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इंक्रीमेंट के दौर में इंफोसिस के सीईओ की सैलरी में हुई कमी, जानिए कितनी हुई कमी
FY23 में इंफोसिस में कर्मचारियों (MRE) का औसत पारिश्रमिक FY22 में ₹8,14,332 से बढ़कर ₹9,00,012 हो गया। जबकि सीईओ की सैलरी में दो अंकों की बड़ी कटौती हुई है.
ललित नारायण कांडपाल 10 months ago
जून का महीना चल रहा है एक ओर जहां कुछ लोगों की सैलरी में इजाफा हो चुका है तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों की सैलरी में इजाफा होने वाला है. लेकिन वहीं दूसरी ओर इंफोसिस के सीईओं की सैलरी में बड़ी कटौती हुई है. वर्ष 2022 में जहां उनकी सैलरी 71.02 करोड़ से ज्यादा थी वहीं दूसरी ओर वर्ष 2023 में उनकी सैलरी में 21 प्रतिशत की कमी हो गई है. अब उनकी सैलरी 54.44 करोड़ रुपये हो गई है.
क्यों हुई है ये कमी
पारेख की सैलरी में गिरावट की जो मुख्य वजह है वो ये है कि क्योंकि पारेख ने वर्ष के दौरान कम प्रतिबंधित स्टॉक इकाइयों (आरएसयू) का प्रयोग किया. प्रतिबंधित स्टॉक इकाइयां वो होती हैं जो कर्मचारियों को दी जाने वाली इक्विटी मुआवजे का एक रूप है. इंफोसिस दो योजनाओं के आधार पर आरएसयू प्रदान करता है. इसकी 2015 की योजना के तहत, स्टॉक काफी हद तक समय पर आधारित होते हैं, लेकिन 2019 की योजना के तहत ये लाभ परफॉरमेंस पर आधारित होता है और परफॉरमेंस में कुल शेयरधारक रिटर्न और कंपनी के ऑपरेटिंग मेट्रिक्स को देखा जाता है. वहीं अगर इंफोसिस की प्रतिद्वंदी कंपनी विप्रो में स्थिति को देखें तो विप्रो के सीईओ थियरी डेलापोर्टे ने वित्त वर्ष 2021-22 से 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ वर्ष के दौरान 82.4 करोड़ रुपये कमाए.
इस कमी पर क्या बोली इंफोसिस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीईओ सलिल पारेख की सैलरी में कटौती पर इंफोसिस ने कहा कि 56.44 करोड़ रुपये के मुआवजे में से पारेख ने अपने आरएसयू का इस्तेमाल कर 30.6 करोड़ रुपये कमाए. पिछले वित्त वर्ष में, पारेख ने अपने आरएसयू का प्रयोग करके 52.33 करोड़ रुपये कमाए, जिससे वह भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ में से एक बन गए थे. सीईओ सलिल पारेख के मुआवजे में निश्चित वेतन, वेरियेबल वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ और अवधि के दौरान उपयोग किए गए स्टॉक प्रोत्साहन का अनुलाभ मूल्य शामिल है. इंफोसिस ने कहा कि पारेख का पारिश्रमिक पिछले वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत कम हो गया.
उनके वेतन में क्या-क्या है शामिल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंफोसिस ने कहा है कि FY23 वित्तीय वर्ष में, पारेख के 6.67 करोड़ रुपये के बेसिक वेतन में , 45 लाख रुपये सेवानिवृत्ति लाभ के रूप में और 18.73 करोड़ रुपये उनका वेरियेबल वेतन या बोनस था. उनका वेरियेबल वेतन 2022 में 12.62 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 18.73 करोड़ रुपये हो गया है.
पारेख ने कंपनी के कर्मचारियों के औसत वेतन 9 लाख रुपये का 627 गुना कमाया है. जबकि पिछले वर्ष की तुलना में अंतर कम था, लेकिन यह एक ऐसे वर्ष में आया, जिसमें फ्रेशर की ऑनबोर्डिंग में देरी हुई है, वेरियेबल वेतन में कटौती हुई है और उद्योग में अनिश्चितता का सामना करने की परिस्थितियां मौजूद हैं. पारेख, हालांकि, इंफोसिस में सबसे ज्यादा भुगतान पाने वाले व्यक्ति नहीं थे. यह अध्यक्ष मोहित जोशी थे, जिन्होंने टेक महिंद्रा के सीईओ नामित किए जाने के बाद मार्च में इस्तीफा दे दिया था. वित्त वर्ष 23 में जोशी ने 57.32 करोड़ रुपये कमाए. वह 9 जून को इंफोसिस छोड़ रहे हैं.
क्या बोले पारेख
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पारेख ने शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में कहा कि FY23 कंपनी के व्यवसाय के लिए एक मजबूत वर्ष था, जिसमें 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि और ऑपरेटिंग मार्जिन 2.5 बिलियन डॉलर था. पिछले साल हमने अपने शेयरधारकों को 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर - लाभांश के रूप में 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर और हमारे शेयर बायबैक कार्यक्रम के माध्यम से 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर लौटाए. वित्तीय वर्ष के अंत में, हम पिछले पांच वर्षों में कुल शेयरधारक में दूसरी कंपनियों में अग्रणी कंपनी थे, पारेख ने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों में, वैश्विक अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और विभिन्न उद्योगों में कंपनियों के लिए मांग के माहौल में बदलाव से निपट रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने वर्ष के लिए कोई पारिश्रमिक नहीं लिया. शेयरधारकों को लिखे अपने पत्र में, सह-संस्थापक नीलेकणि ने लिखा कि बीता हुआ समय अनिश्चितता से ग्रस्त था. हमारे सामने प्रत्येक नया दिन नए इनपुट और नई घटनाएं लाता है जो हमारे आसपास की दुनिया के सावधानीपूर्वक तैयार किए गए मॉडल को पटरी से उतार देते हैं. मुद्रास्फीति, ब्याज दरें, भू-राजनीति, युद्ध, मांग में अस्थिरता, आपूर्ति श्रृंखला अव्यवस्थाओं का कॉकटेल, दक्षता से लचीलापन और सुरक्षा में बदलाव, हमारे सामने सभी कुछ है.
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