टीम मोदी में बदलाव का सिलसिला जारी है. गुरुवार को दो बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. पहले किरेन रिजिजू और फिर उनके डिप्टी एसपी सिंह बघेल का भी कानून मंत्रालय से तबादला कर दिया गया है.
किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) के बाद उनके डिप्टी एसपी सिंह बघेल की भी कानून मंत्रालय से विदाई हो गई है. बघेल को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है. इस तरह, कानून मंत्रालय के दोनों मंत्री बदल दिए गए हैं. किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी छीनकर उन्हें पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भेजा गया है. इसे रिजिजू के डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है. उनकी जगह अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को कानून मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. मेघवाल को कानून और न्याय मंत्रालय का राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी किरेन रिजिजू के कामकाज से खुश नहीं थे.
इस वजह से बदला मंत्रालय
वैसे, किरेन रिजिजू से कानून मंत्री की कुर्सी छीनने की पहले कोई चर्चा नहीं थी, ये फैसला अचानक हुआ है. रिजिजू से पहले जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद को भी इसी तरह कानून मंत्रालय से हटा दिया गया था. कानून मंत्री के तौर पर रिजिजू जजों की नियुक्ति के मुद्दे पर अपनी टिप्पणियों को लेकर लगातार सुर्खियों में रहे थे. इससे न्यायपालिका बनाम सरकार जैसी स्थिति बनी और सरकार को असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ा था. रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति वाले कलीजियम सिस्टम पर सार्वजनिक तौर पर कई बार तीखे हमले किए थे. उन्होंने इस प्रणाली को 'अपारदर्शी' करार दिया था. माना जा रहा है कि इसी के चलते उनकी कानून मंत्रालय से विदाई की गई है.
इसलिए मेघवाल पर खेला दांव
वहीं, अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय जैसा अहम विभाग देने के पीछे चुनावी लाभ की अभिलाषा है. दरअसल, मेघवाल राजस्थान से आते हैं और BJP का एक बड़ा दलित चेहरा हैं. राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में उन्हें कानून मंत्रालय सौंपकर दलित वोटों को साधने की कोशिश की गई है. अर्जुन राम मेघवाल अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. उन्हें अक्सर साइकिल चलाते हुए काम पर जाते देखा जाता है. राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि मेघवाल को कानून मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही दी गई है.
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कामकाज की जारी समीक्षा
जानकारी के अनुसार, PM मोदी मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं. सभी मंत्रियों से रिपोर्ट तलब की गई है. PM देख रहे हैं कि किन मंत्रालयों ने उनकी उम्मीद के अनुरूप काम किया है. बताया जा रहा है कि किरेन रिजिजू की बयानबाजी और उन्हें लेकर बढ़ता रोष उनकी विदाई की प्रमुख वजह रही है. हालांकि, अभी ये साफ नहीं हो सका है कि क्या और भी कुछ मंत्रियों के विभागों में इस तरह फेरबदल किया जा सकता है.
Tips इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TIPS) का कहना है कि इस नियुक्ति की बदौलत प्रमुख टीम और उसकी अध्यक्षता को मजबूती मिलेगी.
लिस्टेड म्यूजिक कंपनी Tips इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TIPS) की तरफ से आज काफी बड़ी घोषणा कर सकते हैं. म्यूजिक कंपनी ने आज जानकारी देते हुए कहा कि हरी नायर को कंपनी द्वारा अपना नया CEO नियुक्त किया गया है. हरी नायर के पास कुल 25 सालों का अनुभव मौजूद है और इन 25 सालों में से पिछले 20 सालों के दौरान उन्होने म्यूजिक इंडस्ट्री में ही काम किया है.
क्यों जरूरी है नियुक्ति
Tips इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TIPS) का कहना है कि इस नियुक्ति की बदौलत कंपनी की प्रमुख टीम और उसकी अध्यक्षता को मजबूती मिलेगी. साथ ही कंपनी अपनी म्यूजिक वितरित करने की क्षमता में वृद्धि करके या फिर म्यूजिक के वित्तीय पहलुओं को बढ़ावा देकर कमाई के नए रास्तों की खोज भी करेगी. बदलती हुई भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और तेजी से बदलते हुए डिजिटल ट्रेंड्स के दौर में हरी नायर कंपनी की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होंगे.
क्या है Tips इंडस्ट्रीज की राय
CEO के रूप में हरी नायर की नियुक्ति के मौके पर Tips इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TIPS) के मैनेजिंग डायरेक्टर कुमार तौरानी ने कहा कि हरी नायर को अपने CEO के रूप में पाकर हम बेहद खुश हैं. हरी नायर को म्यूजिक इकोसिस्टम का पूरा अनुभव है और वह इस इकोसिस्टम के हर क्षेत्र से वाकिफ हैं. साउंडबज और मौज मोबाइल जैसी म्यूजिक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों से लेकर सोनी म्यूजिक इंडिया जैसी ग्लोबल म्यूजिक कंपनी के डिजिटल ब्यापार को संभालने तक उनका अनुभव काफी विस्तृत है. हम आने वाले समय में अपनी कमाई में वृद्धि करने और शेयरहोल्डर्स को बेहतर वैल्यू प्रदान करने के लक्ष्यों के साथ काम करेंगे.
हरी नायर ने की तारीफ
अपनी नई भूमिका के बारे में बात करते हुए हरी नायर ने कहा कि मैं Tips इंडस्ट्रीज लिमिटेड (TIPS) की टीम का हिस्सा बनकर बहुत ज्यादा खुश हूं. ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक ऐसी कंपनी की अध्यक्षता करने का मौका मिला है जिनके पास विभिन्न प्रकार का क्वालिटी म्यूजिक बनाने का अनुभव मौजूद है. लगातार कंपनी की प्रॉफिटेबल रणनीति इस बात का सबूत है कि कंपनी की मैनेजमेंट अपने शेयरहोल्डर्स को प्राथमिकता प्रदान करती है.
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Hexaware Technologies ने हाल ही में Antonio Tomchenko को चीफ रेवेन्यु एवं सोल्यूशंस अफसर के रूप में नियुक्त किया है.
वैसे तो पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में लगभग हर क्षेत्र ने काफी तेजी से विकास किया है लेकिन सूचना एवं प्रौद्योगिकी (Information & Technology) का क्षेत्र काफी तेजी से भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक बन गया है. Hexaware टेक्नोलॉजीज (Hexaware Technologies) IT से संबंधित सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी कंपनी है. अब हाल ही में Hexaware Technologies की तरफ से एक काफी बड़ी खबर आ रही है.
क्या करती है कंपनी?
Hexaware टेक्नोलॉजीज (Hexaware Technologies) ने हाल ही में Antonio Tomchenko को चीफ रेवेन्यु एवं सोल्यूशंस अफसर यानी CRO के रूप में नियुक्त किया है. Hexaware टेक्नोलॉजीज वर्ल्ड क्लास प्रोडक्ट्स का निर्माण, इंजिनियर एवं सोफ्टवेयर प्रोडक्ट्स बनाने वाली एक कंपनी है. इन उत्पादों की मदद से कंपनी के क्लाइंट्स को एक आधुनिक डिजिटल बिजनेस के रूप में विकास करने में मदद मिलती है. बिजनेस के लिए रणनीति तैयार करने से लेकर कंपनी आधुनिक सोफ्टवेयर बनाने और नेक्स्ट जनरेशन प्लेटफॉर्म बनाने जैसे विभिन्न कम भी करती है.
Anton Tomchenko से कंपनी को होगा फायदा?
कंपनी का कहना है कि Anton Tomchenko के पास सिलिकन वैली में स्थित टॉप क्लास कंपनियों के लिए वर्ल्ड-क्लास सोल्यूशन बनाने का अनुभव है और उन्हें कंपनी में शामिल करने से कंपनी के क्लाइंट्स को भी इस जबरदस्त अनुभव का फायदा मिल पाएगा. इसके साथ ही कंपनी को विश्वास है कि Anton की अध्यक्षता में कंपनी पारंपरिक बिजनेस और एंटरप्राइजों को आधुनिक और डिजिटल उत्पादों के इनोवेशन में बदल पाएगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Anton Tomchenko के पास टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और कंसल्टिंग के क्षेत्र में 20 सालों से ज्यादा काम करने का अनुभव मौजूद है.
Anton Tomchenko ने क्या कहा?
इस मौके पर Anton Tomchenko ने कहा कि डिजिटल एवं सोफ्टवेयर क्षेत्र के चीफ रेवेन्यु एवं सोल्यूशन ऑफिसर के रूप में मुझे एक जबरदस्त मौका मिला है जहां टेक्नोलॉजी के लिए मेरे जूनून का इस्तेमाल करके मैं बिजनेस की वृद्धि में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता हूं. एक ऐसी कंपनी के साथ मिलकर, जो अपने लोगों का पूरा ध्यान रखती है, हम अपने क्लाइंट्स को काफी शानदार अनुभव प्रदान कर सकते हैं.
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Shashidharan Jagdishan की HDFC Bank Limited के CEO और MD के रूप में एक बार फिर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.
भारत के केंद्रीय बैंक RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने हाल ही में एक काफी महत्त्वपूर्ण आदेश देते हुए 3 अतिरिक्त सालों के लिए HDFC बैंक लिमिटेड (HDFC Bank Limited) के CEO और MD के रूप में Sashidharan Jagdishan की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. आज बैंक ने यह जानकारी साझा की है.
HDFC ने दी जानकारी
एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान HDFC बैंक ने जानकारी देते हुए कहा कि 18 सितंबर 2023 की तारीख वाले अपने कम्युनिकेशन में RBI ने Shashidharan Jagdishan की HDFC बैंक लिमिटेड (HDFC Bank Limited) के CEO और MD के रूप में एक बार फिर से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. RBI द्वारा दी गई सूचना के अनुसार Shashidharan Jagdishan 27 अक्टूबर 2023 से लेकर 26 अक्टूबर 2023 तक HDFC बैंक के CEO और MD के रूप में कार्यरत रह सकते हैं.
31 सालों का बैंकिंग अनुभव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Shashidharan Jagdishan को लगभग 31 सालों का बैंकिंग अनुभव है. उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है और ग्रेजुएशन के दौरान उनकी विशेषता फिजिक्स नामक विषय में थी. करियर की बात करें तो प्रोफेशन से Shashidharan एक चार्टर्ड अकाउंटेंट यानी CA हैं. इतना ही नहीं, बैंकिंग और फाइनेंस विषयों में विशेषता के साथ उन्होंने ब्रिटेन की Sheffield यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स के क्षेत्र में मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की है. वह साल 1996 में HDFC बैंक से एक मैनेजर के रूप में जुड़े थे. आगे चलकर साल 2008 में उन्हें CFO (चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर) के रूप में भी नियुक्त किया गया था.
Shashidharan Jagdishan की भूमिका
एक्सचेंज फाइलिंग में HDFC बैंक ने कहा है कि बैंक के विकास में Jagdishan ने काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. फाइनेंसिंग के क्षेत्र की अध्यक्षता करते हुए Jagdishan ने बैंक को अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में संस्था की मदद की है. बैंक के CEO और MD के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले वह बैंक के ग्रुप हेड थे और साथ ही उस वक्त वह HR (मानव संसाधन), फाइनेंस, लीगल एवं एडमिनिस्ट्रेशन के काम की देख रेख भी कर रही थी.
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भारत में राष्ट्रीय स्तर पर कम्पटीशन की देखरेख, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा ही की जाती है.
हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को लेकर काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. माना जा रहा है कि विदेशी मामलों की देखरेख के लिए तीन नए सदस्यों की नियुक्ति CCI द्वारा की गई है. इन तीन नई नियुक्तियों में से जहां एक व्यक्ति का संबंध सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से बताया जा रहा है, वहीं एक अन्य व्यक्ति पूर्व समय में व्हाट्सऐप (Whatsapp) के कंप्लायंस अफसर के रूप में कार्यरत बताए जा रहे हैं.
किन लोगों को किया गया नियुक्त?
मामले से जुड़े लोगों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) में नियुक्त किए गए इन तीन नए लोगों में से पहले अनिल अग्रवाल हैं, जिनका संबंध पुलिस से है और वह भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं. इसके साथ ही अनिल अग्रवाल ने विभिन्न स्टार्टअप्स के लिए भी काम किया है. फिलहाल अनिल अग्रवाल ने अपनी नियुक्ति के बारे में किसी प्रकार का बयान नहीं दिया है. अनिल अग्रवाल के अलावा CCI में हुई दो अन्य नियुक्तियों में श्वेता कक्कड़ और दीपक अनुराग का नाम शामिल है. जहां श्वेता पहले व्हाट्सऐप (Whatsapp) पर अंतरिम कंप्लायंस के रूप में काम कर चुकी हैं, वहीं दीपक पूर्व में CAG में एक अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं.
क्या है CCI?
भारत में राष्ट्रीय स्तर पर कम्पटीशन की देखरेख, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा ही की जाती है. CCI, भारतीय सरकार के कॉर्पोरेट अफेयर मंत्रालय के तहत आता है. कम्पटीशन एक्ट 2002 को लागू करने की जिम्मेदारी भी CCI की ही है. कम्पटीशन एक्ट के माध्यम से कम्पटीशन को बढ़ावा देना और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाना जिनकी वजह से भारत में कम्पटीशन पर गलत प्रभाव पड़े, ये काम भी CCI द्वारा ही किए जाते हैं. अगर किसी मामले की वजह से भारत में कम्पटीशन पर नकारात्मक प्रभाव पड़े तो CCI इन मामलों की देखरेख भी करता है और साथ ही इन मामलों की जांच भी करता है.
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आईआईएम कोलकाता के निदेशक की नियुक्ति 2021 में हुई थी. 2021 में उन्होंने सुबीर भट्टाचार्य के इस्तीफा देने के बाद पदभार ग्रहण किया था.
प्रबंधन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूयूटऑफ मैनेजमेंट के निदेशक उत्तम कुमार सरकार ने इस्तीफा दे दिया है. इंडस्ट्री सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने एक हफ्ते पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें ये जिम्मेदारी वर्ष 2021 में मिली थी जब सुबीर भट्टाचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सुबीर भट्टाचार्य संस्थान में डॉयरेटर इन चार्ज के पद पर काम कर रहे थे.
तीन बार रह चुके हैं फैकल्टी
उत्तम कुमार आईआईएम कोलकाता में तीन बार फैकल्टी रह चुके हैं. सबसे पहले वो 1997 से 2000 तक फैकल्टी रहे, उसके बाद 2002 से 2006 तक फैकल्टी रह चुके हैं, उसके बाद 2008 से अब तक वो बतौर फैकल्टी काम कर रहे थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वो ,एक हफ्ते पहले ही इस्तीफा दे चुके है.
कहां से हुई है उत्तम सरकार की एजुकेशन?
आईआईएम के निदेशक पद से इस्तीफा देने वाले उत्तम सरकार ने बी टेक, एम टेक और पीएचडी की डिग्री आईआईटी खड़गपुर से ली है. वो सूचना प्राद्योगिकी के क्षेत्र में रिसर्च कर चुके हैं, जो कई अन्तराष्ट्रीय पब्लिकेशन में छप चुकी हैं. उन्हें भारत में की-लीडरशिप जैसे विषयों की बेहतर समझ है. यही नहीं उन्हें कई यूनिवर्सिटी से लेकर दुनियाभर के एकेडमिक का भी बेहतर अनुभव है.
देश के नामी प्रबंध संस्थानों में शामिल है IIM कोलकाता
हमारे देश में स्थित NIRF की 2023 की रैकिंग के अनुसार देश के टॉप 10 प्रबंध संस्थानों में जिन आईआईएम का नाम शामिल है उनमें आईआईएम अहमदाबाद पहले नंबर पर, आईआईएम बैंग्लुरु दूसरे नंबर पर और आईआईएम कोझीकोड़ तीसरे नंबर पर, कोलकाता चौथे नंबर पर और आईआईएम दिल्ली पांचवे नंबर पर है.
विपिन के पास डेटासेंटर और टेलीकॉम इंडस्ट्री का 3 दशक से भी ज्यादा का अनुभव है, इससे पहले Amazon में अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं.
डेटासेंटर के क्षेत्र में काम करने वाली एशिया की फास्टेस्ट ग्रोइंग कंपनी CtrlS Datacenters ने विपिन जैन को अपना नया हेड-ऑपरेशन नियुक्त किया है. विपिन के नियुक्ति से CtrlS के डिजिटल बुनियादी क्षेत्र में ऑपरेशनल स्पेशलाइजेशन को और भी मजबूती मिलेगी और ये कंपनी के नजरिए को स्पष्ट करेगी कि यह डेटासेंटर तकनीक को अगली पीढ़ी में लेकर जाएगी.
विपिन के सामने क्या है चुनौती?
CtrlS में अपनी नई भूमिका में विपिन के सामने ग्लोबल ऑपरेशन का सिस्टम बनाने की जिम्मेदारी होगी, जिससे कंपनी को AI/ML-तैयार डेटासेंटर की अगली पीढ़ी में ले जाने में मदद मिलेगी. एक मजबूत नेतृत्व और काबिल टीम के साथ उनके सामने इंडिया में कंपनी को डेटा सेंटर के क्षेत्र में आगे ले जाने की चुनौती तो होगी ही साथ ही दुनिया के अलग-अलग देशों में उभरते इमर्जिंग क्षेत्रों में भी कंपनी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी होगी.
विपिन के पास है तीन दशक का अनुभव
विपिन जैन के पास डेटासेंटर और टेलीकॉम सेक्टर का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव है. विपिन जैन इससे पहले अमेज़न वेब सर्विसेस (AWS), रिलायंस कम्युनिकेशन्स, लूसेंट टेक्नोलॉजीज, एसार, मोटोरोला, और सीमेंस जैसी कंपनियों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं को निभा चुके हैं. विपिन, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के गोल्ड मेडलिस्ट हैं और स्टैनफोर्ड लीड ग्रेजुएट हैं और उन्होंने सतत तरीके से इनोवेश तकनीक को बढ़ावा देते हुए अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है.
क्या बोले कंपनी के चेयरमैन?
CtrlS के चेयरमैन श्रीधर पिन्नपुरेड़ी ने इस मौके पर कहा कि मुझे हमारे प्रेसिडेंट-ऑपरेशन्स के रूप में विपिन का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. उन्होंने कहा कि विपिन CtrlS ऑपरेशन्स का नेतृत्व करते हुए उसका विस्तार करेंगे और इंडस्ट्री में ऑपरेशनल स्पेशलाइजेशन से स्टैंडर्ड स्थापित करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी इस क्षेत्र में अब तक की यात्रा और कंपनियों के विस्तार का अनुभव इस भूमिका के लिए उन्हें एक पूरी तरह से उपयुक्त बनाता है. विपिन हमारे इनोवेशन और कस्टमर विश्वास को और आगे लेकर जाएंगे.
अपनी नियुक्ति पर क्या बोले विपिन?
CtrlS में अपनी नई भूमिका पर विपिन जैन ने कहा, मुझे खुशी है कि मैं इस कंपनी में शामिल हो रहा हूं और मैं इसे लेकर रोमांचित हूं. CtrlS को इंडस्ट्री में लीडर के तौर पर देखा जाता है और मैं मानता हूं कि मैं कटिंग-एज ऑपरेशनल ढांचे और प्रक्रियाओं की स्थापना करके इस विरासत में योगदान दे पाउंगा. हमारा लक्ष्य है AI/ML-तैयार डेटासेंटर्स बनाना जो केवल वैश्विक मानकों को पूरा करते हैं बल्कि ग्राहक की उम्मीदों पर भी खरे उतरते हैं. CtrlS की ऑपरेशन्स टीम इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि वह योग्यता के साथ हाई क्वॉलिटी और विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने के लिए जानी जाती है, और ग्राहकों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करने में सफल रहने का प्रमाण देती है.
संजय नायर इस कंपनी का दामन थामने से पहले कई अन्य कंपनियों के साथ अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं. वो इससे पहले केकेआर (KKR) की एशियाई निवेश और पोर्टफोलियो प्रबंधन समितियों में काम कर चुके हैं.
कई कंपनियों में अहम जिम्मेदारी निभा चुके संजय नायर जाने मानी निवेशक कंपनी पीक सस्टेनेबिलिटी वेंचर्स (Peak Sustainability Ventures) के साथ जुड़ने जा रहे हैं. वो कंपनी के साथ बतौर जनरल पार्टनर के रूप में जुड़ने जा रहे हैं. पीक सस्टेनेबिलिटी वेंचर्स के साथ जुड़ने से पहले संजय नायर केकेआर(कोहलबर्ग क्रॉविस रॉबर्ट्स एंड कंपनी) के साथ बतौर सीईओ और सीनियर एडवाइजर के रूप में काम कर चुके हैं.
कई अहम जिम्मेदारियों को निभा चुके हैं संजय नायर
पीक सस्टेनेबिलिटी वेंचर्स के साथ जुड़ने वाले संजय नायर इससे पहले केकेआर में काम कर चुके हैं. वो सिटी ग्रुप के भारतीय और दक्षिण एशियाई ऑपरेशन के सीईओ भी रह चुके हैं. यही नहीं वो इससे पहले सिटी ग्रुप की ग्लोबल मैनेजमेंट कमिटी और एशिया कार्यकारी संचालन समिति के हेड भी रह चुके हैं. संजय नायर इससे पहले केकेआर पोर्टफोलियों से जुड़ी कई कंपनियों के बोर्ड में भी रह चुके हैं और वो एवेंनडस कैपिटल में चेयरमैन का पद भी संभाल चुके हैं. वो नायका (Nykaa) में भी अहम जिम्मेदारी निभाते हुए नॉन एक्जिक्यूटिव डॉयरेक्टर का पद देख चुके हैं, और वो संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका में कंपनी के विस्तार को देख चुके हैं.
सेबी (Sebi) के अप्रूवल का है इंतजार
पीक सस्टेनेबिलिटी ने इस संबंध में सेबी में कागजात दाखिल कर दिए हैं. सेबी इस पूरे मामले पर विचार कर रही है. वहीं पीक सस्टेनेबिलिटी वेंचर्स आने वाले समय में सस्टेनेबिलिटी फंड को बंद करने की योजना बना रहा है. माना जा रहा है कि संजय नायर के आने के बाद इस फैसले पर तेजी से काम हो सकता है. जब से पीक सस्टेनेबिलिटी की स्थापना हुई है तब से उसने एनर्जी, वाटर फूड एंड क्लाइमेट से जुड़ी सस्टेनेबिलिटी कंपनियों में निवेश किया है. कंपनी के पोर्टफोलियों में कोई 29 कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों में सबसे अहम प्रतिलिपि (Pratilipi), वारी (Waaree) और सिंजी (Signzy) जैसी कंपनियां शामिल हैं. कंपनी ने 2021 में लगभग 730 करोड़ रुपये का पहला सस्टेनेबिलिटी फंड लॉन्च किया था.
कहां से शुरू हुई कंपनी?
पीक सस्टेनेबिलिटी की शुरुआत 2019 में समीर शाह ने की और वो इसके प्रबंध भागीदार है. इस कंपनी ने अपना सबसे पहला निवेश 2007 में वीए टेक वाबेग(VA Tech Wabag), एक प्री आईपीओ डील में किया था. उसके बाद से वो एचएसटी पॉवर(HST Power), आईओएन एनर्जी (ION Energy), ड्रिंकवेल (Drinkwell) और ग्लोबल इनिशियटिव फॉर ए सस्टेनेबल टुमॉरो (Global Initiative for a Sustainable Tomorrow) सहित कई कंपनियों में निवेश कर चुकी है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में निवेश के बाजार में तेजी आने की संभावना है. ग्लोबल इम्पैक्ट इनवेस्टिंग नेटवर्क (जीआईआईएन) का अनुमान है कि 2023 तक इसका बाजार 1.7 ट्रिलियन हो जाएगा. इस क्षेत्र में ऐसे निवेश की जरूरत महसूस की जा रही है जो टिकाउ हो और जिम्मेदार हो.
ओम शर्मा इससे पहले AU फाइनेंस से लेकर कई अन्य कंपनियों में काम कर चुके हैं. उनके पास इस क्षेत्र में काम करने का 20 सालों से ज्यादा का अनुभव है.
MSME सेक्टर की कंपनियों को एम्पॉवर करने वाली कंपनी Ugro Capital ने अपनी मैनेजमेंट को और मजबूत बनाते हुए ओम शर्मा को चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नियुक्त किया है. ओम शर्मा कंपनी को स्ट्रैटजिक सुपरविजन देने का काम करेंगे. मौजूदा समय में कंपनी के पास 140 सदस्यों की टेक्नीकल एक्सपर्ट और 200 सदस्यों वाली स्ट्रांग ऑपरेशन टीम है.
ISB के एल्यूमिनी रहे हैं ओम शर्मा
ओम शर्मा UGRO Capital ज्वॉइन करने से पहले AU Small Finance Bank में चीफ डिजिटल ऑफिसर के पद पर काम कर चुके हैं. वो इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए कर चुके हैं. ओम शर्मा किसी भी बिजनेस को तकनीक के साथ-साथ रणनीतिक तौर पर आगे बढ़ाने में विशेष महारत रखते हैं. वो एमएसएमई क्षेत्र में UGRO Capital उग्रो कैपिटल की स्थिति को बढ़ाने के लिए एक कुशल रणनीतिकार की भूमिका निभाने जा रहे हैं.
नियुक्ति पर क्या बोले ओम शर्मा ?
UGRO Capital में नवनिर्वाचित सीओओ ओम शर्मा ने अपनी नियुक्ति पर कहा कि फाइनेंस और नए तकनीकी समाधानों को लेकर काम करने वाली कंपनी उग्रो कैपिटल में शामिल होने को लेकर मैं उत्साहित है. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है तकनीक का इस्तेमाल करके न सिर्फ ग्राहक के अनुभव को बेहतर बनाने को लेकर काम कर सकते हैं बल्कि इससे व्यवसायिक दक्षता को भी बढ़ाया जा सकता है. मैं UGRO Capital की टीम के साथ सहयोग करके एमएसएमई इकोसिस्टम को बदलने के लिए काम करने को बेहद उत्साहित हूं. ओम शर्मा पिछले 20 सालों से काम कर रहे हैं. एयू से पहले वो डिजीफ्लिंट और एमिरेट्स एनबीडी में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी और परिवर्तन पदों पर काम कर चुके हैं.
क्या बोले कंपनी के एमडी?
UGRO Capital के एमडी और वाइस प्रेसीडेंट शचीन्द्र नाथ ने कहा कि हमें अपनी मजबूत प्रबंधन टीम पर बहुत गर्व है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से हम अपनी टीम को मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं , जिसमें बेहतरीन क्षमता है. उन्होंने कहा कि भारत का सबसे बड़ा स्मॉल बिजनेस फाइनेंस प्लेटफॉर्म बनाने के लिए डिजिटल परिचालन क्षमता और तकनीक दोनों का उसमें महत्वपूर्ण योगदान है. हमने बेहतरीन सेवाएं देने के लिए एक मजबूत तकनीकी टीम का निर्माण किया है. उन्होंने ये भी कहा कि हमने अपनी संचालन क्षमता से ऋण की कमी को दूर करने का पूरा प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है ओम शर्मा के हमारी टीम में आने के बाद हमारी डिजिटल क्षमताओं में और इजाफा होगा. उन्होंने पिछले कुछ सालों में बेहतरीन टीम का नेतृत्व किया है.
रिजर्व बैंक ने कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक की इस नियुक्ति को मंजूरी दे दी है उनकी नियुक्ति अगले तीन सालों के लिए हुई है.
कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने मुनीश जैन को होल टाइम डायरेक्टर के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है. मुनीश जैन की नियुक्ति को भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 अगस्त, 2023 से 3 साल की अवधि के लिए फुल टाइम निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. अपनी नई भूमिका में, मुनीश जैन बैंक की रणनीति को लेकर काम करेंगे और इसे आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मुनीश वर्ष 2000 से कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक से जुड़े हुए हैं वो पहले बतौर चीफ ऑपरेशन ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे और बैंक के विकास में अहम भूमिका निभा चुके हैं.
नियुक्ति पर क्या बोले मुनीश जैन
होल टाइम डायरेक्टर के रूप में नियुक्त होने के बाद मुनीश जैन ने कहा, मैं कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक में कार्यकारी निदेशक की भूमिका निभाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि दो दशकों से अधिक समय तक इस संस्थान का हिस्सा रहने के बाद, मैं इसके स्र्टैटजिक विकास में योगदान देने और असाधारण वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करने के लिए उत्साहित हूं. मैं अपने ग्राहकों, हितधारकों और समग्र रूप से बैंक के लिए इनोवशन और वैल्यू एडिशन करने के लिए अपने अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए तत्पर हूं.
मुनीश के पास बैंकिंग क्षेत्र का है प्रचुर अनुभव
बीते लंबे समय से इस क्षेत्र में काम करने के साथ ही मुनीश जैन के पास बैंकिंग क्षेत्र में लंबा अनुभव और विशेषज्ञता मौजूद है. उनके पास वाणिज्य में स्नातक की डिग्री है और वह इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया दोनों के एक प्रतिष्ठित साथी सदस्य हैं. 22 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, मुनीश जैन का करियर वित्त, अनुपालन, ट्रेजरी प्रबंधन, रणनीतिक निर्णय लेने और रणनीतिक फैसलों को सही तरीके से लागू करने सहित बैंकिंग के विभिन्न पहलुओं तक फैला हुआ है.
मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने वित्त वर्ष 24 के पहले क्वार्टर के दौरान अपने प्रॉफिट में 145.31% की वृद्धि दर्ज की थी.
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki) ने अर्नब रॉय को कंपनी के CFO यानी चीफ फाइनेंशियल अफसर के रूप में नियुक्त करने का फैसला लिया है. कंपनी में पूर्ण रूप से CFO के पद पर काम करने से पहले अर्नब 16 अक्टूबर 2023 से नामित CFO के रूप में काम करना शुरू कर देंगे और फिर 1 जनवरी 2024 से अर्नब पूर्ण रूप से कंपनी के CFO के रूप में काम करेंगे.
अजय सेठ होंगे रिटायर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में कंपनी के CFO अजय सेठ हैं और वह जल्द ही CFO के पद से रिटायर हो जाएंगे. कंपनी द्वारा एक फाइलिंग में बताया गया है कि CFO के पद से रिटायर होने के बाद अजय सेठ कंपनी के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्य के रूप में कंपनी में शामिल होंगे. आपको बता दें कि अर्नब एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स हैं जिनके पास 26 सालों से ज्यादा का अनुभव मौजूद हैं. मारुती सुजुकी से पूर्व अर्नब बहुत सी फ्रेंच, अमेरिकी एवं ब्रिटिश बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भी काम कर चुके हैं.
अर्नब की शिक्षा
अर्नब रॉय ने रांची यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स और गणित विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है, जिसके बाद उन्होंने CA (चार्टर्ड अकाउंटेंसी) एवं कॉस्ट अकाउंटेंसी की शिक्षा भी प्राप्त की है. इसके साथ ही अर्नब ने IIM बैंगलोर से एग्जीक्यूटिव MBA की डिग्री भी प्राप्त की है. जनवरी 2022 में अर्नब को Schneider electric के ग्रेटर इंडिया क्षेत्र के CFO के रूप में नियुक्त किया गया था. आपको बता दें कि इस क्षेत्र के अंतर्गत Schneider के सभी बड़े बिजनेस शामिल हैं जिनकी वैल्यू लगभग 22,000 करोड़ रूपए है.
मारुती सुजुकी का प्रदर्शन
मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड (Maruti Suzuki India Limited) ने वित्त वर्ष 24 के पहले क्वार्टर के दौरान अपने प्रॉफिट में 145.31% की वृद्धि दर्ज की थी. जून 30 को खत्म हुए क्वार्टर के दौरान कंपनी ने 2485 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट दर्ज किया था जबकि पिछले साल इसी क्वार्टर के दौरान कंपनी को 1013 करोड़ रुपयों का प्रॉफिट हुआ था. इतना ही नहीं कंपनी को ऑपरेशंस से होने वाली कमाई में 21.99% की वृद्धि देखने को मिलती है. वित्त वर्ष 24 के पहले क्वार्टर के दौरान कंपनी को 32,327 करोड़ रुपयों की कमाई हुई है जबकि पिछले साल कंपनी की कमाई 26,500 करोड़ रूपए थी. कंपनी द्वारा यह जानकारी एक एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई है.
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