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अमेरिकी बैंकिंग संकट के बीच भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर : RBI गवर्नर शक्तिकांत दास
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अगर क्रेडिट में बढ़ोतरी हुए बिना जमा में बढ़ोतरी होती है तो ये हमारे लिए ये चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इस पर कॉल बैंकों को ही लेना होगा.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
एक ओर जहां अमेरिका के कई बैंक मौजूदा दौर में संकट के समय से गुजर रहे हैं और वहां बैंकिंग प्रणाली ही खतरे में आ गई है ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महत्वपूर्ण बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी बैंक संकट के बीच भारत के बैंक पूरी तरह से स्थिर बने हुए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आरबीआई पिछले कुछ वर्षों से सभी मोर्चों पर घरेलू उधारदाताओं के साथ बातचीत कर रहा है ताकि उन्हें भविष्य के किसी भी जोखिम के लिए तैयार किया जा सके. उनकी यह टिप्पणी अमेरिका में तीन बैंकों के डूबने की पृष्ठभूमि में आई है.
बैंकिंग सिस्टम के रेग्यूलेशन को सामने ला दिया है
आरबीआई के गवर्नर दास ने कहा कि अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी हुआ उसने बैंकिंग क्षेत्र के नियमों और रेग्यूलेशन की गंभीरता को सामने ला दिया है. कोच्चि के, के पी होर्मिस स्मारक में अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि ये किसी भी देश के वो क्षेत्र हैं जिसका किसी भी देश की स्थिरता को बनाए रखने में बेहद महत्वपूर्ण असर होता है. आज ये जिस स्थिति पर भी आकर खड़ा है और भारतीय बैंकिंग सेक्टर ने जो सफर तय किया है और वह लचीला और स्थिर बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी बैंकिंग संकट विवेकपूर्ण संपत्ति-देयता प्रबंधन, मजबूत जोखिम प्रबंधन और देनदारियों और परिसंपत्तियों (Asset) में लगातार विकास, समय-समय पर तनाव परीक्षण करने और भविष्य के किसी भी अप्रत्याशित तनाव के लिए समय-समय पर बफ़र्स का निर्माण करने के महत्व को बताता है. इसने यह भी बताया है कि क्रिप्टोकरेंसी या संपत्ति बैंकों के लिए एक वास्तविक खतरा हो सकती है, चाहे वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हो.
इस बारे में ये सोच रहा है आरबीआई (RBI)
दास ने जोर देकर कहा कि आरबीआई इन क्षेत्रों में आवश्यक कदम उठा रहा है. जब हम ये देखते हैं जमा पूंजी मे बढ़ोतरी हो रही है वो भी क्रेडिट पूंजी में बढ़ोतरी हुए बिना तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होता है. उन्होंने कहा कि अगर बैंक जमा राशि में अतिरिक्त रकम जुटाते हैं तो आप उसका क्या करते हैं? इस समस्या पर बैंकों को सोचना है कि उन्हें यहां अब क्या करना है. यहां सवाल जोखिम प्रबंधन का आता है. हर निवेश के लिए दिए जाने वाला क्रेडिट जब दिया जाता है तो उसका उचित रिस्क के बारे में जानना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि रिस्क और ब्याज रिस्क से पैदा होने वाले संभावित तनाव का आंकलन और उचित स्ट्रेस टेस्ट किए जाने की आवश्यकता है. दास ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में बैंकों के साथ हमारे जुड़ाव में, हम इंटरनल स्ट्रेस टेस्ट करने, मजबूत आंतरिक रिस्क मैनेजमेंट करने के साथ बहुत सावधान रहने जैसे कदम उठा रहे हैं. दास ने चेतावनी दी कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में मौसम की घटनाओं से कीमतों में अचानक वृद्धि हो सकती है, जिससे मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है. इसलिए, यह आवश्यक है कि हम अपने ग्रह और इसके निवासियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए ठोस जलवायु कार्रवाई करें.
अमेरिकी के तीन बैंकों पर आ गया है संकट
दरअसल एक के बाद एक अमेरिका के तीन बैंकों के डूबने की खबरें सामने आ चुकी है. हालांकि वहां की सरकार इनको बचाने की कोशिश कर रही है. अमेरिका में अब तक तीन बैंकों पर संकट आ गया है. इनमें सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक और क्रिप्टो बैंक अपना कारोबार बंद करने का ऐलान कर चुके हैं. रविवार को अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट, फेडरल रिजर्व और फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस ने कहा था कि संकटग्रस्त बैंकों की जमा राशि की गारंटी दी जाएगी.
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