिक्री के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. आपको बता दें कि भारत में यात्री वाहनों की थोक बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 में सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत बढ़कर 42,18,746 इकाई हो गई. उद्योग निकाय सियाम ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वित्त वर्ष 2022-23 में कुल यात्री वाहन आपूर्ति 38,90,114 इकाई रही थी.
टू-व्हीलर की बंपर बिक्री
सियाम की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 13.3 प्रतिशत बढ़कर 1,79,74,365 इकाई रही, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 1,58,62,771 इकाई थी. समीक्षाधीन अवधि में सभी श्रेणियों में वाहन बिक्री 12.5 प्रतिशत बढ़कर 2,38,53,463 इकाई रही जो वित्त वर्ष 2022-23 में 2,12,04,846 इकाई थी.
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इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहनों की भी बढ़ी सेल
इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहनों की कुल बिक्री वित्त वर्ष 2023 में 47,551 यूनिट की तुलना में 2023-24 में बढ़कर 90,996 यूनिट हो गई, जिसमें 91 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. टाटा मोटर्स ने 64,217 यूनिट के पंजीकरण के साथ इस क्षेत्र का नेतृत्व किया, जो 2022-23 वित्तीय वर्ष में 38,728 यूनिट से 66 प्रतिशत अधिक है.
मोटर वाहन खुदरा बिक्री 10 प्रतिशत बढ़ी
हाल ही में यात्री वाहन, तिपहिया वाहन और ट्रैक्टर की रिकॉर्ड बिक्री के दम पर मोटर वाहन खुदरा बिक्री में वित्त वर्ष 2023-24 में दोहरे अंक की वृद्धि देखी गई. डीलरों के संगठन फाडा ने यह जानकारी दी थी. पिछले वित्त वर्ष में मोटर वाहन खुदरा बिक्री 10 प्रतिशत बढ़कर 2,45,30,334 इकाई हो गई, जबकि 2022-23 में यह 2,22,41,361 इकाई थी. यात्री वाहनों, तिपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों की पिछले वर्ष रिकॉर्ड बिक्री हुई. वहीं मार्च में कुल पंजीकरण सालाना आधार पर तीन प्रतिशत की बढ़त के साथ 21,27,177 इकाई रहा. मार्च 2023 में 3,43,527 इकाइयों की तुलना में यात्री वाहन की खुदरा बिक्री छह प्रतिशत घटकर 3,22,345 इकाई रही. हालांकि, पिछले महीने दोपहिया वाहनों का पंजीकरण सालाना आधार पर पांच प्रतिशत बढ़कर 15,29,875 इकाई हो गया.
देश की सबसे ज्यादा पैसेंजर वाहनों की बिक्री करने वाली कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) इंडिया लिमिटेड ने बड़ा एलान किया है. सुजुकि ने अपनी दो कारों की कीमतों में इजाफा कर दिया है.
मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) इंडिया लिमिटेड ने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. मारुति ने अपनी गाड़ियों की कीमत बढ़ा दी है. देश की दिग्गज ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी ने बुधवार को प्राइस हाइक ऐलान किया है. इसके तहत कंपनी की कुछ गाड़ियां महंगी हो जाएंगी. मारुति सुजुकी ने अपनी स्विफ्ट और ग्रैंड विटारा सिग्मा के चुनिंदा वैरिएंट्स की कीमतें बढ़ा दी हैं. आइए जरा विस्तार से जानते हैं कि किस मॉडल की कीमत में कितनी बढ़ोतरी हुई है?
स्विफ्ट की कीमत में 25,000 की बढ़ोतरी
कमोडिटी की बढ़ती कीमतों के बीच मारुति सुजुकी ने बुधवार को मारुति स्विफ्ट और ग्रैंड विटारा के कुछ वैरिएंट की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की. कीमतों में बढ़ोतरी तुरंत यानी 10 अप्रैल 2024 से प्रभावी हो गई है. इस प्राइस हाइक के बाद मारुति स्विफ्ट की कीमतों में 25,000 रुपये और ग्रैंड विटारा सिग्मा की कीमतों में 19,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है.
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जनवरी 2024 में भी बढ़ी थी कीमत
कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ऑटो इंडस्ट्री के अन्य बड़े प्लेयर्स की तरह महंगाई और हाई कमोडिटी लागत का हवाला देते हुए लगातार कीमतों में बढ़ोतरी कर रही है. मारुति ने जनवरी 2024 में कार की कीमतें 0.45% तक बढ़ाई थीं. मारुति सुजुकी का कहना है कि कंपनी लागत कम करने और वृद्धि की भरपाई करने के लिए अधिकतम प्रयास कर रही है.
4 महीने में दो बार बढ़े दाम
जनवरी में कारों की कीमत में इजाफा करने से पहले मारुति ने कहा था कि हम पिछले कुछ समय से बढ़ी हुई इनपुट लागत का वहन कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा बाजार परिस्थितियों ने हमें वाहनों के दाम में कुछ बढ़ोतरी करने का दबाव डाला है इसलिए कुछ मॉडल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी.
मार्च 2024 में मारुति सुजुकी की बिक्री
मार्च महीने में आए ऑटो बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, मारुति ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों को मिलाकर कुल 187,196 यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा हासिल किया है. मार्च 2023 की तुलना में यह आंकड़ा 14 प्रतिशत ज्यादा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में मारुति सुजुकी ने अपनी अब तक की सबसे अधिक कुल बिक्री हासिल की. इस दौरान कंपनी ने 2,135,323 कारें बेचीं. इसमें 1,793,644 इकाइयों की घरेलू बिक्री और कुल 283,067 गाड़ियों का निर्यात शामिल है.
बैटरी को इलेक्ट्रिक कारों का दिल कहा जाता है. अब हुंडई और किआ ने अपने इस दिल के लिए एक्साइड से करार किया है.
भारत के कार बाजार में दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने अच्छी-खासी पकड़ बना ली है. हुंडई और किआ (Hyundai & Kia) की कारों को भारत में काफी प्यार मिला है. खासकर किआ ने पिछले कुछ वक्त में अपनी एक अलग पहचान स्थापित की है. Kia Seltos भारतीय ग्राहकों की पसंदीदा SUV बन गई है. इसी तरह Kia Sonet भी अपनी छाप छोड़ने में सफल रही है. अब Hyundai और Kia ने अपनी कारों में मेड इन इंडिया बैटरी के लिए एक्साइड इंडस्ट्रीज (Exide Industries) से हाथ मिलाया है.
सबसे आगे हो जाएगी कंपनी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हुंडई और किआ ने कोलकाता की एक्साइड इंडस्ट्रीज की सहायक इकाई एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस से पार्टनरशिप की है. इसके तहत भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी यहीं बनाई जाएंगी. दरअसल, भारत में अपनी EV योजना को परवान चढ़ाने के लिए इन दक्षिण कोरियाई कंपनियों का लक्ष्य EV बैटरी भी यहीं बनाना है. कंपनी कका फोकस खासतौर पर लीथियम-आयन फॉस्फेट सेल पर रहेगा. हुंडई मोटर ने एक बयान में कहा कि इस कदम के साथ ही कंपनी अपने EV व्हीकल्स में भारत में बनी बैटरियां लगाने के मामले में सबसे आगे होगी.
खबर आम होते ही चढ़े शेयर
Hyundai मोटर और Kia की शोध एवं विकास इकाई के प्रमुख ह्युई वोल यांग (Heui Won Yang) का कहना है कि भारत EV वाहनों के लिए प्रमुख बाजार है. स्थानीय स्तर पर बैटरी बनाकर कंपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त हासिल कर पाएगी. उन्होंने कहा कि एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस के साथ पार्टनरशिप से हुंडई और किआ अपने इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत में बनी बैटरियां लगाने के मामले में दूसरों से आगे निकल जाएगी. उधर, इस साझेदारी की खबर सामने आते ही एक्साइड इंडस्ट्रीज के शेयरों में उछाल देखने को मिला है. मंगलवार दोपहर साढ़े 11 बजे के आसपास कंपनी का शेयर 2.19% की बढ़त के साथ 385.40 रुपए पर ट्रेड का रहा था.
75 सालों से है कारोबार में
एक्साइड इंडस्ट्रीज ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि उसकी सहायक इकाई एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस ने हुंडई मोटर कंपनी तथा किआ कॉरपोरेशन के साथ भारत के ईवी बाजार में रणनीतिक सहयोग के लिए एक करार किया है. इसके तहत हुंडई मोटर के भारतीय बाजार के लिए तैयार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी सेल का निर्माण, उत्पादन और आपूर्ति की जाएगी. मालूम हो कि एक्साइड इंडस्ट्रीज ने लीथियम आयन कारोबार में उतरने के लिए 2022 में एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस की नींव रखी थी. लेड एसिड बैटरी बनाने में एक्साइड लीडिंग कंपनी है और 75 साल से इस कारोबार में है.
कई कंपनियों ने लगाया दांव
पिछले साल अगस्त में Exide ने कहा था कि वो बेंगलुरु में लीथियम आयन सेल बनाने के लिए कारखाना स्थापित कर रही है और वित्त वर्ष 2025 में उत्पादन शुरू हो जाएगा. देश में लीथियम आयन बैटरी क्षेत्र में कई कंपनियों ने दांव लगाया है. टाटा ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली यूनिट एग्रटास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस गुजरात के साणंद में 13000 करोड़ रुपए के निवेश से सालाना 20 जीडब्ल्यूएच उत्पादन क्षमता वाली लीथियम आयन बैटरी फैक्ट्री लगा रही है. इसी तरह, JSW ग्रुप ने ओडिशा सरकार के साथ EV और 50 जीडब्ल्यूएच क्षमता वाली बैटरी यूनिट लगाने के लिए करार किया है. इस पर लगभग 40,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
Hyundai और Kia का कनेक्शन
इस खबर में Hyundai मोटर और Kia की शोध एवं विकास इकाई के प्रमुख ह्युई वोल यांग के बयान का भी जिक्र है. जिससे एक सवाल यह उत्पन्न होता है कि क्या Hyundai और Kia एक ही कंपनी है? इसका जवाब है नहीं. हालांकि, अलग-अलग कंपनी होने के बावजूद दोनों एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं. किआ और हुंडई टेक्नोलॉजी तो शेयर करती ही हैं, साथ ही इनके प्लेटफॉर्म, इंजन और गियरबॉक्स भी लगभग एक जैसे होते हैं. दरअसल, दोनों की एक दूसरे में हिस्सेदारी है. पहले किआ मोटर्स में हुंडई की हिस्सेदारी 51% थी, लेकिन अब यह 33.88% है. इसी तरह, हुंडई मोटर्स की कुछ सहायक कंपनियों में किआ की 5-45 फीसदी तक हिस्सेदारी है. 1988 में जब Kia वित्तीय संकट में फंस गई थी, तब Hyundai ने इसमें हिस्सेदारी खरीदी थी.