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होने वाली है RBI की महत्वपूर्ण बैठक, क्या महंगाई के नाम पर फिर महंगा हो जाएगा कर्ज?
महंगाई को नियंत्रित करने के नाम पर RBI अब तक कई बार कर्ज महंगा कर चुका है, लेकिन उसका कोई खास फायदा नहीं मिला.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की एक अतिरिक्त बैठक बुलाई है. 3 नवंबर को होने वाली इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस बैठक में जहां महंगाई के मोर्चे पर विफलता को लेकर सरकार को दिए जाने वाले जवाब पर चर्चा होगी. वहीं रेपो रेट को लेकर भी कोई फैसला हो सकता है. क्योंकि इस बैठक में आरबीआई का दरें तय करने वाला पैनल भी होगा. बता दें कि RBI को सरकार को बताना है कि वो महंगाई को नियंत्रित रखने में क्यों विफल रहा.
RBI ने जारी किया बयान
आरबीआई ने एक बयान जारी करते हुए बताया है कि भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45ZN के प्रावधानों के तहत MPC की एक अतिरिक्त बैठक 3 नवंबर, 2022 को आयोजित की जाएगी. गौरतलब है कि RBI के रेट सेटिंग पैनल की पिछली बैठक 28-30 सितंबर 2022 को हुई थी और अगली बैठक 5-7 दिसंबर को होगी. इस बैठक में नीतिगत दरों में इजाफा लगभग तय है. हालांकि, अब माना जा रहा है कि 3 नवंबर को होने वाली अतिरिक्त बैठक में भी इस बारे में कोई फैसला हो सकता है.
क्या कहता है नियम?
रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर महंगाई के लिए तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया जाता, तो RBI को केंद्र सरकार के समक्ष स्पष्टीकरण देना होता है. उसे बताना होता है कि महंगाई नीचे नहीं आने के क्या कारण है और उसने अब तक क्या कदम उठाए हैं. हालांकि, मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार होगा कि RBI को इस संबंध में केंद्र को रिपोर्ट भेजनी होगी.
ये है RBI की जिम्मेदारी
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई को केंद्र की तरफ से खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद आरबीआई मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में नाकाम रहा है. इस साल जनवरी से ही मुद्रास्फीति दर लगातार 6 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. इसलिए अब, उसे सरकार को जवाब देना होगा.
0.50 फीसदी का किया था इजाफा
आरबीआई ने 30 सितंबर 2022 को पॉलिसी रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था. इससे रेपो रेट बढ़कर 5.9 फीसदी हो गई और महंगाई की मार झेल रहे लोगों के लिए कर्ज भी महंगा हो गया. रिजर्व बैंक महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार की बैठक में भी रेपो रेट में इजाफा हो सकता है. बता दें कि सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. देश की खुदरा मुद्रास्फीति की दर सितंबर में बढ़कर 7.41 फीसदी हो गई थी.
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