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बंद हो रही है PMVVY स्कीम, सीनियर सिटीजन्स ऐसे उठा सकते हैं डबल फायदा
सीनियर सिटीजन्स के लिए जहां SCSS की इन्वेस्टमेंट लिमिट को 15 लाख से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया गया है वहीं इसके जैसी दूसरी स्कीम, PMVVY को बंद किया जा रहा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
सरकार ने एक तरफ जहां SCSS (सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम) की इन्वेस्टमेंट लिमिट को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख कर दिया है, वहीं रिटायर हो चुके लोगों के लिए दूसरी स्कीम, PMVVY (प्रधानमंत्री वाया वंदना योजना) 31 मार्च 2023 को बंद होने जा रही है. फिलहाल PMVVY, रिटायर्ड लोगों को लगभग रिस्क फ्री रिटर्न्स के साथ 15 लाख रुपये तक इन्वेस्ट करने का विकल्प देती है. लेकिन अभी तक इस स्कीम को बढ़ाए जाने की कोई खबर नहीं है.
पहले जितना ही रहेगा कुल इन्वेस्टमेंट
इसलिए जहां 1 अप्रैल 2023 से सीनियर सिटीजन्स SCSS में 15 लाख रुपये तक एक्स्ट्रा इन्वेस्ट कर सकते हैं, वहीं ऐसी ही एक और स्कीम में 15 लाख रुपयों तक इन्वेस्ट करने का रास्ता उनके लिए बंद हो जाएगा. आसान शब्दों में कहें तो PMVVY को आगे नहीं बढ़ाए जाने पर 31 मार्च 2023 के बाद सीनियर सिटीजन्स के लिए बनायी गयी स्कीम्स में होने वाला कुल इन्वेस्टमेंट पहले जितना यानी 30 लाख रुपये ही रहेगा. हालांकि ऐसा होने के बावजूद, SCSS में 15 लाख रुपये की एक्स्ट्रा इन्वेस्टमेंट से सीनियर सिटीजन्स को फायदा होगा.
SCSS और PMVVY के कुछ मूल अंतर
SCSS सालाना आधार पर 8% इंटरेस्ट रेट के साथ क्वार्टरली भुगतान का विकल्प देती है जबकि PMVVY, 7.4% के सालाना इंटरेस्ट रेट के साथ मासिक भुगतान का विकल्प देती है. इतना ही नहीं, SCSS की कुल अवधी 5 साल है जो PMVVY की कुल अवधी का आधा है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80 C के अंतर्गत, सीनियर सिटीजन्स SCSS में इन्वेस्टमेंट के जरिये 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती पर दावा करके अपने आप को टैक्स कटौती से बचा सकते हैं. PMVVY में की गयी इन्वेस्टमेंट्स किसी भी प्रकार से इनकम टैक्स बचाने के लिए मान्य नहीं हैं. फिलहाल सीनियर सिटीजन्स ओल्ड टैक्स रिजीम के अंतर्गत 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक की टैक्स फ्री इनकम का फायदा उठा रहे हैं. वहीं, 80 साल की आयु से ऊपर वाले सीनियर सिटीजन्स जिन्हें सुपर सीनियर सिटीजन्स भी कहा जाता है, ओल्ड टैक्स रिजीम में फिलहाल 5 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री इनकम लिमिट का फायदा उठा रहे हैं.
प्री-मैच्योर निकासी पर
इतना ही नहीं, SCSS में प्री-मैच्योर निकासी के विकल्प PMVVY के विकल्पों से काफी आसान हैं. SCSS में प्री-मैच्योर निकासी का विकल्प अकाउंट के खुलते ही, इंटरेस्ट जब्त होने या पेनल्टी विकल्पों के साथ उपलब्ध होता है. वहीं PMVVY अकाउंट को अगर एक साल से पहले बंद किया जाता है तो किसी प्रकार के इंटरेस्ट का भुगतान नहीं किया जाता और अगर इंटरेस्ट का भुगतान किया गया हो तो उसे प्रिंसिपल अमाउंट में से काट लिया जाता है और एक साल के बाद प्री-मैच्योर निकासी पर डिपाजिट का 1.5% अमाउंट पेनल्टी के रूप में काट लिया जाता है.
ऐसे कर सकते हैं दोनों स्कीम्स में इन्वेस्ट
31 मार्च 2023 को बंद होने से पहले सीनियर सिटीजन्स PMVVY में इन्वेस्ट कर सकते हैं और साथ ही वे 1 अप्रैल 2023 से SCSS में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं. PMVVY के बंद होने से पहले इसमें की गयी इन्वेस्टमेंट, शर्तों के साथ पूरे 10 सालों की अवधी तक चलेगी. अगर PMVVY में इन्वेस्ट कर चुके व्यक्ति के पास थोड़े और फंड्स हों तो वह 31 मार्च के बाद SCSS में भी इन्वेस्ट कर सकता है. इससे 10 साल पूरे होने पर वह व्यक्ति PMVVY के माध्यम से अपनी 15 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट और SCSS में की गयी 30 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न्स प्राप्त कर सकता है. अगर आसान भाषा में कहें तो वह व्यक्ति कुल 45 लाख रुपयों की इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न प्राप्त करेगा.
आपको बता दें कि हर क्वार्टर में सरकार द्वारा SCSS जैसी स्माल सेविंग्स स्कीम्स पर इंटरेस्ट रेट्स को रिवाइज किया जाता है. तो अगर आप अगले क्वार्टर में अकाउंट खुलवाते हैं तो आपको वित्त वर्ष 2024 के पहले क्वार्टर के लिए तय किया गया रिवाइज्ड इंटरेस्ट रेट मिलेगा. हालाँकि आप जिस तारीख पर डिपाजिट करवाते हैं अगले 5 सालों तक आपको उसी डेट पर तय किया गया इंटरेस्ट रेट मिलेगा.
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