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अगले साल कम हो सकते हैं आटे के दाम, गेहूं की बंपर हुई है बुआई
इसमें चने के रकबे में भी इस साल इजाफा हुआ है पहले ये 94.97 लाख हेक्टेयर हुआ करता था. इस साल ये 97.9 लाख हेक्टेयर तक जा पहुंचा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
साल 2022 में आटे के दामों में हुआ इजाफा हर आदमी के लिए परेशानी का सबब बना रहा. आटे की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने आम आदमी को परेशान करके रखा. लेकिन अब आने वाले साल में आम आदमी के लिए इससे जुड़ी अच्छी खबर सामने आने वाली है. इस साल गेहूं की बुआई के ज्यादा होने के कारण आने वाले साल में उम्मीद जताई जा रही है कि आटे के दामों में बड़ी कमी हो सकती है, जिससे आम आदमी को राहत मिल सकती है.
आखिर कितनी ज्यादा हुई है बुआई
गेहूं के रकबे में इस बार जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. इसमें तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ गेहूं का रकबा 286.5 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. जबकि पिछले सत्र में इसकी बुआई का रकबा 278.25 लाख हेक्टेयर तक सीमित रहा था. लेकिन इस बार इसमें हुई बढ़ोतरी के बाद ज्यादा पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है. जबकि दलहन की बुआई पर नजर डालें तो इस साल अब तक 139.68 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है. जबकि पिछले साल ये 134.01 लाख हेक्टेयर में की गई थी. इसमें चने के रकबे में भी इस साल इजाफा हुआ है पहले ये 94.97 लाख हेक्टेयर हुआ करता था लेकिन इस साल ये 97.9 लाख हेक्टेयर तक जा पहुंचा है. इसी तरह मोटे अनाज का रकबा पहले के 38.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 41.34 लाख हेक्टेयर हो गया है.
पिछले साल खराब हो गई थी गेहूं की फसल
देश में गेहूं की बुवाई पिछले साल भी काफी बेहतर हुई थी. लेकिन बारिश और मौसम के अचानक बदलाव ने कई राज्यों में फसल को बर्बाद कर दिया था, जिसके कारण अंत में गेहूं की पैदावार में कमी देखने को मिली थी. पिछले साल गेहूं की पैदावार 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर इस साल 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया. इसकी प्रमुख वजह कई राज्यों में गर्मी बढ़ना और लू चलना भी रही.
सरकार ने गेहूं के निर्यात पर लगाया था प्रतिबंध
लगातार बढ़ती आटे की कीमतों और गेहूं की घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए सरकार ने इस साल मई में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. गेहूं की खरीद में पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा रुझान देखा गया. इसके पीछे की एक वजह रूस और यूक्रेन के कारण कई देशों में गेहूं का संकट पैदा होना भी रही. लेकिन सरकार के प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इसमें काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया.
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