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अब YES बैंक में अपनी हिस्सेदारी में कौन करने जा रहा है कटौती, जानिए क्या है इसकी वजह?
स्टॉक एक्स्चेंज का डेटा बता रहा है कि जिस एसबीआईने यस बैंक का 49% अधिग्रहण किया था, उसके पास अब 31 दिसंबर तक सिर्फ 26.14% हिस्सेदारी रह गई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय स्टेट बैंक आने वाले दिनों में यस बैंक को लेकर बड़ा निर्णय ले सकता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक 6 मार्च को लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद यस बैंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी को कम कर सकता है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऋणदाता के पुनर्गठन के हिस्से के रूप में रखा गया था. एसबीआई का फैसला ऐसे समय में आने की संभावना है जब पिछली कुछ तिमाहियों में यस बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है और कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट ने बैंक में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी ले ली है.
अब एसबीआई के पास बचे हैं सिर्फ 26.14 प्रतिशत शेयर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई यस बैंक में स्थायी रूप से हिस्सेदारी नहीं रखना चाहता है और वो अपनी हिस्सेदारी कम करना चाहता है. यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी के भविष्य के बारे में फैसला करने के लिए एसबीआई के बोर्ड की जल्द ही बैठक होने की संभावना है, जिसके बाद आरबीआई को एक प्रस्ताव भेजा जाएगा बैंक अपनी हिस्सेदारी को जितना भी कम करना चाहता है उसे इसकी जानकारी आरबीआई को देनी होगी. स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि एसबीआई, जिसने शुरुआत में यस बैंक का 49% अधिग्रहण किया था, अब 31 दिसंबर को उसके पास सिर्फ 26.14% हिस्सेदारी रह गई है. एसबीआई अभी भी बचाए गए ऋणदाता में सबसे बड़ा एकल शेयरधारक है.
कई बैंकों ने उठाया था बड़ा कदम
मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि पुनर्निर्माण योजना के अनुसार, पूंजी डालने की तारीख से तीन साल पूरे होने से पहले एसबीआई अपनी होल्डिंग को 26% से कम नहीं कर सकता है. SBI, ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प जैसे अन्य ऋणदाताओं के साथ मार्च 2020 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के बोर्ड को अलग करने के बाद यस बैंक को बचाने के लिए कदम बढ़ाया था. उस समय, आरबीआई द्वारा बनाई गई पुनर्निर्माण योजना के लिए इन उधारदाताओं को तीन वर्षों के लिए अधिग्रहित शेयरों का कम से कम 75% हिस्सा रखने की आवश्यकता थी. अन्य मौजूदा शेयरधारकों पर भी इसी तरह का प्रतिबंध लगाया गया था.
एसबीआई ने 10 रुपये पर खरीदा था शेयर
दिसंबर के अंत तक आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास क्रमश: 2.61%, 1.57% और 1% हिस्सेदारी थी. राज्य के स्वामित्व वाली जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी 4.34% है, जबकि एचडीएफसी की 3.48% है. गुरुवार को, यस बैंक के शेयर 4.3% कम होकर 17.5 रुपये पर कारोबार कर रहे थे, जब एसबीआई ने इन शेयरों का अधिग्रहण किया था, उस समय यह 10 रुपये था. पिछले साल सितंबर में यस बैंक ने कहा था कि आरबीआई शेयर लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद ही उसे पुनर्निर्माण योजना से बाहर निकलने की अनुमति देगा.
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