LIC से MD के पद पर जुड़ने से पहले सिद्धार्थ मोहन्ती LIC हाउसिंग फाइनेंस के MD और CEO के पद पर काम कर रहे थे.
भारत सरकार ने सिद्धार्थ मोहन्ती को 29 जून 2024 तक भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में चेयरपर्सन के पद पर नियुक्त किया है. जून 2024 के बाद सिद्धार्थ मोहन्ती LIC के CEO (चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर) और MD (मैनेजिंग डायरेक्टर) की भूमिका निभायेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिद्धार्थ मोहन्ती जून 2025 में रिटायर हो जायेंगे.
LIC हाउसिंग के MD थे सिद्धार्थ मोहन्ती
सिद्धार्थ मोहन्ती LIC के प्रमुख 4 मैनेजिंग डायरेक्टरों में से एक हैं और मार्च में उन्हें तीन महीनों के लिए अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था. LIC से MD के पद पर जुड़ने से पहले सिद्धार्थ मोहन्ती LIC हाउसिंग फाइनेंस के MD और CEO के पद पर काम कर रहे थे. LIC हाउसिंग फाइनेंस कुछ गिरवी रखकर फाइनेंस देने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है.
LIC को करना पड़ा था विरोध का सामना
इस साल की शुरुआत में US शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके बाद अडानी ग्रुप में LIC की इन्वेस्टमेंट्स का खुलासा हुआ था. हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर फ्रॉड, जालसाजी, मार्केट मैनीपुलेशन और स्टॉक मैनीपुलेशन जैसे गंभीर आरोप लगाए थे जिसकी वजह से अडानी ग्रुप अभी तक मुश्किलों का सामना कर रहा है. इसी वक्त पर अडानी ग्रुप में LIC की 30,000 करोड़ की इन्वेस्टमेंट्स की बात सामने आई थी जिसकी वजह से LIC को भी विरोध का सामना करना पड़ा था. ऐसे में हो सकता है कि सिद्धार्थ मोहन्ती को चेयरपर्सन बनाने का फैसला इसी वजह से लिया गया हो.
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रेलवे बोर्ड को नया अध्यक्ष मिल गया है. सतीश कुमार ने जया वर्मा सिन्हा के स्थान पर यह जिम्मेदारी संभाल ली है.
सतीश कुमार (Satish Kumar) ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पदभार ग्रहण कर लिया है. रेलवे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब बोर्ड की कमान किसी दलित के हाथों में आई है. सतीश कुमार की नियुक्ति जया वर्मा सिन्हा के स्थान पर हुई है, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 को समाप्त हो गया है. कुमार ने पांच जनवरी 2024 को रेलवे बोर्ड में सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टाॉ) के रूप में कार्यभार संभाला था और अब वह बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
शानदार रहा है करियर
भारतीय रेलवे मैकेनिकल इंजीनियर्स सेवा (IRSME) के 1986 बैच के अधिकारी सतीश कुमार मार्च का 34 वर्षों का करियर बेहद शानदार रहा है. उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं. वह उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज के महाप्रबंधक के रूप में भी काम कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए थे. उन्होंने अप्रैल, 2017 से अप्रैल, 2019 तक उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में भी काम किया है.
1988 में हुई थी शुरुआत
सतीश कुमार ने जयपुर के प्रतिष्ठित मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MNIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है. इसके अलावा उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से ऑपरेशन मैनेजमेंट और साइबर लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा भी किया है. कुमार ने मार्च 1988 में भारतीय रेलवे में अपना करियर शुरू किया था. तब से अब तक वह विभिन्न क्षेत्रों और डिवीजनों में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं. कुमार जयपुर में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक और मुख्य सतर्कता अधिकारी की जिम्मेदारी का भी निर्वाहन कर चुके हैं.
टाटा समूह की कंपनी स्टार बाजार की कमान अब नेविल के हाथों में आ गई है. नेविल का रतन टाटा से भी रिश्ता है.
टाटा ग्रुप में नेविल टाटा का कद बढ़ गया है. 32 साल के नेविल को स्टार बाजार की कमान सौंपी गई है. स्टार बाजार टाटा समूह की रिटेल कंपनी ट्रेंट लिमिटेड की हाइपरमार्केट यूनिट है. एक रिपोर्ट के अनुसार, नेविल टाटा कुछ साल पहले समूह के हाइपरमार्केट बिजनेस से जुड़े थे, लेकिन फिर पढ़ाई के लिए विदेश चले गए.
नोएल के बेटे हैं नेविल
नेविल टाटा , ट्रेंट हाइपरमार्केट के बोर्ड में नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे, लेकिन एग्जीक्यूटिव भूमिका मिलने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. नेविल की नियुक्ति को टाटा ग्रुप में नई पीढ़ी के नेतृत्व संभालने के शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. नेविल ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन नोएल टाटा के बेटे हैं. बता दें कि नोएल समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा के सौतेले भाई हैं.
2016 में हुई थी शुरुआत
नेविल 2016 में ही ट्रेंट लिमिटेड का हिस्सा बन गए थे. उन्होंने कंपनी के पैकेज्ड फूड और बेवरेजेज बिजनेस का नेतृत्व किया था. इसके बाद उन्होंने Zudio को संभाला, जो आज देश के सबसे बड़े एपेरल ब्रैंड्स में से एक है. ट्रेंट लिमिटेड अपने हाइपरमार्केट कारोबार को अगले ग्रोथ ड्राइवर के रूप में देख रही है और इस पर ज्यादा फोकस करना चाहती है. इसलिए इसकी कमान युवा हाथों में सौंपी गई है.
बहनें भी समूह का हिस्सा
वहीं, नोएल टाटा की बेटियां यानी नेविल की बहनें भी टाटा ग्रुप की कंपनियों का हिस्सा हैं. 39 साल लीह टाटा को हाल ही में इंडियन होटल्स में गेटवे ब्रैंड का प्रभार दिया गया था. इसी तरह 36 साल की माया टाटा भी टाटा डिजिटल से जुड़ी हुई हैं. नोएल के तीनों बच्चों को टाटा समूह के पांच ट्रस्टों के ट्रस्टी के रूप में भी शामिल किया गया है.
जॉइंट वेंचर है हाइपरमार्केट
नेविल के पिता की बात करें, तो नोएल टाटा Voltas के चेयरमैन और Tata Trusts के ट्रस्टी भी हैं. Tata Trusts की टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है. गौरतलब है कि ट्रेंट हाइपरमार्केट, टाटा ग्रुप और ब्रिटिश रिटेलर टेस्को का एक जॉइंट वेंचर है. यह 66 स्टार बाजार हाइपर और सुपरमार्केट संचालित करता है. इसका मुख्य मुकाबला मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल से है. इस कंपनी की कमान बेटी ईशा अंबानी के हाथों में है. इस लिहाज से देखें तो नेविल टाटा और ईशा अंबानी के बीच अब सीधा मुकाबला होगा.
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक नें भारत और दक्षिण एशिया के लिए वेल्थ और रिटेल बैंकिंग (डब्ल्यूआरबी) के प्रमुख के रूप में आदित्य मंडलोई की नियुक्ति की घोषणा की है.
भारत-स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (standard chartered bank) ने भारत और दक्षिण एशिया के लिए वेल्थ और रिटेल बैंकिंग (डब्ल्यूआरबी) के प्रमुख के रूप में आदित्य मंडलोई की नियुक्ति की घोषणा की है. आदित्य मंडलोई की नियुक्ति अगस्त 2024 से प्रभावी हो गई है.
इन देशों में करेंगे बिजनेस का विस्तार
मुंबई के आदित्य अपनी इस नई भूमिका में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल में डब्ल्यूआरबी बिजनेस की कमान संभालेंगे. लंबे अनुभव और दक्षिण एशिया बाजारों की गहरी समझ के साथ स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक आदित्य के नेतृत्व में विकास के लिए तैयार है.
बैंक में 27 साल का अनुभव
आदित्य ने 27 साल पहले इंटरनेशनल ग्रेजुएट के रूप में स्टैंडर्ड चार्टर्ड के साथ अपना करियर शुरू किया था और तब से उन्होंने बैंक में प्रोडक्ट मैनेजमेंट, कलेक्शन और सेल्स में अलग अलग भूमिकाएं निभाई हैं. उन्होंने बांग्लादेश के लिए WRB बिजनेस का भी नेतृत्व किया है. हाल ही में आदित्य भारत में एसएमई बैंकिंग के प्रमुख थे, जहां उन्होंने एक सस्टेनेबल और प्रॉफिटेबल बिजनेस बनाया.
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तीन दशकों से अधिक के कॉर्पोरेट अनुभव के साथ, संजीव मिश्रा अदानी ग्रुप की नेतृत्व टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे, जहां वे ग्रुप बिजनेस और रिन्यूएबल्स के वीपी के रूप में कार्यरत थे.
Rukam Capital ने संजीव मिश्रा को एक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है. यह रणनीतिक कदम Rukam Capital को भारत के प्रमुख वेंचर कैपिटल फंड हाउस के रूप में और मजबूत करेगा, जो इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए समर्पित है.
संजीव मिश्रा के पास तीन दशकों से अधिक का कॉर्पोरेट अनुभव है. वह अदानी ग्रुप में ग्रुप बिजनेस और रिन्यूएबल्स के वीपी के रूप में कार्यरत थे. इस भूमिका में, उन्होंने बिक्री बढ़ाने, रणनीतिक योजना बनाने, और बड़े प्रोजेक्ट्स को मैनेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संजीव ने सिलिकॉन वैली में एक दशक से अधिक समय बिताया है, जहां उन्होंने प्रमुख कंपनियों की वृद्धि में योगदान दिया. वर्तमान में, वह Yoho में डायरेक्टर हैं, जो Rukam Capital के प्रमुख पोर्टफोलियो ब्रांड्स में से एक और भारत की सबसे तेजी से बढ़ती फुटवियर स्टार्टअप है.
संजीव मिश्रा ने Paytm में सीनियर वीपी और डायरेक्टर के पद पर काम किया है, जहां उन्होंने B2B कॉमर्स और वैश्विक एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का नेतृत्व किया. उनकी नेतृत्व शैली में प्राथमिकताओं को सही तरीके से निर्धारित करना, इनोवेशन को बढ़ावा देना, व्यापार और ब्रांड की वृद्धि को बढ़ावा देना, बिक्री में सुधार करना, उत्पादकता बढ़ाना, और सही संरचना, टैलेंट और संस्कृति के साथ टीम बनाना शामिल था. इसके अलावा, वह राजीव मिश्रा फैमिली ऑफिस में मैनेजिंग पार्टनर के रूप में निवेश का भी नेतृत्व करते हैं.
Rukam Capital ने हमेशा हाई ग्रोथ संभावनाओं वाले स्टार्टअप्स की पहचान और पोषण करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है. Rukam Capital में सलाहकार के रूप में, संजीव मिश्रा अपनी व्यापक अनुभव का उपयोग करके फंड की रणनीतिक पहलों को मार्गदर्शन देंगे, विशेष रूप से उन हाई-पोटेंशियल तकनीकी और उपभोक्ता ब्रांड्स को स्केल करने में, जो खाद्य और पेय पदार्थ, व्यक्तिगत देखभाल, स्वास्थ्य और वेलनेस, घर और किचन आदि क्षेत्रों में हैं. उनकी वैश्विक विस्तार, इनोवेशन, उत्पादकता में अनुभव Rukam Capital की भारत में प्रारंभिक चरण की फंडिंग गैप को भरने की चल रही कोशिशों के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति साबित होगा.
संजीव मिश्रा ने सलाहकार के रूप में शामिल होने पर कहा कि मैं Rukam Capital फंड हाउस को सलाह देने और इसके अगले पीढ़ी के उपभोक्ता और तकनीकी ब्रांड्स को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण में योगदान देने के लिए उत्साहित हूं. पिछले दशक में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है और इसमें बहुत संभावनाएं हैं. Rukam Capital का प्रारंभिक चरण के निवेश पर ध्यान मेरे इनोवेशन और रणनीतिक विकास के विश्वास के साथ पूरी तरह मेल खाता है. मैं टीम के साथ मिलकर काम करने और अपनी अनुभव का उपयोग करके Rukam Capital के पोर्टफोलियो के स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हूं.
Rukam Capital की मैनेजिंग पार्टनर अर्चना जाघीरदार ने कहा कि हमें संजीव को हमारी सलाहकार टीम में स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है. जब हम अपने पोर्टफोलियो फर्म्स की मदद और निर्माण जारी रखेंगे, तो उनका शानदार ट्रैक रिकॉर्ड और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की गहरी समझ बहुत उपयोगी होगी. बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन में उनकी विशेषज्ञता और उनकी रणनीतिक दृष्टि निस्संदेह हमारे पोर्टफोलियो ब्रांड्स को बढ़ावा देने और स्केल करने के मिशन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. हमें पूरा विश्वास है कि उनकी समझ और नेतृत्व हमारे फंड और हमारे पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.
मनोज सोनी के इस्तीफे के बाद प्रीति सुदन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का नया प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया है.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के प्रेसिडेंट की कुर्सी पर प्रीति सुदन (Preeti Sudan) बैठेंगी. वह कल यानी 1 अगस्त से कार्यभार संभालेंगी. अब तक मनोज सोनी यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे, लेकिन उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए कार्यकाल खत्म होने के पहले ही इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे को पूजा खेडकर विवाद को लेकर UPSC पर उठे सवालों से जोड़कर भी देखा गया. सोनी का कार्यकाल मई 2029 को समाप्त होना था. उन्होंने 16 मई 2023 को UPSC का अध्यक्ष पद ग्रहण किया था.
कई पदों का अनुभव
UPSC की नई प्रेसिडेंट प्रीति सुदन 1983 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं. मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली प्रीति ने 1983 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. प्रीति सुदन ने महिला एवं बाल विकास और रक्षा मंत्रालय के अलावा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग में बतौर सचिव सेवाएं दी हैं.
AP कैडर की IAS
हरियाणा की रहने वालीं प्रीति आंध्र प्रदेश कैडर की पूर्व IAS अधिकारी हैं. वह जुलाई 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में रिटायर हुई थीं और इसके बाद वह यूपीएससी से जुड़ गईं. उनके अनुभव और UPSC में किए गए कामों को देखते हुए उन्हें अब संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया है. प्रीति सुदन ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान, 'आयुष्मान भारत मिशन', राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल आयोग के कामों में भी सक्रिय योगदान दिया है.
सामने होगी बड़ी चुनौती
एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में ई-सिगरेट को बैन करवाने में प्रीति सुदन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. IAS प्रीति के पास इकोनॉमिक्स में M.Phil की डिग्री है. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड सोशल साइंस से MSc भी किया हुआ है. प्रीति सुदन के सामने सबसे बड़ी चुनौती UPSC की चयन प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवालों को दूर करने के लिए सिस्टम की खामियों को दुरुस्त करने की होगी. ट्रेनी IAS पूजा खेडकर और IAS अभिषेक सिंह को लेकर UPSC विवादों में रहा है. इन दोनों पर OBC और विकलांग कैटेगरी का गलत फायदा उठाकर सिलेक्शन लेने का आरोप है.
क्या है UPSC की जिम्मेदारी?
UPSC भारत के संविधान के तहत यह एक संवैधानिक निकाय है. इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. UPSC केंद्र सरकार की ओर से कई परीक्षाएं आयोजित करता है. इसके द्वारा हर साल सिविल सेवा परीक्षाएं (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और केंद्रीय सेवाओं- जैसे कि ग्रुप A और ग्रुप B में नियुक्ति के लिए एग्जाम कंडक्ट करवाए जाते हैं. आयोग में अध्यक्ष के अलावा 10 सदस्य गवर्निंग बॉडी में होते हैं. UPSC के सदस्यों क कार्यकाल छह साल का होता है.
केंद्र सरकार ने 10 अधिकारियों को उप निदेशक और 8 अधिकारियों को सहायक निदेशक के रूप में प्रवर्तन निदेशालय में तीन साल के लिए नियुक्त किया है.
आज देश में सबसे बड़ी जांच एजेंसी के तौर पर CBI के बाद लोग ED को ही जानते हैं. लेकिन पिछले कई सालों के दौरान जिस तरह से ईडी देश में कई बड़े मामलों में आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई को अंजाम दिया है. उससे ये जांच एजेंसी अब किसी पहचान का मोहताज नहीं रह गई है. बात चाहे आतंकी गतिविधियों में शामिल मनी लॉन्ड्रिंग का मसला हो या नक्सलियों, उग्रवादियों का मसला हो. लाखों करोड़ों रुपये के बैंक लोन फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले के खिलाफ शिकंजा कसने का मसला हो. ईडी ने केंद्र सरकार की एक प्रमुख जांच एजेंसी बन चुकी है इसी के चलते ED को और मजूबत करने के लिए केंद्र सरकार ने 18 अधिकारियों की और नियुक्ति कर दी है.
केंद्र सरकार ने 10 अधिकारियों को उप निदेशक और 8 अधिकारियों को सहायक निदेशक के रूप में प्रवर्तन निदेशालय में तीन साल के लिए नियुक्त किया है. इन अधिकारियों के नाम इस प्रकार हैं:
उप निदेशक (Deputy Director)
ए. मंजू (IRS IT: 2016: CBDT)
विभूति भूषण (IRS IT: 2016: CBDT)
मयंक प्रकाश (IRS IT: 2017: CBDT)
मनीष चौहान (IRS IT: 2017: CBDT)
पूनम उषारा जे. (IRS IT: 2017: CBDT)
श्रेयस (IRS IT: 2018: CBDT)
वदनम निखिल (IRS C&IT: 2016: CBIC)
अजय अग्रवाल (IRS C&IT: 2017: CBIC)
योगनिक बघेल (IRS C&IT: 2018: CBIC)
सिद्धार्थ जैन (DANIPS: 2014)
सहायक निदेशक (Assistant Director)
विकास, (CBDT), प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, चंडीगढ़
विनोद कुमार, (CBDT), प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, नई दिल्ली
निशांत कुमार, (CBIC), मुख्य आयुक्त, सीमा शुल्क, केंद्रीय कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क, तिरुवनंतपुरम क्षेत्र, कोच्चि
योगेश दहिया, (CBIC), प्रधान आयुक्त, सीमा शुल्क, सीमा शुल्क क्षेत्र, चेन्नई
आशीष कुमार, (CBIC), मुख्य सीमा शुल्क आयुक्त, चेन्नई कस्टम ज़ोन, कस्टम हाउस, चेन्नई
धर्मेंद्र चौहान, (CBIC), मुख्य आयुक्त, सीमा शुल्क, चेन्नई
प्रतीक सुपडेट, (CBIC), प्रधान आयुक्त, सीमा शुल्क (सामान्य), मुंबई
अतुल यादव, (बैंक ऑफ इंडिया), मुख्य महाप्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर मनीष अवस्थी ने मेनस्ट्रीम मीडिया से अलग हटकर अब नई ‘उड़ान’ भरी है.
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर मनीष अवस्थी लगभग 3 दशक मेनस्ट्रीम मीडिया में बिताने के बाद अलग हटकर एक नई शुरुआत करने जा रहे हैं. दरअसल, मनीष अवस्थी ने अब ‘इंडियो’ (Indigo) ग्रुप ऑफ कंपनीज में एडवाइजर (पब्लिक एंड पॉलिसी अफेयर्स) के रूप में अपनी नई पारी शुरुआत की है. उन्होंने एक जुलाई से कार्यभार भी संभाल लिया है.
इन टीवी चैनलों में निभाई प्रमुख भूमिका
आपको बता दें, मनीष अवस्थी इससे पहले देश के बड़े न्यूज ब्रॉडकास्टर्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) में बतौर ग्रुप कंसल्टिंग एडिटर अपनी भूमिका निभा रहे थे. मनीष अवस्थी इससे पहले नेशनल हिंदी न्यूज चैनल ‘न्यूज इंडिया’ (News India) में बतौर एडिटोरियल डायरेक्टर भी रह चुके हैं. ‘आईटीवी नेटवर्क’ के साथ मनीष अवस्थी की यह दूसरी पारी थी. ‘न्यूज इंडिया’ जॉइन करने से पहले भी वह करीब नौ साल से ‘आईटीवी नेटवर्क’ में कार्यरत थे और बतौर सीनियर एंकर/चीफ पॉलिटिकल एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
फिल्ड रिपोर्टिंग के माहिर खिलाड़ी
मूल रूप से नागपुर (महाराष्ट्र) के रहने वाले और नागपुर से ही पत्रकारिता के करियर की शुरुआत करने वाले मनीष अवस्थी नागपुर से दिल्ली तक की हर सियासी हलचल को समय से पहले भांपने के उस्ताद रहे हैं. संघ और संगठन से जुड़ी हर खबर मनीष अवस्थी के पास सबसे पहले होती है. मनीष अवस्थी फील्ड रिपोर्टिंग के माहिर खिलाड़ी हैं. ‘आईटीवी नेटवर्क’ के सबसे बड़े शो ‘देश का सवाल’ शो की जिम्मेदारी भी मनीष अवस्थी ही संभालते थे. मनीष अवस्थी को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 30 साल का अनुभव है. ‘आईटीवी नेटवर्क’ में आने से पूर्व करीब 17 साल तक वह ‘आजतक’ में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे. मनीष अवस्थी पूर्व में ‘जी’ (Zee) में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं.
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Paytm के निदेशक मंडल में बदलाव हुआ है. राजीव कृष्णमुरलीलाल अग्रवाल को कंपनी का नॉन एग्जीक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बनाया गया है.
राजीव कृष्णमुरलीलाल अग्रवाल (Rajeev Krishnamuralilal Agarwal) को Paytm का गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है. पेटीएम ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि कंपनी के निदेशक मंडल में सबसे हालिया बदलाव के तौर पर राजीव कृष्णमुरलीलाल अग्रवाल को गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया है. अग्रवाल की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है.
नीरज का इस्तीफा मंजूर
इसके अलावा, कंपनी के बोर्ड ने गैर-कार्यकारी स्वतंत्र निदेशक के रूप में नीरज अरोड़ा (Neeraj Arora) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. नीरज ने व्यस्तता और अन्य व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के चलते अपने पद से इस्तीफा दिया है.
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डॉ. बत्रा आध्यात्मिकता और भारतीय वेदों में गहराई से विश्वास रखते हैं. वह एक कट्टर आशावादी हैं और उनका मानना है कि खुशी बांटने से बढ़ती है.
एक्सचेंज4मीडिया के संस्थापक और BW बिजनेसवर्ल्ड के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा को इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविजन आर्ट्स एंड साइंसेज का सदस्य चुना गया है. इसी के साथ डॉ. बत्रा 60 से अधिक देशों के ऐसे 900 से ज्यादा सदस्यों के समूह का हिस्सा बन गए हैं, जो दुनिया की लीडिंग टेलीविजन और मीडिया कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. मीडिया-टेलीविज़न इंडस्ट्री में डॉ. अनुराग बत्रा को एक्सचेंज4मीडिया की स्थापना करने, डिजिटल में मीडिया, टेलीविजन और संबंधित डोमेन के लिए एक नया और लीडिंग प्लेटफ़ॉर्म बनाने और 360 डिग्री में एक अग्रणी और प्रभावकारी संगठन के निर्माण में उनके योगदान के लिए पहचाना जाता है.
लेखक से लेकर इन्वेस्टर तक
डॉ. अनुराग बत्रा एक सीरियल आंत्रप्रेन्योर, लेखक, एंजेल इन्वेस्टर, टीवी शो होस्ट, राष्ट्रवादी हैं. डॉ. बत्रा एक्सचेंज4मीडिया समूह (www.exchange4media) के संस्थापक और प्रधान संपादक हैं. वह कई बड़े मीडिया ब्रैंड का प्रबंधन करते हैं, जिन्हें उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. डॉ. बत्रा BW बिजनेसवर्ल्ड मीडिया समूह (www.businessworld.in) के चेयरमैन और एडिटर-इन चीफ भी हैं, जो शीर्ष सम्मानित बिजनेस मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक है.
हमेशा कुछ नया करने में विश्वास
डॉ. बत्रा BW बिजनेसवर्ल्ड में लगातार कुछ नया और इनोवेटिव करने में व्यस्त रहते हैं. इस कंपनी को उन्होंने 2013 के अंत में अधिग्रहित किया था और पिछले कुछ सालों में BW बिजनेसवर्ल्ड एक कंटेंट टेक मीडिया समूह बन गया है और अपने भविष्यवादी दृष्टिकोण के साथ भारत पर प्रभाव डाल रहा है. डॉ. बत्रा ने प्रतिष्ठित मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुड़गांव (www.mdi.ac.in) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में भी काम किया है. वह एमडीआई गुड़गांव से पहले पीजीपीएम (एमडीआई का फ्लैगशिप प्रोग्राम) ग्रेजुएट हैं. वह 12 जनवरी 2020 से जून 2023 तक इसके बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भी रहे हैं. डॉ. बत्रा फिलॉसफर कन्फ्यूशियस की इस बात पर विश्वास करते हैं कि यदि आप अपने शौक को अपना पेशा बनाते हैं तो आपको काम करने की ज़रूरत नहीं है.
आध्यात्मिकता और वेदों में विश्वास
डॉ. बत्रा आध्यात्मिकता और भारतीय वेदों में गहराई से विश्वास करते हैं. वह एक कट्टर आशावादी हैं और उनका मानना है कि शेयरिंग से खुशी मिलती है. डॉ. अनुराग बत्रा का भारतीय मीडिया उद्योग में एक अलग ही स्थान है. वह मीडिया मुग़ल हैं, जिन्होंने 24 साल पहले एक्सचेंज4मीडिया समूह की स्थापना की और 9 साल पहले बीडब्ल्यू बिजनेसवर्ल्ड समूह का अधिग्रहण किया. पिछले 24 वर्षों से एक्सचेंज4मीडिया समूह के संस्थापक के रूप में डॉ. बत्रा ने प्रमुख मीडिया मालिकों, संपादकों, पत्रकारों और नए युग के मीडिया पेशेवरों के साथ गहन बातचीत की है. एक्सचेंज4मीडिया.कॉम, समाचार4मीडिया.कॉम, इम्पैक्ट और पिच तथा एक्सचेंज4मीडिया के 75 से अधिक एक्सपीरियेंशल लार्ज स्केल IPs के माध्यम से डॉ. बत्रा मीडिया से गहराई से जुड़े हुए हैं.
अगले साल आएगी डॉ. बत्रा की किताब
डॉ. बत्रा ने मीडिया पर बहुत कुछ लिखा है और वे मीडिया, टेलीविजन और नए मीडिया के एक स्वीकृत विशेषज्ञ हैं. उनकी पुस्तक संभवतः 2025 में प्रकाशित होगी और इसका शीर्षक होगा "मीडिया मुगल्स ऑफ इंडिया". डॉ. बत्रा का सभी मुद्दों के प्रति गहरा और व्यक्तिगत दृष्टिकोण है. एक्सचेंज4मीडिया और बीडब्ल्यू बिजनेसवर्ल्ड के रूप में अपनी दोहरी भूमिकाओं में डॉ. बत्रा समझते हैं कि मीडिया क्या चाहता है और मीडिया कैसे काम करता है. डॉ. बत्रा मीडिया इम्पैक्ट के लिए तीन C में विश्वास करते हैं, कंटेंट, कनेक्ट और कॉन्टेक्स्ट. डॉ. अनुराग बत्रा यूएई और MENA में भी इनिशिएटिव स्थापित कर रहे हैं और आप देखेंगे कि जिन मीडिया कंपनियों और मीडिया टेक कंपनियों को उन्होंने सलाह दी है और निवेश किया है, वे भी यूएई और MENA में प्रवेश कर रही हैं, डॉ. अनुराग बत्रा ने कई भविष्य के मीडिया टेक स्टार्टअप में भी निवेश किया है, जो भारतीय डिजिटल मीडिया और मीडिया टेक को प्रभावित कर रहे हैं.
60 देशों से जुड़ा है संस्था का नाता
इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ टेलीविज़न आर्ट्स एंड साइंसेज अमेरिका के बाहर निर्मित टेलीविज़न में उत्कृष्टता को मान्यता देता है. इसके तहत न्यूयॉर्क शहर में हर साल नवंबर को आयोजित होने वाले इंटरनेशनल एमी® अवॉर्ड्स गाला में प्रतिष्ठित एमी® अवॉर्ड प्रदान किया जाता है. वर्तमान में यह कॉमेडी, डॉक्यूमेंट्री, ड्रामा, किड्स, न्यूज़, नॉन-स्क्रिप्टेड एंटरटेनमेंट, परफॉरमेंस और शॉर्ट-फॉर्म सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रोग्रामिंग को सेलिब्रेट कर रहा है, यह दो विशेष पुरस्कार, इंटरनेशनल एमी® डायरेक्टोरेट और फाउंडर्स अवॉर्ड्स भी प्रदान करता है. अपनी पुरस्कार गतिविधियों से परे, इंटरनेशनल एकेडमी एक सदस्यता-आधारित संगठन है जिसमें 60 से अधिक देशों के प्रमुख मीडिया और एंटरटेनमेंट दिग्गज शामिल हैं.
उदयपुर होटल एसोसिएशन की नई टीम जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ट्रेन और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का भी प्रयास करेगी.
उदयपुर होटल एसोसिएशन के 2024-26 के लिए हुए चुनाव में सभी पदाधिकारी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. एसोसिएशन की कमान एक बार फिर से सुदर्शन देव कारोही के हाथों में आई है. इस मौके पर कारोही ने कहा कि एसोसिएशन पर्यटन के क्षेत्र में उदयपुर को और आगे ले जाने का प्रयास करेगी. साथ ही होटल व्यवसायियों की परेशानियों को भी जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश की जाएगी. एसोसिएशन की प्राथमिकता पर बात करते हुए नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि सरकार द्वारा विभिन्न लाइसेंस में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाए, ताकि होटल व्यवसायियों को राहत मिल सके.
खुलेगा नाइट फ़ूड मार्केट
नवनिर्वाचित एसोसिएशन उदयपुर में नाइट फूड मार्केट स्थापित करने पर भी काम करेगी. राजस्थान का यह शहर पर्यटन के लिहाज से काफी समृद्ध है. यहां हर साल बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं. लेकिन देर रात तक मार्केट न खुले होने के चलते उन्हें खाने-पीने के लिए परेशान होना पड़ता है. होटल एसोसिएशन टूरिस्ट की इस परेशानी को दूर करना चाहती है. प्रेसिडेंट सुदर्शन देव कारोही ने कहा कि हम जनप्रतिनिधियों के माध्यम से उदयपुर के लिए ट्रेन और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने का भी प्रयास करेंगे.
एसोसिएशन की नई टीम
होटल एसोसिएशन की नई टीम में अध्यक्ष सुदर्शन देव कारोही के अलावा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष यशवर्धन राणावत, कार्यकारणी सदस्य - मनदीप सिंह चौहान, मुकेश माधवनी, उषा शर्मा, विकास पोरवाल, तेजिंदर रोबिन सिंह, गौरव कोठारी, निखिल दोषी, आकांशा गोयल, नरेश भादविया, जॉय सुवालका, पृथ्वीराज चौहान और सौनक वर्डिया शामिल हैं. चुनाव से पहले एसोसिएशन की वार्षिक बैठक भी आयोजित की गई थी. इसमें निवर्तमान अध्यक्ष धीरज दोषी ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की.