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DGGI ने अब इन तीन कंपनियों को भेजा कर चोरी पर नोटिस, 2250 करोड़ की कर चोरी का है आरोप
DGGI के अधिकारियों ने पिछले 15 दिनों में टैक्स चोरी के इन मामलों में कई मध्यस्थों को समन और नोटिस भेजे हैं. यही नहीं DGGI ने देश भर में 100 से ज्यादा बीमा मध्यस्थ और एग्रीगेटर को नोटिस भेजा है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
इससे पहले भी कई बार हो चुका है जब कई कंपनियां फर्जी इनपुट क्रेडिट को लेकर जीएसटी विभाग में दावा कर चुकी हैं. ऐसे में उन्हें विभाग की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. लेकिन इस बार मामला किसी छोटी कंपनियों से नहीं बल्कि देश के नामी बैंक और पॉलिसी कारोबार से जुड़ी कंपनियों को लेकर आया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉयरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) ने कुछ बीमा कंपनियों, जैसे कि HDFC बैंक, गो डिजिट इंश्योरेंस और पॉलिसीबाजार को कोई सेवा प्रदान किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए और नकली चालान जारी करने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है और उनसे इस पूरे मामले को लेकर सवाल पूछा है.
पिछले 15 दिनों में हुई है बड़ी कार्रवाई
विभाग की ओर से पिछले 15 दिनों में सिर्फ एचडीएफसी, गो डिजिट और पॉलिसीबाजार को ही नोटिस नहीं भेजा है बल्कि विभाग ने कई मध्यस्थों और पॉलिसी कारोबार से जुड़े लोगों को भी नोटिस जारी किया है. इन सभी पर ये आरोप है कि जब इन्होंने कोई सेवा दिए बिना इनपुट टैक्स के लिए चालान लगा दिया. जबकि ऐसा कानून के अनुसार दंडनीय अपराध है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार DGGI ने 2022 में अपनी जांच शुरू की और अधिकारियों ने कथित तौर पर 2,250 करोड़ रुपये की चोरी पाई है और यह 2018 से मार्च 2022 तक के चालान पर ये पूरा मामला है.
जांच में क्या आया सामने
मीडिया रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि जांच से पता चला है कि बीमा कंपनियों ने इन बीमा बिचौलियों द्वारा प्रदान किए गए नकली चालान के आधार पर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया. विभाग का कहना है कि हमने इस संबंध में नोटिस भेजा है. जीएसटी कानून के अनुसार, सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के नियम 16 के तहत, एक खरीदार के पास एक चालान होना चाहिए जिस पर जीएसटी का भुगतान किया गया है, और ऐसे खरीदार को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए सामान या सेवाएं प्राप्त होनी चाहिए. अधिकारियों ने कहा कि इन संस्थाओं ने डिस्ट्रीब्यूशन कपंनियों की आड़ में अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट को पास करने की व्यवस्था की थी और फर्जी चालान पेश किए गए थे.
इससे पहले भी सामने आए हैं मामले
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग इससे पहले एक अन्य मामले में टैक्स अधिकारियों ने बीमा कंपनियों को नोटिस और समन भेज चुके हैं और कुछ मामलों में कर की वसूली भी की है. अधिकारी ने कहा कि अभी तक इन कंपनियों से प्री-डिपॉजिट के रूप में 700 करोड़ रुपये एकत्र किए जा चुके हैं. अधिकारियों ने कहा कि डीजीजीआई ने 12 बीमा कंपनियों को समन जारी किया है. इससे पहले DGGI ने करीब 10-12 म्यूचुअल फंड हाउस को नोटिस भेजकर उनके पिछले ट्रांजैक्शंस की डिटेल मांगी थी, जिसके बाद जांच करने पर पता चला कि इन्होंने भी गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्लेम किया है, जिससे उनकी जीएसटी देनदारी कम हो सके. उसके बाद इनके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की है.
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