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RBI फिर कर सकता है ब्याज दरों में इजाफा, जानिए कितनी हो सकती है बढ़ोतरी?
आरबीआई की अगली बैठक 6 अप्रैल को होने जा रही है. माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक इस बैठक में भी ब्याज दरों में कोई राहत नहीं देगा. बल्कि बैंक ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह में होने वाली रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की बैठक पर सभी अर्थशास्त्रीयों की नजरें टिकी हुई है. हालांकि इस बात को लेकर ज्यादातर लोग आश्वस्त हैं कि रिजर्व बैंक कोई राहत देने नहीं जा रहा है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई डीबीएस ग्रुप की रिसर्च ने कहा है कि रिजर्व बैंक अगले महीने अपनी मौद्रिक नीति में बेंचमार्क उधार दरों में 25 बीपीएस अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है. बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए, आरबीआई ने पिछले साल मई से ब्याज दरों में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है. फरवरी में 25 आधार अंकों की नवीनतम दर वृद्धि ने बेंचमार्क नीति दर को 6.50 प्रतिशत कर दिया.
क्या बोले डीबीएस के कार्यकारी निदेशक
ग्रोथ रेजिलिएंस एंड स्टिकी इन्फ्लेशन' पर एक ऑनलाइन सत्र में, डीबीएस ग्रुप रिसर्च के कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि आरबीआई अप्रैल में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है क्योंकि महंगाई दर अभी भी बढ़ी हुई है. जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई, जो पिछले साल दिसंबर में 5.72 प्रतिशत थी.
अगले कुछ महीनों में बढ़ सकता है तापमान
हालांकि, राव ने कहा कि सप्लाई साइड की बाधाओं के कारण होने वाली मुद्रास्फीति को केवल मौद्रिक नीति में बदलाव करके नहीं निपटा जा सकता है और यह पर्याप्त नहीं है. मौसम की स्थिति हमेशा से ही कृषि उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण रही है. स्थानीय मौसम एजेंसी ने कहा है कि अगले 3 महीनों में आप तापमान में इजाफा हो सकता है. जून-जुलाई में आने वाला मानसून हमारी सप्लाई साइड के लिए महत्वपूर्ण समय होगा. मौसम महंगाई और कृषि उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह क्षेत्र लगभग 45 प्रतिशत आबादी को रोजगार देता है.
उन्होंने कहा कि आपूर्ति के कारण खाद्य सिस्टम प्रभावित हुआ है. हमें लगता है कि अप्रैल में होने वाली आगामी बैठक में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी होने जा रही है, लेकिन इसके बाद हमें लगता है कि मौद्रिक नीति समिति में शामिल लोगों को सोचना होगा कि क्योंकि आपूर्ति से प्रभावित महंगाई को सिर्फ मौद्रिक नीति से नहीं निपटा जा सकता है.
आरबीआई की अगली बैठक 6 अप्रैल को है
राव ने कहा कि सरकार से प्रशासनिक रूप में वित्तीय सहायता के रूप में समर्थन की भी उम्मीद है. आरबीआई की अगली बैठक 6 अप्रैल को होने जा रही है. राव ने कहा कि दिसंबर तिमाही में ऊंचे आधार की वजह से विकास दर में कमी आई है. हालांकि, पीएमआई डेटा, ऑटो बिक्री और जीएसटी संग्रह 2023 में उछाल दिखा रहा है. लेकिन, बचत में कमी आई है. अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि तीन तिमाही के निचले स्तर 4.4 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण मैन्युफक्चरिंग क्षेत्र में संकुचन और निजी खपत में कमी है. भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 6.3 प्रतिशत और अप्रैल-जून तिमाही में 13.2 प्रतिशत बढ़ी.
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