होम / बिजनेस / आखिर 22 नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों ने क्यों सरेंडर किया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट?
आखिर 22 नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों ने क्यों सरेंडर किया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट?
कंपनियों द्वारा अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (CoR) सरेंडर करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने उनके CoR को रद्द कर दिया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया है कि 22 नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) ने अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (CoR) सरेंडर कर दिया है. इसमें BNP Paribas India Finance, Swiss Leasing & Finance और Available Finance भी शामिल हैं. इस आधार पर RBI ने सभी 22 NBFC के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रद्द कर दिए हैं. जिसका मतलब है कि अब ये कंपनियां नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के रूप में काम नहीं कर पाएंगी.
इनका भी CoR हुआ रद्द
इसी तरह, Essel Finance Home Loans Limited ने नेशनल हाउसिंग बैंक द्वारा उसे दिए गए CoR को सरेंडर कर दिया है, जिसके मद्देनजर उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया गया है. ये कंपनी अब न तो हाउसिंग फाइनेंस इंस्टिट्यूट के रूप में काम कर पाएगी और NBFC के रूप में. इसके अलावा, RBI ने एक बयान में यह भी बताया है कि उसने Karnawati Capital Market Limited का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (CoR) रद्द कर दिया है.
इसलिए किया सरेंडर
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि इन कंपनियों ने अपने लाइसेंस विभिन्न कारणों से सरेंडर किए हैं. मसलन, कुछ कंपनियां NBFC बिजनेस से बाहर हो गई हैं. इनमें से कुछ मर्जर, डिजॉल्यूशन, वॉलंटरी स्ट्राइक-ऑफ के कारण अब लीगल एंटिटी नहीं रहीं. जबकि कुछ कंपनियों को अनरजिस्टर्ड कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) के लिए निर्धारित किया गया है, जिन्हें रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है.
बंगाल की 6 कंपनियां
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंस बिजनेस यानी NBFC से बाहर निकलने वालीं कुल 9 कंपनियां हैं. इसमें पश्चिम बंगाल की छह, तेलंगाना की दो और कर्नाटक की एक कंपनी शामिल है. पश्चिम बंगाल की कंपनियां, जिन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सरेंडर किए हैं, उनके नाम शारदा ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेंटो विनीमे प्राइवेट लिमिटेड, प्राइम व्यापार प्राइवेट लिमिटेड, डियरबॉर्न बार्टर प्राइवेट लिमिटेड, डायमेंशनल इन्वेस्टर्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और पिंकी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड हैं.
टैग्स